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गुरुवार, 31 मार्च 2016

जीवन जल


   यहाँ अमेरिका में, हम अमेरिका निवासी पिछ्ले अनेक वर्षों से बोतल-बन्द पानी पीने के आदि हो गए हैं, जबकि अधिकांश लोगों के पास नलों से साफ और सुरक्षित जल पाने की सुविधा है, लेकिन फिर भी लोग पानी खरीद कर ही पीना पसन्द करते हैं। लोगों को लगता है कि खरीदा गया पानी नल में आने वाले मुफ्त पानी से अच्छा है। जब एक सही चीज़ आपको निःशुल्क मिल रही है तो उसे खरीदने के लिए कीमत चुकाने की बात मेरी समझ में बिल्कुल नहीं आती।

   यही बात हमारे आत्मिक जीवन पर भी लागू होती है। अनेक लोगों के लिए पापों की क्षमा और उद्धार को परमेश्वर से मुफ्त मिलने वाले उपहार के रूप में स्वीकार करना बहुत कठिन है; वे उसे प्राप्त करने के लिए कुछ कीमत चुकाना चाहते हैं, अपने प्रयास करना चाहते हैं। लेकिन इस कीमत चुकाने की इच्छा के साथ समस्य यह है कि पापों की क्षमा और उद्धार बहुत महंगा है, और कोई ऐसा नहीं है जो इतनी कीमत चुका सके, क्योंकि इसे खरीद पाना पूर्ण सिद्धता द्वारा ही संभव है (मत्ती 19:21)। इसीलिए मानव इतिहास में उस एकमात्र व्यक्ति ने ही, जो मन-ध्यान-विचार तथा प्राण-देह आत्मा में पूर्णतः सिद्ध, निष्पाप और निषकलंक था (रोमियों 5:18), सब के लिए यह कीमत चुका कर इस क्षमा और उद्धार को सबके लिए मुफ्त उपहार के रूप में उपलब्ध करवा दिया है। अब जो भी एक प्यासे के समान जीवन का जल पीने के लिए उसके पास आता है, उसे वह अनन्त जीवन का यह जल सेंत-मेंत प्रदान करने का वायदा करता है (यूहन्ना 4:14; प्रकाशितवाक्य 21:6)।

   लेकिन फिर भी कुछ लोग अनन्त जीवन के इस जल को पाने के लिए कुछ कीमत चुकाने का प्रयास करते हैं, अपने भले कार्यों, उपकारों तथा दान-दक्षिणा के द्वारा। यद्यपि आत्मिक सेवा के ये कार्य परमेश्वर की नज़रों में भले और महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनके द्वारा परमेश्वर से पापों की क्षमा और उद्धार खरीदा नहीं जा सकता है। समस्त मानव जाति के सभी लोगों के लिए प्रभु यीशु ने अपने बलिदान द्वारा सभी के लिए यह कीमत चुका कर, अपने पुनरुत्थान द्वारा सबके लिए उद्धार का मार्ग खोल दिया है; अब दोबारा यह कीमत चुकाने का प्रयास करने की ना तो आवश्यक्ता है और ना ही यह कर पाना संभव है। परमेश्वर द्वारा जो उप्लब्ध करवा दिया गया है, उसे तो बस धन्यवाद के साथ ग्रहण ही किया जा सकता है।

   आज जो भी आत्मिक जीवन की प्यास बुझाने के लिए उस जीवन के जल की नदी प्रभु यीशु के पास पश्चाताप और विश्वास के साथ आता है, उसे परमेश्वर की ओर से यह जीवन जल भरपूरी के साथ सेंत-मेंत मिलता है। और अद्भुत बात यह है कि जो यह जीवन जल स्वीकार करता है, परमेश्वर का यह जीवन जल फिर उस व्यक्ति में होकर औरों के लिए भी प्रवाहित होने लग जाता है (यूहन्ना 7:37-38)। - जूली ऐकैरमन लिंक


प्रभु यीशु ही वह एक मात्र स्त्रोत है जो आत्मा की प्यास बुझा सकता है।

फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए। जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। - यूहन्ना 7:37-38

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:10-14; रोमियों 5:12-21
John 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता। 
John 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया? 
John 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कूआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया? 
John 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। 
John 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। 

Romans 5:12 इसलिये जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, इसलिये कि सब ने पाप किया। 
Romans 5:13 क्योंकि व्यवस्था के दिए जाने तक पाप जगत में तो था, परन्तु जहां व्यवस्था नहीं, वहां पाप गिना नहीं जाता। 
Romans 5:14 तौभी आदम से ले कर मूसा तक मृत्यु ने उन लोगों पर भी राज्य किया, जिन्हों ने उस आदम के अपराध की नाईं जो उस आने वाले का चिन्ह है, पाप न किया। 
Romans 5:15 पर जैसा अपराध की दशा है, वैसी अनुग्रह के वरदान की नहीं, क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध से बहुत लोग मरे, तो परमेश्वर का अनुग्रह और उसका जो दान एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के अनुग्रह से हुआ बहुतेरे लागों पर अवश्य ही अधिकाई से हुआ। 
Romans 5:16 और जैसा एक मनुष्य के पाप करने का फल हुआ, वैसा ही दान की दशा नहीं, क्योंकि एक ही के कारण दण्ड की आज्ञा का फैसला हुआ, परन्तु बहुतेरे अपराधों से ऐसा वरदान उत्पन्न हुआ, कि लोग धर्मी ठहरे।
Romans 5:17 क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कराण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्म रूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे। 
Romans 5:18 इसलिये जैसा एक अपराध सब मनुष्यों के लिये दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ, वैसा ही एक धर्म का काम भी सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित धर्मी ठहराए जाने का कारण हुआ। 
Romans 5:19 क्योंकि जैसा एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे, वैसे ही एक मनुष्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरेंगे। 
Romans 5:20 और व्यवस्था बीच में आ गई, कि अपराध बहुत हो, परन्तु जहां पाप बहुत हुआ, वहां अनुग्रह उस से भी कहीं अधिक हुआ। 
Romans 5:21 कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 11-12
  • लूका 6:1-26


बुधवार, 30 मार्च 2016

नम्र और दीन


   अंग्रज़ी भाषा के शब्द meek, अर्थात नम्र या दीन, के साथ समस्या है कि वह अंग्रेज़ी के एक अन्य शब्द weak, अर्थात दुर्बल से मेल खाता है, और सामन्यतः लोग इन दोनों शब्दों को एक दूसरे का पर्याय मानते आए हैं। एक प्रसिद्ध शब्दकोष ने meek की और विस्तृत परिभाषा देते हुए उसका अर्थ बताया है, "वह जो बहुत दब्बु है; जिसके ऊपर सरलता से हावी हुआ जा सकता है; जिसमें प्रतिरोध करने की शक्ति नहीं है; जिसमें आत्मसम्मान नहीं है।" ऐसी परिभाषाओं और आँकलन के सामने यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि फिर प्रभु यीशु मसीह ने यह क्यों कहा कि, "धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे" (मत्ती 5:5)।

   लेकिन प्रभु यीशु मसीह के इस शब्द को प्रयोग करने का तात्पर्य और वास्तविकता इस शब्द को लेकर प्रचलित आम नकारात्मक धारणा से बिलकुल विपरीत है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रयुक्त भाषाओं और शब्दों के प्रसिद्ध विद्वान डब्ल्यु. ई. वाईन इस शब्द के लिए मूल युनानी भाषा में प्रयुक्त हुए शब्द के बारे में बताते हैं कि "यह परमेश्वर के प्रति दिखाए गए रवैये का सूचक है, जिसमें हमारे प्रति परमेश्वर के हर व्यवहार और बर्ताव को हम भला मानकर विश्वास के साथ ग्रहण करते हैं और उसके लिए परमेश्वर से कोई विवाद या विरोध नहीं करते"। इस बात को हम प्रभु यीशु मसीह के जीवन, शिक्षाओं और कार्यों में प्रदर्शित होता देखते हैं; हम देखते हैं कि प्रभु यीशु पिता परमेश्वर की इच्छा को पूरी करने में ही आनन्दित होते थे, यह इच्छापूर्ति ही उनके जीवन का ध्येय था (इब्रानियों 10:7)।

   वाईन आगे कहते हैं कि, "जो दीनता प्रभु यीशु ने दिखाई और अपने अनुयायियों से दिखाने के लिए कहा वह ईश्वरीय सामर्थ का प्रतिफल है। प्रभु यीशु मसीह दीन इसलिए थे क्योंकि स्वर्ग के असीम संसाधन और परमेश्वर की असीम सामर्थ उन्हें उपलब्ध थीं।" यदि प्रभु चाहते तो स्वर्गदूतों की सेना उनके पकड़वाए जाने और क्रुस पर चढ़ाए जाने को कभी भी रोक सकती थीं (मत्ती 26:52-53)। लेकिन उन्होंने अपने संसाधनों और सामर्थ का प्रयोग स्वार्थसिधी अथवा अपनी भलाई के लिए नहीं वरन दूसरों की भलाई के लिए ही किया।

   प्रभु यीशु मसीह ने अपने अनुयायियों से कहा, "मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे" (मत्ती 11:29)। वे नम्र और दीन होने के सिद्ध नमूना थे।

   आज भी प्रभु यीशु हमें अपनी नम्रता और दीनता को ग्रहण करके उस से मिलने वाली शांति और सामर्थ का अनुभव करने के लिए बुला रहे हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर के दो निवास-स्थान हैं, एक स्वर्ग और दूसरा दीन और धन्यवादी हृदय। - वॉल्टन

तब मैं ने कहा, देख, मैं आ गया हूं, (पवित्र शास्त्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है) ताकि हे परमेश्वर तेरी इच्छा पूरी करूं। - इब्रानियों 10:7

बाइबल पाठ: मत्ती 5:1-10
Matthew 5:1 वह इस भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए। 
Matthew 5:2 और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें यह उपदेश देने लगा, 
Matthew 5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है। 
Matthew 5:4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे। 
Matthew 5:5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। 
Matthew 5:6 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे। 
Matthew 5:7 धन्य हैं वे, जो दयावन्‍त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी। 
Matthew 5:8 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। 
Matthew 5:9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। 
Matthew 5:10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 9-10
  • लूका 5:17-39


मंगलवार, 29 मार्च 2016

बेहतर


   मेरे पसन्दीदा कार्टून श्रंखला Peanuts की एक पात्र है लूसी जो अपने आप को लेकर सदा ही अति आश्वस्त रहती है; एक कार्टून में लूसी को कहते दिखाया गया है, "जब मैं संसार में विद्यमान हूँ तो फिर संसार का बदतर होते जाना कैसे संभव हो सकता है? मेरे जन्म के बाद से ही संसार में होता जा रहा सुधार स्पष्ट दिखाई दे रहा है!"

