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सोमवार, 30 सितंबर 2013

अवश्यंभावी

   अपनी पुस्तक Long for This World में लेखक जौनथन वेइनर विज्ञान की दीर्घायु देने की प्रतिज्ञा के बारे में लिखते हैं। इस पुस्तक का केन्द्र है वैज्ञानिक ऑब्रे डी ग्रे, जिसने यह भविष्यवाणी करी है कि विज्ञान एक दिन हमें 1000 वर्ष के जीवन काल देने पाएगा क्योंकि जीवनशास्त्र के आण्विक स्तर पर अध्ययन के द्वारा यह समझा जा सका है कि हमारी कोषिकाएं अपनी एक उम्र हो जाने के बाद काम करना बन्द क्यों कर देती हैं और फिर ’मरने’ लग जाती हैं। आयुबद्ध होने की इस प्रक्रिया की समझ मिलने से इसे रोकने और बदलने की संभावना भी सामने आ गई है।

   लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है कि हम 1000 वर्ष जी सकेंगे क्योंकि फिर भी मरना तो होगा ही। डी ग्रे की भविष्यवाणी उस अन्तिम और निर्णायक अवश्यंभावी प्रश्न का सामना करने को टाल अवश्य देती है किंतु कोई उत्तर प्रदान नहीं करती कि मरने के बाद क्या होगा, आप वह अनन्त कहाँ बिताएंगे?

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि शारीरिक मृत्यु हमारे अस्तित्व का अन्त नहीं है। बाइबल हमें यह भी बताती है कि जीवन काल केवल एक ही है और फिर उसके बाद न्याय अवशयंभावी है: "और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है" (इब्रानियों 9:27)। यह अवशयंभावी है कि प्रत्येक जन को कभी ना कभी मसीह यीशु के सामने खड़े होकर अपने जीवन का हिसाब उसे देना ही होगा - मसीही विश्वासियों को अपने किए अथवा नहीं किए गए कार्यों के लिए और मसीह यीशु में विश्वास नहीं रखने वालों को मसीह यीशु का तिरिस्कार करने के लिए (यूहन्ना 5:25-29; प्रकाशितवाक्य 20:11-15)। साथ ही बाइबल यह भी बताती है कि हम सभी पापी हैं और हम सब को पापों से क्षमा की आवश्यकता है। केवल प्रभु यीशु के क्रुस पर दिए गए बलिदान के द्वारा ही पापों की क्षमा उपलब्ध हुई है, उन सभी के लिए जो प्रभु यीशु पर विश्वास लाते हैं (रोमियों 3:23; 6:23)। वे चाहे कोई, भी कहीं भी क्यों ना हो यह क्षमा संसार के हर जन को उसके जीवन काल भर सेंत-मेंत उपलब्ध रहती है, लेकिन जीवन काल समाप्त हो जाने के बाद फिर क्षमा का अवसर नहीं है, फिर केवल हिसाब और न्याय है।

   परमेश्वर के साथ होने वाला हमारा यह साक्षात्कार अवश्यंभावी है, और हमारे जीवन के परिपेक्ष्य को निर्धारित कर देता है। तो चाहे हम 70 वर्ष जीएं या फिर 1000 वर्ष, उस आने वाले अनन्त के लिए प्रश्न तो वही रहेगा - मरने के बाद क्या होगा, आप वह अनन्त कहाँ बिताएंगे? इस प्रश्न का उत्तर कभी भी अनपेक्षित रूप से आप से माँग लिया जाएगा, और फिर आपके पास कोई अवसर उस अवश्यंभावी को बदलने का नहीं होगा; इसीलिए आज ही यह सुनिश्चित कर लीजिए कि क्या आप परमेश्वर के सामने खड़े होने और हिसाब देने को तैयार हैं? यदि नहीं तो अब हो जाईए; एक सच्चे मन से सच्चे समर्पण के साथ निकली छोटी सी प्रार्थना "हे प्रभु यीशु मेरे पाप क्षमा करें और मुझे अपनी शरण में ले लें", आपका अनन्त बदल डालेगी उसे सुनिश्चित कर देगी। - डेनिस फिशर


केवल वे ही जिन्होंने मसीह यीशु पर अपना विश्वास तथा जीवन स्थिर किया है, अपने सृजनहार से मिलने को भी सदा तैयार रहते हैं।

इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूंगा, और इसलिये कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूं, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर के साम्हने आने के लिये तैयार हो जा। - अमोस 4:12 

बाइबल पाठ: अमोस 4:6-13
Amos 4:6 मैं ने तुम्हारे सब नगरों में दांत की सफाई करा दी, और तुम्हारे सब स्थानों में रोटी की घटी की है, तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है।
Amos 4:7 और जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैं ने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैं ने एक नगर में जल बरसा कर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिस में न बरसा; वह सूख गया।
Amos 4:8 इसलिये दो तीन नगरों के लोग पानी पीने को मारे मारे फिरते हुए एक ही नगर में आए, परन्तु तृप्त न हुए; तौभी तुम मेरी ओर न फिरे, यहोवा की यही वाणी है।
Amos 4:9 मैं ने तुम को लूह और गेरूई से मारा है; और जब तुम्हारी वाटिकाएं और दाख की बारियां, और अंजीर और जलपाई के वृक्ष बहुत हो गए, तब टिड्डियां उन्हें खा गईं; तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है।
Amos 4:10 मैं ने तुम्हारे बीच में मिस्र देश की सी मरी फैलाई; मैं ने तुम्हारे घोड़ों को छिनवा कर तुम्हारे जवानों को तलवार से घात करा दिया; और तुम्हारी छावनी की दुर्गन्ध तुम्हारे पास पहुंचाई; तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है।
Amos 4:11 मैं ने तुम में से कई एक को ऐसा उलट दिया, जैसे परमेश्वर ने सदोम और अमोरा को उलट दिया था, और तुम आग से निकाली हुई लुकटी के समान ठहरे; तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है।
Amos 4:12 इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूंगा, और इसलिये कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूं, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर के साम्हने आने के लिये तैयार हो जा।
Amos 4:13 देख, पहाड़ों का बनाने वाला और पवन का सिरजने वाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बताने वाला और भोर को अन्धकार करने वाला, और जो पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलने वाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 9-10 
  • इफिसियों 3


रविवार, 29 सितंबर 2013

दीवार

   रोमी सम्राट हेड्रियन एक दीवार बनवाने के लिए जाने जाते हैं, जो उनके नाम से ही जानी जाती है। सन 117 में सत्ता में आए रोमी सम्राट हेड्रियन की इस उपलब्धि के उत्तरी इंग्लैंड में स्थित खंडहर देखते समय मुझे आभास हुआ कि ’हैड्रीयन की दीवार’ संभवतः उस सम्राट की सबसे प्रसिद्ध उपलब्धी थी। 80 मील लंबी इस दीवार पर 18,000 रोमी सैनिक तैनात रहते थे; उस दीवार और उन सैनिकों का उद्देश्य था उत्तरी इंग्लैंड के बर्बर निवासियों को दक्षिणी इलाकों में हमले करने के लिए प्रवेश करने से रोकना।

   सम्राट हेड्रियन ने भौतिक दीवार खड़ी करवाई लोगों को अलग-अलग और बाहर रखने के लिए, इसकी तुलना में राजाओं के राजा प्रभु यीशु ने एक आत्मिक दीवार गिराई जिससे मनुष्यों की पहुँच और मेल परमेश्वर तथा एक-दूसरे के साथ हो सके।

   जब आरंभिक मसीही मण्डली में यहूदी और गैर-यहूदी मूल से आए विश्वासियों के बीच धार्मिक आस्थाओं को लेकर तना-तनी होने लगी, तो प्रेरित पौलुस ने उन्हें स्मरण दिलाया कि प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने के द्वारा वे सब एक साथ परमेश्वर के एक ही परिवार के सदस्य हो गए हैं: "क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे। क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है" (इफिसियों 2:14-15, 18)।

   मसीही विश्वास का एक अनुपम और अति सुन्दर पहलु है मसीह यीशु के अनुयायियों की परमेश्वर की दृष्टि में एकसमानता - किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं, कहीं कोई ऊँच-नीच नहीं; परमेश्वर सबसे समान प्रेम करता है और सबको समान दृष्टि से ही देखता है तथा सबके साथ समान व्यवहार करता है और यही एकता तथा समानता वह इस पृथ्वी पर हम मसीही विश्वासियों में आपस में भी देखना चाहता है। क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा प्रभु यीशु ने लोगों को एक दूसरे से और परमेश्वर से अलग करने वाली हर बाधा को दूर कर दिया है और सबको सच्चे प्रेम तथा सच्ची मित्रता के बन्धन में एक साथ अपने साथ कर लिया है जिससे हम सब एक दूसरे के साथ भी इसी बन्धन में बन्धे हुए रहें और संसार के सामने मसीही प्रेम का उदाहरण प्रस्तुत करें। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीही एकता का उद्गम मसीह का क्रूस है।

और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। - कुलुस्सियों 1:20

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:11-22
Ephesians 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)।
Ephesians 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे।
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया।
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे।
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए।
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया।
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है।
Ephesians 2:19 इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए।
Ephesians 2:20 और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो।
Ephesians 2:21 जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है।
Ephesians 2:22 जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 7-8 
  • इफिसियों 2


शनिवार, 28 सितंबर 2013

उन्नति का माध्यम

   लेखक बनने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए उनके लेखों का बार बार अस्वीकृत हो जाना बहुत निराशाजनक हो सकता है। जब वे अपना लेख किसी प्रकाशक को भेजते हैं और फिर उन्हें उत्तर आता है कि "लेख भेजने के लिए धन्यवाद, किंतु आपका यह लेख वर्तमान में हमारे प्रकाशन की आवश्यकताओं के अनुसार नहीं है" तो अकसर इसका तातपर्य होता है, "ना अभी है और ना कभी होगा!" और लेखक एक के बाद एक प्रकाशकों के पास लेख भेजकर अपने प्रयास जारी रखते हैं, इस आशा में कि कभी तो कोई स्वीकार करेगा।

   मैंने पाया है कि प्रकाशकों द्वारा प्रयुक्त यह अस्वीकृति का वाक्यांश मेरे मसीही जीवन में बढोतरी के लिए बहुत उपयोगी है। इसके सहारे मेरे विचार पुनः मेरे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु पर केंद्रित हो जाते हैं और मसीही जीवन ठोकर खाने से बच जाता है!

