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बुधवार, 31 दिसंबर 2014

विचार


   आज, इस वर्ष के अन्तिम दिन में, जब हम आने वाले नव वर्ष की ओर नई योजनाओं और निर्णयों के साथ देखते हैं, तो बीते समय के परमेश्वर भक्त लोगों की आवाज़ें हमें उस बात के बारे में भी विचार करने के लिए कहती हैं जिसे हम नज़रन्दाज़ करके रखना चाहते हैं - हमारी मृत्यु!

   थोमस केम्पिस (1379-1471) ने लिखा, "वह आनन्द से है जो अपनी मृत्यु की घड़ी को सदा अपने सम्मुख रखता है और प्रतिदिन अपने आप को उस घड़ी के लिए तैयार बनाए रखता है"। फ्रांसिओ फेनलॉन (1651-1715) ने लिखा, "जो लोग मृत्यु के बारे में विचार करना नहीं चाहते और एक अवश्यंभावी बात को नज़रन्दाज़ करके रखना चाहते हैं - एक ऐसी बात जिसके बारे में अकसर विचार करने से हम आनन्दित ही हो सकते हैं, उनके अन्धेपन की हर भर्त्सना कम ही होगी। मृत्यु का विचार केवल सांसारिक परिपेक्ष रखने वाले लोगों को ही परेशान कर सकता है"। ये लोग मृत्यु के विषय एक निराशाजनक मानसिकता में विचाराधीन रहने के बात नहीं कर रहे थे; जीवन के प्रति उनका नज़रिया सकारात्माक तथा गतिशील था और वे भरपूरी का जीवन जीने वाले लोग थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद के द्वारा अपने एक भजन में कही बात के अनुरूप हमें भी परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए; दाऊद ने परमेश्वर से प्रार्थना करी: "हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा अनित्य हूं! देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं" (भजन 39:4-5)। इस भजन में दाऊद आगे उन लोगों के लिए भी लिखता है जो व्यर्थ ही परिश्रम करते रहते हैं, संपदा एकत्रित करते रहते हैं और यह नहीं जानते कि उनके बाद कौन उसका अधिकारी होगा (पद 6)। उसका निषकर्ष था कि परमेश्वर ही है जिसमें विश्वास और आशा बनाए रखने से वह आत्मिक विद्रोह और विनाश से बचा रह सकता है (पद 7-8)।

   इस वर्ष का अन्त और नए वर्ष की आशा एक उपयुक्त समय है इस पृथ्वी पर अपने जीवन की संक्षिप्तता और परमेश्वर पर अपनी आशा और विश्वास पर विचार करने का - और यह निर्णय करने का ये विचार हमारे साथ प्रतिदिन बने रहेंगे। - डेविड मैक्कैसलैंड


मृत्यु की अवश्यंभाविता पर विचार करते रहना जीवन के प्रति सकारात्मक और गतिशील रवैया बनाए रखता है।

हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं। - भजन 90:12

बाइबल पाठ: भजन 39
Psalms 39:1 मैं ने कहा, मैं अपनी चाल चलन में चौकसी करूंगा, ताकि मेरी जीभ से पाप न हो; जब तक दुष्ट मेरे साम्हने है, तब तक मैं लगाम लगाए अपना मुंह बन्द किए रहूंगा। 
Psalms 39:2 मैं मौन धारण कर गूंगा बन गया, और भलाई की ओर से भी चुप्पी साधे रहा; और मेरी पीड़ा बढ़ गई, 
Psalms 39:3 मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था। सोचते सोचते आग भड़क उठी; तब मैं अपनी जीभ से बोल उठा; 
Psalms 39:4 हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा अनित्य हूं! 
Psalms 39:5 देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं। 
Psalms 39:6 सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा! 
Psalms 39:7 और अब हे प्रभु, मैं किस बात की बाट जोहूं? मेरी आशा तो तेरी ओर लगी है। 
Psalms 39:8 मुझे मेरे सब अपराधों के बन्धन से छुड़ा ले। मूढ़ मेरी निन्दा न करने पाए। 
Psalms 39:9 मैं गूंगा बन गया और मुंह न खोला; क्योंकि यह काम तू ही ने किया है। 
Psalms 39:10 तू ने जो विपत्ति मुझ पर डाली है उसे मुझ से दूर कर दे, क्योंकि मैं तो तरे हाथ की मार से भस्म हुआ जाता हूं। 
Psalms 39:11 जब तू मनुष्य को अधर्म के कारण डाँट डपटकर ताड़ना देता है; तब तू उसकी सुन्दरता को पतंगे की नाईं नाश करता है; सचमुच सब मनुष्य व्यर्थ अभिमान करते हैं।
Psalms 39:12 हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, और मेरी दोहाई पर कान लगा; मेरा रोना सुनकर शांत न रह! क्योंकि मैं तेरे संग एक परदेशी यात्री की नाईं रहता हूं, और अपने सब पुरखाओं के समान परदेशी हूं। 
Psalms 39:13 आह! इस से पहिले कि मैं यहां से चला जाऊं और न रह जाऊं, मुझे बचा ले जिस से मैं प्रदीप्त जीवन प्राप्त करूं!

एक साल में बाइबल: 
  • प्रकाशितवाक्य 19-22

आप सभी के लिए आता नव-वर्ष आशीष पूर्ण एवं मंगलमय हो

मंगलवार, 30 दिसंबर 2014

चिरस्थायी


   हॉबी लॉबी स्टोर्स को स्थापित करने वाले परिवार के सभी सदस्य नया जन्म पाए हुए मसीही विश्वासी हैं। उनका अध्यक्ष, स्टीव ग्रीन परमेश्वर के वचन बाइबल के बारे में बहुत जोशीला है और वह एक ऐसा संग्रहालय बनाना चाहता है जहाँ सारे संसार से लाई गई बाइबल संबंधी दुर्लभ पुस्तकें और पाण्डुलिपियाँ प्रदर्शित हो सकें। स्टीव का कहना है कि, "हम सभी लोगों में बाइबल की बातों को जानने और सीखने के बारे में रुचि जगाना चाहते हैं। बाइबल की बातों को संसार के सामने रखना इस संग्रहालय का उद्देश्य होगा। जितना प्रेम बाइबल से, या फिर जितना विरोध बाइबल का हुआ है, सारे संसार की किसी भी अन्य पुस्तक का कभी नहीं हुआ। इसकी विलक्षण बातों को संसार के सामने रखा जाना ही चाहिए।"

   समय के साथ बाइबल को मिटा देने के अनेक प्रयास हुए होते रहे हैं, किंतु वह आज भी सारे संसार में सबसे अधिक छपने और खरीदे जाने वाली पुस्तक है, संसार की लगभग प्रत्येक भाषा में बाइबल का या उसके एक भाग का अनुवाद हो चुका है और उसे किसी ना किसी माध्यम से प्रकाशित किया जा चुका है - संसार के इतिहास में किसी भी अन्य पुस्तक को यह उपलब्धी नहीं है; और वह संग्रहालय बाइबल की इस कहानी को दिखाएगा। बाइबल के नए नियम खण्ड की पुस्तकों की आज जो प्रतिलिपियाँ हमारे पास उपलब्ध हैं वे लगभग उस समय की हैं जब उन में लिखी घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी विद्यमान थे - संसार की किसी भी अन्य पुस्तक की, उस में लिखी घटनओं के समय जितनी प्राचीन और इतनी मात्रा में उपलब्ध प्रतिलिपियाँ कहीं भी नहीं हैं। बाइबल की इन प्राचीन पुस्तकों में प्रभु यीशु के बारे में दिए गए विवरण, युनानी दार्शनिक सुकरात अथवा रोमी सम्राट कैसर के बारे में उपलब्ध विवरणों से अधिक विश्वासयोग्य हैं, स्त्यापनीय हैं।

   बाइबल के विषय यह सब कोई अचरज की बात नहीं है क्योंकि परमेश्वर स्वयं बाइबल का लिखवाने वाला और उसे लोगों तथा परिस्थितियों में सुरक्षित रखकर आज तक उसे उपलब्ध करवाते रहने वाला रहा है। इसीलिए यशायाह की पुस्तक में लिखा है, "घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा" (यशायाह 40:8)।

   जब भी आप बाइबल को एक खुले और पक्षपात रहित मन से पढ़ते हैं, उसका सन्देश आपको परमेश्वर के निकट आने और फिर बाइबल के सन्देश को दूसरों के साथ बाँटने को प्रेरित करता है; क्योंकि बाइबल ही समस्त मानव जाति के लिए परमेश्वर का एकमात्र एवं चिरस्थायी सन्देश है। - डेनिस फिशर


सारे संसार के समस्त साहित्य में बाइबल के तुल्य और कुछ नहीं है।

मैं तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत करूँगा, और तेरी करुणा और सच्चाई के कारण तेरे नाम का धन्यवाद करूँगा, क्योंकि तू ने अपने वचन को अपने बड़े नाम से अधिक महत्त्व दिया है। - भजन 138:2

बाइबल पाठ: यशायाह 40:1-8
Isaiah 40:1 तुम्हारा परमेश्वर यह कहता है, मेरी प्रजा को शान्ति दो, शान्ति! 
Isaiah 40:2 यरूशलेम से शान्ति की बातें कहो; और उस से पुकार कर कहो कि तेरी कठिन सेवा पूरी हुई है, तेरे अधर्म का दण्ड अंगीकार किया गया है: यहोवा के हाथ से तू अपने सब पापों का दूना दण्ड पा चुका है।
Isaiah 40:3 किसी की पुकार सुनाई देती है, जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो। 
Isaiah 40:4 हर एक तराई भर दी जाए और हर एक पहाड़ और पहाड़ी गिरा दी जाए; जो टेढ़ा है वह सीधा और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस किया जाए। 
Isaiah 40:5 तब यहोवा का तेज प्रगट होगा और सब प्राणी उसको एक संग देखेंगे; क्योंकि यहोवा ने आप ही ऐसा कहा है।
Isaiah 40:6 बोलने वाले का वचन सुनाई दिया, प्रचार कर! मैं ने कहा, मैं क्या प्रचार करूं? सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है। 
Isaiah 40:7 जब यहोवा की सांस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है। 
Isaiah 40:8 घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रकाशितवाक्य 16-18


सोमवार, 29 दिसंबर 2014

सीमाएं


   मैं इतने वर्षों से लोगों के मध्य कार्य कर रहा हूँ लेकिन आज तक मैं किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिला हूँ जिसका जीवन परमेश्वर की आज्ञाकारिता के कारण अव्यवस्थित या परेशानियों से भरा हुआ हो। लेकिन आज के इस समय में जब व्यक्तिगत स्वतंत्रता एक अटल, अपरिवर्तनीय अधिकार के रूप में देखी जाती है, परमेश्वर के नियमों के अनुसार जीवन संचालित करने की बात करना उस व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला करने के समान देखा जाता है। जो कोई परमेश्वर की सीमाओं के पक्ष में बोलता है उसे लोग अपने जीवन की सीमाओं से बाहर रखना चाहते हैं। लेकिन व्यक्तिगत स्वतंत्रता के इस उन्माद में हमें इस बात को नज़रन्दाज़ नहीं करना चाहिए कि हमारा समाज जीवन की व्यर्थता और निराशा की बढ़ती हुई भावना से भी ग्रसित होता जा रहा है।

