अमेरिका में अक्तूबर महीने का यह अन्तिम दिन "हैलोवीन दिवस" कहकर मनाया जाता है, जिसमें बच्चे भेस बदल कर और थैले लिये घर घर जाते हैं और घर वाले उन्हें उनके थैलों में मिठाइयां देते हैं। "हैलोवीन" अंग्रज़ी के hallow [हैलो] शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है पवित्र। आज कल यह शब्द बहुत कम प्रयोग होता है, और जब होता है तो इसके विभिन्न अर्थ हो जाते हैं।
मसीही विश्वास में हैलो का अर्थ पवित्र ही है। जब किसी चीज़ या जन को हैलो किया जाता है, तो उसका तातपर्य होता है कि वह पवित्रता के लिये पृथक किया गया है, जैसा प्रभु की प्रार्थना में परमेश्वर के संदर्भ में इसके प्रयोग से प्रकट है "Hallowed be thy name" - तेरा नाम पवित्र माना जाए। केवल परमेश्वर का नाम ही पवित्र नहीं ठहराया गया है, वरन प्रत्येक मसीही विश्वासी को अपने आप को भी पवित्रता में रखना है, जैसा पौलुस ने तिमुथियुस को सिखाया, कि वह ऐसा पात्र बने जो परमेश्वर के उपयोग के लिये पवित्र हो "तौभी परमेश्वर की पक्की नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे। बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये। यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा, और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। जवानी की अभिलाषाओं से भाग, और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर। पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं" (२ तिमुथियुस २:१९-२३)।
अक्तूबर के इस अन्तिम दिन अमेरिका में बच्चे तो मिठाईयों के थैले लिये घूमते हैं, परन्तु हमें विचार करना है कि हम अपने मन में क्या लिये घूम रहे हैं? हमारे जीवन के पात्र में क्या भरा है? क्या हमारे जीवन द्वेश और कलह की कड़ुवाहट से भरे हैं जिनसे मूर्खता और अविद्या के विवाद उत्पन्न होते हैं, या वे परमेश्वर की आत्मा की मिठास से भरे हैं जिनसे समाज में धार्मिकता, विश्वास, प्रेम और शांति फैलती है?
हम न सिर्फ आज के दिन को, वरन हर दिन अपने आप को परमेश्वर के लिये पवित्र और उपयोगी होने के लिये पृथक और समर्पित कर के, हर दिन को "हैलो" कर सकते हैं। - जूली ऐकरमैन लिंक
यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा, और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। - २ तिमुथियुस २:२१
बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस २:१९-२६
तौभी परमेश्वर की पक्की नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे।
बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये।
यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा, और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा।
जवानी की अभिलाषाओं से भाग, और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर।
पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं
और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो।
और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें।
और इस के द्वारा उस की इच्छा पूरी करने के लिये सचेत होकर शैतान के फंदे से छूट जाए।
एक साल में बाइबल:
मसीही विश्वास में हैलो का अर्थ पवित्र ही है। जब किसी चीज़ या जन को हैलो किया जाता है, तो उसका तातपर्य होता है कि वह पवित्रता के लिये पृथक किया गया है, जैसा प्रभु की प्रार्थना में परमेश्वर के संदर्भ में इसके प्रयोग से प्रकट है "Hallowed be thy name" - तेरा नाम पवित्र माना जाए। केवल परमेश्वर का नाम ही पवित्र नहीं ठहराया गया है, वरन प्रत्येक मसीही विश्वासी को अपने आप को भी पवित्रता में रखना है, जैसा पौलुस ने तिमुथियुस को सिखाया, कि वह ऐसा पात्र बने जो परमेश्वर के उपयोग के लिये पवित्र हो "तौभी परमेश्वर की पक्की नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे। बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये। यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा, और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। जवानी की अभिलाषाओं से भाग, और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर। पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं" (२ तिमुथियुस २:१९-२३)।
अक्तूबर के इस अन्तिम दिन अमेरिका में बच्चे तो मिठाईयों के थैले लिये घूमते हैं, परन्तु हमें विचार करना है कि हम अपने मन में क्या लिये घूम रहे हैं? हमारे जीवन के पात्र में क्या भरा है? क्या हमारे जीवन द्वेश और कलह की कड़ुवाहट से भरे हैं जिनसे मूर्खता और अविद्या के विवाद उत्पन्न होते हैं, या वे परमेश्वर की आत्मा की मिठास से भरे हैं जिनसे समाज में धार्मिकता, विश्वास, प्रेम और शांति फैलती है?
हम न सिर्फ आज के दिन को, वरन हर दिन अपने आप को परमेश्वर के लिये पवित्र और उपयोगी होने के लिये पृथक और समर्पित कर के, हर दिन को "हैलो" कर सकते हैं। - जूली ऐकरमैन लिंक
मसीही विश्वासी के लिये सबसे बड़े आनन्द की बात है उसका परमेश्वर के लिये उपयोगी होना।
यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा, और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। - २ तिमुथियुस २:२१
बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस २:१९-२६
तौभी परमेश्वर की पक्की नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे।
बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये।
यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा, और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा।
जवानी की अभिलाषाओं से भाग, और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर।
पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं
और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो।
और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें।
और इस के द्वारा उस की इच्छा पूरी करने के लिये सचेत होकर शैतान के फंदे से छूट जाए।
एक साल में बाइबल:
- यर्मियाह २२, २३
- तीतुस १