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शनिवार, 31 अक्टूबर 2015

प्रेम-दृष्टि


   मार्क सालेम के कार्यक्रमों में आने वाले अनेक लोग यह मानते हैं कि वह उनके मन को पढ़ लेता है; लेकिन मार्क ऐसा कोई दावा नहीं करता। मार्क का कहना है कि वह ना तो कोई जादूगर है और ना ही उसमें लोगों के अन्दर देख पाने की क्षमता है, वह तो केवल उसके पास आने वाले लोगों की हर बात को बारीकी से देखता है और उसका आंकलन करता है। मार्क ने लेखिका जेनिफर मुलसन से एक साक्षात्कार में कहा, "हम एक ऐसे संसार में रहते हैं जो हमारे लिए प्रायः अदृश्य है क्योंकि हम बातों पर ध्यान नहीं देते हैं...मैं लोगों द्वारा प्रगट करी जा रही बातों के प्रति अति संवेदनशील रहता हूँ।"

   यह जानना रुचिकर है कि प्रभु यीशु लोगों में क्या देखते थे। अनन्त जीवन के खोजी एक धनी जवान व्यक्ति से हुई प्रभु यीशु की बातचीत इसका एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करती है। यह बातचीत परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती, मरकुस और लूका नामक तीन पुस्तकों में दर्ज है। मरकुस ने अपने विवरण में एक रोचक बात लिखी है, "यीशु ने उस पर दृष्टि कर के उस से प्रेम किया..." (मरकुस 10:21)। क्योंकि यह जवान व्यक्ति धनवान था, संभवतः कुछ लोग उससे ईर्ष्या करते होंगे; या उसके आज्ञाओं को लड़कपन से मानते आने (मरकुस10:19-20) के दावे को लेकर उसे घमण्डी समझते होंगे, लेकिन प्रभु यीशु मे उसे प्रेम-दृष्टि से देखा।

   इस घटना को पढ़ते समय हम अकसर उस अमीर जवान व्यक्ति के अपने धनसंपत्ति को त्यागकर प्रभु यीशु के पीछे हो लेने से इंकार करने और वापस लौट जाने (पद 22) पर ध्यान करते हैं; प्रभु यीशु के चेलों ने भी ऐसा ही किया और किसी धनी व्यक्ति के परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर पाने की कठिनाई से चकित हुए (पद 26), लेकिन प्रभु यीशु ने फिर से अपने प्रेम का उदाहरण देते हुए चेलों से कहा, "...मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है" (पद 27)।

   आज भी प्रभु यीशु संसार के हर जन को प्रेम-दृष्टि से देखता है, हर जन को अपने पास आमंत्रित करता है, सभी को उसके पास लौट आने की प्रतीक्षा करता है। प्रभु यीशु के इस निमंत्रण के प्रति आपका प्रत्युत्तर क्या है? - डेविड मैक्कसलैंड


परमेश्वर के पास सब कुछ देखने और जानने वाली दृष्टि और सबको क्षमा कर देने वाला मन है।

यह हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर को अच्छा लगता, और भाता भी है। वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। - 1 तिमुथियुस 2:3-4

बाइबल पाठ: मरकुस 10:17-27
Mark 10:17 और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उस से पूछा हे उत्तम गुरू, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूं? 
Mark 10:18 यीशु ने उस से कहा, तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक अर्थात परमेश्वर। 
Mark 10:19 तू आज्ञाओं को तो जानता है; हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना। 
Mark 10:20 उसने उस से कहा, हे गुरू, इन सब को मैं लड़कपन से मानता आया हूं। 
Mark 10:21 यीशु ने उस पर दृष्टि कर के उस से प्रेम किया, और उस से कहा, तुझ में एक बात की घटी है; जा, जो कुछ तेरा है, उसे बेच कर कंगालों को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले। 
Mark 10:22 इस बात से उसके चेहरे पर उदासी छा गई, और वह शोक करता हुआ चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था। 
Mark 10:23 यीशु ने चारों ओर देखकर अपने चेलों से कहा, धनवानों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है! 
Mark 10:24 चेले उस की बातों से अचंभित हुए, इस पर यीशु ने फिर उन को उत्तर दिया, हे बालको, जो धन पर भरोसा रखते हैं, उन के लिये परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है! 
Mark 10:25 परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है! 
Mark 10:26 वे बहुत ही चकित हो कर आपस में कहने लगे तो फिर किस का उद्धार हो सकता है? 
Mark 10:27 यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 22-23
  • तीतुस 1


शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2015

अन्तिम अध्याय


   मेरी एक सहेली, जब भी कोई नई रोमांचक किताब पढ़ना आरंभ करती है, वह अन्तिम अध्याय को पहले पढ़ लेती है; उसका कहना है कि ऐसा करने से कथानक से संबंधित उत्सुकता समाप्त हो जाती है और फिर वह शान्त होकर किताब को पढ़ सकती है। ऐसा ही हम मसीही विश्वासियों के साथ भी है; क्योंकि प्रभु यीशु द्वारा संसार की गाथा का अन्त हम पर प्रगट कर दिया गया है इसलिए वर्तमान की सभी अशान्ति, विपित्तियों और अव्यवस्था के बीच हम शान्ति के केंद्र बनकर जी सकते हैं।

   प्रभु यीशु ने हमें आश्वस्त किया है, "मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है" (यूहन्ना 16:33)। प्रभु यीशु का यह आश्वासन हमें हमारी प्रतिदिन की समस्याओं पर जयवन्त करता है। हमारे चारों ओर चाहे राज्य गिरें, चाहे हमारे मित्र बदल जाएं, या हमारे अराधनालय बन्द कर दिए जाएं, या फिर समुद्र चढ़ आए अथवा पर्वत हम पर टूट जाएं, लेकिन प्रभु यीशु में होकर हम शान्त बने रह सकते हैं - कैसे? यह स्मरण करते हुए कि प्रभु यीशु का आगमन निकट है (याकूब 5:8)।

   प्रभु यीशु ने अपने दूसरे आगमन के जो चिन्ह अपने चेलों को बताए थे वे सब पूरे हो चले हैं; इससे हम जानते हैं कि अब उसका आगमन बहुत निकट है, वरन वह द्वार ही पर है। प्रभु किसी भी क्षण आ सकता है और उसके आगमन के साथ हर गलत बात ठीक कर दी जाएगी, यह संसार और इसकी हर बात प्रभु की आधीनता में हो जाएगी, वह सब कुछ ठीक और सही कर देगा, और तब "पृथ्वी यहोवा की महिमा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसे समुद्र जल से भर जाता है" (हबकुक 2:14)।

   प्रभु यीशु ने कहा, "...हां मैं शीघ्र आने वाला हूं" (प्रकाशितवाक्य 22:20)। आज प्रभु यीशु के आगमन का दिन हो सकता है! परमेश्वर के वचन बाइबल के अन्तिम अध्याय में प्रभु द्वारा कही गई अन्तिम बात यही है; यह पूरी अवश्य ही होगी, संभवतः आज ही! - डेविड रोपर


प्रभु यीशु के पुनःआगमन से अधिक व्यावाहरिक दैनिक मसीही जीवन को प्रभावित करने वाला सिद्धांत कोई अन्य नहीं है।

तुम भी धीरज धरो, और अपने हृदय को दृढ़ करो, क्योंकि प्रभु का शुभागमन निकट है। - याकूब 5:8

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 22:6-20
Revelation 22:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें विश्वास के योग्य, और सत्य हैं, और प्रभु ने जो भविष्यद्वक्ताओं की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि अपने दासों को वे बातें जिन का शीघ्र पूरा होना अवश्य है दिखाए। 
Revelation 22:7 देख, मैं शीघ्र आने वाला हूं; धन्य है वह, जो इस पुस्‍तक की भविष्यद्वाणी की बातें मानता है।
Revelation 22:8 मैं वही यूहन्ना हूं, जो ये बातें सुनता, और देखता था; और जब मैं ने सुना, और देखा, तो जो स्वर्गदूत मुझे ये बातें दिखाता था, मैं उसके पांवों पर दण्‍डवत करने के लिये गिर पड़ा। 
Revelation 22:9 और उसने मुझ से कहा, देख, ऐसा मत कर; क्योंकि मैं तेरा और तेरे भाई भविष्यद्वक्ताओं और इस पुस्‍तक की बातों के मानने वालों का संगी दास हूं; परमेश्वर ही को दण्‍डवत कर।
Revelation 22:10 फिर उसने मुझ से कहा, इस पुस्‍तक की भविष्यद्ववाणी की बातों को बन्‍द मत कर; क्योंकि समय निकट है।
Revelation 22:11 जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है, वह पवित्र बना रहे। 
Revelation 22:12 देख, मैं शीघ्र आने वाला हूं; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है। 
Revelation 22:13 मैं अलफा और ओमिगा, पहिला और पिछला, आदि और अन्‍त हूं। 
Revelation 22:14 धन्य वे हैं, जो अपने वस्‍त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के पेड़ के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे। 
Revelation 22:15 पर कुत्ते, और टोन्‍हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा।
Revelation 22:16 मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे: मैं दाऊद का मूल, और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूं।
Revelation 22:17 और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।
Revelation 22:18 मैं हर एक को जो इस पुस्‍तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूं, कि यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए, तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्‍तक में लिखीं हैं, उस पर बढ़ाएगा। 
Revelation 22:19 और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्‍तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्‍तक में है, उसका भाग निकाल देगा।। 
Revelation 22:20 जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं। आमीन। हे प्रभु यीशु आ।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 20-21
  • 2 तिमुथियुस 4


गुरुवार, 29 अक्टूबर 2015

अद्भुत


   जैसे ही हमारा वायुयान उतरने लगा, विमान परिचारिका ने उतरने से संबंधित जानकारी पढ़नी आरंभ कर दी; उसका बताने का तरीका ऐसा था मानों वह उस दिन में हज़ारवीं बार दोहरा रही हो - ना कोई रुचि और ना ही कोई भावना; रूखी नीरस आवाज़ में उसने जानकारी की सूचि को पढ़कर समाप्त करते हुए कहा, "आपका दिन अत्युत्तम रहे" जबकि उसके कहने के लहज़े में उस दिन को विशेष बताने लायक कुछ भी नहीं था।