   कैसे? वो इस प्रकार:
   जब कभी कोई चिंता मुझे घेरने लगती है तो मैं इस वाक्यांश को इस प्रकार अपने ऊपर लागू करती हूँ: "चिंता करना वर्तमान में मेरी आवश्यकताओं के अनुसार नहीं है; अभी नहीं और कभी नहीं" क्योंकि परमेश्वर का वचन बाइबल मुझे आश्वस्त करती है कि "किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं" (फिलिप्पियों 4:6) और मुझे स्मरण हो आता है कि मेरा परमेश्वर मेरी हर प्रार्थना को सुनता है और उसका उत्तर देता है। यदि मुझे किसी से कोई ईर्ष्या होने लगती है तो मैं अपने आप से कहती हूँ "ईर्ष्या वर्तमान में मेरी आवश्यकताओं के अनुसार नहीं है; अभी नहीं और कभी नहीं" क्योंकि परमेश्वर का वचन मुझे चिताता है कि "शान्त मन, तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियां भी जल जाती हैं" (नीतिवचन 14:30) तथा "हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है" (1 थिस्सुलुनीकियों 5:18) और मुझे स्मरण हो आता है कि मेरा कार्य धन्यवाद करते रहना है ईर्ष्या करना नहीं। ऐसी ही अनेक बातों और परिस्थितियों में इस अस्वीकृति के वाक्यांश को, जो औरों के लिए निराशा का माध्यम हो सकता है मैं अपनी उन्नति का माध्यम बना लेती हूँ।

   एक और स्थल है जहाँ यह वाक्याँश मेरे लिए उन्नति का माध्यम रहा है: हम अपने मनों और चाल-चलन को अपने आप पवित्र और शुद्ध नहीं कर सकते; इसके लिए हमें एक परिवर्तित जीवन चाहिए जो केवल प्रभु यीशु से मिलने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार द्वारा ही संभव है। पापों की क्षमा और उद्धार के साथ ही हमारे मन परमेश्वर के पवित्र आत्मा के मन्दिर बन जाते हैं और वह हमारे अन्दर आकर वास करता है, हमें सिखाता है, और उसकी शिक्षाओं का पालन करने से हम एक निर्मल जीवन व्यतीत करते हैं। संसार और शैतान द्वारा मुझे फिर से अपवित्रता तथा सांसारिकता में ले जाने तथा पवित्र आत्मा की अनाज्ञाकारिता करने से रोकने के लिए और मुझे आत्मिक जीवन में गिराने वाली अशुद्ध बातों के प्रति सही निर्णय लेने में यही वाकयाँश "अभी नहीं और कभी नहीं" मेरा बहुत सहायक रहा है, मेरा उन्नति का माध्यम बना है। आप भी इसे अपने जीवन में आज़मा कर देखिए। - ऐनी सेटास


परमेश्वर के वचन पर मनन करने से परमेश्वर के आत्मा द्वारा हमारे मन नूतन हो जाते हैं।

और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। - रोमियों 12:2 

बाइबल पाठ: रोमियों 11:33-12:2
Romans 11:33 आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं!
Romans 11:34 प्रभु की बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ?
Romans 11:35 ​या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए।
Romans 11:36 क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन।
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 5-6 
  • इफिसियों 1


शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

समर्पित

   परंपरागत सांसारिक ज्ञान प्रश्न करता है कि थोड़े से कैसे कुछ किया जा सकता है? यह आम धारणा है कि कुछ करने के लिए संसाधनों का बहुतायत में होना आवश्यक है, जैसे वित्तीय संसाधन, योग्यतापूर्ण मानव संसाधन, अच्छे और कारगर विचार आदि का अच्छी मात्रा में उपलब्ध होना। लेकिन परमेश्वर इन मानवीय विचारों की सीमाओं से बंधा हुआ नहीं है और उसे हमारे संसाधन नहीं केवल हमारा समर्पण चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल से कुछ उदाहरणों को लीजिए:

   न्यायियों की पुस्तक में उल्लेख है एक अनजान से व्यक्ति का जिसने अकेले ही इस्त्राएलियों को आताताई पलिश्तियों से छुड़ाया, इसके लिए उसने मात्र एक पशु हांकने वाले पैने का प्रयोग किया और 600 पलिश्तियों को मार डाला (न्यायियों 3:31)। जब परमेश्वर की सामर्थ साथ हो तो बड़ी उपलब्धि के लिए एक छोटी सी छड़ी भी अनेक हथियारों से बढ़कर होती है तथा संख्या का कोई महत्व नहीं होता।

   इसी प्रकार निर्गमन कि पुस्तक में मूसा के विषय में हम पाते हैं कि जब परमेश्वर ने उसे इस्त्राएलियों को मिस्त्र के दासत्व से छुड़ाने के लिए भेजना चाहा तो मूसा ने बहुत आनाकानी करी। तब परमेश्वर ने मूसा से पूछा, यह तेरे हाथ में क्या है? मूसा ने, जो इस वार्तालाप के समय तक भेड़ों का चरवाहा बन चुका था, उत्तर दिया लाठी है। और फिर परमेश्वर ने मूसा के हाथ की लाठी को आश्चर्यकर्म करने की लाठी बना दिया जिसके चमत्कारों से फिर मूसा भी मान गया, इस्त्राएलियों ने भी उसे अपना छुड़ाने वाला स्वीकार कर लिया। मूसा ने उसी लाठी के द्वारा मिस्त्र पर बड़े बड़े आश्चर्यकर्म किए, इस्त्राएलियों को दासत्व से छुड़ाया, लाल समुद्र को दो भाग किया, और कनान देश की यात्रा में इस्त्राएलियों के लिए अनेक कार्य संपन्न किए।

   शामगार के हाथों का पैना, और मूसा के हाथ की लाठी, जब परमेश्वर के लिए समर्पित हो गईं तो परमेश्वर के उद्देश्य पूरे करने के लिए सामर्थी हथियार बन गईं। यह दिखाता है कि परमेश्वर के लिए कुछ तुच्छ या गौण नहीं है; जो उसे समर्पित है वह अद्भुत करने के लिए सामर्थी है। परमेश्वर विलक्षण प्रतिभा वाले लोगों को नहीं खोज रहा है, उसे आवश्यकता है उन साधारण लोगों की जो उसपर विश्वास कर के उसकी आज्ञाकारिता में चलने और उसकी इच्छा की पूर्ति के लिए कार्य करने को तैयार हों; उनका मार्गदर्शन, उनके कार्य के लिए संसाधन और आवश्यक क्षमता उन्हें वह प्रदान करेगा।

   क्या आप परमेश्वर के हाथ में समर्पित और सामर्थी जीवन बिताना चाहेंगे? - एल्बर्ट ली


यदि उसमें परमेश्वर है तो थोड़ा भी बहुत होता है।

उसके बाद अनात का पुत्र शमगर हुआ, उसने छ: सौ पलिश्ती पुरूषों को बैल के पैने से मार डाला; इस कारण वह भी इस्राएल का छुड़ाने वाला हुआ। - न्यायियों 3:31

बाइबल पाठ: निर्गमन 4:1-9,17
Exodus 4:1 तब मूसा ने उतर दिया, कि वे मेरी प्रतीति न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन कहेंगे, कि यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया।
Exodus 4:2 यहोवा ने उस से कहा, तेरे हाथ में वह क्या है? वह बोला, लाठी।
Exodus 4:3 उसने कहा, उसे भूमि पर डाल दे; जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके साम्हने से भागा।
Exodus 4:4 तब यहोवा ने मूसा से कहा, हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ ले कि वे लोग प्रतीति करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर अर्थात इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है।
Exodus 4:5 तब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई।
Exodus 4:6 फिर यहोवा ने उस से यह भी कहा, कि अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप। सो उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है।
Exodus 4:7 तब उसने कहा, अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढांप। और उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; और जब उसने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है, कि वह फिर सारी देह के समान हो गया।
Exodus 4:8 तब यहोवा ने कहा, यदि वे तेरी बात की प्रतीति न करें, और पहिले चिन्ह को न मानें, तो दूसरे चिन्ह की प्रतीति करेंगे।
Exodus 4:9 और यदि वे इन दोनों चिन्हों की प्रतीति न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल ले कर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लोहू बन जायेगा।
Exodus 4:17 और तू इस लाठी को हाथ में लिये जा, और इसी से इन चिन्हों को दिखाना।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 3-4 
  • गलतियों 6


गुरुवार, 26 सितंबर 2013

दृढ़ नींव

   वह अभी दो वर्ष की भी नहीं हुई थी कि मेरी पोती केटी ने कुछ ऐसा कर दिखाया जो हर दादा के लिए गर्व की बात होगी; केटी ने कारों को उनके बनाए जाने के वर्ष और कंपनी के नाम से पहचानना आरंभ कर दिया। इस बात का आरंभ हुआ तब हुआ जब केटी के पिता ने उसके साथ अपने खिलौने वाली छोटी कारों के पुराने संग्रह के साथ खेलना आरंभ कर दिया। पिता के साथ खेलते खेलते केटी कारों को पहचानने लग गई; और जब भी उसके पिता किसी कार के लिए कहते: "केटी 1957 की चेवी कार लाओ" तो वह सैकड़ों छोटी खिलौना कारों में से वही कार निकाल लाती। एक दिन जब उसके पिता उसे एक पुस्तक में से कहानी पढ़कर सुना रहे थे तो वह उनकी गोद से उतरी और जा कर उन खिलौना कारों में से वैसी ही रोल्स रॉयस कार उठा लाई जैसी उस कहानी के साथ पुस्तक में चित्रित थी।

   विचार करने कि बात है, यदि दो वर्ष से भी कम उम्र की बच्ची इस प्रकार स्मरण करके वस्तुओं की पहचान बना सकती है तो क्या यह नहीं दिखाता कि बच्चों को बचपन से ही सही बातों की शिक्षा देना और उन बातों को उनके मनों में बैठा देना कितना महत्वपूर्ण है? ऐसा करने के लिए हम FIRM सिद्धांत का उपयोग कर सकते हैं; अंग्रेज़ी शब्द FIRM का अर्थ होता है दृढ़; इसलिए इस शब्द को उसके अर्थ के साथ या उसे acronym अर्थात परिवर्णी शब्द, अर्थात F - Familiarity - घनिष्टता, I - Interest - रुचि, R - Recognition - पहचान या मान्यता और M - Modeling - नमूना बनना, दोनों ही रूपों में लिया जा सकता है।

   यही सिद्धांत परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा ने परमेश्वर के वचन के संबंध में इस्त्राएलियों के सामने रखा था (व्यवस्थाविवरण 6)। मूसा ने उन इस्त्राएलियों को सचेत किया कि अब जब वो वाचा के कनान देश में प्रवेश करने पर हैं तो अपनी सुरक्षा और उन्नति के लिए उनका परमेश्वर के वचन में दृढ़ता से बने रहना अनिवार्य है। इसीलिए उन्हें अपने बच्चों को भी परमेश्वर के वचन में दृढ़ और स्थापित करना है जिससे वे भी उस वचन को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लें, उसकी आशीषों से परिपूर्ण रहें और फिर आगे अपनी सन्तान को भी सिखाते रहें। उन्हें अपने बच्चों को परमेश्वर के वचन से घनिष्टता के साथ परिचित रखना होगा, अवसर तथा परिस्थिति के अनुसार वचन की बातों को उन्हें बताते हुए वचन में उनकी रुचि को बनाए रखना होगा, वचन की बातों और कहानियों को बार बार दोहराते हुए उनकी पहचान बच्चों के मन में बैठानी होगी, और उस वचन को उनके सामने जी कर दिखाना होगा, उनके लिए एक सजीव नमूना बनना होगा।

   यही सिद्धांत आज भी हम मसीही विश्वासियों के लिए अपने परिवारों की सुरक्षा, उन्नति और संसार की बुराईयों से बचे रहने के लिए अनिवार्य हैं। यदि आरंभ से ही हमारे बच्चे परमेश्वर के वचन, प्रेम, मसीह यीशु में संसार के सब लोगों के लिए उपलब्ध पापों से क्षमा और उद्धार आदि के बारे में सीखते, जानते और देखते रहेंगे तो आगे चलकर वे भी परमेश्वर को भावते हुए जीवन जीने और सब का भला करने वाले बन सकेंगे। उनको यह दृढ़ नींव अभी से देना हमारा कर्तव्य है। - डेव ब्रैनन


अपने बच्चों के जीवन परमेश्वर के वचन की दृढ़ नींव पर ही खड़े करें।

और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना। - व्यवस्थाविवरण 6:6-7

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 6:1-9
Deuteronomy 6:1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो;
Deuteronomy 6:2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
Deuteronomy 6:3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
Deuteronomy 6:4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
Deuteronomy 6:5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
Deuteronomy 6:6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
Deuteronomy 6:7 और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
Deuteronomy 6:8 और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी कर के बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें।
Deuteronomy 6:9 और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-2 
  • गलतियों 5


बुधवार, 25 सितंबर 2013

राख के ढेर

   किसी ने मुझे से पूछा, कि जब 1 यूहन्ना 3:1-3 के अनुसार स्वर्ग पहुँचने पर तो मैं मसीह यीशु समानता में हो ही जाऊँगी तो फिर आज मुझे उसकी समानता में ढलने का प्रयास करते रहने की आवश्यकता क्यों है? हम मसीही विश्वासियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है, विशेषकर तब जब मसीह यीशु के समान होने से कहीं अधिक सरल है जैसे हैं वैसे ही बने रहना।

