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मंगलवार, 31 मई 2016

रूपांतरण


   मैं अपने बेटे को स्कूल से लेकर कार द्वारा घर वापस आ रही थी कि बर्फ गिरनी आरंभ हो गई; सफेद रूई के मुलायम रेशों के समान बर्फ लगातार और काफी मात्रा में गिरनी आरंभ हो गई, जिसके कारण यातायात धीमा होता गया और अंततः थम भी गया। सड़क पर खड़ी गाड़ियों के बीच में हम भी खड़े हो गए, और कार के अन्दर से बाहर हो रहे रूपांतरण को देखने लगे - मिट्टी के गहरे भूरे-काले रंग सफेद बर्फ से ढक गए और सफेद हो गए, मकानों पर गिरने वाली बर्फ ने उनके भिन्न रंग छुपा कर सफेद बना दिए, उन मकानों के किनारे अब गोलाकार हो गए, पेड़ों की डालियों पर भी बर्फ आ गई - दूर दूर तक, चारों ओर, सब कुछ एक निर्मल सफेद चादर से ढंप गया।

   इस बर्फबारी से हुए रूपांतरण ने मुझे एक आत्मिक सत्य की भी याद दिलाई - जैसे उस बर्फ ने सब कुछ को ढांप कर सफेद कर दिया, उनके स्वरूप का परिवर्तन कर दिया, वैसे ही प्रभु यीशु के बलिदान में होकर हम को उपलब्ध करवाया गया परमेश्वर का अनुग्रह भी हमारे सारे पाप ढांप कर हमें निर्मल कर देता है। लेकिन बर्फ से हुए उस रूपांतरण और परमेश्वर के अनुग्रह से होने वाले हमारे रूपांतरण में एक भारी अन्तर है - अनुग्रह अस्थायी रूप से केवल ढांपता ही नहीं है, वरन वह हमारे पाप और उसके सभी दुषप्रभावों को स्थायी रूप से मिटा देता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ता यशायाह में होकर अपने लोगों से आग्रह किया: "...आओ, हम आपस में वादविवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम की नाईं उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे" (यशायाह 1:18)। जब परमेश्वर ने यह बात कही, उस समय परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल पाप की पीड़ादायक स्थिति में धंसा हुआ था, परमेश्वर से दूर हो गया था (यशायाह 1:4)। इसीलिए परमेश्वर ने उनकी तुलना खुले घावों और सड़ान से भरे शरीर से भी करी (यशायाह 1:6)। उन लोगों के पाप चाहे कितने भी बुरे थे, लेकिन परमेश्वर उन पर अपना अनुग्रह बढ़ाना चाहता था, उन्हें पुनः स्वस्थ और स्वच्छ करना चाहता था। 

   आज भी समस्त संसार के हर व्यक्ति के लिए प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास और समर्पण द्वारा परमेश्वर की क्षमा और अनुग्रह का यह द्वार खुला है, सेंत-मेंत उपलब्ध है। पाप हमारे जीवनों को दूषित और दाग़दार बना देता है, लेकिन जब हम उन पापों का अंगीकार करके प्रभु यीशु से उनकी क्षमा मांगते हैं तो परमेश्वर का वचन हमें आश्वस्त करता है कि "हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है" (इफिसियों 1:7) और उसका यह अनुग्रह हमारा रूपांतरण करके हमें अनन्तकाल के लिए परमेश्वर की सन्तान बना देता है (यूहन्ना 1:12-13)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


पापों के दाग़ केवल प्रभु यीशु मसीह के लोहू से ही धुल सकते हैं।

मैं ने तेरे अपराधों को काली घटा के समान और तेरे पापों को बादल के समान मिटा दिया है; मेरी ओर फिर लौट आ, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है। - यशायाह 44:22

बाइबल पाठ: यशायाह 1:1-18
Isaiah 1:1 आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन, जिस को उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह नाम यहूदा के राजाओं के दिनों में पाया। 
Isaiah 1:2 हे स्वर्ग सुन, और हे पृथ्वी कान लगा; क्योंकि यहोवा कहता है: मैं ने बाल-बच्चों का पालन पोषण किया, और उन को बढ़ाया भी, परन्तु उन्होंने मुझ से बलवा किया। 
Isaiah 1:3 बैल तो अपने मालिक को और गदहा अपने स्वामी की चरनी को पहिचानता है, परन्तु इस्राएल मुझें नहीं जानता, मेरी प्रजा विचार नहीं करती।
Isaiah 1:4 हाय, यह जाति पाप से कैसी भरी है! यह समाज अधर्म से कैसा लदा हुआ है! इस वंश के लोग कैसे कुकर्मी हैं, ये लड़के-बाले कैसे बिगड़े हुए हैं! उन्होंने यहोवा को छोड़ दिया, उन्होंने इस्राएल के पवित्र को तुच्छ जाना है! वे पराए बनकर दूर हो गए हैं।
Isaiah 1:5 तुम बलवा कर कर के क्यों अधिक मार खाना चाहते हो? तुम्हारा सिर घावों से भर गया, और तुम्हारा हृदय दु:ख से भरा है। 
Isaiah 1:6 नख से सिर तक कहीं भी कुछ आरोग्यता नहीं, केवल चोट और कोड़े की मार के चिन्ह और सड़े हुए घाव हैं जो न दबाये गए, न बान्धे गए, न तेल लगा कर नरमाये गए हैं।
Isaiah 1:7 तुम्हारा देश उजड़ा पड़ा है, तुम्हारे नगर भस्म हो गए हैं; तुम्हारे खेतों को परदेशी लोग तुम्हारे देखते ही निगल रहे हैं; वह परदेशियों से नाश किए हुए देश के समान उजाड़ है। 
Isaiah 1:8 और सिय्योन की बेटी दाख की बारी में की झोंपड़ी की नाईं छोड़ दी गई है, वा ककड़ी के खेत में की छपरिया या घिरे हुए नगर के समान अकेली खड़ी है। 
Isaiah 1:9 यदि सेनाओं का यहोवा हमारे थोड़े से लोगों को न बचा रखता, तो हम सदोम के समान हो जाते, और अमोरा के समान ठहरते।
Isaiah 1:10 हे सदोम के न्याइयों, यहोवा का वचन सुनो! हे अमोरा की प्रजा, हमारे परमेश्वर की शिक्षा पर कान लगा। 
Isaiah 1:11 यहोवा यह कहता है, तुम्हारे बहुत से मेलबलि मेरे किस काम के हैं? मैं तो मेढ़ों के होमबलियों से और पाले हुए पशुओं की चर्बी से अघा गया हूं; 
Isaiah 1:12 मैं बछड़ों वा भेड़ के बच्चों वा  बकरों के लोहू से प्रसन्न नहीं होता। तुम जब अपने मुंह मुझे दिखाने के लिये आते हो, तब यह कौन चाहता है कि तुम मेरे आंगनों को पांव से रौंदो? 
Isaiah 1:13 व्यर्थ अन्नबलि फिर मत लाओ; धूप से मुझे घृणा है। नये चांद और विश्रामदिन का मानना, और सभाओं का प्रचार करना, यह मुझे बुरा लगता है। महासभा के साथ ही साथ अनर्थ काम करना मुझ से सहा नहीं जाता। 
Isaiah 1:14 तुम्हारे नये चांदों और नियत पर्वों के मानने से मैं जी से बैर रखता हूं; वे सब मुझे बोझ से जान पड़ते हैं, मैं उन को सहते सहते उकता गया हूं। 
Isaiah 1:15 जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं। 
Isaiah 1:16 अपने को धोकर पवित्र करो: मेरी आंखों के साम्हने से अपने बुरे कामों को दूर करो; भविष्य में बुराई करना छोड़ दो, 
Isaiah 1:17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो।
Isaiah 1:18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वादविवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम की नाईं उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 13-14
  • यूहन्ना 12:1-26


सोमवार, 30 मई 2016

आवश्यक


   जौर्डीन कैस्टर जन्म से ही दृष्टिहीन है, लेकिन यह उसके लिए एक भरपूर और उपयोगी जीवन जीने में बाधा नहीं बन सका। उन पर बनाया गया वृत चित्र Can You See How I see? उनकी जीवन-कहानी बताता है। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान अपने स्कूल में अति श्रेष्ठ स्तर बना कर रखा, थोड़ी सी सहायता के साथ उन्हें साईकिल चलाना और बर्फ की ढालों पर स्की करके नीचे आना बहुत अच्छा लगता है। अब वे विश्वविद्यालय में कंप्यूटर तकनीकी की पढ़ाई कर रही हैं और उनका ध्येय है कि वे ऐसी कंप्यूटर प्रणालियाँ विकसित करें जो दृष्टिहीनों की सहायता में काम आ सकें।

   अपनी दृष्टिहीन्ता के विषय में जौर्डीन का कहना है: "यदि मेरे लिए संभव होता कि मैं अपनी दृष्टिहीनता वापस लौटा सकूँ, तो भी मैं ऐसा नहीं करती। मेरा मानना है कि परमेश्वर ने हम सब को जैसे हम हैं एक उद्देश्य और योजना के अन्तर्गत बनाया है...और मेरी दृष्टिहीनता मेरे भविष्य तथा मेरे जीवन की उपलब्धियों का भाग है।" जौर्डीन जीवन के प्रति इतना सकारात्मक रवैया कैसे बनाए रख सकती हैं? वे एक मसीही विश्वासी भी हैं, और प्रभु यीशु की अनुयायी होने के नाते वे यह भली-भांति जानती और समझती हैं कि उनके जीवन तथा जीवन की सभी परिस्थितियों का समपूर्ण नियंत्रण तथा संचालन प्रभु परमेश्वर के हाथों में है, जो सदा उनके भले के लिए ही कार्य करता है, हर बात और हर परिस्थिति में उनके लिए भलाई ही उत्पन्न करता है। उनका यह विश्वास उन्हें वह अवसर प्रदान करता है जो अन्य लोगों को संभव नहीं लगते। जौर्डीन का जीवन परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखी गई बात: "जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं" (फिलिप्पियों 4:13) को चरितार्थ करता है।

