ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 31 जुलाई 2017

ढूँढ़ना और पाना


   फिल्म Amazing Grace (अद्भुत अनुग्रह) सन 1700 के अन्त के समय पर आधारित है। इसमें विलियम विल्बरफ़ोर्स नामक एक राजनितिज्ञ की कहानी है, जिसने मसीह यीशु में लाए गए अपने विश्वास के कारण अपना धन और सामर्थ्य इंगलैंड से दास प्रथा एवं व्यापार के उन्मूलन में लगा दिया। इस फिल्म के एक दृश्य में विल्बरफ़ोर्स का रसोइया उसे प्रार्थना करते हुए पाता है, और उससे पूछता है, "साहेब, लगता है कि आपने परमेश्वर को पा लिया है?" विल्बरफ़ोर्स उसे उत्तर देता है, "मुझे तो लगता है कि उसने मुझे ढूँढ़ लिया है।"

   परमेश्वर का वचन बाइबल मानव जाति को पाप और स्वेच्छा में भटकी हुई भेड़ के समान दिखाती है। बाइबल में लिखा है, "हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी[प्रभु यीशु] पर लाद दिया" (यशायाह 53:6)। यह पाप में भटकना और स्वेच्छानुसार जीवन व्यतीत करना हमारे अन्दर इतनी गहराई से बसा हुआ है कि परिणामस्वरूप हमारी दशा के बारे में प्रेरित पौलुस लिखता है, "जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं। कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं। सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं" (रोमियों 3:10-12)।

   इसीलिए प्रभु यीशु संसार में मानव रूप धारण कर के आए। हम अपने आप में परमेश्वर को ढूँढ़ कर कभी पा नहीं सकते थे; परन्तु परमेश्वर ने हमें ढूँढ़कर, हमें पापों से छुड़ाने और परमेश्वर के साथ हमारा मेल-मिलाप करवाने के लिए प्रभु यीशु को संसार में भेजा। प्रभु यीशु ने अपने आने के उद्देश्य के बारे में कहा, "क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है" (लूका 19:10)। विल्बरफ़ोर्स बिलकुल सही थे जब उन्होंने कहा कि ’उसने मुझे ढूँढ़ लिया है’ क्योंकि प्रभु यीशु आए ही इसी लिए थे। प्रभु यीशु का संसार में आना, निष्पाप तथा निष्कलंक जीवन बिताने के बाद भी समस्त संसार के सभी पापों को अपने ऊपर लिए हुए, अपना जीवन बलिदान करना और फिर तीसरे दिन मृतकों में से जी उठना, और सब पश्चाताप तथा विश्वास करने वालों को पाप क्षमा तथा अनन्त जीवन का आश्वासन देना, हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर का हमारे प्रति प्रेम और देखरेख को दिखाता है।

   संसार के इतिहास में अन्य सभी में मनुष्य अनेकों प्रयासों तथा विधियों से परमेश्वर को ढूँढ़ने और पाने का प्रयास करते हैं; केवल मसीही विश्वास ही है जहाँ स्वयं परमेश्वर मनुष्य को ढूँढ़ने और पाने के लिए आया और इसके लिए अपना बलिदान भी कर दिया। वह आपको भी पाना चाहता है, क्या आप उसे यह अवसर प्रदान करेंगे?। - बिल क्राउडर


मेरे जीवन की संक्षिप्त कहानी: पहले खोया हुआ था; 
अब पाया हुआ हूँ; इसके लिए अनन्त तक कृतज्ञ रहूँगा।

यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। - 1 तिमुथियुस 1:15

बाइबल पाठ: लूका 19:1-10
Luke 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था। 
Luke 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था। 
Luke 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। 
Luke 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था। 
Luke 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है। 
Luke 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया। 
Luke 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है। 
Luke 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं। 
Luke 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है। 
Luke 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 54-56
  • रोमियों 3


रविवार, 30 जुलाई 2017

सामर्थ्य


   हॉलेंड की कलाकार योनी लेफेवरे ने एक योजना बनाई; वह निदरलैंड्स में वृद्धावस्था में चल रहे लोगों के जीवनों की सामर्थ्य को दिखाना चहाती थी। उसने बच्चों से कहा कि वे अपने दादा-दादी, नाना-नानी के रेखा-चित्र बनाएं जिनमें वह दिखाया गया हो जो कुछ वे लोग वृद्धावस्था में करते हैं। क्योंकि लेफेवरे उन वृद्धों को एक वास्तविक और शुद्ध दृष्टिकोण से देखना और प्रस्तुत करना चाहती थी, इसलिए उसने बच्चों को यह करने के लिए चुना। उन बच्चों द्वारा बनाए गए रेखा-चित्रों ने वृद्धों के जीवन-सामर्थ्य का एक नया और सक्रीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन चित्रों में वे वृद्ध टैनिस खेलते, बाग़बानी करते, चित्रकारी करते, और ऐसे ही अनेकों कार्य करते दिखाए गए हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, प्राचीन इस्त्राएल के एक पात्र कालेब के विषय आया है कि अपनी वृद्धावस्था में भी वह सक्रीय और सामर्थी था। अपनी जवानी में वह इस्त्राएल के अन्य लोगों के साथ, परमेश्वर द्वारा इस्त्राएलियों को वाचा में दिए गए देश कनान की जानकारी लेने के लिए गया था जिससे इस्त्राएलियों को उस देश के विषय में आश्वस्त कर सके। कनान देश की टोह लेकर वापस आने पर कालेब और यहोशू का मानना था कि परमेश्वर की सहायता से वे कनान देश को जीत लेंगे, परन्तु उनके साथ गए अन्य भेदियों ने इस्त्राएलियों को डरा दिया (यहोशू 14:8)। यहोशू और कालेब के परमेश्वर में विश्वास के कारण परमेश्वर ने उन दोनों को और 45 वर्ष तक जीवित बनाए रखा, जब तक इस्त्राएलई कनान देश में नहीं पहुँच कर वहाँ अच्छे से बस नहीं गए; परन्तु उनके साथ गए अन्य लोग तथा परमेश्वर पर अविश्वास करने वाली पीढ़ी, बिना कनान देश तक पहुँचे, चालीस वर्ष की जंगल की यात्रा में ही ढेर हो गई। जब कनान देश में प्रवेश करने और अपनी भूमि को कनानियों से जीत लेने का समय आया, तब 85 वर्षीय कालेब ने कहा, "जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने, वा भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ मे सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है" (यहोशू 14:11)। परमेश्वर की सहायता से उसने अपनी वृद्धावस्था में भी अपने हिस्से की भूमि पर सफलतापूर्वक कबज़ा कर लिया (गिनती 14:24)।

   हमारे आयु में बढ़ने पर परमेश्वर हमें भुला नहीं देता है। चाहे हमारे शरीर वृद्ध हो जाएं और हमारा स्वास्थ्य हमारा साथ न दे, परन्तु परमेश्वर का पवित्र-आत्मा हमें प्रतिदिन नया सामर्थ्य देता रहता है (2 कुरिन्थियों 4:16)। परमेश्वर हमारे लिए संभव करता है कि अपने जीवन के प्रत्येक पड़ाव में, अपनी प्रत्येक आयु में उसपर विश्वास करने और उसे समर्पित रहने वाले हम मसीही विश्वासी परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी बने रहें। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


यदि परमेश्वर की सामर्थ्य का पीछे से सहारा है, 
और उसके हाथ नीचे से आपको थामे हुए हैं, 
तो आगे जो कुछ भी हो, आप निःसंकोच उसका सामना कर सकते हैं।

इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। - 2 कुरिन्थियों 4:16

बाइबल पाठ: यहोशू 14:6-12
Joshua 14:6 तब यहूदी यहोशू के पास गिलगाल में आए; और कनजी यपुन्ने के पुत्र कालेब ने उस से कहा, तू जानता होगा कि यहोवा ने कादेशबर्ने में परमेश्वर के जन मूसा से मेरे और तेरे विषय में क्या कहा था। 
Joshua 14:7 जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था; और मैं सच्चे मन से उसके पास सन्देश ले आया। 
Joshua 14:8 और मेरे साथी जो मेरे संग गए थे उन्होंने तो प्रजा के लोगों को निराश कर दिया, परन्तु मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा की पूरी रीति से बात मानी। 
Joshua 14:9 तब उस दिन मूसा ने शपथ खाकर मुझ से कहा, तू ने पूरी रीति से मेरे परमेश्वर यहोवा की बातों का अनुकरण किया है, इस कारण नि:सन्देह जिस भूमि पर तू अपने पांव धर आया है वह सदा के लिये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी। 
Joshua 14:10 और अब देख, जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैंतालीस वर्ष हो चुके हैं, जिन में इस्राएली जंगल में घूमते फिरते रहे; उन में यहोवा ने अपने कहने के अनुसार मुझे जीवित रखा है; और अब मैं पचासी वर्ष का हूं। 
Joshua 14:11 जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने, वा भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ मे सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है। 
Joshua 14:12 इसलिये अब वह पहाड़ी मुझे दे जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तू ने तो उस दिन सुना होगा कि उस में अनाकवंशी रहते हैं, और बड़े बड़े गढ़ वाले नगर भी हैं; परन्तु क्या जाने संभव है कि यहोवा मेरे संग रहे, और उसके कहने के अनुसार मैं उन्हें उनके देश से निकाल दूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 51-53
  • रोमियों 2


शनिवार, 29 जुलाई 2017

गन्दगी


   मैंने कुड़कुड़ाते हुए जे से शिकायत करी, "क्या वे अपना कूड़ा इतनी सी दूर ले जाकर भी नहीं फेंक सकते थे?" और वहाँ से कठिनाई से बीस फीट की दूरी पर स्थित कूड़ेदान में वह कूड़ा डाल दिया। फिर आगे कुड़कुड़ाते हुए कहा, "क्या दूसरों के लिए गन्दगी से भरा हुआ समुद्र-तट छोड़ने से उन्हें अपने विषय में अच्छा लगता है? मेरा मानना है कि ऐसा करने वाले लोग अवश्य ही पर्यटक रहे होंगे। मैं यह कतई मानने को तैयार नहीं हूँ कि हमारे अपने स्थानीय लोग ही हमारे समुद्र-तट को इस प्रकार गन्दा करेंगे, उसका ऐसा निरादर करेंगे।"

   इस घटना के अगले ही दिन मेरी दृष्टि उस प्रार्थना पर पड़ी जिसे मैंने अनेकों वर्ष पहले दूसरों पर दोषारोपण करने और उन्हें जाँचने के संबंध में लिखी थी। मेरे अपने ही शब्दों ने मुझे एहसास करवाया कि मेरे द्वारा औरों की गन्दगी को साफ करने से मेरे अपने मन में आया अहंकार कितना गलत था। क्योंकि वास्तविकता तो यह है कि मेरे अपने जीवन में बहुत गन्दगी है जिसे मैं नज़रंदाज़ करती रहती हूँ, विशेषकर मेरे आत्मिक जीवन में।

   मैं यह दावा तो बड़ी शीघ्रता से कर लेती हूँ कि मैं अपना जीवन व्यवस्थित और सही इसलिए नहीं कर पाती हूँ क्योंकि कोई न कोई उसमें गन्दगी डालता रहता है। और मैं इस निषकर्ष पर भी बहुत शीघ्र पहुँच जाती हूँ कि जिस गन्दगी के कारण मेरे आस-पास दुर्गन्ध है, वह सब दूसरों की फैलाई हुई है। परन्तु यह दोनों ही बातें सत्य नहीं हैं। मेरे बाहर की कोई भी बात मुझे ना तो दोषी बना सकती है और न ही मुझे दूषित कर सकती है - ऐसा केवल वही कर सकता है जो मेरे हृदय में है। यही बात परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने भी कही है (मत्ती15:19-20)।

   असली गन्दगी तो मेरा वह रवैया है जिसके कारण किसी दूसरे के छोटे से पाप पर भी मैं नाक-भौं सिकोड़ने लगती हूँ, जबकि अपने जीवन में भरी गन्दगी की सड़ान्द को नज़रंदाज़ करती हूँ। - जूली ऐकैरमैन लिंक


हम में से अधिकतर लोग दूरदर्शी होते हैं;
 हमें दूसरों के पाप बहुत दूर से दिख जाते हैं; 
परन्तु अपने नहीं दिखते!

दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए। क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा। - मत्ती 7:1-2

बाइबल पाठ: मत्ती 15:7-21
Matthew 15:7 हे कपटियों, यशायाह ने तुम्हारे विषय में यह भविष्यद्वाणी ठीक की। 
Matthew 15:8 कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है। 
Matthew 15:9 और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की विधियों को धर्मोपदेश कर के सिखाते हैं। 
Matthew 15:10 और उसने लोगों को अपने पास बुलाकर उन से कहा, सुनो; और समझो। 
Matthew 15:11 जो मुंह में जाता है, वह मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता, पर जो मुंह से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। 
Matthew 15:12 तब चेलों ने आकर उस से कहा, क्या तू जानता है कि फरीसियों ने यह वचन सुनकर ठोकर खाई? 
Matthew 15:13 उसने उत्तर दिया, हर पौधा जो मेरे स्‍वर्गीय पिता ने नहीं लगाया, उखाड़ा जाएगा। 
Matthew 15:14 उन को जाने दो; वे अन्धे मार्ग दिखाने वाले हैं: और अन्‍धा यदि अन्धे को मार्ग दिखाए, तो दोनों गड़हे में गिर पड़ेंगे। 
Matthew 15:15 यह सुनकर, पतरस ने उस से कहा, यह दृष्‍टान्‍त हमें समझा दे। 
Matthew 15:16 उसने कहा, क्या तुम भी अब तक ना समझ हो? 
Matthew 15:17 क्या नहीं समझते, कि जो कुछ मुंह में जाता, वह पेट में पड़ता है, और सण्‍डास में निकल जाता है? 
Matthew 15:18 पर जो कुछ मुंह से निकलता है, वह मन से निकलता है, और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। 
Matthew 15:19 क्योंकि कुचिन्‍ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्‍दा मन ही से निकलतीं है। 
Matthew 15:20 यही हैं जो मनुष्य को अशुद्ध करती हैं, परन्तु हाथ बिना धोए भोजन करना मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता।
Matthew 15:21 यीशु वहां से निकलकर, सूर और सैदा के देशों की ओर चला गया।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 49-50
  • रोमियों 1


शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

बलवाई प्रवृत्ति


   जब मैं पहली कक्षा में अक्षर लिखना सीख रही थी, तब मेरी अध्यापिका इस बात पर बल देती थी कि मैं अपनी पेंसिल एक विशेष रीति से पकड़ूँ। जब तक वह मुझ पर ध्यान लगाए रखती थीं, मैं पेंसिल उनके कहे अनुसार पकड़े रहती थी; परन्तु जैसे ही उनका ध्यान मुझ पर से हटता, मैं फिर से पेंसिल उस रीति से पकड़ लेती जैसी मुझे सुविधाजनक लगती थी।

   मुझे लगता था कि पेंसिल पकड़ने के इस द्वंद में मैं ही विजयी हुई हूँ, मैं आज भी पेंसिल अपनी सुविधानुसार पकड़ती हूँ। परन्तु अब दशकों के बाद मुझे यह एहसास हुआ है कि मेरी अध्यापिका जानती थी कि यदि मैं पेंसिल को वैसे पकड़ूँगी जैसे पकड़ना मुझे अच्छा लगता है, तो मेरी यह हठीली आदत आगे चलकर लिखने में बाधा डालेगी क्योंकि मेरी इच्छानुसार पेंसिल पकड़ने से हाथ शीघ्र थक जाएगा और लिखाई अच्छी नहीं आएगी।

   अकसर बच्चे वह नहीं समझ पाते हैं जो उनके लिए अच्छा होता है; वे बस वही चाहते और करते हैं जो उस समय पर उन्हें अच्छा या सही लगता है। संभवतः इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में इस्त्राएल के लोगों को अनेकों बार "इस्त्राएल की सन्तान" कहकर संबोधित किया गया है - अपने व्यवहार में वे बच्चों के समान हठीले बने रहे। परमेश्वर द्वारा अनेकों बार चिताए, समझाए और ताड़ना दिए जाने के बाद भी वे उस एकमात्र सच्चे जीवते परमेश्वर की उपासना के स्थान पर अपने आस-पास के लोगों के देवी-देवताओं की उपासना में पड़ते रहे, और परिणामस्वरूप परमेश्वर ने अपनी आशीष भी उनपर से हटा ली (न्यायियों 2:20-22)। उनके ऐसे कार्यों ने परमेश्वर को बहुधा क्रोधित किया, क्योंकि वह जानता था कि उनके लिए क्या भला है, परन्तु तब भी वे इस्त्राएली उसकी बात अधिक समय तक नहीं मानते थे।

   पास्टर रिक वारेन का कहना है, "आज्ञाकारिता और ढिठाई एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। आजाकारिता से आनन्द आता है, परन्तु ढिठाई का परिणाम दुःखद होता है।" यदि बलवाई प्रवृत्ति हमें परमेश्वर का आज्ञाकारी होने से रोक रही है, तो अभी समय है कि हम हृदय परिवर्तन कर लें। अपनी बलवाई प्रवृत्ति के आधीन होकर परमेश्वर के अनाज्ञाकारी न रहें, पश्चाताप और क्षमा याचना के साथ उसके पास लौट आएं; वह अनुग्रहकारी और दयालू क्षमा करने वाला परमेश्वर है। - सिंडी हैस कैस्पर


पहले हम आदतें बनाते हैं; फिर आदतें हमें बनाती हैं।

यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करूणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करने वाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है। - गिनती 14:18

बाइबल पाठ: न्यायियों 2:11-22
Judges 2:11 इसलिये इस्राएली वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और बाल नाम देवताओं की उपासना करने लगे; 
Judges 2:12 वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत किया; और यहोवा को रिस दिलाई। 
Judges 2:13 वे यहोवा को त्याग कर के बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करने लगे। 
Judges 2:14 इसलिये यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा, और उसने उन को लुटेरों के हाथ में कर दिया जो उन्हें लूटने लगे; और उसने उन को चारों ओर के शत्रुओं के आधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के साम्हने ठहर न सके। 
Judges 2:15 जहां कहीं वे बाहर जाते वहां यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था, जैसे यहोवा ने उन से कहा था, वरन यहोवा ने शपथ खाई थी; इस प्रकार से बड़े संकट में पड़ गए। 
Judges 2:16 तौभी यहोवा उनके लिये न्यायी ठहराता था जो उन्हें लूटने वाले के हाथ से छुड़ाते थे। 
Judges 2:17 परन्तु वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे; वरन व्यभिचारिन की नाईं पराये देवताओं के पीछे चलते और उन्हें दण्डवत करते थे; उनके पूर्वज जो यहोवा की आज्ञाएं मानते थे, उनकी उस लीक को उन्होंने शीघ्र ही छोड़ दिया, और उनके अनुसार न किया। 
Judges 2:18 और जब जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अन्धेर और उपद्रव करने वालों के कारण होता था सुनकर दु:खी था। 
Judges 2:19 परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत कर के अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे। 
Judges 2:20 इसलिये यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा; और उसने कहा, इस जाति ने उस वाचा को जो मैं ने उनके पूर्वजों से बान्धी थी तोड़ दिया, और मेरी बात नहीं मानी, 
Judges 2:21 इस कारण जिन जातियों को यहोशू मरते समय छोड़ गया है उन में से मैं अब किसी को उनके साम्हने से न निकालूंगा; 
Judges 2:22 जिस से उनके द्वारा मैं इस्राएलियों की परीक्षा करूं, कि जैसे उनके पूर्वज मेरे मार्ग पर चलते थे वैसे ही ये भी चलेंगे कि नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 46-48
  • प्रेरितों 28


गुरुवार, 27 जुलाई 2017

जाँच


   यह वर्ष का वह समय है जब मैं अपने डॉक्टर के पास सालाना जाँच के लिए जाता हूँ। यद्यपि अभी मुझे कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं है, मैं भला-चँगा अनुभव कर रहा हूँ, परन्तु मुझे यह पता है कि नियमित जाँच कराना महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा करने से वे छिपी हुई छोटी बातें भी सामने आ सकती हैं जिन्हें यदि समय से नहीं पहचाना गया तो वे बढ़कर विकराल स्वास्थ्य समस्या बन सकती हैं। इसलिए मैं यह जानता हूँ कि अपने डॉक्टर को अपनी जाँच करने की अनुमति देने से मैं छिपी हुई समस्याओं का समय रहते समाधान पा सकता हूँ, और इससे मुझे दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी भजनकार ने आत्मिक रीति से यही अनुभव किया। उसने परमेश्वर से विनती की प्रार्थना की: "हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर" (भजन 139:23-24)। परमेश्वर को संपूर्ण और बिना किसी शर्त के जाँच करने की अनुमति देते हुए, भजनकार ने अपने आप को परमेश्वर की धार्मिकता के मार्गों पर छोड़ दिया जिससे वह आत्मिक रीति से स्वस्थ रह सके।

   इसलिए यदि आप अपने बारे में कुछ बुरा अनुभव नहीं भी कर रहे हैं, बेहतर होगा कि अपने आप को परमेश्वर के हाथों में जाँचे जाने के लिए सौंप दें। केवल परमेश्वर ही है जो आपके हृदय की वास्तविक दशा को जानता है; केवल वह ही है जो क्षमा कर सकता है, चँगा कर सकता है और हमें पवित्र तथा उसके लिए फलदायी जीवन जीने की सामर्थ्य दे सकता है। - जो स्टोवैल


हमारे उद्धार पा लेने पर परमेश्वर का कार्य समाप्त नहीं होता
 - वह तो तब आरंभ होता है।

हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है। तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है। - भजन 139:1-3