   निशचय ही लूसी की बात असत्य तथा अतिश्योक्ति है, लेकिन जो उसने कहा वह काफी रुचिकर भी है। कैसा रहे यदि हम मसीही विश्वासी, जिस भी स्थान पर परमेश्वर ने हमें रखा है वहाँ अपने जीवन और व्यवहार से प्रभु यीशु के प्रेम को व्यावाहरिक रूप में दिखाएं? ऐसा करने से अवश्य ही हम अपने आस-पास के स्थान और समाज को बेहतर करने पाएंगे।

    जब प्रेरित पतरस ने अत्याचार सह रहे मसीही विश्वासियों को पत्री लिखी तो उन्हें प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के कारण परमेश्वर द्वारा उन्हें दिए गए विशिष्ट दर्जे का स्मरण दिलाया, तथा उन से कहा कि वे अपने भले चाल-चलन के द्वारा उन्हें सताने वाले उन अविश्वासियों के सामने अपने परमेश्वर की महिमा करें (1 पतरस 2:9-12)। दूसरे शब्दों में, हम मसीही विश्वासी अपने कार्यों से संसार को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं। उस प्रभाव और परिवर्तन के बारे में ज़रा विचार कीजिए जो मसीह यीशु के समान प्रेम, दया, क्षमा, न्याय और शांति को जीवन का अभिन्न अंग और व्यावाहरिक जीवन में प्रदर्शन करने से हो सकता है। मेरा सदा ही यह मानना रहा है कि यदि हम पतरस द्वारा लिखी गई बात को अपने जीवनों में लागु करेंगे तो हमारे आस-पास के लोग भी यह कहने लगेंगे कि अमुक व्यक्ति के "यहाँ कार्य करने के कारण हमारा दफ्तर बेहतर स्थान है"; या, "हमारा पड़ौस एक बेहतर पड़ौस है"; या, "हमारा विद्यालय एक बेहतर विद्यालय है।"

   हम अकेले तो संसार को नहीं बदल सकते, लेकिन जो प्रभाव और परिवर्तन परमेश्वर ने प्रभु यीशु द्वारा हमारे जीवनों में किया है, उसे अपने व्यावाहरिक जीवनों में लागू करके परमेश्वर के अनुग्रह से अपने आस-पास के स्थान को बेहतर अवश्य कर सकते हैं। - जो स्टोवैल


संसार को बेहतर करने का मार्ग सबके लिए उपलब्ध है - प्रभु यीशु मसीह को अपने जीवनों से प्रदर्शित करें।

पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर की प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है। हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें। - 1 पतरस 2:9-12

बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:7-19
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्‍त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो। 
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है। 
1 Peter 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो। 
1 Peter 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए। 
1 Peter 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन। 
1 Peter 4:12 हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है। 
1 Peter 4:13 पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो। 
1 Peter 4:14 फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्‍दा की जाती है, तो धन्य हो; क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है। 
1 Peter 4:15 तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए। 
1 Peter 4:16 पर यदि मसीही होने के कारण दुख पाए, तो लज्ज़ित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे। 
1 Peter 4:17 क्योंकि वह समय आ पहुंचा है, कि पहिले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए, और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उन का क्या अन्‍त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते? 
1 Peter 4:18 और यदि धर्मी व्यक्ति ही कठिनता से उद्धार पाएगा, तो भक्तिहीन और पापी का क्या ठिकाना? 
1 Peter 4:19 इसलिये जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार दुख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए, अपने अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के हाथ में सौंप दें।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 7-8
  • लूका 5:1-16


सोमवार, 28 मार्च 2016

विजयी


   हाल ही में मैंने एक प्राचीन पेन्टिंग देखी, जिस ने मुझे बहुत प्रभावित किया। उस पेन्टिंग का शीर्षक था Anastasis, जिसका अर्थ होता है ’पुनरुत्थान’, और इस चित्र में मसीह यीशु के मृत्यु पर विजयी होने को एक अद्भुत तरीके से दिखाया गया है - प्रभु यीशु, अपनी कब्र से निकलते ही आदम और हव्वा को भी उनके ताबूतों में से अनन्त जीवन के लिए बाहर निकाल रहे हैं। इस कलाकृति की विलक्षण बात है इसमें प्रदर्शित पाप के कारण आई आत्मिक और शारीरिक मृत्यु को कैसे प्रभु यीशु के पुनरुत्थान ने उलट दिया।

   क्रुस पर अपनी मृत्यु से पहले प्रभु यीशु ने उस महिमामय दिन की भविष्यवाणी करी थी जब वह अपने विश्वासियों को एक नए और महिमित जीवन में ले जाएंगे: "इस से अचंभा मत करो, क्योंकि वह समय आता है, कि जितने कब्रों में हैं, उसका शब्द सुनकर निकलेंगे। जिन्हों ने भलाई की है वे जीवन के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे और जिन्हों ने बुराई की है वे दंड के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे" (यूहन्ना 5:28-29)।

   प्रभु यीशु के म्रुत्यु पर विजयी होने के कारण, उनके विश्वासियों के लिए अब मृत्यु और कब्र का कोई भय नहीं है। अपने प्रीय जनों से इस जीवन में मृत्यु द्वारा अलग होने पर हमारा दुःखी और शोकित होना स्वाभाविक है, लेकिन एक मसीही विश्वासी को उनके समान जिनके पास कोई आशा नहीं है शोकित नहीं होना है (1 थिस्सुलुनीकियों 4:13)। प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान का तात्पर्य है कि एक दिन सभी मसीही विश्वासी भी जिलाए जाएंगे और महिमित देह धारण कर लेंगे (1 कुरिन्थियों 15:42-44), और अनन्त काल तक प्रभु के साथ रहेंगे (1 थिस्स्लुनीकियों 4:17) - अब वे मसीह यीशु में होकर शैतान और मृत्यु पर विजयी हैं। - डेनिस फिशर


क्योंकि मसीह यीशु जीवित है, उसके विश्वासी जन भी जीवित रहेंगे।

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। - इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: यूहन्ना 5:24-30
John 5:24 मैं तुम से सच सच कहता हूं, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजने वाले की प्रतीति करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार हो कर जीवन में प्रवेश कर चुका है। 
John 5:25 मैं तुम से सच सच कहता हूं, वह समय आता है, और अब है, जिस में मृतक परमेश्वर के पुत्र का शब्द सुनेंगे, और जो सुनेंगे वे जीएंगे। 
John 5:26 क्योंकि जिस रीति से पिता अपने आप में जीवन रखता है, उसी रीति से उसने पुत्र को भी यह अधिकार दिया है कि अपने आप में जीवन रखे। 
John 5:27 वरन उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, इसलिये कि वह मनुष्य का पुत्र है। 
John 5:28 इस से अचम्भा मत करो, क्योंकि वह समय आता है, कि जितने कब्रों में हैं, उसका शब्द सुनकर निकलेंगे। 
John 5:29 जिन्हों ने भलाई की है वे जीवन के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे और जिन्हों ने बुराई की है वे दंड के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे। 
John 5:30 मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूं, वैसा न्याय करता हूं, और मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा चाहता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 4-6
  • लूका 4:31-44


रविवार, 27 मार्च 2016

पुनरुत्थान


   मेरी एक सहेली ने, जो छोटे बच्चों की अध्यापिका है, अपने विद्यार्थियों में ज़ोर-शोर से चल रहे एक वार्तालाप को सुना: छोटी मरिया ने प्रश्न पूछा, "कौन-कौन परमेश्वर से प्रेम करता है?" सभी बच्चों का उत्तर था, "मैं करता हूँ; मैं करता हूँ; मैं करता हूँ!" बिली ने कहा, "मैं तो यीशु से प्रेम करता हूं।" इस पर कैली अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "लेकिन वे तो मर गए थे।" तुरंत ही बिली का प्रत्युत्तर था, "हाँ; लेकिन हर ईस्टर के दिन वे जीवित भी तो हो उठते हैं!"

   स्पष्टतः ईस्टर के संबंध में छोटे बिली और कैली की समझ अभी विकसित हो रही है। लेकिन हम यह जानते हैं कि प्रभु यीशु समस्त मानव जाति के लिए एक ही बार मारा गया और एक ही बार मृतकों में से जी भी उठा (रोमियों 6:10; इब्रानियों 10:12)। निष्पाप और निष्कलंक प्रभु यीश ने अपने बलिदान द्वारा संसार के सभी मनुष्यों के पापों के लिए मृत्यु दण्ड सहने के बाद मृत्यु को हरा दिया और कब्र से तीसरे दिन जीवित होकर सभी मनुष्यों के लिए पाप और मृत्यु के बन्धन को सदा के लिए तोड़ डाला। उनके इस अन्तिम बलिदान (इब्रानियों 10:18) के द्वारा हम मनुष्यों को हमारे पापों और उनके दण्ड से मुक्ति मिलती है, परमेश्वर के साथ संबंध बनाने का माध्यम और उस के साथ अनन्तकाल तक स्वर्ग में रहने का अधिकार मिलता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने लिखा है, "इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। और गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा" (1 कुरिन्थियों 15:3-4)। प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से वायदा किया है कि वे उनके लिए स्थान तैयार कर रहे हैं और एक दिन हमें अपने साथ वहाँ अनन्तकाल तक रहने के लिए ले कर जाएंगे (यूहन्ना 14:1-3)।

   इसीलिए हम मसीही विश्वासियों के लिए प्रभु यीशु के पुनरुत्थान का आनन्द वर्ष में केवल एक बार मनाने का नहीं वरन प्रतिदिन मनाने का आनन्द है, क्योंकि हमारा प्रभु आकर हमें अपने साथ स्वर्ग में रहने के लिए किसी भी दिन ले जा सकता है। इस सदा काल के आनन्द के लिए हम भी भजनकार के साथ कह सकते हैं, "मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी" (भजन 34:1)। - सिंडी हैस कैस्पर


प्रभु यीशु का एक बार का पुनरुत्थान हमारे लिए अनन्तकाल के आनन्द और उत्सव का कारण है।

तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो। मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:1-3

बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:10-23
Hebrews 10:10 उसी इच्छा से हम यीशु मसीह की देह के एक ही बार बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा पवित्र किए गए हैं। 
Hebrews 10:11 और हर एक याजक तो खड़े हो कर प्रति दिन सेवा करता है, और एक ही प्रकार के बलिदान को जो पापों को कभी भी दूर नहीं कर सकते; बार बार चढ़ाता है। 
Hebrews 10:12 पर यह व्यक्ति तो पापों के बदले एक ही बलिदान सर्वदा के लिये चढ़ा कर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। 
Hebrews 10:13 और उसी समय से इस की बाट जोह रहा है, कि उसके बैरी उसके पांवों के नीचे की पीढ़ी बनें। 
Hebrews 10:14 क्योंकि उसने एक ही चढ़ावे के द्वारा उन्हें जो पवित्र किए जाते हैं, सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है। 
Hebrews 10:15 और पवित्र आत्मा भी हमें यही गवाही देता है; क्योंकि उसने पहिले कहा था 
Hebrews 10:16 कि प्रभु कहता है; कि जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उन से बान्‍धूंगा वह यह है कि मैं अपनी व्यवस्थाओं को उनके हृदय पर लिखूंगा और मैं उन के विवेक में डालूंगा। 
Hebrews 10:17 (फिर वह यह कहता है, कि) मैं उन के पापों को, और उन के अधर्म के कामों को फिर कभी स्मरण न करूंगा। 
Hebrews 10:18 और जब इन की क्षमा हो गई है, तो फिर पाप का बलिदान नहीं रहा। 
Hebrews 10:19 सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है। 
Hebrews 10:20 जो उसने परदे अर्थात अपने शरीर में से हो कर, हमारे लिये अभिषेक किया है, 
Hebrews 10:21 और इसलिये कि हमारा ऐसा महान याजक है, जो परमेश्वर के घर का अधिकारी है। 
Hebrews 10:22 तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक को दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव ले कर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं। 
Hebrews 10:23 और अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें; क्योंकि जिसने प्रतिज्ञा किया है, वह सच्चा है। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 1-3
  • लूका 4:1-30


शनिवार, 26 मार्च 2016

गर्व


   मैं 1993 के ईस्टर इतवार को कभी नहीं भूला सकता, जब बर्नहार्ड लैंगर ने मास्टर्स गोल्फ टूर्नामेंट जीता था। गोल्फ के मैदान से बाहर आकर जब लैंगर, गोल्फ स्पर्धा जीतने की सूचक और गोल्फ का सबसे चहेता पुरुस्कार, अपनी हरे रंग की जैकेट लेने के लिए आगे बढ़े तो एक समाचार संवाददाता ने उन से पूछा, "यह अवश्य ही आपके जीवन का सबसे महान दिन होगा?" लैंगर ने बिना किसी हिचकिचाहट के उत्तर दिया, "सबसे उत्कृष्ट टूर्नामेंट जीतना अवश्य ही बड़ा अद्भुत अनुभव है, लेकिन ईस्टर के दिन जीतना - मेरे प्रभु और उद्धारकर्ता के पुनरुत्थान का उत्सव मनाना, इसे और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देता है।"

   लैंगर के पास अपनी तारीफ के पुल बाँधने का अवसर था किंतु उन्होंने अपनी प्रशंसा करने की बजाए अपने प्रभु यीशु मसीह की ओर ध्यान मोड़ दिया। प्रेरित पौलुस भी यही बात कह रहा था जब उसने लिखा, "और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं" (रोमियों 5:11)। अपनी उपलब्धियों की ओर लोगों का ध्यान खींचना, और अपनी अच्छाईयों की सूची बनाए रखना सरल होता है। पौलुस ने भी कहा कि वह चाहे तो उसके पास अपनी बड़ाई करने के लिए अनेक बातें हैं, लेकिन प्रभु यीशु मसीह की पहचान के आगे वह अपनी उन बातों को कूड़ा समझता था (फिलिप्पियों 3:8); और उसकी इस बात का अनुसरण करना हमारे लिए भी लाभकारी रहेगा।

   इसलिए यदि आप वास्तव में किसी बात पर गर्व करना चाहते हैं, तो प्रभु यीशु पर जो उसने आप के लिए किया है, उसपर गर्व कीजिए; और ऐसे अवसरों की खोज में रहें जिनके द्वारा आप प्रभु यीशु की ओर लोगों का ध्यान खींच सकें। - जो स्टोवैल


यदि आप अपने आप को लेकर व्यस्त रहेंगे तो फिर ना तो प्रभु यीशु पर गर्व कर सकेंगें और ना ही किसी का ध्यान प्रभु की ओर खींच सकेंगे।

वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। - फिलिप्पियों 3:8

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11
Romans 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। 
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। 
Romans 5:4 और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। 
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। 
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। 
Romans 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? 
Romans 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? 
Romans 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 22-24
  • लूका 3


शुक्रवार, 25 मार्च 2016

जीवन


   सन 2011 की बात है, सरकारी आंकड़ों में गलती से 14,000 लोगों को मृत दिखा दिया गया; उनमें से एक थीं दो बच्चों की माता, 52 वर्षीय, लौरा ब्रुक्स। लौरा चकित और परेशान थी कि उसे मिलने वाली अपंग होने की सरकारी सहायता राशि बन्द हो गई, जिससे उसके द्वारा कर्ज़ तथा मकान का किराया चुकाने के लिए दिए गए चैक बैरंग लौट आए। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वह बैंक गई, तो बैंक के संबंधित अधिकारी ने उसे बताया कि उसका खाता बन्द कर दिया गया है क्योंकि सरकारी दस्तावेज़ों के अनुसार उसकी मृत्यु हो चुकी है! प्रत्यक्ष था कि वे दस्तावेज़ और अधिकारी गलत थे।

   लेकिन प्रेरित पौलुस गलत नहीं था जब उसने इफसुस के मसिही विश्वासियों को लिखा कि एक समय वे मरे हुए थे - आत्मिक रीति से मृतक। उनके मृतक होने का तात्पर्य था कि वे पाप की गुलामी में जीवन बिताने के कारण (इफिसियों 2:5) परमेश्वर से दूर थे, और परमेश्वर के न्याय तथा दण्ड के भागी थे। शारीरिक रूप से जीवित होते हुए भी आत्मिक रीति से मृत्क होना हमारे लिए निराशा की कैसी गंभीर दशा है।

   लेकिन परमेश्वर ने हमारी इस दशा को पलट देने, हमें मृतकों में से जीवित करने का इंतिज़ाम किया है। उस जीवित परमेश्वर ने जो सब को जीवन प्रदान करता है (रोमियों 4:17), अपने महान अनुग्रह, प्रेम और दया में होकर अपने पुत्र प्रभु यीशु को संसार में भेजा जिससे समस्त मानव जाति के लिए पापों की क्षमा और उद्धार का मार्ग खुल सके। प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर दिए गए बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा हम जीवन के भागी हुए हैं (इफिसियों 2:4-5)।

   जब भी कोई व्यक्ति प्रभु यीशु के मारे जाने और मृतकों में से पुनरुत्थान पर विश्वास लाता है, वह मृत्यु से जीवन में प्रवेश करता है। आज हम मसीही विश्वासी परमेश्वर के इसी प्रेम, दया और अनुग्रह से ही जीवित हैं, स्वर्ग के उत्तराधिकारी हैं, संसार में मसीह यीशु के गवाह हैं। - मार्विन विलियम्स


प्रभु यीशु की मृत्यु को ग्रहण कर लेने से अनन्त जीवन मिल जाता है।

जैसा लिखा है, कि मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है उस परमेश्वर के साम्हने जिस पर उसने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं। - रोमियों 4:17 

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। 
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है। 
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। 
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। 
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) 
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। 
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। 
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। 
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। 
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 19-21
  • लूका 2:25-52


गुरुवार, 24 मार्च 2016

गवाह


   बहुत वर्ष पहले की बात है, मैं 38 फीट ऊँचे पुल से गिरने के कारण जान के जोखिम की गंभीर हालत में अस्पताल में भरती था। उस समय में मेरे साथ के बिस्तर पर लेटे मरीज़ की पत्नि मुझसे बात करने को मेरे पास आई और कहा, "मेरे पति ने अभी मुझे बताया है कि आपके साथ क्या हुआ है। हमारा मानना है कि परमेश्वर ने आपकी जान बचाई है क्योंकि वह आपको अपने लिए उपयोग करना चाहता है।"

   यह सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। मैं बचपन से चर्च जाता रहा हूँ, लेकिन मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि परमेश्वर मेरे जीवन में रुचि रखेगा, मेरे जीवन की बातों में सम्मिलित होना चाहेगा। उस महिला के शब्दों ने मुझे उस उद्धारकर्ता की ओर मोड़ा जिसके बारे में मैंने सुना तो था किंतु व्यक्तगत रीति से उसे नहीं जानता था - मेरे मसीही विश्वास के जीवन में आने का आरंभ यहीं से हुआ था। मैं उस नम्र मसीही गवाह के उन शब्दों के स्मरण को बहुमूल्य जानकर संजोए रहता हूँ, जिसने एक अजनबी के लिए विचार किया और उसे एक ऐसे परमेश्वर के बारे में बताया जिसका प्रेम सच्चा और वास्तविक है। उस महिला के शब्दों से दूसरों के प्रति देखभाल और चिन्ता का भाव, एक उद्देश्य और एक आशा प्रगट होती थी।

   प्रभु यीशु ने अपने चेलों को तथा आज हम मसीही विश्वासियों को यह ज़िम्मेदारी दी है कि हम परमेश्वर के प्रेम के बारे में औरों को बताएं, उसके गवाह बनें: "परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे" (प्रेरितों 1:8)।

   पवित्र आत्मा की सहायता से हमारे शब्द और गवाही अन्य लोगों के जीवन में अनन्त काल का प्रभाव एवं परिवर्तन ला सकती है। - बिल क्राउडर


प्रेमभरी चिन्ता से कहे गए कुछ शब्द भी हमारी कल्पना से परे प्रभाव दिखा सकते हैं।

और उसने उन से कहा, तुम सारे जगत में जा कर सारी सृष्‍टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। - मरकुस 16:15