   हमारी कमज़ोरियाँ और ताकत चाहे जो भी हों, परमेश्वर का सामर्थी हाथ हमें वह सब कुछ प्रदान कर सकता है जो हमें परमेश्वर के लिए उपयोगी होने और संसार में उसकी महिमा के लिए कार्य करने के लिए आवश्यक है। आपकी परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, विश्वास के साथ परमेश्वर के हाथ को थामें रहें और वह आप के लिए जो आवश्यक है आपको देता रहेगा, आपकी भरपूरी और उपयोगिता को बनाए रखेगा। - डेनिस फिशर


परमेश्वर जब किसी कार्य के लिए बुलाता है तो उसके लिए आवश्यक सामर्थ भी प्रदान करता है।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:4-13
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो। 
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है। 
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। 
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो। 
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।
Philippians 4:10 मैं प्रभु में बहुत आनन्‍दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्‍चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला। 
Philippians 4:11 यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्‍तोष करूं। 
Philippians 4:12 मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। 
Philippians 4:13 जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 11:30-57


रविवार, 29 मई 2016

नायक


   जे. आर. आर. टोलकिन के उपन्यास The Hobbit में बौने एकत्रित होते हैं कि भयानक दैत्य स्मौग द्वारा चुराया गया उनका धन उससे वापस लेकर आएं। यह करना बहुत जोखिम का कार्य था, किंतु इस खतरे के बावजुद, इस अभियान में उनका उप-नायक बौना बालिन अपने राजा और अभियान के प्रधान नायक थोरिन के विषय में कहता है, "यह एक है मैं जिसका अनुसरण कर सकता हूँ, जिसे मैं अपना राजा स्वीकार कर सकता हूँ।" उस खतरनाक अभियान के लिए बालिन की कटिबद्धता और समर्पण उसके नायक और अगुवे थोरिन में उसके विश्वास पर आधारित थी।

   पृथ्वी पर अपनी सेवकाई के आरंभ में प्रभु यीशु ने अपने साथ कार्य करने के लिए कुछ अनुयायियों को चुना, जो उसके साथ मिलकर परमेश्वर की सृष्टि से चुराए गए तथा पाप के दास्त्व में डाले गए, हम मनुष्यों, को शत्रु शैतान के चंगुल से निकाल कर ला सकें। अपने अनुयायियों को चुनने के साथ ही प्रभु यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे चले आओ" (मत्ती 4:19)। अब प्रभु यीशु के उन चेलों के लिए जीवन में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आना था - वे मछली पकड़ने वाले व्यक्ति अब पाप के दास्तव में खोए हुए लोगों को निकाल कर लाने वाले बन रहे थे। यह कोई सरल कार्य नहीं था, इसीलिए प्रभु यीशु ने इस कार्य को प्रतिदिन क्रूस उठाकर उसके पीछे चलने के समान बताया (लूका 9:23)। जो बात तब उन चेलों के लिए लागू थी वही प्रभु यीशु के वर्तमान अनुयायियों, आज के हम मसीही विश्वासियों, के लिए भी ठीक वैसे ही लागू है।

   आज यदि हमें प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों को दिया गया यह आत्माएं बचाने का कार्य कठिन और घबरा देने वाला लगे तो हम किस प्रकार इसमें अपने आप को लगाए रख सकते हैं? अपनी नज़रों को अपने नायक, अपने राजा प्रभु यीशु पर लगाए रखने के द्वारा; उसके चरित्र और जीवन पर मनन करने, उसकी शिक्षाओं को मानने, और बालिन के समान प्रभु यीशु के लिए "यह एक है मैं जिसका अनुसरण कर सकता हूँ, जिसे मैं अपना राजा स्वीकार कर सकता हूँ" अंगीकार करने के द्वारा। - जो स्टोवैल


अपने आस-पास के लोगों के जीवनों में प्रवेश पाने के लिए अपने नायक का अनुसरण करते रहें।

उसने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। - लूका 9:23

बाइबल पाठ: मत्ती 4:17-25
Matthew 4:17 उस समय से यीशु प्रचार करना और यह कहना आरम्भ किया, कि मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है। 
Matthew 4:18 उसने गलील की झील के किनारे फिरते हुए दो भाइयों अर्थात शमौन को जो पतरस कहलाता है, और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछवे थे। 
Matthew 4:19 और उन से कहा, मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को मनुष्यों के पकड़ने वाले बनाऊंगा। 
Matthew 4:20 वे तुरन्त जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए। 
Matthew 4:21 और वहां से आगे बढ़कर, उसने और दो भाइयों अर्थात जब्‍दी के पुत्र याकूब और उसके भाई यूहन्ना को अपने पिता जब्‍दी के साथ नाव पर अपने जालों को सुधारते देखा; और उन्हें भी बुलाया 
Matthew 4:22 वे तुरन्त नाव और अपने पिता को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
Matthew 4:23 और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बल्ता को दूर करता रहा। 
Matthew 4:24 और सारे सूरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो नाना प्रकार की बीमारियों और दुखों में जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्माएं थीं और मिर्गी वालों और झोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उसने उन्हें चंगा किया। 
Matthew 4:25 और गलील और दिकापुलिस और यरूशलेम और यहूदिया से और यरदन के पार से भीड़ की भीड़ उसके पीछे हो ली।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 11:1-29


शनिवार, 28 मई 2016

सुरक्षा


   बीसवीं सदी के आरंभिक दशकों में आई आर्थिक महामंदी के दौर से उभरने के वर्षों बाद भी लोग स्टॉक मार्केट में निवेश करने से घबराते थे, निवेशकों के भरोसे को पुनः स्थापित कर पाना कठिन हो गया था। ऐसे में, 1952 में हैरी मार्कोविट्ज़ ने राय दी कि निवेशकों को किसी एक कंपनी या उद्योग में निवेश करने की बजाए अनेकों उद्योगों और कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा धन निवेश करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह चयन करने के लिए कि किस कंपनी या उद्योग में निवेश करना चाहिए कुछ सिद्धान्तों को भी बताया जिस से उन अनिश्चित समयों में निवेशकों को निवेश करने में बहुत सहायता मिली। सन 1990 में मार्कोविट्ज़ और दो अन्य लोगों को इस सिद्धांत के लिए अर्थविज्ञान का नोबेल पुरुस्कार दिया गया।

   उस समय के उन आशंकित निवेशकों के समान हम मसीही विश्वासी भी कभी-कभी अपने आप को आशंकित अनुभव कर सकते हैं। अपने बीते व्यक्तिगत जीवन में आई किसी ’तबाही’ या कठिनाई से निकल कर, जीवन के टुकड़ों को एकत्रित करके आगे बढ़ पाने से भयभीत और अनिश्चित अनुभव कर सकते हैं। संभवतः हमें भी किसी "मार्कोविट्ज़ पल" की प्रतीक्षा है जिस की सहायता से हम अपनी पिछली हार से उभर कर सुरक्षित हो कर आगे बढ़ सकें।

   ऐसे अनिश्चित समयों में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे प्रभु यीशु ने पहले से ही हमारे लिए हर निराशा से निकल कर सुरक्षित आगे बढ़ने का मार्ग तैयार करके दे रखा है। प्रभु ने हमारी बीती शर्म की बातों को ढांप दिया है, हमें बीती सभी बातों से स्वतंत्र करके अपने साथ संगति में ले लिया है, वह हमें अपने साथ लेकर चलता है, हमें परमेश्वर की महिमा के लिए उपयोगी बनाता है। प्रभु यीशु ने सारे संसार के सभी लोगों को पाप के दण्ड से स्वतंत्र करने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, वह हम सब के उद्धार के लिए मृतकों में से पुनः जीवित हो उठा है; इसीलिए यदि हम गिर भी जाएं तो उसके साथ उठकर खड़े हो सकते हैं, क्योंकि "वह करुणा से प्रीति रखता है" (मीका 7:18)।

   जिस पल हम प्रभु यीशु को अपना जीवन समर्पित करते हैं उसी पल से हमारे लिए अनन्त आशीष और शांति का काल आरंभ हो जाता है। ऐसा समय जिसमें वह हमें अंश अंश करके अपनी समानता में बदलना आरंभ कर देता है, हमें वैसे आत्मिक जन बनाता है जैसे होने की हमारी लालसा रहती है, जो परमेश्वर की सन्तान होने को प्रत्यक्ष दर्शाते हैं। - रैंडी किलगोर


अपनी विफलताओं से आँखें उठाकर ऊपर देखें, 
और आप प्रभु परमेश्वर को अपने साथ खड़ा पाएंगे।

प्रभु तो आत्मा है: और जहां कहीं प्रभु का आत्मा है वहां स्‍वतंत्रता है। परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। 2 कुरिन्थियों 3:17-18

