ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 30 जून 2019

धीरजवंत



      पिछले बसंत, मैंने अपने घर के पिछले दरवाज़े के निकट उग रही गुलाब की झाड़ी को काट डालने का निर्णय लिया। हमें उस घर में रहते तीन वर्ष हो गए थे, और उस झाड़ी में कुछ विशेष फूल नहीं आए थे और उसकी बदसूरत टहनियाँ चारों ओर फैल रही थीं। परन्तु मैं जीवन की व्यस्तता में फंस गई और उस झाड़ी को काट डालने की मेरी योजना कार्यान्वित हुए बिना रह गई। यह भी भला ही हुआ क्योंकि मेरे यह निर्णय लेने के कुछ ही सप्ताह में उस गुलाब की झाड़ी में इतने फूल लगे जितने पहले मैंने कभी नहीं देखे थे। सैंकड़ों सफ़ेद बड़े फूलों, उनकी सुगंध, और उनकी सुन्दर पंखुड़ियों से हमारे घर के पिछला दरवाज़ा और आँगन भर गए।

      मेरी उस गुलाब की झाड़ी के पुनर्जीवित होने से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका 13:6-9 में प्रभु यीशु द्वारा दिया गया अंजीर के वृक्ष का दृष्टांत स्मरण हो आया। उस समय इस्राएल में यह परंपरागत था कि अंजीर के वृक्ष को फल लाने के लिए तीन वर्ष का समय दिया जाए। यदि तीन वर्ष में उसमें फल नहीं आता था तो उसे काट दिया जाता था जिससे भूमि का उपयोग किया जा सके। प्रभ यीशु द्वारा दिए गए दृष्टांत में माली ने भूमि के स्वामी से उस वृक्ष के लिए एक अतिरिक्त समय माँगा, कि वह वृक्ष फल ला सके। अपने संदर्भ में (पद 1-5) इस दृष्टांत का तात्पर्य था कि इस्राएलियों ने वह नहीं किया था जो उन्हें करना चाहिए था, और परमेश्वर उनका उचित न्याय कर सकता था। परन्तु परमेश्वर धीरजवंत है, और उसने इस्राएलियों को अतिरिक्त समय दिया कि वे उसकी ओर मुड़ें, उससे क्षमा प्राप्त करें और फलवन्त हो जाएँ।

      परमेश्वर सभी लोगों के लिए चाहता है कि वे फलते-फूलते हों, और उन्हें अतिरिक्त समय भी देता है कि वे ऐसा कर सकें। चाहे हम अभी भी प्रभु यीशु में विश्वास लाने की ओर बढ़ रहे हों, या प्रभु यीशु में विश्वास नहीं करने वाले परिवार जनों और मित्रों के लिए प्रार्थना कर रहे हों, परमेश्वर का धीरजवंत होना हम सभी के लिए शुभसमाचार है। - शेरिडन वॉयसे


परमेश्वर ने सँसार को अतिरिक्त समय दिया है कि 
पापों की क्षमा के उसके प्रस्ताव के प्रति सही प्रतिक्रया दें।

और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है। - 2 पतरस 3:15

बाइबल पाठ: लूका 13:1-9
Luke 13:1 उस समय कुछ लोग आ पहुंचे, और उस से उन गलीलियों की चर्चा करने लगे, जिन का लोहू पीलातुस ने उन ही के बलिदानों के साथ मिलाया था।
Luke 13:2 यह सुन उसने उन से उत्तर में यह कहा, क्या तुम समझते हो, कि ये गलीली, और सब गलीलियों से पापी थे कि उन पर ऐसी विपत्ति पड़ी?
Luke 13:3 मैं तुम से कहता हूं, कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम सब भी इसी रीति से नाश होगे।
Luke 13:4 या क्या तुम समझते हो, कि वे अठारह जन जिन पर शीलोह का गुम्मट गिरा, और वे दब कर मर गए: यरूशलेम के और सब रहने वालों से अधिक अपराधी थे?
Luke 13:5 मैं तुम से कहता हूं, कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम भी सब इसी रीति से नाश होगे।
Luke 13:6 फिर उसने यह दृष्‍टान्‍त भी कहा, कि किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था: वह उस में फल ढूंढ़ने आया, परन्तु न पाया।
Luke 13:7 तब उसने बारी के रख वाले से कहा, देख तीन वर्ष से मैं इस अंजीर के पेड़ में फल ढूंढ़ने आता हूं, परन्तु नहीं पाता, इसे काट डाल कि यह भूमि को भी क्यों रोके रहे।
Luke 13:8 उसने उसको उत्तर दिया, कि हे स्‍वामी, इसे इस वर्ष तो और रहने दे; कि मैं इस के चारों ओर खोदकर खाद डालूं।
Luke 13:9 सो आगे को फले तो भला, नहीं तो उसे काट डालना।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 17-19
  • प्रेरितों 10:1-23



शनिवार, 29 जून 2019

सहायता



      मेरी एक सहेली अपनी कार से किराने की दूकान तक जा रही थी, और उसका ध्यान मार्ग के किनारे चलती हुई एक महिला की ओर गया; मेरी सहेली के मन में विचार आया कि उसे उस महिला की सहायता करनी चाहिए और उसने उस महिला को अपनी कार में बैठाकर उसे उसके गंतव्य तक पहुँचाने की पेशकश की। मेरी सहेली को यह सुनकर दुःख हुआ कि उस महिला के पास बस में जाने के लायक पैसे नहीं थे इसलिए वह उस गर्म और उमस भरे वातावरण में कई मील पैदल चलने के लिए मजबूर थी। अब न केवल वह वापस अपने घर की लंबी यात्रा कर रही थी वरन वह सुबह चार बजे अपने काम पर पहुँचने के लिए भी ऐसे ही पैदल चलकर पहुँची थी।

      उस महिला को अपनी कार में बैठाकर मेरी सहेली ने परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब द्वारा उसकी पत्री में लिखी बात को व्यवहारिक करके दिखाया कि मसीही विश्वासियों को अपने विश्वास को अपने कर्मों के द्वारा जी कर दिखाना चाहिए: “वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्‍वभाव में मरा हुआ है” (याकूब 2:17)। याकूब यह भी चाहता था कि चर्च के लोग विधवाओं और अनाथों का भी ध्यान रखें (याकूब 1:27), और वे मात्र शब्दों द्वारा नहीं वरन प्रेम के व्यवहार और कार्यों द्वारा अपने विश्वास को प्रगट करें।

      हमें प्रभु यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा उद्धार मिला है, किन्ही कर्मों के द्वारा नहीं; और हम औरों से प्रेम का व्यवहार करके, उनकी आवश्यकताओं में उनकी सहायता करके अपने विश्वास को जी कर दिखाते हैं। मेरी सहेली के समान हम भी अपनी जीवन यात्रा में उनके प्रति अपनी आँखों को खुला रखें जिन्हें हमारी सहायता की आवश्यकता है, और उनकी सहायता करके अपने मसीही विश्वास को व्यवहारिक करें। - एमी बाउचर पाई


