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गुरुवार, 31 जुलाई 2014

सूचना


   अमेरिका में कार निर्माताओं ने सन 2010 में 2 करोड़ गाड़ियों को, बनाते समय गाड़ियों में आई विभिन्न खराबियों के कारण, उन्हें वापस कारखाने लाकर ठीक करवा लेने की सूचनाएं भेजीं। यह आंकड़ा कि इतनी अधिक गाडियों में निर्माण के समय त्रुटियाँ रह गईं अवश्य ही चौंकाने देने वाली बात है, लेकिन इस से भी अधिक चौंका देने वाली बात है उन त्रुटियुक्त गाड़ियों के अनेक मालिकों की इस सूचना के प्रति उदासीनता। एक समय "सेन्टर फॉर औटो सेफटी" के कार्यकारी निर्देशक को उन गाड़ी मालिकों को चेतावनी भेजनी पड़ी, "यह मरम्मत मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रही है, इसे करवा लीजिए क्योंकि यह आपकी जान बचा सकती है।" किंतु फिर भी लगभग 30 प्रतिशत लोगों ने इस सूचना में कोई रुचि नहीं दिखाई, यह जानते हुए भी कि उनकी जान को खतरा है।

   इसी प्रकार बहुत से लोग परमेश्वर द्वारा समस्त मानव जाति को, उनकी आत्मिक दशा को सुधरवा लेने के लिए दी जानी वाली सूचनाओं को अन्देखा करते रहते हैं। उन गाड़ियों के निर्माण के विपरीत, मनुष्य में विद्यमान यह आत्मिक त्रुटि उनके निर्माता परमेश्वर का दोष नहीं है - उसने तो सब कुछ "बहुत अच्छा" बनाया है (उत्पत्ति 1:31), लेकिन मनुष्य के पाप ने सब कुछ बिगाड़ दिया। परमेश्वर ने इसे सुधारने के लिए सबके लिए खुला प्रस्ताव रखा है: "इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्ति के दिन आएं" (प्रेरितों 3:19)।

   परमेश्वर का प्रस्ताव मनुष्य के पापी स्वभाव वाले हृदय की केवल मुफ्त मरम्मत नहीं वरन उस पाप के दोष से खराब हुए हृदय को मुफ्त में बदलकर नया कर देना है (यहेजकेल 36:26; 2 कुरिन्थियों 5:17)। यद्यपि इस प्रस्ताव के लिए हमें कुछ भी मूल्य नहीं चुकाना पड़ेगा (इफिसियों 2:8-9), किंतु परमेश्वर ने इसकी कीमत अपने पुत्र प्रभु यीशु के प्राणों के बलिदान द्वारा चुकाई है "वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए" (1 पतरस 2:24)।

   परमेश्वर की इस सूचना तथा सुधार की पुकार को नज़रन्दाज़ मत कीजिए। परमेश्वर द्वारा आपके आत्मिक सुधार, पापों की क्षमा तथा उद्धार के लिए आपको मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रहा यह स्थायी इलाज आपके प्राणों को आने वाले अनन्त काल के लिए बचा लेने के लिए अनिवार्य है, क्योंकि इसके अतिरिक्त कोई और उपाय है ही नहीं (प्रेरितों 4:12)। - सी. पी. हीया


जीवन की नई शुरुआत के लिए परमेश्वर से नया हृदय प्राप्त कर लें।

और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। - प्रेरितों 4:12

बाइबल पाठ: प्रेरितों 17:22-31
Acts 17:22 तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा हो कर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े मानने वाले हो। 
Acts 17:23 क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्‍तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं। 
Acts 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्‍वामी हो कर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता। 
Acts 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्‍वास और सब कुछ देता है। 
Acts 17:26 उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाईं हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्‍धा है। 
Acts 17:27 कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोल कर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं! 
Acts 17:28 क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं। 
Acts 17:29 सो परमेश्वर का वंश हो कर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। 
Acts 17:30 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। 
Acts 17:31 क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 13-15


बुधवार, 30 जुलाई 2014

बुरी परिस्थिति; भला समाचार


   हाल ही में मेरी बातचीत एक महिला से हुई जिसे बहुत कठिन समय से होकर निकलना पड़ा था और उन परिस्थितियों के तनाव के कारण उसे कई बार अपने चिकित्सक के पास जाना पड़ा। लेकिन अपने चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ उस महिला ने कहा कि इस कठिन और तनावपूर्ण स्थिति के कारण वह अपने चिकित्सक के साथ प्रभु यीशु के बारे में बातचीत कर सकी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पियों के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस लिखता है कि कैसे उसने अपनी बुरी परिस्थिति, अर्थात कैद में होने को, प्रभु यीशु के भले समाचार का प्रचार करने के लिए उपयोग किया। फिलिप्पी के मसीही विश्वासी इस बात से दुखी थे कि प्रभु यीशु के बारे में प्रचार करने के कारण पौलुस को जेल में डाल दिया गया है; लेकिन पौलुस ने उन्हें समझाया कि "हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है" (फिलिप्पियों 1:12)। महल के सभी प्रहरी और रक्षक जानते थे कि पौलुस को जेल में क्यों डाला गया है - क्योंकि वह प्रभु यीशु का प्रचार करता था। उस जेल में भी, जो भी पौलुस के साथ संपर्क में आता, चाहे वे सैनिक हों - जो उसके साथ 24 घंटे रहते थे, या उससे मिलने आने वाले लोग, उन सब को वह प्रभु यीशु में पापों की क्षमा एवं उद्धार के भले समाचार के बारे में बताता था।

   अपनी बुरी परिस्थिति में भी भले समाचार का प्रचार करने के पौलुस के इस प्रयास के कारण उन सैनिकों और रक्षकों में से भी कुछ जन मसीही विश्वासी बन गए (फिलिप्पियों 4:22)। पौलुस के कैद होने का अर्थ यह नहीं था कि प्रभु यीशु का सुसमाचार भी कैद हो गया या थम गया; सुसमाचार तो कैदखाने में भी कार्यकारी हुआ, कैदखाने के कारण और अधिक व्यापकीवं प्रभावी रीति से फैला, तथा तब से लेकर आज तक भी उस उदाहरण के कारण अनेक स्थानों तथा लोगों के लिए प्रेर्णादायक होकर कार्यकारी बना हुआ है।

   प्रभु यीशु के विश्वासियों को यह गौरव है कि वे अपनी बुरी परिस्थितियों को भी भले समाचार के प्रसार के लिए उपयोग कर सकते हैं; हर परिस्थिति में अपने जीवन की गवाही और विश्वास के आधार को दूसरों के साथ बाँट सकते हैं, लोगों को प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के बारे में बता सकते हैं। अपनी परिस्थितियों को अवसर बनाएं, सुसमाचार फैलाएं, परिणाम भला ही होगा। - मार्विन विलियम्स


पीड़ा भी प्रभु यीशु के सुसमाचार को बाँटने का मंच बन सकती है।

पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर। - 2 तिमुथियुस 4:5

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 1:12-22
Philippians 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। 
Philippians 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं। 
Philippians 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्‍ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं। 
Philippians 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से। 
Philippians 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं। 
Philippians 1:17 और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्‍लेश उत्पन्न करें। 
Philippians 1:18 सो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्‍दित हूं, और आनन्‍दित रहूंगा भी। 
Philippians 1:19 क्योंकि मैं जानता हूं, कि तुम्हारी बिनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा इस का प्रतिफल मेरा उद्धार होगा। 
Philippians 1:20 मैं तो यही हादिर्क लालसा और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में लज्ज़ित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूं या मर जाऊं। 
Philippians 1:21 क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है। 
Philippians 1:22 पर यदि शरीर में जीवित रहना ही मेरे काम के लिये लाभदायक है तो मैं नहीं जानता, कि किस को चुनूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 10-12


मंगलवार, 29 जुलाई 2014

काल्पनिक?


   मुझे इतिहास में बहुत रुचि है, इसलिए मैं इंगलैंड के प्रसिद्ध राजा आर्थर पर बने एक विशेष टेलिविज़न कार्यक्रम के क्रमवार प्रसार्ण को बड़े ध्यान से देख रहा था। उस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अनेक इतिहासकार थे; राजा आर्थर, उसके साथी योद्धाओं और उसकी प्रसिद्ध गोल-मेज़ के बारे में उनकी बातचीत तथा परस्पर चर्चा से एक प्रमुख बात निकलकर सामने आई - प्रत्येक इतिहासकार ने बारंबार राजा आर्थर और उससे संबंधित प्रचलित बातों को या तो किवदंती कहा या मिथ्या बताया क्योंकि उन में से किसी बात के कोई एतिहासिक अथवा प्रत्यक्षदर्शी प्रमाण नहीं पाए जाते। राजा आर्थर से संबंधित सभी बातें अनेक अन्य किवदंतियों एवं भिन्न प्रचलित कथाओं को संकलित कर के एक व्यक्ति से जोड़कर प्रस्तुत किया गया विवरण प्रतीत होता है।

   किंतु प्रभु यीशु का जीवन और सुसमाचार ऐसा नहीं है; ना तो वह मिथ्या है और ना ही कोई किवदंती है। वह प्रत्यक्षदर्शी बातों और ऐतिहासिक प्रमाणों से भरी संसार की सबसे महान जीवन गाथा है। प्रेरित पौलुस ने मानव इतिहास की इस सबसे महत्वपूर्ण घटना - प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान के विषय में लिखा कि यह घटना वास्तविक प्रत्यक्षदर्शी व्यक्तियों द्वारा समर्थित है, और प्रमाणस्वरूप उन चेलों के बारे में बताते हुए जिन्होंने प्रभु यीशु को मृतकों में से जी उठने के पश्चात देखा और उससे बातचीत करी, वह यह भी कहता है कि "फिर पांच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिन में से बहुतेरे अब तक वर्तमान हैं पर कितने सो गए" (1 कुरिन्थियों 15:6)। अर्थात, जिस समय पौलुस ने यह पत्री लिखी प्रभु यीशु के पुनरुत्थान के अनेक प्रत्यक्षदर्शी गवाह विद्यमान थे और इस बात को प्रमाणित करने के लिए जाँचे जाने को उपलब्ध थे।

   प्रभु यीशु का मृतकों में से पुनरुत्थान कोई काल्पनिक घटना नहीं है। यह मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक घटना है; यह वह तथ्य है जिसके प्रमाण जाँचे जाने के लिए आज भी प्रत्येक के लिए उपलब्ध हैं; और इस तथ्य के प्रति हमारा निर्णय हम सबके अनन्त भविष्य को निर्धारित करता है (प्रेरितों 17:30-31)। क्या आपने इस तथ्य को स्वीकार करके अपने अनन्त भविष्य को सुनिश्चित कर लिया है? - बिल क्राउडर


यीशु मसीह का पुनरुत्थान प्राचीन इतिहास का सर्वोत्त्म प्रमाणित तथ्य है। - आर्नल्ड

इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है। - प्रेरितों 17:30-31

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:1-11
1 Corinthians 15:1 हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। 
1 Corinthians 15:2 उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। 
1 Corinthians 15:3 इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। 
1 Corinthians 15:4 ओर गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा। 
1 Corinthians 15:5 और कैफा को तब बारहों को दिखाई दिया। 
1 Corinthians 15:6 फिर पांच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिन में से बहुतेरे अब तक वर्तमान हैं पर कितने सो गए। 
1 Corinthians 15:7 फिर याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया। 
1 Corinthians 15:8 और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूं। 
1 Corinthians 15:9 क्योंकि मैं प्रेरितों में सब से छोटा हूं, वरन प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था। 
1 Corinthians 15:10 परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था। 
1 Corinthians 15:11 सो चाहे मैं हूं, चाहे वे हों, हम यही प्रचार करते हैं, और इसी पर तुम ने विश्वास भी किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 7-9