बाइबल पाठ: मीका 7:5-9, 18-20
Micah 7:5 मित्र पर विश्वास मत करो, परममित्र पर भी भरोसा मत रखो; वरन अपनी अर्द्धांगिन से भी संभल कर बोलना। 
Micah 7:6 क्योंकि पुत्र पिता का अपमान करता, और बेटी माता के, और पतोह सास के विरुद्ध उठती है; मनुष्य के शत्रु उसके घर ही के लोग होते हैं। 
Micah 7:7 परन्तु मैं यहोवा की ओर ताकता रहूंगा, मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर की बाट जोहता रहूंगा; मेरा परमेश्वर मेरी सुनेगा।
Micah 7:8 हे मेरी बैरिन, मुझ पर आनन्द मत कर; क्योंकि ज्योंही मैं गिरूंगा त्योंही उठूंगा; और ज्योंही मैं अन्धकार में पडूंगा त्योंहि यहोवा मेरे लिये ज्योति का काम देगा। 
Micah 7:9 मैं ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, इस कारण मैं उस समय तक उसके क्रोध को सहता रहूंगा जब तक कि वह मेरा मुकद्दमा लड़ कर मेरा न्याय न चुकाएगा। उस समय वह मुझे उजियाले में निकाल ले आएगा, और मैं उसका धर्म देखूंगा। 
Micah 7:18 तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहां है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढांप दे? वह अपने क्रोध को सदा बनाए नहीं रहता, क्योंकि वह करूणा से प्रीति रखता है। 
Micah 7:19 वह फिर हम पर दया करेगा, और हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा। तू उनके सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा। 
Micah 7:20 तू याकूब के विषय में वह सच्चई, और इब्राहीम के विषय में वह करूणा पूरी करेगा, जिस की शपथ तू प्राचीनकाल के दिनों से ले कर अब तक हमारे पितरों से खाता आया है।

एक साल में बाइबल: 

  • 2 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 10:24-42

शुक्रवार, 27 मई 2016

द्वार


   मेरा दफ्तर मेरे घर की ज़मीनी मंज़िल पर है, इसलिए काम के समय कुछ चीज़ों के लिए मुझे अकसर ऊपर की मंज़िल के कमरों में आना-जाना पड़ता है। लेकिन मेरे साथ अकसर ऐसा भी होता है कि ऊपर पहुँचने तक मैं भूल चुली होती हूँ कि मैं ऊपर आई किस लिए हूँ! शोधकर्ता गेब्रियल रदवन्सकी ने इस प्रकार भूल जाने को समझाने के लिए एक व्याख्या दी है; तीन भिन्न प्रकार के प्रयोगों के आधार पर उनका कहना है कि कोई भी द्वार मस्तिष्क के लिए एक सीमा का संकेत देता है। जब हम एक द्वार पार करते हैं तो मस्तिष्क उस द्वार से पहले की सभी बातें और घटनाएं वर्तमान स्मरण से हटा कर मस्तिष्क के स्मरण-स्थान में डाल देता है; जब मैं अपने दफ्तर से निकल कर ऊपर की मंज़िल के कमरे में पहुँचती हूँ तो मस्तिष्क में मेरा वर्तमान स्मरण खाली होता है और वह कार्य पीछे कहीं स्मरण-स्थान में रखा जा चुका होता है, और मैं उस कमरे में खड़ी खिसियाती रहती हूँ यह सोचती हुई कि मैं वहाँ किस लिए आई हूँ।

   लेकिन हमारा भूलना हमारे लिए एक आशीष भी हो सकता है - रात को जब बत्ती बुझाकर बिस्तर पर लेटते हैं तो दिन भर की परेशानियों और चिंताओं को भूला कर अच्छी नींद लेना आने वाले दिन के लिए भला होता है; यदि हम उन चिंताओं और परेशानियों को नहीं भुला पाते तो फिर हमें अच्छे से नींद भी नहीं आती जो अगले दिन पर बुरा प्रभाव डालता है।

   जब मैं इस बात पर विचार करती हूँ कि प्रभु यीशु ने अपने आप को द्वार कहा (यूहन्ना 10:7, 9) तो उपरोक्त के संदर्भ में यह मेरे लिए एक शांति का सूचक है। प्रभु यीशु ने अपने जीवन के समकालीन कार्य पद्धति को लेकर यह बात कही थी - जब भेड़ें भेड़शाला के द्वार से अन्दर चली जाती थीं तो वे एक सुरक्षित स्थान में पहुँच जाती थीं। चरवाहा उस भेड़शाला के द्वार के बाहर ही लेट जाता था। यदि कोई चोर या जानवर भेड़ों को नुकसान पहुँचाने के लिए आता तो वह द्वार पर सो रहे चरवाहे से होकर ही भीतर जा सकता था, और इस प्रकार चरवाहा अन्दर सो रही भेड़ों की रखवाली करता और सुरक्षा बनकर रहता था।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए प्रभु यीशु हमारा द्वार है जिसमें होकर हम परमेश्वर की सुरक्षा में प्रवेश पाते हैं, और वही हमारा महान चरवाहा भी है जो हमारे और शत्रु शैतान के बीच हमारी सुरक्षा के लिए सदा तैनात रहता है। प्रभु यीशु रूपी द्वार को पार करके हम अपनी सभी चिंताएं और खतरों को भूला कर, उनसे निश्चिंत होकर विश्राम कर सकते हैं क्योंकि हमारा रखवाला ना कभी ऊँघता है और ना कभी सोता है (भजन 121:4)। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु वह द्वार है जो हमें भीतर सुरक्षित और खतरों को बाहर रखता है।

सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा। - भजन 121:4

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:1-10
John 10:1 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है। 
John 10:2 परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है। 
John 10:3 उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले ले कर बुलाता है और बाहर ले जाता है। 
John 10:4 और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे उसका शब्द पहचानती हैं। 
John 10:5 परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी, परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती। 
John 10:6 यीशु ने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है।
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं। 
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी। 
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। 
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।

एक साल में बाइबल: 

  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23


गुरुवार, 26 मई 2016

शान्ति और दया


   अपनी पुस्तक Dear Mrs. Kennedy में लेखक जे मुलवेनी और पौल डी एन्जलिस बताते हैं कि अमेरिका के राषट्रपति जौन केनेडी की हत्या के बाद संसार भर से सहानुभूति तथा सांत्वना के लगभग दस लाख पत्र राष्ट्रपति केनेडी की विधवा के नाम आए। उन में से कुछ पर तो पते के लिए केवल "श्रीमती केनेडी, वॉशिंगटन" या फिर "श्रीमती राष्ट्रपति, अमेरिका" ही लिखा हुआ था। पत्र लिखने वाले सभी लोगों ने उन पर आए इस महान दुःख और क्षति के लिए अपना दुःख और संवेदना प्रगट करी।

   जब कोई जन किसी दुःख से होकर निकलता है तो सामान्यतः लोग उसकी सहाया करने का भाव रखते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस भी इस संदर्भ में लिखता है: "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है" (2 कुरिन्थियों 1:3)। हमारा स्वर्गीय पिता ही प्रत्येक ऐसी करुणा, हितकारी विनम्र शब्द और सहायता के कार्य का स्त्रोत है जो दुःखी लोगों के जीवन में शान्ति, प्रोत्साहन और चंगाई को लाता है। बाइबल की भाषाओं के विद्वान डब्ल्यु. ई. वाईन ने  युनानी शब्द ’पैराक्लीसिस’, जिसका अनुवाद "शान्ति" किया गया है, का अर्थ समझाया है; इस शब्द का वास्तविक अर्थ है "अपने साथ ले लेना"। आज के बाइबल पाठ में दो शब्द, शान्ति और दया, कई बार आते हैं, जो हमें बताता है कि प्रभु परमेश्वर हमारे दुःखों और कठिन परिस्थितियों में अपने साथ रखता है और हमें निमंत्रित करता है कि हम उससे लिपट कर रहें, उसमें आराम और सांत्वना पाएं।

   प्रभु की इस शान्ति, दया और सांत्वना को व्यक्तिगत रीति से अनुभव करके, हम इसे फिर औरों को भी दे सकते हैं: "वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:4)।


प्रभु परमेश्वर हमें शान्ति और सांत्वना देता है 
जिससे हम इसे आगे दूसरों तक भी पहुँचा सकें।

तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहां है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढांप दे? वह अपने क्रोध को सदा बनाए नहीं रहता, क्योंकि वह करूणा से प्रीति रखता है। - मीका 7:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:1-11
2 Corinthians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से परमेश्वर की उस कलीसिया के नाम जो कुरिन्थुस में है; और सारे अखया के सब पवित्र लोगों के नाम।
2 Corinthians 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो। 
2 Corinthians 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे। 
2 Corinthians 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। 
2 Corinthians 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा। 
2 Corinthians 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

एक साल में बाइबल: 

  • 1 इतिहास 28-29
  • यूहन्ना 9:24-41


बुधवार, 25 मई 2016

गति


   कुछ समय पहले मुझे एक शारीरिक व्याधि हो गई - मेरे बांएँ कन्धे और भुजा में दर्द होने लगा, मेरे अँगूठे तथा उससे ऊपर के भाग में पीड़ादायक छाले हो गए, और मैं थका हुआ रहने लगा। जब मैं डॉक्टर के पास गया, तो उसने बाताया कि मुझे शिंगल्स अर्थात हर्पीस हो गया है। डॉक्टर ने मुझे दवाईयाँ दीं और बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में कुछ हफ्तों का समय लगेगा। बीमारी के कारण मुझे अपनी दिनचर्या परिवर्तित करनी पड़ी; मुझे सुबह तथा दोपहर में नींद की एक झपकी लेनी पड़ती थी जिससे मैं अपने कार्य करने की सामर्थ बनाए रख सकूँ। जब तक मैं बीमारी से ठीक नहीं हो गया, मुझे अपने कार्य और दिनचर्या की गति को निर्धारित करके विश्राम का समय बीच में डालना पड़ा।

   एक बार जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों को उसके नाम में सेवकाई करने के लिए भेजा, तो उस सामर्थ तथा अद्भुत परिणामों के कारण जो उन्होंने अपने जीवनों में कार्यकारी होते देखी, वे इतने उत्साहित हो गए कि लौटने पर वे ठीक से भोजन और विश्राम के लिए समय निकाल नहीं पा रहे थे। प्रभु यीशु ने उन से कहा, "...तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था" (मरकुस 6:31)।