हम भले कर्मों के द्वारा अपने विश्वास को जी कर दिखाते हैं।

और मसीह यीशु में न खतना, न खतनारिहत कुछ काम का है, परन्तु केवल विश्वास, जो प्रेम के द्वारा प्रभाव करता है। - गलातियों 5:6

बाइबल पाठ: याकूब 2:14-26
James 2:14 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?
James 2:15 यदि कोई भाई या बहिन नगें उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो।
James 2:16 और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्‍त रहो; पर जो वस्तुएं देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ?
James 2:17 वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्‍वभाव में मरा हुआ है।
James 2:18 वरन कोई कह सकता है कि तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूं: तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना तो दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊंगा।
James 2:19 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं।
James 2:20 पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है?
James 2:21 जब हमारे पिता इब्राहीम ने अपने पुत्र इसहाक को वेदी पर चढ़ाया, तो क्या वह कर्मों से धामिर्क न ठहरा था?
James 2:22 सो तू ने देख लिया कि विश्वास ने उस के कामों के साथ मिल कर प्रभाव डाला है और कर्मों से विश्वास सिद्ध हुआ।
James 2:23 और पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हुआ, कि इब्राहीम ने परमेश्वर की प्रतीति की, और यह उसके लिये धर्म गिना गया, और वह परमेश्वर का मित्र कहलाया।
James 2:24 सो तुम ने देख लिया कि मनुष्य केवल विश्वास से ही नहीं, वरन कर्मों से भी धर्मी ठहरता है।
James 2:25 वैसे ही राहाब वेश्या भी जब उसने दूतों को अपने घर में उतारा, और दूसरे मार्ग से विदा किया, तो क्या कर्मों से धामिर्क न ठहरी?
James 2:26 निदान, जैसे देह आत्मा बिना मरी हुई है वैसा ही विश्वास भी कर्म बिना मरा हुआ है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 14-16
  • प्रेरितों 9:22-43



शुक्रवार, 28 जून 2019

पूर्ण



      विश्व-विख्यात महान शिल्पकार माइकलएंजेलो की मृत्यु के समय उनके द्वारा आरम्भ की गई अनेकों शिल्प-कृतियाँ अधूरी पड़ी थीं। परन्तु उनमें से चार – The Bearded Slave, The Atlas Slave, The Awakening Slave, और The Young Slave ऐसे थे जिन्हें पूरा करने की कभी कोई योजना नहीं थी। उन्हें देखकर प्रतीत होता है कि वे अधूरी हैं, परन्तु वे वैसी ही हैं जैसा माइकलएंजेलो उन्हें दिखाना चाहता था। शिल्पकार यह दिखाना चाहता था कि हमेशा दासत्व में बने रहना कैसा अनुभव होता है।

      उन आकृतियों को जंजीरों में बंधे हुए दिखाने के स्थान पर, माइकलएंजेलो ने उन्हें संगमरमर की उन्हीं चट्टानों में फंसा हुआ दिखाया है जिनमें से उन्हें तराशा जा रहा था। उन पत्थरों में से शरीर निकलते हुए दिखते हैं, परन्तु वे पूर्णतया निकले हुए नहीं हैं। उनकी मांस-पेशियाँ कार्यशील दिखाई देती हैं परन्तु वे अपने आप को स्वतंत्र नहीं कर पा रहे हैं।

      उन दासों की प्रतिमाओं के साथ मेरी सहानुभूति तुरंत जागृत हुई। उनकी वह दशा, पाप के साथ मेरे संघर्ष में मेरी दशा से भिन्न नहीं है। उन दासों के समान, मैं भी अपने आप को पाप की प्रवृत्ति से स्वतंत्र करने नहीं पाती हूँ, उन प्रतिमाओं के समान मैं भी फंसी हुई हूँ “पाप की व्यवस्था के बन्धन में” (रोमियों 7:23)। मैं चाहे कितना भी प्रयास करूँ, मैं अपने आप को बदलने नहीं पाती हूँ। परन्तु प्रभु परमेश्वर का धन्यवाद हो कि मैं और आप, हम सभी मसीही विश्वासी, पाप के साथ संघर्ष में ऐसे ही फंसे नहीं रहेंगे; ऐसी अधूरी कृतियाँ नहीं रहेंगे। हम स्वर्ग पहुँचने से पहले तो संपूर्ण नहीं होंगे, परन्तु स्वर्ग पहुँचने तक परमेश्वर हम में कार्य कर रहा है और अपने आत्मा के द्वारा हमने अंश अंश करके हमारे प्रभु यीशु मसीह के स्वरूप में ढालता जा रहा है। प्रभु परमेश्वर का हमसे वायदा है कि उसने हम में जो अच्छा काम आरम्भ किया है, वह उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा (फिलिप्पियों 1:6), हमें पूर्ण करेगा। - एमी पीटरसन


हम मिट्टी हैं, और वह कुम्हार है।

...तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18

बाइबल पाठ: रोमियों 7:14-25
Romans 7:14 क्योंकि हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है, परन्तु मैं शरीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ हूं।
Romans 7:15 और जो मैं करता हूं, उसको नहीं जानता, क्योंकि जो मैं चाहता हूं, वह नहीं किया करता, परन्तु जिस से मुझे घृणा आती है, वही करता हूं।
Romans 7:16 और यदि, जो मैं नहीं चाहता वही करता हूं, तो मैं मान लेता हूं, कि व्यवस्था भली है।
Romans 7:17 तो ऐसी दशा में उसका करने वाला मैं नहीं, वरन पाप है, जो मुझ में बसा हुआ है।
Romans 7:18 क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते।
Romans 7:19 क्योंकि जिस अच्छे काम की मैं इच्छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता वही किया करता हूं।
Romans 7:20 परन्तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है।
Romans 7:21 सो मैं यह व्यवस्था पाता हूं, कि जब भलाई करने की इच्छा करता हूं, तो बुराई मेरे पास आती है।
Romans 7:22 क्योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं।
Romans 7:23 परन्तु मुझे अपने अंगो में दूसरे प्रकार की व्यवस्था दिखाई पड़ती है, जो मेरी बुद्धि की व्यवस्था से लड़ती है, और मुझे पाप की व्यवस्था के बन्धन में डालती है जो मेरे अंगों में है।
Romans 7:24 मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा?
Romans 7:25 मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 11-13
  • प्रेरितों 9:1-21