सोमवार, 28 जुलाई 2014

सृष्टि


   एक खगोल शास्त्री ने अन्दाज़ा लगाया कि करोड़ों वर्ष पहले मंगल ग्रह से जीवाणु पृथ्वी पर आ गिरे, और उन जीवाणुओं के क्रमिक विकास द्वारा ही धरती तरह तरह के प्राणियों से भर गई है। विज्ञान पर भरोसा रखने वाले अनेक लोग पृथ्वी पर जीवन के आरंभ का कारण दूरस्त अंतरिक्ष में खोज रहे हैं, वे तरह तरह के अन्दाज़े लगाते हैं, मत प्रतिपादित करते हैं किंतु आज तक भी यह नहीं जान पाए कि पृथ्वी पर जीवन कैसे आरंभ हुआ क्योंकि वे परमेश्वर के वचन बाइबल में स्पष्ट लिखित बात को मानने से इंकार करते हैं कि परमेश्वर ने ही हर प्रकार के जीव जन्तु और मानव की सृष्टि की और उन्हें पृथ्वी पर रखा है।

   ये लोग यह तो मानने को तैयार हैं कि किसी भी रीति से जीवन को ना संभाल सकने वाले मंगल ग्रह पर जीवन आरंभ हुआ और वहाँ तो विकसित नहीं होने पाया परन्तु बिना किसी अन्तरिक्ष यान के जीवन की संभावना के बिलकुल प्रतिकूल अन्तरिक्ष की लाखों मील की दूरी तय करके वह जीवन पृथ्वी पर जीवित पहुँच भी गया और अपने मूल ग्रह से बिलकुल पृथक ग्रह और वहाँ के अलग ही वातावरण में उसे जीवित बने रहने, बढ़ने तथा अनेक रूप से विकसित होते रहने के लायक वातावरण भी मिल गया; लेकिन वे यह कदापि मानने को तैयार नहीं हैं कि परमेश्वर है और उसने ही पृथ्वी को जीवन संभाल सकने के योग्य बनाया है, और अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं की सृष्टि करके प्रत्येक को अपने अपने स्थान पर फलने-फूलने को रखा है; वे यह भी मानने को कदापि तैयार नहीं हैं कि परमेश्वर ने ही मानव जाति की सृष्टि करी और अपनी श्वास के द्वार उसे जीवन प्रदान किया (उत्पत्ति 1:27)।

   उन लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा सृष्टि की रचना के आश्चर्यक्रम को स्वीकार करने से सरल है यह स्वीकार करना कि बिना किसी आरंभिक वस्तु के ही सब कुछ स्वतः ही आरंभ हो गया, सुचारू रूप से स्थापित हो गया और कार्य करने लगा और सुनियोजित रीति से बढ़ने और विकसित भी होने लगा। इन लोगों को परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्युब को दी गई सलाह, "हे अय्यूब! इस पर कान लगा और सुन ले; चुपचाप खड़ा रह, और ईश्वर के आश्चर्यकर्मों का विचार कर" (अय्युब 37:14) पर गंभीरता से सोचना चाहिए। साथ ही परमेश्वर ने जो प्रश्न अय्युब से किया था, "जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे" (अय्युब 38:4), उसका उत्तर भी देना चाहिए।

   भला हो कि हम परमेश्वर के अस्तित्व और उसकी अद्भुत सृजन की सामर्थ पर विश्वास करें, उसकी विलक्षण सृष्टि को सराहें और हमें बनाने तथा हमारी देख-भाल करने के लिए उसका धन्यवाद करें। - डेव ब्रैनन


केवल परमेश्वर ही है जो कुछ नहीं से सब कुछ बना सकता है।

आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन 19:1

बाइबल पाठ: अय्युब 38:3-18
Job 38:3 पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे। 
Job 38:4 जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे। 
Job 38:5 उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा? 
Job 38:6 उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर बिठाया, 
Job 38:7 जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्र जयजयकार करते थे? 
Job 38:8 फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया; 
Job 38:9 जब कि मैं ने उसको बादल पहिनाया और घोर अन्धकार में लपेट दिया, 
Job 38:10 और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़ लगा दिए, कि 
Job 38:11 यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहरें यहीं थम जाएं? 
Job 38:12 क्या तू ने जीवन भर में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है, 
Job 38:13 ताकि वह पृथ्वी की छोरों को वश में करे, और दुष्ट लोग उस में से झाड़ दिए जाएं? 
Job 38:14 वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है, और सब वस्तुएं मानो वस्त्र पहिने हुए दिखाई देती हैं। 
Job 38:15 दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है, और उनकी बढ़ाई हुई बांह तोड़ी जाती है। 
Job 38:16 क्या तू कभी समुद्र के सोतों तक पहुंचा है, वा गहिरे सागर की थाह में कभी चला फिरा है? 
Job 38:17 क्या मृत्यु के फाटक तुझ पर प्रगट हुए, क्या तू घोर अन्धकार के फाटकों को कभी देखने पाया है? 
Job 38:18 क्या तू ने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बतला दे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 4-6


रविवार, 27 जुलाई 2014

प्रोत्साहक


   लोगों के अन्दर पाए जाने वाले गुणों में से एक जिसकी मैं बहुत सराहना करती हूँ है शान्त रीति से, बिना सामने आए, प्रोत्साहन देते रहना। मुझे स्मरण है जब मैं अस्पताल में कुछ समय भर्ती रहने के पश्चात घर लौटी तो मेरी एक सहेली, जैकी - जिसका स्वयं भी कुछ दिन पहले ही एक ऑपरेशन हुआ था, ने मुझे एक पुस्तक भेजी जिसमें परमेश्वर द्वारा हम से की गई प्रतिज्ञाएं लिखीं थी।

   मेरे अंकल बॉब उन लोगों के प्रति बहुत धन्यवादी थे जिन्होंने कैंसर उपचार केंद्र में उनकी देख-रेख करी थी, और उन्होंने धन्यवाद स्वरूप उन लोगों के अधिकारियों को उन कर्मचारियों की सराहना से भरे अनेक पत्र लिख कर भेजे।

   मेरी एक रिश्तेदार ब्रैन्डा को लगभग 20 वर्ष पहले अपने बच्चे की मृत्यु का दुख झेलना पड़ा था, और आज उसके द्वारा किए गए हमदर्दी के कार्यों को अनेक लोग सराहते हैं, समरण करते हैं।

   अकसर देखा जाता है कि जो लोग अत्याधिक दुख - भौतिक या मानसिक, से होकर निकले हैं वे दूसरों को सांत्वना तथा प्रोत्साहन भी सबसे बेहतर और बढ़कर देने पाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की प्रेरितों के कार्य पुस्तक में एक व्यक्ति का उल्लेख है जिसका नाम था बर्नबास, जिसे उस समय के लोग शान्ति का पुत्र कहते थे (प्रेरितों 4:6); उसके लिए लिखा गया है कि, "वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा और विश्वास से परिपूर्ण था..." (प्रेरितों 11:24) और वह दूसरों को प्रोत्साहित करता था कि "...सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो" (प्रेरितों 11:23)। उसके इस प्रकार से मसीही विश्वासियों और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने से बहुत से लोग प्रभावित हुए होंगे, तभी तो परमेश्वर के वचन में उसका नाम इतने आदर के साथ लिखा गया है।

   जैसे हम अपने जीवन में किसी से प्रोत्साहन पा कर आशीषित हुए हैं, वैसे ही हमें भी औरों के लिए प्रोत्साहक होना है, अपने अनुभवों से दुसरों को शान्ति और सांत्वना प्रदान करनी है, प्रभु यीशु के प्रेम को उन तक पहुँचाना है। -सिंडी हैस कैस्पर


प्रोत्साहन द्वारा मनुष्य की आत्मा आशा से भर उठती है।

सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है। - 1 कुरिन्थियों 15:58

बाइबल पाठ: प्रेरितों 11:22-26
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्‍ताकिया भेजा। 
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो। 
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले। 
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया। 
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-3


शनिवार, 26 जुलाई 2014

मित्र


   अमेरिका के गृह युद्ध के समय देश के दक्षिणी एवं उत्तरी भाग के निवासियों में परस्पर नफरत बैठ गई थी। एक अवसर पर जब राष्ट्रपति एब्राहम लिंकन ने विद्रोही दक्षिण अमेरिका के लोगों के साथ परोपकारी व्यवहार करने की बात कही तो एक आलोचक ने खड़े होकर उन्हें स्मरण दिलाया कि उत्तर तथा दक्षिण में युद्ध चल रहा है, दक्षिण अमेरिका के लोग विद्रोही हैं, शत्रु हैं और उनका नाश किया जाना चाहिए। प्रत्युत्तर में लिंकन ने बड़े शांत और शिष्ट रीति तथा बड़ी बुद्धिमानी से कहा: "जब मैं उन्हें अपने मित्र बना लूँगा तो शत्रु तो स्वतः ही नष्ट हो जाएंगे"।

   लिंकन की कही यह बात गंभीर है और प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों को दिए गए ’पहाड़ी सन्देश’ में दी गई शिक्षा के अनुसार है: "परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है" (मत्ती 5:44-45)।

   हम मसीही विश्वासियों को अपने जीवन में कठिन लोगों का सामना तो करना ही पड़ेगा; कुछ ऐसे भी होंगे जिनके साथ हमें अपने संपर्क एवं व्यवहार के लिए सीमाएं भी निर्धारित करनी पड़ेंगी। लेकिन ऐसे लोगों को भी चोट पहुँचाने अथवा उन्हें नीचा दिखाने से हमें बच कर रहना है क्योंकि यह परमेश्वर का मार्ग नहीं है। इसके विपरीत परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि हम ऐसे लोगों के लिए प्रार्थना करें, उनकी भलाई का सोचें, उनके प्रति संवेदनशील और सकारात्मक रवैया रखें। संभव है इससे कोई शत्रु मित्र में परिवर्तित हो जाए। आवश्यक नहीं कि हमारे इस भले व्यवाहार का प्रत्युत्तर प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक रीति से ही दे, लेकिन तब भी हमें उसके साथ एक सामंजस्यपूर्ण और भले संबंध के लिए प्रार्थना करनी है तथा योजना बनानी है।

  क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसके साथ आपके संबंध कठिन रहे हैं? प्रभु यीशु मसीह की शिक्षा एवं सहायता से उसे मित्र बना लेने की प्रक्रिया आरंभ कर लीजिए। - डेनिस फिशर


जब आप किसी की भलाई कर रहे हों तो उसके लिए आप से नफरत करना कठिन होगा।

बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो। - 1 पतरस 3:9

बाइबल पाठ: मत्ती 5:43-48
Matthew 5:43 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर। 
Matthew 5:44 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। 
Matthew 5:45 जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। 
Matthew 5:46 क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते? 
Matthew 5:47 और यदि तुम केवल अपने भाइयों ही को नमस्‍कार करो, तो कौन सा बड़ा काम करते हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा नहीं करते? 
Matthew 5:48 इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता सिद्ध है।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 5-8


शुक्रवार, 25 जुलाई 2014

कारण


   जो मौरिस आईसक्रीम बनाता है और अपनी बनाई आईसक्रीम में अनेक प्रकार के स्वाद देता है। जो मौरिस एक प्रसिद्ध आईसक्रीम बनाने वाली कंपनी के लिए कार्य करता है जिसके रचनात्मक उत्पाद अपनी गुणवन्ता एवं नवीनता के लिए जाने जाते हैं। जो मौरिस भी अपनी आईसक्रीम बनाने की उत्तमता के लिए जाना जाता है लेकिन वह यह कभी नहीं भूलता कि वह किस कारण से यह कार्य कर रहा है। उसने एक साक्षात्कार में रिपोर्टर रिकार्डो गन्दारा को बताया कि उस कंपनी का एक पुराना कर्मचारी उसे स्मरण दिलाता रहता है, "हम आईसक्रीम क्यों बनाते हैं? क्योंकि यह लोगों को प्रसन्न करने वाला भोजन पदार्थ है। हमारा उद्देश्य है लोगों को खुश रखना।" और इसी कारण जो मौरिस लगन के साथ उत्त्म गुणवन्ता की आईसक्रीम बनाता रहता है।