   कभी कभी मुझे लगता है कि परमेश्वर के साथ अपने संबंध को हम ऐसे ही देखते हैं - औपचारिक, उबाऊ, बेपरवाह, उदासीन। प्रभु यीशु में होकर हमें परमेश्वर की सन्तान होने, उसके परिवार के सदस्य होने का गौरव प्राप्त हुआ है; लेकिन इस अद्भुत सच्चाई के साथ जो अचरज और आनन्द जुड़ा होना चाहिए अनेक बार वह हमारे जीवनों से दिखाई नहीं देता।

   अय्युब ने परमेश्वर से अपनी परेशानियों और दुखों को लेकर प्रश्न किया, लेकिन जब परमेश्वर ने उसे उत्तर देना और उससे अपनी सृष्टि की अद्भुत बातें बयान करना आरंभ किया तो अय्युब अपने सृष्टिकर्ता और उसकी अद्भुत सृष्टि का वर्णन सुनकर नतमस्तक हो गया, और शर्मिंदगी के साथ परमेश्वर से बोला, तू ने पूछा "तू कौन है जो ज्ञान रहित हो कर युक्ति पर परदा डालता है? परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिन को मैं जानता भी नहीं था" (अय्युब 42:3)।

   मेरी लालसा है कि परमेश्वर और मेरे प्रति उसके अद्भुत प्रेम की अद्भुत सच्चाई मेरे मन को पकड़ ले, वश में कर ले - प्रभु यीशु पर लाए गए विश्वास द्वारा परमेश्वर की सन्तान हो जाना - क्या ही अद्भुत बात है! - बिल क्राउडर


परमेश्वर और हमारे प्रति उसके प्रेम से बढ़कर अद्भुत कोई भी अन्य बात नहीं है।

देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्यूब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है। - याकूब 5:11

बाइबल पाठ: अय्युब 42:1-6
Job 42:1 तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया; 
Job 42:2 मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती। 
Job 42:3 तू कौन है जो ज्ञान रहित हो कर युक्ति पर परदा डालता है? परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिन को मैं जानता भी नहीं था। 
Job 42:4 मैं निवेदन करता हूं सुन, मैं कुछ कहूंगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता दे। 
Job 42:5 मैं कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं; 
Job 42:6 इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चात्ताप करता हूँ।

एक साल में बाइबल: यिर्मयाह 18-19; 2 तिमुथियुस 3

बुधवार, 28 अक्टूबर 2015

प्रतीक्षा


   आज के समय में, जब कि तत्क्षण संपर्क और संवाद के विभिन्न साधन सहजता से उपलब्ध हैं, तब भी लोग दूसरों से उत्तर मिलने की प्रतीक्षा नहीं कर पाते। मेरे एक जानकार ने अपनी पत्नि को पहले एक ईमेल भेजा, और फिर उससे फोन पर बात करने लगा, क्योंकि वह ईमेल के उत्तर की प्रतीक्षा नहीं कर पा रहा था!

   कभी कभी हम मनुष्य अधीरता का ऐसा ही रवैया परमेश्वर के प्रति भी रखते हैं, विशेषकर तब, जब वह हमारी प्राथनाओं के उत्तर तुरंत नहीं देता। हम ही नहीं, परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भी कुछ ऐसा ही रवैया दिखाते हुए कहा, "हे यहोवा, फुर्ती कर के मेरी सुन ले; क्योंकि मेरे प्राण निकलने ही पर हैं मुझ से अपना मुंह न छिपा, ऐसा न हो कि मैं कबर में पड़े हुओं के समान हो जाऊं" (भजन 143:7)।

   लेकिन परमेश्वर हमें धैर्य के पाठ पढ़ा कर हमारे विश्वास को दृढ़ करता है। दाऊद को लड़कपन में ही इस्त्राएल का राजा होने के लिए अभिशेक कर दिया गया था, लेकिन उसे वर्षों तक शाऊल के क्रोध से जान बचाते हुए यहाँ से वहाँ भागना पड़ा, तब ही जाकर वह राजा बन सका। इन बातों से दाऊद निराश नहीं हुआ, वरन उसने लिखा, "यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह" (भजन 27:14)। अपने एक अन्य भजन में दाऊद लिखता है, "मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है" (भजन 40:1-2)। परमेश्वर पर अपने इसी विश्वास के कारण आगे चलकर दाऊद के विषय परमेश्वर ने कहा, "... कि मुझे एक मनुष्य यिशै का पुत्र दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरे सारी इच्छा पूरी करेगा" (प्रेरितों 13:22; 1 शमूएल 13:14)।

   जब हम परिस्थितियों और परेशानियों से, तथा परमेश्वर से प्रार्थना का उत्तर ना मिल पाने से निराश होने लगें तो दाऊद के जीवन का यह उदाहरण स्मरण और ध्यान रखें कि परमेश्वर हमारे विश्वास और चरित्र के विकास में रुचि रखता है (याकूब 1:2-4) और इसके लिए जो भी आवश्यक है वह करता है, चाहे वह विलंब ही क्यों ना हो! परमेश्वर के समय और उपाय की प्रतीक्षा करना सीखें, परिणाम लाभप्रद ही होंगे। - डेनिस फिशर


परमेश्वर हमारे धैर्य को खींचकर हमारे विश्वास के आकार को बढ़ाता है।

हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे। - याकूब 1:2-4

बाइबल पाठ: भजन 27
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? 
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। 
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे। 
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा। 
Psalms 27:9 अपना मुख मुझ से न छिपा। अपने दास को क्रोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे! 
Psalms 27:10 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
Psalms 27:11 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल। 
Psalms 27:12 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता। 
Psalms 27:14 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 15-17
  • 2 तिमुथियुस 2


मंगलवार, 27 अक्टूबर 2015

सामर्थी सहायक


   एक दिन प्रातः बहुत तड़के तेज़ हवा चलने लगी और बारिश की मोटी मोटी बूँदें मेरे घर पर कंकरों के समान गिरने लगीं। मैंने बाहर झाँककर धुँधले पीले-स्लेटी आकाश को और तेज़ हवा के थपेड़ों से पेड़ों को हिलते हुए देखा। आकाश में बिजली बार बार तेज़ी से कौंध रही थी और उसके कड़कने की आवाज़ हड्डियों को भी हिला रही थी। घर के अन्दर की बिजली कभी आती और कभी चली जाती, और मैं सोच में थी कि यह तूफान कब तक चलेगा?

   उस तूफान के गुज़र जाने के बाद मैंने अपने दैनिक मनन के लिए परमेश्वर के वचन बाइबल को खोला। मेरा ध्यान बाइबल में अय्युब की पुस्तक के उस भाग पर गया जहाँ तूफान के बल को परमेश्वर की सामर्थ को समझाने के लिए उपयोग किया गया है। अय्युब के मित्र एलिहू ने कहा, "ईश्वर गरज कर अपना शब्द अद्भूत रीति से सुनाता है, और बड़े बड़े काम करता है जिन को हम नहीं समझते" (अय्युब 37:5); "वह बिजली को अपने हाथ में ले कर उसे आज्ञा देता है कि दुश्मन पर गिरे" (अय्युब 36:32)। वास्तव में परमेश्वर "अति सामर्थी" है (अय्युब 37:23)।

   अति सामर्थी परमेश्वर के सामने हम मनुष्य बहुत ही सामर्थहीन हैं। ना तो हम अपने आप को आत्मिक रीति से संभाले रख सकते हैं, ना अपने मनों को स्वस्थ रख सकते हैं और ना ही उस अन्याय का कोई समाधान कर पाते हैं जिसे हमें अकसर सहना पड़ता है। लेकिन वह अति सामर्थी परमेश्वर हमें संभालता है, हमारी चिंता करता है, क्योंकि उसे हमारी सृष्टि स्मरण रहती है (भजन103:14)। ना केवल वह हमारी देखभाल और चिंता करता है वरन "वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है" (यशायाह 40:29)। हम मसीही विश्वासी इस बात द्वारा आश्वस्त और निशचिंत रह सकते हैं कि हमारा परमेश्वर पिता हमारा सामर्थी सहायक भी है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर ही हमारी सामर्थ का स्त्रोत है।

क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है। - भजन 103:14 

बाइबल पाठ: अय्युब 37:14-24
Job 37:14 हे अय्यूब! इस पर कान लगा और सुन ले; चुपचाप खड़ा रह, और ईश्वर के आश्चर्यकर्मों का विचार कर। 
Job 37:15 क्या तू जानता है, कि ईश्वर क्योंकर अपने बादलों को आज्ञा देता, और अपने बादल की बिजली को चमकाता है? 
Job 37:16 क्या तू घटाओं का तौलना, वा सर्वज्ञानी के आश्चर्यकर्म जानता है? 
Job 37:17 जब पृथ्वी पर दक्खिनी हवा ही के कारण से सन्नाटा रहता है तब तेरे वस्त्र क्यों गर्म हो जाते हैं? 
Job 37:18 फिर क्या तू उसके साथ आकाशमण्डल को तान सकता है, जो ढाले हुए दर्पण के तुल्य दृढ़ है? 
Job 37:19 तू हमें यह सिखा कि उस से क्या कहना चाहिये? क्योंकि हम अन्धियारे के कारण अपना व्याख्यान ठीक नहीं रच सकते। 
Job 37:20 क्या उसको बताया जाए कि मैं बोलना चाहता हूँ? क्या कोई अपना सत्यानाश चाहता है? 
Job 37:21 अभी तो आकाशमण्डल में का बड़ा प्रकाश देखा नहीं जाता जब वायु चलकर उसको शुद्ध करती है। 
Job 37:22 उत्तर दिशा से सुनहली ज्योति आती है ईश्वर भययोग्य तेज से आभूषित है। 
Job 37:23 सर्वशक्तिमान जो अति सामथीं है, और जिसका भेद हम पा नहीं सकते, वह न्याय और पूर्ण धर्म को छोड़ अत्याचार नहीं कर सकता। 
Job 37:24 इसी कारण सज्जन उसका भय मानते हैं, और जो अपनी दृष्टि में बुद्धिमान हैं, उन पर वह दृष्टि नहीं करता।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 12-14
  • 2 तिमुथियुस 1


