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सोमवार, 31 अक्टूबर 2016

प्रेम


   वर्षों पहले मैंने एक जवान से, जिसकी सगाई हो गई थी, पूछा, "तुम कैसे जानते हो कि तुम उससे प्रेम करते हो?" इस प्रश्न का उद्देश्य था कि वह आने वाली शादी के लिए अपने हृदय के उद्देश्यों को जान सके। कुछ देर विचार करने के पश्चात उस जवान ने उत्तर दिया, "मैं जानता हूँ कि मैं उससे प्रेम करता हूँ क्योंकि मैं अपना शेष जीवन उसे प्रसन्न रखने के लिए बिताना चाहता हूँ।" हमने उसके इस उत्तर के तात्पर्य के बारे में कुछ देर विचार-विमर्श किया और यह भी समझने का प्रयास किया कि अपने आप को प्रथम रखने की बजाए दूसरे के लिए निःस्वार्थ भाव से भला चाहने की कीमत क्या होती है। हम ने समझा कि सच्चे प्रेम का बलिदान के साथ बहुत गहरा संबंध है।

   यह बात परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई बुद्धिमता के समान है। परमेश्वर के वचन में विभिन्न प्रकार के प्रेम को बताने के लिए कई भिन्न शब्द प्रयुक्त हुए हैं। सर्वोच्च गुणवन्ता वाले प्रेम के लिए ’अगापे’ प्रयुक्त हुआ है; यह उस प्रेम को दिखाता है जो आत्म-बलिदान द्वारा प्रदर्शित और परिभाषित होता है। इस अगापे प्रेम का सर्वोत्तम उदाहरण है परमेश्वर पिता द्वारा हमारे प्रति किया गया प्रेम जिसके अन्तरगत उन्होंने हमारे लिए प्रभु यीशु मसीह को बलिदान होने के लिए दे दिया; परमेश्वर के लिए हम बहुत मूल्यवान हैं। प्रेरित पौलुस ने कहा, "परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा" (रोमियों 5:8)।

   यदि बलिदान प्रेम का सही माप है, तो मनुष्यों के लिए प्रभु यीशु के प्रेम से बढ़कर और कोई प्रेम हो नहीं सकता है: "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। - बिल क्राउडर


प्रेम का माप इससे है कि आप उसके लिए क्या कुछ दे देने के लिए तैयार हैं।

इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। - यूहन्ना 15:13

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-8
Romans 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। 
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। 
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। 
Romans 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। 
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। 
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 22-23
  • तीतुस 1


रविवार, 30 अक्टूबर 2016

आवर्धन


   क्रिस्टोफर लॉक पुराने भोंपू, तुरही, फ्रेंचहॉर्न आदि खरीदता है और उन्हें फिर आईफोन्स और आईपैड्स के लिए ध्वनि आवर्धन कर देने वाले उपकरण बना देता है। उसकी ये रचनाएं सन 1800 के अन्त के समय में आए ध्वनि तथा संगीत बजाने वाले प्रथम फोनोग्राफ्स के भोंपू-समान स्पीकरों पर आधारित हैं। क्रिस्टोफर के इन एनालॉग टेलीफोनोग्राफ्स से निकल कर आना वाला संगीत गुणवन्ता में उन डिजिटल उपकरणों में लगे छोटे स्पीकर्स से अधिक "ऊँची आवाज़ वाला, स्पष्ट, बेहतर और गहराई लिए हुए" होता है। व्यर्थता से बचाए गए ये पीतल के उपकरण ना केवल कला के रुचिकर नमूने हो जाते हैं, वरन लोगों को पसन्द आने वाला उच्च गुणवन्ता का संगीत सुनने में इनके प्रयोग से अतिरिक्त बिजली का खर्च भी नहीं आता।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों जो बात लिखी वह आज हमें भी स्मरण दिलाती है कि मसीही विश्वास का जीवन जीते समय, और मसीह यीशु को औरों से बाँटते समय, हम अपने आप में कोई "मधुर संगीत" नहीं हैं, वरन क्रिस्टोफार के भोंपुओं के समान, केवल उस संगीत को सुनाने वाले उपकरण मात्र हैं। पौलुस ने लिखा, "क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं" (2 कुरिन्थियों 4:5)। हमारे मसीही विश्वास के जीवनों का उद्देश्य स्वयं को सन्देश बनाना नहीं वरन मसीही विश्वास के सन्देश को अपने जीवन और मुख से प्रसारित करना है: "परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे" (2 कुरिन्थियों 4:7)। हम तो केवल उपकरण हैं, हम से निकलने और सुनाई देना वाला संगीत और सामर्थ तो प्रभु परमेश्वर से है।