   मसीही विश्वासी होने के कारण हमारे लिए यह अति अनिवार्य है कि हम अपनी सेवकाई के प्रत्येक कार्य के कारण को स्मरण रखें। यदि हम वह कारण भूल जाएंगे तो हम उन चेलों के समान हो जाएंगे जो इस बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे कि उन में से कौन सबसे महत्वपूरण और बड़ा है और इस बात पर उनमें फूट आनी आरंभ हो गई। समस्या के निवारण के लिए मित्रप्रभु यीशु ने उन्हें अपने संसार में आने और कार्य करने के कारण को स्मरण दिलाया: "क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे" (मरकुस 10:45)।

   प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी होने का तात्पर्य है उसका अनुसरण करना और उसके कार्य को उसी की रीति पर आगे बढ़ाना। हम मसीही विश्वासियों को प्रभु यीशु मसीह में सारे संसार के सभी लोगों के लिए उपलब्ध पापों की क्षमा तथा उद्धार एवं परमेश्वर के प्रेम के सुसमाचार को फैलाने की सेवकाई सौंपी गई है। जैसे प्रभु यीशु ने इस सेवकाई को अपने पृथ्वी के जीवन काल में संपन्न किया वैसे ही हमें भी उसी प्रेम और सहिषुण्ता के साथ इस सेवाकाई को पूरा करना है। हमें यह कभी नहीं भूलना है कि प्रभु यीशु सेवा करने तथा उद्धार देने के लिए आया था ना कि हमें संसार में प्रतिष्ठित, संपन्न अथवा महान बनाने।

   नम्रता, दीनता, प्रेम, सहिषुणता के साथ सारे संसार में प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार प्रसार ही हमारे प्रभु यीशु की सेवकाई स्वीकार करने का कारण है। - डेविड मैक्कैसलैंड


अपनी नज़रें प्रभु यीशु पर बनाए रखिए और आप कभी अपने जीवन के उद्देश्य से भटकने नहीं पाएंगे।

क्योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो। - यूहन्ना 13:15

बाइबल पाठ: मरकुस 10:35-45
Mark 10:35 तब जब्‍दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, हे गुरू, हम चाहते हैं, कि जो कुछ हम तुझ से मांगे, वही तू हमारे लिये करे। 
Mark 10:36 उसने उन से कहा, तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूं? 
Mark 10:37 उन्होंने उस से कहा, कि हमें यह दे, कि तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दाहिने और दूसरा तेरे बांए बैठे। 
Mark 10:38 यीशु ने उन से कहा, तुम नहीं जानते, कि क्या मांगते हो? जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्या पी सकते हो? और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, क्या ले सकते हो? 
Mark 10:39 उन्होंने उस से कहा, हम से हो सकता है: यीशु ने उन से कहा: जो कटोरा मैं पीने पर हूं, तुम पीओगे; और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, उसे लोगे। 
Mark 10:40 पर जिन के लिये तैयार किया गया है, उन्हें छोड़ और किसी को अपने दाहिने और अपने बाएं बिठाना मेरा काम नहीं। 
Mark 10:41 यह सुन कर दसों याकूब और यूहन्ना पर रिसयाने लगे। 
Mark 10:42 और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं; और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं। 
Mark 10:43 पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने। 
Mark 10:44 और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने। 
Mark 10:45 क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 1-4


गुरुवार, 24 जुलाई 2014

अनुभव एवं सदबुद्धि


   अनेक वृद्धों के साथ साक्षात्कार करने के पश्चात लेखक डॉन गोल्ड ने अपनी पुस्तक Until the Singing Stops: A Celebration of Life and Old Age in America प्रकाशित करी। डॉन गोल्ड अपनी दादी से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें बहुत सराहते थे। उनकी दादी की यादों ने ही उन्हें प्रेरित किया कि वे अन्य वृद्धों के साथ मिलें, उनसे बातचीत करें और उनके अनुभवों से कुछ शिक्षा लें।

   वे अपने एक अनुभव का बयान करते हैं, एक साक्षात्कार लेने जाते समय वे एक धूल भरे ग्रामीण मार्ग से जाते हुए रास्ता भटक गए। सही रास्ता जानने के लिए वे एक फार्म पर रुके, और एक नवयुवक उनसे बात करने बाहर निकल कर आया। उस लड़के ने उनकी बात सुनी फिर अपने कंधे झटक कर उत्तर दिया, "पता नहीं" और चला गया। इसलिए उन्हें कुछ और रास्ता ऐसे ही तय करना पड़ा। कूछ मील चलने के पश्चात वे फिर से एक अन्य फार्म पर रास्ता फूछने के लिए रुके, और एक वृद्ध किसान उनसे बात करने बाहर निकल कर आया। उनकी बात सुनने के बाद, उस वृद्ध ने बड़े आदर के साथ उन्हें बिलकुल सही और सटीक मार्ग निर्देश दिए और वे अपने गन्तव्य पर पहुँच सके।

   डॉन गोल्ड ने विचारपूर्ण भाव में लिखा, जब मेरी दादी की यादों ने मुझे उनके समान वृद्ध लोगों से बातचीत करने के लिए प्रेरित किया और बाहर लोगों में भेजा, तब संभवतः अनुभव ही वह बात थी जिस की तलाश में मैं निकला था। वे किसी ऐसे को ढूँढ़ रहे थे जो उन्हें जीवन मार्ग पर सही दिशा निर्देश दे सके।

   यदि आप जवान हैं तो किसी ऐसे अनुभवी वृद्ध को खोजें जो परमेश्वर के प्रेम, भलाई और अनुग्रह के सागर से जीवन भर भरपूरी से पीता रहा है। ऐसे लोगों के पास आपको ऐसी सदबुद्धि मिलेगी जो आपको अपने विश्वास में बढ़ने और फलवंत होने में कार्यकारी होगी (भजन 92:12-14)। - डेविड रोपर


मसीह यीशु के साथ संगति ही उसके लिए फलवन्त होने की कुंजी है।

धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिसने परमेश्वर को अपना आधार माना हो। वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा। - यर्मियाह 17:7-8

बाइबल पाठ: भजन 92:1-15
Psalms 92:1 यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना; 
Psalms 92:2 प्रात:काल को तेरी करूणा, और प्रति रात तेरी सच्चाई का प्रचार करना, 
Psalms 92:3 दस तार वाले बाजे और सारंगी पर, और वीणा पर गम्भीर स्वर से गाना भला है। 
Psalms 92:4 क्योंकि, हे यहोवा, तू ने मुझ को अपने काम से आनन्दित किया है; और मैं तेरे हाथों के कामों के कारण जयजयकार करूंगा।
Psalms 92:5 हे यहोवा, तेरे काम क्या ही बड़े हैं! तेरी कल्पनाएं बहुत गम्भीर हैं! 
Psalms 92:6 पशु समान मनुष्य इस को नहीं समझता, और मूर्ख इसका विचार नहीं करता: 
Psalms 92:7 कि दुष्ट जो घास की नाईं फूलते- फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिये होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएं, 
Psalms 92:8 परन्तु हे यहोवा, तू सदा विराजमान रहेगा। 
Psalms 92:9 क्योंकि हे यहोवा, तेरे शत्रु, हां तेरे शत्रु नाश होंगे; सब अनर्थकारी तितर बितर होंगे।
Psalms 92:10 परन्तु मेरा सींग तू ने जंगली सांढ़ का सा ऊंचा किया है; मैं टटके तेल से चुपड़ा गया हूं। 
Psalms 92:11 और मैं अपने द्रोहियों पर दृष्टि कर के, और उन कुकर्मियों का हाल मेरे विरुद्ध उठे थे, सुनकर सन्तुष्ट हुआ हूं।
Psalms 92:12 धर्मी लोग खजूर की नाईं फूले फलेंगे, और लबानोन के देवदार की नाईं बढ़ते रहेंगे। 
Psalms 92:13 वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे। 
Psalms 92:14 वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे, 
Psalms 92:15 जिस से यह प्रगट हो, कि यहोवा सीधा है; वह मेरी चट्टान है, और उस में कुटिलता कुछ भी नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 10-12


बुधवार, 23 जुलाई 2014

परेशानी और शांति


   यदि आपने मर्फी के नियम के बारे में सुना नहीं भी हो, तो भी उसे अनुभव अवश्य किया होगा। मर्फी का नियम कहता है, "यदि कोई भी बात बिगड़ सकती है, तो वह बिगड़ेगी अवश्य"; अर्थात अगर कुछ गलत हो सकने की संभावना है तो देर-सवेर वह होकर रहेगा।

   मर्फी का यह नियम मुझे प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों से कहे गए एक सिद्धांत की याद दिलाता है: "...संसार में तुम्हें क्लेष होता है..." (यूहन्ना 16:33)। अर्थात, हम मसीही विश्वासी इस बात के लिए निश्चित रह सकते हैं कि देर-सवेर हमें संसार से परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा। यह संभावना परमेश्वर की आरंभिक योजना के अनुसार नहीं है, लेकिन जब से मानव जाति शैतान के प्रलोभन में फंस कर पाप में पड़ गई, तभी से सृष्टि की सभी बातें पाप के दुषप्रभावों की आधीनता में आ गईं, और परिणामस्वरूप तब से सृष्टि की सभी बातों में गड़बड़ एवं दुष्क्रीया दिखाई देती है।

   जीवन में परेशानी होने की वास्तविकता तो सर्वविदित है किंतु शांति होने की वस्तविकता अकसर नज़र नहीं आती। यह एक रोचक बात है कि जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों को परेशानियों के बारे में चिताया, उसके साथ ही, उसी वाक्य में उन्हें अपनी शांति के बारे में आश्वस्त भी किया: "...ढाढ़स बांधो, मैंने संसार को जीत लिया है" (यूहन्ना 16:33)। "जीत लिया" से प्रभु यीशु का तात्पर्य था मैंने ऐसा कर के दे दिया है जिसका प्रभाव आते समयों में भी मिलता रहेगा। क्रूस पर अपने बलिदान और फिर तीसरे दिन अपने पुनरुत्थान के द्वारा ना केवल प्रभु यीशु ने तब संसार के पाप पर विजय प्राप्त कर ली थी, वरन आज भी वह इस विजय को अपने चेलों के जीवन का अभिन्न अंग बनाए रखता है। हम चाहे जितनी और चाहे जैसी परेशानी का सामना करें, प्रभु यीशु की उपस्थिति और शांति सदा ही हम मसीही विश्वासियों के साथ बनी रहती है, हमें संभाले रहती है।

   इसलिए इस पतित संसार से चाहे हमें परेशानियाँ और समस्याएं झेलनी पड़ें, लेकिन सुसमाचार यह है कि प्रभु यीशु की शांति उन सभी कष्टों में हमारे साथ बनी रहेगी, हमें संभाले रहेगी और अन्ततः प्रभु यीशु में हम विजयी ठहरेंगे। - जो स्टोवैल


सभी परेशानियों और समस्याओं के मध्य, विजय एवं शांति प्रभु यीशु में ही उपलब्ध रहती है।

मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:25-33
John 16:25 मैं ने ये बातें तुम से दृष्‍टान्‍तों में कही हैं, परन्तु वह समय आता है, कि मैं तुम से दृष्‍टान्‍तों में और फिर नहीं कहूंगा परन्तु खोल कर तुम्हें पिता के विषय में बताऊंगा। 
John 16:26 उस दिन तुम मेरे नाम से मांगोगे, और मैं तुम से यह नहीं कहता, कि मैं तुम्हारे लिये पिता से बिनती करूंगा। 
John 16:27 क्योंकि पिता तो आप ही तुम से प्रीति रखता है, इसलिये कि तुम ने मुझ से प्रीति रखी है, और यह भी प्रतीति की है, कि मैं पिता कि ओर से निकल आया। 
John 16:28 मैं पिता से निकलकर जगत में आया हूं, फिर जगत को छोड़कर पिता के पास जाता हूं। 
John 16:29 उसके चेलों ने कहा, देख, अब तो तू खोल कर कहता है, और कोई दृष्‍टान्‍त नहीं कहता। 
John 16:30 अब हम जान गए, कि तू सब कुछ जानता है, और तुझे प्रयोजन नहीं, कि कोई तुझ से पूछे, इस से हम प्रतीति करते हैं, कि तू परमेश्वर से निकला है। 
John 16:31 यह सुन यीशु ने उन से कहा, क्या तुम अब प्रतीति करते हो? 
John 16:32 देखो, वह घड़ी आती है वरन आ पहुंची कि तुम सब तित्तर बित्तर हो कर अपना अपना मार्ग लोगे, और मुझे अकेला छोड़ दोगे, तौभी मैं अकेला नहीं क्योंकि पिता मेरे साथ है। 
John 16:33 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 7-9


मंगलवार, 22 जुलाई 2014

घेरे हुए


   मेरी सहेली मेलिस्सा की 9 वर्षीय पुत्री, सिडनी, बीमार थी, अस्पताल में भर्ती थी और उसे कीमोथैरपी तथा बोन-मैरो ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। मुझे उसके बारे में एक स्वपन दिखाई दिया जिसमें मैंने देखा कि सिडनी अस्पताल के एक केंद्रीय कक्ष में अपने माता-पिता के साथ है, उस कक्ष के चारों ओर अन्य कमरे बने हैं जिनमें उनके परिवार तथा मित्रगण हैं और वे सभी सिडनी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वास्तविक जीवन में, भौतिक रूप से, सिडनी परिवार या मित्रजनों से घिरी हुई नहीं थी, वे उसके चारों ओर उपस्थित नहीं थे किंतु आत्मिक रीति से उन सबकी प्रार्थनाओं और प्रेम ने उसे घेर रखा था।

   प्रेरित पौलुस भी प्रार्थनाओं से घिरे रहने की लालसा रखता था। पौलुस द्वारा भिन्न मसीही मण्डलियों को लिखी पत्रियों में से अधिकांश में उसने उन मण्डलियों से अनुरोध किया कि वे उसे अपनी प्रार्थनाओं में प्रभु के सम्मुख स्मरण रखें (2 कुरिन्थियों 1:11; इफिसीयों 6:18-20; कुलुस्सियों 4:2-4; फिलेमॉन 1:22)। रोम की मसीही मण्डली के सदस्यों को पौलुस ने लिखा: "और हे भाइयों; मैं यीशु मसीह का जो हमारा प्रभु है और पवित्र आत्मा के प्रेम का स्मरण दिला कर, तुम से बिनती करता हूं, कि मेरे लिये परमेश्वर से प्रार्थना करने में मेरे साथ मिलकर लौलीन रहो" (रोमियों 15:30)। पौलुस जानता था कि जब तक सहयोगियों तथा सहकर्मियों की प्रार्थना की सामर्थ उसके साथ नहीं है, वह परमेश्वर के लिए अपनी सेवकाई में प्रभावी नहीं हो सकता।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु भी हमारे लिए प्रार्थना करता है (यूहन्ना 17:20; इब्रानियों 7:25) और परमेश्वर का पवित्र आत्मा भी प्रार्थना में हमारी सहायता करता है कि हम परमेश्वर की इच्छा के अनुसार प्रार्थना कर सकें (रोमियों 8:27)। हम मसीही विश्वासियों के लिए यह कितनी शांति, सांत्वना और सामर्थ की बात है कि अन्य मसीही विश्वासियों, प्रभु यीशु और पवित्र आत्मा की प्रार्थनाएं हमें घेरे हुए रखती हैं, सुरक्षित रखती हैं, प्रभावी बनाती हैं। एक दूसरे के लिए प्रार्थना करते रहें, एक दूसरे को प्रार्थनाओं से घेरे रहें। - ऐनी सेटास


पवित्र आत्मा की प्रेरणा से करी गई प्रार्थना अति प्रभावी होती है।

हमारे लिये प्रार्थना करते रहो, क्योंकि हमें भरोसा है, कि हमारा विवेक शुद्ध है; और हम सब बातों में अच्छी चाल चलना चाहते हैं। - इब्रानियों 13:18

बाइबल पाठ: रोमियों 15:22-33
Romans 15:22 इसी लिये मैं तुम्हारे पास आने से बार बार रूका रहा। 
Romans 15:23 परन्तु अब मुझे इन देशों में और जगह नहीं रही, और बहुत वर्षों से मुझे तुम्हारे पास आने की लालसा है। 
Romans 15:24 इसलिये जब इसपानिया को जाऊंगा तो तुम्हारे पास होता हुआ जाऊंगा क्योंकि मुझे आशा है, कि उस यात्रा में तुम से भेंट करूं, और जब तुम्हारी संगति से मेरा जी कुछ भर जाए, तो तुम मुझे कुछ दूर आगे पहुंचा दो। 
Romans 15:25 परन्तु अभी तो पवित्र लोगों की सेवा करने के लिये यरूशलेम को जाता हूं। 
Romans 15:26 क्योंकि मकिदुनिया और अखया के लोगों को यह अच्छा लगा, कि यरूशलेम के पवित्र लोगों के कंगालों के लिये कुछ चन्दा करें। 
Romans 15:27 अच्छा तो लगा, परन्तु वे उन के कर्जदार भी हैं, क्योंकि यदि अन्यजाति उन की आत्मिक बातों में भागी हुए, तो उन्हें भी उचित है, कि शारीरिक बातों में उन की सेवा करें। 
Romans 15:28 सो मैं यह काम पूरा कर के और उन को यह चन्दा सौंप कर तुम्हारे पास होता हुआ इसपानिया को जाऊंगा। 
Romans 15:29 और मैं जानता हूं, कि जब मैं तुम्हारे पास आऊंगा, तो मसीह की पूरी आशीष के साथ आऊंगा।
Romans 15:30 और हे भाइयों; मैं यीशु मसीह का जो हमारा प्रभु है और पवित्र आत्मा के प्रेम का स्मरण दिला कर, तुम से बिनती करता हूं, कि मेरे लिये परमेश्वर से प्रार्थना करने में मेरे साथ मिलकर लौलीन रहो। 
Romans 15:31 कि मैं यहूदिया के अविश्वासियों बचा रहूं, और मेरी वह सेवा जो यरूशलेम के लिये है, पवित्र लोगों को भाए। 
Romans 15:32 और मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आनन्द के साथ आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊं। 
Romans 15:33 शान्ति का परमेश्वर तुम सब के साथ रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 4-6


सोमवार, 21 जुलाई 2014

साथ


   हमारे क्षेत्र में इंग्लिश फुटबॉल खेल का एक प्रमुख आकर्षण है सालाना एफ ए कप प्रतियोगिता का फाइनल मैच। सौ वर्ष से भी अधिक समय से यह दिन उत्साह, उत्सव और प्रतिस्पर्धा के साथ मनाया जाता रहा है। लेकिन इस दिन को लेकर मेरे लिए जो सबसे रोमांचकारी बात रही है वह है खेल के आरंभ होने का तरीका। प्रति वर्ष इस सालाना प्रतियोगिता का यह फाईनल मैच आरम्भ होता है एक पारंपरिक भक्ति गीत Abide With Me (रह मेरे साथ) के गाए जाने के द्वारा।

   पहले मुझे यह बड़ा अटपटा सा लगा - भला फुटबॉल के साथ भक्ति गीत का क्या लेना-देना हो सकता है? जब मैंने इस पर थोड़ा विचार किया, तो मुझे समझ आया कि एक मसीही विश्वासी के लिए परमेश्वर की संगति हर समय महत्वपूर्ण है, चाहे वह खेल-कूद, बाज़ार-खरीददारी, व्यवसाय-कार्य स्थल, स्कूल, या अन्य कोई भी कार्य करना क्यों ना हो। प्रत्येक मसीही विश्वासी के जीवन का ऐसा कोई पहलु नहीं है जिसमें परमेश्वर की उपस्थिति का प्रभाव नहीं होता; इसलिए यह लालसा कि परमेश्वर हर समय साथ बना रहे हम मसीही विश्वासियों के लिए सबसे स्वाभाविक लालसा है।

   लेकिन परमेश्वर का यह लगातार बना रहने वाला साथ कोई ऐसी बात नहीं है जिसके लिए हमें परमेश्वर के सामने गिड़गड़ाते रहना पड़ेगा, वरन यह तो परमेश्वर पिता की ओर से अपने बच्चों को दिया गया वायदा है: "तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा" (इब्रानियों 13:5)। ना केवल परमेश्वर का साथ हम मसीही विश्वासियों की हर परिस्थिति में संतुष्टि की कुँजी है, वरन यह साथ हमें सद्बुद्धि, शांति, सांत्वना, और सामर्थ भी देता है - हम चाहे जहाँ हों, चाहे कोई भी कार्य कर रहे हों, चाहे जिस भी परिस्थिति में हों। - बिल क्राउडर


हम मसीही विश्वासियों का सबसे महान सौभग्य है प्रभु यीशु की संगति और उसका आनन्द।

तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा। - व्यवस्थाविवरण 31:6

बाइबल पाठ: इब्रानियों 13:1-8
Hebrews 13:1 भाईचारे की प्रीति बनी रहे। 
Hebrews 13:2 पहुनाई करना न भूलना, क्योंकि इस के द्वारा कितनों ने अनजाने स्‍वर्गदूतों की पहुनाई की है। 
Hebrews 13:3 कैदियों की ऐसी सुधि लो, कि मानो उन के साथ तुम भी कैद हो; और जिन के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, उन की भी यह समझकर सुधि लिया करो, कि हमारी भी देह है। 
Hebrews 13:4 विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और बिछौना निष्‍कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा। 
Hebrews 13:5 तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। 
Hebrews 13:6 इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है।
Hebrews 13:7 जो तुम्हारे अगुवे थे, और जिन्हों ने तुम्हें परमेश्वर का वचन सुनाया है, उन्हें स्मरण रखो; और ध्यान से उन के चाल-चलन का अन्‍त देखकर उन के विश्वास का अनुकरण करो। 
Hebrews 13:8 यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एकसा है।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3


रविवार, 20 जुलाई 2014

भूल और भलाई


   कलाकार जेम्स हब्बल का कहना है कि गलतियाँ उपहार होती हैं। वे जब किसी प्रोजैक्ट पर कार्य कर रहे होते हैं और कोई गलती हो जाती है तो वे उस कार्य को पुनः आरम्भ नहीं करते; वे ऐसे तरीके ढूँढ़ते हैं कि उस गलती से भी वहाँ कुछ बेहतर बना सकें। हम में से कोई ऐसा नहीं है जो गलती ना करता हो, और हम सब के उन गलतियों के प्रति व्यवहार के अपने अपने तरीके हैं; कोई उन्हें छुपाता है, कोई उन्हें नज़रन्दाज़ कर देता है, कोई उनकी ज़िम्म्दारी से मुँह मोड़ लेता है तो कोई उन्हें स्वीकार करके उनके लिए क्षमा माँगता है या उसे सुधारने का प्रयास करता है।