   अनेक कारण हैं कि हम मसीही विश्वासियों को मसीह यीशु की समानता में अभी इस पृथ्वी पर के अपने जीवन में ही क्यों ढलना है; और उन उत्तरों में से एक, जो सूचि के शीर्ष के उत्तरों में है, वह है कि जब स्वर्ग में हम उसके सामने खड़े होंगे और उसे देखेंगे तो उसे अपने जीवनों का हिसाब भी देंगे। हमें प्रभु यीशु को यह बताना होगा कि जो जीवन हमने पृथ्वी पर जीया वह उसकी इच्छा और उसके निर्देशों के अनुसार था कि नहीं। इसी बात को प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस की मण्डली को लिखी अपनी पत्री में बताया और कहा कि हमें दिखाना होगा कि हमने जीवन किन चीज़ों से बनाया है - सोना, चांदी, बहुमूल्य पत्थर आदि से या फिर काठ, घास, भूसे आदि से (1 कुरिन्थियों 3:12-13)। पौलुस द्वारा लिखी गई ये सभी वस्तुएं सूचक हैं कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों की जो सब की सब ’आग’ से अर्थात बहुत बारीकी से परखी जाएंगी।

   जो कुछ भी हम प्रभु यीशु के राज्य के विस्तार के लिए करते हैं, जैसे सुसमाचार प्रचार, मण्डली के उत्थान के कार्य, उसके समान ही संसार में सदाचारिता और न्याय को बढ़ावा देना, मसीही जीवन की गवाही और आत्मिक फलों से लदे हुए जीवन जीना आदि वह सब सोना, चांदी, बहुमूल्य पत्थर आदि के समान ’आग’ में नष्ट ना होने वाली वस्तुएं हैं। इसके विपरीत, यदि हम मसीही विश्वासियों के जीवन अपने स्वार्थपूर्ति के, अपनी पार्थिव लालसाओं को बढ़ाने वाले और संसार के समान ही सांसारिक बातों और बुराईयों में संलग्न रहने वाले जीवन हैं तो वे जीवन ’आग’ से जल जाने वाली वस्तुओं अर्थात काठ, घास, भूसे आदि से बने जीवन हैं जो जब मसीह यीशु की महिमा और न्याय की ’आग’ से परखे जाएंगे तो सब जल कर राख हो जाएगा और ऐसे जीवन जीने वाले राख के ढेर पर छूछे हाथ खड़े मिलेंगे।

   मैं आपके बारे में तो नहीं जानता, परन्तु अपने बारे में यह अवश्य कह सकता हूँ कि मेरे लिए तो मसीह यीशु की समानता में ढलते जाने का जीवन जीने का प्रयास करना बहुत आवश्यक है, क्योंकि उस न्याय के समय राख के ढेर पर छूछे हाथ खड़े होने का विचार मुझे बिलकुल भी पसन्द नहीं है।

   ज़रा विचार कीजिए, आपका जीवन किन बातों से बन रहा है और आप मसीह यीशु के सामने कैसे ढेर पर खड़े होंगे? - जो स्टोवैल


अपने जीवन उन वस्तुओं से बनाएं जो परमेश्वर के न्याय के सामने खड़ी रह सकें।

तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है। - 1 कुरिन्थियों 3:13

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:5-15
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया।
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।
1 Corinthians 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्त्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।
1 Corinthians 3:11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता।
1 Corinthians 3:12 और यदि कोई इस नेव पर सोना या चान्दी या बहुमोल पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखता है।
1 Corinthians 3:13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है।
1 Corinthians 3:14 जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा।
1 Corinthians 3:15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते।

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 6-8 
  • गलतियों 4

मंगलवार, 24 सितंबर 2013

बद से बदतर

   फिर वही हुआ! मेरे मन में हुड़क उठी कि मुझे अपने कार्यस्थल की सफाई करनी है, और इससे पहले कि मैं अपने आप को रोक पाती, मैंने उस कार्यस्थल को पहले से भी अधिक अस्त-व्यस्त कर डाला। एक ढेर अनेक ढेरों में बदल गया, जब मैं पुस्तकों, पत्रिकाओं, अखबरों, कागज़ों आदि की छंटाई करने और उन्हें पृथक करने लगी। जैसे जैसे वह अव्यवस्था बढ़ती गई मेरी बेचैनी भी बढ़ती गई, और मैं सोचने लगी कि मैंने क्यों यह आरंभ किया, किंतु अब पीछे लौट पाना या रुक पाना असंभव था, इसलिए मैं लगी रही और कार्य पूरा होने पर मेरा कार्यस्थल पहले से बेहतर और सुनियोजित स्थिति में था, जहाँ कार्य करना मेरे लिए अब अधिक सुविधाजनक था। यदि आरंभ की बदतर स्थिति को लेकर मैं पस्त हो कर रुक जाती तो फिर उसी में ही परेशान रह होकर जाती, लेकिन करते रहने से ही स्थिति संभली भी और बेहतर भी हुई।

   जब परमेश्वर ने मूसा को नियुक्त किया कि वह यहूदियों को मिस्त्र के दास्तव से निकाल कर लाए, तो उन यहूदियों की स्थिति भी पहले तो बद से बदतर ही हुई। इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह छुटकारा मिलना आवश्यक था। वे लोग अपने छुड़ाए जाने के लिए परमेश्वर की दोहाई देने, उसे पुकारने में लगे हुए थे (निर्गमन 2:23)। बड़े संकोच और हिचकिचाहट के साथ मूसा ने उन यहूदियों के लिए फिरौन के पास जाकर फरियाद करना स्वीकार किया था। किंतु फिरौन के साथ मूसा की भेंट और वार्तालाप कुछ अच्छा नहीं रहा; लोगों को छोड़ देने की बजाए, फिरौन ने उन पर अपनी असंगत मांगें और बढ़ा दीं। लोग निराश हो गए और मूसा को भी लगने लगा कि उसे यह कार्य स्वीकार ही नहीं करना चाहिए था (निर्गमन 5:21-23)। लेकिन परमेश्वर ने मूसा को हताश होकर कार्य छोड़ देने और अलग हो जाने नहीं दिया, उसे फिर से आश्वस्त किया, फिर से उभारा और मूसा फिर पूरे समर्पण और परमेश्वर की कार्यविधि और योजनाओं में विश्वास के साथ यहूदियों को दासत्व से निकालने के प्रयासों में लग गया। अन्ततः बहुत से लोगों द्वारा बहुत सी परेशानियाँ झेलने के बाद ही फिरौन ने इस्त्राएली लोगों को दास्तव की बंधुवाई से जाने देने की आज्ञा दी, और मूसा वह कर पाया जिसकी स्वयं उसे भी कोई आशा नहीं थी।

   जब कभी हम कुछ भला करने निकलें, और चाहे हम उसके बारे में बिलकुल निश्चित हों कि वह कार्य परमेश्वर कि इच्छा ही में है, तो भी हमें निराश और आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए यदि स्थिति सुधरने से पहले बिगड़ने लग जाए। स्थिति का यह रुख इस बात को प्रमाणित नहीं करता कि हम जो कर रहे हैं वह कोई गलती है; वह तो बस इतना ही दिखाता है कि हम हर कार्य परमेश्वर ही की सहायता से कर सकते हैं, अपनी क्षमता या योग्यता से नहीं। किसी बड़े कार्य को करवाने या किसी बड़ी उपलब्धी देने से पहले परमेश्वर हमें अकसर ऐसी स्थिति में आ लेने देता है जहाँ हम अपनी असमर्थता तथा अक्षमता और परमेश्वर की सामर्थ और उस पर अपनी निर्भरता के महत्व को पहचान सकें और फिर उस पर निर्भर होकर सही रीति से कार्य कर को संपन्न सकें।

   ना अपनी क्षमता, ना अपनी योग्यता और ना परिस्थितियों पर भरोसा रखें, वरन केवल परमेश्वर पर जो सब कुछ संभव कर सकता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परीक्षा की हर घड़ी में सबसे अधिक आवश्यक बात है परमेश्वर के विषय आपका दर्शन और धारणा। - जी० सी० मॉर्गन

इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम को छुड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा - निर्गमन 6:6

बाइबल पाठ: निर्गमन 5:1-23
Exodus 5:1 इसके पश्चात मूसा और हारून ने जा कर फिरौन से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे, कि वे जंगल में मेरे लिये पर्व्व करें।
Exodus 5:2 फिरौन ने कहा, यहोवा कौन है, कि मैं उसका वचन मानकर इस्राएलियों को जाने दूं? मैं यहोवा को नहीं जानता, और मैं इस्राएलियों को नहीं जाने दूंगा।
Exodus 5:3 उन्होंने कहा, इब्रियों के परमेश्वर ने हम से भेंट की है; सो हमें जंगल में तीन दिन के मार्ग पर जाने दे, कि अपने परमेश्वर यहोवा के लिये बलिदान करें, ऐसा न हो कि वह हम में मरी फैलाए वा तलवार चलवाए।
Exodus 5:4 मिस्र के राजा ने उन से कहा, हे मूसा, हे हारून, तुम क्यों लोगों से काम छुड़वाने चाहते हो? तुम जा कर अपने अपने बोझ को उठाओ।
Exodus 5:5 और फिरोन ने कहा, सुनो, इस देश में वे लोग बहुत हो गए हैं, फिर तुम उन को परिश्रम से विश्राम दिलाना चाहते हो!
Exodus 5:6 और फिरौन ने उसी दिन उन परिश्रम करवाने वालों को जो उन लोगों के ऊपर थे, और उनके सरदारों को यह आज्ञा दी,
Exodus 5:7 कि तुम जो अब तक ईटें बनाने के लिये लोगों को पुआल दिया करते थे सो आगे को न देना; वे आप ही जा कर अपने लिये पुआल इकट्ठा करें।
Exodus 5:8 तौभी जितनी ईंटें अब तक उन्हें बनानी पड़ती थीं उतनी ही आगे को भी उन से बनवाना, ईंटों की गिनती कुछ भी न घटाना; क्योंकि वे आलसी हैं; इस कारण यह कहकर चिल्लाते हैं, कि हम जा कर अपने परमेश्वर के लिये बलिदान करें।
Exodus 5:9 उन मनुष्यों से और भी कठिन सेवा करवाई जाए कि वे उस में परिश्रम करते रहें और झूठी बातों पर ध्यान न लगाएं।
Exodus 5:10 तब लोगों के परिश्रम कराने वालों ने और सरदारों ने बाहर जा कर उन से कहा, फिरौन इस प्रकार कहता है, कि मैं तुम्हें पुआल नहीं दूंगा।
Exodus 5:11 तुम ही जा कर जहां कहीं पुआल मिले वहां से उसको बटोर कर ले आओ; परन्तु तुम्हारा काम कुछ भी नहीं घटाया जाएगा।
Exodus 5:12 सो वे लोग सारे मिस्र देश में तित्तर-बित्तर हुए कि पुआल की सन्ती खूंटी बटोरें।
Exodus 5:13 और परिश्रम करने वाले यह कह कहकर उन से जल्दी करते रहे, कि जिस प्रकार तुम पुआल पाकर किया करते थे उसी प्रकार अपना प्रतिदिन का काम अब भी पूरा करो।
Exodus 5:14 और इस्राएलियों में से जिन सरदारों को फिरौन के परिश्रम कराने वालों ने उनका अधिकारी ठहराया था, उन्होंने मार खाई, और उन से पूछा गया, कि क्या कारण है कि तुम ने अपनी ठहराई हुई ईंटों की गिनती के अनुसार पहिले की नाईं कल और आज पूरी नहीं कराई?
Exodus 5:15 तब इस्राएलियों के सरदारों ने जाकर फिरौन की दोहाई यह कहकर दी, कि तू अपने दासों से ऐसा बर्ताव क्यों करता है?
Exodus 5:16 तेरे दासों को पुआल तो दिया ही नहीं जाता और वे हम से कहते रहते हैं, ईंटे बनाओ, ईंटें बनाओ, और तेरे दासों ने भी मार खाई हैं; परन्तु दोष तेरे ही लोगों का है।
Exodus 5:17 फिरौन ने कहा, तुम आलसी हो, आलसी; इसी कारण कहते हो कि हमे यहोवा के लिये बलिदान करने को जाने दे।
Exodus 5:18 और जब आकर अपना काम करो; और पुआल तुम को नहीं दिया जाएगा, परन्तु ईटों की गिनती पूरी करनी पड़ेगी।
Exodus 5:19 जब इस्राएलियों के सरदारों ने यह बात सुनी कि उनकी ईंटों की गिनती न घटेगी, और प्रतिदिन उतना ही काम पूरा करना पड़ेगा, तब वे जान गए कि उनके दुर्भाग्य के दिन आ गए हैं।
Exodus 5:20 जब वे फिरौन के सम्मुख से बाहर निकल आए तब मूसा और हारून, जो उन से भेंट करने के लिये खड़े थे, उन्हें मिले।
Exodus 5:21 और उन्होंने मूसा और हारून से कहा, यहोवा तुम पर दृष्टि कर के न्याय करे, क्योंकि तुम ने हम को फिरौन और उसके कर्मचारियों की दृष्टि में घृणित ठहरवाकर हमें घात करने के लिये उनके हाथ में तलवार दे दी है।
Exodus 5:22 तब मूसा ने यहोवा के पास लौट कर कहा, हे प्रभु, तू ने इस प्रजा के साथ ऐसी बुराई क्यों की? और तू ने मुझे यहां क्यों भेजा?
Exodus 5:23 जब से मैं तेरे नाम से फिरौन के पास बातें करने के लिये गया तब से उसने इस प्रजा के साथ बुरा ही व्यवहार किया है, और तू ने अपनी प्रजा का कुछ भी छुटकारा नहीं किया।