बाइबल पाठ: भजन 139:17-24
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है।
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं।
Psalms 139:19 हे ईश्वर निश्चय तू दुष्ट को घात करेगा! हे हत्यारों, मुझ से दूर हो जाओ। 
Psalms 139:20 क्योंकि वे तेरी चर्चा चतुराई से करते हैं; तेरे द्रोही तेरा नाम झूठी बात पर लेते हैं। 
Psalms 139:21 हे यहोवा, क्या मैं तेरे बैरियों से बैर न रखूं, और तेरे विरोधियों से रूठ न जाऊं? 
Psalms 139:22 हां, मैं उन से पूर्ण बैर रखता हूं; मैं उन को अपना शत्रु समझता हूं। 
Psalms 139:23 हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! 
Psalms 139:24 और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 43-45
  • प्रेरितों 27:27-44


बुधवार, 26 जुलाई 2017

धनी


   एक सफल व्यवसायी ने चर्च में हमारे साथ अपने जीवन की कहानी साझा की। उसने अपने मसीही विश्वास और धन की बहुतायत से संबंधित संघर्षों के बारे में खुलासे से बताया। उसने कहा, "धन से मुझे डर लगता है।"

   उसने प्रभु यीशु के कथन, "परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है" (लूका 18:25) को उद्धत किया। उसने परमेश्वर के वचन बाइबल से लूका 16:19-31 का हवाला दिया, जो धनी व्यक्ति और लाज़रस की कहानी है, और इस कहानी में धनी व्यक्ति नरक में जाता है। उस "धनी युवक" का दृष्टांत (लूका 12:16-21) उसे विचलित करता था। उसने ठान लिया कि वह धन को परमेश्वर के प्रति उसकी भक्ति के आड़े नहीं आने देगा, वरन अपने संसाधनों से निर्धनों तथा ज़रुरतमन्दों की सहायता करेगा।

   शताब्दियों से परमेश्वर कुछ लोगों को भरपूर संपदा से आशीषित करता आया है। हम बाइबल में 2 इतिहास 17:5 में यहोशापात के विषय में पढ़ते हैं, "इस कारण यहोवा ने राज्य को उसके हाथ में दृढ़ किया, और सारे यहूदी उसके पास भेंट लाया करते थे, और उसके पास बहुत धन और उसका वैभव बढ़ गया।" इतना धनी होने पर भी यहोशपात ना तो घमण्डी हुआ और न ही उसने अपने धन के सहारे दूसरों पर दुराचार किया। वरन, "यहोवा के मार्गों पर चलते चलते उसका मन मगन हो गया" (पद 6); तथा "और वह अपने पिता आसा की लीक पर चला ओर उस से न मुड़ा, अर्थात जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है वही वह करता रहा" (2 इतिहास 20:32)।

   परमेश्वर धन के विरुद्ध नहीं है, क्योंकि उसने स्वयं ही कुछ को उस से आशीषित किया है; परन्तु निश्चय ही वह धन के अनुचित संचय और दुरुप्योग के विरुद्ध है। परमेश्वर नहीं चाहता है कि धन के लोभ में पड़कर मसीही विश्वासी उसके मार्गों से भटक जाएं। वह अपने अनुयायियों से चाहता है कि वे सच्ची भक्ति के साथ उसके प्रति विश्वास योग्य बने रहें, और वह उनकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करता रहेगा। - लॉरेंस दरमानी


धन हो या न हो, समर्पित हृदय परमेश्वर को प्रसन्न करते रहेंगे।

क्योंकि धन का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है। - 1 तिमुथियुस 6:10

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 17:1-11
2 Chronicles 17:1 और उसका पुत्र यहोशापात उसके स्थान पर राज्य करने लगा, और इस्राएल के विरुद्ध अपना बल बढ़ाया। 
2 Chronicles 17:2 और उसने यहूदा के सब गढ़ वाले नगरों में सिपाहियों के दल ठहरा दिए, और यहूदा के देश में और एप्रैम के उन नगरों में भी जो उसके पिता आसा ने ले लिये थे, सिपाहियों की चौकियां बैठा दीं। 
2 Chronicles 17:3 और यहोवा यहोशापात के संग रहा, क्योंकि वह अपने मूलपुरुष दाऊद की प्राचीन चाल सी चाल चला और बाल देवताओं की खोज में न लगा। 
2 Chronicles 17:4 वरन वह अपने पिता के परमेश्वर की खोज में लगा रहता था और उसी की आज्ञाओं पर चलता था, और इस्राएल के से काम नहीं करता था। 
2 Chronicles 17:5 इस कारण यहोवा ने राज्य को उसके हाथ में दृढ़ किया, और सारे यहूदी उसके पास भेंट लाया करते थे, और उसके पास बहुत धन और उसका वैभव बढ़ गया। 
2 Chronicles 17:6 और यहोवा के मार्गों पर चलते चलते उसका मन मगन हो गया; फिर उसने यहूदा से ऊंचे स्थान और अशेरा नाम मूरतें दूर कर दीं। 
2 Chronicles 17:7 और उसने अपने राज्य के तीसरे वर्ष में बेन्हैल, ओबद्याह, जकर्याह, नतनेल और मीकायाह नामक अपने हाकिमों को यहूदा के नगरों में शिक्षा देने को भेज दिया। 
2 Chronicles 17:8 और उनके साथ शमायाह, नतन्याह, जबद्याह, असाहेल, शमीरामोत, यहोनातान, अदोनिय्याह, तोबिय्याह और तोबदोनिय्याह, नाम लेवीय और उनके संग एलीशामा और यहोराम नामक याजक थे। 
2 Chronicles 17:9 सो उन्होंने यहोवा की व्यवस्था की पुस्तक अपने साथ लिये हुए यहूदा में शिक्षा दी, वरन वे यहूदा के सब नगरों में प्रजा को सिखाते हुए घूमे। 
2 Chronicles 17:10 और यहूदा के आस पास के देशों के राज्य राज्य में यहोवा का ऐसा डर समा गया, कि उन्होंने यहोशापात से युद्ध न किया। 
2 Chronicles 17:11 वरन कितने पलिश्ती यहोशापात के पास भेंट और कर समझ कर चान्दी लाए; और अरबी लोग भी सात हजार सात सौ मेढ़े और सात हजार सात सौ बकरे ले आए।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 40-42
  • प्रेरितों 27:1-26


मंगलवार, 25 जुलाई 2017

साथ चलना


   मुझे मेरे एक मित्र ने एक छोटा परचा पढ़ने के लिए दिया; उस परचे का शीर्षक था, "प्रभु के साथ संबंध के 86 वर्षों की कहानी बाँटने का प्रयास।" उस पर्चे में ऐल ऑकेनहेल ने अपने लगभग नौ दशक के जीवन में मसीही विश्वास की यात्रा से संबंधित कुछ प्रमुख लोगों और घटनाओं के बारे में बताया है। जो उस समय साधारण से चुनाव लगते थे - बाइबल पदों को स्मरण करना, प्रार्थना करने के लिए औरों के साथ मिलना, अपने पड़ौसियों को प्रभु यीशु के बारे में बताना, आदि - वे ही उनके जीवन को भले के लिए बदलने वाले बिंदु बन गए। कैसे परमेश्वर के हाथ ने ऐल के जीवन का मार्गदर्शन और प्रोत्साहन किया, यह सब उस पर्चे में पढ़ना बहुत रोमांचक था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने लिखा, "मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है" (भजन 37:23)। इस परिच्छेद में एक सुन्दर वर्णन मिलता है कि कैसे परमेश्वर उनकी विश्वासयोग्यता के साथ देखभाल करता है जो उसके साथ चलना चाहते हैं; "उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते" (भजन 37:31)।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी परमेश्वर की उसके प्रति विश्वासयोग्यता तथा मार्गदर्शन का अपना ऐसा विवरण बना सकता है, जिसमें विश्वास की उनकी यात्रा में आने वाले प्रमुख लोगों, स्थानों और घटनाओं का उल्लेख हो। परमेश्वर की भलाई का प्रत्येक स्मरण हमें उसके साथ चलते रहने के लिए प्रोत्साहित करता है और उनके प्रति धन्यवादी बनाता है जिन्होंने किसी रीति से भलाई के लिए हम पर प्रभाव डाला है।

   जितने प्रभु परमेश्वर के साथ चलते हैं, वह उन सब को मार्गदर्शन और सुरक्षा प्रदान करता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब आप परमेश्वर के साथ चलेंगे, वह आपको सही मार्ग में ले चलेगा।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:105

बाइबल पाठ: भजन 37:23-31
Psalms 37:23 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; 
Psalms 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।
Psalms 37:25 मैं लड़कपन से ले कर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है। 
Psalms 37:26 वह तो दिन भर अनुग्रह कर कर के ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।
Psalms 37:27 बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा। 
Psalms 37:28 क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा। 
Psalms 37:29 धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।
Psalms 37:30 धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है। 
Psalms 37:31 उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 37-39
  • प्रेरितों 26


सोमवार, 24 जुलाई 2017

साहस


   जब मैं उन युवकों की कहानियाँ सुनता हूँ जिन्हें डरा-धमका कर दबाया गया है, तो मैं पाता हूँ कि उनके अन्दर दो स्तर की चोट है। पहली और सबसे प्रकट चोट उन्हें डराने-धमकाने वालों के नीच व्यवहार के कारण होती है; अपने आप में यही काफी भयानक होती है। लेकिन एक और, इससे भी अधिक गहरी चोट है जो पहली वाली से भी अधिक नुकसानदेह हो सकती है: अन्य सभी लोगों की खामोशी। जिसे डरा-धमका कर दबाया जा रहा है वह अन्य लोगों के इस व्यवहार से कि कोई उसकी सहायाता के लिए नहीं आ रहा है स्तब्ध रह जाता है। और यही निष्क्रियता उन दबाने वालों को और अधिक नीचता करने का बढ़ावा देती है। इस खामोशी से उस नीचता से पीड़ित व्यक्ति की घबराहट, झूठी शर्मिंदगी, और एकाकीपन और अधिक हो जाते हैं। इसलिए यह अनिवार्य है कि हम औरों के लिए अपनी आवाज़ उठाएं, नीच व्यवहार के विरुद्ध बोलें (नीतिवचन 31:8)।

   प्रभु यीशु मसीह इस प्रकार के नीच व्यवहार और अकेले छोड़ दिए जाने की भावना को भली-भांति जानते हैं। कोई दोष न होते हुए भी उन्हें ज़बर्दस्ती बन्दी बनाया गया, पीटा गया, उन्हें ठट्ठों में उड़ाया गया। ऐसे में उनके सभी शिष्य भी उन्हें छोड़ कर भाग गए, और उनके निकटतम शिष्यों में से एक, पतरस ने तो तीन बार एक दासी के सामने उनका इंकार भी कर दिया। इसलिए चाहे और कोई ऐसे व्यवहार से उत्पन्न होने वाली भावना चाहे न जानता हो, प्रभु यीशु तो अवश्य जानते और समझते हैं।

   इसलिए हम जब भी किसी को इस प्रकार प्रताड़ित होते देखें, तो इस बात को प्रभु यीशु के सामने रखें और उससे साहस माँगें कि हम ऐसे व्यावहार के विरुद्ध बोल सकें। - रैंडी किलगोर