   लेकिन परमेश्वर के लोगों का परमेश्वर की सीमाओं के प्रति एक अलग नज़रिया होना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल के भजनकार के समान हमें यह मानकर चलना चाहिए कि आशीषित जीवन परमेश्वर के नियमों में आनन्दित रहने से ही होता है, ना कि उनके साथ रहने, खड़े होने, चलने से जो परमेश्वर के विरुद्ध रहते हैं (भजन 1:1-2)। प्रभु यीशु मसीह का प्रत्येक विश्वासी यह समझ लेगा कि परमेश्वर के नियम हमारे जीवन से आनन्द चुरा लेने के लिए नहीं वरन जीवन को आनन्द से भर देने के लिए हैं। वे नियम परमेश्वर की बुद्धिमता द्वारा लगाए गए बाड़े हैं जो हमें लापरवाही के जीवन द्वारा आने वाले छल और परेशानियों से बचा कर रखते हैं।

   इसलिए अगली बार जब आपके सामने परमेश्वर की सीमाओं को लाँघने का प्रलोभन आए, तो ऐसा करने से पहले उन सीमाओं के अन्दर आपको रखने के पीछे परमेश्वर के प्रेम भरे उद्देश्य पर थोड़ा विचार अवश्य कर लीजिएगा। सीमाओं के लिए कुड़कुड़ाएं नहीं वरन उनके लिए, उनके कारण जीवन में मिलने वाली आशीषों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें। - जो स्टोवैल


परमेश्वर की सीमाएं आपको उसकी आशीषों के दायरे में बनाए रखती हैं।

क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं! क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं! - भजन 119:1-2

बाइबल पाठ: भजन 1
Psalms 1:1 क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है! 
Psalms 1:2 परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है। 
Psalms 1:3 वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है।
Psalms 1:4 दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है। 
Psalms 1:5 इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; 
Psalms 1:6 क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रकाशितवाक्य 13-15


रविवार, 28 दिसंबर 2014

भला और बुरा


   आग जलाते समय कभी-कभी हवा तेज़ होती है और मुझे आग जलाने नहीं देती; कभी जब आग जल रही होती है और मध्यम पड़ने लगती है तो हवा के झोंके उसे तेज़ कर देने में सहायक हो जाते हैं। वही हवा एक परिस्थिति में तो मेरे लिए बुरी और दूसरी में मेरे लिए अच्छी हो जाती है! जहाँ वह मेरी योजना और कार्य में बाधा बनती है मैं उसे बुरा मान लेता हूँ, और जहाँ वह मेरी सहायक हो जाती है, मैं उसे अच्छा मान लेता हूँ। हवा तो वही है, फर्क केवल मेरे परिपेक्ष और आँकलन का है।

   यह एक उदाहरण है उस विरोधाभास का जिसके अन्तर्गत हम परिस्थितियों अथवा लोगों के विषय में निर्णय लेते हैं या राय व्यक्त करते हैं। यदि वे हमारी योजनाओं और कार्यविधियों में सहायक होते हैं तो अच्छे हैं, यदि बाधा बनते हैं या सहायक नहीं होते तो बुरे हैं।

   लेकिन भले और बुरे की सही पहचान हमें परमेश्वर से मिलती है, जिसके मानक सदा सिद्ध और पक्षपात रहित होते हैं, जो समय, परिस्थितियों, लोगों और आवश्यकताओं के अनुसार बदलते नहीं हैं। उसकी नज़र में भला या बुरा वह नहीं है जो हम मनुष्यों की योजना और सोच के अनुसार भला या बुरा है; वरन भला या बुरा वह है जो उसके स्थापित मानकों के अनुसार भला या बुरा है, जो उसकी योजनाओं की पूर्ति में सहायक या बाधक है। हम मसीही विश्वासियों के लिए परमेश्वर की योजना है कि हम "...एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो" (1 पतरस 2:9)।

   परमेश्वर की इस योजना की पूर्ति के लिए हमें सब लोगों को आदर देना है, सभी मसीही विश्वासियों से प्रेम रखना है, परमेश्वर के भय और भक्ति में जीवन व्यतीत करना है और अपने ऊपर अधिकार रखने वालों का सम्मान करना है चाहे वे हमारे मन के अनुरूप हों अथवा नहीं (पद 17-18)। हमारे इस व्यवहार को देख कर उन अविश्वासियों में विश्वास की चिंगारी जगने की संभावना बन जाएगी जो बुरी परिस्थितियों में भी हमारे भले व्यवहार को देखेंगे; और हमारा ऐसा व्यवहार परमेश्वर की महिमा और गौरव का कारण ठहरेगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब परिस्थितियाँ बुरी प्रतीत हों तो स्मरण रखिए कि परमेश्वर सदैव भला रहता है।

जो मन के टेढ़े है, उन से यहोवा को घृणा आती है, परन्तु वह खरी चाल वालों से प्रसन्न रहता है। - नीतिवचन 11:20

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:9-25
1 Peter 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। 
1 Peter 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।
1 Peter 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। 
1 Peter 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1 Peter 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है। 
1 Peter 2:14 और हाकिमों के, क्योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं। 
1 Peter 2:15 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो। 
1 Peter 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो। 
1 Peter 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1 Peter 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी। 
1 Peter 2:19 क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है। 
1 Peter 2:20 क्योंकि यदि तुम ने अपराध कर के घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम कर के दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है। 
1 Peter 2:21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो। 
1 Peter 2:22 न तो उसने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली। 
1 Peter 2:23 वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौपता था। 
1 Peter 2:24 वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। 
1 Peter 2:25 क्योंकि तुम पहिले भटकी हुई भेड़ों की नाईं थे, पर अब अपने प्राणों के रखवाले और अध्यक्ष के पास फिर आ गए हो।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रकाशितवाक्य 9-12


शनिवार, 27 दिसंबर 2014

विजयी रणनीति


   जिन दिनों मैं हाई-स्कूल में बास्केट-बॉल प्रशिक्षक का कार्य किया करता था, मैंने एक बार एक बड़ी गलती कर दी - एक मैच से पहले मैंने अपने प्रतिद्वंदियों के बारे में जानकारी लेने के लिए अपने कुछ खिलाड़ियों को भेज दिया। उन्होंने आकर हमें बताया कि हम उस प्रतिद्वंदी टीम को आसानी से हरा सकते हैं। उनकी इस सूचना से हम अपनी क्षमता और तैयारी के प्रति अतिआश्वस्त हो गए, अपनी तैयारी में ढीले पड़ गए और हम वह मैच हार गए। अपनी क्षमता पर आवश्यकता से अधिक विश्वास रखना और प्रतिद्वंदी को अपने से कमज़ोर समझना अकसर हार के कारण होते हैं - सांसारिक जीवन में भी और आत्मिक जीवन में भी, जिसके लिए शैतान हमें अनेकों तरीकों से गिराने, फंसाने के प्रयास करता रहता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में ऐसी ही एक घटना का उल्लेख है जिससे हम इस बारे में शिक्षा ले सकते हैं - ऐ के युद्ध में इस्त्राएल की पराजय। कनान की भूमि में प्रवेश के पश्चात इस्त्राएलियों का पहला युद्ध यरीहो के निवासियों से हुआ, जिन्हें इस्त्राएलियों ने बड़ी सरलता से हरा दिया। अगला युद्ध ऐ से था, और इस्त्रएली गुप्तचरों ने समाचार दिया कि यरीहो के मुकाबले ऐ एक छोटा सा स्थान है, जिसे हराना कठिन नहीं होगा। गुप्तचरों के समाचार के अनुसार इस्त्राएलियों की एक छोटी सेना ने ऐ पर धावा बोला, परन्तु विजय के स्थान पर उन्हें पराजय मिली और उनके 36 सैनिक भी मारे गए। ऐ की इस पराजय में केवल गुप्तचरों से मिले आँकलन का दोष नहीं था, कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी थीं जिनसे हम आज भी अपने जीवन के लिए शिक्षा ले सकते हैं।

   ऐ से पहले यरीहो पर मिली विजय इसलिए संभव हुई थी क्योंकि इस्त्राएल के सेनानायक यहोशु को उस युद्ध के लिए परमेश्वर की योजना का पता था; लेकिन ऐ के युद्ध से पहले कहीं ऐसा वर्णन नहीं है कि यहोशु ने परमेश्वर से इस के बारे में कुछ पूछा या जाना हो; उसने केवल मनुष्यों से मिली सूचना और आँकलन पर ही विश्वास किया और उसके अनुसार योजना बनाई तथा कार्य किया। यरीहो के युद्ध से पहले इस्त्राएल के लोगों ने अपने आप को परमेश्वर के वचन के अनुसार तैयार किया था, उसकी आज्ञाकारिता में रही कमी की पूर्ति करी थी (यहोशू 5:2-8) लेकिन ऐ के युद्ध से पहले कहीं यह देखने को नहीं मिलता कि उन्होंने अपने आप को परमेश्वर के सम्मुख जाँचा हो, उसे अपना समर्पण किया हो, आत्मिक रीति से तैयार हुए हों। ऐ की पराजय का कारण इस्त्राएल की छावनी में छुपा पाप था - एक इस्त्राएली सैनिक, आकान ने यरीहो की लूट में से अर्पण की हुई वस्तुओं में से चुरा कर अपने डेरे में उसे छुपा लिया था (यहोशू 7:1)। जब तक वह पाप उनके मध्य था, इसत्राएली विजयी नहीं हो सकते थे; उस पाप का प्रगट किया जाना, उसके दोष से मुक्त होना और पुनः अपने आप को परमेश्वर के प्रति समर्पित करना आवश्यक था (यहोशू 7:16-26)। जब इस्त्राएलियों ने ऐसा किया, तत्पश्चात ही परमेश्वर ने उन्हें ऐ पर विजयी होने की रणनीति बताई (यहोशू 8:1-7)।

   प्रतिदिन के जीवन में हमें अपने कार्यों तथा ज़िम्मेदारियों में अनेकों निर्णय लेने की ’युद्धस्थितियों’ से होकर निकलना पड़ता है और कई बार निराशाओं तथा अनापेक्षित परिणामों का सामना भी करना पड़ता है। परमेश्वर की आज्ञाकारिता, उसके प्रति समर्पण तथा उसके सम्मुख पापों का अंगीकार एवं उनके लिए उससे क्षमा प्रार्थना ही हमें दैनिक जीवन के लिए परमेश्वर से मिलने वाली विजयी रणनीति प्रदान करवाती रहेंगी। - डेव ब्रैनन