सोमवार, 26 अक्टूबर 2015

भीतर और बाहर


   मेरी पत्नि मार्टी खरीददारी करने में बड़ी सावधानी बरतती है, वह निश्चित करती है कि जो वह परिवार के लिए खरीद रही है वह पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक है। चाहे उस वस्तु को कितनी भी आकर्षक पैकिंग में क्यों ना रखा गया हो, मार्टी बाहर से दिखने वाले स्वरूप पर नहीं जाती; वह पैकिंग पर लिखा देखती है कि प्रत्येक वस्तु में क्या कुछ डाला गया है क्योंकि अनेक प्रकार के पदार्थ भोजन वस्तुओं को खराब होने से बचाने के लिए उनमें मिलाए जाते हैं और उन पदार्थों में से कुछ स्वस्थ्य के लिए हानिकारक भी होते हैं। इसलिए चाहे उन पदार्थों के नाम पढ़ने में कितने भी कठिन क्यों ना हों, मार्टी उन्हें ध्यान से पढ़कर, उनकी जानकारी लेकर तब ही खरीदती है; यदि कोई वस्तु हानिकारक या अनजाने पदार्थों वाली होती है तो वह उसे वापस रख देती है। मार्टी को अपने तथा अपने परिवार के लिए बाहर से सुन्दर तथा आकर्षक दिखने वाली नहीं वरन अन्दर से अच्छी और स्वास्थ्यवर्धक वस्तुएं चाहिएं।

   मैंने अकसर यह सोचा है कि मार्टी का खरीददारी करने का तरीका परमेश्वर का अपने लिए हमारी उपयोग्यता का आँकलन करने के तरीके के समान है। परमेश्वर भी हमारे जीवनों के बाहरी स्वरूप और सज्जा या अन्य मनुष्यों द्वारा हमारे बारे में रखी गई राय के आधार पर नहीं वरन हम जैसे अन्दर से हैं, जो हमारे मनों में है, उसके अनुसार हमारा आँकलन करता है। इसलिए कोई अचरज की बात नहीं कि परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन का लेखक कहता है, "सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है" (नीतिवचन 4:23)। संसार की रीति के अनुसार सही फैशन के कपड़े पहनना, अपने आप को सजाए-संवारे रखना, जवान दिखते रहने के प्रयास करते रहना आदि ठीक है, परन्तु इन बातों का कोई महत्व नहीं यदि हमारे मनों में लालच, घृणा, कुड़कुड़ाना, बैर, विरोध, आत्मग्लानि आदि हानिकारक और अनुपयोगी बातें भरी हुई हैं; ये ना तो हमारे अपने स्वास्थ्य के लिए अच्छी होंगी और ना ही हमें परमेश्वर के लिए उपयोगी बनने देंगी।

   इसलिए हमें अपने आप से प्रश्न करना है: जब लोग हमारे बाहरी स्वरूप से पार होकर हमारे भीतरी मनुष्यतव को देखते हैं तो उन्हें क्या दिखाई देता है? क्या मेरी बाहरी सुन्दरता के बाद उन्हें मेरे अन्दर स्वस्थ मसीही चरित्र और गुण नज़र आते हैं? यदि हमारे जीवन आत्मा के फलों (गलतियों 5:22-23) से भरे होंगे, तो हमारे जीवन परमेश्वर के लिए उपयोगी और हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु को महिमा देने वाले, उसकी गवाही देनेवाले भी होंगे। - जो स्टोवैल


आपके बाहरी स्वरूप और सज्जा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण आपके मन की दशा और बातें हैं।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23

बाइबल पाठ: नीतिवचन4:14-27
Proverbs 4:14 दुष्टों की बाट में पांव न धरना, और न बुरे लोगों के मार्ग पर चलना। 
Proverbs 4:15 उसे छोड़ दे, उसके पास से भी न चल, उसके निकट से मुड़ कर आगे बढ़ जा। 
Proverbs 4:16 क्योंकि दुष्ट लोग यदि बुराई न करें, तो उन को नींद नहीं आती; और जब तक वे किसी को ठोकर न खिलाएं, तब तक उन्हें नींद नहीं मिलती। 
Proverbs 4:17 वे तो दुष्टता से कमाई हुई रोटी खाते, और उपद्रव के द्वारा पाया हुआ दाखमधु पीते हैं। 
Proverbs 4:18 परन्तु धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है। 
Proverbs 4:19 दुष्टों का मार्ग घोर अन्धकारमय है; वे नहीं जानते कि वे किस से ठोकर खाते हैं।
Proverbs 4:20 हे मेरे पुत्र मेरे वचन ध्यान धरके सुन, और अपना कान मेरी बातों पर लगा। 
Proverbs 4:21 इन को अपनी आंखों की ओट न होने दे; वरन अपने मन में धारण कर। 
Proverbs 4:22 क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं। 
Proverbs 4:23 सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। 
Proverbs 4:24 टेढ़ी बात अपने मुंह से मत बोल, और चालबाजी की बातें कहना तुझ से दूर रहे। 
Proverbs 4:25 तेरी आंखें साम्हने ही की ओर लगी रहें, और तेरी पलकें आगे की ओर खुली रहें। 
Proverbs 4:26 अपने पांव धरने के लिये मार्ग को समथर कर, और तेरे सब मार्ग ठीक रहें। 
Proverbs 4:27 न तो दाहिनी ओर मुढ़ना, और न बाईं ओर; अपने पांव को बुराई के मार्ग पर चलने से हटा ले।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 9-11
  • 1 तिमुथियुस 6


रविवार, 25 अक्टूबर 2015

प्रेम और जानना


   जौनथन सफरन फोएर के लिखे एक उपन्यास का एक पात्र न्यू यॉर्क शहर में स्थित एम्पायर स्टेट बिल्डिंग के विष्य बातचीत करते हुए कहता है, "मैं इस इमारत को जानता हूँ क्योंकि मैं इस इमारत से प्रेम करता हूँ।"

   इस वाक्य ने मुझे प्रेम और जानने के बीच के संबंध पर विचार करने को विवश किया। जब भी हम किसी चीज़ से प्रेम करते हैं, हम उसके बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं। जब हम किसी स्थान से प्रेम करते हैं, हम उसके प्रत्येक इंच की खोज-बीन करना चाहते हैं। जब हम किसी व्यक्ति से प्रेम करते हैं तो हम उसके जीवन की सभी बातों का संपूर्ण विवरण जानना चाहते हैं - वह कहाँ से है, उसे क्या पसन्द है, वह कहाँ और किन बातों में समय बिताता है, उसके मित्र कौन हैं, वह किन बातों पर विश्वास रखता है, आदि। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो प्रेम तो चाहते हैं परन्तु यह नहीं चाहते कि कोई उन्हें जाने; उन्हें भय होता है कि यदि उनकी सारी बातें लोगों को मालूम पड़ गईं तो फिर लोग उनसे प्रेम नहीं करेंगे।

   लेकिन परमेश्वर के साथ हमें इस बात को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। परमेश्वर का प्रेम मनुष्यों के प्रेम से कहीं बढ़कर है: "परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा" (रोमियों 5:8)। ना केवल परमेश्वर ने प्रभु यीशु में होकर अपने प्रेम को हम पर प्रगट किया है, अपनी सृष्टि और अपने वचन बाइबल के द्वारा परमेश्वर अपने चरित्र और गुण भी हमपर प्रगट करता है। क्योंकि हमारी कमी-घटियों के बावजूद परमेश्वर हम से प्रेम करता है, हमारी अन्दर-बाहर की सारी दशा से भली-भांति अवगत होने के बावजूद वह हमारे साथ संबंध बनाना चाहता है, इसलिए किसी बात से डर कर उससे कुछ भी छुपाने की हमें कोई आवश्यकता नहीं है; हम निसंकोच होकर अपनी हर बात उसके सामने रख सकते हैं, खुले दिल से अपने पापों को भी उसके सामने मान सकते हैं क्योंकि वह तो उन्हें पहले से ही जानता है।

   इसीलिए परमेश्वर को जानना उससे प्रेम करना है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


इससे बढ़कर कोई दूसरा आनन्द नहीं कि हम जानें कि परमेश्वर हम से प्रेम करता है।

प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्‍ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ। हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उसने हम से प्रेम किया। - 1 यूहन्ना 4:18-19

बाइबल पाठ: रोमियों 5:6-11
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। 
Romans 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? 
Romans 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? 
Romans 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 6-8
  • 1 तिमुथियुस 5


शनिवार, 24 अक्टूबर 2015

नया जीवन


   क्रिस सिंप्सन का जीवन घृणा से भरा हुआ था। अपने पहले बच्चे की म्रुत्यु से आहत होकर क्रिस चकरा गया, क्रोध और रोष से भर गया। उसने अपने क्रोध का निशाना विभिन्न जातीय समुदायों को बनाया और अपने शरीर पर घृणा से भरे अनेक वाक्य गुदवा लिए। लेकिन जब क्रिस ने अपने बेटे को उसी घृणा की नकल करते देखा तो उसे एहसास हुआ कि उसे अपना रवैया बदलना होगा। उन्हीं दिनों उसने साहस पर बनी मसीही विश्वास से संबंधित एक फिल्म देखी और फिर चर्च जाना आरंभ कर दिया। इसके एक माह पश्चात क्रिस ने प्रभु यीशु का अनुयायी बन कर अपने मसीही विश्वास की गवाही के रूप में बप्तिस्मा लिया। आज क्रिस सिंप्सन एक नया व्यक्ति है, उसने अपने घृणा से भरे जीवन को पीछे छोड़ दिया है और अब वह कष्टदायक तथा महंगी प्रक्रिया में लगा है - अपने बीते जीवन के चिन्हों, उन घृणापूर्ण गोदनों को अपने शरीर से हटाने की प्रक्रिया।

   प्रेरित पौलुस भी इसी प्रकार के जीवन परिवर्तन के गहरे अनुभव से होकर निकला था। पहले वह प्रभु यीशु मसीह से नफरत करता था और प्रभु यीशु के अनुयायियों को सताता था (प्रेरितों 22:4-5; 1 कुरिन्थियों 15:9)। लेकिन प्रभु यीशु मसीह से हुए उसके व्यक्तिगत साक्षत्कार तथा परिणमस्वरूप मसीह यीशु से बने आत्मिक संबंध ने यह सब कुछ बदल दिया। प्रभु यीशु ने जो कार्य क्रूस पर समस्त मानवजाति के लिए किया है उसने पौलुस को अपने जीवन पर पुनःविचार करने के लिए बाध्य किया। प्रभु यीशु के साथ जुड़े इस आत्मिक संबंध ने पौलुस को एक नया मनुष्य बना दिया; अतीत के पाप, मृत्यु और स्वार्थ का पुराना नज़रिया बदल गया, उसके स्थान पर एक नई वाचा, एक नया नज़रिया और जीवन की नई शैली आ गई।