   सभी को कभी ना कभी विश्राम की आवश्यकता होती है, और यदि हम उचित समय पर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर हमें इसके शारीरिक और मानसिक दुषप्रभाव झेलने पड़ते हैं। तब हम अपनी ज़िम्मेदारियों को भी जितना हमें निभाना चहिए, उतनी अच्छी तरह से नहीं निभा पाते, हमारी कार्य क्षमता और कुशलता दोनों प्रभावित होती हैं।

   क्या प्रभु आप से कह रहा है कि कुछ समय के लिए अलग होकर विश्राम कर लें? अपने कार्य और जीवन की गति को निर्धारित करें, उसे उचित रखें, आवश्यक विश्राम को लेने से ना कतराएं। इस से ना केवल आप शारीरिक और मानसिक रीति से स्वस्थ रहेंगे, वरन आपकी कार्य क्षमता और गुणवन्ता भी बेहतर रहेगी। - डेनिस फिशर


टूट कर बिखर जाने से बचने के लिए परमेश्वर के साथ प्रार्थना में संगति के लिए 
तथा विश्राम के लिए समय अवश्य निकालें।

[प्रभु यीशु ने कहा:] मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। - मत्ती 11:29

बाइबल पाठ: मरकुस 6:30-36
Mark 6:30 प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया। 
Mark 6:31 उसने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। 
Mark 6:32 इसलिये वे नाव पर चढ़कर, सुनसान जगह में अलग चले गए। 
Mark 6:33 और बहुतों ने उन्हें जाते देखकर पहिचान लिया, और सब नगरों से इकट्ठे हो कर वहां पैदल दौड़े और उन से पहिले जा पहुंचे। 
Mark 6:34 उसने निकलकर बड़ी भीड़ देखी, और उन पर तरस खाया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे, जिन का कोई रखवाला न हो; और वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा। 
Mark 6:35 जब दिन बहुत ढल गया, तो उसके चेले उसके पास आकर कहने लगे; यह सुनसान जगह है, और दिन बहुत ढल गया है। 
Mark 6:36 उन्हें विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्‍तियों में जा कर, अपने लिये कुछ खाने को मोल लें।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23


मंगलवार, 24 मई 2016

उपयुक्त नाम


   दक्षिण-पूर्व एशिया के देश इंडोनेशिया का नाम यूनानी भाषा के दो शब्दों को मिलाने से बना है, जिनक मिला-जुला अर्थ होता है "द्वीप"। उस देश के लिए यह नाम बिलकुल उपयुक्त है क्योंकि इंडोनेशिया 750,000 वर्ग मील में फैले 17,500 द्वीपों का देश है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि लोगों के नाम, जो चाहे उन्हें जन्म के समय मिले हों या फिर बाद में, अकसर उनके और उनके चरित्र के बारे में बताते हैं। उदाहरणस्वरूप, बरनबास का अर्थ होता है ’प्रोत्साहन का पुत्र’ और बरनबास सदा जो उसके संपर्क में आते रहे उनको प्रोत्साहित करता रहा; ऐसे ही याकूब का अर्थ है ’अड़ंगीमार’, और हम पाते हैं कि परमेश्वर से हुए साक्षात्कार से पहले याकूब अपने जीवन में लोगों को, यहाँ तक कि अपने भाई और अपने पिता को भी, अपनी स्वार्थ-सिद्धी, अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करता रहा, धोखे देता रहा।

   बाइबल का सबसे उप्युक्त नाम है "यीशु"। प्रभु यीशु के जन्म से पहले जब स्वर्गदूत ने प्रभु के सांसारिक पिता यूसुफ से उसके बारे में बातचीत करी तो यूसुफ से कहा, "वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा" (मत्ती 1:21)। यीशु शब्द का अर्थ है ’प्रभु बचाता है’ और यह प्रभु यीशु के संसार में आने के उद्देश्य और उसके कार्य, दोनों को ही परिभाषित करता है। प्रभु यीशु का एक और नाम है - इम्मानुएल, अर्थात ’परमेश्वर हमारे साथ’ (यशायाह 1:23; मत्ती 1:23); और यह नाम उसमें होकर हमें मिलने वाली अनन्त आशा और शांति को दिखाता है। हमारे उद्धार और पाप क्षमा के लिए प्रभु यीशु के अलावा और कोई उपयुक्त नाम नहीं है। - बिल क्राउडर


यीशु नाम ही हमारे विश्वास और आशा का आधार है।

और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। - प्रेरितों 4:12

बाइबल पाठ: मत्ती 1:18-25
Matthew 1:18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 
Matthew 1:19 सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 
Matthew 1:20 जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 
Matthew 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। 
Matthew 1:22 यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो। 
Matthew 1:23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। 
Matthew 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। 
Matthew 1:25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 22-24
  • यूहन्ना 8:28-59


सोमवार, 23 मई 2016

अधिक


   जब लोग मुझ से पूछते हैं कि "मैं कैसा हूँ" तो कभी-कभी मेरा उत्तर होता है, "जैसा होना चाहिए उससे अधिक अच्छा हूँ!" मुझे स्मरण है कि यह सुनकर एक नेकनीयत व्यक्ति ने प्रत्युत्तर में कहा, "अरे नहीं जो; आप तो बहुत अधिक के योग्य हैं" और मेरा उत्तर था, "वास्तव में ऐसा नहीं है।" यह सब उत्तर-प्रत्युत्तर के पीछे मेरा संकेत तथा विचार उसकी ओर होता है जो मुझे परमेश्वर से मिलना चाहिए - उसका न्याय और मेरे पापों का दण्ड।

   हम बड़ी सरलता से यह भूल जाते हैं कि अपने अन्दर से, अपने मन-ध्यान-विचारों में हम कैसे घोर पापी हैं। अपने बारे में आवश्यकता से अधिक बढ़कर राय रखने से, हमारे प्रति दिखाए उसके महान अनुग्रह के लिए परमेश्वर के प्रति हमारी कृतज्ञता घट जाती है। हमारे पापों की क्षमा और उद्धार के लिए जो कीमत परमेश्वर ने चुकाई है, उसका महत्व हमारे लिए कुछ हलका हो जाता है।

   जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने किया, वैसे ही यदि हम भी अपने जीवनों के लिए करें, तो हम भी भजनकार के समान यही कहेंगे, "उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है" (भजन 103:10)। जब हम अपने आप को परमेश्वर की पवित्रता और खराई के सामने रखते हैं, तो हमारी अपनी सारी धार्मिकता जाती रहती है और हम यह एहसास करने पाते है कि सिवाए परमेश्वर के न्याय और नर्क के हमारे लिए और कोई विकल्प नहीं है; और स्वर्ग की तो कोई संभावना ही नहीं है। यदि हम स्वर्ग के भागी हो सकते हैं तो वह केवल एक आधार पर - यदि वहाँ जाना किसी की दया से हमें भेंट में मिल सके; और यही प्रभु यीशु ने हमारे लिए किया है। प्रभु यीशु ने हमारे सारे पाप अपने ऊपर लेकर हमारे लिए उनका दण्ड सह लिया और अपनी दया में होकर अपनी धार्मिकता तथा स्वर्ग जाने का अधिकार हमें भेंट में दे दिया। अब जो कोई स्वेच्छा से प्रभु यीशु की यह भेंट स्वीकार करता है, वह उसकी इस दया और अनुग्रह का पात्र बन जाता है, स्वर्ग जाने का हकदार बन जाता है - अपने किन्ही कर्मों से नहीं, वरन केवल प्रभु के अनुग्रह के कारण। इसीलिए भजनकार आगे कहता है, "जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है" (भजन 103:11)।

   जब हम इस बात का एहसास करते हैं कि वास्तव में हम अन्दर से कैसे हैं, और इस बात का भी कि परमेश्वर हमारी इस वास्तविकता को हम से भी अधिक विस्तार से जानता है, और फिर भी वह हम से प्रेम करता है, हमारी भलाई के लिए योजनाएं बनाता है, हमें सदा अपने साथ बनाए रखना चाहता है, तो हम उसके प्रति कृतज्ञता, धन्यवाद और अराधना में नतमस्तक हो जाते हैं।

   प्रभु परमेश्वर ने वास्त्व में हमें जैसे के हम हकदार थे, हमें उससे कहीं बेहतर और कहीं अधिक दिया है। - जो स्टोवैल


इस महान छुटकारे के अलावा यदि अब परमेश्वर हमारे लिए और कुछ ना भी करे, 
तो भी उसने हमारे लिए बहुत कुछ कर दिया है।

परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। - इफिसियों 2:4-6

बाइबल पाठ: भजन 103:1-14
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! 
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। 
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, 
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है, 
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है। 
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। 
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है। 
Psalms 103:9 वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा। 
Psalms 103:10 उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है। 
Psalms 103:11 जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है। 
Psalms 103:12 उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। 
Psalms 103:13 जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। 
Psalms 103:14 क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 19-21
  • यूहन्ना 8:1-27