मन की पवित्रता जीवन में सामर्थ्य प्रदान करवाती है।

सुनो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके, न वह ऐसा बहिरा हो गया है कि सुन न सके; परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम को तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है, और तुम्हारे पापों के कारण उस का मुँह तुम से ऐसा छिपा है कि वह नहीं सुनता। - यशायाह 59:1-2

बाइबल पाठ: यहोशू 7:1-13
Joshua 7:1 परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया; अर्थात यहूदा के गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्म्मी का पुत्र था, उसने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया; इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा।
Joshua 7:2 और यहोशू ने यरीहो से ऐ नाम नगर के पास, जो बेतावेन से लगा हुआ बेतेल की पूर्व की ओर है, कितने पुरूषों को यह कहकर भेजा, कि जा कर देश का भेद ले आओ। और उन पुरूषों ने जा कर ऐ का भेद लिया।
Joshua 7:3 और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, सब लोग वहां न जाएं, कोई दो वा तीन हजार पुरूष जा कर ऐ को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहां जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं। 
Joshua 7:4 इसलिये कोई तीन हजार पुरूष वहां गए; परन्तु ऐ के रहने वालों के साम्हने से भाग आए, 
Joshua 7:5 तब ऐ के रहने वालों ने उन में से कोई छत्तीस पुरूष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा कर के उतराई में उन को मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। 
Joshua 7:6 तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के साम्हने मुंह के बल गिरकर पृथ्वी पर सांझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने अपने सिर पर धूल डाली। 
Joshua 7:7 और यहोशू ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में कर के नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष कर के यरदन के उस पार रह जाते। 
Joshua 7:8 हाय, प्रभु मैं क्या कहूं, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! 
Joshua 7:9 क्योंकि कनानी वरन इस देश के सब निवासी यह सुनकर हम को घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा? 
Joshua 7:10 यहोवा ने यहोशू से कहा, उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भांति मुंह के बल पृथ्वी पर पड़ा है? 
Joshua 7:11 इस्राएलियों ने पाप किया है; और जो वाचा मैं ने उन से अपने साथ बन्धाई थी उसको उन्होंने तोड़ दिया है, उन्होंने अर्पण की वस्तुओं में से ले लिया, वरन चोरी भी की, और छल कर के उसको अपने सामान में रख लिया है। 
Joshua 7:12 इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के साम्हने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं, इसलिये कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु को सत्यानाश न कर डालोगे, तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूंगा। 
Joshua 7:13 उठ, प्रजा के लोगों को पवित्र कर, उन से कह; कि बिहान तक अपने अपने को पवित्र कर रखो; क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, कि हे इस्राएल, तेरे मध्य में अर्पण की वस्तु है; इसलिये जब तक तू अर्पण की वस्तु को अपने मध्य में से दूर न करे तब तक तू अपने शत्रुओं के साम्हने खड़ा न रह सकेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रकाशितवाक्य 4-8


शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014

स्वच्छ


   आजकल आप जहाँ भी जाएं, आपको अपने हाथों को स्वच्छ रखने तथा अपने आस-पास सफाई बनाए रखने के निर्देश दिखाई देंगे। स्वास्थ्य अधिकारी हमें निरन्तर स्मरण दिलाते रहते हैं कि रोग फैलाने वाले जीवाणुओं से बचे रहने का सबसे उत्तम उपाय है स्वच्छता - अपनी तथा अपने आस-पास की। इसीलिए सार्वजनिक स्थानों पर, जहाँ गन्दगी में जीवाणुओं के पनपने का और लोगों में एक से दूसरे तक जीवाणुओं के फैलने का अवसर सबसे अधिक होता है इस स्वच्छता को बनाए रखने के निर्देश सबसे अधिक मिलते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हमें ना केवल शारीरिक वरन आत्मिक स्वच्छता के विषय में शिक्षाएं मिलती हैं। दाऊद ने अपने लिखे एक भजन में परमेश्वर की उपस्थिति में आने के लिए आत्मिक स्वच्छता के बारे कहा: "यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है? और उसके पवित्र स्थान में कौन खड़ा हो सकता है? जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है" (भजन 24:3-4)। दाऊद यहाँ मन की अर्थात आत्मिक स्वच्छता की बात कर रहा है; एक ऐसे जीवन की जो परमेश्वर के भय और भक्ति में वह करने के लिए समर्पित है जो परमेश्वर को पसन्द है। ऐसा जीवन ही सच्ची आराधना के लिए परमेश्वर के सम्मुख खड़े रहने पाएगा।

   क्योंकि हम मसीही विश्वासियों में प्रभु का पवित्र आत्मा निवास करता है, इसलिए वह हमें कायल भी करता है कि हम एक स्वच्छ मन-मस्तिष्क रखने वाला जीवन व्यतीत करें, जहाँ से निकलने वाली सच्ची आराधना परमेश्वर को भावती तथा ग्रहणयोग्य हो। - बिल क्राउडर


सच्ची आराधना का उदगम प्रभु यीशु द्वारा स्वच्छ किए गए मन से होता है।

इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। - रोमियों 12:1-2

बाइबल पाठ: भजन 24
Psalms 24:1 पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी। 
Psalms 24:2 क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ कर के रखी, और महानदों के ऊपर स्थिर किया है।
Psalms 24:3 यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है? और उसके पवित्र स्थान में कौन खड़ा हो सकता है? 
Psalms 24:4 जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है। 
Psalms 24:5 वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा, और अपने उद्धार करने वाले परमेश्वर की ओर से धर्मी ठहरेगा। 
Psalms 24:6 ऐसे ही लोग उसके खोजी हैं, वे तेरे दर्शन के खोजी याकूब वंशी हैं।
Psalms 24:7 हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो। हे सनातन के द्वारों, ऊंचे हो जाओ। क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा। 
Psalms 24:8 वह प्रतापी राजा कौन है? परमेश्वर जो सामर्थी और पराक्रमी है, परमेश्वर जो युद्ध में पराक्रमी है! 
Psalms 24:9 हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो हे सनातन के द्वारों तुम भी खुल जाओ! क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा! 
Psalms 24:10 वह प्रतापी राजा कौन है? सेनाओं का यहोवा, वही प्रतापी राजा है।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रकाशितवाक्य 1-3


गुरुवार, 25 दिसंबर 2014

सन्देश


   रे टौमलिन्सन सन 1971 में लोगों और कंप्यूटर्स के बीच पारस्परिक क्रिया-प्रतिक्रीया पर कार्य कर रहे थे। जब उन्होंने अपने कंप्यूटर से अपने दफतर में स्थापित कंप्यूटर नेटवर्क से होकर एक अन्य कंप्यूटर को एक सन्देश भेजा तो वह विश्व का सबसे पहला ई-मेल था। आज, इस घटना के कई दशकों पश्चात, प्रतिदिन एक अरब से भी अधिक ई-मेल इधर से उधर भेजे जाते हैं। बहुत से ई-मेलों में महत्वपूर्ण सूचनाएं एवं जानकारियाँ होती हैं जो परिवारजनों, मित्रों या अन्य लोगों-जानकारों तक पहुँचानी होती हैं, लेकिन बहुत से ई-मेल अनचाहे विज्ञापनों के वाहक होते हैं और अनेक में तो विनाशकारी वायरस भी होते हैं जो ई-मेल खोलने पर उस कंप्यूटर में गड़बड़ी और खराबी ला सकते हैं, उसका अनुचित प्रयोग कर सकते हैं। इसलिए आज ई-मेल के प्रयोग से संबंधित एक नियम सा बन गया है, "यदि आप भेजेने वाले को नहीं जानते हैं या उस पर विश्वास नहीं रखते हैं तो ई-मेल को मत खोलिए।"

   परमेश्वर ने भी हमें अपने पुत्र प्रभु यीशु के रूप में एक सन्देश भेजा है, और क्योंकि परमेश्वर विश्वासयोग्य है, वह सदा ही हमारा भला ही चाहता है, इसलिए उसके सन्देश पर निसंकोच विश्वास किया जा सकता है, उसे पढ़ा जा सका सकता है। पुराने नियम के काल में परमेश्वर लोगों से अपने भविष्यद्वक्ताओं में होकर बोलता था, लेकिन बहुतेरों ने परमेश्वर के उस वचन का इन्कार किया; लेकिन उस सब कुछ का लक्ष्य था वर्तमान का सन्देश: "पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। इन दिनों के अन्‍त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्‍तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्‍टि रची है" (इब्रानियों 1:1-2)।

   संभव है कि हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के एक शिशु के रूप में इस संसार में आने के भेद से विस्मित हों, उसे समझ ना पाएं और अपने जीवनों को पूरी तरह से उसे समर्पित करने, उसे ग्रहण करने में हिचकिचाएं; लेकिन प्रभु यीशु का जन्म, जीवन, मृत्यु और मृतकों में से पुनरुत्थान ऐतिहासिक अकाट्य सत्य हैं।

   प्रभु यीशु का जन्म परमेश्वर द्वारा भेजा गया उसके प्रेम, आशा और हमारे लिए पापों के दोष से छुटकारे का अविस्मरणीय सन्देश है। क्या आप उस भेजने वाले पर विश्वास कर के उसके सन्देश को पढ़ेंगे, उसे अपने जीवन में स्थान देंगे? - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर द्वारा भेजा गया अनन्त आशीष और आशा का सन्देश आपके द्वारा पढ़े और ग्रहण किए जाने की प्रतीक्षा में है।


और हम तुम्हें उस प्रतिज्ञा के विषय में, जो बाप दादों से की गई थी, यह सुसमाचार सुनाते हैं। - प्रेरितों 13:32

बाइबल पाठ: इब्रानियों 1:1-9
Hebrews 1:1 पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। 
Hebrews 1:2 इन दिनों के अन्‍त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्‍तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्‍टि रची है। 
Hebrews 1:3 वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्‍व की छाप है, और सब वस्‍तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा। 
Hebrews 1:4 और स्‍वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उसने उन से बड़े पद का वारिस हो कर उत्तम नाम पाया। 
Hebrews 1:5 क्योंकि स्‍वर्गदूतों में से उसने कब किसी से कहा, कि तू मेरा पुत्र है, आज तू मुझ से उत्पन्न हुआ? और फिर यह, कि मैं उसका पिता हूंगा, और वह मेरा पुत्र होगा? 
Hebrews 1:6 और जब पहिलौठे को जगत में फिर लाता है, तो कहता है, कि परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसे दण्‍डवत करें। 
Hebrews 1:7 और स्‍वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, कि वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवकों को धधकती आग बनाता है। 
Hebrews 1:8 परन्तु पुत्र से कहता है, कि हे परमेश्वर तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा: तेरे राज्य का राजदण्‍ड न्याय का राजदण्‍ड है। 
Hebrews 1:9 तू ने धर्म से प्रेम और अधर्म से बैर रखा; इस कारण परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़कर हर्ष रूपी तेल से तुझे अभिषेक किया।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 यूहन्ना; 
  • 3 यूहन्ना; 
  • यहूदा