   यदि एक पुराना भोंपू सुधारा जाकर संगीत को आवर्धित करके सुनने वालों के लिए आकर्षक बना सकता है, तो मसीह यीशु में लाए विश्वास द्वारा ठीक किए गए हमारे दोषपूर्ण जीवन परमेश्वर की भलाई और अनुग्रह को आवर्धित करके लोगों को आकर्षित करने वाले क्यों नहीं बन सकते है? - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर के हाथों में कुछ भी, कोई भी अनुपयोगी अथवा व्यर्थ नहीं है।

परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्‍छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के साम्हने घमण्‍ड न करने पाए। - 1 कुरिन्थियों 1:27-29

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 3:17-4:7
2 Corinthians 3:17 प्रभु तो आत्मा है: और जहां कहीं प्रभु का आत्मा है वहां स्‍वतंत्रता है। 
2 Corinthians 3:18 परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं।
2 Corinthians 4:1 इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते। 
2 Corinthians 4:2 परन्तु हम ने लज्ज़ा के गुप्‍त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट कर के, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं। 
2 Corinthians 4:3 परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है। 
2 Corinthians 4:4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्‍धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके। 
2 Corinthians 4:5 क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं। 
2 Corinthians 4:6 इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्टी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 20-21
  • 2 तिमुथियुस 4


शनिवार, 29 अक्टूबर 2016

छाया


   मुझे लगा कि कोई मेरा पीछा कर रहा है; जैसे ही मैं एक अन्धियारे गलियारे के मोड़ को मुड़कर सीढ़ी चढ़ने लगा, तो जो मुझे दिखाई दिया उसके कारण मैं चौंक कर वहीं थम गया। ऐसा ही कुछ दिन के बाद फिर से हुआ; मैं अपनी पसन्दीदा कॉफी की दुकान के पिछले दरवाज़े से निकला ही था कि एक व्यक्ति के बड़े से आकार को अपनी तरफ आता देखकर ठिठक गया। लेकिन दोनों ही बार उन घटनाओं का अन्त मुस्कुराहट के साथ हुआ, क्योंकि दोनों बार मैं अपनी ही छाया से डर गया था!

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता ने वास्तविक और कालपनिक भय के फर्क के बारे में लिखा है। उसके साथ के कुछ यहूदी लोगों ने उससे कहा कि वह परमेश्वर से उनके विषय में पूछे कि उन्हें यरुशालेम ही में रहना चाहिए या सुरक्षा के लिए मिस्त्र चले जाना चाहिए, क्योंकि उन लोगों को बाबुल के राजा का भय सता रहा था (यिर्मयाह 42:1-3)। यिर्मयाह ने परमेश्वर से प्रार्थना करके उन्हें परमेश्वर उत्तर लाकर दिया कि यदि वे लोग परमेश्वर पर भरोसा रखकर यरुशालेम ही में बने रहेंगे तो उन्हें डरने की कोई आवश्यकता नहीं होगी (पद 10-12)। परन्तु यदि वे पुनः मिस्त्र को लौट जाएंगे, तो बाबुल का राजा उन्हें वहाँ घात करने के लिए ढूँढ़ लेगा (पद 15-16)। भय की वास्तविक बातों से भरे इस संसार में, परमेश्वर ने उन इस्त्राएलियों को उस पर भरोसा रखकर यरुशालेम में ही रहने का कारण दिया था। परमेश्वर पहले भी उन्हें मिस्त्र से सुरक्षित निकाल कर ले आया था।

   इस घटना के सदियों बाद, परमेश्वर ने मनुष्यों को पाप और मृत्यु के भय से छुड़ाने के लिए चिर-प्रतीक्षित मसीहा को भेजा जिसने अपने बलिदान और मृतकों से पुनरुत्थान के द्वारा समस्त मानव जाति के लिए उद्धार का मार्ग तैयार करके दे दिया। आज हमारा सर्वशक्त्त्तिमान प्रभु परमेश्वर समस्त मानव जाति के सभी लोगों को पाप और मृत्यु के डर से निकल कर उसके साथ उसकी छाया में सुरक्षित रहने के लिए आमंत्रित करता है। - मार्ट डीहॉन