रविवार, 22 मई 2016

सुनना


   अपनी पुस्तक Listening to Others में लेखिका जॉयस हगेट सुनने के महत्व तथा जो कठिन परिस्थितियों में हैं उन्हें उचित प्रतिक्रिया देने के बारे में बताती हैं। इन बातों को वे अपने अनुभवों के आधार पर बताती हैं, जब दुःखों और कठिनाईयों में पड़े लोगों के साथ बैठकर उन्होंने उनकी बातें सुनने में समय बिताया। वे बताती हैं कि अनेकों लोगों ने उनका बहुत धन्यवाद किया उस सहायता के लिए जो उन्होंने उन लोगों के लिए करी, जबकि जॉयस का कहना है कि बहुत बार तो उन्होंने कुछ भी नहीं किया था, केवल शांत बैठकर उन लोगों की बात सुनी थी, उन्हें अपने मन की व्यथा निर्बाधित उंडेल लेने दी थी। जॉयस का निषकर्ष था कि दुःखी लोगों की सहायता करने का एक प्रभावी तरीका, ध्यान लगाकर उनकी बात सुनना भी है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र अय्युब के साथ भी हम यही बात पाते हैं। अय्युब के परमेश्वर में विश्वास को गिराने के लिए शैतान उसकी घोर परीक्षा लेता है, उसका घर-बार, परिवार, संपत्ति और सेहत सब पर शैतान हमला करके सब ले लेता है, किंतु अय्युब का विश्वास परमेश्वर पर से नहीं हटता। उसके इस घोर दुःख के समय में उसके मित्र उससे मिलने और उसे सांत्वना देने आते हैं। उसकी दशा देखकर वे मित्र सात दिन तक चुपचाप उसके साथ बैठे तो रहते हैं (अय्युब 2:13), लेकिन जब अय्युब अपनी व्यथा उनके सामने कहना आरंभ करता है तो उसकी व्यथा का वर्णन सुनने की बजाए वे उस से अपने ही विचार कहने लगते हैं, उस पर दोषारोपण करते हैं, और उसके जीवन में किसी पाप के कारण ही इन दुःखों के आने का इलज़ाम उस पर लगाते हैं। उनकी उपस्थिति अय्युब के लिए सांत्वना का नहीं वरन कष्ट का कारण हो जाती है और वह कहता है, "भला होता कि मेरा कोई सुनने वाला होता! (सर्वशक्तिमान अभी मेरा न्याय चुकाए! देखो मेरा दस्तखत यही है)। भला होता कि जो शिकायतनामा मेरे मुद्दई ने लिखा है वह मेरे पास होता!" (अय्युब 31:35)।

   जब हम किसी की बात ध्यान से सुनते हैं, तो हम उस पर प्रगट करते हैं कि तुम्हारे संदर्भ में जो तुम्हारी चिंताएं है, वे मेरी भी है; जो तुम्हारे लिए महत्वपूर्ण है, वह मेरे लिए भी है। अवश्य ही कठिनाई में पड़े लोगों को नेक और भली सलाह की आवश्यकता होती है; लेकिन इससे भी बढ़कर अनेकों बार लोगों को ऐसे साथियों की आवश्यकता होती है जो उनसे प्रेम करते हैं, उनकी चिंता करते हैं, उनकी बात ध्यान से सुनने के लिए समय देते हैं। ऐसे ध्यान से किसी की बात सुनना सरल कार्य नहीं है; किसी के मन की बात को सुन कर समझ पाना और फिर उसे एक सही एवं उचित प्रतिक्रीया दे पाने के लिए समय, नम्रता और लगन की आवश्यकता होती है जो उसके प्रति हमारी सच्ची सहानुभूति का सूचक है।

   हे प्रभु हमें प्रेम से भरा मन और दूसरों की सुनने वाले कान दे। - डेविड रोपर


जब कोई बोल रहा हो, और हम उसकी बात का उत्तर सोचना आरंभ कर दें, 
तो वास्तव में हम उसकी बात को सुन नहीं रहे होते।

हे बुद्धिमानों! मेरी बातें सुनो, और हे ज्ञानियो! मेरी बातों पर कान लगाओ; क्योंकि जैसे जीभ से चखा जाता है, वैसे ही वचन कान से परखे जाते हैं। - अय्युब 34:2-3

बाइबल पाठ: अय्युब 2:11-13
Job 2:11 जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठान कर कि हम अय्यूब के पास जा कर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले। 
Job 2:12 जब उन्होंने दूर से आंख उठा कर अय्यूब को देखा और उसे न चीन्ह सके, तब चिल्लाकर रो उठे; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूलि उड़ाकर अपने अपने सिर पर डाली। 
Job 2:13 तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 16-18
  • यूहन्ना 7:28-53


शनिवार, 21 मई 2016

लंगर


   समुद्री तूफान सैन्डी ने फ्लोरिडा के तट पर प्रहार किया था, और उससे बचने के लिए मैट तथा जेसिका अपनी नाव को सुरक्षित स्थान पर लाने का प्रयास कर रहे थे कि उनकी नाव पानी के नीचे की मिट्टी में फंस गई। नाव वहीं फंसी इधर-उधर हिचकोले लेने लगी, लेकिन वे उसे बाहर नहीं निकाल पा रहे थे। इसलिए मैट तथा जेसिका ने वहीं नाव का लंगर पानी में डाल दिया। ऐसा करने से नाव एक स्थान पर स्थिर हो गई, हिचकोले आने बन्द हो गए और जब तक बचाव दल उन्हें लेने नहीं आ गया वे नाव में सुरक्षित रहे। बाद में मैट तथा जेसिका ने बताया कि यदि वे लंगर ना डालते तो तूफान और ऊंची लहरों के प्रहार उस नाव को किनारे पर पटक देते, चकनाचूर कर देते।

   हमारे आत्मिक जीवनों में भी हमें ऐसे ही लंगरों की आवश्यकता होती है जो हमें जीवन के तूफानों में स्थिर तथा सुरक्षित बनाए रखें। जब मूसा की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने यहोशु को इस्त्राएल का अगुवा नियुक्त किया, तो साथ ही परमेश्वर ने यहोशु को अपनी प्रतिज्ञाओं के लंगर भी दिए जिससे कठिन समयों में वह स्थिर बना रह सके। परमेश्वर ने यहोशु से कहा: "तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा" (यहोशु 1:5)। साथ ही परमेश्वर ने यहोशु तथा इस्त्राएलियों को अपना वचन भी दिया कि वे उसका अध्ययन तथा पालन करें: "इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा" (यहोशु 1:7-8)। परमेश्वर का वचन, परमेश्वर की प्रतिज्ञाएं और उनके साथ बनी रहने वाली परमेश्वर की उपस्थिति यहोशु तथा इस्त्राएलियों के लिए वे आत्मिक लंगर थे जो आने वाले कठिन समयों तथा चुनौतियों में उन्हें स्थिर बनाए रखने के लिए दिए गए थे।

   जब कभी हम दुःखों से होकर निकलें, या हमारे मसीही विश्वास को लेकर कोई शंका हमें परेशान अथवा विचलित करने लगे तो यही आत्मिक लंगर आज हमारी भी उसी प्रकार से सुरक्षा प्रदान करेंगे जैसे तब यहोशु और इस्त्राएलियों को प्रदान करी थी। हमारा विश्वास चाहे कितना भी कमज़ोर क्यों ना हो, किंतु यदि वह परमेश्वर के वचन बाइबल की बातों एवं प्रतिज्ञाओं तथा हमारे साथ परमेश्वर की लगातार बनी रहने वाली उपस्थिति पर आधारित है, तो संसार का कोई तूफान हम पर प्रबल नहीं हो सकता; परमेश्वर हर परिस्थिति से हमें सुरक्षित निकाल ले आएगा। - ऐनी सेटास


जब हम तूफान की प्रचण्डता का अनुभव करते हैं, 
तब ही हम अपने लंगर की सामर्थ पहचान पाते हैं।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: यहोशु 1:1-9
Joshua 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा, 
Joshua 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूं। 
Joshua 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हें दे देता हूं। 
Joshua 1:4 जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। 
Joshua 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा। 
Joshua 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा। 
Joshua 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। 
Joshua 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। 
Joshua 1:9 क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 13-15
  • यूहन्ना 7:1-27


शुक्रवार, 20 मई 2016

सत्य वचन


   बहुत से लोगों का मानना है कि परमेश्वर का वचन बाइबल केवल कालपनिक कहानियों का संकलन है - एक लड़के ने दैत्य को मारा; एक मनुष्य को बड़ी सी मछली ने निगल लिया; एक व्यक्ति ने पानी का जहाज़ बनाकर अपने परिवार तथा जानवरों को जलप्रलय से बचा लिया, आदि। यहाँ तक कि कुछ धार्मिक लोग भी यही मानते हैं कि बाइबल की बातें अच्छी नैतिक कहानियां हैं जो हमें कुछ आत्मिक बातों की शिक्षाएं प्रदान करने के लिए लिखी गई हैं।

   किंतु स्वयं प्रभु यीशु ने बाइबल की इन घटनाओं को सत्य घटनाएं कहकर लोगों के सामने इनकी पुष्टि करी। नूह द्वारा जलप्रलय से बचने के लिए जहाज़ बनाने के द्वारा प्रभु यीशु ने समझाया कि उसका पुनःआगमन भी ऐसे ही होगा, जब लोग उसकी आशा भी नहीं कर रहे होंगे: "जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहिले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उन में ब्याह शादी होती थी। और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उन को कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा" (मत्ती 24:37-39)।

   प्रभु यीशु ने मछली के पेट में काटे गए योना के तीन दिनों के उदाहरण के द्वारा कब्र में बिताए जाने वाले अपने तीन दिनों को समझाया "यूनुस तीन रात दिन जल-जन्‍तु के पेट में रहा, वैसे ही मनुष्य का पुत्र तीन रात दिन पृथ्वी के भीतर रहेगा" (मत्ती 12:40)। प्रेरित पतरस ने अपनी पत्री में नूह और जलप्रलय की घटना के द्वारा भविष्य में प्रभु यीशु के पुनःआगमन के विषय में सचेत किया (2 पतरस 2:4-9)।