बाइबल पाठ: प्रेरितों 1:1-11
Acts 1:1 हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा। 
Acts 1:2 उस दिन तक जब वह उन प्रेरितों को जिन्हें उसने चुना था, पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर ऊपर उठाया न गया। 
Acts 1:3 और उसने दु:ख उठाने के बाद बहुत से पड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा: और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा। 
Acts 1:4 ओर उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो। 
Acts 1:5 क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे। 
Acts 1:6 सो उन्हों ने इकट्ठे हो कर उस से पूछा, कि हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्त्राएल को राज्य फेर देगा? 
Acts 1:7 उसने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं। 
Acts 1:8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। 
Acts 1:9 यह कहकर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया; और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया। 
Acts 1:10 और उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे, तो देखो, दो पुरूष श्वेत वस्‍त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए। 
Acts 1:11 और कहने लगे; हे गलीली पुरूषों, तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 16-18
  • लूका 2:1-24


बुधवार, 23 मार्च 2016

एकता


   परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 6:16-19 में उन सात बातों का उल्लेख है जिनसे परमेश्वर को घृणा है, और इन बातों में से एक है भाईयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करना। इसी बात के कारण वह एकता जो प्रभु यीशु मसीह मसीही विश्वासी भाईयों में देखना चाहता है (यूहन्ना 17:21-22) वह बिगड़ जाती है।

   जो भेदभाव या झगड़े उत्पन्न करते हैं, कई बार उनका इरादा ऐसा करने का नहीं होता है, वरन वे या तो अपनी व्यक्तिगत या जिस गुट के वे हैं उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के प्रयासों में ऐसा कर बैठते हैं (याकूब 4:1-10)। इन झगड़ों और मतभेदों के कारणों को समझने के लिए बाइबल में दी गई कुछ घटनाओं पर विचार कीजिए: क्यों लूत और अब्राहम के चरवाहों में झगड़े हुए (उत्पत्ति 13:1-18); या फिर प्रभु यीशु के चेलों में क्यों विवाद हुआ (लूका 9:46); या फिर कुरिन्थुस की मसीही मण्डली में गुटबाज़ी और मतभेद किस कारण आने पाए (1 कुरिन्थियों 3:1-7)?

   एकता को प्रोत्साहन देने का सबसे कारगर तरीका क्या है? यह आरंभ होता है मन परिवर्तन से; जब हम मसीह यीशु के स्वभाव को अपना लेते हैं तो हमारे अन्दर नम्रता और दूसरों की सेवकाई की भावना भी आ जाती है और केवल मसीह यीशु में होकर ही हम वह सामर्थ भी पा सकते जिसके द्वारा हम केवल अपनी ही नहीं वरन औरों की आवश्यकताओं की भी चिन्ता कर सकें (फिलिप्पियों 2:1-5)। जब हम ऐसा करने लगते हैं तो शीघ्र ही दूसरों की आशाएं और आवश्यकताएं हमारे लिए हमारी अपनी आशाओं और आवश्यकताओं से अधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

   जब हम परस्पर प्रेम के बन्धनों में बन्धने लगते हैं तो हमारे आपसी मतभेद और झगड़े आनन्द और एकता में बदल जाते हैं। - डेनिस फिशर


हम अकेले उतना कभी नहीं कर पाते जितना दूसरों के साथ मिलकर कर लेते हैं।

हे भाइयो, मैं तुम से यीशु मसीह जो हमारा प्रभु है उसके नाम के द्वारा बिनती करता हूं, कि तुम सब एक ही बात कहो; और तुम में फूट न हो, परन्तु एक ही मन और एक ही मत हो कर मिले रहो। - 1 कुरिन्थियों 1:10 

बाइबल पाठ: नीतिवचन 6:16-19; फिलिप्पियों 2:1-11
Proverbs 6:16 छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उसको घृणा है 
Proverbs 6:17 अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ, 
Proverbs 6:18 अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव, 
Proverbs 6:19 झूठ बोलने वाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करने वाला मनुष्य। 

Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है। 
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो। 
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। 
Philippians 2:4 हर एक अपने ही हित की नहीं, वरन दूसरों के हित की भी चिन्‍ता करे। 
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। 
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। 
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। 
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। 
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। 
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। 
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 13-15
  • लूका 1:57-80


मंगलवार, 22 मार्च 2016

जल्द ही


   यह घोषणा कि "जल्द ही आ रहा है" किसी आने वाले मनोरंजन कार्यक्रम या खेल कार्यक्रम, या किसी नए उत्पाद की पूर्वघोषणा होती है। इसका उद्देश्य होता है लोगों में एक उत्सुक्ता और प्रत्याशा को उत्पन्न करना जिससे वे उस बात के प्रति आकर्षित रहें, चाहे उसका आना अभी महीनों दूर हो, और अधिक से अधिक संख्या में उसका लाभ उठाएं अथवा उसमें सम्मिलित हों।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य, को पढ़ते समय मैं उस पुस्तक में व्याप्त इस "जल्द ही" के भाव से बहुत प्रभावित हुआ। यह कहने की बजाए कि, "दूर के भविष्य में किसी दिन प्रभु यीशु का दोबारा पृथ्वी पर आगमन होगा", इस पुस्तक में अनेकों बार दर्शाया गया है कि यह शीघ्र होने वाला है, समय निकट है, और पुस्तक के अन्तिम अध्याय में तीन बार प्रभु यीशु कहते हैं कि "मैं शीघ्र आने वाला हूँ।"

   जबकि इन बातों को लिखे लगभग 2000 वर्ष बीत चुके हैं तो फिर यह कैसे संभव है? हमारे अपने समय आंकलन के अनुसार यहाँ कहे गए "जल्द ही" का कोई खास महत्व प्रतीत नहीं होता है। लेकिन परमेश्वर का समय आंकलन हमारे आंकलन से भिन्न है; जो हमें विलंब लगता है वह वास्तव में परमेश्वर का धैर्य है कि अधिक से अधिक लोग प्रभु यीशु में विश्वास लाकर अपने पापों से क्षमा और अनन्त जीवन को पा सकें (2 पतरस 3:8-9)। परमेश्वर ने हमें प्रभु यीशु के पुनःआगमन की कोई तिथि नहीं दी है जिससे हम प्रतिदिन इस आशा के साथ व्यतीत करें कि संभवतः प्रभु का पुनःआगमन आज ही हो जाए: "और उस धन्य आशा की अर्थात अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की बाट जोहते रहें" (तीतुस 2:13), और उसके लिए अपने आप को तैयार रखें, उसके अनुरूप जीवन जीते रहें। - डेविड मैक्कैसलैंड


ऐसे जीएं मानो प्रभु यीशु का पुनःआगमन आज ही होने वाला है।

सब बातों का अन्‍त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो। - 1 पतरस 4:7

बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:3-15
2 Peter 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे। 
2 Peter 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था? 
2 Peter 3:5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है। 
2 Peter 3:6 इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया। 
2 Peter 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे। 
2 Peter 3:8 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं। 
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले। 
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे। 
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। 
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्‍न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्‍त हो कर गल जाएंगे। 
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी। 
2 Peter 3:14 इसलिये, हे प्रियो, जब कि तुम इन बातों की आस देखते हो तो यत्‍न करो कि तुम शान्‍ति से उसके साम्हने निष्‍कलंक और निर्दोष ठहरो। 
2 Peter 3:15 और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस ने भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 10-12
  • लूका 1:39-56


सोमवार, 21 मार्च 2016

पहचान


   जब मेरे सबसे छोटे भाई स्कौट का जन्म हुआ तब मैं सीनियर हाई स्कूल में था। हम दोनों में उम्र के इस अन्तर के कारण, उसके बड़े होकर कॉलेज जाने के समय में एक रोचक परिस्थिति हो गई; जब मैं और हमारी माँ उसे कॉलेज में दाखिले के लिए लेकर गए तो जिससे भी हम मिल रहे थे सब यही यह समझते थे कि मैं स्कौट का पिता और हमारी माँ उसकी दादी हैं। अन्ततः हमने लोगों की इस भ्रांति को ठीक करना बन्द कर दिया, क्योंकि हमारे हर प्रयास के बावजूद लोगों को यह समझा पाना कठिन हो रहा था कि परस्पर हमारी पहचान वह नहीं है जैसी वे समझ रहे हैं।

   प्रभु यीशु ने धर्म के अगुवे फरीसियों से, उनकी नज़र में, अपनी पहचान के बारे में प्रश्न पूछा (मत्ती 22:42): "कि मसीह के विषय में तुम क्या समझते हो? वह किस का सन्तान है?" उन फरीसियों का उत्तर था, "उन्होंने उस से कहा, दाऊद का"। इस्त्राएल के लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा वाचा किए गए मसीहा की पहचान रखना बहुत महत्वपूर्ण था, और इस संदर्भ में फरीसियों का उत्तर सही तो था परन्तु अधूरा था। परमेश्वर का वचन यह स्पष्ट बताता था कि आने वाला मसीहा आकर अपने पूर्वज पिता दाऊद का सिंहासन संभालेगा, और फरिसियों ने इसी आधार पर उत्तर दिया था; परन्तु प्रभु यीशु को उन फरीसियों को यह भी स्मरण दिलाना पड़ा कि दाऊद अपने वंश में होकर आने वाले जगत के उस उद्धारकर्ता को स्वयं भी "प्रभु" कहकर ही संबोधित करता है - और यह बात वे फरीसी बोल नहीं रहे थे।

   प्रभु यीशु ने अपनी पहचान के बारे में यही प्रश्न अपने चेलों से भी किया, और पतरस ने सही उत्तर देते हुए कहा, "...तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है" (मत्ती 16:16)। आज भी प्रभु यीशु की पहचान से संबंधित यह प्रश्न उतना ही महत्वपूर्ण है। प्रभु यीशु की सही पहचान को जाने तथा माने बिना उसके प्रति सही रवैया, उसके साथ सही संबंध रखना असंभव है। अनन्त जीवन के मार्ग के लिए यीशु को अपना उद्धारकर्ता तथा जीवन का प्रभु स्वीकार करना अनिवार्य है। - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु की गलत पहचान रखने से अधिक घातक कोई अन्य गलती नहीं है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। - यूहन्ना 1:12

बाइबल पाठ: मत्ती 16:13-20
Matthew 16:13 यीशु कैसरिया फिलिप्पी के देश में आकर अपने चेलों से पूछने लगा, कि लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं? 
Matthew 16:14 उन्होंने कहा, कितने तो यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला कहते हैं और कितने एलिय्याह, और कितने यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं। 
Matthew 16:15 उसने उन से कहा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो? 
Matthew 16:16 शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है। 
Matthew 16:17 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि हे शमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है। 
Matthew 16:18 और मैं भी तुझ से कहता हूं, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे। 
Matthew 16:19 मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा: और जो कुछ तू पृथ्वी पर बान्‍धेगा, वह स्वर्ग में बन्‍धेगा; और जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा। 
Matthew 16:20 तब उसने चेलों को चिताया, कि किसी से न कहना! कि मैं मसीह हूं। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 7-9
  • लूका 1:21-38