   जब प्रभु यीशु जीवन में आते हैं तो जीवन परिवर्तित हो जाता है; पुरानी बातें बीत जाती हैं (2 कुरिन्थियों 5:17), आशीष और आनन्द से भरा एक नया जीवन आरंभ हो जाता है। - मार्विन विलियम्स


मसीह यीशु में होना नवीनिकरण मात्र नहीं वरन नया र्सृजन है।

मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया। - गलतियों 2:20 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:12-21
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं। 
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। 
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 3-5
  • 1 तिमुथियुस 4


शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2015

जीवन


   जब सन 1997 में मदर टेरेसा का देहान्त हुआ तब लोगों ने समाज के ज़रूरतमन्दों और तिरिस्कृत लोगों के लिए उनके निस्वार्थ प्रेम और दीनता से करी गई सेवकाई के जीवन को अचंभे के साथ स्मरण किया। उन्होंने 50 वर्ष तक मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी नामक संस्था के द्वारा भारत के कोलकता शहर में दरिद्र, बीमार, अनाथ और मर्णासन लोगों की सेवा करी थी।

   मदर टेरेसा के साथ अनेक व्यापक साक्षात्कारों के बाद इंगलैंड के पत्रकार मैल्कॉम मग्गरिज ने उनके विष्य में लिखा, "आज अपनी एक पहचान खोजने के बारे में बहुत चर्चा है, मानो यह कोई ऐसी चीज़ है जिसे खोजा जा सकता है, जैसे कोई लॉटरी जीतने वाले नंबर हो - जो यदि मिल जाए तो उसे खज़ाने के समान संभाल कर सुरक्षित कर लें। लेकिन सच्चाई तो यह है कि पहचान को हम जितना खर्च करते हैं, वह उतनी ही बढ़ती जाती है। यही मदर टेरेसा के साथ भी हुआ है, अपने आप को दूसरों के लिए मिटा देने के द्वारा वे वह बन गईं जो आज हैं; मैंने आज तक उनके जैसा स्मरणयोग्य व्यक्तित्व नहीं देखा।"

   मुझे लगता है कि हम में से बहुतेरे प्रभु यीशु की कही बात मानने से इसलिए कतराते हैं क्योंकि हमें सन्देह रहता है कि यदि मान लिया तो ना जाने क्या हो जाएगा? प्रभु यीशु ने कहा, "यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका 9:23-24)।

   प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को याद दिलाया कि वह उन्हें बहुतायत से जीवन देने आया है (यूहन्ना 10:10)। जब हम प्रभु यीशु को अपने जीवन दे देते हैं तो उसमें मिलने वाली जीवन की भरपूरी को पा लेते हैं। प्रभु यीशु में आज संसार के हर जन के लिए जीवन की भरपूरी सेंत-मेंत उपलब्ध है; समय रहते इसे ले लीजिए। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब हम मसीह यीशु में अपने जीवन खो देते हैं, तो उसी में जीवन की भरपूरी को भी पा लेते हैं।

द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। - यूहन्ना 10:9-10

बाइबल पाठ: लूका 9:18-27
Luke 9:18 जब वह एकान्‍त में प्रार्थना कर रहा था, और चेले उसके साथ थे, तो उसने उन से पूछा, कि लोग मुझे क्या कहते हैं? 
Luke 9:19 उन्होंने उत्तर दिया, युहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, और कोई कोई एलिय्याह, और कोई यह कि पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से कोई जी उठा है। 
Luke 9:20 उसने उन से पूछा, परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो? पतरस ने उत्तर दिया, परमेश्वर का मसीह। 
Luke 9:21 तब उसने उन्हें चिताकर कहा, कि यह किसी से न कहना। 
Luke 9:22 और उसने कहा, मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और पुरिनए और महायाजक और शास्त्री उसे तुच्‍छ समझकर मार डालें, और वह तीसरे दिन जी उठे। 
Luke 9:23 उसने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। 
Luke 9:24 क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा। 
Luke 9:25 यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपना प्राण खो दे, या उस की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? 
Luke 9:26 जो कोई मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा; मनुष्य का पुत्र भी जब अपनी, और अपने पिता की, और पवित्र स्वर्ग दूतों की, महिमा सहित आएगा, तो उस से लजाएगा। 
Luke 9:27 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कोई कोई ऐसे हैं कि जब तक परमेश्वर का राज्य न देख लें, तब तक मृत्यु का स्‍वाद न चखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 1-2
  • 1 तिमुथियुस 3


गुरुवार, 22 अक्टूबर 2015

आन्दोलन


   प्रति वर्ष हमारे समुदाय के लोग "भले बनो" आन्दोलन में भाग लेते हैं जो लोगों को एक दूसरे के प्रति प्रेम और सदभाव के साथ रहने और व्यवहार करने को प्रेरित करता है। इस आन्दोलन के दौरान एक स्कूल प्राध्यापक ने कहा, "हम चाहते हैं कि स्कूल में आने वाले विद्यार्थी अपने अन्य सहपाठियों के साथ बिना भय, बेचैनी और ध्यान भंग हुए रहें और पढ़ें। हम भरपूर प्रयास कर रहे हैं कि विद्यार्थी एक दूसरे को उभारने वाले बनें ना कि एक दूसरे की आलोचना करने और एक दूसरे को गिराने वाले हों।"

   प्रेरित पौलुस ने भी चाहा कि रोम के मसीही विश्वासी प्रेम का एक उत्कृष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करें। वे लोग, चाहे वे अपने मसीही विश्वास में दृढ़ थे या कमज़ोर, एक दूसरे के प्रति आलोचना और अपमान का रवैया अपनाए हुए थे (रोमियों 14:1-12)। उनमें भोजन वस्तुओं को लेकर तकरार था, वे किस दिन को अधिक या कम महत्व देना चाहिए को लेकर विभाजित थे; पौलुस ने उन्हें समझाया, "इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो" (रोमियों 14:19)। पौलुस ने उन्हें स्मरण करवाया कि "हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे। क्योंकि मसीह ने अपने आप को प्रसन्न नहीं किया..." (रोमियों 15:2-3); जैसे मसीह यीशु ने सप्रेम सेवा का उदाहरण हमें दिया है, वैसा ही हमें भी संसार के सामने रखना है (फिलिप्पियों 2:4-5)।

   मसीह यीशु द्वारा दिखाए गए प्रेम के इस आन्दोलन में भाग लीजिए और परमेश्वर की महिमा का कारण बनिये। - ऐनी सेटास


कोमलता के साथ प्रवाहित होने वाला सहज प्रेम ही करुणा है।

हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:4-5

बाइबल पाठ: रोमियों14:1-7 
Romans 14:1 जो विश्वास में निर्बल है, उसे अपनी संगति में ले लो; परन्तु उसी शंकाओं पर विवाद करने के लिये नहीं। 
Romans 14:2 क्योंकि एक को विश्वास है, कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है, वह साग पात ही खाता है। 
Romans 14:3 और खानेवाला न-खाने वाले को तुच्छ न जाने, और न-खानेवाला खाने वाले पर दोष न लगाए; क्योंकि परमेश्वर ने उसे ग्रहण किया है। 
Romans 14:4 तू कौन है जो दूसरे के सेवक पर दोष लगाता है? उसका स्थिर रहना या गिर जाना उसके स्वामी ही से सम्बन्ध रखता है, वरन वह स्थिर ही कर दिया जाएगा; क्योंकि प्रभु उसे स्थिर रख सकता है। 
Romans 14:5 कोई तो एक दिन को दूसरे से बढ़कर जानता है, और कोई सब दिन एक सा जानता है: हर एक अपने ही मन में निश्चय कर ले। 
Romans 14:6 जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है: जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि वह परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और जा नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्वर का धन्यवाद करता है। 
Romans 14:7 क्योंकि हम में से न तो कोई अपने लिये जीता है, और न कोई अपने लिये मरता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66
  • 1 तिमुथियुस 2


बुधवार, 21 अक्टूबर 2015

महिमामय दिन


   सोमवार का दिन था, पिछले ही दिन मेरी मनपसंद टीम अपने फाइनल खेल में हार गई थी और अब उनको चैंपियन देखने का मेरा सपना टूट चुका था। मैं जब कार्य पर जाने के लिए अपनी कार में बैठने लगा तो मौसम ठंडा और धुँध भरा था; सामान्यतः इसका कोई खास प्रभाव नहीं होता परन्तु सब निराशाजनक बातें मिलकर इशारा कर रही थीं कि दिन शायद अच्छा नहीं होगा। कार में बैठकर मैंने रेडियों चलाया और गाने सुनते हुए चलने लगा। तभी एक ऐसा गाना आया जिसने उस दिन के बारे में मेरे परिपेक्ष को बदल दिया। गाना था कास्टिंग क्राउन द्वारा गाया गया Glorious Day (महिमामय दिन)। गाने के आरंभिक बोल थे, "एक दिन वे कलवरी पहाड़ी पर यीशु को ले गए; एक दिन उन्होंने उसे मारने के लिए काठ पर ठोक दिया" - गाने में अभी कुछ आशाजनक नहीं था; "यीशु ने वेदना, तिरिस्कार, ताड़ना सही" - और भी अधिक बुरी खबर। लेकिन इसके बाद उस गीत में प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान और मृत्यु पर विजय का वर्णन आता है, जो ऐसी घटना है जिसने सारे संसार के लिए एक अद्भुत आशा और आशीष का द्वार खोल दिया है।

   संसार के इतिहास के सबसे खराब दिन से, यरुशालेम के निकट की पहाड़ी पर हुए अन्याय और छाए अंधकार में से मानाव जाति के लिए आशा और आशीष का तेज चमका है। जैसा वह गीत आगे वर्णन करता है, "यीशु ने मेरे लिए अपने बदन में कीलें ठुकवा लीं, मेरे पापों को अपने ऊपर ले लिया और सदा के लिए उन्हें हटा दिया" अब एक दिन प्रभु यीशु मुझे लेने के लिए आने वाला है और अपने साथ स्वर्ग में ले जाएगा - वह क्या ही महिमामय दिन होगा!

