अमेरिका में कार निर्माताओं ने सन 2010 में 2 करोड़ गाड़ियों को, बनाते समय गाड़ियों में आई विभिन्न खराबियों के कारण, उन्हें वापस कारखाने लाकर ठीक करवा लेने की सूचनाएं भेजीं। यह आंकड़ा कि इतनी अधिक गाडियों में निर्माण के समय त्रुटियाँ रह गईं अवश्य ही चौंकाने देने वाली बात है, लेकिन इस से भी अधिक चौंका देने वाली बात है उन त्रुटियुक्त गाड़ियों के अनेक मालिकों की इस सूचना के प्रति उदासीनता। एक समय "सेन्टर फॉर औटो सेफटी" के कार्यकारी निर्देशक को उन गाड़ी मालिकों को चेतावनी भेजनी पड़ी, "यह मरम्मत मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रही है, इसे करवा लीजिए क्योंकि यह आपकी जान बचा सकती है।" किंतु फिर भी लगभग 30 प्रतिशत लोगों ने इस सूचना में कोई रुचि नहीं दिखाई, यह जानते हुए भी कि उनकी जान को खतरा है।
इसी प्रकार बहुत से लोग परमेश्वर द्वारा समस्त मानव जाति को, उनकी आत्मिक दशा को सुधरवा लेने के लिए दी जानी वाली सूचनाओं को अन्देखा करते रहते हैं। उन गाड़ियों के निर्माण के विपरीत, मनुष्य में विद्यमान यह आत्मिक त्रुटि उनके निर्माता परमेश्वर का दोष नहीं है - उसने तो सब कुछ "बहुत अच्छा" बनाया है (उत्पत्ति 1:31), लेकिन मनुष्य के पाप ने सब कुछ बिगाड़ दिया। परमेश्वर ने इसे सुधारने के लिए सबके लिए खुला प्रस्ताव रखा है: "इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्ति के दिन आएं" (प्रेरितों 3:19)।
परमेश्वर का प्रस्ताव मनुष्य के पापी स्वभाव वाले हृदय की केवल मुफ्त मरम्मत नहीं वरन उस पाप के दोष से खराब हुए हृदय को मुफ्त में बदलकर नया कर देना है (यहेजकेल 36:26; 2 कुरिन्थियों 5:17)। यद्यपि इस प्रस्ताव के लिए हमें कुछ भी मूल्य नहीं चुकाना पड़ेगा (इफिसियों 2:8-9), किंतु परमेश्वर ने इसकी कीमत अपने पुत्र प्रभु यीशु के प्राणों के बलिदान द्वारा चुकाई है "वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए" (1 पतरस 2:24)।
परमेश्वर की इस सूचना तथा सुधार की पुकार को नज़रन्दाज़ मत कीजिए। परमेश्वर द्वारा आपके आत्मिक सुधार, पापों की क्षमा तथा उद्धार के लिए आपको मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रहा यह स्थायी इलाज आपके प्राणों को आने वाले अनन्त काल के लिए बचा लेने के लिए अनिवार्य है, क्योंकि इसके अतिरिक्त कोई और उपाय है ही नहीं (प्रेरितों 4:12)। - सी. पी. हीया
जीवन की नई शुरुआत के लिए परमेश्वर से नया हृदय प्राप्त कर लें।
और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। - प्रेरितों 4:12
बाइबल पाठ: प्रेरितों 17:22-31
Acts 17:22 तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा हो कर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े मानने वाले हो।
Acts 17:23 क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं।
Acts 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी हो कर हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता।
Acts 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्वास और सब कुछ देता है।
Acts 17:26 उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाईं हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्धा है।
Acts 17:27 कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोल कर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं!
Acts 17:28 क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं।
Acts 17:29 सो परमेश्वर का वंश हो कर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों।
Acts 17:30 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है।
Acts 17:31 क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 13-15