   जैसा हम अपनी गलतियों के साथ करते हैं, वैसा ही हम अपने जीवनों के पापों के साथ भी करते हैं। लेकिन परमेश्वर जो हम सब का सृष्टिकर्ता है, हम सबको अन्दर-बाहर से भलि-भांति जानता है, हमारी गलतियों और पापों के कारण हमें त्यागना नहीं चाहता वरन चाहता है कि हमें सुधार सके, पाप के परिणाम से बचाकर भला और बेहतर बना सके। इसका एक उदाहरण हम प्रभु यीशु के चेले पतरस के जीवन से पाते हैं।

   पतरस अपने अविवेकपूर्ण बड़बोलेपन के लिए जाना जाता है - उस पल में जो उसके मन में आता था उसके बारे में कुछ भी सोचे समझे बिना ही वह उसे बोल देता था। जब प्रभु यीशु ने अपनी आती मृत्यु के बारे में अपने चेलों से चर्चा करी तब पतरस ने उसके प्रति अपने समर्पण तथा वफादारी के बड़े बड़े दावे किए; किंतु थोड़े ही समय पश्चात जब प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए वास्तव में पकड़वाया गया, तब पतरस ने भयवश तीन बार प्रभु यीशु को पहचानने और उसका अनुयायी होने से इन्कार कर दिया। लेकिन अपने मृतकों में से पुनरुत्थान के पश्चात प्रभु यीशु ने पतरस के दोषपूर्ण अतीत के बावजूद तीन बार पतरस को अपने आने वाले अनुयायीयों की देखभाल करने कि ज़िम्मेदारी दी (यूहन्ना 21)।

   यदि आपने भी कोई ऐसी भूल करी है जो आपको अपरिवर्तनीय लगती है, जिसके दुषपरिणाम आपको परेशान करते हैं, तो उन्हें सुधारने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप प्रभु यीशु से प्रेम करते हैं, उसे अपना जीवन समर्पित करके अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया है अथवा नहीं। यदि आप प्रभु यीशु के अनुयायी हैं तो बिना कोई सन्देह किए अपनी उस भूल और उसके दुषपरिणामों को प्रभु यीशु के सामने स्वीकार कर के उन्हें उसके हाथों में सौंप दीजिए। प्रभु यीशु हमारी बड़ी भूलों को भी बड़ी भलाई में बदल सकता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर ही है जो हमारी चूक को चमत्कार में परिवर्तित कर सकता है।

हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएंगे। प्राचीनकाल की नाईं हमारे दिन बदल कर ज्यों के त्यों कर दे! - विलापगीत 5:21

बाइबल पाठ: यूहन्ना 21:15-19
John 21:15 भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है? उसने उस से कहा, हां प्रभु तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरे मेमनों को चरा। 
John 21:16 उसने फिर दूसरी बार उस से कहा, हे शमौन यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रेम रखता है? उसने उन से कहा, हां, प्रभु तू जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरी भेड़ों की रखवाली कर। 
John 21:17 उसने तीसरी बार उस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? पतरस उदास हुआ, कि उसने उसे तीसरी बार ऐसा कहा; कि क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? और उस से कहा, हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: यीशु ने उस से कहा, मेरी भेड़ों को चरा। 
John 21:18 मैं तुझ से सच सच कहता हूं, जब तू जवान था, तो अपनी कमर बान्‍धकर जहां चाहता था, वहां फिरता था; परन्तु जब तू बूढ़ा होगा, तो अपने हाथ लम्बे करेगा, और दूसरा तेरी कमर बान्‍धकर जहां तू न चाहेगा वहां तुझे ले जाएगा। 
John 21:19 उसने इन बातों से पता दिया कि पतरस कैसी मृत्यु से परमेश्वर की महिमा करेगा; और यह कहकर, उस से कहा, मेरे पीछे हो ले।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 29-31


शनिवार, 19 जुलाई 2014

झूठी छवि


   विक्टोरियन काल के उपन्यास The Picture of Dorian Grey दिखाता है कि जो हम अपने आप को बाहरी रीति से दिखाते हैं वह हमारी वास्तविक भीतरी दशा से कितना भिन्न होता है। उस उपन्यास का नायक अपनी जवानी में बहुत सुन्दर था; उसने जब अपना चित्र बनवाया तो उसके मन में अभिलाषा जागी कि वह सदा ही ऐसा सुन्दर और आकर्षक बना रहे, उसके स्थान पर वह चित्र उम्र के साथ बूढ़ा होता जाए। शीघ्र ही डोरियन ग्रे को पता चला कि उसकी यह इच्छा स्वीकार हो गई है, और उसका वह चित्र जो उसके परेशान मन के साथ जोड़ दिया गया था, समय के साथ बूढ़ा होता गया तथा डोरियन ग्रे द्वारा किए गए हर पाप के साथ और अधिक बदसूरत होता चला गया। थोड़े ही समय में डोरियन ग्रे का बाहरी स्वरूप और उसके अन्दर के भ्रष्ट मन से जुड़ा वह चित्र एक समान दिखने बन्द हो गए - डोरियन ग्रे जो अन्दर से था वह बाहर नहीं दिखता था, और जैसा वह बाहर से दिखता था, वैसा वह अन्दर से था नहीं।

   प्रभु यीशु मसीह ने भी अपने समय के धर्म गुरु फरीसियों की ऐसा ही दोगला जीवन जीने के लिए भर्त्सना करी। बहुत से फरीसी समाज के सामने अपनी धार्मिकता का प्रदर्शन तो करते थे, लेकिन उनके मन अनेक छुपे हुए पापों से भरे हुए थे। इस कारण प्रभु यीशु ने उनकी तुलना "चूना फिरी हुई कब्र" से करी जो बाहर की लीपा-पोती से सुन्दर तो दिखाई देती है, परन्तु अन्दर सड़ाहट तथा दुर्गन्ध से भरी होती हैं (मत्ती 23:27)।

   हमारे समक्ष भी यही प्रलोभन, कि हम अपने आप को समाज तथा अन्य लोगों के सामने अच्छा दिखाएं सदा बना रहता है, परन्तु परमेश्वर हमारी वास्तविक दशा को, हमारे मन को भलि-भांति जानता है (1 शमूएल 16:7; नीतिवचन 15:3)। उसकी दृष्टि से कुछ छिपा नहीं है, और हम सभी को अन्ततः उसके सामने हर एक बात का हिसाब देना ही होगा; हमारे पाप यदि क्षमा नहीं होंगे, तो हमारा उनके परिणाम को भोगना अवश्यंभावी है। हमारी झूठी छवि समाज को, लोगों को धोखा दे सकती है, परमेश्वर और उसके न्याय को नहीं।

   प्रभु यीशु के सामने सच्चे मन से पापों के अंगीकार और उनकी क्षमा याचना के द्वारा तथा अपने हृदय को प्रभु यीशु तथा उसके वचन के लिए खोलने के द्वारा ही हम अपने जीवन की भीतरी मलिनता की सफाई का तथा परमेश्वर की पवित्रता एवं स्वच्छता का अनुभव कर सकते हैं, अपने अन्दर की एक ऐसी आत्मिक दशा को अनुभव कर सकते हैं जो दिखावे के नहीं वरन सच्ची धार्मिकता के कार्यों में प्रकट होती है। प्रभु यीशु को अवसर दें कि वह आपकी झूठी छवि को बदलकर आपको सच्चे आत्मिक स्वरूप में ले आए (2 कुरिन्थियों 17-18)। - डेनिस फिशर


केवल प्रभु यीशु मसीह ही पाप क्षमा करके हमें अन्दर से बदल सकता है।

क्योंकि उनका पूरा चाल-चलन मेरी आंखों के साम्हने प्रगट है; वह मेरी दृष्टि से छिपा नहीं है, न उनका अधर्म मेरी आखों से गुप्त है। सो मैं उनके अधर्म और पाप का दूना दण्ड दूंगा - यर्मियाह 16:17

बाइबल पाठ: मत्ती 23:23-31
Matthew 23:23 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते। 
Matthew 23:24 हे अन्धे अगुवों, तुम मच्छर को तो छान डालते हो, परन्तु ऊंट को निगल जाते हो। 
Matthew 23:25 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्‍धेर असंयम से भरे हुए हैं। 
Matthew 23:26 हे अन्धे फरीसी, पहिले कटोरे और थाली को भीतर से मांज कि वे बाहर से भी स्‍वच्‍छ हों। 
Matthew 23:27 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्‍दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं। 
Matthew 23:28 इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो।
Matthew 23:29 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें संवारते और धर्मियों की कब्रें बनाते हो। 
Matthew 23:30 और कहते हो, कि यदि हम अपने बाप-दादों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उन के साझी न होते। 
Matthew 23:31 इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्तान हो।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 25-28


शुक्रवार, 18 जुलाई 2014

सर्वोत्तम वस्तुएं


   एक पुरानी कहावत है, "जीवन की सर्वोत्तम वस्तुएं मुफ्त होती हैं।" बहुत से लोगों के लिए यह काफी हद तक सही हो सकता है। लेकिन कुछ अन्य लोग भी हैं जो यह मानते हैं कि जीवन की सर्वोत्त्म वस्तुएं महंगी या मुशकिल से ही मिलने वाली होती हैं। लेकिन हाल ही में मैंने एक स्थान पर कुछ लिखा देखा जिसे पढ़कर मैं मुस्कुरा दिया और उसने मुझे सोचने पर भी बाध्य किया; वह था, "जीवन में सर्वोत्तम, वस्तु नहीं होता!" बात कहने का कितना अद्भुत तरीका था। परिवार जन, प्रीय जन, मित्रगण, विश्वास आदि जो हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं वे वास्तव में वस्तु नहीं हैं वरन वे सब किसी व्यक्ति एवं प्रभु परमेश्वर में निहित होते हैं।

   राजा सुलेमान भौतिक वस्तुओं के बारे में राय देने के लिए बहुत योग्य था क्योंकि "...राजा सुलैमान, धन और बुद्धि में पृथ्वी के सब राजाओं से बढ़कर हो गया" (1 राजा 10:23)। उसकी राय? "धनी होने के लिये परिश्रम न करना; अपनी समझ का भरोसा छोड़ना। क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी की नाईं पंख लगा कर, नि:सन्देह आकाश की ओर उड़ जाता है" (नीतिवचन 23:4-5)। इस कारण उसने आगे सिखाया, "अपना हृदय शिक्षा की ओर, और अपने कान ज्ञान की बातों की ओर लगाना। क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी" (नीतिवचन 23:12, 18)।

   जीवन की सर्वोत्तम वस्तुएं वे अनन्तकाल की आशीषें हैं जो परमेश्वर की भलाई तथा प्रभु यीशु के अनुग्रह से मिलती हैं; ना वे खराब हो सकती हैं, ना कोई उन्हें चुरा सकता है और ना ही वे कभी घट सकती हैं; हम उन्हें हाथों में नहीं वरन हृदय में रखते हैं। वे तो ऐसा अनमोल धन हैं जो इस जीवन में भी हमारे साथ रहेगा और आने वाले जीवन में भी अनन्तकाल तक हमारे साथ बना रहेगा, और दोनों ही स्थानों पर हमारे काम आएगा। क्या आपने इन वास्तविक ’सर्वोत्तम वस्तुओ’ को अर्जित कर लिया है? - डेविड मैक्कैसलैंड


हमारा सबसे बड़ा धन वही है जो मसीह यीशु में होकर हमें मिलता है।

अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो; जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। परन्तु अपने लिये स्वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं। - मत्ती 6:19-20