गुरुवार, 27 जून 2019

प्रार्थना



      प्रार्थना करना परमेश्वर के साथ संवाद करना है, किसी सूत्र या औपचारिकता का निर्वाह करना नहीं। किन्तु फिर भी कभी-कभी हमें अपने प्रार्थना के समय को तरोताज़ा करने के लिए किसी “विधि” की आवश्यकता पड़ती है। हम परमेश्वर के वचन बाइबल से भजन संहिता का या किसी अन्य भाग, जैसे कि प्रभु की प्रार्थना का उपयोग कर सकते हैं; या फिर हम ACTS विधि – Adoration (आराधना), Confession (अंगीकार), Thanksgiving (धन्यवाद), तथा Supplication (विनती) का भी प्रयोग कर सकते हैं। हाल ही में मैंने औरों के लिए प्रार्थना में सहायता के लिए इस “पाँच ऊँगली विधि” के बारे में जाना:
·         जब आप दोनों हाथ मिलाकर जोड़ते हो, तो आपके हाथों के अंगूठे आपके सबसे निकट होते हैं। इसलिए अपने निकट जनों के लिए प्रार्थना के साथ आरंभ करें (फिलिप्पियों 1:3-5)।
·         अगली उँगली तर्जनी है, जो दिशा संकेत देती है। उनके लिए प्रार्थना करें जो शिक्षा प्रदान करते हैं, बाइबल शिक्षक और प्रचारक, और वे जो बच्चों को सिखाते हैं (1 थिस्सलुनीकियों 5:25)।
·         इससे अगली उँगली सबसे लंबी होती है। उनके लिए प्रार्थना करें जो आपके ऊपर अधिकारी हैं – राष्ट्रीय और स्थानीय अगुवे एवँ अधिकारी, और कार्यस्थल पर आपके पर्वेक्षक (1 तिमुथियुस 2:1-2)।
·         चौथी उँगली सामान्यतः सबसे दुर्बल होती है। उनके लिए प्रार्थना करें जो परेशानियों में हैं या दुखों में पड़े हैं (याकूब 5:13-16)।
·         फिर आती है छोटी ऊँगली जो परमेश्वर की महानता के सामने आपके ‘कद’ की सूचक है। परमेश्वर से मांगें कि वह आपकी आवश्यकताओं की पूर्ति करे (फिलिप्पियों 4:6, 19)।

      प्रार्थना के लिए आप कोई भी विधि क्यों न प्रयोग करें, परन्तु परमेश्वर पिता से बातें अवश्य करें। वह आपके मन की बात को सुनना चाहता है। - ऐनी सेटास


प्रार्थना में महत्व हमारे शब्दों का नहीं है; हमारी मनोदशा का है।

निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:17

बाइबल पाठ: याकूब 5:13-18
James 5:13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्‍दित हो, तो वह स्‍तुति के भजन गाए।
James 5:14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें।
James 5:15 और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उसको उठा कर खड़ा करेगा; और यदि उसने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी।
James 5:16 इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
James 5:17 एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उसने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा।
James 5:18 फिर उसने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्‍त हुई।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40



बुधवार, 26 जून 2019

स्वरूप



      कभी-कभी कुछ दिन ऐसे होते हैं जिनमें एक विषय से संबंधित बातें होती चली जाती हैं। हाल ही में मैंने एक ऐसे ही दिन का अनुभव किया। हमारे पास्टर ने उत्पत्ति 1 अध्याय पर अपने सन्देश का आरंभ फूलों को खिलते हुए दिखाने वाली विस्मयकारी फोटोग्राफी को दिखाने के साथ किया। फिर जब मैं घर पर सोशल मीडिया पर आए संदेशों को देख रही थी तो उन संदेशों में बहुतेरे फूलों से संबंधित थे। बाद में जब मैं टहलने के लिए जंगल की ओर निकली तो वहाँ अनगिनित, अनेकों प्रकार के फूल खिले हुए थे और उनकी छटा देखते ही बनती थी।

      परमेश्वर ने भूमि, फूल और अनेकों प्रकार की वनस्पति को सृष्टि के तीसरे दिन बनाया, और उस दिन में दो बार उसने अपनी रचना को “अच्छा” कहा (उत्पत्ति 1:10, 12)। सृष्टि की रचना के वृतान्त में केवल एक अन्य दिन – छठे दिन में, परमेश्वर ने “अच्छा” दो बार कहा (पद 25, 31)। उस छठे दिन, जब परमेश्वर ने मनुष्य को, जो उसकी सबसे उत्कृष्ठ रचना है, सृजा तो उसके बाद उसने अपनी बनाई समस्त सृष्टि को देखा कि “वह बहुत ही अच्छी है।”

      सृष्टि की रचना के वृतान्त में, हम सृष्टिकर्ता परमेश्वर को देखते हैं जो अपनी सृष्टि से आनन्दित होता है – और सृष्टि करने के कार्य में आनन्दित होता है। अन्यथा इतनी अद्भुत रंगीनी और विविधता वाले सँसार को क्यों बनाया गया? उसने अपने सर्वोत्तम कार्य को अन्त के लिए रख छोड़ा, जब उसने मनुष्य की रचना अपने स्वरूप में की (पद 27)। परमेश्वर के स्वरूप में होने के नाते हम उसकी सुन्दर हस्तकला द्वारा आशीषित और प्रेरित हैं। - एलीसन कीडा


समस्त सृष्टि पर परमेश्वर की छाप विद्यमान है।

आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन19:1

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 1:24-31
Genesis 1:24 फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से एक एक जाति के जीवित प्राणी, अर्थात घरेलू पशु, और रेंगने वाले जन्तु, और पृथ्वी के वनपशु, जाति जाति के अनुसार उत्पन्न हों; और वैसा ही हो गया।
Genesis 1:25 सो परमेश्वर ने पृथ्वी के जाति जाति के वन पशुओं को, और जाति जाति के घरेलू पशुओं को, और जाति जाति के भूमि पर सब रेंगने वाले जन्तुओं को बनाया: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है।
Genesis 1:26 फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।
Genesis 1:27 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की।
Genesis 1:28 और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।
Genesis 1:29 फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं:
Genesis 1:30 और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं; और वैसा ही हो गया।
Genesis 1:31 तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार छठवां दिन हो गया।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 5-7
  • प्रेरितों 8:1-25



मंगलवार, 25 जून 2019

वचन



      हमारा बेटा ज़ेवियर अभी छोटा ही था जब हम एक समुद्री जीवों के अजायबघर में गए। जब हमने उस भवन में प्रवेश किया तो सामने ही छत से एक विशाल प्रतिमा लटकी हुई थी, और मैंने उसकी ओर संकेत करते हुए ज़ेवियर से कहा, “देखो, वह हम्पबैक व्हेल मछली है।” उसके आकार को देखकर अचरज से ज़ेवियर की आँखें फैल गईं और वह बोला “विशालकाय!”

      मेरे पति ने मेरी ओर मुड़कर कहा, “यह इस शब्द को कैसे जानता है?”