   परमेश्वर ने हमें अपना वचन दिया है, जो सत्य है, यथार्थ है और प्रमाणित है; ना कि कालपनिक कहानियों का संकलन है। अनेक प्रयासों के बावजूद आज तक बाइबल की कोई एक बात भी गलत प्रमाणित नहीं हो पाई है। परमेश्वर का यह अटल वचन हमें चिताता है कि प्रभु यीशु का पुनःआगमन होगा और वह अपने अनुयायियों को अनन्त काल तक अपने साथ सुख और शान्ति में रहने के लिए ले जाएगा तथा जगत न्याय में जाएगा। प्रभु यीशु ने जो चिन्ह उसके पुनःआगमन के समय के पूरा होने के सम्बंध में दिए हैं (मत्ती 24), वे आज के इस समय में हमारी आंखों के सामने पूरे हो रहे हैं; क्या आप उसके पुनःआगमन और अपने न्याय के लिए तैयार हैं? - सिंडी हैस कैस्पर

यदि हम प्रभु यीशु के पुनःआगमन की प्रतीक्षा में हैं 
तो हमारे पास आशावान रहने का उचित और भला कारण है।

आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। - यूहन्ना 1:1

बाइबल पाठ: मत्ती 24:32-44
Matthew 24:32 अंजीर के पेड़ से यह दृष्‍टान्‍त सीखो: जब उस की डाली को मल हो जाती और पत्ते निकलने लगते हैं, तो तुम जान लेते हो, कि ग्रीष्म काल निकट है। 
Matthew 24:33 इसी रीति से जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो, कि वह निकट है, वरन द्वार ही पर है।
Matthew 24:34 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक ये सब बातें पूरी न हो लें, तब तक यह पीढ़ी जाती न रहेगी। 
Matthew 24:35 आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी। 
Matthew 24:36 उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता। 
Matthew 24:37 जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। 
Matthew 24:38 क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहिले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उन में ब्याह शादी होती थी। 
Matthew 24:39 और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उन को कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। 
Matthew 24:40 उस समय दो जन खेत में होंगे, एक ले लिया जाएगा और दूसरा छोड़ दिया जाएगा। 
Matthew 24:41 दो स्‍त्रियां चक्की पीसती रहेंगी, एक ले ली जाएगी, और दूसरी छोड़ दी जाएगी। 
Matthew 24:42 इसलिये जागते रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा। 
Matthew 24:43 परन्तु यह जान लो कि यदि घर का स्‍वामी जानता होता कि चोर किस पहर आएगा, तो जागता रहता; और अपने घर में सेंध लगने न देता। 
Matthew 24:44 इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 6:45-71


गुरुवार, 19 मई 2016

निराशा


   मैं और मेरी बहिन, ताईवान में अपनी छुट्टियाँ मनाने जाने की उत्सुक्ता से प्रतीक्षा कर रहे थे। हमने अपने वायुयान के टिकिट खरीद लिए थे और होटल में कमरे भी आरक्षित कर लिए थे। लेकिन उस यात्रा के दो सप्ताह पहले, घर में आई एक आपात स्थिति के कारण मेरी बहिन को घर पर ही रुक जाना पड़ा। हमें बहुत निराशा हुई कि हमारी योजना तथा कार्यक्रम बाधित हो गए थे और हम अपेक्षित नहीं कर पा रहे थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम प्रभु यीशु के जीवन काल की एक घटना में देखते हैं कि प्रभु यीशु अपने चेलों के साथ एक आवश्यक उद्देश्य के अन्तर्गत जा रहे थे, परन्तु उनकी यह यात्रा बाधित हुई (मरकुस 5:21-42)। अराधनालय के मुख्या, याइर की बेटी बहुत बीमार थी और वह प्रभु यीशु के पास अपनी बेटी कि चंगाई के लिए याचना करने आया था। समय कीमती था, देर नहीं करी जा सकती थी इसलिए प्रभु यीशु तुरंत अपने चेलों के साथ याइर के घर की ओर चल पड़े। एक बड़ी भीड़ उनके साथ चल रही थी, उनपर गिरी पड़ती थी। अचानक ही प्रभु यीशु रुक गए और उन्होंने प्रश्न किया, "...मेरा वस्‍त्र किस ने छूआ" (मरकुस 5:30)?

   चेले यह प्रश्न सुनकर खिन्न हुए और बोले "...तू देखता है, कि भीड़ तुझ पर गिरी पड़ती है, और तू कहता है; कि किस ने मुझे छुआ" (मरकुस 5:31)? लेकिन प्रभु यीशु के लिए उद्देश्य में आई यह बाधा एक अन्य महिला को चंगा करने और अपनी सामर्थ को प्रगट करने का अवसर था। उस भीड़ में एक स्त्री भी थी जिसे 12 वर्ष से लहु बहने की बीमारी थी, और सभी प्रयास तथा इलाज करवा लेने के बावजूद उसका रोग गया नहीं था। यहूदी मान्यताओं के अनुसार इस बहते लहु के कारण वह अपवित्र थी और सामाजिक तथा धार्मिक संगति तथा कार्यों में सम्मिलित होने के अयोग्य थी (लैव्यवस्था 15:25-27)। प्रभु यीशु पर विश्वास करके इस स्त्री ने अपने मन में ठाना कि यदि वह उसका वस्त्र भर छू लेगी तो चंगी हो जाएगी, और इसीलिए उसने भीड़ में होकर चुपके से प्रभु यीशु को छू लिया और उसे अपने विश्वास के अनुसार तुरंत चंगाई मिल भी गई; किंतु प्रभु यीशु ने इस बात को तुरंत पहचान लिया और रुक कर प्रश्न किया, उस स्त्री से उसके विश्वास का अंगीकार करवाया।

   उस स्त्री को मिली यह चंगाई तथा संबंधित वार्तालाप में बीता समय याइर की बेटी के लिए भारी पड़ गया - उसका देहांत हो गया। सबको लगा कि अब कुछ नहीं हो सकता है, अब बहुत देर हो गई है। लेकिन याइर के उद्देश्य में आई उस स्त्री की चंगाई की बाधा, याइर तथा अन्य लोगों के लिए प्रभु यीशु को और बेहतर जानने का अवसर बन गई। प्रभु यीशु ने याइर को आश्वस्त किया, उसके घर जाकर उसकी बेटी को पुनः जीवित करके माता-पिता को सौंप दिया।

   सभी बाधाएं अन्ततः प्रभु यीशु की अद्वितीय सामर्थ को प्रगट करने और परमेश्वर की महिमा होने का कारण बन गईं। वह जो हमारे लिए निराशा का कारण है, यदि प्रभु परमेश्वर के हाथों में समर्पित हो, तो वही हमारे लिए आशीष और परमेश्वर की महिमा का कारण हो जाता है। - पो फैंग चिया


अपने सामने आने वाली हर बाधा में प्रभु परमेश्वर के उद्देश्यों को ढूंढ़ें।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: मरकुस 5:21-42
Mark 5:21 जब यीशु फिर नाव से पार गया, तो एक बड़ी भीड़ उसके पास इकट्ठी हो गई; और वह झील के किनारे था। 
Mark 5:22 और याईर नाम आराधनालय के सरदारों में से एक आया, और उसे देखकर, उसके पांवों पर गिरा। 
Mark 5:23 और उसने यह कहकर बहुत बिनती की, कि मेरी छोटी बेटी मरने पर है: तू आकर उस पर हाथ रख, कि वह चंगी हो कर जीवित रहे। 
Mark 5:24 तब वह उसके साथ चला; और बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली, यहां तक कि लोग उस पर गिरे पड़ते थे।
Mark 5:25 और एक स्त्री, जिस को बारह वर्ष से लोहू बहने का रोग था। 
Mark 5:26 और जिसने बहुत वैद्यों से बड़ा दुख उठाया और अपना सब माल व्यय करने पर भी कुछ लाभ न उठाया था, परन्तु और भी रोगी हो गई थी। 
Mark 5:27 यीशु की चर्चा सुनकर, भीड़ में उसके पीछे से आई, और उसके वस्‍त्र को छू लिया। 
Mark 5:28 क्योंकि वह कहती थी, यदि मैं उसके वस्‍त्र ही को छू लूंगी, तो चंगी हो जाऊंगी। 
Mark 5:29 और तुरन्त उसका लोहू बहना बन्‍द हो गया; और उसने अपनी देह में जान लिया, कि मैं उस बीमारी से अच्छी हो गई। 
Mark 5:30 यीशु ने तुरन्त अपने में जान लिया, कि मुझ में से सामर्थ निकली है, और भीड़ में पीछे फिरकर पूछा; मेरा वस्‍त्र किस ने छूआ? 
Mark 5:31 उसके चेलों ने उस से कहा; तू देखता है, कि भीड़ तुझ पर गिरी पड़ती है, और तू कहता है; कि किस ने मुझे छुआ? 
Mark 5:32 तब उसने उसे देखने के लिये जिसने यह काम किया था, चारों ओर दृष्टि की। 
Mark 5:33 तब वह स्त्री यह जानकर, कि मेरी कैसी भलाई हुई है, डरती और कांपती हुई आई, और उसके पांवों पर गिरकर, उस से सब हाल सच सच कह दिया। 
Mark 5:34 उसने उस से कहा; पुत्री तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है: कुशल से जा, और अपनी इस बीमारी से बची रह।
Mark 5:35 वह यह कह ही रहा था, कि आराधनालय के सरदार के घर से लोगों ने आकर कहा, कि तेरी बेटी तो मर गई; अब गुरू को क्यों दुख देता है? 
Mark 5:36 जो बात वे कह रहे थे, उसको यीशु ने अनसुनी कर के, आराधनालय के सरदार से कहा; मत डर; केवल विश्वास रख। 
Mark 5:37 और उसने पतरस और याकूब और याकूब के भाई यूहन्ना को छोड़, और किसी को अपने साथ आने न दिया। 
Mark 5:38 और अराधनालय के सरदार के घर में पहुंचकर, उसने लोगों को बहुत रोते और चिल्लाते देखा। 
Mark 5:39 तब उसने भीतर जा कर उस से कहा, तुम क्यों हल्ला मचाते और रोते हो? लड़की मरी नहीं, परन्तु सो रही है। 
Mark 5:40 वे उस की हंसी करने लगे, परन्तु उसने सब को निकाल कर लड़की के माता-पिता और अपने साथियों को ले कर, भीतर जहां लड़की पड़ी थी, गया। 
Mark 5:41 और लड़की का हाथ पकड़कर उस से कहा, ‘तलीता कूमी’; जिस का अर्थ यह है कि ‘हे लड़की, मैं तुझ से कहता हूं, उठ’। 
Mark 5:42 और लड़की तुरन्त उठ कर चलने फिरने लगी; क्योंकि वह बारह वर्ष की थी। और इस पर लोग बहुत चकित हो गए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 6:22-44