एक साहसी मसीही की आवाज़ परमेश्वर की आवाज़ की प्रतिध्वनि है।

गूंगे के लिये अपना मुंह खोल, और सब अनाथों का न्याय उचित रीति से किया कर। - नीतिवचन 31:8

बाइबल पाठ: लूका 22:54-65
Luke 22:54 फिर वे उसे पकड़कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था। 
Luke 22:55 और जब वे आंगन में आग सुलगाकर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया। 
Luke 22:56 और एक दासी ने उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उस की ओर ताककर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था। 
Luke 22:57 परन्तु उसने यह कहकर इन्कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता। 
Luke 22:58 थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देखकर कहा, तू भी तो उन्‍हीं में से है: पतरस ने कहा; हे मनुष्य मैं नहीं हूं। 
Luke 22:59 कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्‍चय यह भी तो उसके साथ था; क्योंकि यह गलीली है। 
Luke 22:60 पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है! वह कह ही रहा था कि तुरन्त मुर्ग ने बांग दी। 
Luke 22:61 तब प्रभु ने घूमकर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उसने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा। 
Luke 22:62 और वह बाहर निकलकर फूट फूट कर रोने लगा।
Luke 22:63 जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसे ठट्ठों में उड़ाकर पीटने लगे। 
Luke 22:64 और उस की आंखे ढांपकर उस से पूछा, कि भविष्यद्वाणी कर के बता कि तुझे किसने मारा। 
Luke 22:65 और उन्होंने बहुत सी और भी निन्‍दा की बातें उसके विरोध में कहीं।

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 35-36
  • प्रेरितों 25


रविवार, 23 जुलाई 2017

केवल परमेश्वर


   सी.एन.एन. ने ग्रेफाईट से बनाए गए एक नए पदार्थ ग्रफीन को "आश्चर्यकर्म पदार्थ" कहा क्योंकि यह हमारे जीवनों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। ग्रफीन केवल एक अणु जितना मोटा है, और इस तीन-आयामी संसार का एक मात्र वास्तविक्ता में दो-आयामी पदार्थ है। वह स्टील से सौ-गुणा मज़बूत है, हीरे से भी अधिक कठोर है, इसमें तांबे से 1000 गुणा अधिक तीव्रता से विद्युत प्रवाहित हो सकती है, और यह रबर से भी अधिक लचीला है। अपने आप में तकनीकी के ऐसे चमत्कार न तो नैतिक हैं और न ही बुरे। परन्तु हमारे द्वारा अपने लिए बनाई गई वस्तुओं की सीमाओं के लेकर सचेत रहना हमारे लिए बुद्धिमानी होगी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह ने एक ऐसी पीढ़ी को संबोधित किया जो अपने हाथों से बनाए हुए देवताओं को लेकर बन्धुआई में जा रही थी। परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ता यशायाह के द्वारा चाहा कि वे इस्त्राएली अपने हाथों से बनाए हुए देवताओं की उपासना करने की विडंबना को पहचाने, क्योंकि उन्हें जिन देवताओं से आशा थी कि वे देवता उनकी देखभाल करेंगे, उन्हें प्रेरणा, सहायता, शान्ति और सुरक्षा देंगे, वासत्व में इस्त्राएलियों को ही उनकी देखभाल करनी पड़ रही थी, और सच्चे जीवते परमेश्वर से विमुख होने के कारण बंधुआई में जाना पड़ रहा था।

   जो उन इस्त्राएलियों के लिए सही था, वही आज हमारे लिए भी सही है। हमारे हाथों तथा मनशा से बनी हुई कोई भी वस्तु हमारे हृदयों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती है। ऐसा केवल परमेश्वर ही कर सकता है क्योंकि वही है जो हमारे जन्म से लेकर आज तक हमें संभाले हुए है, आज भी हमारी देखभाल कर रहा है, और हमें आगे भी संभाले रहेगा। - मार्ट डीहॉन


जो भी हमारे जीवनों में परमेश्वर के यथोचित स्थान को ले लेता है,
 हमारे लिए वही मूर्ति बन जाता है।

हे मनुष्य के सन्तान, इन पुरुषों ने तो अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित कीं, और अपने अधर्म की ठोकर अपने साम्हने रखी है; फिर क्या वे मुझ से कुछ भी पूछने पाएंगे? - यहेजकेल 14:3

बाइबल पाठ: यशायाह 46:1-10
Isaiah 46:1 बेल देवता झुक गया, नबो देवता नब गया है, उनकी प्रतिमाएं पशुओं वरन घरैलू पशुओं पर लदी हैं; जिन वस्तुओं को तुम उठाए फिरते थे, वे अब भारी बोझ हो गईं और थकित पशुओं पर लदी हैं। 
Isaiah 46:2 वे नब गए, वे एक संग झुक गए, वे उस भार को छुड़ा नहीं सके, और आप भी बंधुआई में चले गए हैं।
Isaiah 46:3 हे याकूब के घराने, हे इस्राएल के घराने के सब बचे हुए लोगो, मेरी ओर कान लगाकर सुनो; तुम को मैं तुम्हारी उत्पत्ति ही से उठाए रहा और जन्म ही से लिये फिरता आया हूं। 
Isaiah 46:4 तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं वैसा ही बना रहूंगा और तुम्हारे बाल पकने के समय तक तुम्हें उठाए रहूंगा। मैं ने तुम्हें बनाया और तुम्हें लिये फिरता रहूंगा; 
Isaiah 46:5 मैं तुम्हें उठाए रहूंगा और छुड़ाता भी रहूंगा। तुम किस से मेरी उपमा दोगे और मुझे किस के समान बताओगे, किस से मेरा मिलान करोगे कि हम एक समान ठहरें? 
Isaiah 46:6 जो थैली से सोना उण्डेलते वा कांटे में चान्दी तौलते हैं, जो सुनार को मजदुरी देकर उस से देवता बनवाते हैं, तब वे उसे प्रणाम करते वरन दण्डवत भी करते हैं! 
Isaiah 46:7 वे उसको कन्धे पर उठा कर लिये फिरते हैं, वे उसे उसके स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दोहाई भी दे, तौभी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है।
Isaiah 46:8 हे अपराधियों, इस बात को स्मरण करो और ध्यान दो, इस पर फिर मन लगाओ। 
Isaiah 46:9 प्राचीनकाल की बातें स्मरण करो जो आरम्भ ही से है; क्योंकि ईश्वर मैं ही हूं, दूसरा कोई नहीं; मैं ही परमेश्वर हूं और मेरे तुल्य कोई भी नहीं है। 
Isaiah 46:10 मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 33-34
  • प्रेरितों 24


शनिवार, 22 जुलाई 2017

अंगीकार


   जेन अपने बरामदे में बैठी एक चिंतित करने वाले प्रश्न पर विचार कर रही थी: क्या उसे पुस्तक लिखनी चाहिए? उसने ब्लॉग लिखने और सार्वजनिक स्थानों में बोलने का आनन्द तो लिया था, परन्तु अब उसे ऐसा लग रहा था कि परमेश्वर उससे कुछ और अधिक करवाना चाहता है। उसने परमेश्वर से पूछा कि "क्या आप चाहते हैं कि मैं ऐसा करूँ?" उसने इस बारे में परमेश्वर से बातचीत की और उससे मार्गदर्शन माँगा। उसने सोचना आरंभ किया कि क्या परमेश्वर चाहता था कि वह अपने पति की अशलीलता को देखने-पढ़ने की लत, और कैसे परमेश्वर उसके जीवन में तथा उनके वैवाहिक जीवन में कार्य कर रहा है के बारे में लिखे। परन्तु फिर उसने सोचा कि ऐसा करने से उसके पति की सार्वजनिक रीति से बदनामी हो जाएगी। इसलिए उसने प्रार्थना की क्या वे दोनों मिलकर उस पुस्तक को लिखें? फिर उसने अपने पति से इसके बारे में पूछा और वह यह करने के लिए सहमत हो गए।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि राजा दाऊद ने यद्यपि यह तो नहीं लिखा कि उसने क्या पाप किया था, परन्तु वह अपने संघर्ष को लेकर एक सार्वजनिक संवाद में भागीदार हुआ। उसने अपने इस अनुभव को एक भजन के रूप में भी प्रस्तुत किया, और लिखा: "जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गईं" (भजन 32:3)। फिर आगे लिखा कि, "जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया" (भजन 32:5)। हर किसी को अपने प्रत्येक व्यक्तिगत संघर्ष को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। परन्तु जब दाऊद ने परमेश्वर के सामने अपने पाप का अंगीकार किया तो उसे शांति और चँगाई मिली जिससे प्रोत्साहित होकर उसने परमेश्वर की स्तुति का यह भजन लिखा।

   जेन और उसके पति का कहना है कि अपनी गहरी व्यक्तिगत कहानी को मिलकर लिखने से उनकी एक दूसरे के प्रति निकटता और बढ़ी है। यह परमेश्वर के कितना समान है, जो जब हम अपने पापों का अंगीकार करते हैं तो हमारे दोष, लज्जा और अलग किए जाने को ले लेता है, और उन सब के स्थान पर हमें अपनी क्षमा, साहस और संगति प्रदान कर देता है। - टिम गस्टाफसन


जो अपने पाप अंगीकार कर लेते हैं उन्हें पापों से क्षमा भी मिल जाती है।

जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी। - नीतिवचन 28:13

बाइबल पाठ: भजन 32:1-11
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गईं। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 
Psalms 32:7 तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।
Psalms 32:8 मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। 
Psalms 32:9 तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के।
Psalms 32:10 दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। 
Psalms 32:11 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 31-32
  • प्रेरितों 23:16-35


शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

पास


   मेरी सहेली अपने परिवार और जीवन से संबंधित कुछ कठिन परिस्थितियों से होकर निकल रही थी, और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं उससे क्या कहूँ या उसके लिए क्या करूँ। मैंने उससे अपनी यही दुविधा कही; उसने मेरी ओर देखकर कहा, "बस मेरे निकट बनी रहो।" मैंने ऐसा ही किया, और कुछ समय के बाद हमने परमेश्वर के प्रेम के बारे में बातें करनी आरंभ कर दीं।

   बहुधा हमें समझ नहीं आता है कि जब दूसरे दुःख से होकर निकल रहे हैं तो हम उनके साथ क्या बात करें, उन्हें क्या कहें, क्योंकि कई बार शब्द भलाई के स्थान पर बुरा कर देते हैं। दूसरों की सेवा करने के लिए हमें यह समझना आवश्यक है कि वे क्या चाहते हैं, उन्हें किस बात की आवश्यकता है; और तब हम व्यावाहरिक रीति से उनकी सहायाता कर सकते हैं। लेकिन दुःखी लोगों को प्रोत्साहित करने का एक सबसे अच्छा तरीका है उनके साथ बैठना, उनकी सुनना।

   हम जब भी उसे पुकारते हैं, परमेश्वर सदा ही हमारे निकट होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने लिखा, "धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है। यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है" (भजन 34:17-18)।