बाइबल पाठ: नीतिवचन 23:1-18
Proverbs 23:1 जब तू किसी हाकिम के संग भोजन करने को बैठे, तब इस बात को मन लगा कर सोचना कि मेरे साम्हने कौन है? 
Proverbs 23:2 और यदि तू खाऊ हो, तो थोड़ा खा कर भूखा उठ जाना। 
Proverbs 23:3 उसकी स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं की लालसा न करना, क्योंकि वह धोखे का भोजन है। 
Proverbs 23:4 धनी होने के लिये परिश्रम न करना; अपनी समझ का भरोसा छोड़ना। 
Proverbs 23:5 क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी की नाईं पंख लगा कर, नि:सन्देह आकाश की ओर उड़ जाता है। 
Proverbs 23:6 जो डाह से देखता है, उसकी रोटी न खाना, और न उसकी स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं की लालसा करना; 
Proverbs 23:7 क्योंकि जैसा वह अपने मन में विचार करता है, वैसा वह आप है। वह तुझ से कहता तो है, खा पी, परन्तु उसका मन तुझ से लगा नहीं। 
Proverbs 23:8 जो कौर तू ने खाया हो, उसे उगलना पड़ेगा, और तू अपनी मीठी बातों का फल खोएगा। 
Proverbs 23:9 मूर्ख के साम्हने न बोलना, नहीं तो वह तेरे बुद्धि के वचनों को तुच्छ जानेगा। 
Proverbs 23:10 पुराने सिवानों को न बढ़ाना, और न अनाथों के खेत में घुसना; 
Proverbs 23:11 क्योंकि उनका छुड़ाने वाला सामर्थी है; उनका मुकद्दमा तेरे संग वही लड़ेगा। 
Proverbs 23:12 अपना हृदय शिक्षा की ओर, और अपने कान ज्ञान की बातों की ओर लगाना। 
Proverbs 23:13 लड़के की ताड़ना न छोड़ना; क्योंकि यदि तू उसका छड़ी से मारे, तो वह न मरेगा। 
Proverbs 23:14 तू उसको छड़ी से मार कर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा। 
Proverbs 23:15 हे मेरे पुत्र, यदि तू बुद्धिमान हो, तो विशेष कर के मेरा ही मन आनन्दित होगा। 
Proverbs 23:16 और जब तू सीधी बातें बोले, तब मेरा मन प्रसन्न होगा। 
Proverbs 23:17 तू पापियों के विषय मन में डाह न करना, दिन भर यहोवा का भय मानते रहना। 
Proverbs 23:18 क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 22-24


गुरुवार, 17 जुलाई 2014

मुसीबत की जड़


   मेरे घर के लॉन में कुछ गड़बड़ी थी; वह गड़बड़ी मुझे दिखाई तो नहीं दे रही थी लेकिन उसके दुषप्रभाव मेरे सामने थे - पूरी देख-रेख के बावजूद सारी घास और मैदान खराब होता जा रहा था। मैंने बारीकी से जाँच करनी आरंभ करी और शीघ्र ही मुसीबत कि जड़ सामने आ गई - छछूंदर। कीड़े-मकौड़े खाते रहने वाले और धरती की सतह के नीचे बिलों में रहने वाले वे छोटे जन्तु बड़ी देख-भाल के साथ रखे गए मेरे घास के लॉन की सतह के नीचे यहाँ से वहाँ अपने बिल बनाए जा रहे थे और घास को बरबाद करे जा रहे थे। ना तो वे जन्तु और ना ही उनके बिल ऊपर से दिखाई देते थे, किंतु उन से हो रहा नुकसान सबके सामने प्रगट था।

   इस्त्राएलियों के साथ भी एक छिपी हुई मुसीबत की जड़ थी जो उनके लिए परेशानी का कारण ठहरी (यहोशु 7)। इस्त्राएली मुसीबत में तो पड़े किंतु उसका कारण उन्हें समझ नहीं आ रहा था। कुछ तो था जो उनकी दृष्टि से ओझल था किंतु उसके दुषप्रभाव उनके सामने थे। वे दुषप्रभाव तब उजागर हुए जब यहोशु ने छोटे से नगर ऐ को जीतने के लिए 3000 की सेना भेजी। ऐ की छोटी से सेना को पराजित करने के लिए यह काफी होनी चाहिए थी किंतु परिणाम उलटा ही निकला। ऐ के सैनिकों ने इस्त्राएलियों को खदेड़ दिया और उनके 36 सैनिक मार डाले। यहोशु को समझ नहीं आया कि ऐसा कैसे हो गया। कारण जानने के लिए वह प्रार्थना में परमेश्वर के आगे गिड़गिड़ा कर पड़ गया और परमेश्वर ने उसे बताया कि मुसीबत की जड़ क्या है - उन इस्त्राएलियों में एक ऐसा जन भी था जिसने परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता करी और यरिहो से हुए पिछले युद्ध में अर्पण की हुई वस्तुओं में से अपने लिए कुछ चुरा लीं (यहोशु 7:11)। अनाज्ञाकारिता और झूठ के पाप के दुषप्रभाव से परमेश्वर की सुरक्षा और आशीष इस्त्राएली सेना पर से हट गई और उनकी हार का कारण हो गई। जब उस पाप को एवं पाप करने वाले को प्रकट किया गया तथा पाप का निर्धारित समाधान किया गया तत्पश्चात ही इस्त्राएल फिर विजय प्राप्त कर सका।

   हमारे जीवनों के छिपे हुए पाप हमारे लिए बहुत मुसीबत की जड़ होते हैं। हम चाहे अपने निकट के लोगों और परिवार जनों से बहुत कुछ छुपा लें, परमेश्वर से कुछ नहीं छुपा सकते। यदि पाप का समाधान नहीं होगा तो उसके दुषपरिणाम झेलने ही पड़ेंगे। इस मुसीबत की जड़ को अपने जीवन से दूर ही रखिए, तब ही परमेश्वर की आशीषें आपके साथ रहेंगी और आप जयवंत रहेंगे। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के समक्ष पाप अंगीकार और उसके लिए पश्चताप से ही क्षमा प्राप्त हो सकती है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: यहोशु 7:1-13
Joshua 7:1 परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया; अर्थात यहूदा के गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्म्मी का पुत्र था, उसने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया; इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा।
Joshua 7:2 और यहोशू ने यरीहो से ऐ नाम नगर के पास, जो बेतावेन से लगा हुआ बेतेल की पूर्व की ओर है, कितने पुरूषों को यह कहकर भेजा, कि जा कर देश का भेद ले आओ। और उन पुरूषों ने जा कर ऐ का भेद लिया। 
Joshua 7:3 और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, सब लोग वहां न जाएं, कोई दो वा तीन हजार पुरूष जा कर ऐ को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहां जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं। 
Joshua 7:4 इसलिये कोई तीन हजार पुरूष वहां गए; परन्तु ऐ के रहने वालों के साम्हने से भाग आए, 
Joshua 7:5 तब ऐ के रहने वालों ने उन में से कोई छत्तीस पुरूष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा कर के उतराई में उन को मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। 
Joshua 7:6 तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के साम्हने मुंह के बल गिरकर पृथ्वी पर सांझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने अपने सिर पर धूल डाली। 
Joshua 7:7 और यहोशू ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में कर के नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष कर के यरदन के उस पार रह जाते। 
Joshua 7:8 हाय, प्रभु मैं क्या कहूं, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! 
Joshua 7:9 क्योंकि कनानी वरन इस देश के सब निवासी यह सुनकर हम को घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा? 
Joshua 7:10 यहोवा ने यहोशू से कहा, उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भांति मुंह के बल पृथ्वी पर पड़ा है? 
Joshua 7:11 इस्राएलियों ने पाप किया है; और जो वाचा मैं ने उन से अपने साथ बन्धाई थी उसको उन्होंने तोड़ दिया है, उन्होंने अर्पण की वस्तुओं में से ले लिया, वरन चोरी भी की, और छल कर के उसको अपने सामान में रख लिया है। 
Joshua 7:12 इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के साम्हने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं, इसलिये कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु को सत्यानाश न कर डालोगे, तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूंगा। 
Joshua 7:13 उठ, प्रजा के लोगों को पवित्र कर, उन से कह; कि बिहान तक अपने अपने को पवित्र कर रखो; क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, कि हे इस्राएल, तेरे मध्य में अर्पण की वस्तु है; इसलिये जब तक तू अर्पण की वस्तु को अपने मध्य में से दूर न करे तब तक तू अपने शत्रुओं के साम्हने खड़ा न रह सकेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 19-21


बुधवार, 16 जुलाई 2014

व्यवहार तथा वार्तालाप


   मैसाचूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैकनौलॉजी के एक शोधकर्ता एवं वैज्ञानिक ने अपने बच्चे के जीवन के पहले तीन वर्ष को रिकॉर्ड किया, यह जानने के लिए कि हम मानव भाषा कैसे सीखते हैं। उन्होंने और उनकी पत्नि ने अपने घर में स्थान स्थान पर कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाए जिनके द्वारा उन्होंने 200,000 घंटों से भी अधिक की ऑडियो तथा वीडियो रिकॉर्डिंग्स करीं। इन रिकॉर्डिंग्स को जमा करके, उन्हें संपादित तथा संक्षिप्त करके, उनका विशलेषण करके उन्होंने जाना कि कैसे बच्चों द्वारा निकाली जाने वाली ’गागा’ ध्वनि ’वॉटर’ (पानी) शब्द में परिवर्तित होती है।

   विचार कीजिए, यदि आपको ज्ञात हो कि कोई आपकी हर बात, हर व्यवहार, मुँह से निकलने वाला हर शब्द को रिकॉर्ड कर रहा है तब आपके व्यवहार तथा वार्तालाप पर उसका क्या प्रभाव होगा? यदि ऐसा हो, तो यह अध्ययन आपके बारे में क्या बात प्रकट करेगा? परमेश्वर के वचन बाइबल की नीतिवचन पुस्तक के 18 अध्याय में कुछ अविवेकपूर्ण बातों के उदाहरण प्रस्तुत करे गए हैं। नीतिवचन का लेखक लिखता है कि मूर्ख लोग अपने व्यवहार तथा वार्तालाप द्वारा कुछ बातों को प्रगट करते हैं: वे दूसरों की बात समझने की बजाए अपने ही विचार दूसरों पर थोपने का प्रयास करते हैं (पद 2); उनके शब्दों से विनाश आता है (पद 7); वे बिना पूरी बात सुनें और समझे ही आवेगवश बोलने लगते हैं (पद 13)। कहीं ये तथा ऐसी ही अन्य बातें आज हमारा ही चरित्र-चित्रण तो नहीं कर रही हैं?