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 4-5 
  • गलतियों 3

सोमवार, 23 सितंबर 2013

न्याय

 हाल ही में मुझे ’ज्यूरी ड्यूटी’ अर्थात न्यायालय में न्यायाधीश के साथ बैठने वाली निर्णायक समिति में सम्मिलित होने के लिए बुलाया गया। इस कार्य को करने का अर्थ था अत्याधिक असुविधाएं और समय का व्यय, लेकिन यह एक गंभीर ज़िम्मेदारी भी थी, क्योंकि समिति के सद्स्यों को मुकद्दमा सुनकर व्यक्ति के दोषी अथवा निर्दोष होने का निर्णय देना होता है, और उस निर्णय के अनुसार ही न्यायाधीश आगे की कार्यवाही करता है। हमारा पहला दिन हमारी ज़िम्मेदारी और कार्यविधि आदि के बारे में हमें बताने तथा न्यायाधीश द्वारा इन बातों की महत्वपूर्णता और बारीकियों को समझाने में लग गया। हमें लोगों का न्याय करने के लिए बैठना था; वे मामले विवाद के अर्थात दीवानी या फिर अपराधों से सम्बंधित अर्थात फौजदारी के हो सकते थे। मैं अपने आप को इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए सर्वथा अयोग्य पा रहा था - किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में न्याय करना, यह जानते हुए कि इस न्याय के परिणाम दीर्घकालीन और जीवन को प्रभावित करने वाले होंगे, कोई साधारण बात नहीं है। क्योंकि हम मनुष्य ही हैं, सिद्ध नहीं हैं इसलिए अपने निर्णयों में गलती कर सकते हैं।

   हमारे संसार की न्याय प्रणालियाँ, उन्हें संचालित करने वाले मनुष्यों में निहित दोष और कमियों के कारण, असिद्ध और दुर्बल हो सकती हैं, लेकिन हम सदा ही परमेश्वर पर विश्वास रख सकते हैं कि वह निष्पक्षता और बुद्धिमानी से न्याय करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने लिखा: "जाति जाति में कहो, यहोवा राजा हुआ है! और जगत ऐसा स्थिर है, कि वह टलने का नहीं; वह देश देश के लोगों का न्याय सीधाई से करेगा" (भजन 96:10)। परमेश्वर का न्याय सदा ही सिद्ध और दोषरहित होता है क्योंकि उसका चरित्र भी सिद्ध और दोषरहित है।

   यदि आज संसार की न्याय विधि या जीवन हमें पक्षपाती भी लगे, हम अपने परमेश्वर पिता पर भरोसा रख सकते हैं कि एक दिन अपनी अदालत में वह हम सब के लिए हर बात को न्यायसंगत कर देगा, और सब को सब बातों के लिए अन्ततः सिद्ध न्याय मिलेगा (2 कुरिन्थियों 5:10)। - बिल क्राउडर


एक दिन परमेश्वर हर गलत को सही कर देगा।

क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए। - 2 कुरिन्थियों 5:10

बाइबल पाठ: भजन 96:1-13
Psalms 96:1 यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा के लिये गाओ!
Psalms 96:2 यहोवा के लिये गाओ, उसके नाम को धन्य कहो; दिन दिन उसके किए हुए उद्धार का शुभ समाचार सुनाते रहो।
Psalms 96:3 अन्य जातियों में उसकी महिमा का, और देश देश के लोगों में उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन करो।
Psalms 96:4 क्योंकि यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है; वह तो सब देवताओं से अधिक भय योग्य है।
Psalms 96:5 क्योंकि देश देश के सब देवता तो मूरतें ही हैं; परन्तु यहोवा ही ने स्वर्ग को बनाया है।
Psalms 96:6 उसके चारों और वैभव और ऐश्वर्य है; उसके पवित्र स्थान में सामर्थ्य और शोभा है।
Psalms 96:7 हे देश देश के कुलों, यहोवा का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को मानो!
Psalms 96:8 यहोवा के नाम की ऐसी महिमा करो जो उसके योग्य है; भेंट ले कर उसके आंगनों में आओ!
Psalms 96:9 पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो; हे सारी पृथ्वी के लोगों उसके साम्हने कांपते रहो!
Psalms 96:10 जाति जाति में कहो, यहोवा राजा हुआ है! और जगत ऐसा स्थिर है, कि वह टलने का नहीं; वह देश देश के लोगों का न्याय सीधाई से करेगा।
Psalms 96:11 आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो; समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें;
Psalms 96:12 मैदान और जो कुछ उस में है, वह प्रफुल्लित हो; उसी समय वन के सारे वृक्ष जयजयकार करेंगे।
Psalms 96:13 यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह आने वाला है। वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है, वह धर्म से जगत का, और सच्चाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 1-3 
  • गलतियों 2

रविवार, 22 सितंबर 2013

जाँच

   कोलंबिया के शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्राध्यापक, डा० जैक मैज़िरो का कहना है कि व्यसकों को शिक्षा पाने में अग्रसर होने के लिए अनिवार्य है कि वे अपनी अन्तर्दृष्टि और अपने मन में बैठे हुए विचारों को चुनौती देते रहें और आलोचनात्मक रीति से उन्हें जाँचते रहें। उनका कहना है कि व्यसक तब ही सबसे अच्छी तरह सीख सकते हैं जब उनका सामना उनकी धारणाओं को चुनौती देने वाली दुविधाओं से होता रहे। न्यूयॉर्क टाइम्स की बारबरा स्ट्रौक के अनुसार, ऐसी दुविधाएं मन में बैठी हुई धारणाओं पर आलोचनात्मक चिन्तन करने में सहायता करती हैं। यह कथन उस आम धारणा का बिलकुल विपरीत है जो हमारे अन्दर साधारणतया देखी जाती है, अर्थात वह धारणा जो कहती है - "मैंने तो अपना मन बना रखा है - अब तथ्यों द्वारा मुझे भ्रमित मत करो!"

   प्रभु यीशु मसीह ने भी अपने समय के धर्म-अगुवों की धारणाओं को ऐसी ही चुनौती दी। जब उन्होंने सब्त के दिन एक मनुष्य को चंगा किया, तो यह धर्मगुरुओं के लिए उनकी दृढ़ धारणाओं को चुनौती देना था, क्योंकि वे धर्मगुरू मानते और सिखाते थे कि सब्त वाले दिन किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया जा सकता - किसी को चंगाई देना भी नहीं। प्रभु यीशु की इस चुनौती में जब वे किसी तर्क द्वारा प्रभु यीशु को गलत प्रमाणित नहीं कर पाए तो उन्होंने प्रभु यीशु को शान्त कर देने का प्रयास किया (यूहन्ना 5:16-18)। प्रभु यीशु ने उनसे कहा: "तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते" (यूहन्ना 5:39-40)।

   बाइबल शिक्षक और प्रचारक ओस्वाल्ड चैम्बर्स ने कहा, "परमेश्वर के पास तथ्यों को प्रगट करने की ऐसी विधियाँ हैं जो मनुष्यों की धारणाओं और सिद्धांतों को झकझोर कर पलट देती हैं, यदि उनके ये सिद्धांत और धारणाएं परमेश्वर के उनकी आत्मा तक पहुँचने में बाधक हैं"।

   अस्थिर कर देने वाले अनुभव, जो हमें विवश करते हैं कि हम परमेश्वर के विषय बनाई गई अपनी धारणाओं पर पुनःविचार करें, हमें परमेश्वर के बारे में और गहरी रीति से जानने और उस पर और भी अधिक विश्वास करने में सहायक हो सकते हैं - यदि हम इन सब पर सच्चे मन से विचार करने और परमेश्वर के समीप आने को तैयार हों तो। - डेविड मैक्कैसलैंड


जिस जीवन में जाँचना ना हो वह जीने के योग्य नहीं। - सुकरात

फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। - यूहन्ना 5:40

बाइबल पाठ: यूहन्ना 5:31-47
John 5:31 यदि मैं आप ही अपनी गवाही दूं; तो मेरी गवाही सच्ची नहीं।
John 5:32 एक और है जो मेरी गवाही देता है, और मैं जानता हूँ कि मेरी जो गवाही देता है वह सच्ची है।
John 5:33 तुम ने यूहन्ना से पुछवाया और उसने सच्चाई की गवाही दी है।
John 5:34 परन्तु मैं अपने विषय में मनुष्य की गवाही नहीं चाहता; तौभी मैं ये बातें इसलिये कहता हूं, कि तुम्हें उद्धार मिले।
John 5:35 वह तो जलता और चमकता हुआ दीपक था; और तुम्हें कुछ देर तक उस की ज्योति में, मगन होना अच्छा लगा।
John 5:36 परन्तु मेरे पास जो गवाही है वह यूहन्ना की गवाही से बड़ी है: क्योंकि जो काम पिता ने मुझे पूरा करने को सौंपा है अर्थात यही काम जो मैं करता हूं, वे मेरे गवाह हैं, कि पिता ने मुझे भेजा है।
John 5:37 और पिता जिसने मुझे भेजा है, उसी ने मेरी गवाही दी है: तुम ने न कभी उसका शब्द सुना, और न उसका रूप देखा है।
John 5:38 और उसके वचन को मन में स्थिर नहीं रखते क्योंकि जिसे उसने भेजा उस की प्रतीति नहीं करते।
John 5:39 तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है।
John 5:40 फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते।
John 5:41 मैं मनुष्यों से आदर नहीं चाहता।
John 5:42 परन्तु मैं तुम्हें जानता हूं, कि तुम में परमेश्वर का प्रेम नहीं।
John 5:43 मैं अपने पिता के नाम से आया हूं, और तुम मुझे ग्रहण नहीं करते; यदि कोई और अपने ही नाम से आए, तो उसे ग्रहण कर लोगे।
John 5:44 तुम जो एक दूसरे से आदर चाहते हो और वह आदर जो अद्वैत परमेश्वर की ओर से है, नहीं चाहते, किस प्रकार विश्वास कर सकते हो?
John 5:45 यह न समझो, कि मैं पिता के साम्हने तुम पर दोष लगाऊंगा: तुम पर दोष लगाने वाला तो है, अर्थात मूसा जिस पर तुम ने भरोसा रखा है।
John 5:46 क्योंकि यदि तुम मूसा की प्रतीति करते, तो मेरी भी प्रतीति करते, इसलिये कि उसने मेरे विषय में लिखा है।
John 5:47 परन्तु यदि तुम उस की लिखी हुई बातों की प्रतीति नहीं करते, तो मेरी बातों की क्योंकर प्रतीति करोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 10-12 
  • गलतियों 1