   हो सकता है कि आप के लिए आज का दिन अच्छा ना रहा हो; हो सकता है कि आप अनेक समस्याओं और परेशानियों का सामना कर रहे हैं जो आपके दिनों को निराशामय बना रहे हों; अपना ध्यान प्रभु यीशु पर लगाएं, उसने जो आपके लिए कलवरी के क्रूस पर किया उस पर विचार करें, ज़रा सोचें कि कैसे वह आपको अपने साथ मृत्यु पर जयवन्त करता है, उस आशा और आशीष पर ध्यान करें जो प्रभु यीशु में होकर अनन्तकाल के लिए आपके लिए उपलब्ध है - यह आपके किसी भी दिन को महिमामय दिन बना सकता है। - डेव ब्रैनन


मसीह यीशु की खाली कब्र हमें आशा और आशीष से भर देती है।

मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:2-3

बाइबल पाठ: मत्ती27:27-31; 28:1-6
Matthew 27:27 तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जा कर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की। 
Matthew 27:28 और उसके कपड़े उतारकर उसे किरिमजी बागा पहिनाया। 
Matthew 27:29 और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा; और उसके दाहिने हाथ में सरकण्‍डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राजा नमस्‍कार। 
Matthew 27:30 और उस पर थूका; और वही सरकण्‍डा ले कर उसके सिर पर मारने लगे। 
Matthew 27:31 जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतारकर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
Matthew 28:1 सब्त के दिन के बाद सप्‍ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। 
Matthew 28:2 और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। 
Matthew 28:3 उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्‍त्र पाले की नाईं उज्ज़्‍वल था। 
Matthew 28:4 उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। 
Matthew 28:5 स्वर्गदूत ने स्‍त्र्यिों से कहा, कि तुम मत डरो: मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो। 
Matthew 28:6 वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 62-64
  • 1 तिमुथियुस 1


मंगलवार, 20 अक्टूबर 2015

प्रेम और अनुग्रह


   पिछली पतझड़ ऋतु की बात है, मेरे शहर से निकलने वाला एक प्रमुख राजमार्ग कई घंटों तक बन्द रहा क्योंकि वहाँ मवेशियों से भरा एक ट्रक पलट गया था और वे जानवर उस में से निकलकर राजमार्ग पर इधर-उधर घूम रहे थे। भटकते हुए मवेशियों के इस समाचार को पढ़कर मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में निर्गमन 32 अध्याय में इस्त्राएलियों के परमेश्वर से भटक जाने के बारे में स्मरण हो आया।

   परमेश्वर के पराक्रम के अद्भुत कार्य देखने और कठोर दासत्व से निकल कर वाचा के देश की ओर पलायन करते समय इस्त्राएलियों के मन शीघ्र ही परमेश्वर से भटक गए। जब इस्त्राएलियों का अगुवा मूसा सिनै पर्वत पर परमेश्वर से व्यवस्था के लेख को लेने गया हुआ था तो अपने अगुवे को लंबे समय तक अपने मध्य ना पाकर उन इस्त्राएलियों के मन परमेश्वर से भटक गए और उन्होंने मूसा के भाई हारून को उकसाया; तब हारून ने उनके लिए एक सोने का बछड़ा बना कर दे दिया और इस्त्राएलियों को उसकी उपासना करने को कहा।

   परमेश्वर के लोगों को भटकाने का ऐसा ही एक और कार्य प्राचीन इस्त्राएल के विभाजित राज्य में राजा यरोबाम ने भी किया था। यरोबाम ने अपने राज्य इ्स्त्राएल में अपने आप को दृढ़ करने के उद्देश्य से अपने राज्य के लोगों को यहूदा में स्थित यरुशालेम के मन्दिर में उपासना के लिए जाने से रोकने की योजना बनाई, और उनके लिए वहीं सोने से बने दो बछड़े स्थापित करवा दिए, उनके पर्व निर्धारित कर दिए और उनके पुरोहित नियुक्त कर दिए, और इस्त्राएल के लोगों से कहा कि वे यरुशालेम जाने की बजाए उन बछड़ों की उपासना करें (1 राजा 12:25-32)।

   इब्रानियों का लेखक इस प्रकार की मूर्तिपूजा को लेकर परमेश्वर के रोष के लिए लिखता है, "इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना" (इब्रानियों 3:10)। लेकिन फिर भी अपने महान और बेबयान प्रेम तथा अनुग्रह के अन्तर्गत परमेश्वर ने उन्हें त्यागा नहीं, जैसा प्रेरित पौलुस लिखता है, "इसलिये मैं कहता हूं, क्या परमेश्वर ने अपनी प्रजा को त्याग दिया? कदापि नहीं; मैं भी तो इस्त्राएली हूं: इब्राहीम के वंश और बिन्यामीन के गोत्र में से हूं। परमेश्वर ने अपनी उस प्रजा को नहीं त्यागा, जिसे उसने पहिले ही से जाना..." (रोमियों11:1-2)।

   परमेश्वर हमारी सृष्टि को जानता है, उसे हमारी कमज़ोरियों का एहसास है (भजन 103:14)। इसीलिए वह हमारे साथ बहुत ही सहनशीलता, धैर्य, करुणा और अनुग्रह के साथ व्यवहार करता है; वह सदा प्रभु यीशु में होकर हमारे पापों को क्षमा करने और हमें अपने साथ ले लेने को तैयार रहता है (प्रेरितों 17:30)। आज भी परमेश्वर के द्वार संसार के हर पश्चातापी जन के लिए खुले हैं; आज भी कोई भी जन साधारण विश्वास से प्रभु यीशु से पापों की क्षमा माँगकर तत्काल परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सकता है। - सिंडी हैस कैस्पर


आप जिस किसी भी चीज़ को परमेश्वर से अधिक चाहते हैं, परमेश्वर से अधिक जिसकी लालसा रखते हैं, वह आपके लिए एक मूर्ति है। - ए. बी. सिंप्सन

क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है। - भजन 103:14

बाइबल पाठ: प्रेरितों17:22-31
Acts 17:22 तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा हो कर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े मानने वाले हो। 
Acts 17:23 क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्‍तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं। 
Acts 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्‍वामी हो कर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता। 
Acts 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्‍वास और सब कुछ देता है। 
Acts 17:26 उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाईं हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्‍धा है। 
Acts 17:27 कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोल कर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं! 
Acts 17:28 क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं। 
Acts 17:29 सो परमेश्वर का वंश हो कर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। 
Acts 17:30 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। 
Acts 17:31 क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 59-61
  • 2 थिस्सलुनीकियों 3


सोमवार, 19 अक्टूबर 2015

आश्वासन


   राजा शाऊल 9 वर्ष तक दाऊद के पीछे ऐसे पड़ा रहा "...जैसा कि कोई पहाड़ों पर तीतर का अहेर करे" (1 शमूएल 26:20) और दाऊद ने अपनी परेशानी में परमेश्वर को पुकारा, "हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?" (भजन 13:1-2)

   लंबे समय तक चलती रहने वाली परेशानी हमें घबरा सकती है; हमें उसका समाधान चाहिए होता है, तुरंत समाधान। लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका समाधान नहीं वरन उन्हें सहना होता है। हम अपने कष्टों में परमेश्वर की दोहाई दे सकते हैं, उसे पुकार सकते हैं। हमारा परमेश्वर पिता चाहता है कि हम अपने संघर्षों में उसे सम्मिलित करें, अपनी परिस्थितियों को उसके साथ बाँटें। जैसा वह हमें समझता और जानता है, वैसा और कोई नहीं।

   जब हम अपनी शिकायतें लेकर उसकी ओर फिरते हैं तब हम अपने बारे में सचेत होते हैं। दाऊद ने अपनी विकट परिस्थिति में जीवन की निश्चयता को पहिचाना - उसके प्रति परमेश्वर का अडिग और सदा बने रहने वाला प्रेम! दाऊद ने अपने आप को स्मरण कराया, "परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा। मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है" (भजन 13:5-6)। चाहे परेशानियाँ बनी रहीं लेकिन दाऊद उन सभी परिस्थित्यों में भजन गा सका, क्योंकि उसे स्मरण रहा कि वह परमेश्वर की प्रीय संतान है; बस यही हम मसीही विश्वासियों को भी स्मरण रखना है।

    ऐ. डबल्यू थोरोल्ड ने लिखा, "आत्मिक जीवन की सबसे ऊँची चोटी खिली हुई धूप में हर्षित आनन्द नहीं है, वरन परमेश्वर के प्रेम में पूर्ण और निःसन्देह भरोसा है।" हमें परमेश्वर की ओर से दृढ़ और अपरिवर्तनीय आश्वासन है कि हमारी सभी परेशानियों और समस्त कष्टों के समयों में भी परमेश्वर का प्रेम हमारे साथ होगा; इसके लिए उसपर संपूर्ण विश्वास किया जा सकता है।


जब सब कुछ असफल भी हो जाए तब भी परमेश्वर का प्रेम स्थिर बना रहता है।

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:8

बाइबल पाठ: भजन 13
Psalms 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? 
Psalms 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? 
Psalms 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी; 
Psalms 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
Psalms 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा। 
Psalms 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 56-58
  • 2 थिस्सलुनीकियों 2


रविवार, 18 अक्टूबर 2015

समाप्त?