परमेश्वर के पंखों की सुरक्षा की छाया में आने से, 
जीवन की छोटी छायाओं का भय जाता रहता है।

हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिये रहूंगा। - भजन 57:1 

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 42:1-12
Jeremiah 42:1 तब कारेह का पुत्र योहानान, होशयाह का पुत्र याजन्याह, दलों के सब प्रधान और छोटे से ले कर बड़े तक, सब लोग यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के निकट आकर कहने लगे, 
Jeremiah 42:2 हमारी बिनती ग्रहण कर के अपने परमेश्वर यहोवा से हम सब बचे हुओं के लिये प्रार्थना कर, क्योंकि तू अपनी आंखों से देख रहा है कि हम जो पहले बहुत थे, अब थोड़े ही बच गए हैं। 
Jeremiah 42:3 इसलिये प्रार्थना कर कि तेरा परमेश्वर यहोवा हम को बताए कि हम किस मार्ग से चलें, और कौन सा काम करें? 
Jeremiah 42:4 सो यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता ने उन से कहा, मैं ने तुम्हारी सुनी है; देखो, मैं तुम्हारे वचनों के अनुसार तुम्हारे परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना करूंगा ओर जो उत्तर यहोवा तुम्हारे लिये देगा मैं तुम को बताऊंगा; मैं तुम से कोई बात न छिपाऊंगा। 
Jeremiah 42:5 तब उन्होंने यिर्मयाह से कहा, यदि तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे द्वारा हमारे पास कोई वचन पहुंचाए और हम उसके अनुसार न करें, तो यहोवा हमारे बीच में सच्चा और विश्वासयोग्य साक्षी ठहरे। 
Jeremiah 42:6 चाहे वह भली बात हो, चाहे बुरी, तौभी हम अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा, जिसके पास हम तुझे भेजते हैं, मानेंगे, क्योंकि जब हम अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानें तब हमारा भला हो। 
Jeremiah 42:7 दस दिन के बीतने पर यहोवा का वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा। 
Jeremiah 42:8 तब उसने कारेह के पुत्र योहानान को, उसके साथ के दलों के प्रधानों को, और छोटे से ले कर बड़े तक जितने लोग थे, उन सभों को बुला कर उन से कहा, 
Jeremiah 42:9 इस्राएल का परमेश्वर यहोवा, जिसके पास तुम ने मुझ को इसलिये भेजा कि मैं तुम्हारी बिनती उसके आगे कह सुनाऊं, वह यों कहता है, 
Jeremiah 42:10 यदि तुम इसी देश में रह जाओ, तब तो मैं तुम को नाश नहीं करूंगा वरन बनाए रखूंगा; और तुम्हें न उखाडूंगा, वरन रोपे रखूंगा; क्योंकि तुम्हारी जो हानि मैं ने की है उस से मैं पछताता हूँ। 
Jeremiah 42:11 तुम बाबुल के राजा से डरते हो, सो उस से मत डरो; यहोवा की यह वाणी है, उस से मत डरो, क्योंकि मैं तुम्हारी रक्षा करने और तुम को उसके हाथ से बचाने के लिये तुम्हारे साथ हूँ। 
Jeremiah 42:12 मैं तुम पर दया करूंगा, कि वह भी तुम पर दया कर के तुम को तुम्हारी भूमि पर फिर से बसा देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 18-19
  • 2 तिमुथियुस 3


शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2016

संपदा


   हॉवर्ड ल्यूइट को अपनी 200,000 डॉलर की फेरारी कार पानी से ढंके टोरन्टो राजमार्ग पर गंवानी पड़ी। हॉवर्ड ने अपनी कार यह समझकर आगे बढ़ाई थी कि सड़क पर दिखने वाला पानी थोड़ा सा ही गहरा होगा और वे उसके पार हो जाएंगे। लेकिन पानी में उतर जाने के बाद ही उन्हें पता चला कि ना केवल पानी गहरा था, वरन वह तेज़ी से चढ़ भी रहा था। पानी आ जाने के कारण उनकी फेरारी का 450 अश्वशक्ति का शक्तिशाली ईंजन बन्द हो गया और कार पानी में डुबने लगी; हॉवर्ड किसी तरह अपनी जान बचा कर निकल कर ऊँचे स्थान पर आने पाए।