   हमें अपने व्यवहार तथा वार्तालाप का अध्ययन करते रहने वाला बनना चाहिए। परमेश्वर की सहायता से हम अपने मुँह से निकलने वाले हानिकारक शब्दों को दूसरों को उभारने वाले तथा प्रोत्साहित करने वाले शब्दों में परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे दूसरों को शांति तथा अनुग्रह मिले, यह परमेश्वर की हमारे लिए इच्छा है: "कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो" (इफिसीयों 4:29)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हमारे शब्दों में बनाने की भी शक्ति है और बिगाड़ने की भी।

और मैं तुम से कहता हूं, कि जो जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे। क्योंकि तू अपनी बातों के कारण निर्दोष और अपनी बातों ही के कारण दोषी ठहराया जाएगा। - मत्ती 12:36-37

बाइबल पाठ: नीतिवचन 18:1-15
Proverbs 18:1 जो औरों से अलग हो जाता है, वह अपनी ही इच्छा पूरी करने के लिये ऐसा करता है, 
Proverbs 18:2 और सब प्रकार की खरी बुद्धि से बैर करता है। मूर्ख का मन समझ की बातों में नहीं लगता, वह केवल अपने मन की बात प्रगट करना चाहता है। 
Proverbs 18:3 जहां दुष्ट आता, वहां अपमान भी आता है; और निन्दित काम के साथ नामधराई होती है। 
Proverbs 18:4 मनुष्य के मुंह के वचन गहिरा जल, वा उमण्डने वाली नदी वा बुद्धि के सोते हैं। 
Proverbs 18:5 दुष्ट का पक्ष करना, और धर्मी का हक मारना, अच्छा नहीं है। 
Proverbs 18:6 बात बढ़ाने से मूर्ख मुकद्दमा खड़ा करता है, और अपने को मार खाने के योग्य दिखाता है। 
Proverbs 18:7 मूर्ख का विनाश उस की बातों से होता है, और उसके वचन उस के प्राण के लिये फन्दे होते हैं। 
Proverbs 18:8 कानाफूसी करने वाले के वचन स्वादिष्ट भोजन की नाईं लगते हैं; वे पेट में पच जाते हैं। 
Proverbs 18:9 जो काम में आलस करता है, वह बिगाड़ने वाले का भाई ठहरता है। 
Proverbs 18:10 यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है। 
Proverbs 18:11 धनी का धन उसकी दृष्टि में गढ़ वाला नगर, और ऊंचे पर बनी हुई शहरपनाह है। 
Proverbs 18:12 नाश होने से पहिले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहिले नम्रता होती है। 
Proverbs 18:13 जो बिना बात सुने उत्तर देता है, वह मूढ़ ठहरता है, और उसका अनादर होता है। 
Proverbs 18:14 रोग में मनुष्य अपनी आत्मा से सम्भलता है; परन्तु जब आत्मा हार जाती है तब इसे कौन सह सकता है? 
Proverbs 18:15 समझ वाले का मन ज्ञान प्राप्त करता है; और बुद्धिमान ज्ञान की बात की खोज में रहते हैं।

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 15-18


मंगलवार, 15 जुलाई 2014

पहुनाई


   अपनी पुस्तक Outlive Your Life में मैक्स लुकाडो लिखते हैं: "आतिथ्य असामान्य समुदाय के लिए द्वार खोल देता है। यह कोई इत्तिफाक नहीं है कि hospitality (आतिथ्य) तथा hospital शब्द एक ही मूल लातीनी शब्द से आए हैं, क्योंकि दोनों का ही परिणाम समान ही होता है - स्वस्थ करना। जब आप किसी के लिए अपने घर के द्वार खोलते हैं तो आप उसे जो सन्देश दे रहे हैं वह है, ’तुम मेरे और परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण हो।’ हो सकता है कि आप अपना द्वार दूसरे के लिए खोलते हुए उसे सन्देश देना चाह रहे हैं कि, ’आओ थोड़ी देर के लिए मेरे साथ संगति करो’, लेकिन जो आपके मेहमान को प्रतीत होता है वह है कि वह मेहमान आपके द्वारा उसके लिए प्रयास करने और परेशानी उठाने के काबिल है।"

   जब अक्विला और प्रिस्‍किल्ला ने अपने घर के द्वार प्रेरित पुलुस के स्वागत के लिए खोले तब पौलुस को भी ऐसा ही प्रतीत हुआ होगा। जब पौलुस उस समय कुरिन्थुस पहुँचा था, तब शायद एथेन्स से कुरिन्थुस तक की अपनी लंबी यात्रा से वह थका हुआ रहा होगा। संभव है कि एथेन्स में अपनी सेवकाई को लेकर (प्रेरितों 17:16-34) वह कुछ निराश भी रहा हो; क्योंकि बाद में पौलुस ने कुरिन्थुस की मण्डली को लिखा "और मैं निर्बलता और भय के साथ, और बहुत थरथराता हुआ तुम्हारे साथ रहा" (1 कुरिन्थियों 2:3)। संभवतः अक्विला और प्रिस्‍किल्ला पौलुस से बाज़ार में मिले होंगे और वहाँ से उन्होंने उसे अपने घर आने का निमंत्रण दिया। लेकिन जो बात प्रगट है वह है कि उन दोनों ने पौलुस के लिए करी गई अपनी मसीही पहुनाई द्वारा एक आत्मिक तरोताज़गी पाने का स्थान और अवसर प्रदान किया था।

   मसीह यीशु के विश्वासी और अनुयायी होने के कारण हमें आतिथ्य में सक्रीय रहने के लिए बुलाया गया है, जिससे उनके लिए जो जीवन की किसी कठिन समस्या से जूझ रहे हैं या किसी निराशा में पड़े हैं, हम एक ’स्वास्थ्य’ प्रदान करने का स्थान उपलब्ध करा सकें। क्योंकि प्रभु यीशु ने हमारी आवश्यकताओं को पूरा किया है और हमें आशीषें प्रदान करी हैं, इसलिए हमें प्रभु द्वारा उपलब्ध करवाए गए संसाधानों को पहुनाई द्वारा उसकी सेवाकाई के लिए उपयोग करते रहना चाहिए। - मार्विन विलियम्स


मसीही पहुनाई का अर्थ है एक खुला हुआ हृदय के साथ एक खुला हुआ घर।

मैं ने तुम्हें सब कुछ कर के दिखाया, कि इस रीति से परिश्रम करते हुए निर्बलों को सम्भालना, और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उसने आप ही कहा है; कि लेने से देना धन्य है। - प्रेरितों 20:35

बाइबल पाठ: प्रेरितों 18:1-4
Acts 18:1 इस के बाद पौलुस अथेने को छोड़कर कुरिन्थुस में आया। 
Acts 18:2 और वहां अक्‍विला नाम एक यहूदी मिला, जिस का जन्म पुन्‍तुस का था; और अपनी पत्‍नी प्रिस्‍किल्ला समेत इतालिया से नया आया था, क्योंकि क्‍लौदियुस ने सब यहूदियों को रोम से निकल जाने की आज्ञा दी थी, सो वह उन के यहां गया।
Acts 18:3 और उसका और उन का एक ही उद्यम था; इसलिये वह उन के साथ रहा, और वे काम करने लगे, और उन का उद्यम तम्बू बनाने का था। 
Acts 18:4 और वह हर एक सब्त के दिन आराधनालय में वाद-विवाद कर के यहूदियों और यूनानियों को भी समझाता था।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 12-14


सोमवार, 14 जुलाई 2014

दो पाठ


   इस पुस्तिका, Our Daily Bread के लिए नियम पालन करने की आवश्यकता पर लेख लिखने के कुछ ही सप्ताह के अन्दर मुझे इस से संबंधित दो पाठ सीखने को मिले। एक पाठ तो मैंने तब सीखा जब मैं 850 मील गाड़ी चलाने की यात्रा पर निकला; मैंने निश्चय किया कि मैं निर्धारित गति सीमा से अधिक रफतार से गाड़ी नहीं चलाऊँगा। एक छोटे से नगर में से होकर निकलते समय मैं गाड़ी चलाते हुए खाने के प्रयास में सैण्डविच का बाहरी आवरण खोलने लगा और वहाँ लगे गति संबंधी संकेतों पर तथा अपनी गाड़ी की गति पर ध्यान देना भूल गया - परिणाम था मुझे सीमा से अधिक रफतार से गाड़ी चलाने के लिए चालान का भुगतान करना पड़ा। तो मेरा पहला पाठ था कि जानबूझकर गति सीमा का उल्लंघन किया जाय या यह अनजाने में हो जाए, दोनों का परिणाम एक ही होता है! और अभी मुझे 700 मील गाड़ी और चलानी बाकी थी।

   इसके साथ ही जो दूसरा पाठ मैंने सीखा वह था कि हमारे प्रत्येक निर्णय की परीक्षा अवश्य ही होगी। मुझे मूसा द्वारा इस्त्राएलियों को कहे गए शब्द स्मरण हो आए, जब वे वाचा किए हुए देश में प्रवेश करने की तैयारी में थे: "और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं" (व्यस्थाविवरण 8:2)।

   लेखक एवं प्रचारक यूजीन पीटरसन ने मसीह यीशु का अनुकरण करने की प्रक्रिया को "आज्ञाकारिता का एक लंबा मार्ग" कहा है। परमेश्वर के आज्ञाकारी होने के प्रत्येक निर्णय के साथ उस आज्ञाकारिता में बने रहने के अनेक निर्णय करना आवश्यक रहता है। परमेश्वर ने मुझे नम्र किया और सिखाया कि उसके पीछे चलने के लिए कितना महत्वपूर्ण है उसकी आज्ञाकारिता के लिए अपने मन को तैयार करना और मार्ग के संकेतों तथा बातों का ध्यान रखते हुए अपने निर्णय को निभाते रहना। - डेविड मैक्कैसलैंण्ड


परमेश्वर से प्रेम करने का अर्थ है परमेश्वर का आज्ञाकारी होना।

इस बात पर भी तुम ने अपने उस परमेश्वर यहोवा पर विश्वास नहीं किया, जो तुम्हारे आगे आगे इसलिये चलता रहा, कि डेरे डालने का स्थान तुम्हारे लिये ढूंढ़े, और रात को आग में और दिन को बादल में प्रगट हो कर चला, ताकि तुम को वह मार्ग दिखाए जिस से तुम चलो। - व्यस्थाविवरण 1:32-33

बाइबल पाठ: व्यस्थाविवरण 8:1-10
Deuteronomy 8:1 जो जो आज्ञा मैं आज तुझे सुनाता हूं उन सभों पर चलने की चौकसी करना, इसलिये कि तुम जीवित रहो और बढ़ते रहो, और जिस देश के विषय में यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाई है उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाओ। 
Deuteronomy 8:2 और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं। 
Deuteronomy 8:3 उसने तुझ को नम्र बनाया, और भूखा भी होने दिया, फिर वह मन्ना, जिसे न तू और न तेरे पुरखा ही जानते थे, वही तुझ को खिलाया; इसलिये कि वह तुझ को सिखाए कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं जीवित रहता, परन्तु जो जो वचन यहोवा के मुंह से निकलते हैं उन ही से वह जीवित रहता है। 
Deuteronomy 8:4 इन चालीस वर्षों में तेरे वस्त्र पुराने न हुए, और तेरे तन से भी नहीं गिरे, और न तेरे पांव फूले। 
Deuteronomy 8:5 फिर अपने मन में यह तो विचार कर, कि जैसा कोई अपने बेटे को ताड़ना देता है वैसे ही तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को ताड़ना देता है। 
Deuteronomy 8:6 इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं का पालन करते हुए उसके मार्गों पर चलना, और उसका भय मानते रहना। 
Deuteronomy 8:7 क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे एक उत्तम देश में लिये जा रहा है, जो जल की नदियों का, और तराइयों और पहाड़ों से निकले हुए गहिरे गहिरे सोतों का देश है। 
Deuteronomy 8:8 फिर वह गेहूं, जौ, दाखलताओं, अंजीरों, और अनारों का देश है; और तेलवाली जलपाई और मधु का भी देश है। 
Deuteronomy 8:9 उस देश में अन्न की महंगी न होगी, और न उस में तुझे किसी पदार्थ की घटी होगी; वहां के पत्थर लोहे के हैं, और वहां के पहाड़ों में से तू तांबा खोदकर निकाल सकेगा। 
Deuteronomy 8:10 और तू पेट भर खाएगा, और उस उत्तम देश के कारण जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देगा उसका धन्य मानेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 8-11


रविवार, 13 जुलाई 2014

चींटी


   अपनी पुस्तक, Adventures Among Ants: A Global Safari with a Cast of Trillions में लेखक मार्क मौफैट बचपन से ही चींटियों के प्रति उनके आकर्षण के बारे में बताते हैं। उनका यह आकर्षण आयु बढ़ने के साथ कम नहीं हुआ, वे चींटियों से इतना लगाव रखते थे कि इस विषय पर उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर ली और फिर इस विषय पर एक विशेषज्ञ के रूप में सारे संसार में भ्रमण किया। इन छोटे से आकार के जन्तुओं के अध्ययन ने उन्हें इनके मेहनती जीवन के बारे में अद्भुत बातें सिखाई हैं।