   इस संसार की हर चीज़ का आखिरकर अन्त हो ही जाता है, जो कई बार निराशाजनक हो सकता है। ऐसा एहसास तब होता है जब हम कोई बहुत अच्छी पुस्तक पढ़ रहे हों, और नहीं चाहते कि वह कभी समाप्त हो, परन्तु उसका अन्त आता ही है; या फिर कोई बहुत अच्छा चलचित्र देख रहे हों और मन करता रहे कि कुछ और, थोड़ा सा और किंतु फिर भी वह स्माप्त हो ही जाता है। हर चीज़ का, चाहे वह अच्छी हो या बुरी, अन्त अनिवार्य है। हमारे जीवन का भी अन्त अवश्यंभावी है, चाहे वह अनेपक्षित और अनायास ही हो। किसी प्रीय जन की अर्थी के पास खड़े होने पर मन के दुखद खालीपन के एहसास से हम अनभिज्ञ नहीं हैं, बार बार मन में चाह उठती है कि काश ऐसा अभी नहीं हुआ होता, थोड़ा समय और मिल जाता।

   लेकिन हम मसीही विश्वासियों के पास वह आशा है जो संसार में किसी और के पास कदापि नहीं है, प्रभु यीशु में मिलने वाला अनन्त जीवन और प्रभु में सोए हुए अपने प्रीय जनों के साथ पुनः अनन्तकाल तक रहने की आशा! प्रभु यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान ने हम मनुष्यों के लिए इस अभूतपूर्व आशा को जन्म दिया है। प्रभु यीशु में सांसारिक जीवन का अन्त, स्वर्ग में अनन्तकाल के सुखों का आरंभ है। क्योंकि हमारे शरीर अनन्तकाल तक रहने वाली सच्चाई नहीं हैं, इसीलिए प्रेरित पौलुस ने इस संदर्भ में कुरिन्थुस के विश्वासियों को लिखा "देखो, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे" (1 कुरिन्थियों 15:51) और उन्हें आश्वस्त किया कि प्रभु यीशु के जयवंत कार्य के कारण हम निसंकोच कह सकते हैं कि "हे मृत्यु तेरी जय कहां रही?" (1 कुरिन्थियों 15:55)

   इसलिए इस जीवन की समाप्ति को लेकर अपने हृदयों को व्याकुल ना होने दें। शारीरिक विछोह दुखदायी तो होता है लेकिन हमें परमेश्वर के द्वारा प्रभु यीशु में अनन्त विजय का मार्ग उपलब्ध कराया गया है। अब जो मसीह यीशु में हैं उनके लिए "समाप्त" अनन्तकाल के समारोह का आरंभ है। क्या आप इस समारोह में सम्मिलित होंगे? - जो स्टोवैल


मसीह यीशु में सांसारिक अन्त स्वर्गीय आरंभ है।

और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:3 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:50-58
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है। 
1 Corinthians 15:51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:52 और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:53 क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले। 
1 Corinthians 15:54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। 
1 Corinthians 15:55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? 
1 Corinthians 15:56 हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। 
1 Corinthians 15:57 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। 
1 Corinthians 15:58 सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1


शनिवार, 17 अक्टूबर 2015

बाधा


   कुछ समय पहले की बात है मैंने अपने पड़ौसी के घर की ओर से एक चिड़िया की परेशान चहचहाने की आवाज़ सुनी। मैंने देखा कि चिड़िया का घोंसला और उसमें उसके बच्चे एक ऐसे स्थान पर थे जिसके आगे परदा आ गया था और वह चिड़िया अपने बच्चों को भोजन करा पाने में असमर्थ, परेशान चहचहाती हुई इधर-उधर उड़ रही थी, बच्चों तक पहुँचने का मार्ग खोज रही थी। मैंने अपने पड़ौसियों को स्थिति से अवगत कराया और उन्होंने वह घोंसला और उन बच्चों को एक अन्य खुले किंतु सुरक्षित स्थान पर रख दिया।

   प्रेम के बीच में बाधा डालने वाली बात से बढ़कर हृदयविदारक शायद ही कोई बात होगी। इस्त्राएल हज़ारों साल से अपने मुक्तिदाता मसीहा की बाट जोह रहा था, परन्तु जब वह वाचा किया हुआ मुक्तिदाता प्रभु यीशु अपने लोगों के पास आया, तो उन्होंने उसका और उसके प्रेम का तिरिस्कार कर दिया। प्रभु यीशु ने उनके उसे तिरिस्कृत करने, उसे ग्रहण ना करने को दर्शाने के लिए मुर्गी और उसके बच्चों का उदाहरण लिया: "हे यरूशलेम, हे यरूशलेम; तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन्हें पत्थरवाह करता है, कितनी ही बार मैं ने चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्‍चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे कर लूं, परन्तु तुम ने न चाहा" (मत्ती 23:37)।

   हमारे पाप हमारे और परमेश्वर के बीच में आनी वाली बाधा हैं: "परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम को तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है, और तुम्हारे पापों के कारण उस का मुँह तुम से ऐसा छिपा है कि वह नहीं सुनता" (यशायाह 59:2)। परमेश्वर हम सब से प्रेम करता है और चाहता है कि प्रभु यीशु में सेंत-मेंत उपलब्ध पापों से मुक्ति पाकर सब उसके पास आ जाएं: "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। परमेश्वर के साथ हमारे संबंध में हमारे पाप बाधा बनते हैं, परन्तु कलवरी के क्रूस पर अपने बलिदान और पुनरुत्थान के द्वारा प्रभु यीशु ने उस बाधा को हटाने का कार्य पूरा कर दिया है (रोमियों 5:8-17; 8:11)।

   अब परमेश्वर हमारे साथ संगति रखने और हमें आशीषित करने को लालायित रहता है, हमारी प्रतीक्षा में रहता है। वह चाहता है कि हम उसके इस उपहार को स्वीकार करें और उसके साथ अनन्त जीवन में प्रवेश कर लें। - डेनिस फिशर


अपने क्रूस के द्वारा प्रभु यीशु पाप के दण्ड से बचाता है, शैतान के हाथों से छुड़ाता है, परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप कराता है।

वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:11-13

बाइबल पाठ: मत्ती 23:37-39
Matthew 23:37 हे यरूशलेम, हे यरूशलेम; तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन्हें पत्थरवाह करता है, कितनी ही बार मैं ने चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्‍चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे कर लूं, परन्तु तुम ने न चाहा। 
Matthew 23:38 देखो, तुम्हारा घर तुम्हारे लिये उजाड़ छोड़ा जाता है। 
Matthew 23:39 क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि अब से जब तक तुम न कहोगे, कि धन्य है वह, जो प्रभु के नाम से आता है, तब तक तुम मुझे फिर कभी न देखोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 50-52
  • 1 थिस्सलुनीकियों 5


शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015

चट्टान


   लंदन में जगह जगह कोड पत्थर से बनी विलक्षण मूर्तियाँ और अन्य वस्तुएँ हैं। कोड पत्थर सन 1700 के अन्तिम दशकों में एलिनौर कोड द्वारा अपने पारिवारिक व्यवसाय के लिए बनाया गया एक कृत्रिम पत्थर है जिस पर समय, ऋतु और प्रदूषण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यद्यपि यह पत्थर औद्योगिक क्रांति के समय में एक चमत्कार की तरह था, लेकिन 1840 के दशक में एलिनौर की मृत्योप्रांत इसे बनाना क्रमशः बन्द कर दिया गया और उसका स्थान पोर्टलैंड सिमेंट ने ले लिया। इसके बावजूद, आज भी कोड पत्थर से बनी दर्जनों वस्तुएं 150 वर्षों से भी अधिक समय से लंदन के कठोर वातावरण को झेलती हुई सलामत खड़ी हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने प्रभु यीशु को "जीवित पत्थर" कहा है। पतरस ने लिखा, "उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है। तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों" (1 पतरस 2:4-5)। हमारे उद्धार की चट्टान प्रभु यीशु का बलिदान परमेश्वर पिता की नज़रों में बहुमूल्य है। मसीह यीशु वह चिरस्थायी चट्टान है जिसपर परमेश्वर पिता ने हमारे उद्धार को स्थापित किया है; केवल वही हमारे लिए सार्थक जीवन की नींव है: "क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता" (1 कुरिन्थियों 3:11)।

   इस पतित संसार में जीवन के कठोर थपेड़ों का सामना हम केवल प्रभु यीशु की सामर्थ के साथ कर सकते हैं। जो जीवन अबदी चट्टान प्रभु यीशु पर खड़े हैं वे संसार के हर प्रहार को सरलता से सह लेंगे, उनमें स्थिर बने रहेंगे। - बिल क्राउडर


यदि हम अबदी चट्टान यीशु पर बने रहें तो हमें किसी से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।

इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी। परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया। और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया। - मत्ती 7:24-27

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:1-10
1 Peter 2:1 इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके। 
1 Peter 2:2 नये जन्मे हुए बच्‍चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। 
1 Peter 2:3 यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्‍वाद चख लिया है। 
1 Peter 2:4 उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है। 
1 Peter 2:5 तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों। 
1 Peter 2:6 इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्ज़ित नहीं होगा। 
1 Peter 2:7 सो तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया। 
1 Peter 2:8 और ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान कर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे। 
1 Peter 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। 
1 Peter 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर की प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 47-49
  • 1 थिस्सलुनीकियों 4


गुरुवार, 15 अक्टूबर 2015

भरोसेमन्द


   कुछ वर्ष पहले मैंने पाँचवीं कक्षा के बच्चों से कहा कि वे उन प्रशनों की सुची तैयार करें जो, यदि प्रभु यीशु अगले सप्ताह उनसे मिलने आ जाए तो वे प्रभु यीशु से पूछेंगे। साथ ही मैंने कुछ व्यसकों से भी यही करने को कहा। परिणाम आशचर्यजनक रीति से भिन्न थे; दोनों के द्वारा तैयार करी गई सूचियों में अनेक प्रकार के प्रश्न थे, किंतु बच्चों के प्रश्नों में स्वर्ग या परमेश्वर को लेकर कोई संशय नहीं था, वे मासूमियत से भरे हुए थे, और कुछ प्रश्न तो विचारात्मक थे। बच्चों द्वारा दिए गए कुछ प्रश्न थे: "क्या स्वर्ग में हमें पोशाक पहने हुए भजन गाते रहना पड़ेगा?"; "क्या मेरा पिल्ला भी स्वर्ग में होगा?"; "व्हेल मछलियाँ नूह के जहाज़ के भीतर थीं या बाहर?"; "आपके साथ वहाँ ऊपर मेरे दादाजी कैसे हैं?"