   अपने आप को दूसरों के स्थान पर रखने, और अपने हृदय को उनके प्रति अनुकंपा अनुभव करने देने के द्वारा हम दुःखी लोगों के सहायक हो सकते हैं। जैसे परमेश्वर हमारे निकट रहता और हमारी सुनता है, वैसे ही हमें औरों के निकट रहना और उनके मन की बात को सुनना चाहिए। दुःखियों के निकट रहते हुए, सही अवसर पर परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें बोलने के लिए वह सही शब्द देगा जिनकी उन्हें आवश्यकता होगी। - कीला ओकोआ


दूसरों को प्रोत्साहित करने का सर्वोत्त्म तरीका 
केवल उनके निकट बने रहना भी हो सकता है।

प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। - यशायाह 50:4

बाइबल पाठ: भजन 34:4-18
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया। 
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। 
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया। 
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है। 
Psalms 34:8 परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। 
Psalms 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती! 
Psalms 34:10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।। 
Psalms 34:11 हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा। 
Psalms 34:12 वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता, और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे? 
Psalms 34:13 अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उस से छल की बात न निकले। 
Psalms 34:14 बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर। 
Psalms 34:15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं। 
Psalms 34:16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले। 
Psalms 34:17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है। 
Psalms 34:18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 29-30
  • प्रेरितों 23:1-15


गुरुवार, 20 जुलाई 2017

सेवा


   प्रथम विश्व-युद्ध में सेवा करने के कारण सी. एस. ल्यूईस सेना की सेवा की कठिनाईयों और तनावों से अनभिज्ञ नहीं थे। दुसरे विश्व-युद्ध के समय एक सामाजिक संबोधन के समय उन्होंने एक सैनिक द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाईयों का सटीक विवरण दिया: "हम हर प्रकार की विपत्तियों के कारण जो भी भय रखते हैं, वे एक सक्रीय सैनिक जीवन में एक साथ देखने को मिलते हैं। जैसे बीमारी के समय की तकलीफ और मृत्यु का भय; निर्धनता के समय के खराब निवास-स्थान, गर्मी- ठण्ड, भूख-प्यास का भय; दासत्व के समय के कठोर बेगार, निरादर, अन्याय और मनमाने व्यवहार का भय; देश निकाले के समय हर प्रकार के प्रेम से दूर हो जाने का भय।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने एक सैनिक के अपने सैनिक सेवकाई में कठिनाइयाँ उठाने की उपमा के द्वारा मसीह यीशु की सेवकाई में एक मसीही विश्वासी को होने वाली कठिनाइयों को समझाया। पौलुस ने, जो अब अपने जीवन के अन्त के निकट था, मसीह यीशु के सुसमाचार की अपनी सेवा के समय में बहुत कठिनाइयों और दुखों को विश्वासयोग्यता के साथ झेला था। अब अपने अन्त समय के निकट आकर उसने अपने संगी सेवक युवा तिमुथियुस से कहा, "मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा के समान मेरे साथ दुख उठा" (2 तिमुथियुस 2:3)।

   मसीह यीशु की सेवा करने के लिए बहुत धीरज की आवश्यकता होती है। मसीही सेवकों के सामने अस्वस्थता, संबंधों में परेशानियाँ, कठिन परिस्थितियों, आदि जैसी कई बाधाएं आ सकती हैं, परन्तु एक अच्छे सैनिक के समान उन्हें परमेश्वर की सामर्थ्य के सहारे सबका सामना करते हुए आगे ही बढ़ते जाना है - क्योंकि वे राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु के सेवक हैं। उसके सेवक हैं जिसने हमारी भलाई के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया, अपने आप को हमारे लिए शून्य कर दिया, अपना जीवन बलिदान कर दिया। - डेनिस फिशर


परमेश्वर का प्रेम हमें परीक्षाओं से बचा कर नहीं रखता है, 
वरन उनमें से सुरक्षित निकाल कर लाता है।

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। - फिलिप्पियों 2:5-8

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:1-10
2 Timothy 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा।
2 Timothy 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों। 
2 Timothy 2:3 मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा के समान मेरे साथ दुख उठा। 
2 Timothy 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता 
2 Timothy 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता। 
2 Timothy 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए। 
2 Timothy 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा। 
2 Timothy 2:8 यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा; और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है। 
2 Timothy 2:9 जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं। 
2 Timothy 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 26-28
  • प्रेरितों 22


बुधवार, 19 जुलाई 2017

बड़ाई


   अमेरिका में अश्वेत नागरिकों को उनके अधिकारों को दिलवाने वाली एक प्रमुख महिला रोज़ा पार्कर का निधन 2005 में हुआ। उनके निधन पर प्रसिद्ध टी.वी. कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता, ओप्रा विन्फ्रे ने इसे अपना सौभाग्य समझा कि उन्हें उनके बारे में कुछ कहने का अवसर दिया गया। रोज़ा पार्कर के साथ 1955 में हुई घटना, जब उन्होंने बस में यात्रा करने के समय एक श्वेत व्यक्ति के लिए अपनी सीट छोड़ने से इंकार किया था, के विषय में  उनकी बड़ाई करते हुए ओप्रा ने कहा, "मैं बहुधा सोचती हूँ कि ऐसा करने के लिए कैसे साहस की आवश्यकता रही होगी - उस समय के जातिवाद संबंधी सामाजिक वातावरण को जानते हुए और यह भी जानते हुए कि इस प्रातिरोध के कारण उनके साथ कुछ भी हो सकता था - फिर भी अपनी सीट पर बने रहना, उसे न छोड़ना, इसके लिए उन्हें कैसी कीमत चुकानी पड़ी होगी। परन्तु उन्होंने अपनी भलाई की परवाह किए बिना यह किया और हम सब के लिए जीवन बेहतर बना दिया।"

   बड़ाई केवल अन्तयेष्टि के समय ही नहीं वरन अनेकों अन्य समयों पर की जा सकती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में, इफसुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री की आरंभिक पंक्तियाँ प्रेरित पौलुस द्वारा की गई परमेश्वर की बड़ाई है; उसने लिखा, "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उसने हमें मसीह में स्‍वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है" (इफिसियों 1:3)। पौलुस ने इफसुस के मसीही विश्वासियों को आमंत्रित किया कि वे भी उसके साथ मिलकर परमेश्वर की बड़ाई करें, उन सब आत्मिक आशीषों के लिए जो परमेश्वर से मिली हैं: परमेश्वर ने उन्हें चुना और अपनी लेपालक संतान बना लिया; प्रभु यीशु ने पाप के बन्धनों से छुड़ाया, पापों को क्षमा किया और सुसमाचार का भेद प्रकट किया; परमेश्वर के पवित्र आत्मा द्वारा उन पर छाप लगी और गारण्टी मिली। यह महान उद्धार केवल परमेश्वर के अनुग्रह का कार्य था।

   हम मसीह यीशु में होकर मिलने वाली परमेश्वर की आशीषों पर अपने ध्यान केंद्रित रखें; जब हम यह करेंगे, तो हम पाएंगे कि हमारे हृदय, उसकी महिमा और स्तुति करने के लिए, परमेश्वर की बड़ाई से उमड़ रहे हैं। - मार्विन विलियम्स


पाप के बन्धनों से मुक्त हुई आत्मा से निकला स्तुति-गीत ही बड़ाई है।

धन्य है, यहोवा परमेश्वर जो इस्राएल का परमेश्वर है; आश्चर्य कर्म केवल वही करता है। उसका महिमायुक्त नाम सर्वदा धन्य रहेगा; और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण होगी। आमीन फिर आमीन। - भजन 72:18-19

बाइबल पाठ: इफिसियों 1:1-14
Ephesians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित है, उन पवित्र और मसीह यीशु में विश्वासी लोगों के नाम जो इफिसुस में हैं।
Ephesians 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
Ephesians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उसने हमें मसीह में स्‍वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है। 
Ephesians 1:4 जैसा उसने हमें जगत की उत्‍पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। 
Ephesians 1:5 और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों, 
Ephesians 1:6 कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्‍तुति हो, जिसे उसने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया। 
Ephesians 1:7 हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। 
Ephesians 1:8 जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया। 
Ephesians 1:9 कि उसने अपनी इच्छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उसने अपने आप में ठान लिया था। 
Ephesians 1:10 कि समयों के पूरे होने का ऐसा प्रबन्‍ध हो कि जो कुछ स्वर्ग में है, और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे। 
Ephesians 1:11 उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जा कर मीरास बने। 
Ephesians 1:12 कि हम जिन्हों ने पहिले से मसीह पर आशा रखी थी, उस की महिमा की स्‍तुति के कारण हों। 
Ephesians 1:13 और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी। 
Ephesians 1:14 वह उसके मोल लिये हुओं के छुटकारे के लिये हमारी मीरास का बयाना है, कि उस की महिमा की स्‍तुति हो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 23-25
  • प्रेरितों 21:18-40


मंगलवार, 18 जुलाई 2017

मेरी रीति


   दो छोटे बालक धागों और डंडियों के साथ एक जटिल खेल को खेल रहे थे। थोड़े समय में जो उनमें से बड़ा था, अपने मित्र की ओर मुड़ कर बोला, "तुम इसे सही रीति से नहीं खेल रहे हो। यह मेरा खेल है और हम इसे मेरी रीति से ही खेलेंगे। अब तुम इसे नहीं खेलोगे।" अपनी रीति से काम करवाने की प्रवृत्ति बालकपन में ही आरंभ हो जाती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की एक घटना है जहाँ नामान नामक एक व्यक्ति है जिसे अपनी रीति से कार्य करवाने की आदत थी। नामान अराम के राजा का सेनापति था; परन्तु साथ ही उसे कोढ़ भी था। एक दिन नामान की पत्नि की दासी, एक छोटी लड़की ने, जिसे इस्त्राएल से बन्दी बनाकर लाया गया था, परामर्श दिया कि नामान इसत्राएल में रहने वाले परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता एलीशा के पास जाए क्योंकि एलीशा उसे चँगा कर सकता था। नामान अपने रोग को लेकर परेशान था, इसलिए उस लड़की की बात पर विश्वास करके अपने शत्रुओं के इलाके में अपनी चँगाई के लिए जाने को तैयार हो गया; परन्तु उसके अन्दर भावना थी कि भविष्यद्वक्ता बाहर निकलकर बड़े आदर के साथ उसका स्वागत करे और जैसी उसकी आशा थी, उस ही के अनुसार उसे चँगा करे। इसलिए नामान के आने पर जब एलीशा ने उसके पास बाहर आए बिना भीतर से ही सन्देश भिजवा दिया कि नामान जाकर सात बार यरदन नदी में डुबकी लगाकर नहा ले, तो नामान बहुत क्रोधित हुआ और उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया (2 राजा 5:10-12)। लेकिन उसके सेवकों ने उसे समझाया, और जब नामान ने नम्र होकर परमेश्वर द्वारा भेजे गए निर्देश के नुसार किया तब वह तुरंत चँगा हो गया (पद 13-14)।