   हॉवर्ड की पानी में डूबी हुई वह मूल्यवान कार मुझे परमेश्वर के वचन में राजा सुलेमान द्वारा विचार करके धन-संपत्ति के विषय में लिखी गई बात याद दिलाती है: "...वह किसी बुरे काम में उड़ जाता है..." (सभोपदेशक 5:14)। प्राकृतिक आपदाएं, चोरी, दुर्घटनाएं आदि हमारी प्रीय और मूल्यवान वस्तुओं को ले जा सकती हैं। चाहे हम उन अनकी रक्षा कर भी लें, तो भी उन्हें अपने साथ स्वर्ग लेकर तो कदापित नहीं जा पाएंगे (पद 15)। इसीलिए राजा सुलेमान ने ऐसे व्यर्थ परिश्रम करने के विषय में प्रश्न किया, "...उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है?" (पद 16)। ऐसी वस्तुओं को अर्जित करने के लिए मेहनत करना जो अन्ततः चली ही जाएंगी व्यर्थता ही तो है।

   लेकिन कुछ ऐसा भी है जो खराब भी नहीं होता है और जिसे हम मसीही विश्वासी पृथ्वी से अपने साथ ले कर जा भी सकते हैं - स्वर्गीय वस्तुएं। हम मसीही विश्वासियों के लिए अनन्तकाल तक बने रहने वाले खज़ाने को स्वर्ग में संचित करना संभव है; यदि हम सदगुणों को निभाएं, जैसे कि उदारता (मत्ती 19:21), नम्रता (मत्ती 5:3), आत्मिक धैर्य (लूका 6:22-23) आदि तो ये हमें ऐसे प्रतिफल देंगे जो कभी नष्ट नहीं होंगे।

   आज आप किस संपदा को अर्जित करने में लगे हुए हैं? क्या जिसके लिए आप मेहनत कर रहे हैं, जिसे आप बचा रहे हैं वह पृथ्वी पर ही क्षय हो जाने वाला तो नहीं है? या क्या आप "सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ" (कुलुस्सियों 3:1-2) का पालन कर रहे हैं? - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


पृथ्वी के खज़ाने स्वर्गीय खज़ानों का ज़रा भी मुकाबला नहीं कर सकते हैं।

यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्या देगा? - मत्ती 16:26

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 5:10-17
Ecclesiastes 5:10 जो रूपये से प्रीति रखता है वह रूपये से तृप्त न होगा; और न जो बहुत धन से प्रीति रखता है, लाभ से: यह भी व्यर्थ है। 
Ecclesiastes 5:11 जब सम्पत्ति बढ़ती है, तो उसके खाने वाले भी बढ़ते हैं, तब उसके स्वामी को इसे छोड़ और क्या लाभ होता है कि उस सम्पत्ति को अपनी आंखों से देखे? 
Ecclesiastes 5:12 परिश्रम करने वाला चाहे थोड़ा खाए, या बहुत, तौभी उसकी नींद सुखदाई होती है; परन्तु धनी के धन के बढ़ने के कारण उसको नींद नहीं आती। 
Ecclesiastes 5:13 मैं ने धरती पर एक बड़ी बुरी बला देखी है; अर्थात वह धन जिसे उसके मालिक ने अपनी ही हानि के लिये रखा हो, 
Ecclesiastes 5:14 और वह किसी बुरे काम में उड़ जाता है; और उसके घर में बेटा उत्पन्न होता है परन्तु उसके हाथ में कुछ नहीं रहता। 
Ecclesiastes 5:15 जैसा वह मां के पेट से निकला वैसा ही लौट जाएगा; नंगा ही, जैसा आया था, और अपने परिश्रम के बदले कुछ भी न पाएगा जिसे वह अपने हाथ में ले जा सके। 
Ecclesiastes 5:16 यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है? 
Ecclesiastes 5:17 केवल इसके कि उसने जीवन भर बेचैनी से भोजन किया, और बहुत ही दु:खित और रोगी रहा और क्रोध भी करता रहा?