   मौफैट द्वारा चींटियों के बारे में अचरज भरी बातें पता लगाने से बहुत पहले परमेश्वर के वचन बाइबल में इन जन्तुओं के कार्य कौशल के बारे में टिप्पणी करी गई है। राजा सुलेमान ने अपने नीतिवचनों में इनका उल्लेख किया है और उनसे शिक्षा लेने को कहा है कि कैसे वे योजनाबद्ध रीति से कार्य करती हैं, समय रहते कठिन समयों के लिए जुटा लेती हैं तथा स्वतः ही अनुशासन में रहकर कार्य करती रहती हैं।

   परमेश्वर ने हमें शिक्षा देने के लिए अपनी सृष्टि में विस्मित कर देने वाली बातें बना कर रखीं हैं। परमेश्वर ने अपनी बातों की शिक्षाओं को भौतिक प्रकृति में प्रदर्शित किया है, और वह चाहता है कि हम चींटी जैसी उसकी छोटी सी रचना से व्यावाहरिक जीवन और आत्मिक महत्व की बड़ी बड़ी बातें सीखें। परमेश्वर का वचन बाइबल और परमेश्वर कि सृष्टि उसके अद्भुत प्रताप की शिक्षाओं से भरे पड़े हैं; आवश्यकता है तो केवल ध्यान से उनका अध्ययन करने की, उन बातों को देखने समझने और पहचानने की। - डेनिस फिशर


परमेश्वर की रची प्रकृति पर ध्यान देने से हम बहुत से महत्वपूर्ण पाठ सीख सकते हैं।

पशुओं से तो पूछ और वे तुझे दिखाएंगे; और आकाश के पक्षियों से, और वे तुझे बता देंगे। पृथ्वी पर ध्यान दे, तब उस से तुझे शिक्षा मिलेगी; ओर समुद्र की मछलियां भी तुझ से वर्णन करेंगी। कौन इन बातों को नहीं जानता, कि यहोवा ही ने अपने हाथ से इस संसार को बनाया है। - अय्युब 12:7-9

बाइबल पाठ: नीतिवचन 6:6-11
Proverbs 6:6 हे आलसी, च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो। 
Proverbs 6:7 उन के न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, और न प्रभुता करने वाला, 
Proverbs 6:8 तौभी वे अपना आहार धूपकाल में संचय करती हैं, और कटनी के समय अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं। 
Proverbs 6:9 हे आलसी, तू कब तक सोता रहेगा? तेरी नींद कब टूटेगी? 
Proverbs 6:10 कुछ और सो लेना, थोड़ी सी नींद, एक और झपकी, थोड़ा और छाती पर हाथ रखे लेटे रहना, 
Proverbs 6:11 तब तेरा कंगालपन बटमार की नाईं और तेरी घटी हथियारबन्द के समान आ पड़ेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 4-7


शनिवार, 12 जुलाई 2014

पवित्र आत्मा


   संसार भर में कभी ना कभी सभी लोग एक अदृश्य सामर्थ के नाट्कीय प्रभावों को देखते हैं - आँधी-तूफान और बवंडरों के द्वारा मनुष्य के बनाए हुए ढांचों को तिनकों के समान उड़ते हुए। वायु का यह प्रचण्ड बल किसी को दिखाई नहीं देता, हम केवल उसके प्रभावों को ही देख पाते हैं और उन प्रभावों को देखकर ही उस की वास्तविकता, उस की उपस्थिति तथा उसके बल का आंकलन कर लेते हैं।

   ऐसे ही परमेश्वर के पवित्र आत्मा के विषय में भी है - हम अपनी भौतिक आँखों से उसे देख तो नहीं पाते किंतु उसके द्वारा लोगों के जीवनों में लाए गए परिणामों के द्वारा हम उसके कार्य और सामर्थ को पहचान सकते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों के कार्य के दूसरे अध्याय में पवित्र-आत्मा के द्वारा पिन्तेकुस्त के दिन मसीही विश्वासियों के उससे भरे जाने का विवरण दर्ज है: "और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया" (प्रेरितों 2:2)। यह घटना उन प्रारंभिक मसीही विश्वासियों तथा यरुशलेम के निवासियों के लिए एक प्रत्यक्ष प्रमाण था कि परमेश्वर का पवित्र आत्मा मसीही विश्वासियों के जीवनों में कार्यरत है।

   परमेश्वर का पवित्र आत्मा आज भी हम सभी मसीही विश्वासियों के जीवन में कार्यरत है, इसलिए यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो उत्साहित हों और परमेश्वर के कार्यों को पहिचानें। पवित्र आत्मा आपके जीवन में ईश्वरीय गुणों के फल लाता है (गलतियों 5:22-23), सभी मसीही विश्वासियों को एक देह बनाता है (1 कुरिन्थियों 12:13) और सबको परमेश्वर की उपस्थिति का विश्वास दिलाता है (1 यूहन्ना 3:4)।

   परमेश्वर का पवित्र आत्मा हम मसीही विश्वासियों के जीवनों में कार्यरत एक सामर्थी व्यक्ति है; चाहे हम उसे देख नहीं सकते किंतु उसके द्वारा हमारे जीवनों में होने वाले कार्य और प्रभाव उसकी वास्तविकता और सामर्थ की पहचान हैं। - बिल क्राउडर


पवित्र आत्मा अदृश्य किंतु सामर्थी रीति से कार्य करता है।

तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। हे बड़े पहाड़, तू क्या है? जरूब्बाबेल के साम्हने तू मैदान हो जाएगा; और वह चोटी का पत्थर यह पुकारते हुए आएगा, उस पर अनुग्रह हो, अनुग्रह! - ज़कर्याह 4:6-7

बाइबल पाठ: प्रेरितों 2:1-11
Acts 2:1 जब पिन्‍तेकुस का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे। 
Acts 2:2 और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया। 
Acts 2:3 और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं; और उन में से हर एक पर आ ठहरीं। 
Acts 2:4 और वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे। 
Acts 2:5 और आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त यहूदी यरूशलेम में रहते थे। 
Acts 2:6 जब वह शब्द हुआ तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाईं देता था, कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं। 
Acts 2:7 और वे सब चकित और अचम्भित हो कर कहने लगे; देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं? 
Acts 2:8 तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म भूमि की भाषा सुनता है? 
Acts 2:9 हम जो पारथी और मेदी और एलामी लोग और मिसुपुतामिया और यहूदिया और कप्‍पदूकिया और पुन्‍तुस और आसिया। 
Acts 2:10 और फ्रूगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहने वाले और रोमी प्रवासी, क्या यहूदी क्या यहूदी मत धारण करने वाले, क्रेती और अरबी भी हैं। 
Acts 2:11 परन्तु अपनी अपनी भाषा में उन से परमेश्वर के बड़े बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 1-3


शुक्रवार, 11 जुलाई 2014

शांति


   फोटोग्राफर ऐन गेडेस ने सोए हुए बच्चों की तस्वीरों को एक कला का रूप दे दिया है। उनके द्वारा ली गई सोए हुए बच्चों की तस्वीरें मुस्कुराहट उत्पन्न करती हैं; आराम से सोए हुए बच्चे की तस्वीर से बढ़कर कुछ और शांति की छवि नहीं हो सकती।

   लेकिन सभी माता-पिता भली-भांति जानते हैं कि बच्चों की देखभाल करना, उन्हें शांत रखना और फिर आराम से सुला देना कितना थका देने वाला और अन्वरत ज़िम्मेदारी का कार्य है क्योंकि अपनी उत्सुकतता और मासूमियत में बच्चे अनायास ही पल भर ही में किसी जोखिम में पड़ जाने की क्षमता रखते हैं। उन्हें दिन भर सुरक्षित रखने, उनके पीछे पीछे भागने, उनका मनोरंजन करने, उनका मार्गदर्शन करने, उनकी लड़ाईयाँ सुलझाने, उन्हें तैयार रखने के बाद जब शाम ढलती है तब सभी अभिभावक बच्चों को आराम से सुलाने के इच्छुक हो जाते हैं। रात में सभी खिलौनों को वापस स्थान पर रखने और बच्चों को पाएजामे पहनाने के बाद, बच्चे धीमे हो जाते हैं और माता या पिता के साथ लिपटकर लेटकर कोई कहानी सुनने के साथ सो जाते हैं। उस सोते हुए बच्चे की मनोरम शांति को देखकर दिन भर करी गई दौड़धूप और उठाई गई परेशानी निरर्थक नहीं लगती।

   परमेश्वर का वचन बाइबल भी बताती है कि परमेश्वर पिता का भी अपने बच्चों के प्रति इच्छित स्थिति शांति की ही है (लैव्यवस्था 26:6), लेकिन बहुधा अपनी अपरिपक्वता के कारण हम परेशानियों में पड़ जाते हैं और झगड़े उत्पन्न कर लेते हैं। बच्चों के अभिभावकों के समान ही परमेश्वर भी हर पल हर क्षण हमारी देखभाल करता रहता है, हमें सुरक्षित रखता है, हमारी आवश्यकताएं पूरी करता रहता है, और चाहता है कि गलत बातों के करने और उनमें पड़ने से हटकर हम उन्हें छोड़ कर उसके निकट आ जाएं और शांत होकर उसके प्रेम भरे मार्गों में सुरक्षा और तसल्ली के साथ विश्राम करें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


उसकी इच्छा में ही हमारी शांति है। - डान्ते

मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है। - भजन 4:8

बाइबल पाठ: लैव्यवस्था 26:1-12
Leviticus 26:1 तुम अपने लिये मूरतें न बनाना, और न कोई खुदी हुई मूर्ति वा लाट अपने लिये खड़ी करना, और न अपने देश में दण्डवत करने के लिये नक्काशीदार पत्थर स्थापन करना; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं। 
Leviticus 26:2 तुम मेरे विश्राम दिनों का पालन करना और मेरे पवित्रस्थान का भय मानना; मैं यहोवा हूं। 
Leviticus 26:3 यदि तुम मेरी विधियों पर चलो और मेरी आज्ञाओं को मानकर उनका पालन करो, 
Leviticus 26:4 तो मैं तुम्हारे लिये समय समय पर मेंह बरसाऊंगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने अपने फल दिया करेंगे; 
Leviticus 26:5 यहां तक कि तुम दाख तोड़ने के समय भी दावनी करते रहोगे, और बोने के समय भी भर पेट दाख तोड़ते रहोगे, और तुम मनमानी रोटी खाया करोगे, और अपने देश में निश्चिन्त बसे रहोगे। 
Leviticus 26:6 और मैं तुम्हारे देश में सुख चैन दूंगा, और तुम सोओगे और तुम्हारा कोई डराने वाला न हो; और मैं उस देश में दुष्ट जन्तुओं को न रहने दूंगा, और तलवार तुम्हारे देश में न चलेगी। 
Leviticus 26:7 और तुम अपने शत्रुओं को मार भगा दोगे, और वे तुम्हारी तलवार से मारे जाएंगे। 
Leviticus 26:8 और तुम में से पांच मनुष्य सौ को और सौ मनुष्य दस हजार को खदेड़ेंगे; और तुम्हारे शत्रु तलवार से तुम्हारे आगे आगे मारे जाएंगे; 
Leviticus 26:9 और मैं तुम्हारी ओर कृपा दृष्टि रखूंगा और तुम को फलवन्त करूंगा और बढ़ाऊंगा, और तुम्हारे संग अपनी वाचा को पूर्ण करूंगा। 
Leviticus 26:10 और तुम रखे हुए पुराने अनाज को खाओगे, और नये के रहते भी पुराने को निकालोगे। 
Leviticus 26:11 और मैं तुम्हारे बीच अपना निवासस्थान बनाए रखूंगा, और मेरा जी तुम से घृणा नहीं करेगा। 
Leviticus 26:12 और मैं तुम्हारे मध्य चला फिरा करूंगा, और तुम्हारा परमेश्वर बना रहूंगा, और तुम मेरी प्रजा बने रहोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 148-150