   संभवतः हम में से प्रत्येक के जीवन में यह अनुभव अवश्य आया होगा जब हमने किसी बात को लेकर परमेश्वर से कहा हो कि "मैं तो यह अपनी रीति से ही करूँगा।" परन्तु परमेश्वर का तरीका ही सबसे अच्छा तरीका होता है। इसलिए प्रार्थना करें कि परमेश्वर हमें ऐसा नम्र मन दे जो स्वेच्छा से हमारी अपनी रीति नहीं वरन परमेश्वर की रीति का पालन करना चाहते हैं। - मेरियन स्ट्राउड


नम्रता का अर्थ है अपने बारे में सही आँकलन करना। - चार्ल्स स्पर्जन

ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है। - नीतिवचन 14:12 

बाइबल पाठ: 2 राजा 5:1-15
2 Kings 5:1 अराम के राजा का नामान नाम सेनापति अपने स्वामी की दृष्टि में बड़ा और प्रतिष्ठित पुरुष था, क्योंकि यहोवा ने उसके द्वारा अरामियों को विजयी किया था, और यह शूरवीर था, परन्तु कोढ़ी था। 
2 Kings 5:2 अरामी लोग दल बान्ध कर इस्राएल के देश में जा कर वहां से एक छोटी लड़की बन्धुवाई में ले आए थे और वह नामान की पत्नी की सेवा करती थी। 
2 Kings 5:3 उसने अपनी स्वामिन से कहा, जो मेरा स्वामी शोमरोन के भविष्यद्वक्ता के पास होता, तो क्या ही अच्छा होता! क्योंकि वह उसको कोढ़ से चंगा कर देता। 
2 Kings 5:4 तो किसी ने उसके प्रभु के पास जा कर कह दिया, कि इस्राएली लड़की इस प्रकार कहती है। 
2 Kings 5:5 अराम के राजा ने कहा, तू जा, मैं इस्राएल के राजा के पास एक पत्र भेजूंगा; तब वह दस किक्कार चान्दी और छ:हजार टुकड़े सोना, और दस जोड़े कपड़े साथ ले कर रवाना हो गया। 
2 Kings 5:6 और वह इस्राएल के राजा के पास वह पत्र ले गया जिस में यह लिखा था, कि जब यह पत्र तुझे मिले, तब जानना कि मैं ने नामान नाम अपने एक कर्मचारी को तेरे पास इसलिये भेजा है, कि तू उसका कोढ़ दूर कर दे। 
2 Kings 5:7 इस पत्र के पढ़ने पर इस्राएल का राजा अपने वस्त्र फाड़ कर बोला, क्या मैं मारने वाला और जिलाने वाला परमेश्वर हूँ कि उस पुरुष ने मेरे पास किसी को इसलिये भेजा है कि मैं उसका कोढ़ दूर करूं? सोच विचार तो करो, वह मुझ से झगड़े का कारण ढूंढ़ता होगा। 
2 Kings 5:8 यह सुनकर कि इस्राएल के राजा ने अपने वस्त्र फाड़े हैं, परमेश्वर के भक्त एलीशा ने राजा के पास कहला भेजा, तू ने क्यों अपने वस्त्र फाड़े हैं? वह मेरे पास आए, तब जान लेगा, कि इस्राएल में भविष्यद्वक्ता तो है। 
2 Kings 5:9 तब नामान घोड़ों और रथों समेत एलीशा के द्वार पर आकर खड़ा हुआ। 
2 Kings 5:10 तब एलीशा ने एक दूत से उसके पास यह कहला भेजा, कि तू जा कर यरदन में सात बार डुबकी मार, तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा, और तू शुद्ध होगा। 
2 Kings 5:11 परन्तु नामान क्रोधित हो यह कहता हुआ चला गया, कि मैं ने तो सोचा था, कि अवश्य वह मेरे पास बाहर आएगा, और खड़ा हो कर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर के कोढ़ के स्थान पर अपना हाथ फेर कर कोढ़ को दूर करेगा! 
2 Kings 5:12 क्या दमिश्क की अबाना और पर्पर नदियां इस्राएल के सब जलाशयों से अत्तम नहीं हैं? क्या मैं उन में स्नान कर के शुद्ध नहीं हो सकता हूँ? इसलिये वह जलजलाहट से भरा हुआ लौट कर चला गया। 
2 Kings 5:13 तब उसके सेवक पास आकर कहने लगे, हे हमारे पिता यदि भविष्यद्वक्ता तुझे कोई भारी काम करने की आज्ञा देता, तो क्या तू उसे न करता? फिर जब वह कहता है, कि स्नान कर के शुद्ध हो जा, तो कितना अधिक इसे मानना चाहिये। 
2 Kings 5:14 तब उसने परमेश्वर के भक्त के वचन के अनुसार यरदन को जा कर उस में सात बार डुबकी मारी, और उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; उौर वह शुद्ध हो गया। 
2 Kings 5:15 तब वह अपने सब दल बल समेत परमेश्वर के भक्त के यहां लौट आया, और उसके सम्मुख खड़ा हो कर कहने लगा सुन, अब मैं ने जान लिया है, कि समस्त पृथ्वी में इस्राएल को छोड़ और कहीं परमेश्वर नहीं है। इसलिये अब अपने दास की भेंट ग्रहण कर।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 20-22
  • प्रेरितों 21:1-17


सोमवार, 17 जुलाई 2017

सुसमाचार


   मैं चार किशोरों और एक बेघर जवान व्यक्ति के साथ निर्धनों के लिए भोजन उपलब्ध करवाने वाले एक स्थान में बैठा हुआ था, और उस जवान के प्रति उन किशोरों की अनुकंपा को देखकर बहुत प्रभावित हुआ। पहले वे धैर्य और नम्रता के साथ उस जवान से उसके बारे में और उसकी विश्वास धारणाओं के बारे में सुनते रहे, फिर उन्होंने कोमलता से प्रभु यीशु मसीह में आशा और आनन्द का सुसमाचार उसके सामने प्रस्तुत किया। दुःख की बात है कि उस जवान ने उनकी बात को मानने और प्रभु यीशु पर विश्वास करने से इंकार कर दिया।

   जब हम उस स्थान से जा रहे थे तो एक किशोरी ने आँखों में आँसुओं के साथ कहा कि वह कदापि नहीं चाहती है कि उस व्यक्ति की मृत्यु प्रभु यीशु को जाने बिना हो जाए। अपने हृदय की गहराईयों से वह उस व्यक्ति के लिए दुःखी थी, जिसने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के प्रेम के निमंत्रण को, कम से कम अभी के लिए, ठुकरा दिया था।

   उस किशोरी के आँसुओं से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र, प्रेरित पौलुस का ध्यान आया जो प्रभु की सेवकाई बड़ी नम्रता से करता था और अपने जाति-भाई इस्त्राएलियों के लिए उसके हृदय में बहुत दुःख था; उसकी गहरी चाह थी कि उसके समान अन्य इस्त्राएली भी प्रभु यीशु पर विश्वास ले आएं (रोमियों 9:1-5)। अपने इस्त्राएली भाई-बहनों के प्रति पौलुस की चिंता और अनुकंपा, अनेकों बार उसकी आँखों में उनके लिए आँसू लेकर आई होगी।
   
   यदि उनके प्रति, जिन्होंने प्रभु यीशु में होकर परमेश्वर से मिलने वाली पापों की क्षमा को स्वीकार नहीं किया है, हम वास्तव में चिंता रखते हैं तो उनके साथ सुसमाचार को बाँटने के लिए हम कोई न कोई तरीका ढूँढ़ लेंगे। अपने विश्वास के भरोसे को थामे हुए, अनुकंपा के आँसुओं के साथ, आईये हम सुसमाचार को उनके पास लेकर जाएं जिन्हें जगत के उद्धाकर्ता, प्रभु यीशु मसीह को जानने की आवश्यकता है। - डेव ब्रैनन


सुसमाचार बाँटने का अर्थ है एक व्यक्ति दूसरे तक अच्छा समाचार पहुँचाए।

क्योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित परमेश्वर की सामर्थ है। क्योंकि उस में परमेश्वर की धामिर्कता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, कि विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा। - रोमियों 1:16-17

बाइबल पाठ: रोमियों 9:1-5
Romans 9:1 मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है। 
Romans 9:2 कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। 
Romans 9:3 क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता। 
Romans 9:4 वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं। 
Romans 9:5 पुरखे भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 18-19
  • प्रेरितों 20:17-38


रविवार, 16 जुलाई 2017

नाम


   सभी घर-परिवारों में परिवार से संबंधित कुछ विशिष्ट कहानियाँ होती हैं। हमारे परिवार में भी ऐसी ही एक कहानी है, और यह कहानी मेरे नाम से संबंधित है। मेरे माता-पिता के विवाह के आरंभिक समय में उनमें अपने पहले पुत्र के नाम को लेकर असहमति रहती थी। मेरी माँ चाहती थीं कि पुत्र का वही नाम हो जो पिता का है, परन्तु मेरे पिता इससे सहमत नहीं थे। बहुत चर्चा के बाद उन्होंने एक समझौता किया; उनमें इस बात पर सहमति बनी कि यदि पुत्र हुआ और वह पिताजी के जन्मदिन पर पैदा हुआ तो उसका नाम वही होगा जो पिताजी का है। आशचर्यजनक रूप से, मेरा जन्म अपने पिता के जन्मदिन पर ही हुआ, इसलिए मुझे मेरे पिता का नाम दिया गया, और उसके साथ "जूनियर" लगा दिया गया।

   बच्चों को नाम देना तो समय जितना ही प्राचीन है। परमेश्वर के वचन बाइबल में जब प्रभु यीशु के जन्म से पहले यूसुफ अपनी मंगेतर मरियम के गर्भवती होने के समाचार को लेकर परेशान था तो परमेश्वर की ओर से भेजे गए स्वर्गदूत ने उसके असमंजस को दूर किया और आने वाले जगत के उद्धारकर्ता के नाम के बारे में भी निर्देष दिए: "वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा" (मत्ती 1:21)। न केवल उस बालक का नाम यीशु होना था वरन यह नाम उसके संसार में आने के उद्देश्य को भी बताता है - मानव जाति को उसके पाप से बचाने का मार्ग देना। इसीलिए यीशु नाम सब नामों से श्रेष्ठ और सर्वोच्च नाम है।

   हमारे हृदय की अभिलाषा यीशु नाम के प्रति समर्पित होकर इस अद्भुत नाम को अपने जीवनों से आदर देते रहने की होनी चाहिए। - बिल क्राउडर जूनियर


यीशु : उसका नाम और उसका उद्देश्य दोनों एक ही हैं।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: मत्ती 1:18-25
Matthew 1:18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 
Matthew 1:19 सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 
Matthew 1:20 जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 
Matthew 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। 
Matthew 1:22 यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो। 
Matthew 1:23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। 
Matthew 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। 
Matthew 1:25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 16-17
  • प्रेरितों 20:1-16