      मैंने भी अचरज से कंधे झटकते हुए कहा, “शायद उसने हमें इस शब्द को प्रयोग करते हुए सुना होगा;” मैं चकित थी कि हमारे छोटे से बच्चे ने अनजाने में ही वह शब्द सुनकर सीख लिया था, जबकि हम नें उसे वह शब्द कभी सिखाया नहीं था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में व्यवस्थाविवरण 6 अध्याय में परमेश्वर ने अपने लोगों से कहा कि वे ध्यान देकर अपनी युवा और आने वाली पीढ़ियों को उसके पवित्र-शास्त्र को सीखने और मानने की शिक्षा दें। जैसे-जैसे इस्राएली परमेश्वर के ज्ञान में बढ़ेंगे, वैसे-वैसे वे स्वयँ और उनके बच्चे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और आज्ञाकारिता में बढ़ते जाएँगे, और परमेश्वर को निकटता से जानने, उससे संपूर्ण हृदय से प्रेम करने, और आज्ञाकारिता के साथ उसका अनुसरण करने से मिलने वाले प्रतिफलों का आनन्द लेने पाएँगे (पद 2-5)।

      अपने मन और मस्तिष्क को परमेश्वर के वचन से भर लेने (पद 6) से, हम परमेश्वर के प्रेम और सत्य को अपने बच्चों के साथ, उनके दैनिक जीवन की गतिविधियों में, और अधिक भली रीति से समझाने सिखाने पाएँगे (पद 7)। इस प्रकार से उदाहरण बनके उनकी अगुवाई करने के द्वारा हम अपने जवानों को प्रोत्साहित तथा तैयार कर सकते हैं कि वे परमेश्वर के कभी न बदलने वाले वचन के सत्यों पहचानें और अपने जीवनों में उन वचनों को योग्य आदर प्रदान करें (पद 8-9)।

      जब परमेश्वर का वचन हमारे मन और मुख से स्वाभाविक रीति से प्रवाह करेगा, हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए उस वचन पर आधारित विश्वास की प्रबल और दृढ़ धरोहर को छोड़ने पाएँगे। - जोशील डिक्सन


जो शब्द हम अपने अन्दर लेते हैं, वे ही निर्धारित करते हैं कि हम क्या बोलेंगे, 
कैसे व्यवहार करेंगे, और अपने आस-पास वालों के साथ क्या बाँटेंगे।

तेरी व्यवस्था से प्रीति रखने वालों को बड़ी शान्ति होती है; और उन को कुछ ठोकर नहीं लगती। - भजन 119:165

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 6:1-9
Deuteronomy 6:1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो;
Deuteronomy 6:2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
Deuteronomy 6:3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
Deuteronomy 6:4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
Deuteronomy 6:5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
Deuteronomy 6:6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
Deuteronomy 6:7 और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
Deuteronomy 6:8 और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी कर के बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें।
Deuteronomy 6:9 और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 3-4
  • प्रेरितों 7:44-60



सोमवार, 24 जून 2019

सेवक



      हमारे चर्च में नए अगुवों को नियुक्त करने का समय आ गया था। उन नए अगुवों के द्वारा अपने दायित्व का सेवक-अगुवा होकर निर्वाह करने के चिन्ह के रूप में उन सभी ने यादगार पाँव-धोने की विधि में भाग लिया; पास्टर सहित प्रत्येक अगुवे ने एक दूसरे के पाँव धोए, और चर्च की मण्डली उन्हें ऐसा करते हुए देख रही थी।

      उस दिन जो उन्होंने किया, वह परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा किए गए कार्य पर आधारित था, जिसे हम यूहन्ना 13 अध्याय में लिखा गया पाते हैं। प्रभु द्वारा यह बात उस समय की गई जब वह अपने शिष्यों के साथ “अंतिम भोज” में भाग ले रहा था, जहाँ प्रभु यीशु ने “प्रभु-भोज” की स्थापना की थी। लिखा हुआ है कि, “भोजन पर से उठ कर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा ले कर अपनी कमर बान्‍धी। तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्‍धी थी उसी से पोंछने लगा” (यूहन्ना 13:4-5)। बाद में जब प्रभु यीशु इस बात को अपने शिष्यों को समझा रहे थे, तो उन्होंने कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूं, दास अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं; और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से” (पद 16)। प्रभु ने यह भी कहा, “पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक के समान हूं” (लूका 22:27)।

      यदि यह पाँव धोना प्रभु यीशु की गरिमा को निम्न करने वाला कार्य नहीं है, तो हम में से किसे के लिए भी किसी दूसरे की सेवा करना कोई निम्न कार्य नहीं है। प्रभु यीशु ने हम सब के लिए कितना अद्भुत उदाहरण छोड़ा है; यह वास्तविकता है कि जैसा प्रभु ने स्वयँ कहा, “क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे” (मरकुस 10:45)। प्रभु ने हमें अपने उदाहरण के द्वारा दिखाया कि अगुवा और सेवक होना क्या होता है। प्रभु यीशु ही हैं, जो अपने अनुयायियों के अगुवे ही नहीं, वरन उनके सेवक भी हैं। - डेव ब्रैनन


यदि मसीह यीशु के लिए किया जाए, तो कोई कार्य छोटा नहीं है।

उसने[यीशु] उन से कहा, अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं; और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं। परन्तु तुम ऐसे न होना; वरन जो तुम में बड़ा है, वह छोटे के समान और जो प्रधान है, वह सेवक के समान बने। - लूका 22:25-26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 13:3-17
John 13:3 यीशु ने यह जानकर कि पिता ने सब कुछ मेरे हाथ में कर दिया है और मैं परमेश्वर के पास से आया हूं, और परमेश्वर के पास जाता हूं।
John 13:4 भोजन पर से उठ कर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा ले कर अपनी कमर बान्‍धी।
John 13:5 तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्‍धी थी उसी से पोंछने लगा।
John 13:6 जब वह शमौन पतरस के पास आया: तब उसने उस से कहा, हे प्रभु,
John 13:7 क्या तू मेरे पांव धोता है? यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो मैं करता हूं, तू अब नहीं जानता, परन्तु इस के बाद समझेगा।
John 13:8 पतरस ने उस से कहा, तू मेरे पांव कभी न धोने पाएगा: यह सुनकर यीशु ने उस से कहा, यदि मैं तुझे न धोऊं, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी साझा नहीं।
John 13:9 शमौन पतरस ने उस से कहा, हे प्रभु, तो मेरे पांव ही नहीं, वरन हाथ और सिर भी धो दे।
John 13:10 यीशु ने उस से कहा, जो नहा चुका है, उसे पांव के सिवा और कुछ धोने का प्रयोजन नहीं; परन्तु वह बिलकुल शुद्ध है: और तुम शुद्ध हो; परन्तु सब के सब नहीं।
John 13:11 वह तो अपने पकड़वाने वाले को जानता था इसी लिये उसने कहा, तुम सब के सब शुद्ध नहीं।
John 13:12 जब वह उन के पांव धो चुका और अपने कपड़े पहिनकर फिर बैठ गया तो उन से कहने लगा, क्या तुम समझे कि मैं ने तुम्हारे साथ क्या किया?
John 13:13 तुम मुझे गुरू, और प्रभु, कहते हो, और भला कहते हो, क्योंकि मैं वही हूं।
John 13:14 यदि मैं ने प्रभु और गुरू हो कर तुम्हारे पांव धोए; तो तुम्हें भी एक दुसरे के पांव धोना चाहिए।
John 13:15 क्योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो।
John 13:16 मैं तुम से सच सच कहता हूं, दास अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं; और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से।
John 13:17 तुम तो ये बातें जानते हो, और यदि उन पर चलो, तो धन्य हो।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 1-2
  • प्रेरितों 7:22-43