शनिवार, 21 सितंबर 2013

आँसू

   क्या कभी आपका दिल टूटा है? क्यों टूटा? क्रूरता से? असफलता से? हानि से? धोखे या अविश्वासयोग्यता से? हो सकता है कि आप ने उस दुख में रोने के लिए अपने आप को किसी अंधेरे में समेट लिया हो।

   रोना कभी कभी अच्छा होता है; परिस्थिति अनुसार आँसू बहा लेना भला करता है। एक स्कौटिश प्रचारक जौर्ज मैकडौनल्ड ने कहा था, "आँसू ही रोने की आवश्यकता का एकमात्र इलाज हैं।"

   प्रभु यीशु भी अपने मित्र लाज़रस की कब्र पर आकर रोया था (यूहन्ना 11:35) क्योंकि उसका भी दिल टूटा था (पद 33) और वह आज भी हमारे दुखों में हमारे साथ सम्मिलित होता है; हमारे आँसू हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की करुणा और कोमल देखभाल को आकर्षित करते हैं, क्योंकि वह हमें तकलीफ में नहीं देखना चाहता। जब हम किसी दुख मुसीबत में होते हैं वह हमारी परेशान और निंद्राविहीन रातों को जानता है। जब हम शोकित होते हैं तो उसका भी दिल भर आता है। प्रेरित पौलुस ने लिखा: "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:3-4)। वह अपने लोगों को एक दूसरे को शान्ति देने के लिए उपयोग करता है।

   लेकिन आज की सान्तवना और शान्ति सब दुखों का अन्तिम उत्तर नहीं है क्योंकि शान्ति तथा आँसुओं की आवश्यकता तो इस जीवन भर होती रहेगी। परन्तु वह दिन आ रहा है जब हमारा प्रभु यीशु हमारी "....आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:4)। हम उसको इतने प्रीय हैं कि वह स्वयं हमारी आँखों से आँसू पोंछ डालेगा; वह हम से व्यक्तिगत रीति से और समझ से परे गहराई से प्रेम करता है।

   स्मरण रखें प्रभु यीशु ने अपने ’पहाड़ी उपदेश’ में आश्वासन दिया था "धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे" (मत्ती 5:4)। क्या आप आज भी अपने दुखों और आँसुओं को अकेले ही झेलना चाहते हैं? स्मरण रखिए, प्रभु यीशु आपके हर दुख और हर आँसु में आपके साथ सम्मिलित होना चाहता है, अपनी शान्ति और सान्तवना आपको देना चाहता है। क्या आप प्रभु यीशु को अपने दुख और आँसू बाँटने का अवसर प्रदान करेंगे? - डेविड रोपर


परमेश्वर ना केवल हमारे दुखों के विषय चिंता करता है, वह उन्हें बाँटता भी है।

धन्य हो तुम, जो अब भूखे हो; क्योंकि तृप्‍त किए जाओगे; धन्य हो तुम, जो अब रोते हो, क्योंकि हंसोगे। - लूका 6:21

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-7
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा।
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा।
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं।
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा।
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 7-9 
  • 2 कुरिन्थियों 13


शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

तैयार?

   सन 2008 की पतझड़ ऋतु के समय से आरंभ होने वाली गंभीर विश्वव्यापि आर्थिक मन्दी से सब अवगत हैं; यह मन्दी सन 1929 की भीष्ण मन्दी के बाद की सर्वाधिक गंभीर मन्दी है, और इसका दुषप्रभाव अभी तक विश्व की अर्थ व्यवस्था पर बना हुआ है, विश्व के किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था इससे अछूती नहीं रही और ना ही अभी तक पूरी रीति से उभरने पाई है। जैसे पहले की मन्दी के लिए सत्य था वैसे ही इस मन्दी के लिए भी सत्य है - इस मन्दी के लिए भी लोग तैयार नहीं थे और इसके आने से बहुत से लोगों की नौकरियाँ जाती रहीं, उनके पूँजीनिवेश समाप्त हो गए और घर उजड़ गए। इस मन्दी के आने के लगभग एक वर्ष बाद बी.बी.सी. को दिए एक साक्षात्कार में अमेरिका मुद्रा संघ के भूतपूर्व अध्यक्ष एलेन स्पैन ने जताया कि सामन्यतः कोई व्यक्ति यह विश्वास नहीं रखता कि ऐसा समय फिर से आएगा; यह मानव प्रवृति है कि लंबी समृद्धि के समय में वे यह मान बैठते हैं कि समृद्धि का यह दौर कभी समाप्त नहीं होगा, सदा ऐसे ही चलता रहेगा।

   यह मान लेना कि जैसे चल रहा है वैसे ही सदा चलता रहेगा केवल 21वीं शताब्दी की सोच नहीं है। यही प्रवृति प्रथम शताब्दी में भी पाई जाती थी। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने अपनी दूसरी पत्री में उन लोगों के विषय में लिखा जो यह मान कर चल रहे थे कि जैसे चल रहा है, जीवन वैसे ही चलता रहेगा और प्रभु यीशु मसीह दोबारा वापस नहीं आएंगे। यह मानने वालों का कहना था कि "...उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था?" (2 पतरस 3:4)।

   प्रभु यीशु का यह वायदा है कि वह अपने विश्वासियों को अपने साथ ले जाने के लिए जगत के अन्त और न्याय के समय से ठीक पहले आएगा, लेकिन लोग उसकी बात पर विश्वास करने की बजाए, अविश्वास करके उसकी अवज्ञा में जीवन बिताना अधिक पसन्द करते हैं, यह मानते हुए कि वह कभी नहीं आएगा। लेकिन प्रभु यीशु के दोबारा आने में प्रतीत होने वाला विलंब केवल इस लिए है क्योंकि परमेश्वर प्रत्येक जन को अवसर देना चाहता है कि वे समय समाप्त हो जाने से पहले विश्वास और पश्चाताप कर लें क्योंकि परमेश्वर सब से प्रेम रखता है और "प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले" (2 पतरस 3:9)।

   प्रेरित पौलुस ने भी प्रभु यीशु के दूसरे आगमन के प्रति लोगों, विशेषकर मसीही विश्वासियों को, सचेत रहने के लिए चिताते हुए लिखा कि वे मसीह यीशु के आगमन के लिए अपने आप को तैयार रखते हुए "...अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेर कर इस युग में संयम और धर्म और भक्ति से जीवन बिताएं" (तीतुस 2:12)। प्रभु यीशु मसीह ने जगत के अन्त और अपने दूसरे आगमन के चिन्ह अपने चेलों को दिए थे, और वे सब हमारे सामने पूरे होते चले जा रहे हैं। जगत का अन्त और न्याय तथा प्रभु यीशु का पुनःआगमन अवश्यंभावी है। क्या आप उस दिन, प्रभु यीशु के आगमन तथा होने वाले न्याय के लिए तैयार हैं? - सी.पी. हिया


प्रभु यीशु कभी भी आ सकता है; हमें सदा उसके पुनःआगमन के लिए तैयार रहना चाहिए।

वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। - 1 तिमुथियुस 2:4 

बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:1-13
2 Peter 3:1 हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिला कर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूं।
2 Peter 3:2 कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी।
2 Peter 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
2 Peter 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था?
2 Peter 3:5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
2 Peter 3:6 इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया।
2 Peter 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2 Peter 3:8 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्‍न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्‍त हो कर गल जाएंगे।
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 4-6 
  • 2 कुरिन्थियों 12


गुरुवार, 19 सितंबर 2013

उतार-चढ़ाव

   प्रायः हम सब इस बात को स्वीकार करेंगे कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख व्यक्तित्व, बुद्धिमान राजा सुलेमान भी यह बात मानता था और जीवन की बदलती परिस्थितियों के प्रति होने वाली प्रतिक्रियाओं पर मनन कर के उसने अपनी एक पुस्तक सभोपदेशक में इस संबंध में कुछ बातें लिखीं। सुलेमान ने लिखा: "हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। जन्म का समय, और मरन का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है; घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है; रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है" (सभोपदेशक 3:1-4)।

   सुलेमान के पिता राजा दाऊद को ’परमेश्वर के मन के अनुसार व्यक्ति’ कहा गया है - 1 शमुएल 13:14; प्रेरितों 13:22; लेकिन दाऊद का जीवन भी इन उतार-चढ़ावों से अछूता नहीं था। दाऊद ने अपनी और बतशेबा की पहली सन्तान को लेकर विलाप किया क्योंकि वह बालक घातक बिमारी से ग्रस्त था और उसकी मृत्यु तय थी (2 शमुएल 12:22)। लेकिन उसी दाऊद ने आनन्द और स्तुति के भजन भी लिखे, और जब परमेश्वर का वाचा का सन्दूक यरुशलेम लाया जा रहा था, तो आत्मिक उन्माद से भर कर राजा दाऊद परमेश्वर के सन्दूक के आगे नाचता हुआ भी चला (2 शमुएल 6:12-15)।

   मसीही जीवन को सदा ही शान्ति और आनन्द से भरा हुआ बताना, उसका गलत चित्रांकन करना है और अपने आप को धोखा देना है। परमेश्वर का वचन बाइबल यह स्पष्ट दिखाता है कि जीवन में उतार-चढ़ाव तो अवश्य ही आएंगे, लेकिन किसी भी परिस्थिति में परमेश्वर का जन कभी अकेला या निसहाय नहीं होगा, परमेश्वर अपने विश्वासी के साथ सदा ही बना रहेगा, उसे परिस्थिति के अनुसार सामर्थ और सांत्वना देता रहेगा। आज आप कैसे भी समय से होकर क्यों ना निकल रहे हों, हर परिस्थिति और काल में परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखें, उसके प्रति धन्यवादी बने रहें, उसकी आराधना करते रहें, और वह आपके हर समय और हर परिस्थिति को आपके लिए आशीष का समय और परिस्थिति बनाता रहेगा। - डेनिस फिशर


हर समय और परिस्थिति से आशीष के साथ पार होने के लिए हमें परमेश्वर में विश्वास बनाए रखना है।

रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है। - सभोपदेशक 3:4

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-4
Ecclesiastes 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।
Ecclesiastes 3:2 जन्म का समय, और मरन का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रूकने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3 
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33