बुधवार, 24 दिसंबर 2014

अनुग्रह का पल


   प्रति वर्ष मैं कैमब्रिज, लण्डन में किंग्स कओलेज चैपल में होने वाली क्रिस्मस संध्या की उपासना का बी.बी.सी. द्वारा रेडियो पर प्रसारित होने वाला ’आँखों देखा हाल’ सुनना पसन्द करता हूँ। इस उपासना सभा में प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित नौ पाठ, क्रिसमस संगीत, परमेश्वर के वचन बाइबल के भागों का पढ़ा जाना, प्रार्थनाएं और सामूहिक गान सम्मिलित होते हैं। एक वर्ष मैं प्रसारणकर्ता द्वारा प्रयुक्त शब्दों से कुछ चकित हुआ; जब उपासना सभा के अन्त पर उस भव्य चर्च भवन से उपासना मण्डली के लोग बाहर निकल रहे थे, तब उस प्रसारणकर्ता ने कहा कि "अब लोग उस अनुग्रह के पल से वापस वास्तविक संसार में प्रवेश कर रहे हैं।"

   लेकिन क्या पहले क्रिसमस के दिन भी ऐसा ही नहीं हुआ था? चरवाहों ने स्वर्गदूतों द्वारा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के जन्म की घोषणा को सुना, फिर स्वर्गदूतों का एक दल परमेश्वर की स्तुति करता हुआ प्रगट हुआ। यह सब देख-सुन कर वे चरवाहे बैतलेहम गए और उन्होंने यूसुफ, मरियम और शिशु यीशु को देखा, और फिर वे सब वापस अपने कार्य को लौट गए; लेकिन उनके लौटने में एक बात अलग थी - वे चरवाहे इस बालक के बारे में लोगों को बताने से अपने आप को रोक नहीं सके। उस अनुग्रह के पल ने उन चरवाहों को बदल दिया था, और जब वे वापस अपने वास्तविक जीवन में लौट कर आए तो उस अनुग्रह को अपने मन-जीवन में साथ ले आए और प्रभु यीशु के जन्म के सुसमाचार को लोगों के साथ बाँटते गए।

   हम मसीही विश्वासियों ने भी अपने जीवन में वह अनुग्रह का पल अनुभव किया जब हमने अपने पापों से पश्चाताप कर के अपना जीवन प्रभु यीशु को समर्पित किया तथा उसकी शिष्यता का निर्णय लिया। उस अनुग्रह के पल के अनुभव के बाद हम भी अपने अपने वास्तविक जीवन में लौट आए हैं किंतु उन चरवाहों के समान ही उस पल के अनुभव तथा आनन्द को लोगों के साथ बाँटने की ज़िम्मेदारी हमारी भी है। प्रति वर्ष यह दिन हमारे लिए केवल एक उत्सव मनाने का दिन ना हो वरन उससे भी बढ़कर अपने प्रभु यीशु में मिलने वाले उद्धार तथा पापों की क्षमा को लोगों के साथ बाँटने का समय हो। - डेविड मैक्कैसलैंड


क्रिसमस के आनन्द को अपने जीवन में सदा बनाए रखें, उसे सदा लोगों के साथ बाँटते रहें।

इस से सब पर भय छा गया; और वे परमेश्वर की बड़ाई कर के कहने लगे कि हमारे बीच में एक बड़ा भविष्यद्वक्ता उठा है, और परमेश्वर ने अपने लोगों पर कृपा दृष्टि की है। - लूका 7:16

बाइबल पाठ: लूका 2:8-20
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो। 
Luke 2:15 जब स्वर्गदूत उन के पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जा कर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। 
Luke 2:16 और उन्होंने तुरन्त जा कर मरियम और यूसुफ को और चरनी में उस बालक को पड़ा देखा। 
Luke 2:17 इन्हें देखकर उन्होंने वह बात जो इस बालक के विषय में उन से कही गई थी, प्रगट की। 
Luke 2:18 और सब सुनने वालों ने उन बातों से जो गड़िरयों ने उन से कहीं आश्चर्य किया। 
Luke 2:19 परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। 
Luke 2:20 और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति करते हुए लौट गए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 यूहन्ना 3-5


मंगलवार, 23 दिसंबर 2014

शान्ति


   अपनी पुस्तक क्रिसमस 1945 में लेखक मैथ्यु लिट्ट दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद, शान्तिकाल के पहले क्रिसमस उत्सव के बारे में बताते हैं। उस समय के एक प्रमुख अखबार, ’द न्यूयॉर्क डेली न्यू’ में खबर छपी कि लोग न्यू यॉर्क बन्दरगाह पर एक विशाल नौसैनिक बेड़े के आगमन के लिए तैयार रहें: "क्रिसमस के दिन एक शक्तिशाली नौसैनिक बेड़ा आएगा जिसमें 4 युद्धपोत, 6 वायुयान वाहक पोत, 7 जंगी जहाज़ और 24 विध्वंसक जहाज़ होंगे।" लेकिन यह विशाल और शक्तिशाली बेड़ा युद्ध के लिए नहीं वरन 1000 ज़रूरतमन्द बच्चों की मेज़बानी करने के लिए आ रहा था।

   उन बच्चों के कपड़ों के नाप पहले से ही लिए जा चुके थे और उनके लिए नौसेना के गहरे नीले रंग के कोट तथा गरम टोपियाँ बनवाकर तैयार करी गईं थी ताकि जैसे ही वे बच्चे उन जहाज़ों पर आएं उन्हें वे वस्त्र भेंट किए जाएं। उस दिन वे युद्धपोत अनुकंपा के वाहक बन गए थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह नबी की पुस्तक में प्रभु यीशु मसीह के सारे संसार पर आने वाले शान्तिमय राज्य के बारे में भविष्यवाणी है: "वह जाति जाति का न्याय करेगा, और देश देश के लोगों के झगड़ों को मिटाएगा; और वे अपनी तलवारें पीट कर हल के फाल और अपने भालों को हंसिया बनाएंगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध फिर तलवार न चलाएगी, न लोग भविष्य में युद्ध की विद्या सीखेंगे" (यशायाह 2:4)। क्रिसमस का यह समय हमें स्मरण दिलाता है कि शान्ति का राजकुमार प्रभु यीशु मसीह अन्ततः सारे विश्व में शान्ति तथा अनुग्रह का समय लेकर आएगा।

   अभी जब हम शान्ति के राजकुमार के प्रथम आगमन के उत्सव को मनाते हैं और दूसरे आगमन की बाट जोहते हैं, तो साथ ही इस बात को भी ना भूलें कि प्रभु यीशु ने हम मसीही विश्वासियों को अपनी शान्ति के वाहक बनाकर इस पृथ्वी पर रखा है, और उसकी इस शान्ति को हमें संसार के सभी लोगों तक पहुँचाना है। - डेनिस फिशर


संसार में सच्ची शान्ति, शान्ति के राजकुमार द्वारा ही स्थापित हो सकती है।

उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा, इसलिये वे उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से ले कर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए ओर संभाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के द्वारा यह हो जाएगा। - यशायाह 9:7

बाइबल पाठ: यशायाह 2:1-4
Isaiah 2:1 आमोस के पुत्र यशायाह का वचन, जो उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में दर्शन में पाया।। 
Isaiah 2:2 अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें। 
Isaiah 2:3 और बहुत देशों के लोग आएंगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। 
Isaiah 2:4 वह जाति जाति का न्याय करेगा, और देश देश के लोगों के झगड़ों को मिटाएगा; और वे अपनी तलवारें पीट कर हल के फाल और अपने भालों को हंसिया बनाएंगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध फिर तलवार न चलाएगी, न लोग भविष्य में युद्ध की विद्या सीखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 यूहन्ना 1-2


सोमवार, 22 दिसंबर 2014

स्मरण


   परमेश्वर की अद्भुत, प्रेर्णाशील हस्तकला द्वारा विस्मित होने के लिए आपको रात्रि के आकाश को अधिक देर तक निहारना नहीं पड़ेगा। तारापुँजों के विशाल विस्तार और हमारे अपने तारापुँज आकाशगंगा का दूधिया विस्तार हमें स्मरण दिलाता है हमारे परमेश्वर प्रभु यीशु की महान सृजन शक्ति तथा इस सब को संभाल पाने की मानव-समझ से परे क्षमता को (कुलुस्सियों 1:16-17)। जब हम रात में आकाश को निहारते हैं तो प्रतीत होता है मानों परमेश्वर के रंगमंच के दृश्य को सबसे अग्रिम पंक्ति में बैठकर देख रहे हों।

   लेकिन प्रत्येक रात्रि के इस अद्भुत दृश्य की तुलना उस दृश्य की महिमा के सामने कुछ भी नहीं है जो उसने तब दिखाई जिस रात्रि परमेश्वर ने अपने पुत्र को पृथ्वी पर भेजा। वहाँ मैदान में चरवाहे अपनी भेड़ों की रखवाली कर रहे थे कि अचानक ही आकाश स्वर्गदूतों से रौशन हो गया और उन्होंने स्वर्गदूतों को कहते सुना, "कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो" (लूका 2:14)। किसी दूर देश से ज्ञानी पुरुष भी उस राजा को दण्डवत करने आए, और परमेश्वर ने उनके मार्गदर्शन के लिए पूर्व दिशा में एक बहुत चमकदार तारा बना कर दिया।

   यद्यपि प्रत्येक रात्रि को "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है" (भजन 19:1), लेकिन उस घटना से पहले या बाद में परमेश्वर की महिमा आकाश में वैसी कभी नहीं प्रगट हुई जैसी उस रात को हुई थी, जिस रात इस सृष्टि के सृष्टिकर्ता ने यह सार्वजनिक घोषणा करी कि वह समस्त मानवजाति से इतना प्रेम करता है कि उसे पाप के दोष से छुड़ाने के लिए स्वयं पृथ्वी पर आने के लिए तैयार है।

   अगली बार जब आप रात्रि को आकाश की ओर देखें और परमेश्वर की हस्तकला से विस्मित हों तो स्मरण रखें कि वह जो यह सब बना कर संभाले रख सकता है, उसी ने आपको भी बनाया है, वही आपको भी संभाल रहा है और वह आपको उस पर लाए गए साधारण विश्वास और पश्चाताप के द्वारा अपनी संगति तथा सहभागिता में आशीषित देखना चाहता है। - जो स्टोवैल


हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम की असाधारण महिमा प्रभु यीशु के पृथ्वी पर आगमन के द्वारा प्रगट करी गई।

क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं। - कुलुस्सियों 1:16- 17

बाइबल पाठ: भजन 19:1-6
Psalms 19:1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। 
Psalms 19:2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। 
Psalms 19:3 न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। 
Psalms 19:4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है, 
Psalms 19:5 जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है। 
Psalms 19:6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 पतरस 1-3


रविवार, 21 दिसंबर 2014

मधुर वचन


   स्कॉट सदा ही अपने सास-ससुर के बीच के संबंध को सराहता था। एक दिन उसने उन से पूछ ही लिया कि वह क्या बात है जो उनके विवाहित जीवन को सफल बनाए रखती है। उसके ससुर केन ने उत्तर दिया, "उसे मधुर बनाए रखना!"