   लेकिन व्यसकों के प्रश्नों में परमेश्वर और उसके कार्यों को लेकर भरोसे की कमी थी: "मैं कैसे जानूँ कि आप मेरी प्रार्थना सुनते हैं?"; "अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है?"; "प्रेम करने वाला परमेश्वर ने मेरे साथ ऐसी त्रासदी क्यों होने दी?" आदि।

   बच्चे सामान्यतः व्यसकों को परेशान करने वाली चिंताओं और परेशानियों से मुक्त जीवन जीते हैं; उनका साधारण सा विश्वास उन्हें परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखने में सहायक होता है। लेकिन व्यसक जीवन की परीक्षाओं और परेशानियों में उलझकर परमेश्वर के प्रति बच्चों के समान साधारण विश्वास बनाए नहीं रख पाते; जबकि बच्चे परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा दिए गए दृष्टिकोण को बनाए रखते हैं जो परमेश्वर को उसकी महानता में देखने पाता है (भजन 8:1-2)।

   परमेश्वर भरोसेमन्द है, और वह चाहता है कि हर परिस्थिति, परेशानी, आवश्यकता और तकलीफ में भी हम बच्चों के समान उसपर अपना भरोसा बनाए रखें (मत्ती 18:1-3)। - रैंडी किलगोर


परमेश्वर के साथ हमारी निकटता हमारी आँखों को आज की परीक्षाओं से हटाकर अनन्तकाल के विजयोत्सव पर केंद्रित रखती है।

उसी घड़ी चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, कि स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है? इस पर उसने एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया। और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। - मत्ती18:1-3

बाइबल पाठ: भजन 8
Psalms 8:1 हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तू ने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है। 
Psalms 8:2 तू ने अपने बैरियों के कारण बच्चों और दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नेव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेने वालों को रोक रखे। 
Psalms 8:3 जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं; 
Psalms 8:4 तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? 
Psalms 8:5 क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है। 
Psalms 8:6 तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। 
Psalms 8:7 सब भेड़- बकरी और गाय- बैल और जितने वनपशु हैं, 
Psalms 8:8 आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां, और जितने जीव-जन्तु समुद्रों में चलते फिरते हैं। 
Psalms 8:9 हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 45-46
  • 1 थिस्सलुनीकियों 3


बुधवार, 14 अक्टूबर 2015

बीज और भूमि


   यदि आपको कद्दू उगाने का शौक है तो संभवतः आपने विशाल डिल्स एटलांटिक प्रजाति के कद्दुओं के बारे में सुना होगा। कैनाडा के एक फार्म में विकसित किए गए इन कद्दुओं ने सारे विश्व में अपने आकार द्वारा कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सन 2011 में क्यूबेक, कैनाडा में उगाए गए इस प्रजाति के एक कद्दू का वज़न 850 किलो था। जब समाचार पत्रों के संवादाताओं ने पूछा कि इतने बड़े कद्दू उगाना कैसे संभव हुआ तो किसान ने कहा कि यह उस भूमि के कारण है जिसमें बीज बोए गए थे। बीज तो विशाल कद्दू प्रजाति के थे लेकिन यदि भूमि सही प्रकार की ना हो तो कद्दू ठीक से बढ़ेंगे नहीं।

   प्रभु यीशु ने विभिन्न प्रकार की भूमियों के एक दृष्टांत द्वारा परमेश्वर के वचन के प्रति लोगों के प्रत्युत्तर के बारे में समझाया (मत्ती 13)। कुछ बीज मार्ग के किनारे पड़ा और चिडियों ने उसे चुग लिया, कुछ उगा तो लेकिन जड़ नहीं पकड़ पाया, कुछ उगा लेकिन झाड़ियों ने उसे दबाकर निष्फल कर दिया, लेकिन वह बीज जो अच्छी भूमि पर गिरा उग कर तीस, साठ, सौ गुणा फल लाया (मत्ती 13:8)।

   परमेश्वर चाहता है कि वह अपने वचन का बीज हम में बोए जिससे कि हम उसके अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाएं; लेकिन फल वहीं आएगा जहाँ भूमि तैयार होगी, अच्छी होगी। हम में से प्रत्येक को अपने आप से यह पूछने की आवश्यकता है कि परमेश्वर के वचन रूपी बीज के लिए हम किस प्रकार की भूमि हैं? - ब्रेंट हैकेट


आत्मा का फल आज्ञाकारिता की भूमि में उगता और बढ़ता है।

पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन। - 2 पतरस 3:18

बाइबल पाठ: मत्ती 13:1-9
Matthew 13:1 उसी दिन यीशु घर से निकलकर झील के किनारे जा बैठा। 
Matthew 13:2 और उसके पास ऐसी बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई कि वह नाव पर चढ़ गया, और सारी भीड़ किनारे पर खड़ी रही। 
Matthew 13:3 और उसने उन से दृष्‍टान्‍तों में बहुत सी बातें कही, कि देखो, एक बोने वाला बीज बोने निकला। 
Matthew 13:4 बोते समय कुछ बीज मार्ग के किनारे गिरे और पक्षियों ने आकर उन्हें चुग लिया। 
Matthew 13:5 कुछ पत्थरीली भूमि पर गिरे, जहां उन्हें बहुत मिट्टी न मिली और गहरी मिट्टी न मिलने के कारण वे जल्द उग आए। 
Matthew 13:6 पर सूरज निकलने पर वे जल गए, और जड़ न पकड़ने से सूख गए। 
Matthew 13:7 कुछ झाड़ियों में गिरे, और झाड़ियों ने बढ़कर उन्हें दबा डाला। 
Matthew 13:8 पर कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, और फल लाए, कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना। 
Matthew 13:9 जिस के कान हों वह सुन ले।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 43-44
  • 1 थिस्सलुनीकियों 2


मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015

अतीत


   प्रिज़न फ़ेलोशिप (कारावास सेवकाई) के संस्थापक, चक कोल्सन ने जीवन के 40 वर्ष लोगों तक प्रभु यीशु का सुसमाचार पहुँचाने और सुनाने का कार्य किया। जब अप्रैल 2012 में उनका देहान्त हुआ तो एक समाचार पत्र ने मुखपृष्ठ पर इसे मुख्यसमाचार बनाकर इस शीर्षक के साथ छापा: "राष्ट्रपति निक्सन के लिए कुकृत्य करने वाले चार्ल्स कोल्सन का 80 वर्ष की आयु में देहान्त।" यह अचंभित करने वाली बात थी कि प्रभु यीशु को जीवन समर्पण करने से दशकों पहले और केवल कुछ समय तक अपने राजनैतिक स्वामियों के लिए अनैतिक और अन्यायसंगत कार्य करने के कारण कोल्सन की प्रभु यीशु के लिए करी गई सेवा और समर्पण का जीवन नज़रन्दाज़ कर दिया गया; प्रभु यीशु को जानने और मानने से उनके जीवन में आए आमूलचूल परिवर्तन को कोई महत्व नहीं दिया गया, उन्हें उनके अतीत के कुकर्मों के साथ ही स्मरण किया गया।

   प्रेरित पौलुस के मसीही विश्वास में आने और प्रभु यीशु द्वारा परिवर्तित होने को भी आरंभ में लोगों ने सन्देह और भय के साथ देखा क्योंकि वह पहले मसीही विश्वासियों को सतानेवाला व्यक्ति था। जब पौलुस ने प्रभु यीशु का प्रचार करना और यह बताना आरंभ किया कि वह ही परमेश्वर का पुत्र है तो लोगों ने कहा, "...क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहां भी इसी लिये आया था, कि उन्हें बान्‍ध कर महायाजकों के पास ले आए?" (प्रेरितों 9:21)। जब पौलुस ने यरुशालेम जाकर प्रभु यीशु के चेलों के साथ जुड़ना चाहा, तो उन्होंने उसका विश्वास नहीं किया, वरन वे उससे डरते रहे। बाद के समयों में पौलुस ने कभी अपने अतीत को भुलाया नहीं, लेकिन अपने बीते समयों के कुकृत्यों से मिली बदनामी के वर्णन को परमेश्वर के अनुग्रह के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किया (1 तिमुथियुस 1:13-14)।

   पौलुस के समान हमें अपने अतीत की असफलताओं का प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं है, और ना ही यह जताने का प्रयास करना चाहिए कि मानो वे गलत कार्य हमसे हुए ही नहीं। लेकिन हम परमेश्वर का धन्यवाद कर सकते हैं कि उसके प्रेम, अनुग्रह और सामर्थ से प्रभु यीशु में होकर हमारे पाप क्षमा किए गए, हमारे अतीत के दुषपरिणाम मिटा दिए गए, हमारा वर्तमान बदल दिया गया, हमारे भविष्य को आशा और अनन्त आशीष के साथ ज्योतिर्मय कर दिया गया है और स्वर्ग में हमारे लिए एक अजर, अमर और अनन्त मीरास तैयार रखी गई है। - डेविड मैक्कैसलैंड


केवल प्रभु यीशु ही जीवन परिवर्तित कर सकता है।

क्योंकि मैं प्रेरितों में सब से छोटा हूं, वरन प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था। परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था। - 1 कुरिन्थियों 15:9-10

बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:20-30
Acts 9:20 और वह तुरन्त आराधनालयों में यीशु का प्रचार करने लगा, कि वह परमेश्वर का पुत्र है। 
Acts 9:21 और सब सुनने वाले चकित हो कर कहने लगे; क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहां भी इसी लिये आया था, कि उन्हें बान्‍ध कर महायाजकों के पास ले आए? 
Acts 9:22 परन्तु शाऊल और भी सामर्थी होता गया, और इस बात का प्रमाण दे देकर कि मसीह यही है, दमिश्क के रहने वाले यहूदियों का मुंह बन्‍द करता रहा।
Acts 9:23 जब बहुत दिन बीत गए, तो यहूदियों ने मिलकर उसके मार डालने की युक्ति निकाली। 
Acts 9:24 परन्तु उन की युक्ति शाऊल को मालूम हो गई: वे तो उसके मार डालने के लिये रात दिन फाटकों पर लगे रहे थे। 
Acts 9:25 परन्तु रात को उसके चेलों ने उसे ले कर टोकरे में बैठाया, और शहरपनाह पर से लटका कर उतार दिया।
Acts 9:26 यरूशलेम में पहुंचकर उसने चेलों के साथ मिल जाने का उपाय किया: परन्तु सब उस से डरते थे, क्योंकि उन को प्रतीति न होता था, कि वह भी चेला है। 
Acts 9:27 परन्तु बरनबास उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जा कर उन से कहा, कि इस ने किस रीति से मार्ग में प्रभु को देखा, और इस ने इस से बातें कीं; फिर दमिश्क में इस ने कैसे हियाव से यीशु के नाम का प्रचार किया। 
Acts 9:28 वह उन के साथ यरूशलेम में आता जाता रहा। 
Acts 9:29 और निधड़क हो कर प्रभु के नाम से प्रचार करता था: और यूनानी भाषा बोलने वाले यहूदियों के साथ बातचीत और वाद-विवाद करता था; परन्तु वे उसके मार डालने का यत्‍न करने लगे। 
Acts 9:30 यह जानकर भाई उसे कैसरिया में ले आए, और तरसुस को भेज दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 41-42
  • 1 थिस्सलुनीकियों 1