शनिवार, 15 जुलाई 2017

परिवर्तित हृदय


   अफ्रीकी देश घाना में 1970 के दशक में, दीवारों तथा सार्वजनिक सूचना पटलों पर, एक पोस्टर दिखाई देना आरंभ हुआ - "मनुष्य का हृदय"। इस पोस्टर में दो तस्वीरें थीं; पहली में एक बहुत अप्रसन्न और दुःखी मनुष्य था जिसके हृदय में बुराई और घृणित बातों के चिन्ह, अनेकों प्रकार के रेंगने वाले जन्तु भरे हुए थे। दूसरी तस्वीर थी एक बहुत प्रसन्न और शान्त मनुष्य और उसके हृदय की जो बिलकुल स्वच्छ था। इन दोनों तस्वीरो के नीचे एक प्रश्न लिखा हुआ था, "आपके हृदय की दशा क्या है?"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने बताया है कि मनुष्य किस से दूषित होता है: "पर जो कुछ मुंह से निकलता है, वह मन से निकलता है, और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। क्योंकि कुचिन्‍ता, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्‍दा मन ही से निकलतीं है" (मत्ती 15:18-19); यह उस मनुष्य के हृदय की दशा है जो परमेश्वर से दूर है। भविष्यद्वक्ता यहेजकेल के दिनों में इस्त्राएलियों की भी यही दशा थी, और उनके पापों के कारण विवश होकर उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा (यहेजकेल 36:23)।

   परन्तु पाप में फंसे और पाप के कारण विस्थापित हुए उन लोगों से परमेश्वर ने एक अद्भुत प्रतिज्ञा की: "मैं तुम को नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा; और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकाल कर तुम को मांस का हृदय दूंगा" (यहेजकेल 36:26)। परमेश्वर की यही प्रतिज्ञा आज प्रभु यीशु मसीह में होकर सारे संसार के सभी लोगों के लिए भी उपलब्ध है। जब हम अपने पापों को मानकर प्रभु यीशु से उनके लिए क्षमा माँगते हैं, अपना जीवन स्वेच्छा से उसे समर्पित करते हैं तो पाप से भरे हमारे हृदय को वह धोकर शुद्ध और स्वच्छ करता है, उसे पाप से अपनी ओर परिवर्तित करता है। परमेश्वर का कोटि-कोटि धन्यवाद हो उसकी क्षमा और उद्धार के इस अद्भुत उपहार के लिए। - लॉरेंस दरमानी


जीवन के नए आरंभ के लिए, परमेश्वर से एक नया हृदय माँगें।

भला, मनुष्य मन के भले भण्‍डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्‍डार से बुरी बातें निकालता है। - मत्ती 12:35

बाइबल पाठ: यहेजकेल 36:18-31
Ezekiel 36:18 सो जो हत्या उन्होंने देश में की, और देश को अपनी मूरतों के द्वारा अशुद्ध किया, इसके कारण मैं ने उन पर अपनी जलजलाहट भड़काई। 
Ezekiel 36:19 और मैं ने उन्हें जाति-जाति में तितर-बितर किया, और वे देश देश में छितर गए; उनके चालचलन और कामों के अनुसार मैं ने उन को दण्ड दिया। 
Ezekiel 36:20 परन्तु जब वे उन जातियों में पहुंचे जिन में वे पहुंचाए गए, तब उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र ठहराया, क्योंकि लोग उनके विषय में यह कहने लगे, ये यहोवा की प्रजा हैं, परन्तु उसके देश से निकाले गए हैं। 
Ezekiel 36:21 परन्तु मैं ने अपने पवित्र नाम की सुधि ली, जिसे इस्राएल के घराने ने उन जातियों के बीच अपवित्र ठहराया था, जहां वे गए थे। 
Ezekiel 36:22 इस कारण तू इस्राएल के घराने से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, हे इस्राएल के घराने, मैं इस को तुम्हारे निमित्त नहीं, परन्तु अपने पवित्र नाम के निमित्त करता हूँ जिसे तुम ने उन जातियों में अपवित्र ठहराया जहां तुम गए थे। 
Ezekiel 36:23 और मैं अपने बड़े नाम को पवित्र ठहराऊंगा, जो जातियों में अपवित्र ठहराया गया, जिसे तुम ने उनके बीच अपवित्र किया; और जब मैं उनकी दृष्टि में तुम्हारे बीच पवित्र ठहरूंगा, तब वे जातियां जान लेंगी कि मैं यहोवा हूँ, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है। 
Ezekiel 36:24 मैं तुम को जातियों में से ले लूंगा, और देशों में से इकट्ठा करूंगा; और तुम को तुम्हारे निज देश में पहुंचा दूंगा। 
Ezekiel 36:25 मैं तुम पर शुद्ध जल छिड़कूंगा, और तुम शुद्ध हो जाओगे; और मैं तुम को तुम्हारी सारी अशुद्धता और मूरतों से शुद्ध करूंगा। 
Ezekiel 36:26 मैं तुम को नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा; और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकाल कर तुम को मांस का हृदय दूंगा। 
Ezekiel 36:27 और मैं अपना आत्मा तुम्हारे भीतर देकर ऐसा करूंगा कि तुम मेरी विधियों पर चलोगे और मेरे नियमों को मान कर उनके अनुसार करोगे। 
Ezekiel 36:28 तुम उस देश में बसोगे जो मैं ने तुम्हारे पितरों को दिया था; और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा। 
Ezekiel 36:29 और मैं तुम को तुम्हारी सारी अशुद्धता से छुड़ाऊंगा, और अन्न उपजने की आज्ञा देकर, उसे बढ़ाऊंगा और तुम्हारे बीच अकाल न डालूंगा। 
Ezekiel 36:30 मैं वृक्षों के फल और खेत की उपज बढ़ाऊंगा, कि जातियों में अकाल के कारण फिर तुम्हारी नामधराई न होगी। 
Ezekiel 36:31 तब तुम अपने बुरे चालचलन और अपने कामों को जो अच्छे नहीं थे, स्मरण कर के अपने अधर्म और घिनौने कामों के कारण अपने आप से घृणा करोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 13-15
  • प्रेरितों 19:21-41


शुक्रवार, 14 जुलाई 2017

सहकर्मी


   18वीं शताब्दी के अन्त की ओर विलियम केरी को मिशनरी होकर भारत जाने और प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाने के लिए परमेश्वर की बुलाहट की अनुभूति हुई। उसके आस-पास के पादरियों ने उसका उपहास किया और कहा: "हे जवान, यदि परमेश्वर भारत में किसी को बचाना चाहगा तो वो यह कार्य बिना हमारे या तुम्हारे करने में सक्षम है।" उपहास करने वाले यह भूल गए थे कि परमेश्वर पृथ्वी पर हमारे बिना बहुत ही कम करता है। उसके लगभग सभी कार्य मनुष्यों में होकर, उनके द्वारा किए जाते हैं। परमेश्वर ही मनुष्यों को बुलाकर अपनी सेवकाई के लिए तैयार करता है, और आवश्यक संसाधनों का प्रबंध करके उन्हें उस सेवकाई के लिए भेजता है।

   पृथ्वी पर परमेश्वर के कार्यों में उसके सहकर्मी होने के नाते हमें इस बात को सुनिश्चित करना है कि हमारे द्वारा उस ही की इच्छा सदा पूरी होती रहे; और हमें अपने आप को पूर्णतया परमेश्वर के प्रति समर्पित कर देना है, चाहे उसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। शिष्यों को प्रार्थना करना सिखाते समय प्रभु यीशु ने उन्हें प्रार्थना में परमेश्वर से यह माँगना सिखाया: "सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे। और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर। और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।” आमीन" (मत्ती 6:9-13)। प्रभु द्वारा सिखाई गई प्रार्थना के यह शब्द मात्र शान्त निवेदन नहीं हैं, वरन पवित्र माँगें हैं - हमें न्याय दीजिए! संसार को सही कीजिए!

   हमें और परमेश्वर को पृथ्वी पर भिन्न भूमिकाएं निभानी हैं। हमारी भूमिका है कि हम प्रभु यीशु के पदचिन्हों पर चलें और अपने कर्मों तथा प्रार्थनाओं द्वारा उसके स्वर्गीय राज्य के लिए कार्य करें। जैसा प्रेरित पौलुस परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में कहता है हम पृथ्वी पर मसीह की देह हैं (कुलुस्सियों 1:24), और प्रभु अपनी देह के द्वारा अपने कार्य करता है। जिनकी हम सेवा करते हैं, हम में होकर मसीह यीशु भी उनकी सेवा करता है। जब हम दुःखियों की ओर हाथ बढ़ाकर उनसे दया और करुणा का व्यवहार करते हैं, वे बढ़े हुए हाथ मसीह यीशु के भी होते हैं। परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों में होकर कार्य करता है, हमें अपना सहकर्मी बनाता है। - फिलिप यैन्सी


परमेश्वर से महान अपेक्षाएं रखें; 
परमेश्वर के लिए महान कार्य करने के प्रयास करें। - विलियम केरी

क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो। - 1 कुरिन्थियों 3:9

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 1:24-31
1 Corinthians 1:24 परन्तु जो बुलाए हुए हैं क्या यहूदी, क्या यूनानी, उन के निकट मसीह परमेश्वर की सामर्थ, और परमेश्वर का ज्ञान है। 
1 Corinthians 1:25 क्योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है; और परमेश्वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है।
1 Corinthians 1:26 हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। 
1 Corinthians 1:27 परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। 
1 Corinthians 1:28 और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्‍छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। 
1 Corinthians 1:29 ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के साम्हने घमण्‍ड न करने पाए। 
1 Corinthians 1:30 परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा अर्थात धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा। 
1 Corinthians 1:31 ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, कि जो घमण्‍ड करे वह प्रभु में घमण्‍ड करे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 10-12
  • प्रेरितों 19:1-20


गुरुवार, 13 जुलाई 2017

कोई भय नहीं


   मुझे प्रभु यीशु के संपर्क में लाने वाले व्यक्ति फ्रांसिस एलेन थे, और अब वह समय निकट था जब फ्रांसिस को प्रभु यीशु से साक्षात मिलना था। उनके अन्त समय पर मैं उनके घर में ही था, और अलविदा के साथ ही मैं उन से कुछ ऐसा भी कहना चाहता था जो यादगार और सार्थक हो। लगभग एक घंटे तक मैं उनके बिस्तर के किनारे खड़ा रहा। मेरे द्वारा अपने विषय में सुनाई जाने वाली कहानियों को सुनकर वे ज़ोर से हंसते रहे। फिर वे थक गए, और हम गंभीर हो गए, और उन्होंने अपनी शेष शक्ति मेरे जीवन में उन्हें अभी भी दिखने वाले खुरदरे किनारों को संवारने में लगाई। मैं सुनता रहा और उनसे अलविदा के लिए कुछ कहने का प्रयास करता रहा।

   मुझे कुछ कह पाने का अवसर मिलने से पहले ही उन्होंने मुझे रोक दिया, और बोले, "रैंडी, जो मैंने तुम्हें सिखाया है उसे सदा स्मरण रखना। हमें जीवन की कहानी से कोई भय नहीं है क्योंकि हम जानते हैं कि उसका अन्त कैसे होगा। मुझे किसी बात का कोई भय नहीं है; तुम बस जाकर वह करो जो मैंने तुम्हें सिखाया है।" उनके ये चुनौती भरे शब्द मुझे प्रेरित पौलुस द्वारा परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पी के विश्वासियों को कहे गए शब्दों की याद दिलाते हैं। पौलुस ने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों से कहा: "जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा" (फिलिप्पियों 4:9)।