बुधवार, 18 मई 2016

सूचि


   मेरे एक मित्र ने हाल ही में मुझे बताया कि उसने अपनी बहन को यूरोप की यात्रा करवा कर, उसने अपनी मृत्युपूर्व इच्छाओं की सूचि में से एक और पूरी कर ली है। मेरा वह मित्र स्वयं तो अनेक बार यूरोप जा चुका था, लेकिन उसकी बहन कभी यूरोप नहीं गई थी, और वह चाहता था कि उसकी बहन भी यूरोप देख सके। उस मित्र की इच्छा सूचि में यह निःस्वार्थ इच्छा का होना मेरे लिए विस्मयकारी था; इसने मुझे विचार करने पर बाध्य किया कि मेरी इच्छाएं कितनी अपने आप पर और कितनी दूसरों पर केंद्रित होती हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस ने हम मसीही विश्वासियों को परमेश्वर द्वारा दिए गए वरदानों तथा उनके सदुपयोग के बारे में निर्देश दिए (रोमियों 12)। यदि हम इन वरदानों पर थोड़ा विचार करें तो पाएंगे कि यह सभी वरदान दूसरों की भलाई से संबंधित हैं; उदाहरणस्वरूप, सिखाने का वरदान शिक्षक की ही नहीं वरन उसके विद्यार्थियों की उन्नति और भलाई के लिए है। इसी प्रकार पद 6 से 8 में उल्लेखित अन्य वरदानों के साथ भी यही बात है। पौलुस ने परमेश्वर की इस उदार भावना को हमारे अनुसरण के लिए पद 10 में रेखंकित किया: "भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।"

   पौलुस ने ना केवल इस रवैये को अपनी शिक्षाओं में कहा, वरन उसने इसे अपने जीवन में जी कर भी दिखाया; उसने औरों को अपने साथ अपनी मसीही सेवकाई में सम्मिलित किया, उन्हें सिखाया और आने वाली मसीही विश्वासियों की पीढ़ी की भलाई के लिए उन्हें तैयार किया। साथ ही पौलुस ने उदारता, आतिथ्य, क्षमा, अनुकंपा आदि को अपने दैनिक व्यवहार का एक अभिन्न अंग बनाकर अपने साथियों तथा हमारे लिए एक सजीव उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

   जीवन के हमारे उद्देश्यों की सूचि में एक अनिवार्य बात होनी चाहिए, परमेश्वर द्वारा हमें दिए गए वरदानों का दूसरों की भलाई तथा परमेश्वर की महिमा के लिए सदुपयोग। - डेविड मैक्कैसलैंड


स्वस्थ आत्मिक जीवन के लिए नम्रता और दूसरों की भलाई का अभ्यास करते रहें।

विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:3-5

बाइबल पाठ: रोमियों 12
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। 
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। 
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे। 
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। 
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे। 
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। 
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देने वाला उदारता से दे, जो अगुवाई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे। 
Romans 12:9 प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई में लगे रहो। 
Romans 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। 
Romans 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। 
Romans 12:12 आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो। 
Romans 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो। 
Romans 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। 
Romans 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ। 
Romans 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो। 
Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो। 
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 6:1-21


मंगलवार, 17 मई 2016

संपर्क


   हम मनुष्य प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष, लौकिक तथा अलौकिक, दोनों ही सच्चाईयों के संपर्क में रहते हैं। मैं इस बात के बारे में तब सोचने लगा जब मैं न्यूज़ीलैंड के समुद्री तट से एक नाव में व्हेल मछलियों को देखने के लिए गया। व्हेल मछली कुछ देर पानी की सतह पर रहकर आराम करती, कुछ लंबी-लंबी सांसें लेती जिससे जब वह श्वास बाहर निकालती तो एक अद्भुत फव्वारा सा निकलता, और फिर वह लगभग एक मील की गहराई तक पानी में अपना भोजन ढूँढ़ने और खाने के लिए उतर जाती। यद्यपि उन व्हेल मछलियों का पानी अन्दर अपना एक संसार है, वहाँ के अपने जीव-जन्तु हैं, लेकिन उसे सांस लेने और ऑक्सीजन द्वारा अपना रक्त साफ करने के लिए पानी कि सतह पर आना ही पड़ता है। व्हेल पानी के बाहर के संसार के बारे में कुछ नहीं जानती है, लेकिन जीवित रहने के लिए पानी की सतह पर आकर पानी के बाहर के संसार के साथ उसे संपर्क बना कर रखना ही होता है।

   यही हमारी भी स्थिति है, जैसे व्हेल को अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए ऑक्सीजन लेने पानी की सतह पर आना होता है, वैसे ही हमें भी अपने आत्मा, मन और हृदय को स्वच्छ रखने के लिए परमेश्वर के संपर्क में बारंबार आना ही होता है। हमारे लिए लौकिक और आलौकिक में कोई स्पष्ट विभाजन नहीं है; जिस संसार में हम रहते और कार्य करते हैं वह ’या तो इस ओर, नहीं तो उस ओर’ का संसार नहीं है। एक मसीही विश्वासी होने के नाते मैं जो प्रार्थना, आराधना, परमेश्वर के प्रेम को ज़रूरतमंदों, बीमारों और बन्धनों में पड़े हुओं तक पहुँचाने का कार्य करता हूँ, वह लौकिक भी है और अलौकिक भी, सांसारिक भी है और स्वर्गीय भी। हमारे सभी कार्य इस प्रत्यक्ष संसार में, जिसे हम देख, छू, सूंघ और अनुभव कर सकते हैं में होते हैं, लेकिन हमारे जीवनों पर उनके प्रभाव ना केवल इस संसार में वरन आने वाले संसार में भी जाते हैं।

   जिस परमेश्वर ने हमें प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले इस संसार की तथा हमारी सृष्टि करी है, वही इस प्रत्यक्ष संसार को अप्रत्यक्ष रीति से संचालित करता है तथा हमें अपने संपर्क में आने के तरीके और अवसर भी देता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा: "और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना" (कुलुस्सियों  1:22-23)। प्रभु यीशु में होकर संभव हुए परमेश्वर से इस मेल-मिलाप के द्वारा परमेश्वर ने हमारे लिए यह संभव किया है कि हम उससे संपर्क में बने रहें तथा वह आत्मिक ऑक्सीजन, अर्थात उसका वचन, प्राप्त करते रहें जो हमारे प्राण, देह और आत्मा को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखता है। - फिलिप यैन्सी


परमेश्वर का सिंहासन उसके बच्चों की पहुँच के बाहर कभी नहीं रहता।

क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं। - रोमियों 5:10-11

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:9-23
Colossians 1:9 इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ। 
Colossians 1:10 ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। 
Colossians 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको। 
Colossians 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। 
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। 
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है। 
Colossians 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है। 
Colossians 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। 
Colossians 1:17 और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
Colossians 1:18 और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे। 
Colossians 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे। 
Colossians 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। 
Colossians 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। 
Colossians 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे। 
Colossians 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 5:25-47


सोमवार, 16 मई 2016

अच्छे सलाहकार


   पन्द्रहवीं शताब्दी के धर्मशास्त्री थौमस ए. केम्पिस ने कहा था, "ऐसा बुद्धिमान कौन है जो हर विषय का सिद्ध ज्ञान रखे? इसलिए, अपने विचार पर आवश्यकता से अधिक भरोसा मत रखना, वरन औरों के विचार सुनने के लिए भी तैयार रहना। चाहे आपके अपने विचार अच्छे भी हों, तौभी परमेश्वर के प्रेम में होकर यदि आप अपने विचार को छोड़कर दूसरों के बेहतर विचार सुनकर उन्हें मान लेंगे, तो इससे आपका भला ही होगा।" थौमस ने जीवन के निर्णय लेने में भले सलाहकारों की उपयोगिता और महत्व को पहचान लिया था।

   जीवन में परमेश्वर की इच्छा जानने और उसके अनुसार चलने के लिए बुद्धिमान व्यक्ति को अपने समक्ष ऐसे विकल्प बनाए रखने चाहिएं जिन में होकर परमेश्वर का मार्गदर्शन उस तक पहुंचा सके, जैसे कि परमेश्वर का वचन बाइबल, परमेश्वर को समर्पित और उससे प्रेम करने वाले परिपक्व लोग, स्वयं प्रार्थना और बाइबल अध्ययन में परमेश्वर के साथ समय बिताना आदि। जब कोई व्यक्ति अच्छे सलाहकारों की सलाह लेता है, तो वह यह भी दिखाता है कि उसे एहसास है कि उस निर्णय के लेने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों को संभवतः वह स्वयं जान नहीं पाया है। परमेश्वर के वचन बाइबल में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति सुलेमान ने बताया कि अच्छे सलाहकारों से सलाह लेने का क्या महत्व है: "बिना सम्मति की कल्पनाएं निष्फल हुआ करती हैं, परन्तु बहुत से मंत्रियों की सम्मत्ति से बात ठहरती है" (नीतिवचन 15:22)।