रविवार, 23 जून 2019

एकता



      मेरी पुत्री के स्कूल बैंड की संगीत गोष्ठी में मैं उन 11 और 12 वर्षीय बच्चों द्वारा मिलकर बजाए गए बैंड के प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हुआ। यदि वे बच्चे अकेले-अकेले उन्हीं संगीत धुनों को बजाते, तो उनके बजाने में वह उत्कृष्टता नहीं आने पाती जो उनके साथ मिलकर एकता में बजाने से आने पाई। वे लोग अलग-अलग वाद्य यंत्र बजा रहे थे, परन्तु उनकी एकता का सामूहिक प्रभाव बहुत मधुर संगीत था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखा, “वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे” (रोमियों 12:5-6)। पौलुस ने जिन वरदानों का उल्लेख किया उनमें भविष्यवाणी, सेवा, सिखाना, उपदेश देना, दान देना, अगुवाई करना, और दया सम्मिलित हैं (पद 7-8)। प्रत्येक वरदान को सभी के लाभ के लिए बहुतायत से प्रयोग करना है (1 कुरिन्थियों 12:7)।

      ‘साथ कार्यकारी’ होने की एक परिभाषा है, “बनावट अथवा योजना में सहमत होना; साथ मिलकर कार्य करना; ताल-मेल या सामंजस्य में रहना।” यही परमेश्वर की योजना है प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास के द्वारा उसके बच्चों के लिए, कि “भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो” (रोमियों 12:10)। उद्देश्य परस्पर प्रतियोगिता नहीं, सहभागिता है।

      एक रीति से हम मसीही विश्वासी, सँसार के सम्मुख, “मंच” पर हैं, और सँसार के लोग हमें देख-सुन रहे हैं, हमारा आँकलन कर रहे हैं, हमारे व्यवहार से हमारे प्रभु परमेश्वर के प्रति निष्कर्ष निकाल रहे हैं। परमेश्वर की इस ‘संगीत मण्डली’ में कोई एकल गायक या वादक नहीं है; सभी वाद्यों और गायकों का साथ होकर बजाना आवश्यक है। संगीत तब ही उत्कृष्ट होता है जब हम औरों के साथ एकता में होकर अपना-अपना योगदान करते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर के वाद्य-वृन्द में कोई एकल प्रदर्शनकर्ता नहीं है।

इसी प्रकार तुम सब मिल कर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो। - 1 कुरिन्थियों 12:27

बाइबल पाठ: रोमियों 12:3-8
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21



शनिवार, 22 जून 2019

शान्त



      गाँव में सहायता-सामग्री लाने वाले ट्रकों के काफिले के वहाँ की उन टूटी-फूटी झोपडियों के पास से निकलने की आवाज़ को सुनकर मुर्गियाँ और उनके बच्चे इधर-उधर भागने लगे और नंगे पाँव बच्चे बारिश से बिगड़ी हुई ‘सड़क’ के किनारे पर खड़े होकर उन ट्रकों को देखने लगे। काफिला आगे बढ़ते हुए वहाँ के महापौर के बड़े से मकान के सामने जाकर रुक गया। किन्तु महापौर उस मकान में रहने की बजाए, दूर शहर में स्थित आलीशान मकान में विलासिता के साथ रहता था, जबकि उसकी बस्ती के लोगों के पास जीवन की बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं।

      ऐसे अन्याय को देखकर हमें क्रोध आता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि परमेश्वर का नबी भी अन्याय को देखकर क्रोधित हुआ। जब हबक्कूक ने व्यापक भ्रष्टाचार और शोषण को देखा तो वह पुकार उठा, “हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा?” (हबक्कूक 1:2)। परन्तु वे सारी बातें परमेश्वर के ध्यान में थीं, और परमेश्वर ने कहा, “...हाय उस पर जो अपना घर बन्धक की वस्तुओं से भर लेता है;... हाय उस पर, जो अपने घर के लिये अन्याय के लाभ का लोभी है ” (हबक्कूक  2:6, 9); परमेश्वर का न्याय आ रहा था!

      हम औरों पर परमेश्वर के न्याय का स्वागत करते हैं, परन्तु हबक्कूक में एक ऐसा धुर्री का बिंदु है जहाँ पर आकर हम शान्त हो जाते हैं: “परन्तु यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके साम्हने शान्त रहे” (2:20)। समस्त पृथ्वी ! उत्पीड़न करने वाले और उत्पीड़ित – दोनों! कभी-कभी किसी परिस्थिति को लेकर परमेश्वर के शान्त रहने के प्रति हमारा उचित प्रत्युत्तर होता है कि हम भी शान्त हो जाएँ।

      क्यों शान्त हो जाएँ? क्योंकि हम अपनी आत्मिक दरिद्रता की बड़ी सरलता से अनदेखी कर लेते हैं। लेकिन परमेश्वर के सामने शान्त भाव में आने पर, उसकी पवित्रता के सामने हमारी पापमय दशा स्वयँ हम पर प्रकट हो जाती है।

      हबक्कूक ने परमेश्वर पर भरोसा करना सीखा, और हमें भी सीखना है। हम परमेश्वर के सभी मार्गों को नहीं जानते हैं, पर हम इतना जानते हैं कि वह भला है, और अपने लोगों के लिए सदा भला ही करता है। उसके समय और नियंत्रण के बाहर कुछ भी नहीं है। - टिम गुस्ताफ्सन


धर्मी पुरूष कंगालों के मुकद्दमे में मन लगाता है
परन्तु दुष्ट जन उसे जानने की समझ नहीं रखता। - नीतिवचन 29:7

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! – भजन 46:10

बाइबल पाठ: हबक्कूक 1:1-4, 2:20
Habakkuk 1:1 भारी वचन जिस को हबक्कूक नबी ने दर्शन में पाया।
Habakkuk 1:2 हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा? मैं कब तक तेरे सम्मुख उपद्रव”, “उपद्रवचिल्लाता रहूंगा? क्या तू उद्धार नहीं करेगा?
Habakkuk 1:3 तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? और क्या कारण है कि तू उत्पात को देखता ही रहता है? मेरे साम्हने लूट-पाट और उपद्रव होते रहते हैं; और झगड़ा हुआ करता है और वादविवाद बढ़ता जाता है।
Habakkuk 1:4 इसलिये व्यवस्था ढीली हो गई और न्याय कभी नहीं प्रगट होता। दुष्ट लोग धर्मी को घेर लेते हैं; सो न्याय का खून हो रहा है।
Habakkuk 2:20 परन्तु यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके साम्हने शान्त रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6



शुक्रवार, 21 जून 2019

ढाढ़स



      मेरी एक सहेली ने उसके द्वारा बनाए गए कुछ मिट्टी के बर्तन मुझे भेजे। उसके द्वारा भेजे गए डिब्बे को खोलने पर मैंने देखा कि उनकी उस यात्रा में वे बहुमूल्य वस्तुएँ क्षतिग्रस्त हो गई थीं। एक प्याला कुछ बड़े और कुछ छोटे टुकड़ों में टूट गया था और उसके कुछ भाग मिट्टी हो गए थे। मेरे पति ने उन टूटे टुकड़ों को आपस में जोड़ा और उन्हें फिर प्याले का आकार दे दिया, और मैंने उस सुन्दर हुए जुड़े प्याले को घर सजा कर रख दिया।