बुधवार, 18 सितंबर 2013

पिता

   बीस माह उम्र का नन्हा जेम्स चर्च के विशाल हॉल में बेधड़क अपने परिवार के आगे आगे चल रहा था। उसके पिता की नज़रें उस पर निरन्तर लगी हुई थीं और जेम्स बड़े लोगों की उस भीड़ में बिना किसी चिंता के बढ़ता जा रहा था। अचानक ही वह रुका और क्योंकि अब लोगों की उस भीड़ में उसे अपने पिताजी दिखाई नहीं दे रहे थे इसलिए वह घबरा कर डैडी! डैडी! कहते हुए रोने लगा। उसके पिता लोगों के बीच से उसकी ओर आगे बढ़े, जेम्स ने अपना हाथ उनकी ओर बढ़ाया और पिता ने जेम्स का हाथ थाम लिया। पिता के सुरक्षित हाथ की मज़बूत पकड़ से आश्वस्त होकर जेम्स शांत हो गया और फिर पहले के समान आगे बढ़ने लगा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में राजाओं की दूसरी पुस्तक में हम राजा हिज़किय्याह का वृतांत पाते हैं जिसने समस्या के समय में प्रार्थना में परमेश्वर की ओर अपना हाथ बढ़ाया और सहायता पाई (2 राजा 19:15)। अशूर के राजा सन्हेरीब ने राजा हिज़िकिय्याह और उसकी की प्रजा पर चढ़ाई करने की धमकी दी थी: "तुम यहूदा के राजा हिजकिय्याह से यों कहना: तेरा परमेश्वर जिसका तू भरोसा करता है, यह कह कर तुझे धोखा न देने पाए, कि यरूशलेम अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा। देख, तू ने तो सुना है अश्शूर के राजाओं ने सब देशों से कैसा व्यवहार किया है उन्हें सत्यानाश कर दिया है। फिर क्या तू बचेगा?" (2 राजा 19:10-11); धमकी पाकर राजा हिज़किय्याह प्रार्थना में परमेश्वर के पास गया और छुटकारे के लिए पुकारा, "इसलिये अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा तू हमें उसके हाथ से बचा, कि पृथ्वी के राज्य राज्य के लोग जान लें कि केवल तू ही यहोवा है" (2 राजा 19:19)। परमेश्वर ने प्रार्थना का उत्तर दिया, और अश्शूर की हमलावर सेना को मारा जिससे आक्रमणकारी राजा सन्हेरीब वापस लौट जाने को मजबूर हो गया।

   यदि आज आप किसी ऐसी परिस्थिति में हैं जहाँ आपको परमेश्वर की सहायता की आवश्यकता है तो विश्वास के साथ अपना हाथ उसकी ओर प्रार्थना में बढ़ाईए। उसका वायदा है कि वह अवश्य ही आपकी सहायता करेगा (2 कुरिन्थियों 1:3-4; इब्रानियों 4:16)। - एनी सेटास


अकसर परमेश्वर द्वारा छुटकारे की भोर परीक्षा के सबसे गहन प्रतीत होने वाले अन्धकार समय में आती है।

तब यशायाह ने उन से कहा, अपने स्वामी से कहो, यहेवा यों कहता है, कि जो वचन तू ने सुने हैं, जिनके द्वारा अश्शूर के राजा के जनों ने मेरी निन्दा की है, उनके कारण मत डर। - 2 राजा 19:6 

बाइबल पाठ: 2 राजा 19:10-19, 32-37
2 Kings 19:10 तुम यहूदा के राजा हिजकिय्याह से यों कहना: तेरा परमेश्वर जिसका तू भरोसा करता है, यह कह कर तुझे धोखा न देने पाए, कि यरूशलेम अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा।
2 Kings 19:11 देख, तू ने तो सुना है अश्शूर के राजाओं ने सब देशों से कैसा व्यवहार किया है उन्हें सत्यानाश कर दिया है। फिर क्या तू बचेगा?
2 Kings 19:12 गोजान और हारान और रेसेप और तलस्सार में रहने वाले एदेनी, जिन जातियों को मेरे पुरखाओं ने नाश किया, क्या उन में से किसी जाति के देवताओं ने उसको बचा लिया?
2 Kings 19:13 हमात का राजा, और अर्पाद का राजा, और समवैंम नगर का राजा, और हेना और इव्वा के राजा ये सब कहां रहे? इस पत्री को हिजकिय्याह ने दूतों के हाथ से ले कर पढ़ा।
2 Kings 19:14 तब यहोवा के भवन में जा कर उसको यहोवा के साम्हने फैला दिया।
2 Kings 19:15 और यहोवा से यह प्रार्थना की, कि हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा! हे करूबों पर विराजने वाले ! पृथ्वी के सब राज्यों के ऊपर केवल तू ही परमेश्वर है। आकाश और पृथ्वी को तू ही ने बनाया है।
2 Kings 19:16 हे यहोवा! कान लगाकर सुन, हे यहोवा आंख खोल कर देख, और सन्हेरीब के वचनों को सुन ले, जो उसने जीवते परमेश्वर की निन्दा करने को कहला भेजे हैं।
2 Kings 19:17 हे यहोवा, सच तो है, कि अश्शूर के राजाओं ने जातियों को और उनके देशों को उजाड़ा है।
2 Kings 19:18 और उनके देवताओं को आग में झोंका है, क्योंकि वे ईश्वर न थे; वे मनुष्यों के बनाए हुए काठ और पत्थर ही के थे; इस कारण वे उन को नाश कर सके।
2 Kings 19:19 इसलिये अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा तू हमें उसके हाथ से बचा, कि पृथ्वी के राज्य राज्य के लोग जान लें कि केवल तू ही यहोवा है।

2 Kings 19:32 इसलिये यहोवा अश्शूर के राजा के विषय में यों कहता है कि वह इस नगर में प्रवेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा, और न वह ढाल ले कर इसके साम्हने आने, वा इसके विरुद्ध दमदमा बनाने पाएगा।
2 Kings 19:33 जिस मार्ग से वह आया, उसी से वह लौट भी जाएगा, और इस नगर में प्रवेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है।
2 Kings 19:34 और मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त इस नगर की रक्षा कर के इसे बचाऊंगा।
2 Kings 19:35 उसी रात में क्या हुआ, कि यहोवा के दूत ने निकल कर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरुषों को मारा, और भोर को जब लोग सबेरे उठे, तब देखा, कि लोथ ही लोथ पड़ी हैं।
2 Kings 19:36 तब अश्शूर का राजा सन्हेरीब चल दिया, और लौट कर नीनवे में रहने लगा।
2 Kings 19:37 वहां वह अपने देवता निस्रोक के मन्दिर में दण्डवत कर रहा था, कि अदेम्मेलेक और सरेसेर ने उसको तलवार से मारा, और अरारात देश में भाग गए। और उसी का पुत्र एसर्हद्दोन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 30-31 
  • 2 कुरिन्थियों 11:1-15


मंगलवार, 17 सितंबर 2013

आगे की ओर

   जैसे ही मेरी नज़र उस पर पड़ी, उस पहली ही नज़र में मुझे उस से प्यार हो गया। वह बहुत साफ-सुथरी और खूबसूरत थी, उसकी चमक देखते ही बनती थी, वह अति मनमोहक थी। प्रयुक्त कारों की उस दुकान में 1962 मॉडल की उस फोर्ड थन्डरबर्ड पर नज़र पड़ते ही मैं उसकी ओर आकर्षित हुआ, और मेरे मन में यह निश्चय हो गया कि मेरे लिए बस यही कार है, और मैंने $800 देकर अपनी पहली कार खरीद ली। लेकिन मैं अपनी नई कार के बारे में एक समस्या से अनजान था, जो थोड़े ही समय में प्रकट हो गई - वह केवल आगे की ओर ही जा सकती थी, उसमें कार को पीछे ले जाने वाला रिवर्स गियर नहीं था!

   यद्यपि कार चलाने में पीछे की ओर ना जा सकना एक समस्या हो सकती है, लेकिन जीवन के लिए मेरी उस थन्डरबर्ड कार के समान पीछे की ओर ना जा पाना साधारणतया अच्छा ही होता है, विशेषतः हम मसीही विश्वासियों के लिए। हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के साथ हमारी जीवन यात्रा में हमें पीछे की ओर लौट जाने का इनकार करते हुए निरन्तर आगे ही बढ़ते रहना है। जैसे प्रेरित पौलुस ने कहा, "हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है" (फिलिप्पियों 3:13-14)।

   यह आगे की ओर बढ़ते रहने का सबक सीखना उन इस्त्राएलियों के लिए आवश्यक था जिन्हें मिस्त्र की गुलामी से निकालकर, मूसा वाचा किए हुए दूध और मधु की धाराओं वाले कनान देश की ओर ले कर जा रहा था। हर परेशानी या किसी भी अनेपक्षित परिस्थिति के आते ही वे इस्त्राएली तुरंत मिस्त्र में बिताए गए जीवन को स्मरण कर के वापस वहाँ लौट जाने की बात करने लगते थे। यद्यपि परमेश्वर ने अनेकों आश्चर्यकर्मों के द्वारा और बारंबार उन्हें समस्याओं से निकालने के द्वारा यह प्रमाणित किया था कि वह उनके साथ है, उनकी देखभाल कर रहा है और उन्हें आगे लेकर जाने में सक्षम है, लेकिन वे फिर भी पीछे की ओर लौट जाने की चेष्टा करते रहते थे, और उनकी यही प्रवृति उनके लिए बहुत बड़ी समस्या का कारण बन गई - जो कुछ दिनों की यात्रा होनी थी, वही उनके लिए 40 वर्ष तक जंगल में भटकते रहने का कारण बन गई जब तक कि परमेश्वर पर अविश्वास करने वाली पीढ़ी के लोग खत्म नहीं हो गए, और उनके बाद फिर उनके बच्चे ही उस आशीष की भूमि कनान में प्रवेश करने पाए।

   हम मसीही विश्वासियों को भी अपनी विश्वास यात्रा में अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। लेकिन हमें यह विश्वास बनाए रखना होगा कि जो परमेश्वर उन समस्याओं को हमारे जीवनों में आने देगा, वही उनका सामना करने योग्य सामर्थ भी देगा और उनके निवारण का मार्ग भी। वह हमें कभी अकेला और असहाय नहीं छोड़ेगा। इसलिए हमें कभी वापस संसार के जीवन की ओर नहीं वरन सदा ही आगे की ओर, आशीषों की ओर ही अग्रसर रहना है। जीवन की गाड़ी में रिवर्स गियर का ना होना हम मसीही विश्वासियों के लिए तो अवश्य ही लाभदयक है! - डेव ब्रैनन


जब संकट का सामना करना पड़े तब परमेश्वर पर भरोसा रखते हुए आगे की ओर ही बढ़ते रहें।

तब मूसा और हारून ने सारे इस्राएलियों से कहा, सांझ को तुम जान लोगे कि जो तुम को मिस्र देश से निकाल ले आया है वह यहोवा है। - निर्गमन 16:6

बाइबल पाठ: निर्गमन 16:1-12
Exodus 16:1 फिर एलीम से कूच कर के इस्राएलियों की सारी मण्डली, मिस्र देश से निकलने के महीने के दूसरे महीने के पंद्रहवे दिन को, सीन नाम जंगल में, जो एलीम और सीनै पर्वत के बीच में है, आ पहुंची।
Exodus 16:2 जंगल में इस्राएलियों की सारी मण्डली मूसा और हारून के विरुद्ध बकझक करने लगी।
Exodus 16:3 और इस्राएली उन से कहने लगे, कि जब हम मिस्र देश में मांस की हांडियों के पास बैठकर मनमाना भोजन खाते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था; पर तुम हम को इस जंगल में इसलिये निकाल ले आए हो कि इस सारे समाज को भूखों मार डालो।
Exodus 16:4 तब यहोवा ने मूसा से कहा, देखो, मैं तुम लोगों के लिये आकाश से भोजन वस्तु बरसाऊंगा; और ये लोग प्रतिदिन बाहर जा कर प्रतिदिन का भोजन इकट्ठा करेंगे, इस से मैं उनकी परीक्षा करूंगा, कि ये मेरी व्यवस्था पर चलेंगे कि नहीं।
Exodus 16:5 और ऐसा होगा कि छठवें दिन वह भोजन और दिनों से दूना होगा, इसलिये जो कुछ वे उस दिन बटोरें उसे तैयार कर रखें।
Exodus 16:6 तब मूसा और हारून ने सारे इस्राएलियों से कहा, सांझ को तुम जान लोगे कि जो तुम को मिस्र देश से निकाल ले आया है वह यहोवा है।
Exodus 16:7 और भोर को तुम्हें यहोवा का तेज देख पडेगा, क्योंकि तुम जो यहोवा पर बुड़बुड़ाते हो उसे वह सुनता है। और हम क्या हैं, कि तुम हम पर बुड़बुड़ाते हो?
Exodus 16:8 फिर मूसा ने कहा, यह तब होगा जब यहोवा सांझ को तुम्हें खाने के लिये मांस और भोर को रोटी मनमाने देगा; क्योंकि तुम जो उस पर बुड़बुड़ाते हो उसे वह सुनता है। और हम क्या हैं? तुम्हारा बुड़बुड़ाना हम पर नहीं यहोवा ही पर होता है।
Exodus 16:9 फिर मूसा ने हारून से कहा, इस्राएलियों की सारी मण्डली को आज्ञा दे, कि यहोवा के साम्हने वरन उसके समीप आवे, क्योंकि उसने उनका बुड़बुड़ाना सुना है।
Exodus 16:10 और ऐसा हुआ कि जब हारून इस्राएलियों की सारी मण्डली से ऐसी ही बातें कर रहा था, कि उन्होंने जंगल की ओर दृष्टि कर के देखा, और उन को यहोवा का तेज बादल में दिखलाई दिया।
Exodus 16:11 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
Exodus 16:12 इस्राएलियों का बुड़बुड़ाना मैं ने सुना है; उन से कह दे, कि गोधूलि के समय तुम मांस खाओगे और भोर को तुम रोटी से तृप्त हो जाओगे; और तुम यह जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 27-29 
  • 2 कुरिन्थियों 10