रविवार, 20 मार्च 2016

दृढ़निश्चय


   टेलिविज़न पर युद्ध से ध्वस्त एक देश से विस्थापित हुए शरणार्थियों की बदहाल दशा पर रिपोर्ट प्रसारित हो रही थी। उन शरणार्थियों में एक दस वर्षीय लड़की की दृढ़निश्चयता को देखकर मैं चकित हुआ; यद्यपि उनके वापस अपने देश लौट पाने कि संभावनाएं ना के बराबर थीं परन्तु फिर भी उसने बड़े दृढ़ विश्वास के साथ कहा, "जब हम वापस जाएंगे तब मैं फिर से अपने पड़ौसियों से मिलने जाऊँगी, अपनी सहेलियों के साथ खेलूँगी; मेरे पिताजी कहते हैं कि हमारा घर अब नहीं रहा है, लेकिन मैं कहती हूँ कि हम लौटकर उसे फिर से बना लेंगे।"

   जीवन में कुछ बातों के प्रति दृढ़निश्चय रहने का स्थान अवश्य ही है, विशेषकर तब जब वे बातें परमेश्वर में हमारे विश्वास तथा हमारे द्वारा औरों के प्रति प्रेम दर्शाने से संबंधित हो। परमेश्वर के वचन बाइबल में रूत की पुस्तक का आरंभ होता है तीन महिलाओं के विवरण से जो एक त्रासदी में होकर एक दूसरे से जुड़ी हैं। अपने पति और दोनों बेटों की मृत्यु के पश्चात मोआब में रह रही नाओमी ने वापस अपने शहर बेतलेहम लौट जाने का निर्णय लिया, और अपनी दोनों विधवा बहुओं से आग्रह किया कि वे अपने देश मोआब में ही रह जाएं और पुनः अपने घर बसाएं। एक बहु, ओर्पा ने तो नाओमी की बात मान ली, लेकिन दूसरी बहु रूत ने नाओमी के साथ ही वापस जाने की ठान ली। रूत ने नाओमी से कहा: "...जिधर तू जाए उधर मैं भी जाऊंगी; जहां तू टिके वहां मैं भी टिकूंगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा; जहां तू मरेगी वहां मैं भी मरूंगी, और वहीं मुझे मिट्टी दी जाएगी। यदि मृत्यु छोड़ और किसी कारण मैं तुझ से अलग होऊं, तो यहोवा मुझ से वैसा ही वरन उस से भी अधिक करे" (रूत 1:16-17)। जब नाओमी ने देखा कि रूत अपने इरादे में पक्की है तो वे दोनों बेतलेहम लौट आए और वहाँ अपनी ज़िन्दगी दोबारा स्थापित करने लगे। परमेश्वर ने रूत की दृढ़निश्चयता और नाओमी तथा परमेश्वर के प्रति वफादारी का अच्छा प्रतिफल दिया और रूत का विवाह एक संपन्न व्यक्ति के साथ हो गया, और फिर उसकी संतान के वंश से इस्त्राएल के सुप्रसिद्ध राजा दाऊद और बाद में जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ।

   घमण्ड से तो ढिठाई आती है, परन्तु प्रेम के कारण दृढ़निश्चयता आती है। बाइबल में प्रभु यीशु के लिए आया है कि, "जब उसके ऊपर उठाए जाने के दिन पूरे होने पर थे, जो उसने यरूशलेम को जाने का विचार दृढ़ किया" (लूका 9:51)। प्रभु यीशु के हम पापियों के लिए अपने जीवन का बलिदान कराने के इस प्रेमपूर्ण दृढ़निश्चय के कारण ही आज हम अनन्त जीवन पाने वाले बन सके हैं। दूसरों के पापों के लिए स्वयं मृत्यु स्वीकार कर लेने का उसका यह दृढ़निश्चय हमें उसके लिए जीवन जीने की प्रेरणा और निश्चय कर लेने की सामर्थ देता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रेम समर्पण से प्रगट होता है।

क्योंकि प्रभु यहोवा मेरी सहायता करता है, इस कारण मैं ने संकोच नहीं किया; वरन अपना माथा चकमक की नाईं कड़ा किया क्योंकि मुझे निश्चय था कि मुझे लज्जित होना न पड़ेगा। - यशायाह 50:7

बाइबल पाठ: रूत 1:8-18
Ruth 1:8 तब नाओमी ने अपनी दोनों बहुओं से कहा, तुम अपने अपने मैके लौट जाओ। और जैसे तुम ने उन से जो मर गए हैं और मुझ से भी प्रीति की है, वैसे ही यहोवा तुम्हारे ऊपर कृपा करे। 
Ruth 1:9 यहोवा ऐसा करे कि तुम फिर पति कर के उनके घरों में विश्राम पाओ। तब उसने उन को चूमा, और वे चिल्ला चिल्लाकर रोने लगीं, 
Ruth 1:10 और उस से कहा, निश्चय हम तेरे संग तेरे लोगों के पास चलेंगी। 
Ruth 1:11 नाओमी ने कहा, हे मेरी बेटियों, लौट जाओ, तुम क्यों मेरे संग चलोगी? क्या मेरी कोख में और पुत्र हैं जो तुम्हारे पति हों? 
Ruth 1:12 हे मेरी बेटियों, लौटकर चली जाओ, क्योंकि मैं पति करने को बूढ़ी हूं। और चाहे मैं कहती भी, कि मुझे आशा है, और आज की रात मेरे पति होता भी, और मेरे पुत्र भी होते, 
Ruth 1:13 तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियों, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है। 
Ruth 1:14 तब वे फिर से उठीं; और ओर्पा ने तो अपनी सास को चूमा, परन्तु रूत उस से अलग न हुई। 
Ruth 1:15 तब उसने कहा, देख, तेरी जिठानी तो अपने लोगों और अपने देवता के पास लौट गई है; इसलिये तू अपनी जिठानी के पीछे लौट जा। 
Ruth 1:16 रूत बोली, तू मुझ से यह बिनती न कर, कि मुझे त्याग वा छोड़कर लौट जा; क्योंकि जिधर तू जाए उधर मैं भी जाऊंगी; जहां तू टिके वहां मैं भी टिकूंगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा; 
Ruth 1:17 जहां तू मरेगी वहां मैं भी मरूंगी, और वहीं मुझे मिट्टी दी जाएगी। यदि मृत्यु छोड़ और किसी कारण मैं तुझ से अलग होऊं, तो यहोवा मुझ से वैसा ही वरन उस से भी अधिक करे। 
Ruth 1:18 जब उसने यह देखा कि वह मेरे संग चलने को स्थिर है, तब उसने उस से और बात न कही। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 4-6
  • लूका 1:1-20


शनिवार, 19 मार्च 2016

स्वर्ग में आनन्द


   जोएन की परवरिश एक मसीही घर में हुई थी। लेकिन कॉलेज जाने के बाद उसे अपने मसीही विश्वास पर शंका होने लगी और वह परमेश्वर से दूर हो गई। स्नातक होने के बाद, मन के आनन्द की खोज में वह अनेक देशों के भ्रमण पर निकली, लेकिन उसे कहीं सन्तुष्टि नहीं मिली। कुछ कठिनाईयों से निकलने के समय में उसे आभास हुआ कि अभी भी परमेश्वर उसके साथ बना हुआ है, और उसे परमेश्वर की आवश्यकता है।

   जर्मनी से जोएन ने अमेरिका में रह रहे अपने माता-पिता को फोन करके बताया, "मैंने अपना जीवन प्रभु यीशु मसीह को समर्पित कर दिया है, और वह मुझे परिवर्तित करता जा रहा है। जो दुःख और चिंताएं मेरे कारण आप लोगों को हुई हैं मैं उनके लिए क्षमा चाहती हूं।" यह सुनकर जोएन के माता-पिता हर्षोत्साहित हो गए, उनकी आँखों से आनन्द के आँसू बहने लगे और उन्होंने जोएन के भाईयों और भाभियों तो तुरन्त घर बुला लिया जिससे उन सब को वे व्यक्तिगत रीति से बता सकें कि उनकी बहन ने प्रभु यीशु मसीह को ग्रहण कर लिया, वह परमेश्वर के पास लौट आई है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका 15 अध्याय में खोए हुए को पा लेने से संबंधित प्रभु यीशु द्वारा दिए गए तीन दृष्टांत हैं। पहले दृष्टांत एक खोई हुई भेड़ पर है जिसे ढूंढ़ने के लिए उसका चरवाहा निकल जाता है। दूसरे दृष्टांत में एक स्त्री का एक सिक्का खो गया था और उसना यत्न करके उस सिक्के को ढूँढ़ लिया, और फिर अपने पड़ौसियों को अपने साथ उस खोए हुए सिक्के के मिल जाने का आनन्द मनाने के लिए निमंत्रित किया और तीसरा दृष्टांत एक भटके हुए पुत्र का है जो अपने पिता से संपत्ति का अपना हिस्सा लेकर दुराचार में सब कुछ उड़ा देता है और फिर कठिन समयों में पड़ने पर लौट कर पश्चाताप के साथ अपने पिता के पास आता है और पिता उसे परिवार में बहाल कर देता है, आनन्द मनाता है। इन तीनों दृष्टांतो के द्वारा प्रभु यीशु ने यह समझाया कि कैसे वह पाप में खोए हुए लोगों को वापस परमेश्वर के पास लौटा लाने के लिए आया है; और जब कोई परमेश्वर से पाप क्षमा और उद्धार की भेंट को स्वीकार कर के परमेश्वर के पास लौट आता है, तब "...इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्‍वर्गदूतों के साम्हने आनन्द होता है" (लूका 15:10)।

   यह कितनी अद्भुत और अनुग्रहपूर्ण बात है कि प्रभु यीशु स्वर्ग से हमें पापों से बचाने के लिए पृथ्वी पर उतर आया, और जब हम उसकी पुकार सुनकर उससे पापों की क्षमा माँगते हैं, अपना जीवन उसे समर्पित कर देते हैं, तब स्वर्ग में आनन्द मनाया जाता है। - ऐनी सेटास