      उस जोड़े गए मिट्टी के बर्तन के समान, मेरे जीवन में भी ऐसे चिन्ह हैं जो दिखाते हैं कि उन कठिन समयों के बावजूद जिनमें से होकर परमेश्वर ने मुझे निकलने दिया है, मैं भी अभी मजबूती से खड़ी रहा सकती हूँ। वह मरम्मत किया हुआ प्याला मुझे स्मरण करवाता है कि प्रभु परमेश्वर ने कैसे मेरे जीवन में, और मेरे जीवन के माध्यम से औरों के जीवनों में कार्य किया है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस परमेश्वर की प्रशंसा करता है क्योंकि  वह “दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है” (2 कुरिन्थियों 1:3)। प्रभु परमेश्वर हमारी परीक्षाओं और परेशानियों को हमें और भी अधिक अपने स्वरूप में ढालने के लिए प्रयोग करता है। हमारी परेशानियों में उसका दिया गया ढाढ़स हमें इस योग्य करता है कि हमारी विपरीत परिस्थितियों में हमारी जो सहायता परमेश्वर ने की, उन अनुभवों को औरों के साथ बाँटने के द्वारा उनको भी प्रोत्साहित कर सकें (पद 4)।

      जब हम मसीह के दुखों पर मनन करते हैं, तो हम अपने दुखों के समयों में विश्वास में दृढ़ बने रहने के लिए प्रोत्साहित होते हैं, हमारा भरोसा बढ़ता है कि परमेश्वर हमारे जीवन के अनुभवों के द्वारा हमें तथा औरों को धैर्य के साथ सहन करने के लिए दृढ़ करता है (पद 5-7)। पौलुस के समान हम भी इस बात से ढाढ़स पा सकते हैं कि परमेश्वर हमारी परीक्षाओं को अपनी महिमा के लिए उपयोग करता है। हम अपने ढाढ़स को औरों के साथ बाँट सकते हैं, तथा जो परेशानियों में हैं उन्हें ढाढ़स प्रदान कर सकते हैं। - जोशील डिकसन


हमारे ढाढ़स के अनुभवों के द्वारा परमेश्वर औरों को ढाढ़स देता है।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ्य मुझ पर छाया करती रहे। - 2 कुरिन्थियों 12:9

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:3-11
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है।
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों।
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है।
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं।
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो।
2 Corinthians 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ्य से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।
2 Corinthians 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।
2 Corinthians 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा।
2 Corinthians 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42



गुरुवार, 20 जून 2019

प्रोत्साहन



      कार्य-स्थल में प्रोत्साहित करने वाले शब्दों का महत्व होता है। कार्यकर्ता जिस प्रकार से एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं, उसका प्रभाव ग्राहकों की संतुष्टि, कंपनी के लाभांश, और कर्मचारियों द्वारा सह-कर्मियों के मूल्यान्कन और सराहना करने पर पड़ता है। अध्ययनों ने दिखाया है कि सबसे प्रभावी कार्य करने वाले समूहों के सदस्य एक-दूसरे को अस्वीकृति, असहमति, आलोचना देने के स्थान पर छः गुना अधिक समर्थन और पुष्टि प्रदान करते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र, प्रेरित पौलुस ने अपने अनुभव द्वारा सीखा कि संबंधों और परिणामों को निर्धारित करने और आकार देने में शब्दों का कितना महत्व है। दमिश्क के मार्ग पर मसीह यीशु से उसकी भेंट होने से पहले, पौलुस के शब्द और व्यवहार प्रभु यीशु के अनुयायियों को आतंकित करते थे। परन्तु प्रभु यीशु मसीह से भेंट हो जाने के पश्चात, पौलुस का जीवन परिवर्तित हो गया, और उसके द्वारा थिस्सुलुनिकिया के मसीही विश्वासियों को पत्र लिखने का समय आने तक, उसके हृदय में हुए परमेश्वर के कार्य के कारण वह सभी का प्रोत्साहन करने वाला बन चुका था। अब स्वयँ अपने उदाहरण के द्वारा वह अपने पाठकों को आग्रह कर रहा था कि वे भी एक दूसरे को प्रोत्साहित करने वाले बनें। उसने चापलूसी करने से सावधानीपूर्वक बचकर रहते हुए यह दिखाया कि हम मसीही विश्वासी कैसे एक-दूसरे को और अधिक समर्थन एवँ पुष्टि प्रदान कर सकते हैं, और प्रभु की आत्मा को प्रतिबिंबित कर सकते हैं।

      ऐसा करते हुए पौलुस ने अपने पाठकों को इसका भी ध्यान करवाया कि प्रोत्साहन का स्त्रोत क्या है। पौलुस ने जाना और समझा कि अपने आप को उस प्रभु परमेश्वर के हाथों में छोड़ देने से, जिसने हम से इतना प्रेम किया कि हमारे लिए अपने प्राण दे दिए, हमें एक-दूसरे को सांत्वना देने, क्षमा करने, प्रेरणा प्रदान करने, और सप्रेम एक-दूसरे को और भी उभरने की चुनौती देने के कारण मिलते हैं (1 थिस्सलुनीकियों 5:10-11)।

      पौलुस हमें दिखाता है कि एक-दूसरे का प्रोत्साहन करना भी एक तरीका है परमेश्वर के प्रेम, भलाई, और धैर्य के स्वाद को चखने का। - मार्ट डीहान


परस्पर एक-दूसरे द्वारा मसीही विश्वास की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति करने 
की प्रेरणा देने से बढ़कर भला कार्य और क्या होगा?

इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। - रोमियों 14:19

बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 5:9-23
1 Thessalonians 5:9 क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये ठहराया कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें।
1 Thessalonians 5:10 वह हमारे लिये इस कारण मरा, कि हम चाहे जागते हों, चाहे सोते हों: सब मिलकर उसी के साथ जीएं।
1 Thessalonians 5:11 इस कारण एक दूसरे को शान्‍ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो।
1 Thessalonians 5:12 और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो।
1 Thessalonians 5:13 और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में मेल-मिलाप से रहो।
1 Thessalonians 5:14 और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ।
1 Thessalonians 5:15 सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्‍पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्‍टा करो।
1 Thessalonians 5:16 सदा आनन्‍दित रहो।
1 Thessalonians 5:17 निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो।
1 Thessalonians 5:18 हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।
1 Thessalonians 5:19 आत्मा को न बुझाओ।
1 Thessalonians 5:20 भविष्यद्वाणियों को तुच्‍छ न जानो।
1 Thessalonians 5:21 सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो।
1 Thessalonians 5:22 सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।
1 Thessalonians 5:23 शान्‍ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21



बुधवार, 19 जून 2019

जोशीले



      कुछ महीने पहले मुझे ई-मेल से ‘जोशीले’ लोगों के एक समूह का सदस्य बनने का निमंत्रण मिला। मैंने उत्सुकतावश उस निमंत्रण के संदर्भ में ‘जोशीले’ शब्द के तात्पर्य को समझने के लिए, उस शब्द का थोड़ा अध्ययन किया। मेरे अध्ययन से मुझे पता चला कि उनका ‘जोशीले’ शब्द द्वारा अभिप्राय था ऐसा व्यक्ति जो सफल होने के लिए दृढ़ निश्चय है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करने को तैयार है।