सोमवार, 16 सितंबर 2013

साथी

   परमेश्वर के वचन बाइबल की एक घटना है: इस्त्राएल और फिलिस्तियों में युद्ध ठना हुआ था। जब इस्त्राएल का राजा शाउल अपनी सेना के लोगों के साथ पेड़ के नीचे आराम कर रहा था तो उसका पुत्र योनातान अपने हथियार ढोने वाले साथी के साथ चुपचाप से निकल पड़ा, इस विश्वास से कि "...आ, हम उन खतनारहित लोगों की चौकी के पास जाएं; क्या जाने यहोवा हमारी सहायता करे; क्योंकि यहोवा को कुछ रोक नहीं, कि चाहे तो बहुत लोगों के द्वारा चाहे थोड़े लोगों के द्वारा छुटकारा दे" (1 शमूएल 14:6)।

   योनातान और उसका साथी हथियार वाहक एक ऐसी घाटी से होकर जाने को थे जिसके दोनों ओर एक एक चट्टान थी और चट्टान के पार ना जाने कितने पलिश्ती थे। जब योनातान ने कहा कि चल हम वहाँ चलें तो उसके हथियार वाहक साथी ने बिना हिचकिचाए कहा, "...जो कुछ तेरे मन में हो वही कर; उधर चल, मैं तेरी इच्छा के अनुसार तेरे संग रहूंगा" (1 शमूएल 14:7)। तब वे दोनों उन चट्टानों पर चढ़कर दूसरी ओर आ गए और परमेश्वर की सहायता से शत्रु फिलिस्तियों पर जयवंत हुए (पद 8-14)। हमें योनातान के उस जवान हथियार वाहक साथी की दाद देनी होगी, जिसने उसके हथियार भी ढोए और उसके साथ भी बना रहा, और जिन जिन फिलिस्तियों को योनातान घायल करता जा रहा था, वह जवान उन्हें घात भी करता जा रहा था।

   आज शैतान की युक्तियों, षड़यंत्रों और सेनाओं का सामना करने और उन्हें परास्त करने के लिए भी योनातान के समान परमेश्वर पर विश्वास करके, जोखिम उठाकर कार्य करने वाले योद्धा चाहिएं लेकिन साथ ही उस हथियार वाहक जवान के समान उन योद्धाओं की सहायता करने और उनके साथ बने रहने वाले साथी भी चाहिएं। क्या आप ऐसे साथी बनकर किसी मसीही विश्वासी के साथ खड़े होने को तैयार हैं? क्या आप योनातान के समान विश्वास में आगे बढ़कर परमेश्वर के लिए अन्धकार की सेनाओं के साथ युद्ध करने निकलने को तैयार हैं? - डेव एग्नर


अगुवे सर्वश्रेष्ठ अगुवाई तभी कर सकते हैं जब लोग उनके साथ खड़े होने को तैयार हों।

उसके हथियार ढोने वाले ने उस से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो वही कर; उधर चल, मैं तेरी इच्छा के अनुसार तेरे संग रहूंगा। - 1 शमूएल 14:7

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 14:1-14
1 Samuel 14:1 एक दिन शाऊल के पुत्र योनातान ने अपने पिता से बिना कुछ कहे अपने हथियार ढोने वाले जवान से कहा, आ, हम उधर पलिश्तियों की चौकी के पास चलें।
1 Samuel 14:2 शाऊल तो गिबा के सिरे पर मिग्रोन में के अनार के पेड़ के तले टिका हुआ था, और उसके संग के लोग कोई छ: सौ थे;
1 Samuel 14:3 और एली जो शीलो में यहोवा का याजक था, उसके पुत्र पिनहास का पोता, और ईकाबोद के भाई, अहीतूब का पुत्र अहिय्याह भी एपोद पहिने हुए संग था। परन्तु उन लोगों को मालूम न था कि योनातान चला गया है।
1 Samuel 14:4 उन घाटियों के बीच में, जिन से हो कर योनातान पलिश्तियों की चौकी को जाना चाहता था, दोनों अलंगों पर एक एक नोकीली चट्टान थी; एक चट्टान का नाम तो बोसेस, और दूसरी का नाम सेने था।
1 Samuel 14:5 एक चट्टान तो उत्तर की ओर मिकमाश के साम्हने, और दूसरी दक्खिन की ओर गेबा के साम्हने खड़ी है।
1 Samuel 14:6 तब योनातान ने अपने हथियार ढोने वाले जवान से कहा, आ, हम उन खतनारहित लोगों की चौकी के पास जाएं; क्या जाने यहोवा हमारी सहायता करे; क्योंकि यहोवा को कुछ रोक नहीं, कि चाहे तो बहुत लोगों के द्वारा चाहे थोड़े लोगों के द्वारा छुटकारा दे।
1 Samuel 14:7 उसके हथियार ढोने वाले ने उस से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो वही कर; उधर चल, मैं तेरी इच्छा के अनुसार तेरे संग रहूंगा।
1 Samuel 14:8 योनातान ने कहा, सुन, हम उन मनुष्यों के पास जा कर अपने को उन्हें दिखाएं।
1 Samuel 14:9 यदि वे हम से यों कहें, हमारे आने तक ठहरे रहो, तब तो हम उसी स्थान पर खड़े रहें, और उनके पास न चढ़ें।
1 Samuel 14:10 परन्तु यदि वे यह कहें, कि हमारे पास चढ़ आओ, तो हम यह जानकर चढ़ें, कि यहोवा उन्हें हमारे साथ कर देगा। हमारे लिये यही चिन्ह हो।
1 Samuel 14:11 तब उन दोनों ने अपने को पलिश्तियों की चौकी पर प्रगट किया, तब पलिश्ती कहने लगे, देखो, इब्री लोग उन बिलों में से जहां वे छिप रहे थे निकले आते हैं।
1 Samuel 14:12 फिर चौकी के लोगों ने योनातान और उसके हथियार ढोन वाले से पुकार के कहा, हमारे पास चढ़ आओ, तब हम तुम को कुछ सिखाएंगे। तब योनातान ने अपने हथियार ढोन वाले से कहा मेरे पीछे पीछे चढ़ आ; क्योंकि यहोवा उन्हें इस्राएलियों के हाथ में कर देगा।
1 Samuel 14:13 और योनातान अपने हाथों और पावों के बल चढ़ गया, और उसका हथियार ढोने वाला भी उसके पीछे पीछे चढ़ गया। और पलिश्ती योनातान के साम्हने गिरते गए, और उसका हथियार ढोने वाला उसके पीछे पीछे उन्हें मारता गया।
1 Samuel 14:14 यह पहिला संहार जो योनातान और उसके हथियार ढोने वाले से हुआ, उस में आधे बीघे भूमि में बीस एक पुरूष मारे गए।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 25-26 
  • 2 कुरिन्थियों 9


रविवार, 15 सितंबर 2013

सहायक

   एक दिन मैंने अपने छोटे बेटे को, जिसने अभी स्कूल जाना भी आरंभ नहीं किया था, एक वज़नदार वस्तु उठाने का प्रयास करते देखा। उसकी आंखों में दृढ़ता थी, ज़ोर लगाने से उसके चेहरा तमतमाया हुआ सुर्ख हो गया था और वह वस्तु उससे हिल भी नहीं पार ही थी, लेकिन वह अपना भरपूर ज़ोर लगाकर उसे उठाने के प्रयास में हुआ था। मैंने उसकी सहायता करने की पेशकश करी और हम दोनों ने मिलकर उसे उठा लिया। मेरे लिए उस वस्तु का वज़न कुछ खास नहीं था; जो उसके लिए बहुत भारी और कठिन कार्य था वह मेरे लिए हलका और सरल था।

   प्रभु यीशु का भी यही दृष्टिकोण हमें कठिन लगने वाले कार्यों के प्रति होता है। जो जीवन हमें कठिनाईयों, परेशानियों, असंभवताओं से भरा लगता है वह प्रभु यीशु के लिए कोई कठिनाई, परेशानी या असंभवतापूर्ण नहीं है। इसीलिए उसने हम सब को यह निमंत्रण दिया है: "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28)।

   क्या आप एक के बाद एक आ रही समस्याओं से परेशान हैं? क्या तनाव और चिंता ने आपको दबा रखा है? क्या इन बातों से निकलने और उभरने का कोई मार्ग आपको सूझ नहीं पड़ रहा है? ध्यान करिए, प्रभु यीशु का निमंत्रण आपके लिए भी है; उसके द्वारा मिलने वाले हल आपकी हर समस्या का वास्तविक और सर्वोत्तम हल हैं। प्रार्थना में उसके सम्मुख आकर उस पर विश्वास के साथ अपनी समस्या उसके सामर्थी हाथों में सौंप दीजिए; वह हर बात को संभालने में सक्षम है (भजन 55:22)। उससे आग्रह करें कि वह हर बात में आपका मार्गदर्शन और सहायता करे। आपके बोझों को बाँटकर वह आपके मन को विश्राम देगा। उसके मार्गों को अपना लें क्योंकि उसका जुआ सहज और उसका बोझ हलका है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रार्थना वह स्थान है जहाँ बोझ उतारे जाते हैं।

अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा। - भजन 55:22

बाइबल पाठ: मत्ती 11:25-30
Matthew 11:25 उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है।
Matthew 11:26 हां, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा।
Matthew 11:27 मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे।
Matthew 11:28 हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
Matthew 11:29 मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।
Matthew 11:30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 22-24 
  • 2 कुरिन्थियों 8



शनिवार, 14 सितंबर 2013

चुनने को स्वतंत्र

   जब यह ज्ञात हुआ कि 2011 की कॉलेज की सबसे बड़ा फुटबॉल स्पर्धा जिस दिन होनी तय करी गई थी वह यहूदी धर्म मानने वाले लोगों के सबसे महत्वपूर्ण दिन योम किप्पूर दिवस वाले दिन थी तो टेक्सस विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने अधिकारियों से प्रार्थना करी कि वे दिन को बदल दें, क्योंकि यह यहूदी छात्रों के प्रति अन्यायपूर्ण होता कि वे अपने धर्म के पालन के लिए योम किप्पूर को मनाएं या फुटबॉल खेल के प्रति अपने लगाव के अन्तर्गत उस स्पर्धा को देखें। लेकिन स्पर्धा की तिथि बदली नहीं गई, अब यह उन यहूदी छात्रों पर था कि वे किस को चुनेंगे और किस को छोड़ेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता वाले देशों में भी धर्म में आस्था रखने वालों को कठिन चुनाव करने होते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक, दानिय्येल को भी ऐसे ही चुनाव करने पड़े थे, परन्तु उसने हर परिस्थिति और परेशानी का सामना करते हुए भी परमेश्वर की आज्ञाकारिता और आदर को सर्वोपरि बनाए रखा। जब दानिय्येल के राजनैतिक विरोधियों ने उसकी धार्मिकता पर आधारित षड़यंत्र रचकर उसे मरवा देने के लिए राजा से सर्वथा अनुचित कानून बनवा कर लागू करवा दिया, तो दानिय्येल ने ना तो उस कानून को चुनौती दी और ना ही शिकायत करी कि उसे फंसाया जा रहा है। सब जानते और समझते हुए भी, "जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा" (दानिय्येल 6:10)।