   प्रभु यीशु ही हमारा अद्भुत, युक्ति करने वाला, प्राक्रमी परमेश्वर है (यशायाह 9:6), वही हमारे लिए परमेश्वर की बुद्धि है, और वही अच्छे सलाहकारों के द्वारा हमें सुरक्षित रखता है। इसलिए परमेश्वर के भय में रहने और चलने वाले, परमेश्वर के वचन में दृढ़ और स्थापित रहने वाले अच्छे सलाहकारों को ढूँढ़ें, उनकी संगति में रहें, उनके लिए प्रभु परमेश्वर का धन्यवाद करें और अपने जीवन के लिए स्पष्ट और नेक सलाह प्राप्त करने में उनका सहयोग लेते रहें। - मार्विन विलियम्स


यदि आप अच्छे सलाहकारों की सलाह लेते रहेंगे तो सही निर्णय ले पाने की संभावनाओं को बढ़ाते रहेंगे।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। - यशायाह 9:6

बाइबल पाठ: नीतिवचन 8:12-21
Proverbs 8:12 मैं जो बुद्धि हूं, सो चतुराई में वास करती हूं, और ज्ञान और विवेक को प्राप्त करती हूं। 
Proverbs 8:13 यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। घमण्ड, अंहकार, और बुरी चाल से, और उलट फेर की बात से भी मैं बैर रखती हूं। 
Proverbs 8:14 उत्तम युक्ति, और खरी बुद्धि मेरी ही है, मैं तो समझ हूं, और पराक्रम भी मेरा है। 
Proverbs 8:15 मेरे ही द्वारा राजा राज्य करते हैं, और अधिकारी धर्म से विचार करते हैं; 
Proverbs 8:16 मेरे ही द्वारा राजा हाकिम और रईस, और पृथ्वी के सब न्यायी शासन करते हैं। 
Proverbs 8:17 जो मुझ से प्रेम रखते हैं, उन से मैं भी प्रेम रखती हूं, और जो मुझ को यत्न से तड़के उठ कर खोजते हैं, वे मुझे पाते हैं। 
Proverbs 8:18 धन और प्रतिष्ठा मेरे पास है, वरन ठहरने वाला धन और धर्म भी हैं। 
Proverbs 8:19 मेरा फल चोखे सोने से, वरन कुन्दन से भी उत्तम है, और मेरी उपज उत्तम चान्दी से अच्छी है। 
Proverbs 8:20 मैं धर्म की बाट में, और न्याय की डगरों के बीच में चलती हूं, 
Proverbs 8:21 जिस से मैं अपने प्रेमियों को परमार्थ के भागी करूं, और उनके भण्डारों को भर दूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 24-25
  • यूहन्ना 5:1-24


रविवार, 15 मई 2016

संपूर्ण


   हमारे बेटे मार्क के सेना में भरती को 4 सप्ताह ही हुए थे कि एक प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान उसके घुटने में गंभीर चोट लग गई। परिणामस्वरूप उसे सेना छोड़नी पड़ी, और 19 वर्ष की आयु में उसे चलने-फिरने के लिए लकड़ी का सहारा लेना पड़ा। चोट की गंभीरता के कारण उसे 2 वर्ष तक आराम, पुनःस्थापन के व्यायाम और पुनःस्वस्थ होने की लंबी प्रक्रिया से निकलना पड़ा। अन्ततः वह अपने घुटने पर बंधे सहायकों (braces) को उतारने पाया, जो उसे चोटिल होने के बाद से बांध कर रखने पड़े थे। यद्यपि आज भी उसे थोड़ा-बहुत दर्द होता रहता है लेकिन चंगा होने की लंबी और धीमी प्रक्रिया से होकर वह आज अपनी टांग को पूरी तरह से प्रयोग करने की स्थिति में आ गया है।

   हमारे शरीरों को भला-चंगा होने में हमारे अनुमान से कहीं अधिक समय लगता है। यही बात हमारी आत्मिक चंगाई पर भी ऐसे ही लागू होती है। जीवन में लिए गए गलत निर्णयों, अविवेकपूर्ण कार्यों या दूसरों द्वारा हमें पहुंचाए गए आघातों के कारण हम पर आने वाले बोझ या घाव जीवन पर्यन्त हमारे साथ रहते हैं; उनकी पीड़ा हमें समय-असमय स्मरण आति रहती है। लेकिन हम मसीही विश्वासियों के लिए हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता की ओर से आश्वासन है कि मसीह यीशु में लाए गए विश्वास के साथ ही हमारी आत्मिक चंगाई आरंभ हो जाती है और हम अन्ततः इन सब बातों से निकल कर एक ऐसे स्थान पर होंगे जहाँ इनका ना तो स्मरण और ना कोई प्रभाव शेष रहेगा। इस विषय में परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना लिखता है: "और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:4)।

   जब भी हम किसी पीड़ादायक परिस्थिति में हों तो इस बात को ध्यान करना शान्तिदायक होता है कि हमारे परमेश्वर पिता की उपस्थिति सदा हमारे साथ बनी रहती है और वह हमें संपूर्ण तथा निश्चिंत करने के मार्ग बना कर देता रहता है, और अन्ततः अपने साथ अनन्त शांति में अनन्त काल के लिए ले लेगा। - बिल क्राउडर


हम जैसे ही मसीह यीशु के पास अपनी व्यथित तथा टूटी हुई दशा में आते हैं, 
वह हमें संपूर्ण करना आरंभ कर देता है।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है; और परमेश्वर सच्चा है, वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-8
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। 
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा। 
Revelation 21:8 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्‍हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्‍धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 22-23
  • यूहन्ना 4:31-54


शनिवार, 14 मई 2016

भला


   मेरे बाल काटने के बाद मेरे बालों की देखभाल करने वाले ने कहा, "आपके बाल वास्तव में काफी स्वस्थ हैं; मेरी आशा है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आप हमारे द्वारा बनाए गए उत्पाद प्रयोग करती हैं।" मैंने उत्तर दिया, "माफ कीजिए, लेकिन ऐसा नहीं है; मैं तो केवल वह प्रयोग करती हूँ जिसकी सुगन्ध अच्छी होती है और जो महंगा नहीं होता।" फिर मैंने उससे आगे कहा, "लेकिन मैं अच्छा भोजन खाने पर बहुत ध्यान देती हूँ; मेरे विचार से इससे बहुत प्रभाव पड़ता है।"

   अपने आप को आकर्षक बनाने के लिए जो कुछ हम लोग करते हैं, उन बातों के बारे में सोचने पर मेरा ध्यान इस पर भी जाता है कि अपने आप को आत्मिक रीति से आकर्षक बनाने के लिए हम क्या करते हैं? यरुशालेम के धार्मिक अगुवओं के साथ हुए प्रभु यीशु के वार्तालाप में, प्रभु ने यह मुद्दा भी उनके सामने रखा (मत्ती 23)। वे धार्मिक अगुवे, परमेश्वर द्वारा दिए गए नियमों के अलावा अपने ही द्वारा बनाए गए अनेकों उल्झाने वाले नियमों का पालन करते थे, जिससे कि अपने आस-पास के लोगों और समाज को यह दिखा सकें कि वे उन बाकी सभी लोगों से भले और धर्मी थे। लेकिन उनके ये प्रयास परमेश्वर को किसी रीति प्रभावित नहीं करते थे। प्रभु यीशु ने उनसे कहा, "हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्‍धेर असंयम से भरे हुए हैं" (पद 25)। अपने आप को औरों से अधिक भला और धर्मी दिखाने के उनके प्रयास, उलटा यही दिखाते थे कि वास्तव में भले और धर्मी नहीं थे।

   प्रत्येक समाज तथा संस्कृति के अपने धार्मिक आचरण, व्यवहार और प्रथाएं होती हैं; लेकिन परमेश्वर किसी जाति, समाज, धर्म या संस्कृति विशेष से बंधा हुआ नहीं है। परमेश्वर के आदर्श तथा उसको ग्रहणयोग्य व्यवहार के मानक भी उसने स्वयं ही निर्धारित किए हैं; और जो उसे पसन्द है उसका आँकलन वह दूसरों के देखने या उनके विचारों के अनुसार नहीं करता। परमेश्वर को एक कोमल निर्मल हृदय और पवित्र तथा नम्र मंशाएं भाती हैं।

   परमेश्वर को ग्रहणयोग्य जीवन बाहर से भला दिखने वाला नहीं वरन हर बात और हर परिस्थिति में अन्दर से भला बने रहने वाला जीवन है। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


अन्दर से भले हुए बिना, हम बाहर से भले दिख तो सकते हैं, परन्तु भले रह नहीं सकते।

इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। रोमियों 12:1-2 

बाइबल पाठ: मत्ती 23:23-31
Matthew 23:23 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गंभीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते। 
Matthew 23:24 हे अन्धे अगुवों, तुम मच्छर को तो छान डालते हो, परन्तु ऊंट को निगल जाते हो। 
Matthew 23: हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्‍धेर असंयम से भरे हुए हैं। 
Matthew 23:26 हे अन्धे फरीसी, पहिले कटोरे और थाली को भीतर से मांज कि वे बाहर से भी स्‍वच्‍छ हों।
Matthew 23:27 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्‍दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं। 
Matthew 23:28 इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो।
Matthew 23:29 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें संवारते और धर्मियों की कब्रें बनाते हो। 
Matthew 23:30 और कहते हो, कि यदि हम अपने बाप-दादों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उन के साझी न होते। 
Matthew 23:31 इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्तान हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 19-21
  • यूहन्ना 4:1-30