जब मनुष्य पश्चाताप करते हैं तब स्वर्गदूत आनन्द मनाते हैं।

प्रभु यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न होता हूँ? क्या मैं इस से प्रसन्न नहीं होता कि वह अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे? - यहेजकेल 18:23

बाइबल पाठ: लूका 15:1-10
Luke 15:1 सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें। 
Luke 15:2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है।
Luke 15:3 तब उसने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा। 
Luke 15:4 तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे? 
Luke 15:5 और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है। 
Luke 15:6 और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे कर के कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है। 
Luke 15:7 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।
Luke 15:8 या कौन ऐसी स्त्री होगी, जिस के पास दस सिक्के हों, और उन में से एक खो जाए; तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बुहार कर जब तक मिल न जाए, जी लगाकर खोजती न रहे? 
Luke 15:9 और जब मिल जाता है, तो वह अपने सखियों और पड़ोसिनियों को इकट्ठी कर के कहती है, कि मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्‍का मिल गया है। 
Luke 15:10 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्‍वर्गदूतों के साम्हने आनन्द होता है। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 1-3
  • मरकुस 16


शुक्रवार, 18 मार्च 2016

सुगन्ध


   कुछ सुगन्ध अविस्मर्णीय होती हैं। अभी हाल की बात है, मेरे पति की शेविंग क्रीम समाप्त होने को थी। मैंने कहा, "मैं कुछ खरीद लाऊँगी"; उन्होंने अपनी शेविंग क्रीम दिखाते हुए पूछा, "तुम यह वाली ही लाना; मुझे इसकी सुगन्ध बहुत पसन्द है - मेरे पिता भी सदा यही प्रयोग करते थे।" मैं यह सुनकर मुस्कुराई और मुझे अपने साथ घटी वह घटना स्मरण हो आई जब अचानक ही कहीं से मुझे उस शैम्पू की सुगन्ध आई थी जो मेरे बचपन में मेरी माँ मेरे बाल धोने के लिए प्रयोग करती थीं और उस सुगन्ध से मैं अपने बचपन की यादों में चली गई थी। मेरे और मेरे पति के अन्दर, सुगन्ध के कारण, एक भावनात्मक प्रतिक्रिया हुई थी और हम उन लोगों की सुखद यादों में चले गए थे जो हमारे प्रीय थे।

   ऑलिवर वेन्डल होम्स ने कहा था, "यादें, कलपनाएं, बीती भावनाएं और भावनात्मक प्रतिक्रियाएं किसी भी अन्य माध्यम की अपेक्षा सुगन्ध के द्वारा अधिक सरलता से जागृत हो जाती हैं।"

   इसलिए, कैसा रहे यदि हमारे जीवन ऐसे हों जो सुगन्ध के समान लोगों को हमारे प्रभु परमेश्वर की ओर आकर्षित करें? परमेश्वर के वचन बाइबल में 2 कुरिन्थियों 2:15 में प्रेरित पौलुस लिखता है: "क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्‍ध हैं।" अर्थात हमारे जीवन की सुगन्ध ना केवल परमेश्वर को भाने वाली हो, वरन उससे अन्य लोग भी परमेश्वर की ओर आकर्षित होने पाएं, ना कि हमारे कारण लोग परमेश्वर से दूर हों। हम मसीही विश्वासी जो प्रभु यीशु के बलिदान के महत्व को जानते और समझते हैं, हमारे पास यह सुअवसर है कि हम संसार में मसीह यीशु की सुगन्ध बनकर जीवन व्यतीत करें, मसीह यीशु के गुण और चरित्र को औरों को स्मरण कराते रहने के माध्यम बनें।

   मसीह यीशु की समानता में होने की मीठी सुगन्ध, जगत के उद्धारकर्ता की ओर लोगों को आकर्षित करने का अत्यन्त प्रभावी माध्यम बन सकता है। - सिंडी हैस कैसपर


जब हम परमेश्वर के साथ-साथ चलते हैं तो अपने पीछे एक ऐसी मोहक सुगन्ध छोड़ जाते हैं जो दूसरों को मसीह यीशु का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करती है।

और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट कर के बलिदान कर दिया। - इफिसियों 5:2

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 2:12-17
2 Corinthians 2:12 और जब मैं मसीह का सुसमाचार, सुनाने को त्रोआस में आया, और प्रभु ने मेरे लिये एक द्वार खोल दिया। 
2 Corinthians 2:13 तो मेरे मन में चैन न मिला, इसलिये कि मैं ने अपने भाई तितुस को नहीं पाया; सो उन से विदा हो कर मैं मकिदुनिया को चला गया। 
2 Corinthians 2:14 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्‍सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्‍ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है। 
2 Corinthians 2:15 क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्‍ध हैं। 
2 Corinthians 2:16 कितनों के लिये तो मरने के निमित्त मृत्यु की गन्‍ध, और कितनो के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्‍ध, और इन बातों के योग्य कौन है? 
2 Corinthians 2:17 क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं। 

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 32-34
  • मरकुस 15:26-47


गुरुवार, 17 मार्च 2016

परिप्रेक्ष्य


   सन 1927 की फिल्म Wings प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर दो अमेरीकी वायुयान चालकों पर बनाई गई थी और उसे सर्वोत्त्म फिल्म होने का प्रथम एकैडमी पुरुस्कार मिला था। जब यह फिल्म बनाई जा रही थी तो कई दिन तक इसका बनाया जाना रुका रहा। यह होता देख, खिसियाए हुए प्रोड्यूसरों ने फिल्म के निर्देशक से विलंब का कारण पूछा। निर्देशक ने उन्हें समझाया, "हमारे पास केवल खुला नीला आकाश ही है। वायुयानों का हवाई युद्ध इस नीले आकाश की पृष्ठभूमि में दिखाई नहीं देगा। हमें बादल चाहिएं क्योंकि बादलों से परिप्रेक्ष्य मिलता है"; वह निर्देशक बिलकुल सही था। बादलों के परिप्रेक्ष्य में ही दर्शक हवाई युद्ध होता देख सकते थे और फिल्म की कहानी को समझ सकते थे।

   हम अपने जीवनों मे सदा ही खुला आकाश चाहते हैं ना कि आंधी-बरसात की आशंका लाने वाले बादल। लेकिन बादलों से भरे आकाश के परिप्रेक्ष्य में ही हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को देखने पाते हैं; हम देखने पाते हैं कि कैसे हमारे कठिन समयों और परीक्षाओं के कालों में भी परमेश्वर हमारे साथ-साथ बना रहा, हमें संभाले रहा, उसने हमें सुरक्षित रखा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम बाइबल के एक पात्र अय्युब के जीवन से देखते हैं कि अत्यंत दुखः के द्वारा अपने परखे जाने के आरंभ में अय्युब अपनी दशा पर विलाप करता है और अपने जन्म के दिन को कोसता है और चाहता है कि बादल उस दिन पर सदा छाए रहें (अय्युब 3:3-5)। परन्तु अन्ततः जब परमेश्वर अय्युब से बातें करता है (अय्युब 42:1-6) तो अय्युब का दृष्टिकोण बिलकुल बदल जाता है और वह अपनी इस उद्दण्डता के लिए पश्चाताप करता है। जब अय्युब का साक्षात्कार जीवते परमेश्वर से हुआ और अय्युब ने परमेश्वर के दृष्टिकोण को जाना तो परमेश्वर के उद्देश्यों के प्रति उसका परिप्रेक्ष्य परिवर्तित हो गया।

   क्या आपके जीवन में आज समस्याओं के बादल छाए हुए हैं? चिन्ता ना करें, उन बादलों के द्वारा परमेश्वर आपको अपनी विश्वासयोग्यता के परिप्रेक्ष्य को समझाएगा, अपने महान कार्य को आपके जीवन में दिखाएगा। उसके समय और विधि की प्रतीक्षा करें; उसमें अपने विश्वास को बनाए रखें। - डेनिस फिशर


अकसर दुःखों के बादल परमेश्वर के मुख की चमक को प्रकट करते हैं। - जैस्पर

चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है। - भजन 23:4

बाइबल पाठ: अय्युब 3:3-5; 42:1-6
Job 3:3 वह दिन जल जाए जिस में मैं उत्पन्न हुआ, और वह रात भी जिस में कहा गया, कि बेटे का गर्भ रहा। 
Job 3:4 वह दिन अन्धियारा हो जाए! ऊपर से ईश्वर उसकी सुधि न ले, और न उस में प्रकाश होए। 
Job 3:5 अन्धियारा और मृत्यु की छाया उस पर रहे। बादल उस पर छाए रहें; और दिन को अन्धेरा कर देने वाली चीज़ें उसे डराएं। 

Job 42:1 तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया; 
Job 42:2 मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती। 
Job 42:3 तू कौन है जो ज्ञान रहित हो कर युक्ति पर परदा डालता है? परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिन को मैं जानता भी नहीं था। 
Job 42:4 मैं निवेदन करता हूं सुन, मैं कुछ कहूंगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता दे। 
Job 42:5 मैं कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं; 
Job 42:6 इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चात्ताप करता हूँ। 

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 30-31
  • मरकुस 15:1-25


बुधवार, 16 मार्च 2016

भोजन


   मुझे भोजन बहुत पसन्द है! मुझे अच्छे से सजा कर परोसे हुए भोजन को देखना पसन्द है; मुझे अच्छे भोजन की सुगन्ध और स्वाद पसन्द है। यदि मेरा बस चलता तो मैं आवश्यकता से अधिक मात्रा में और बारंबार भोजन खाता रहता - लेकिन इससे ना केवल मेरी कमर का आकार बिगाड़ जाता वरन अन्य अनेक स्वास्थ्य संबम्धी समस्याएं भी उत्पन्न हो जातीं! इसलिए मेरी पत्नि मार्टी इस बात का सदा ध्यान रखती है कि मैं कितनी बार और कितनी मात्रा में भोजन करता हूँ, और जब आवश्यक होता है तो वह सप्रेम मुझे स्मरण भी करा देती है कि मैं सही भोजन सही मात्रा में ही खाऊँ।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह द्वारा एक रोचक विचार लिखा गया है - जब उसे परमेश्वर का वचन मिला (परमेश्वर के न्याय से संबंधित भी) तो उसने उस वचन को खा लिया (यिर्मयाह 15:16)। इसे पढ़कर मेरे मन में विचार आता है कि क्या मैं परमेश्वर के वचन बाइबल को उतनी ही रुचि और आनन्द से वैसे ही बारंबार अपने अन्दर लेता हूँ जितनी रुचि और आनन्द से मैं शारीरिक भोजन को बारंबार अपने अन्दर लेता हूँ?