   मेरी एक सहेली मुझे, मेरे पति और अन्य मित्रों को लिखे अपने छोटे-छोटे पत्रों का अन्त सदा ही इस वाक्य के साथ करती है: "एक दुसरे के प्रति भले बने रहने को कभी नहीं भूलना"। स्कॉट के ससुर, और मेरी सहेली, दोनों ही के द्वारा दी गई ये बहुत ही अच्छी सलाह है। दैनिक जीवन की व्यस्तता और परेशानियाँ अपने जीवनसाथी या अन्य लोगों के साथ व्यवहार में बड़ी सरलता से चिड़चिड़ापन ले आती हैं। हम छोटी -छोटी बातों या गलतियों को लेकर कुड़कुड़ाने लगते हैं, और बिना सोचे-समझे कठोर तथा हानिकारक शब्द कह बैठते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन नामक पुस्तक में दूसरों के प्रति प्रयोग किए जाने वाले शब्दों के बारे में अनेक स्थानों पर अच्छी सलाह दी गई है; जैसे कि, "जो अपने मुंह को वश में रखता है वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है" (नीतिवचन 21:23)। वहाँ कुछ चेतावनियाँ भी दी गई हैं: "जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा" (नीतिवचन 18:21); तथा, "ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार का बोलना तलवार की नाईं चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं" (नीतिवचन 12:18)। स्कॉट के ससुर केन की मधुर रखने की सलाह मुझे नीतिवचन 16:24 स्मरण दिलाती है: "मन भावने वचन मधु भरे छते की नाईं प्राणों को मीठे लगते, और हड्डियों को हरी-भरी करते हैं"।
  
 हे परमेश्वर, हमारे मनों और मूँह को ऐसे मधुर वचनों से भरें जो दूसरों के लिए आशीषमय हों। - ऐनी सेटास


दयालु मन बगीचा हैं; दयालु विचार जड़ें; दयालु वचन फूल हैं; दयालु कार्य फल।

इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। - कुलुस्सियों 3:12

बाइबल पाठ: नीतिवचन 16:19-24
Proverbs 16:19 घमण्डियों के संग लूट बांट लेने से, दीन लोगों के संग नम्र भाव से रहना उत्तम है। 
Proverbs 16:20 जो वचन पर मन लगाता, वह कल्याण पाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता, वह धन्य होता है। 
Proverbs 16:21 जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझ वाला कहलाता है, और मधुर वाणी के द्वारा ज्ञान बढ़ता है।
Proverbs 16:22 जिसके बुद्धि है, उसके लिये वह जीवन का सोता है, परन्तु मूढ़ों को शिक्षा देना मूढ़ता ही होती है। 
Proverbs 16:23 बुद्धिमान का मन उसके मुंह पर भी बुद्धिमानी प्रगट करता है, और उसके वचन में विद्या रहती है। 
Proverbs 16:24 मन भावने वचन मधु भरे छते की नाईं प्राणों को मीठे लगते, और हड्डियों को हरी-भरी करते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 पतरस 3-5


शनिवार, 20 दिसंबर 2014

उपहार


  क्रिसमस के समय को उपहार देने का समय भी कहा जाता है। हम मित्रों तथा परिवारजनों के लिए ऐसे उपहार लेने के प्रयास करते हैं जो उन्हें पसन्द आएं, लेकिन सभी उपहार एक समान नहीं होते। कुछ उपहार एक हल्के से संकेत के साथ दिए जाते हैं, जैसे कि व्यायाम करवाने वाली मशीन या वज़न घटाने के तरीकों की पुस्तक; कुछ उपहार ऐसे होते हैं जिन्हें देने वाला स्वयं अपने लिए चाहता है। लेकिन सबसे उत्तम उपहार उनसे आते हैं जो हम से प्रेम करते हैं और जानते हैं कि हमें वास्तव में किस चीज़ की आवश्यकता है।

   पिछले क्रिसमस पर हमारे पास्टर जिम सामरा ने हमें प्रेरित किया कि हम क्रिसमस को एक अलग नज़रिए से देखें। हम यह जानते हैं कि प्रभु यीशु हमारे लिए परमेश्वर की ओर से सिद्ध उपहार हैं (रोमियों 6:23), लेकिन पास्टर जिम ने एक अन्य विचार इसके साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु के स्वर्ग से पृथ्वी पर आने को प्रभु यीशु द्वारा परमेश्वर पिता को दिए जाने वाले उपहार के रूप में भी देखा जा सकता है। प्रभु यीशु परमेश्वर पिता से बहुत प्रेम रखते हैं और जानते हैं कि परमेश्वर पिता की हार्दिक इच्छा क्या है - यही कि उनकी सृष्टि पाप के दोष से मुक्त होकर पुनः उनके साथ संगति और सहभागिता में आ जाए। अपने पृथ्वी पर आने के द्वारा प्रभु यीशु ने यह संभव कर दिया कि हम परमेश्वर के सम्मुख पवित्र और निर्दोष होकर एक उपहार के रूप में प्रस्तुत किए जाएं (कुलुस्सियों 1:22)।

   अपने आप को परमेश्वर को भावता हुआ और परमेश्वर का प्रीय उपहार के रूप में देखने से हम में यह ज़िम्मेदारी की भावना भी आती है कि हम हमारे लिए चुकाई गई कीमत के अनुरूप भी बने रहें - "ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ" (कुलुस्सियों 1:10)। - जूली ऐकरमैन लिंक


समस्त संसार को परमेश्वर के सर्वोत्त्म उपहार, प्रभु यीशु के प्रति हमारी उच्चत्तम कृतज्ञता बनी रहे।

क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। - रोमियों 6:23

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:19-27
Colossians 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे। 
Colossians 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। 
Colossians 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। 
Colossians 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे। 
Colossians 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।
Colossians 1:24 अब मैं उन दुखों के कारण आनन्द करता हूं, जो तुम्हारे लिये उठाता हूं, और मसीह के क्‍लेशों की घटी उस की देह के लिये, अर्थात कलीसिया के लिये, अपने शरीर में पूरी किए देता हूं। 
Colossians 1:25 जिस का मैं परमेश्वर के उस प्रबन्‍ध के अनुसार सेवक बना, जो तुम्हारे लिये मुझे सौंपा गया, ताकि मैं परमेश्वर के वचन को पूरा पूरा प्रचार करूं। 
Colossians 1:26 अर्थात उस भेद को जो समयों और पीढिय़ों से गुप्‍त रहा, परन्तु अब उसके उन पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है। 
Colossians 1:27 जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है और वह यह है, कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 पतरस 1-2


शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

स्पष्टवादी


   मेरा एक बड़ा ऑपरेशन होना था और उसके एक दिन पहले मैंने अपनी सहेली से बातें करते हुए उसे बताया कि मैं उस शल्यक्रीया को लेकर भयभीत हूँ। मेरी सहेली ने पूछा, "उस शल्यक्रीया की कौन सी बात तुम्हें डराती है?" मैंने उत्तर दिया, "मुझे बस इसी बात का डर लगता है कि ऑपरेशन के लिए बेहोश किए जाने के बाद मैं वापस होश में नहीं आऊँगी।" मेरा उत्तर सुनकर तुरंत ही मेरी सहेली ने मेरे लिए परमेश्वर से इन शब्दों में प्रार्थना करी: "पिता परमेश्वर आप सिंडी के भय के बारे में सब कुछ जानते हैं। कृप्या उसके मन को आश्वस्त करें और अपनी शान्ति से भरें। और साथ ही प्रभु, ऑप्रेशन के पश्चात उसे बेहोशी से भी बाहर निकाल लाएं।"

   मुझे लगता है कि जब हम अपनी प्रार्थनाओं में परमेश्वर से वार्तालाप करते हैं तो वह इस प्रकार की स्पष्टवादिता से प्रसन्न होता है। जब उस अन्धे भिखारी बरतिमाई ने प्रभु यीशु को पुकारा और प्रभु उसकी पुकार सुनकर उस के पास गए, तब प्रभु यीशु ने उससे प्रश्न किया, "तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिए करूँ?" और उस अन्धे भिखारी ने प्रभु यीशु से कहा, "हे गुरू, यह कि मैं देखने लगूँ।" प्रभु यीशु ने उसे उत्तर दिया, "तेरे विश्वास ने तुझे चँगा किया है" (मरकुस 10:51-52)|

   परमेश्वर के साथ वार्तालाप में हमें बात को इधर-उधर घुमा-फिरा कर कहने की कोई आवश्यकता नहीं है। संभव है कि कभी हम दाऊद के भजनों के समान परमेश्वर से अपनी बात को कहने के लिए काव्यात्मक भाषा का प्रयोग करें, किंतु ऐसे समय भी होते हैं जहाँ हमें स्पष्टवादी होकर अपने मन की बात दो-टूक कह देनी चाहिए; जैसे कि, "परमेश्वर पिता मैं क्षमाप्रार्थी हूँ कि मैंने...." या फिर, "परमेश्वर प्रभु यीशु, मैं आपसे बहुत प्रेम करता हूँ क्योंकि आपने मेरे लिए....", इत्यादि। अपने मन की बात कहने के लिए हमारा परमेश्वर के साथ स्पष्टवादी होना हमारे विश्वास की दृढ़ता को भी दिखाता है, क्योंकि हम यह दिखा रहे हैं कि हम किसी दूरस्त काल्पनिक व्यक्तित्व या किसी विचार मात्र से नहीं वरन एक ऐसे व्यक्तित्व से बात-चीत कर रहे हैं जो वास्तविक है, हमारे आस-पास विद्यमान है, हमसे बहुत प्रेम करता है और हमारे जीवनों में सम्मिलित तथा संलग्न रहता है।

   जब हम प्रार्थना में परमेश्वर से वार्तालाप करें तो उसे यह नहीं चाहिए कि हम आकर्षक शब्दों का प्रयोग करें, या अपनी बात के व्यर्थ विवरण उसे दें; वह केवल हमारे मन की बात को हमारे मूँह से स्पष्टवादिता के साथ सुनना चाहता है क्योंकि वह तो हमें, हमारे मन को, हमारी आवश्यकताओं को, हमारी परेशानियों और हमारे जीवन से संबंधित सभी बातों को हमसे अधिक भली-भांति और हमसे पहले जानता है। - सिंडी हैस कैस्पर


हृदय की प्रार्थना एक समर्पित, विश्वासी तथा प्रार्थना से भरे हृदय से ही निकलती है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों 4:6 