   अपने जीवन के अन्तिम दिन में भी फ्रांसिस की आँखों में वही चमक थी जो तब थी जब मैं पहली बार उनसे मिला था। उनके मन में कोई भय नहीं था। मैं जो लिखता हूँ, जो कहानियाँ बताता हूँ और लोगों के मध्य जो सेवकाई करता हूँ, उन सब में फ्रांसिस का स्पर्श होता है।

   अपनी जीवन यात्रा में हम उन्हें कभी न भूलें जिन्होंने हमें आत्मिक जीवन में प्रोत्साहित किया है; हमारे जीवनों में जिनके परिश्रम के कारण आज अपने भविष्य को लेकर हमारे जीवनों में भी कोई भय नहीं है। - रैंडी किलगोर


ऐसे जीओ कि जब लोग आपको जानें तो वे मसीह यीशु को भी जानना चाहें।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:1-9
Philippians 4:1 इसलिये हे मेरे प्रिय भाइयों, जिन में मेरा जी लगा रहता है जो मेरे आनन्द और मुकुट हो, हे प्रिय भाइयो, प्रभु में इसी प्रकार स्थिर रहो।
Philippians 4:2 मैं यूओदिया को भी समझाता हूं, और सुन्‍तुखे को भी, कि वे प्रभु में एक मन रहें। 
Philippians 4:3 और हे सच्चे सहकर्मी मैं तुझ से भी बिनती करता हूं, कि तू उन स्‍त्रियों की सहयता कर, क्योंकि उन्होंने मेरे साथ सुसमाचार फैलाने में, क्‍लेमेंस और मेरे उन और सहकिर्मयों समेत परिश्रम किया, जिन के नाम जीवन की पुस्‍तक में लिखे हुए हैं। 
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो। 
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है। 
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। 
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो। 
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 7-9
  • प्रेरितों 18


बुधवार, 12 जुलाई 2017

दृष्टि


   लेखक विलियम ज़िंस्सर ने उस स्थान की, जहाँ वे बड़े हुए थे और जिस स्थान को वे बहुत पसन्द करते थे, अपने अन्तिम बार देखने जाने के बारे में लिखा। जब वे और उनकी पत्नि उस पहाड़ी पर पहुँचे जहाँ उनका घर हुआ करता था, और जिस की दीवार से समुद्रतट का दृश्य दिखता था, उन्हें पता चला कि उनका घर गिरा दिया गया है। जो शेष रह गया था वह केवल एक बड़ा गड्ढ़ा था। निराश होकर वे चलकर निकट की दीवार पर गए, और दीवार से समुद्रतट को और वहाँ हो रही चहल-पहल को देखने लगे। बाद में उन्होंने अपने इस अनुभव के बारे में लिखा, "मैं शान्त था, और थोड़ा ही उदास हुआ। दीवार से दिखने वाला दृश्य अभी भी पहले के समान ही था - वैसा ही जैसा मैं बचपन में देखा करता था; जिसे मैं अभी तक नहीं भूला था और जिसके सपने मैं देखा करता था।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने एक कठिन समय का वर्णन किया जब उसका मन शान्त नहीं हो पा रहा था और उसकी आत्मा अभिभूत थी (भजन 77:2-3)। परन्तु इन विचलित करने वाली बातों के मध्य में उसने अपना ध्यान उदासी से हटाकर अपने उद्धारकर्ता की ओर किया, और कहा, "मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा" (पद 11)।

   निराशाओं का सामना करते समय, हम अपनी दृष्टि या तो अपनी परिस्थितियों और अपनी हानि पर लगाए रख सकते हैं, या फिर अपनी दृष्टि को परमेश्वर की ओर लगा सकते हैं। परमेश्वर हमें निमंत्रण देता है कि हम अपनी दृष्टि उसकी ओर लगाएं, उसकी भलाई की पहुँच, हमारे साथ बनी रहने वाली उसकी सदा की उपस्थिति और उसके शाश्वत प्रेम पर अपना ध्यान केंद्रित रखें। डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर की भलाई में विश्वास रखने से आशा जीवित बनी रहती है।

उसके किए हुए आश्चर्यकर्म स्मरण करो, उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण करो! - भजन 105:5

बाइबल पाठ: भजन 77:1-15
Psalms 77:1 मैं परमेश्वर की दोहाई चिल्ला चिल्लाकर दूंगा, मैं परमेश्वर की दोहाई दूंगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा। 
Psalms 77:2 संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं। 
Psalms 77:3 मैं परमेश्वर का स्मरण कर कर के करहाता हूं; मैं चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला) 
Psalms 77:4 तू मुझे झपक्की लगने नहीं देता; मैं ऐसा घबराया हूं कि मेरे मुंह से बात नहीं निकलती। 
Psalms 77:5 मैंने प्राचीन काल के दिनों को, और युग युग के वर्षों को सोचा है। 
Psalms 77:6 मैं रात के समय अपने गीत को स्मरण करता; और मन में ध्यान करता हूं, और मन में भली भांति विचार करता हूं: 
Psalms 77:7 क्या प्रभु युग युग के लिये छोड़ देगा; और फिर कभी प्रसन्न न होगा? 
Psalms 77:8 क्या उसकी करूणा सदा के लिये जाती रही? क्या उसका वचन पीढ़ी पीढ़ी के लिये निष्फल हो गया है? 
Psalms 77:9 क्या ईश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उसने क्रोध कर के अपनी सब दया को रोक रखा है? (सेला) 
Psalms 77:10 मैने कहा यह तो मेरी दुर्बलता ही है, परन्तु मैं परमप्रधान के दाहिने हाथ के वर्षों को विचारता हूं। 
Psalms 77:11 मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा। 
Psalms 77:12 मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूंगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूंगा। 
Psalms 77:13 हे परमेश्वर तेरी गति पवित्रता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के तुल्य बड़ा है? 
Psalms 77:14 अद्भुत काम करने वाला ईश्वर तू ही है, तू ने अपने देश देश के लोगों पर अपनी शक्ति प्रगट की है। 
Psalms 77:15 तू ने अपने भुजबल से अपनी प्रजा, याकूब और यूसुफ के वंश को छुड़ा लिया है। 

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 4-6
  • प्रेरितों 17:16-34


मंगलवार, 11 जुलाई 2017

मरुस्थल


   सूखे, धूल भरे, खतरनाक - मरुस्थल - ऐसे स्थान जहाँ जीवन देने वाला जल कम, और वातावरण जीवन के प्रतिकूल होता है। इसलिए इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि किसी ऐसे स्थान को जहाँ पर जीवन नहीं है मरुस्थल के समान कहा जाता है। ऐसे स्थानों पर जीवन बहुत कठिन होता है, बहुत कम लोग वहाँ रहना चाहते हैं; परन्तु कभी-कभी हम ऐसे स्थानों से बच नहीं पाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, परमेश्वर के लोग मरुस्थल के जीवन से परिचित थे। इस्त्राएल सहित अधिकांश मध्य-पूर्व, मरुस्थल है। परन्तु यहाँ पर भी हरियाले अपवाद होते हैं; जैसे कि यरदन घाटी और गलील की झील के आस-पास के इलाके। परमेश्वर ने "अपने परिवार" का पालन-पोषण ऐसे ही स्थान पर करने का निर्णय लिया, ऐसा स्थान जो निर्जन स्थान से घिरा हुआ है, ऐसा स्थान जहाँ वह अपने बच्चों पर अपनी भलाई प्रकट कर सकता है, जब वे अपनी सुरक्षा और प्रतिदिन के भोजन के लिए उस पर निर्भर रहें (यशायाह 48:16-22)।

   आज हम में से अधिकांश जन यथार्थ में किसी मरुस्थल में नहीं रहते हैं, परन्तु हम में से लगभग सभी, कभी-न-कभी अपने जीवनों में मरुस्थल के सूखेपन और अकेलेपन से होकर निकलते हैं। ऐसे अनुभवों से कभी तो हमें न चाहते हुए भी मजबूरी में होकर निकलना पड़ता है, और कभी आज्ञाकारिता निभाने के लिए। जब कोई हमें छोड़ दे, या हमारे शरीर किसी रोग से ग्रसित हो जाएं, हम ऐसी परिस्थितियों में आ जाते हैं जहाँ संसाधन कम और जीवन कठिन हो जाता है।

   परन्तु चाहे वास्तव में अथवा आलंकारिक रीति से, मरुस्थल से होकर निकलना हमें स्मरण दिलाता है कि हम अपने भरण-पोषण के लिए परमेश्वर पर निर्भर हैं; उस ही की दया और कृपदृष्टि हमारी प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति करती है। मरुस्थल का यह पाठ हमें अपने समृद्धि और बहुतायत के समयों में भी कभी भूलना नहीं चाहिए। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रत्येक मरुस्थल में परमेश्वर अपने अनुग्रह का मरुद्द्यान उपलब्ध करवा सकता है।

जब दीन और दरिद्र लोग जल ढूंढ़ने पर भी न पाएं और उनका तालू प्यास के मारे सूख जाए; मैं यहोवा उनकी बिनती सुनूंगा, मैं इस्राएल का परमेश्वर उन को त्याग न दूंगा मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहऊंगा; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूंगा। - यशायाह 41:17-18

बाइबल पाठ: यशायाह 48:16-22
Isaiah 48:16 मेरे निकट आकर इस बात को सुनो: आदि से ले कर अब तक मैं ने कोई भी बात गुप्त में नहीं कही; जब से वह हुआ तब से मैं वहां हूं। और अब प्रभु यहोवा ने और उसकी आत्मा ने मुझे भेज दिया है।
Isaiah 48:17 यहोवा जो तेरा छुड़ाने वाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूं, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूं। 
Isaiah 48:18 भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के नाईं होता; 
Isaiah 48:19 तेरा वंश बालू के किनकों के तुल्य होता, और तेरी निज सन्तान उसके कणों के समान होती; उनका नाम मेरे सम्मुख से न कभी काटा और न मिटाया जाता।
Isaiah 48:20 बाबुल में से निकल जाओ, कसदियों के बीच में से भाग जाओ; जयजयकार करते हुए इस बात को प्रचार कर के सुनाओ, पृथ्वी की छोर तक इसकी चर्चा फैलाओ; कहते जाओ कि यहोवा ने अपने दास याकूब को छुड़ा लिया है! 
Isaiah 48:21 जब वह उन्हें निर्जल देशों में ले गया, तब वे प्यासे न हुए; उसने उनके लिये चट्टान में से पानी निकाला; उसने चट्टान को चीरा और जल बह निकला। 
Isaiah 48:22 दुष्टों के लिये कुछ शान्ति नहीं, यहोवा का यही वचन है। 

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 1-3
  • प्रेरितों 17:1-15