   यह तो स्पष्ट है कि यिर्मयाह ने परमेश्वर के वचन को भोजन वस्तु के समान वास्तव में "खा" नहीं लिया था; वरन उसके ऐसा लिखने का तात्पर्य था कि उसने परमेश्वर के वचन को अपने अन्दर समा लिया था और अन्दर ही उसका स्वाद ले रहा था; और यही वह स्थान है जहाँ परमेश्वर का वचन होना चाहिए - हमारे अन्तःकरण में, हमारे मन-मस्तिष्क-विचारों में। परमेश्वर का वचन हमारे अन्तःकरण और आत्मा के लिए भोजन है; जब हम इस वचन को "खाते" हैं, अर्थात अपने अन्दर समा लेते हैं तो परमेश्वर के पवित्र आत्मा की सहायता से यह हमें प्रभु यीशु की समानता में ढालता है। यह वचन परमेश्वर, धन-दौलत, शत्रुओं, जीवन यापन और कारोबार, परिवार आदि से संबंधित हमारे सोच-विचारों को परिवर्तित करता है, उन्हें परमेश्वर की इच्छा और आज्ञाओं के अनुरूप बनाता है। दूसरे शब्दों में, यह वचन ना केवल हमारे लिए बहुत अच्छा और भला है, वरन हम जितनी अधिक मात्रा में और जितनी अधिक बार इसे "खाएंगे", अपने अन्दर समाएंगे, यह हमारे लिए उतना अधिक लाभकारी होगा। हमें इसे अपने अन्दर लेने पर नियंत्रण लगाने या इससे हमारे लिए कोई दुषप्रभाव होने की चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस वचन से केवल भला ही होता है।

   इसलिए परमेश्वर के वचन बाइबल को जी भर के "खाएं"; और आप अपने आप को यिर्मयाह के समान कहते हुए पाएंगे, "जब तेरे वचन मेरे पास पहुंचे, तब मैं ने उन्हें मानो खा लिया, और तेरे वचन मेरे मन के हर्ष और आनन्द का कारण हुए; क्योंकि, हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मैं तेरा कहलाता हूँ" (यिर्मयाह 15:16)! - जो स्टोवैल


परमेश्वर के वचन को आप जितना अधिक खाएंगे, आप उतने ही अधिक स्वस्थ होते चले जाएंगे।

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं। - भजन 119:11

बाइबल पाठ: भजन 19:7-14
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है; 
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है। 
Psalms 19:12 अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर। 
Psalms 19:13 तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा।
Psalms 19:14 मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले! 

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 28-29
  • मरकुस 14:54-72


मंगलवार, 15 मार्च 2016

पदवी तथा उपाधि


   प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय प्रसारण सेवा बी.बी.सी. ने एक बार लोगों से महत्वपूर्ण प्रतीत होने वाले, किंतु अजीब और बहुत कम पहचाने जाने वाले कार्य पदवियों तथा उपाधियों के उदाहरण भेजने को कहा। पदवी तथा उपाधि के नाम भेजने वालों में एक महिला थी जिसने अपने कार्य की पदवी के लिए लिखा: "Underwater Ceramic Technician" (जलमगन चीनीमिट्टी तकनीशियन); वास्तव में वह महिला एक होटल में बर्तन धोने का काम करती थी! कभी कभी उपाधि या पदवी लगाकर कार्य को अधिक महत्वपूर्ण दिखाने के प्रयास किए जाते हैं।

   जब प्रेरित पौलुस ने परमेश्वर के वचन बाइबल में इफसुस की मसीही मण्डली को लिखी अपनी पत्री में परमेश्वर द्वारा उन्हें दिए गए कुछ मसीही सेवकाई के वरदानों के बारे में लिखा (इफिसियों 4:11) तो उसका यह उद्देश्य कदापि नहीं था कि उसके द्वारा प्रयुक्त वे शीर्षक मसीही मण्दलियों में उत्कृष्ठ तथा आदरपूर्ण उपाधियाँ या पदवियाँ बना दी जाएं। पौलुस तो केवल यह समझा रहा था कि मसीही मण्डली के सर्वांगीण उत्थान के लिए भिन्न सेवकाईयों की आवश्यकता है, जिसके लिए परमेश्वर ने भिन्न सेवकों को नियुक्त किया है। किसी भी सेवक की सेवकाई किसी अन्य से बड़ी या छोटी, अथवा अधिक महत्वपूर्ण या कम महत्वपूर्ण नहीं है; वरन सबकी सेवकाई का एक ही उद्देश्य है कि मिल-जुल कर सेवा द्वारा मसीह की देह अर्थात मसीह की मण्डली उन्नति पाए।

   जो बात अधिक महत्वपूर्ण थी वह थी इन वरदानों का उद्देश्य और प्रयोग, ना कि उन्हें पदवी के समान उपयोग करके मण्डली में ऊँच-नीच की भावना लाना। पौलुस ने यह समझाने के लिए लिखा, "जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए" (इफिसियों 4:12)। मसीही विश्वासियों की मण्डली में हमारी पदवी अथवा उपाधि का कोई महत्व नहीं है। महत्व है तो इस बात का कि हम प्रभु के लोगों के विश्वास को स्थिर और दृढ़ करने में परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपनी भूमिका भली-भांति निभाते हैं या नहीं। जब हम परमेश्वर के वचन बाइबल के मापदण्डों के अनुसार अपनी कार्य के प्रभावी एवं उपयोगी होने को मापने लगते हैं तो फिर इसका कोई महत्व नहीं रह जाता कि हमारी पदवी या उपाधि क्या है, या वह है भी अथवा नहीं, या फिर कब और कैसे उसे किसी अन्य में परिवर्तित कर दिया गया है, या किसी अन्य को हमारे स्थान पर रख दिया गया है।

   परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम और समर्पण के कारण हमारा कर्तव्य तथा कार्य है कि हम अपने साथी मसीही विश्वासियों को उभारने, संवारने और परमेश्वर की निकटता में बढ़ाने मे अपना योगदान देते रहें; और स्वर्ग में परमेश्वर हमें अपने आँकलन के अनुसार प्रतिष्ठित करेगा: "...धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्द में सम्भागी हो" (मत्ती 25:21)। - सी. पी. हिया


परमेश्वर द्वारा हमें दिए गए वरदान हमारे द्वारा दूसरों की सेवकाई के लिए हैं।

क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों 2:10

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:11-16
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। 
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। 
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। 
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। 
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 26-27
  • मरकुस 14:27-53


सोमवार, 14 मार्च 2016

भटकने वाले


   उत्कृष्ट तथा सुप्रसिद्ध मसीही भजन "Come, Thou Fount of Every Blessing" (हे प्रभु! आशीष के सोते) सन 1757 में 22 वर्षीय रॉबर्ट रॉबिन्सन द्वारा लिखा गया था। इस भजन की एक पंक्ति है जो हमेशा ही मेरा ध्यान खींचती है और मुझे आत्म-निरीक्षण करने के लिए बाध्य करती है; यह पंक्ति का भाव है, "तुझसे भटक जाने, अपने परमेश्वर से दूर हो जाने की मेरी प्रवृति बनी रहती है, मैं यह जानता हूँ।" मुझे लगता है कि यह बात मेरे लिए भी उतनी ही सत्य है जितनी कि रॉबर्ट रॉबिन्सन के लिए थी। कितनी ही बार मैं देखता हूँ कि बजाए इसके कि मैं अपने उद्धाकर्ता पर मन लगाए रखूँ जिसने मेरे उद्धार के लिए अपने प्राण बलिदान किए, जो मुझ से असीम प्रेम करता है, मेरा मन संसार की बातों में इधर-उधर भागता भटकता फिरता है; और मैं तथा रॉबर्ट रॉबिन्सन इस बात में अकेले नहीं हैं।

   लेकिन साथ ही यह भी सत्य है कि भटकने के उन समयों में हमारे हृदय की मूल भावना परमेश्वर को छोड़ कर उस से दूर चले जाने की नहीं होती। हम तो बस प्रेरित पौलुस की सी दशा में होते हैं, जब पौलुस ने कहा: "क्योंकि जिस अच्छे काम की मैं इच्छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता वही किया करता हूं" (रोमियों 7:19)। ऐसे भटक जाने स्थिति में हमारी तीव्र इच्छा, हमें संभाल कर रख सकने वाले अपने प्रभु परमेश्वर की ओर वापस मुड़ जाने की होनी चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार अपने ऐसे ही संघर्ष को लेकर लिखता है, "मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे" (भजन 119:10)।

   कभी-कभी चाहे हमारे मन परमेश्वर के निकट आने के लालयित हों, जीवन की परिस्थितियाँ या संसार के आकर्षण हमें परमेश्वर से तथा उसके वचन से दूर ले जाते हैं। लेकिन हमें कितना अधिक धन्यवादी होना चाहिए उस धीरजवन्त, दयालु, प्रेमी पिता परमेश्वर के लिए जिसका अनुग्रह हम पर बना रहता है और हमारे उससे भटक जाने की दशा में भी उसका प्रेम हमारे प्रति कम नहीं होता, वरन वह साधन करता है कि हम उसके पास लौट आएं, उसकी संगति में बने रहें। - बिल क्राउडर


हमारी भटकने की प्रवृति से कहीं अधिक सामर्थी है परमेश्वर की हमें खोजने और अपने पास ले आने की प्रवृति।

मैं खोई हुई भेड़ की नाईं भटका हूं; तू अपने दास को ढूंढ़ ले, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूल नहीं गया। - भजन 119:176

बाइबल पाठ: भजन 119:9-16
Psalms 119:9 जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से। 
Psalms 119:10 मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे! 
Psalms 119:11 मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं। 
Psalms 119:12 हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियां सिखा! 
Psalms 119:13 तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है। 
Psalms 119:14 मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं। 
Psalms 119:15 मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा। 
Psalms 119:16 मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 23-25
  • मरकुस 14:1-26


रविवार, 13 मार्च 2016

सामर्थ


   अक्टूबर 2012 के अन्तिम दिनों में अमेरिका के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में एक प्रचण्ड तूफान आया जिससे उस इलाके में भीषण विनाश और बाढ़ आई। उस तूफान के कारण 80 लाख से अधिक लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ा जिससे भोजन वस्तुओं और पानी की भारी कमी हो गई और यातायात के साधन रुक गए। तेज़ हवाओं के कारण बहुत से घर गिर गए, रिहायशी इलाकों में मलबा और रास्तों पर रेत भर गया और जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