बाइबल पाठ: मरकुस 10:46-52
Mark 10:46 और वे यरीहो में आए, और जब वह और उसके चेले, और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी, तो तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अन्‍धा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था। 
Mark 10:47 वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है, पुकार पुकार कर कहने लगा; कि हे दाऊद की सन्तान, यीशु मुझ पर दया कर। 
Mark 10:48 बहुतों ने उसे डांटा कि चुप रहे, पर वह और भी पुकारने लगा, कि हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर। 
Mark 10:49 तब यीशु ने ठहरकर कहा, उसे बुलाओ; और लोगों ने उस अन्धे को बुलाकर उस से कहा, ढाढ़स बान्‍ध, उठ, वह तुझे बुलाता है। 
Mark 10:50 वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा, और यीशु के पास आया। 
Mark 10:51 इस पर यीशु ने उस से कहा; तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूं? अन्धे ने उस से कहा, हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूं। 
Mark 10:52 यीशु ने उस से कहा; चला जा, तेरे विश्वास ने तुझे चंगा कर दिया है: और वह तुरन्त देखने लगा, और मार्ग में उसके पीछे हो लिया।

एक साल में बाइबल: 
  • याकूब 3-5


गुरुवार, 18 दिसंबर 2014

खुले कान


   हाल ही में मेरे कान मुझे तकलीफ दे रहे थे जिससे मुझे स्पष्ट सुन पाने में दिक्कत आ रही थी; इस समस्या के निवारण के लिए मैंने एक ऐसा इलाज लेने का निर्णय किया जिस की उपयोगिता के बारे में कुछ मतभेद थे। उस इलाज का दावा था कि उससे कान में जमा मैल गल कर निकल जाएगा और मेरे स्पष्ट सुन पाने में आ रही बाधाएं साफ हो जाएंगी। मुझे यह मानना पड़ेगा कि वह इलाज लेना एक विचित्र सा अनुभव प्रतीत हो रहा था किंतु मैं स्पष्ट सुन पाने के लिए इतना बेचैन था कि मैं उसे भी आज़माने के लिए तैयार था।

   स्पष्ट सुन पाना हमारे दैनिक जीवनों में तो आवश्यक है ही, किंतु परमेश्वर के साथ हमारी चाल एवं संगति में और भी अधिक महत्वपूर्ण है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 40:6 में भजन का लेखक दाऊद कहता है, "मेलबलि और अन्नबलि से तू प्रसन्न नहीं होता तू ने मेरे कान खोदकर खोले हैं। होमबलि और पापबलि तू ने नहीं चाहा।" मूल भाषा के जिस शब्द का अनुवाद यहाँ "खोले" हुआ है उस शब्द का अनुवाद "साफ किया है" भी हो सकता है, जो दिखाता है कि परमेश्वर हम से क्या चाहता है। क्योंकि कई बार हमारे आत्मिक कान हमारे आस-पास के वातावरण तथा संसकृति के शोर से, या प्रलोभन तथा पाप के ऊँचे स्वर से बाधित हो सकते हैं; इसलिए हमें अपने आत्मिक कानों की सफाई रखना भी आवश्यक है। परमेश्वर चाहता है कि जब वह हम से अपने वचन के द्वारा बोले और बातें करे उस समय हमारे आत्मिक कान उसके लिए खुले और तैयार हों।

   होने दें कि हम अपने मनों को परमेश्वर की ओर पूरी भक्ति में लगाएं और अपने आत्मिक कानों को उसकी वाणी के लिए खुला और साफ किया हुआ रखें, जिससे जब वह अपने वचन के द्वारा हमसे बातें करे तो हम उससे सीखने वाले और उसकी इच्छा में आनन्दित रहने वाले बन सकें। - बिल क्राउडर


परमेश्वर अपने वचन के द्वारा उन से बातें करता है जो अपने मनों को उसके वचन के लिए तैयार रखते हैं।

प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। प्रभु यहोवा ने मेरा कान खोला है, और मैं ने विरोध न किया, न पीछे हटा। - यशायाह 50:4-5

बाइबल पाठ: भजन 40:1-10
Psalms 40:1 मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। 
Psalms 40:2 उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। 
Psalms 40:3 और उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है। बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4 क्या ही धन्य है वह पुरूष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो। 
Psalms 40:5 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती।
Psalms 40:6 मेलबलि और अन्नबलि से तू प्रसन्न नहीं होता तू ने मेरे कान खोदकर खोले हैं। होमबलि और पापबलि तू ने नहीं चाहा। 
Psalms 40:7 तब मैं ने कहा, देख, मैं आया हूं; क्योंकि पुस्तक में मेरे विषय ऐसा ही लिखा हुआ है। 
Psalms 40:8 हे मेरे परमेश्वर मैं तेरी इच्छा पूरी करने से प्रसन्न हूं; और तेरी व्यवस्था मेरे अन्त:करण में बनी है।
Psalms 40:9 मैं ने बड़ी सभा में धर्म के शुभ समाचार का प्रचार किया है; देख, मैं ने अपना मुंह बन्द नहीं किया हे यहोवा, तू इसे जानता है। 
Psalms 40:10 मैं ने तेरा धर्म मन ही में नहीं रखा; मैं ने तेरी सच्चाई और तेरे किए हुए उधार की चर्चा की है; मैं ने तेरी करूणा और सत्यता बड़ी सभा से गुप्त नहीं रखी।

एक साल में बाइबल: 
  • याकूब 1-2


बुधवार, 17 दिसंबर 2014

जोखिम


   एक नया आईपैड पाने के लिए बदले में कोई क्या दे सकता है? एक 17 वर्षीय लड़के ने अपना एक गुर्दा दे दिया! उसके पास आईपैड खरीदने के लिए पैसे नहीं थे किंतु वह आईपैड पाना इतना अधिक चाहता था कि वह अपना ऑपरेशन करवाने तथा केवल एक गुर्दे के साथ शेष जीवन बिताने का जोखिम उठाने को तैयार था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र स्तीफनुस ने भी प्रभु यीशु के सुसमाचार के प्रचार के लिए एक बड़ा जोखिम उठाया। प्रभु यीशु की सेवकाई में आश्चर्यक्रम करते हुए स्तिफनुस को पकड़ लिया गया, उस पर मूसा की व्यवस्था तथा परमेश्वर के विरुद्ध निन्दा का झूठा इलज़ाम लगाया गया और उसे महापुरोहित के सामने न्याय के लिए लाया गया (प्रेरितों 6:8-14)। जब महापुरोहित ने उससे प्रश्न किया (प्रेरितों 7:1) तब स्तिफनुस ने एक और जोखिम लिया और एक ऐसा उपदेश दिया जिसके विषय में वह जानता था कि सुनने वाले उसे पसन्द नहीं करेंगे - उसने इस्त्राएल के इतिहास का हवाला देकर यह दिखाया कि इसत्राएल के लोग सदा से ही हठीले और परमेश्वर के अनाज्ञाकरी तथा परमेश्वर के भविश्यद्वक्ताओं का तिरिस्कार करने वाले और उन को सताने तथा मारने वाले रहे हैं; और अब उन्होंने यही कार्य प्रभु यीशु के साथ भी किया जो उनका प्रतीक्षित मसीहा था। स्तिफनुस के इस उपदेश की अति तीव्र प्रतिक्रिया हुई, और उन्होंने उसे पत्थरवाह कर के मार डाला: "तब उन्होंने बड़े शब्द से चिल्लाकर कान बन्‍द कर लिये, और एक चित्त हो कर उस पर झपटे। और उसे नगर के बाहर निकाल कर पत्थरवाह करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े उतार रखे" (प्रेरितों 7:57-58)।

   क्यों प्रभु यीशु का प्रचार करने के लिए स्तिफनुस ने अपने प्राण का जोखिम उठाया? क्यों प्रभु यीशु के चेले प्रभु के पृथ्वी के समय के जीवन के समय से लेकर आज तक यह जोखिम उठाते आ रहे हैं, हर स्थान पर इस प्रचार के कारण सताव सहने और तिरिस्कृत होने, यहाँ तक कि परिवार और जान गवाँ देने को भी तैयार रहते हैं? क्योंकि स्तिफनुस के समान ही प्रभु यीशु के अनुयायी यह बात संसार के सामने रखना चाहते हैं कि प्रभु यीशु मसीह के जन्म, मृत्यु और पुनरुत्थान के कारण संसार के सभी लोगों के लिए पूर्णतः सेंत-मेंत पाप क्षमा और उद्धार तथा परमेश्वर के साथ अनन्त काल के जीवन का मार्ग उपलब्ध है; अब उन्हें कर्मों, व्यवस्था और रीति-रिवाज़ों के पालन के बन्धनों आदि के आधीन रहने की आवश्यकता नहीं है, अब प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के द्वारा वे परमेश्वर के अनुग्रह में होकर अनन्तकाल की आशीष का जीवन बिता सकते हैं (प्रेरितों 6:13-15; इफिसीयों 2:8-9)।

   प्रभु यीशु के अनुयायी संसार को यही सुसमाचार सुनाने के लिए हर तरह का जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं। - एलबर्ट ली


मसीही विश्वासी का जीवन वह खिड़की है जिसमें से संसार प्रभु यीशु को देख सकता है।

क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। - इफिसीयों 2:8-9

बाइबल पाठ: प्रेरितों 7:51-8:2
Acts 7:51 जैसा तुम्हारे बाप दादे करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो। 
Acts 7:52 भविष्यद्वक्ताओं में से किस को तुम्हारे बाप दादों ने नहीं सताया, और उन्होंने उस धर्मी के आगमन का पूर्वकाल से सन्‍देश देने वालों को मार डाला, और अब तुम भी उसके पकड़वाने वाले और मार डालने वाले हुए। 
Acts 7:53 तुम ने स्‍वर्गदूतों के द्वारा ठहराई हुई व्यवस्था तो पाई, परन्तु उसका पालन नहीं किया।
Acts 7:54 ये बातें सुनकर वे जल गए और उस पर दांत पीसने लगे। 
Acts 7:55 परन्तु उसने पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो कर स्वर्ग की ओर देखा और परमेश्वर की महिमा को और यीशु को परमेश्वर की दाहिनी ओर खड़ा देखकर। 
Acts 7:56 कहा; देखों, मैं स्वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्र को परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूं। 
Acts 7:57 तब उन्होंने बड़े शब्द से चिल्लाकर कान बन्‍द कर लिये, और एक चित्त हो कर उस पर झपटे। 
Acts 7:58 और उसे नगर के बाहर निकाल कर पत्थरवाह करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े उतार रखे। 
Acts 7:59 और वे स्‍तिुफनुस को पत्थरवाह करते रहे, और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा; कि हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर। 
Acts 7:60 फिर घुटने टेककर ऊंचे शब्द से पुकारा, हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा, और यह कहकर सो गया: और शाऊल उसके बध में सहमत था।
Acts 8:1 उसी दिन यरूशलेम की कलीसिया पर बड़ा उपद्रव होने लगा और प्रेरितों को छोड़ सब के सब यहूदिया और सामरिया देशों में तित्तर बित्तर हो गए। 
Acts 8:2 और भक्तों ने स्‍तिुफनुस को कब्र में रखा; और उसके लिये बड़ा विलाप किया।