   दानिय्येल यह तो जानता था कि षड़यंत्र के अन्तर्गत जारी करी गई राज आज्ञा की अवहेलना का परिणाम था शेरों के सामने फेंके जाकर मृत्युदण्ड पाना। वह यह नहीं जानता था कि परमेश्वर उसे इस दण्ड से बचाएगा कि नहीं; किंतु उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। उसके जीवन का ध्येय था अपने जीवन से परमेश्वर को आदर देना, चाहे इसके लिए उसे कुछ भी क्यों ना सहना पड़े, और जीवन-मृत्यु की इस परिस्थिति में भी उसने परमेश्वर की आज्ञाकारिता और आदर को ही चुना और अन्ततः वह मृत्यु से भी बच गया, उसके सभी राजनैतिक विरोधी राज आज्ञा द्वारा ही घात करवा दिए गए और वह राजा के सम्मुख और अधिक आदर का पात्र भी बन गया।

   दानिय्येल के समान ही हम भी जीवन की भिन्न परिस्थितियों में सही या गलत में से एक चुनने को स्वतंत्र हैं। जो परमेश्वर को चुनते हैं वे कभी हानि में नहीं रहते, इसलिए सांसारिक रीति पर परिस्थिति कितनी भी विकट एवं दुखदायी क्यों ना लगे, अपना चुनाव सांसारिक नहीं परमेश्वरीय ही रखें। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह यीशु के अनुसरण का चुनाव करने से आप कभी गलत नहीं हो सकते।

परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है; क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं। समयों और ऋतुओं को वही पलटता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझ वालों को समझ भी वही देता है; वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है। - दानिय्येल 2:20-22

बाइबल पाठ: दानिय्येल 6:1-10
Daniel 6:1 दारा को यह अच्छा लगा कि अपने राज्य के ऊपर एक सौ बीस ऐसे अधिपति ठहराए, जो पूरे राज्य में अधिकार रखें।
Daniel 6:2 और उनके ऊपर उसने तीन अध्यक्ष, जिन में से दानिय्येल एक था, इसलिये ठहराए, कि वे उन अधिपतियों से लेखा लिया करें, और इस रीति राजा की कुछ हानि न होने पाए।
Daniel 6:3 जब यह देखा गया कि दानिय्येल में उत्तम आत्मा रहती है, तब उसको उन अध्यक्षों और अधिपतियों से अधिक प्रतिष्ठा मिली; वरन राजा यह भी सोचता था कि उसको सारे राज्य के ऊपर ठहराए।
Daniel 6:4 तब अध्यक्ष और अधिपति राजकार्य के विषय में दानिय्येल के विरुद्ध दोष ढूंढ़ने लगे; परन्तु वह विश्वासयोग्य था, और उसके काम में कोई भूल वा दोष न निकला, और वे ऐसा कोई अपराध वा दोष न पा सके।
Daniel 6:5 तब वे लोग कहने लगे, हम उस दानिय्येल के परमेश्वर की व्यवस्था को छोड़ और किसी विषय में उसके विरुद्ध कोई दोष न पा सकेंगे।
Daniel 6:6 तब वे अध्यक्ष और अधिपति राजा के पास उतावली से आए, और उस से कहा, हे राजा दारा, तू युगयुग जीवित रहे।
Daniel 6:7 राज्य के सारे अध्यक्षों ने, और हाकिमों, अधिपतियों, न्यायियों, और गवर्नरों ने भी आपास में सम्मति की है, कि राजा ऐसी आज्ञा दे और ऐसी कड़ी आज्ञा निकाले, कि तीस दिन तक जो कोई, हे राजा, तुझे छोड़ किसी और मनुष्य वा देवता से बिनती करे, वह सिंहों की मान्द में डाल दिया जाए।
Daniel 6:8 इसलिये अब हे राजा, ऐसी आज्ञा दे, और इस पत्र पर हस्ताक्षर कर, जिस से यह बात मादियों और फारसियों की अटल व्यवस्था के अनुसार अदल-बदल न हो सके।
Daniel 6:9 तब दारा राजा ने उस आज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया।
Daniel 6:10 जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 19-21 
  • 2 कुरिन्थियों 7


शुक्रवार, 13 सितंबर 2013

विस्मरण

   चीन की पारंपरिक लिखित भाषा वर्ण नहीं वरन चित्रों पर आधारित है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चीन की युवा पीढ़ी उस भाषा के लेखन कला को भूलती जा रही है। यह इसलिए क्योंकि कंप्यूटर और स्मार्ट फोन के अत्याधिक प्रचलन और उपयोग के कारण चीनी युवा उन चित्रों को भूलते जा रहे हैं जिन्हें उन्होंने बचपन में सीखा तो था परन्तु अब उन्हें लिखना नहीं पड़ता। एक व्यक्ति ने कहा कि अब अपने हाथ से लोगों को केवल अपने नाम या रहने के पते ही भरने होते हैं अन्य कुछ नहीं, इसलिए अब चित्रों पर आधारित भाषा के लेखन कला का विस्मरण सामान्य सा हो गया है।

   कुछ लोग एक अन्य प्रकार के विस्मरण के शिकार हो जाते हैं - उन में चित्रों का नहीं वरन चरित्र का विस्मरण पाया जाता है। उनका जब कभी किसी दुविधा से सामना होता है, वे यह "भुला कर" कि उस परिस्थिति में करने के लिए सही क्या है, वह करना पसन्द करते हैं जो सरल है, चाहे वह गलत ही क्यों ना हो।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में एक चरित्र है अय्युब, जिसके विषय में स्वयं परमेश्वर की गवाही थी कि "...उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय मानने वाला और बुराई से दूर रहने वाला मनुष्य और कोई नहीं है" (अय्युब 1:8)। जब शैतान ने अय्युब के चरित्र पर शक किया और उसे परखना चाहा तो परमेश्वर ने अय्युब के परखे जाने की अनुमति दे दी और शैतान ने एक एक करके अय्युब का सब कुछ छीन लिया - उसके बच्चे, उसकी संपत्ति और उसका स्वास्थ्य भी। किंतु "इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया" (अय्युब 1:22)। शैतान ने अय्युब के चरित्र के विषय परमेश्वर के आंकलन को चुनौती दी थी, परन्तु इन अत्यंत पीड़ा और परेशानियों से भरे समयों में भी अय्युब ने अपने चरित्र में कोई खोट नहीं आने दी, और शैतान का दावा गलत प्रमाणित हो गया।

   चरित्र विस्मरण नहीं हो सकता क्योंकि, वह कोई विस्मरण की वस्तु नहीं है; हमारा चरित्र वही है जो हम हैं। यदि कोई चरित्र "भूल" जाता है तो वह गलती से नहीं वरन जानते-बूझते किया गया कार्य है। - सिंडी हैस्स कैस्पर


संपत्ति गँवाई तो कुछ गँवाया; स्वास्थ्य गँवाया तो काफी कुछ गँवाया; चरित्र गँवाया तो सब कुछ गँवा दिया।

ऊज़ देश में अय्यूब नाम एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से परे रहता था। - अय्युब 1:1 

बाइबल पाठ: अय्युब 1:9-22
Job 1:9 शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, क्या अय्यूब परमेश्वर का भय बिना लाभ के मानता है?
Job 1:10 क्या तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बान्धा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है,
Job 1:11 और उसकी संपत्ति देश भर में फैल गई है। परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है, उसे छू; तब वह तेरे मुंह पर तेरी निन्दा करेगा।
Job 1:12 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना। तब शैतान यहोवा के साम्हने से चला गया।
Job 1:13 एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे;
Job 1:14 तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास चर रही थीं,
Job 1:15 कि शबा के लोग धावा कर के उन को ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:16 वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, कि परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उस से भेड़-बकरियां और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:17 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, कि कसदी लोग तीन गोल बान्धकर ऊंटों पर धावा कर के उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:18 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, तेरे बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे,
Job 1:19 कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:20 तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत्‌ कर के कहा,
Job 1:21 मैं अपनी मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।
Job 1:22 इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 16-18 
  • 2 कुरिन्थियों 6


गुरुवार, 12 सितंबर 2013

धन्य निश्चय

   मैं एक सज्जन से बात कर रहा था, हाल ही में उसकी पत्नि का देहान्त हुआ था। उस सज्जन ने मेरे साथ एक आप-बीति बाँटी - उसकी पत्नि के देहान्त के बारे में जानने के बाद उसके एक मित्र ने उससे कहा, "मुझे शोक है कि आपने अपनी पत्नि खो दी है"; और उसने अपने उस मित्र को तुरंत उत्तर दिया, "अरे नहीं, मेरी पत्नि खोई नहीं है, मुझे निश्चित पता है कि वह अब कहाँ है!"

   कुछ लोगों को यह एक बहुत बेबाक अथवा परिहास पूर्ण दावा लग सकता है। मृत्योपरांत होने वाली बातों के अनेकों दावे मौजूद होने के कारण, हम यह कैसे जान सकते हैं कि कौन सा दावा सही है और विश्वासयोग्य है? हम यह कैसे जान सकते हैं कि मृत्योपरांत हमारे प्रीय जन कहाँ गए हैं और हम भी उस दशा में कहाँ जाएंगे?

   लेकिन मसीही विश्वासियों के लिए मसीही दावों पर विश्वास रखना सर्वथा उपयुक्त है क्योंकि हमें परमेश्वर के वचन से यह आश्वासन है कि मृत्यु के तुरंत बाद हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के पास उसके साथ होंगे (2 कुरिन्थियों 5:8); और यह मात्र अभिलाषी विचार नहीं है। यह विश्वास प्रभु यीशु की एतिहासिक सच्चाई पर आधारित है। उस प्रभु यीशु की जो संसार में आया, समस्त मानव जाति के पापों के लिए अपने आप को बलिदान किया, जिससे हमारे पापों का दोष और दण्ड रद्द हो सके तथा हम अनन्त जीवन प्राप्त कर सकें (रोमियों 6:23)। अपनी मृत्योपरांत उसने मृतकों से वापस आकर मृतकों के पुनरुत्थान को प्रमाणित किया और अपने स्वार्गारोहण द्वारा स्वर्ग में अनन्तजीवन का विश्वास बंधाया, जहाँ वह हमारे लिए स्थान तैयार कर रहा है और हमें ले जाने तथा अपने साथ रखने के लिए एक दिन फिर वापस आएगा (यूहन्ना 14:2)।

   इसलिए आनन्दित रहो, क्योंकि प्रभु यीशु मसीह के दावों की सच्चाई के लाभ अलौकिक हैं, इसलिए हम भी पौलुस के साथ निर्भीक हो कर कह सकते हैं, "इसलिये हम ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं" (2 कुरिन्थियों 5:8)। - जो स्टोवैल


मसीही विश्वासी के लिए मृत्यु का अर्थ है स्वर्ग, आनन्द और अनन्त काल तक मसीह यीशु का साथ।

क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। - रोमियों 6:23

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:1-10
2 Corinthians 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है।
2 Corinthians 5:2 इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्‍वर्गीय घर को पहिन लें।
2 Corinthians 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं।
2 Corinthians 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कराहते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए।
2 Corinthians 5:5 और जिसने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिसने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है।
2 Corinthians 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं।
2 Corinthians 5:7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं।
2 Corinthians 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
2 Corinthians 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें।
2 Corinthians 5:10 क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 13-15 
  • 2 कुरिन्थियों 5