   प्राकृतिक तूफान के समान ही कोई व्यक्तिगत त्रासदी भी हमें अन्दर से ध्वस्त, असहाय और अन्धकार से भरा हुआ छोड़ सकती है। लेकिन ऐसे कठिन समयों में परमेश्वर अपने वचन बाइबल से अपने बच्चों को आश्वस्त करता है "वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है" (यशायाह 40:29)।

   हमारे कठिन समयों में, जब हमें लगता है कि हम अपने जीवन और सामर्थ के न्यून्तम बिन्दु पर पहुंच गए हैं, वहाँ भी हम अपने परमेश्वर पिता में आश्वस्त होकर उस पर भरोसा रख सकते हैं, और उससे सामर्थ पा सकते हैं क्यों कि उसने हम से वायदा किया है, "परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे" (यशायाह 40:31)।

   जीवन के प्रत्येक तूफान में परमेश्वर ही हमारा बल और सामर्थ बना रहता है, हमें सुरक्षित लिए चलता है, पार लगाता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


आश्रय की सामर्थ का वास्तविक प्रमाण तूफान आने पर ही होता है।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: यशायाह 40:25-31
Isaiah 40:25 सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है। 
Isaiah 40:26 अपनी आंखें ऊपर उठा कर देखो, किस ने इन को सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले ले कर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।
Isaiah 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता? 
Isaiah 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है। 
Isaiah 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। 
Isaiah 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; 
Isaiah 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 20-22
  • मरकुस 13:21-37


शनिवार, 12 मार्च 2016

अनोखी तथा अनूठी


   परमेश्वर के वचन बाइबल का स्वर्णिम नियम - जैसा आप चाहते हैं कि आप के साथ हो, आप भी वैसा ही दुसरों के साथ करें, अन्य कई धर्मों में भी पाया जाता है। तो फिर प्रभु यीशु द्वारा कही गई इस बात में क्या अनोखा या अनूठा है?

   यह अनोखा या अनूठापन है प्रभु यीशु द्वारा प्रयुक्त "इस कारण" में; जो हमारे प्रति परमेश्वर पिता द्वारा दिखाए गए प्रेम और उदारता को इस नियम के निभाने के साथ जोड़ता है। प्रभु यीशु ने कहा: "इस कारण जो कुछ तुम चाहते हो, कि मनुष्य तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो; क्योंकि व्यवस्था और भविष्यद्वक्तओं की शिक्षा यही है" (मत्ती 7:12)।

   हम में से कोई भी ऐसा नहीं है जो उस सत्य को पूरी तरह से निभाता है जिसे वह भली-भांति जानता है: हम औरों से वैसा प्रेम नहीं करते जैसा परमेश्वर ने हम से किया है; जिस प्रेम को प्रभु यीशु ने अपने जीवन से, और हमें पापों से मुक्ति का मार्ग प्रदान करने के लिए अपने बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा प्रमाणित तथा प्रदर्शित किया है।

   हमारे प्रेमी और उदार स्वर्गीय परमेश्वर पिता ने हमारे प्रति अपने प्रेम की परिपूर्णता प्रभु यीशु में होकर प्रगट की है; और अब वह चाहता है कि प्रभु यीशु पर विश्वास लाने और पापों की क्षमा प्राप्त करने वाले उसके सभी बच्चे अपने पिता के इस प्रेमी और उदार स्वभाव को अपने जीवनों से दिखाएं - वे भी औरों से वैसा ही प्रेम रखें जैसा वे चाहते हैं कि और लोग उन से करें। क्योंकि परमेश्वर ने हम से पहले होकर प्रेम किया, इसलिए हमें भी औरों के प्रति पहले होकर प्रेम दिखाना है (1 यूहन्ना 4:19-21)।

   हमारा परमेश्वर पिता चाहता है कि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करें, परन्तु ऐसा करने के लिए आज्ञा देकर वह हमें अपनी ही युक्तियों एवं साधनों पर नहीं छोड़ देता, वरन उस आज्ञापालन के लिए योग्य सामर्थ तथा मार्गदर्शन भी देता है - और मसीही विश्वास की यह बात, परमेश्वर के साथ पिता और सन्तान का रिश्ता तथा परमेश्वर पिता से उसकी आज्ञाकारिता में रहने के लिए लगातार मिलती रहने वाला सामर्थ तथा मार्गदर्शन एक ऐसी अनोखी तथा अनूठी बात है जो अन्य किसी भी धर्म में नहीं पाई जाती। हमारा परमेश्वर पिता हमारी सहायता के लिए सदैव तत्पर और तैयार रहता है, हमें बस उसे पुकारने भर की देर है। - डेविड रोपर


बाइबल के स्वर्णिम नियम को केवल स्मरण ही ना रखें, उसे जीवन में लागू भी करें।

हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उसने हम से प्रेम किया। यदि कोई कहे, कि मैं परमेश्वर से प्रेम रखता हूं; और अपने भाई से बैर रखे; तो वह झूठा है: क्योंकि जो अपने भाई से, जिस उसने देखा है, प्रेम नहीं रखता, तो वह परमेश्वर से भी जिसे उसने नहीं देखा, प्रेम नहीं रख सकता। और उस से हमें यह आज्ञा मिली है, कि जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे। 1 यूहन्ना 4:19-21

बाइबल पाठ: मत्ती 7:1-12
Matthew 7:1 दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए। 
Matthew 7:2 क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा। 
Matthew 7:3 तू क्यों अपने भाई की आंख के तिनके को देखता है, और अपनी आंख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता?
Matthew 7:4 और जब तेरी ही आंख मे लट्ठा है, तो तू अपने भाई से क्योंकर कह सकता है, कि ला मैं तेरी आंख से तिनका निकाल दूं। 
Matthew 7:5 हे कपटी, पहले अपनी आंख में से लट्ठा निकाल ले, तब तू अपने भाई की आंख का तिनका भली भांति देखकर निकाल सकेगा।
Matthew 7:6 पवित्र वस्तु कुत्तों को न दो, और अपने मोती सूअरों के आगे मत डालो; ऐसा न हो कि वे उन्हें पांवों तले रौंदें और पलट कर तुम को फाड़ डालें।
Matthew 7:7 मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। 
Matthew 7:8 क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है; और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा। 
Matthew 7:9 तुम में से ऐसा कौन मनुष्य है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर दे? 
Matthew 7:10 वा मछली मांगे, तो उसे सांप दे? 
Matthew 7:11 सो जब तुम बुरे हो कर, अपने बच्‍चों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता अपने मांगने वालों को अच्छी वस्तुएं क्यों न देगा? 
Matthew 7:12 इस कारण जो कुछ तुम चाहते हो, कि मनुष्य तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो; क्योंकि व्यवस्था और भविष्यद्वक्तओं की शिक्षा यही है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 17-19
  • मरकुस 13:1-20


शुक्रवार, 11 मार्च 2016

ज़ुबान


   अमेरिका के भूतपुर्व राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन का एक नियम था - आवेश या क्रोध में आकर लिखे गए हर पत्र को भेजे जाने से पहले 24 घंटे उनकी मेज़ पर ही रखे रहना होता था। यदि 24 घंटे के शांत होने के समय के बीत जाने के बाद भी वे उस संबंध में वैसा ही सोचते थे जैसा पत्र लिखने के समय, तब तो पत्र भेज दिया जाता, अन्यथा वह मेज़ की एक दराज़ में डाल दिया जाता। उनके राष्ट्रपति काल के समाप्त होने तक, अनभेजे पत्रों से एक बड़ी दराज़ भर गई थी।

   हैरी टूमैन तो 24 घंटे का संयम रखते थे; किंतु तत्कालिक संचार के इस युग में यदि हम 24 मिनिट का भी बुद्धिमता पूर्ण संयम बरत लें तो ना जाने कितनी बातों में शर्मिंदा होने या उनके लिए पछतावा करने से बच सकते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने मानव इतिहास तथा संसार भर में बार-बार दोहराए जाने वाले प्रसंग - अनियंत्रित ज़ुबान से होने वाले नुकसानों के संबंध में लिखा: "पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है" (याकूब 3:8)।

   जब हम क्रोध या आवेश में आकर बोलते हैं, या फिर कानफूसी द्वारा बात इधर से उधर पहुँचाते हैं, तो हम अपने आप को परमेश्वर द्वारा दी गई नियंत्रण रेखा की सीमा के बाहर पाते हैं। उस संयम का ध्यान करके जो परमेश्वर हमारे प्रति दिखाता है, हमें अपनी ज़ुबान, कलम या कीबोर्ड द्वारा किसी को कुछ कहने या लिखने से पहले वैसे ही संयम का प्रयास करना चाहिए और परमेश्वर का उसके संयम के लिए धन्यवादी होना चाहिए। जब कभी हम अनियंत्रित होकर कुछ कहते या करते हैं, हम मानव होने के कारण अपनी कमज़ोरी और टूटेपन का एहसास दुसरों को करवाते हैं।

   यदि मसीह यीशु में विश्वास लाने से होने वाले परिवर्तन को हमें दूसरों को दिखाना है, तो अपनी ज़ुबान को नियंत्रित कर पाने से अधिक कुछ और दिखाने की शायद कोई आवश्यकता नहीं होगी। यदि हम अपनी ज़ुबान को नियंत्रित रख कर परमेश्वर के समान प्रेम और संयम को दुसरों के प्रति दिखाते हैं तो अवश्य ही लोगों का ध्यान खेंचने पाएंगे। - रैंडी किल्गोर


जो अपने मुंह को वश में रखता है वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है। - नीतिवचन 21:23

यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है। - याकूब 1:26

बाइबल पाठ: याकूब 3:1-11
James 3:1 हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्योंकि जानते हो, कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे। 
James 3:2 इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है। 
James 3:3 जब हम अपने वश में करने के लिये घोड़ों के मुंह में लगाम लगाते हैं, तो हम उन की सारी देह को भी फेर सकते हैं। 
James 3:4 देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचण्‍ड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्छा के अनुसार घुमाए जाते हैं। 
James 3:5 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है। 
James 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। 
James 3:7 क्योंकि हर प्रकार के बन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्‍तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं। 
James 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है। 
James 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्पन्न हुए हैं श्राप देते हैं। 
James 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं। 
James 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नहीं होना चाहिए। 
James 3:12 क्या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलते हैं? हे मेरे भाइयों, क्या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 14-16
  • मरकुस 12:28-44