एक साल में बाइबल: 
  • इब्रानियों 11-13


मंगलवार, 16 दिसंबर 2014

आनन्द


   जब हमारे आदि माता-पिता आदम और हव्वा ने परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता करी तो आनन्द जाता रहा। उन्हें परमेश्वर द्वारा उनके रहने के लिए बनाकर दी गई वाटिका से बाहर जाना पड़ा। उस वाटिका के बाहर का जीवन सरल नहीं था; उन्हें अपने भोजन को जुटाने के लिए कड़ा परिश्रम करना पडता था। उनके पाप के कारण मृत्यु ने भी संसार में स्थान पा लिया था इसलिए अब उन्हें जानवरों से भी सावधान रहना पड़ता था। उनके पहलौठे बेटे ने ही अपने छोटे भाई की हत्या भी कर डाली। उस एक अनाज्ञाकारिता ने परमेश्वर के साथ उनकी सहभागिता तथा उनके और संसार के सारे आनन्द को छिन्न-भिन्न कर दिया।

   लेकिन परमेश्वर ने अपने साथ मानव की संगति तथा उस खोए हुए आनन्द को लौटा कर पुनःस्थापित कर देने की योजना कार्यान्वित करी। परमेश्वर से संगति और सहभागिता का आनन्द एक व्यक्ति की अनाज्ञाकारिता और मृत्यु के द्वारा जाता रहा था, परन्तु एक व्यक्ति के जन्म और परमेश्वर पिता के प्रति उसकी आज्ञाकारिता के कारण उस आनन्द को पुनः प्राप्त कर लेने का मार्ग समस्त मानव-जाति के लिए उपलब्ध करवा दिया गया। प्रभु यीशु के जन्म के समय स्वर्गदूत ने समाचार सुनाया: "तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा" (लूका 2:10)। प्रभु यीशु ने रोगियों को चंगा किया, अन्धों को आँखें दीं, मृतकों को जीवित किया; किंतु यह सब केवल आते समय के आनन्द और आशीषों की झलक मात्र थी।

   प्रभु यीशु के रूप में परमेश्वर संसार में आया, हमारे दुखों में संभागी हुआ, हमारे लिए मृत्यु पर जयवन्त हुआ और हमें एक दृढ़ अटल आशा दी कि एक दिन वह हमारे सभी दुखों, पीड़ाओं और मृत्यु का अन्त कर देगा (यूहन्ना 11:25-26; 1 कुरिन्थियों 15:3-4; प्रकाशितवाक्य 21:4)। यही कारण है क्रिसमस के समय को आनन्द का समय कहा जाता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


समस्त संसार के सभी लोगों के लिए आनन्द का मार्ग केवल प्रभु यीशु ही है।

और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:4

बाइबल पाठ: लूका 2:1-12
Luke 2:1 उन दिनों में औगूस्‍तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं। 
Luke 2:2 यह पहिली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्‍विरिनियुस सूरिया का हाकिम था। 
Luke 2:3 और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए। 
Luke 2:4 सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। 
Luke 2:5 कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए। 
Luke 2:6 उन के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। 
Luke 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा: क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे।

एक साल में बाइबल: 
  • इब्रानियों 8-10


सोमवार, 15 दिसंबर 2014

उद्देश्य


   परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई भविष्यवाणियों के प्रति लोगों का नज़रिया बहुत भिन्नता रखता है। कुछ तो उन्हें बिलकुल नज़रन्दाज़ करते हैं और मसीही विश्वास के जीवन में उनके महत्व को कोई स्थान नहीं देते, तो दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो केवल उन पर ही ध्यान लगाए रहते हैं और संसार में हो रही प्रत्येक घटना को उन भविष्यवाणियों के संदर्भ में ही देखते हैं।

   उन भविष्यवाणियों को अपने वचन में लिखवाने के पीछे परमेश्वर का उद्देशय क्या है? इन भविष्यवाणियों को सही परिपेक्ष में रखने के लिए कुछ तथ्यों पर एक दृष्टि डाल लेते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में कुल 31,124 पद हैं; इनमें से 8,352 पद - अर्थात 27 प्रतिशत पद ऐसे हैं जो भविष्यवाणियों से संबंधित हैं। क्योंकि भविष्यवाणी परमेश्वर के वचन के एक चौथाई से भी अधिक भाग का विषय है इसलिए प्रत्येक मसीही विश्वासी को चाहिए कि वह परमेश्वर के प्रकाशन में उसके महत्व को समझे। लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि परमेश्वर ने भविष्यवाणी को क्यों रखा। प्रभु यीशु के चेले पतरस ने अपनी दूसरी पत्री को समाप्त करते हुए संसार के अन्त में होने वाली बातों को बताया और उस संदर्भ में अपने पाठकों को निर्देश दिया, "तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए" (2 पतरस 3:11) - कहने का तात्पर्य है कि परमेश्वर ने सब कुछ इसलिए प्रगट किया है कि हम ऐसा सही और भक्तिमय जीवन जीने के लिए प्रतिदिन की बातों में चुनाव करें जो हमारे अनन्त भविष्य के अनुरूप हो।

   परमेश्वर ने हमें भविष्य के बारे में इसलिए बताया है जिससे हम सारी सृष्टि और सृष्टि के संचालन पर उसके सर्व-अधिकार को पहचान सकें; उसे आदर देने वाले, उसकी महिमा करने वाले तथा उसके भय में रहने और चलने वाले बन सकें। यही भविष्यवाणी का उद्देश्य है। - डेनिस फिशर


यदि आप प्रभु यीशु मसीह के दूसरे आगमन की बाट जोहेंगे तो आप उसकी आज्ञाकारिता और महिमा के लिए जीवन भी व्यतीत करेंगे।

पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो। - 1 पतरस 1:15

बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:1-13
2 Peter 3:1 हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिला कर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूं। 
2 Peter 3:2 कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी। 
2 Peter 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे। 
2 Peter 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था? 
2 Peter 3:5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है। 
2 Peter 3:6 इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया। 
2 Peter 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2 Peter 3:8 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं। 
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले। 
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे। 
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। 
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्‍न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्‍त हो कर गल जाएंगे। 
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • इब्रानियों 5-7


रविवार, 14 दिसंबर 2014

सृजनहार


   नोबल पुरुस्कार विजेता विलर्ड एस. बोएल "इलैकट्रौनिक आँख" के सह-अविषकार्क थे, जिसका प्रयोग आज डिजिटल कैमरा और अंतरिक्ष में स्थित हबल टेलिस्कोप में किया जाता है। एक बार वे एक नया डिजिटल कैमरा खरीदने के लिए बाज़ार गए। दुकान का एक कर्मचारी उन्हें कैमरे दिखाने लगा और उन कैमरों की कार्य-प्रणाली को बोएल को समझाने का प्रयास करने लगा; समझाते समझाते वह रुक गया क्योंकि उसे लगा कि समझा पाना बहुत जटिल है और शायद बोएल सारी बात समझ नहीं पा रहे हैं। बोएल ने तुरंत उस कर्मचारी से कहा, "समझाने की आवश्यकता नहीं है - इसका अविषकार मैंने ही किया है!"

   जब परमेश्वर ने शैतान को अनुमति दी कि वह अय्युब की परीक्षा कर ले, और शैतान ने अय्युब के परिवार, स्वास्थ्य और संपत्ति को बरबाद कर डाला, तो अय्युब अपने जन्म पर विलाप करने लगा, उस दिन को धिक्कारने लगा, और फिर परमेश्वर से प्रश्न करने लगा कि उसने क्यों अय्युब के जीवन में इतना कष्ट आने दिया। तब उत्तर में अय्युब को परमेश्वर ने स्मरण दिलाया कि सृष्टि का सृजनहार वह ही है। परमेश्वर ने अय्युब से कहा कि, सारी सृष्टि में दिखाई देने वाली परमेश्वर की महान सामर्थ और अद्भुत बुद्धिमता के संदर्भ में, जो कुछ अय्युब ने कहा है उसके बारे में पुनर्विचार करे; परमेश्वर ने अय्युब पर उसकी सीमित बुद्धि और ज्ञान को, जो परमेश्वर की महानता और बुद्धिमता को समझ पाने में अक्षम है, प्रकट किया।

  यदि आज हमें कभी ऐसा लगे कि हम परमेश्वर को बताएं कि जीवन कैसे चलना चाहिए, कैसे संचालित होना चाहिए, तो थोड़ा रुक कर सोच लें कि जीवन की रचना करने और भूत-वर्तमान-भविष्य काल की आवश्यकताओं के अनुसार उसे संचालित करने वाला परमेश्वर ही है। परमेश्वर हमें ऐसी सदबुद्धि दे कि हम अपनी सीमित बुद्धि को स्वीकार करने की दीनता रखने वाले और उस पर विशवास रखने तथा उस पर निर्भर रहने वाले हों; क्योंकि वह ही हमारा सृजनहार-पालनहार-तारणहार है। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर को समझ पाना हम मनुष्यों के लिए असंभव है किंतु उसकी उपासना करना हमारे लिए अनिवार्य है।

आकाश तेरा है, पृथ्वी भी तेरी है; जगत और जो कुछ उस में है, उसे तू ही ने स्थिर किया है। - भजन 89:11

बाइबल पाठ: अय्युब 38:1-18
Job 38:1 तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यूं उत्तर दिया, 
Job 38:2 यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है? 
Job 38:3 पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे। 
Job 38:4 जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे। 
Job 38:5 उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा? 
Job 38:6 उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर बिठाया, 
Job 38:7 जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्र जयजयकार करते थे? 
Job 38:8 फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया; 
Job 38:9 जब कि मैं ने उसको बादल पहिनाया और घोर अन्धकार में लपेट दिया, 
Job 38:10 और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़े लगा दिए, कि 
Job 38:11 यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहरें यहीं थम जाएं? 
Job 38:12 क्या तू ने जीवन भर में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है, 
Job 38:13 ताकि वह पृथ्वी की छोरों को वश में करे, और दुष्ट लोग उस में से झाड़ दिए जाएं? 
Job 38:14 वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है, और सब वस्तुएं मानो वस्त्र पहिने हुए दिखाई देती हैं। 
Job 38:15 दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है, और उनकी बढ़ाई हुई बांह तोड़ी जाती है। 
Job 38:16 क्या तू कभी समुद्र के सोतों तक पहुंचा है, वा गहिरे सागर की थाह में कभी चला फिरा है? 
Job 38:17 क्या मृत्यु के फाटक तुझ पर प्रगट हुए, क्या तू घोर अन्धकार के फाटकों को कभी देखने पाया है? 
Job 38:18 क्या तू ने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बतला दे।