      क्या ऐसा ‘जोशीला’ व्यक्ति होना सही है? परमेश्वर का वचन बाइबल हमें इसके लिए एक अचूक जाँच प्रदान करती है: सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिए किया जाए (1 कुरिन्थियों 10:31)। बहुत बार हम काम अपनी बड़ाई, अपनी महिमा के लिए करते हैं। बाइबल में हम देखते हैं कि नूह के समय की जल प्रलय के पश्चात, कुछ लोगों ने अपने नाम के लिए एक गुम्मट बनाना चाहा (उत्पत्ति 11:4)। वे प्रसिद्धि चाहते थे और सँसार भर में तित्तर-बित्तर होने से बचना चाहते थे। परन्तु क्योंकि वे परमेश्वर को महिमा देने के लिए कार्य नहीं कर रहे थे, इसलिए उनका ऐसे जोशीला होना सही नहीं था, और असफल रहा।

      इसकी तुलना में, जब राजा सुलेमान ने नव-निर्मित मंदिर और वाचा के सन्दूक को समर्पित किया, तो अपनी प्रार्थना में कहा, “...इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम से इस भवन को बनाया है” (1 राजाओं 8:20)। फिर उसने आगे कहा, “वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब मार्गों पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें” (पद 58)।

      जब हमारी सर्वोच्च इच्छा परमेश्वर को महिमा देने और उसकी आज्ञाकारिता में चलते रहने की रहती है, तो हम ‘जोशीले’ व्यक्ति हो जाते हैं जो प्रभु यीशु से प्रेम और उसकी सेवकाई पवित्र-आत्मा की सामर्थ्य से करना चाहते हैं, और हमारी प्रार्थनाएं भी सुलेमान की प्रार्थनाओं के समान होती हैं, “तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज के समान उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो” (पद 61)। - केला ओकोआ


जो भी करो परमेश्वर की महिमा के लिए करो।

सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। - 1 कुरिन्थियों 10:31

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 8:54-63
1 Kings 8:54 जब सुलैमान यहोवा से यह सब प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाए हुए था, सो यहोवा की वेदी के साम्हने से उठा,
1 Kings 8:55 और खड़ा हो, समस्त इस्राएली सभा को ऊंचे स्वर से यह कहकर आशीर्वाद दिया, कि धन्य है यहोवा,
1 Kings 8:56 जिसने ठीक अपने कथन के अनुसार अपनी प्रजा इस्राएल को विश्राम दिया है, जितनी भलाई की बातें उसने अपने दास मूसा के द्वारा कही थीं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।
1 Kings 8:57 हमारा परमेश्वर यहोवा जैसे हमारे पुरखाओं के संग रहता था, वैसे ही हमारे संग भी रहे, वह हम को त्याग न दे और न हम को छोड़ दे।
1 Kings 8:58 वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब मार्गों पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें।
1 Kings 8:59 और मेरी ये बातें जिनकी मैं ने यहोवा के साम्हने बिनती की है, वह दिन और रात हमारे परमेश्वर यहोवा के मन में बनी रहें, और जैसा दिन दिन प्रयोजन हो वैसा ही वह अपने दास का और अपनी प्रजा इस्राएल का भी न्याय किया करे,
1 Kings 8:60 और इस से पृथ्वी की सब जातियां यह जान लें, कि यहोवा ही परमेश्वर है; और कोई दूसरा नहीं।
1 Kings 8:61 तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज के समान उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो।
1 Kings 8:62 तब राजा समस्त इस्राएल समेत यहोवा के सम्मुख मेलबलि चढ़ाने लगा।
1 Kings 8:63 और जो पशु सुलैमान ने मेलबलि में यहोवा को चढ़ाए, सो बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़ें थीं। इस रीति राजा ने सब इस्राएलियों समेत यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की।

एक साल में बाइबल:  
  • नहेम्याह 12-13
  • प्रेरितों 4:23-37



मंगलवार, 18 जून 2019

सिद्ध पिता



      एक बार मेरे पिता ने मेरे सामने स्वीकार किया, “जब तुम बड़ी हो रही थीं, तो बहुधा मैं घर से बाहर होता था।” लेकिन मुझे ऐसा कुछ स्मरण नहीं आता है। अपनी नौकरी को उसका समय देने के अतिरिक्त, वे कुछ संध्या-समय चर्च में संगीत-मण्डली को अभ्यास करवाने के लिए जाया करते थे, और कभी-कभी वे पुरुषों के गायन समूह के साथ एक-दो सप्ताह के लिए बाहर जाया करते थे। लेकिन मेरे बचपन के सभी महत्वपूर्ण (और कुछ छोटे अवसरों में भी), वे सदा उपस्थित रहा करते थे।

      उदाहरण के लिए, जब मैं आठ वर्ष की थी, दोपहर को आयोजित होने वाले स्कूल के एक नाटक में मेरी छोटी सी भूमिका थी। उस नाटक को देखने के लिए सभी बच्चों की माताएँ तो आईं थीं, परन्तु पिता केवल एक ही बच्चे के आए थे – मेरे! अनेकों छोटे-छोटे तरीकों से उन्होंने मुझे और मेरी बहनों को यह जता दिया था कि हम उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, और वे हम से प्रेम करते हैं। और, मेरी माँ के जीवन के अंतिम वर्षों में, जब वे बीमारी से असक्षम हो गई थीं, जिस प्रेम और कोमलता से मेरे पिता ने उनकी देख-भाल और सेवा की, उससे मैंने सीखा कि स्वार्थहीन प्रेम  क्या होता है। मेरे पिता सिद्ध नहीं हैं, परन्तु वे सदा ही ऐसे पिता रहे हैं जो मेरे स्वर्गीय परमेश्वर पिता के प्रेम और देखभाल का एहसास दिलाते हैं। और प्रत्येक मसीही पिता को ऐसा ही होना चाहिए।

      कभी-कभी सांसारिक पिता अपने बच्चों को निराश अथवा दुखी करते हैं; परन्तु हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता, “दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है” (भजन 103:8)। जब प्रभु परमेश्वर से प्रेम करने वाला एक पिता अपने बच्चों को सुधारता है, सांत्वना देता है, उन्हें सिखाता है, और उनकी आवश्यकताओं के लिए प्रावधान करता है, वह हमारे सिद्ध स्वर्गीय पिता के नमूने को उन्हें दिखाता है। - सिंडी हैस कैस्पर


मसीह के लिए व्यतीत किया गया जीवन 
वह सर्वोत्तम विरासत है जिसे हम अपने बच्चों के लिए छोड़ सकते हैं।

जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। - भजन 103:13

बाइबल पाठ: नीतिवचन 20:3-7
Proverbs 20:3 मुकद्दमे से हाथ उठाना, पुरूष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं।
Proverbs 20:4 आलसी मनुष्य शीत के कारण हल नहीं जोतता; इसलिये कटनी के समय वह भीख मांगता, और कुछ नहीं पाता।
Proverbs 20:5 मनुष्य के मन की युक्ति अथाह तो है, तौभी समझ वाला मनुष्य उसको निकाल लेता है।
Proverbs 20:6 बहुत से मनुष्य अपनी कृपा का प्रचार करते हैं; परन्तु सच्चा पुरूष कौन पा सकता है?
Proverbs 20:7 धर्मी जो खराई से चलता रहता है, उसके पीछे उसके लड़के बाले धन्य होते हैं।

एक साल में बाइबल:  
  • नहेम्याह 10-11
  • प्रेरितों 4:1-22



सोमवार, 17 जून 2019

साथ



      परिवार के एक सदस्य के विवाह से घर लौटते समय, उस दो घंटे की यात्रा में, मेरी माँ ने तीन बार मुझसे पूछा कि मेरी नौकरी में नया क्या है। मैंने बार-बार अपनी नौकरी से संबंधित विवरण को ऐसे दोहराया मानो पहली बार बता रही हूँ; और साथ ही यह विचार करने लगी कि ऐसा क्या किया जा सकता है जिससे मेरे शब्द अधिक स्मरणीय हो सकें। मेरी माँ को एलज्हाईमर्स नामक मस्तिष्क की बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे व्यक्ति की स्मरण शक्ति समाप्त होती चली जाती है, व्यवहार पर बुरा प्रभाव पड़ता और बढ़ता जाता है, और बोलना भी बन्द हो सकता है, तथा और भी ऐसी लाचारियाँ आ सकती हैं।

      मैं अपनी माँ की बिमारी को लेकर दुखी हूँ, परन्तु धन्यवादी भी हूँ कि वे अभी हमारे साथ हैं, और हम साथ समय बिता सकते हैं, बात कर सकते हैं। मैं यह देखकर बहुत उत्साहित होती हूँ कि जब भी मैं उनके पास जाती हूँ, मुझे देखकर उनका चेहरा खिल उठता है और वे बड़े जोश में कहती हैं “एलीसन! तुम्हारा आना कितना अच्छा आश्चर्य है।” हम एक दूसरे की संगति का आनन्द लेते हैं; और खामोशी में भी जब माँ को कहने के लिए शब्द बन नहीं पड़ते हैं, तब भी हम एक-दूसरे की संगति से खुश होते हैं।

      यह संभवतः परमेश्वर के साथ हमारे संबंध की एक छोटी से झलक के समान है। परमेश्वर का वचन, बाइबल हमें बताती है कि, “यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं” (भजन 147:11)। जो प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते हैं, उसमें विश्वास लाते हैं, परमेश्वर उन्हें अपनी सन्तान मानता है (यूहन्ना 1:12)। और क्योंकि वह हमसे एक पिता के समान प्रेम करता है, इसलिए हम चाहे वही अनुरोध बारंबार क्यों न करें, या हमारे पास व्यक्त करने के लिए शब्द न भी हों, तब भी वह हमारे प्रति धैर्य रखता है, क्योंकि उसे हमारी संगति अच्छी लगती है। जब हम प्रार्थना में उसके साथ होते हैं, उससे अपने मन की बात कहते हैं, उसे अच्छा लगता है, चाहे हम सही शब्द प्रयोग न भी करने पाएँ। परमेश्वर का वायदा है कि वह सदा हमारे साथ बना रहेगा। - एलीसन कीडा


परमेश्वर हमारे साथ से प्रसन्न होता है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: भजन 147:1-11
Psalms 147:1 याह की स्तुति करो! क्योंकि अपने परमेश्वर का भजन गाना अच्छा है; क्योंकि वह मन भावना है, उसकी स्तुति करनी मन भावनी है।
Psalms 147:2 यहोवा यरूशलेम को बसा रहा है; वह निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठा कर रहा है।
Psalms 147:3 वह खेदित मन वालों को चंगा करता है, और उनके शोक पर मरहम- पट्टी बान्धता है।
Psalms 147:4 वह तारों को गिनता, और उन में से एक एक का नाम रखता है।
Psalms 147:5 हमारा प्रभु महान और अति सामर्थी है; उसकी बुद्धि अपरम्पार है।
Psalms 147:6 यहोवा नम्र लोगों को सम्भलता है, और दुष्टों को भूमि पर गिरा देता है।
Psalms 147:7 धन्यवाद करते हुए यहोवा का गीत गाओ; वीणा बजाते हुए हमारे परमेश्वर का भजन गाओ।
Psalms 147:8 वह आकाश को मेघों से छा देता है, और पृथ्वी के लिये मेंह की तैयारी करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है।
Psalms 147:9 वह पशुओं को और कौवे के बच्चों को जो पुकारते हैं, आहार देता है।
Psalms 147:10 न तो वह घोड़े के बल को चाहता है, और न पुरूष के पैरों से प्रसन्न होता है;
Psalms 147:11 यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं।

एक साल में बाइबल:  
  • नहेम्याह 7-9
  • प्रेरितों 3



रविवार, 16 जून 2019

जिलाए



      मेरे पिता युवावस्था में, अपने मित्रों के साथ शहर से बाहर जा रहे थे, कि वर्षा से गीली सड़क पर उनकी कार के टायर फिसलने से कार की भयानक दुर्घटना हो गई, जिससे उनके एक मित्र की मृत्यु हो गई, दूसरे को लकवा मार गया, और मेरे पिता को मृतक कह कर शव-ग्रह में डाल दिया गया। उनके स्तब्ध और शोक-संतप्त माता-पिता उनकी देह की पहचान करने के लिए शव-ग्रह पहुँचे, तो पता चला कि वो गहरी बेहोशी में हैं, जिसमें से फिर उन्हें निकाला और बचाया जा सका। उनके परिवार का विलाप आनन्द में परिवर्तित हो गया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में इफिसियों 2 अध्याय में प्रेरित पौलुस हमें स्मरण करवाता है कि मसीह यीशु के बिना हम “अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे” (पद 1)। परन्तु हमारे प्रति उसके महान प्रेम के अन्तर्गत, “परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है)” (पद 4-5)। मसीह यीशु में होकर हम मृत्यु से जिलाए गए हैं।

      इसलिए प्रत्येक दृष्टिकोण से हमारे जीवनों के लिए हम अपने स्वर्गीय पिता के आभारी हैं। पिता परमेशर ने अपने महान प्रेम में होकर हमारे लिए, जो पाप में मरे हुए थे, उसके पुत्र प्रभु यीशु द्वारा हमें जिलाया और हमारे जीवन को उद्देश्य दिया। - बिल क्राउडर


हम ऐसे क़र्ज़ से दबे थे जिसे चुका नहीं सकते थे; 
हमारे लिए प्रभु यीशु ने वो क़र्ज़ चुका दिया जो उसका नहीं था।

और वह [प्रभु यीशु] इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। - 2 कुरिन्थियों 5:15

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया।
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे।
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।

एक साल में बाइबल:  
  • नहेम्याह 4-6
  • प्रेरितों 2:22-47