सोमवार, 12 अक्टूबर 2015

महत्वहीन


   मेरी सहेली जेन ने एक कार्य बैठक में चल रही चर्चा के दौरान कुछ कहा, परन्तु किसी ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया, इसलिए उसने वही बात दोबारा कही, फिर भी उसके सहकर्मियों ने उसे नज़रन्दाज़ कर दिया, जिससे उसे एहसास हुआ कि वहाँ उसके विचार या राय का कोई महत्व नहीं है। जेन ने अपने आप को महत्वहीन और उपेक्षित अनुभव किया, और आप समझ सकते हैं कि यह कैसा अनुभव रहा होगा।

   जेन के समान, परमेश्वर के लोगों ने भी अपने आप को ऐसे ही उपेक्षित और महत्वहीन अनुभव किया था (यशयाह 40), फर्क केवल इतना था कि उन्हें लगा कि उनकी उपेक्षा करने वाला स्वयं परमेश्वर ही है, जो उनके जीवित रहने के दैनिक संघर्ष को नज़रन्दाज़ कर रहा है। इस्त्राएल के दक्षिणी भाग के लोग बन्धुआई में चले गए थे और उनकी शिकायत थी, "...मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता" (यशायाह 40:27)।

   उस समय के परमेश्वर के भविष्यद्वकता, यशायाह ने पृथ्वी के सभी लोगों पर परमेश्वर की सार्वभौमिकता और अधिकार को मानते हुए कहा, "देखो, जातियां तो डोल की एक बून्द वा पलड़ों पर की धूलि के तुल्य ठहरीं; देखो, वह द्वीपों को धूलि के किनकों सरीखे उठाता है" (यशायाह 40:15) और यशायाह ने परमेश्वर के लोगों को समझाया कि परमेश्वर कमज़ोरों और जिन्हें आवश्यकता होती है उन्हें बल देता है (पद 29)। यशायाह ने उन लोगों को आश्वस्त किया कि यदि वे परमेश्वर की बाट जोहेंगे तो वे परमेश्वर से नया बल प्राप्त करेंगे और फिर वे उकाबों के समान उड़ान भरेंगे, दौड़ेंगे परन्तु थकेंगे नहीं (पद 31)।

   मसीही विश्वासी होने पर भी यदि आप कभी अपने आप को महत्वहीन और उपेक्षित अनुभव करें, तो स्मरण करें कि आपका परमेश्वर पिता आपकी चिंता करता है, वह सदैव अपनी नज़र आप पर बनाए हुए है। उसके समय की प्रतीक्षा कीजिए, उसे अपनी योजनाएं अपने तरीके से पूरी करने दीजिए और वह आपको भी नया बल देगा; ऐसा बल जिसके बाद आप थकेंगे नहीं। - ऐनी सेटास

चाहे हमें परमेश्वर की उपस्थिति का एहसास ना भी हो, परन्तु उसकी सप्रेम देखरेख हमारे चारों ओर सदा विद्यमान रहती है।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: यशायाह 40:25-31
Isaiah 40:25 सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है। 
Isaiah 40:26 अपनी आंखें ऊपर उठा कर देखो, किस ने इन को सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले ले कर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।
Isaiah 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता? 
Isaiah 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है। 
Isaiah 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। 
Isaiah 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; 
Isaiah 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 39-40
  • कुलुस्सियों 4


रविवार, 11 अक्टूबर 2015

सुन्दर


   एक व्यस्त राज्मार्ग पर स्थित वह एक साधारण सा दिखने वाला मकान था। उसकी बनावट या बाहरी रूप में कोई विशेष बात नहीं थी, और मार्ग से गुज़रते हुए लोगों द्वारा उसका नज़रंदाज़ होना कोई अनोखी बात नहीं थी। लेकिन एक दिन जब मैं उसके सामने से गुज़र रहा था तो मैंने घर के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा देखा, "बिकाऊ है", और इसके नीचे उससे कुछ छोटे अक्षरों में लिखा था "अन्दर से सुन्दर"! मैं मकान खरीदने की फिराक में तो नहीं हूँ, लेकिन फिर भी मुझ में जिज्ञासा जागृत हुई कि भला ऐसा क्या होगा जो बाहर से साधारण से दिखने वाले इस मकान को अन्दर से सुन्दर बनाता है?

   इस संदर्भ में फिर यही जिज्ञासा मेरे आत्मिक जीवन के बारे में भी उठी; क्या एक मसीही विश्वासी होने के नाते मैं अपने जीवन के बाहर भी यही लिखकर लगा सकता हूँ? हम बाहार से चाहे जैसे दिखाई दें, क्या हम मसीही विश्वासियों के अन्दर वह भीतरी सुन्दरता नहीं होनी चाहिए जो हमारे जीवनों में हुए परमेश्वर के प्रेम और कार्य को दिखाती हो?

   परमेश्वर के वचन बाइबल से भीतरी सुन्दरता के बारे में कुछ बातों को देखें: रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस कहता है, "क्योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं" (रोमियों 7:22); फिर कुछ और आगे चलकर वह परमेश्वर के पवित्रात्मा पर केंद्रित मन के विषय में लिखता है, "शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है" (रोमियों 8:6)। गलतिया के मसीही विश्वासियों को लिखी पत्री में पौलुस ने पवित्रात्मा को समर्पित भीतरी मनुष्यत्व के लिए लिखा कि उससे "आत्मा के फल" उत्पन्न होते हैं (गलतियों 5:22-23) जो जीवनों को सुसज्जित कर देते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में आनन्दित रहने और परमेश्वर के पवित्रात्मा को अपने जीवन में कार्यरत होने देने से हमारे अन्दर वह सुन्दरता आती है जिसे बनाए रखने के लिए हमें किसी कृत्रिम सांसारिक साधन का उपयोग नहीं करना पड़ेगा, जो हमारे जीवनों से परमेश्वर को महिमा देगी और कभी नाश नहीं होगी। - डेव ब्रैनन


मन की धार्मिकता चरित्र की सुन्दरता का निर्माण करती है।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23 

बाइबल पाठ: रोमियों 8:1-11
Romans 8:1 सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं। 
Romans 8:2 क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया। 
Romans 8:3 क्योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण दुर्बल हो कर न कर सकी, उसको परमेश्वर ने किया, अर्थात अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेज कर, शरीर में पाप पर दण्ड की आज्ञा दी। 
Romans 8:4 इसलिये कि व्यवस्था की विधि हम में जो शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं, पूरी की जाए। 
Romans 8:5 क्योंकि शरीरिक व्यक्ति शरीर की बातों पर मन लगाते हैं; परन्तु आध्यात्मिक आत्मा की बातों पर मन लगाते हैं। 
Romans 8:6 शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है। 
Romans 8:7 क्योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है, क्योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के आधीन है, और न हो सकता है। 
Romans 8:8 और जो शारीरिक दशा में है, वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते। 
Romans 8:9 परन्तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो। यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं। 
Romans 8:10 और यदि मसीह तुम में है, तो देह पाप के कारण मरी हुई है; परन्तु आत्मा धर्म के कारण जीवित है। 
Romans 8:11 और यदि उसी का आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया तुम में बसा हुआ है; तो जिसने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया, वह तुम्हारी मरनहार देहों को भी अपने आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है जिलाएगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 37-38
  • कुलुस्सियों 3


शनिवार, 10 अक्टूबर 2015

गवाह


   अपनी किशोरावस्था में मैंने एक वाहन दुर्घटना देखी। अपने आप में यही एक स्तब्ध कर देने वाला अनुभव था, लेकिन जो कुछ इसके बाद हुआ वह इससे भी अधिक परेशान कर देने वाला था। क्योंकि उस दुर्घटना का मैं ही एक मात्र गवाह था, इसलिए कुछ महीनों तक मुझे बार बार पुलिस, वकीलों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को उस दुर्घटना का विवरण देना पड़ा। उन्हें मुझ से उस दुर्घटना के घटित होने के पीछे के कारण या उस दुर्घटना से उत्पन्न हुई चिकित्सा संबंधित बातों पर मेरी राय अथवा टिप्पणी नहीं चाहिए थी, उन्हें केवल जो मैंने होते देखा उसका ही विवरण चाहिए था।

   प्रभु यीशु के अनुयायी होने के नाते हमें संसार के सामने वह रखना है जो हमने अपने जीवनों में प्रभु यीशु के द्वारा होते देखा या अनुभव किया है। लोगों को प्रभु यीशु की ओर प्रेरित करने के लिए आवश्यक नहीं कि हम उनके सभी प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर देने पाएं या धर्मविज्ञान को समझाने पाएं। जो हमें करना है वह इतना ही है कि हम प्रभु यीशु के क्रूस और पुनरुत्थान के कारण हमारे जीवन में जो कुछ हुआ उसे लोगों को बताएं। इसमें सब से अच्छी बात यह है कि ऐसा करने के लिए हमें अपनी किसी क्षमता पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है; हमारे गवाह होने के लिए प्रभु यीशु ने हमारे लिए एक सहायक नियुक्त किया है: "परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे" (प्रेरितों 1:8)।

   हम जितना परमेश्वर के पवित्रात्मा के मार्गदर्शन और सामर्थ पर निर्भर होकर प्रभु यीशु के गवाह होने की अपनी ज़िम्मेदारी को निभाएंगे, उतने ही अधिक प्रभावी रीति से हम पाप से आहत संसार को पाप से राहत देने वाले प्रभु यीशु की ओर प्रेरित कर सकेंगे। प्रभु यीशु द्वारा हमारे बदले गए जीवनों की गवाही दूसरों के भी इस आशीष को पाने में उपयोगी हो जाएगी। - बिल क्राउडर


हमारी गवाही परमेश्वर द्वारा हमारे जीवन में हुए कार्यों का बताना ही है।

इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। मत्ती 28:19-20

बाइबल पाठ: प्रेरितों 1:1-9
Acts 1:1 हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा। 
Acts 1:2 उस दिन तक जब वह उन प्रेरितों को जिन्हें उसने चुना था, पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर ऊपर उठाया न गया। 
Acts 1:3 और उसने दु:ख उठाने के बाद बहुत से पड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा: और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा। 
Acts 1:4 ओर उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो। 
Acts 1:5 क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे। 
Acts 1:6 सो उन्हों ने इकट्ठे हो कर उस से पूछा, कि हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्त्राएल को राज्य फेर देगा? 
Acts 1:7 उसने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं। 
Acts 1:8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। 
Acts 1:9 यह कहकर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया; और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 34-36
  • कुलुस्सियों 2