एक साल में बाइबल: 
  • इब्रानियों 1-4


शनिवार, 13 दिसंबर 2014

बुद्धिमान


   मैं कैलिफोर्निया के एक चर्च में चर्च की संचालन समिति का सदस्य रहा था। उस समिति का एक अन्य सदस्य, बॉब स्मिथ, हम सभी से उम्र में बड़ा था, वह समस्याओं में सही मार्गदर्शन पाने के लिए हमें बार बार परमेश्वर के वचन बाइबल की ओर जाने का परामर्श देता था।

   एक बार हम चर्च में अगुवों की कमी के बारे में चर्चा कर रहे थे, और संभव हल खोजने के विकलपों की चर्चा में हमने घंटे से अधिक बिता दिया था। इस सारी चर्चा में बॉब बिलकुल चुप बैठा रहा था; आखिरकर उसने बड़े शान्त लहज़े में हम सब से कहा, "श्रीमन, हम अगुवों की कमी की इस समस्या के लिए प्रभु यीशु के निर्देशों को भूल बैठे हैं। हमारे कुछ भी करने से पहले हमें लूका 10:2 में प्रभु के निर्देश "और उसने उन से कहा; पके खेत बहुत हैं; परन्तु मजदूर थोड़े हैं: इसलिये खेत के स्‍वामी से बिनती करो, कि वह अपने खेत काटने को मजदूर भेज दे" का पालन करना चाहिए। उसकी बात सुनकर हम सब पानी-पानी हो गए; तब नम्र और दीन होकर हमने शेष समय प्रभु से अपने खेत में कार्य करने के लिए उपयुक्त मज़दूर भेजने की प्रार्थना करने में बिताया।

   प्रसिद्ध लेखक सी. ऐस. लूइस ने कहा था, "यदि स्वयं बुद्धिमान ना बन सकें तो भला रहेगा यदि बुद्धिमान लोगों की संगति में बने रहें।" लूइस की यह बात परमेश्वर के वचन बाइबल पर आधारित है: "बुद्धिमान सुन कर अपनी विद्या बढ़ाए, और समझदार बुद्धि का उपदेश पाए" (नीतिवचन 1:5)। हमारे साथी बॉब द्वारा हमें दी गई सलाह ऐसे बुद्धिमान लोगों की संगति में, जो स्वयं प्रभु यीशु की संगति में रहते हों और जिनके मन तथा मस्तिष्क परमेश्वर के वचन की बातों से भरे हुए हों, रहने से होने वाली भलाई का एक उदाहरण। प्रेरित यूहन्ना ने भी अपनी पत्री में उन भिन्न लोगों को संबोधित किया जो प्रभु यीशु को जानते थे और उसके साथ रहते थे (1 यूहन्ना 2)।

   हमारे लिए यह बहुत लाभप्रद होगा कि हम ऐसे लोगों के खोजी रहें जो प्रभु यीशु की उपस्थिति में रहते हैं, उसके वचन के साथ चलते हैं तथा प्रभु से मिलने वाली बुद्धिमता से परिपूर्ण रहते हैं। ऐसे बुद्धिमान लोग हमारे तथा हमारी मण्डलियों के लिए परमेश्वर के उपहार होते हैं। - डेविड रोपर


वह वास्तव में बुद्धिमान है जो दूसरों के अनुभव से स्वयं शिक्षा लेता है।

बुद्धिमान का मन उसके मुंह पर भी बुद्धिमानी प्रगट करता है, और उसके वचन में विद्या रहती है। - नीतिवचन 16:23

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 2:12-17
1 John 2:12 हे बालकों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि उसके नाम से तुम्हारे पाप क्षमा हुए। 
1 John 2:13 हे पितरों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि जो आदि से है, तुम उसे जानते हो: हे जवानों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम ने उस दुष्‍ट पर जय पाई है: हे लड़कों मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम पिता को जान गए हो। 
1 John 2:14 हे पितरों, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि जो आदि से है तुम उसे जान गए हो: हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम बलवन्‍त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्‍ट पर जय पाई है। 
1 John 2:15 तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्‍तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। 
1 John 2:16 क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्‍ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है। 
1 John 2:17 और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • फिलेमोन



शुक्रवार, 12 दिसंबर 2014

सांत्वना


   अमेरिका के इतिहास में एक बहुत त्रासदीपूर्ण और दुखदायी घटना है 19वीं सदी के आरंभ में अमेरिका के मूल रेड इन्डियन निवासियों का ज़बर्दस्ती किया गया विस्थापन। उन मूल निवासियों ने बढ़ती हुई श्वेत आबादी के लोगों के साथ संधियाँ करी थीं, उनके साथ दुश्मनों के विरुद्ध युद्ध में सहयोग किया था, लेकिन बाद में उन्हीं लोगों को अपनी भूमि छोड़कर अन्य स्थानों पर जाकर बसने के लिए मजबूर कर दिया गया। सन 1838 की सर्दियों में चिरोकी कबीले के हज़ारों लोगों को पश्चिम की ओर 1000 मील की एक कठिन यात्रा करने के लिए मजबूर कर दिया गया। इस अन्याय के कारण उनमें से हज़ारों मर गए क्योंकि सर्दी के समय में इस लंबी और कठिन यात्रा को कर पाने के लायक कपड़े, जूतियाँ और आवश्यक वस्तुएं उनके पास नहीं थे; इसलिए उनकी इस यात्रा को "आँसुओं की यात्रा" कहा जाता है।

   आज भी संसार अन्याय, पीड़ा और मनोव्यथा से भरा हुआ है। आज भी बहुतेरों को अनेक कारणों से अपने जीवन में "आँसुओं की यात्रा" करनी पड़ती है; उन्हें लगता है कि उनकी पीड़ा को जानने और समझने वाला कोई नहीं है, कोई उनकी परवाह नहीं करता है। लेकिन प्रभु परमेश्वर हमारी पीड़ाओं को देखता है और हमारे दुखी हृदयों को सांत्वना भी देता है (2 कुरिन्थियों 1:3-5)। साथ ही वह उस आते समय कि भी आशा देता है जिसमें पाप और अन्याय का कोई दाग़ नहीं रहेगा; उस समय और उस स्थान पर "वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:4)।

   परमेश्वर ना केवल भविष्य में हमारे आँसुओं को पोंछने और हमें सांत्वना देने की आशा देता है, वायदा करता है, वरन जब हम विश्वास और समर्पण के साथ उसके पास अपने दुखों को लेकर आते हैं तो वह आज भी हमारे सभी आँसुओं को पोंछता है, हर परिस्थिति में हमें सांत्वना देता है। - बिल क्राउडर


जब परमेश्वर हमारे जीवन में परीक्षाओं को आने की अनुमति देता है तो साथ ही अपनी शान्ति तथा सांत्वना भी हमें उपलब्ध करवा देता है।

वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:4

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-7
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। 
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • तीतुस 1-3



गुरुवार, 11 दिसंबर 2014

प्रेम व्यवहार


   कुछ वर्ष पहले की बात हैं मैं अपने एक मित्र के साथ परमेश्वर के वचन बाइबल से मत्ती 26 अध्याय पढ़ रहा था, जिसमें प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए पकड़वाए जाने से ठीक पहले की घटनाक्रम लिखा गया है। जब हम पढ़ते पढ़ते उस खण्ड पर आए जिसमें प्रभु यीशु तीन बार अपने चेलों से अपने लिए प्रार्थना करने को कहता है, और हर बार उन्हें प्रार्थना करते नहीं वरन सोते हुए पाता है, तो क्रोधावेश में होकर वह मित्र बोला, "यदि तब प्रभु यीशु के साथ मैं होता तो कभी नहीं सोता, मैं प्रभु का पूरा-पूरा साथ देता। कोई कैसे सो सकता है जबकि बारंबार प्रभु उन से कह रहा है कि वह बहुत व्याकुल है? प्रभु तो उनसे निवेदन कर रहा था।"

   यह जानते और समझते हुए कि हमारे परिवारजन हमारे कार्य करते रहने की व्यस्तता और लंबी दिनचर्या को लेकर कैसे संघर्ष करते हैं, मैंने अपने उस मित्र से कहा, "ऐसा कितनी बार हुआ है कि हमारे बच्चे स्कूल के किसी कार्यक्रम में, वहाँ बैठे अन्य अभिभावकों के मध्य हमें ढूँढ़ रहे होते हैं लेकिन हम वहाँ उनके लिए, उनके साथ नहीं होते? क्या हमारे बच्चों को कभी कभी अकेले ही परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता? हमारे परिवार और मित्रजनों को अनेक बार हमारी ओर से मिलने वाले व्यक्तिगत ध्यान और परवाह की आवश्यकता होती है; जैसे प्रभु यीशु की अपने चेलों से, वैसे ही हमारे परिवार और मित्रजनों की हम से उनका साथ निभाने की आशा रहती है, परन्तु जैसे प्रभु को अपने चेलों से वैसे ही उन्हें भी हम से निराशा ही मिलती है।"

   जीवन की माँगों और हम से जुड़ी लोगों की आशाओं के बीच तालमेल बैठा कर दोनों को निभाते रहना कोई सरल कार्य नहीं है, परन्तु ऐसा ना करना भावनाओं के साथ विश्वासघात भी है। उन चेलों द्वारा प्रभु यीशु को उस रात निराश करने की बात हमें उकसाती है कि हम आज अपने जीवनों में झाँक कर देखें कि हम अपने प्रभु और अपने प्रीय जनों को कितनी बार और कैसे-कैसे निराश करते रहते हैं; और फिर प्रभु यीशु से सहायता माँगें कि वह हमारा मार्गदर्शन करे कि हम वह प्रेम व्यवहार प्रदर्शित कर सकें जो हमें करना चाहिए। - रैन्डी किल्गोर


दूसरों की आवश्यकता के प्रति हमारी संवेदनशीलता, प्रभु यीशु के प्रति हमारे प्रेम का एक माप है।

इसलिये जागते रहो और हर समय प्रार्थना करते रहो कि तुम इन सब आने वाली घटनाओं से बचने, और मनुष्य के पुत्र के साम्हने खड़े होने के योग्य बनो। - लूका 21:36

बाइबल पाठ: मत्ती 26:36-46
Matthew 26:36 तब यीशु ने अपने चेलों के साथ गतसमनी नाम एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा कि यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहां जा कर प्रार्थना करूं। 
Matthew 26:37 और वह पतरस और जब्‍दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। 
Matthew 26:38 तब उसने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो। 
Matthew 26:39 फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो। 
Matthew 26:40 फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा; क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? 
Matthew 26:41 जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है। 
Matthew 26:42 फिर उसने दूसरी बार जा कर यह प्रार्थना की; कि हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो। 
Matthew 26:43 तब उसने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उन की आंखें नींद से भरी थीं। 
Matthew 26:44 और उन्हें छोड़कर फिर चला गया, और वही बात फिर कहकर, तीसरी बार प्रार्थना की। 
Matthew 26:45 तब उसने चेलों के पास आकर उन से कहा; अब सोते रहो, और विश्राम करो: देखो, घड़ी आ पहुंची है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। 
Matthew 26:46 उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वाने वाला निकट आ पहुंचा है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 तिमुथियुस 1-4