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 15-17
  • 2 तिमुथियुस 2


गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016

परिवार


   हम मसीही हाई स्कूल की गायन-मण्डली के साथ जमाइका में सेवकाई के दौरे पर थे; वहाँ हमने परमेश्वर के प्रेम को कार्यान्वित होते हुए देखा। एक दिन हम वहाँ एक ऐसे अनाथालय में गए हुए थे जो अपंग बच्चों और किशोरों के लिए था; वहाँ हमें ज्ञात हुआ कि उस अनाथालय के एक बच्चे, डॉनल्ड को, जो सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित था जिस के कारण बांहें और टांगें भली भांति कार्य नहीं कर पाते हैं, और जिसके साथ हमारी मण्डली के बच्चों ने बातचीत करी थी, गोद लिया जा रहा है। जब डॉनल्ड को गोद लेने वाले दंपत्ति उस स्थान पर आए तो उनके साथ डॉनल्ड के बारे में वार्तालाप करना बड़े आनन्द की बात थी; लेकिन उस भी अधिक आनन्द की बात वह था जो इसके बाद हुआ।

   जब डॉनल्ड के नए माता-पिता उसे अनाथालय से गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करके बाहर लेकर आए और उसकी नई माँ ने उसे गोद में भर लिया, तो हमारी गायन मण्डली के बच्चों ने उनके चारों ओर एकत्रित होकर परमेश्वर की स्तुति और धन्यवाद के गीत गाए। वहाँ आनन्द के आँसू बह रहे थे, और डॉनल्ड का चेहरा खुशी से खिला हुआ था।

   बाद में एक बच्चे ने मुझ से कहा, "इससे मुझे ध्यान आया कि स्वर्ग में कैसा लगता होगा जब कोई जन प्रभु यीशु में लाए विश्वास के द्वारा पाप क्षमा एवं उद्धार पाकर परमेश्वर की सन्तान बन जाता है। स्वर्ग में भी इसी प्रकार से स्वर्गदूत आनन्द मनाते हैं क्योंकि परमेश्वर के परिवार में एक नया सदस्य सम्मिलित हो गया है।" वास्तव में यह स्वर्ग में मनाए जाने वाले उस आनन्द का, जो प्रभु यीशु में लाए विश्वास के द्वारा परमेश्वर के परिवार में आए जन के लिए होता है, एक चित्रण ही था। प्रभु यीशु ने स्वयं इस विषय में कहा था, "मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा..." (लूका 15:7)।

   परमेश्वर का धन्यवाद और आराधना हो कि उसने हमें अपने परिवार में सम्मिलित कर लिया है; इसीलिए स्वर्गदूत हमारे लिए आनन्द मनाते हैं। - डेव ब्रैनन


जब पृथ्वी पर मनुष्य पापों से मन फिराते और प्रभु यीशु से उद्धार पाते हैं, 
तो स्वर्ग में स्वर्गदूत आनन्द मनाते हैं।

सो तुम जा कर इस का अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूं; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं। - मत्ती 9:13

बाइबल पाठ: लूका 15:1-10
Luke 15:1 सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें। 
Luke 15:2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है।
Luke 15:3 तब उसने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा। 
Luke 15:4 तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे? 
Luke 15:5 और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है। 
Luke 15:6 और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे कर के कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है। 
Luke 15:7 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।
Luke 15:8 या कौन ऐसी स्त्री होगी, जिस के पास दस सिक्के हों, और उन में से एक खो जाए; तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बुहार कर जब तक मिल न जाए, जी लगाकर खोजती न रहे? 
Luke 15:9 और जब मिल जाता है, तो वह अपनी सखियों और पड़ोसिनियों को इकट्ठी कर के कहती है, कि मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्‍का मिल गया है। 
Luke 15:10 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्‍वर्गदूतों के साम्हने आनन्द होता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 12-14
  • 2 तिमुथियुस 1


बुधवार, 26 अक्टूबर 2016

स्तुति और आराधना


   अनेकों वर्ष तक मेरी पत्नि के प्यानो और मेरे बैन्जो के मध्य कभी-कभार का और सामन्जस्य रहित संबंध रहा। लेकिन फिर मेरी पत्नि जैनेट ने मेरे जन्म दिन के उपहार के लिए एक नया गिटार खरीदा, और मेरे पुराने गिटार को बजाना सीखने की इच्छा प्रगट करी। जैनेट एक बहुत माहिर संगीतज्ञ है, और हम शीघ्र ही अपने अपने गिटार पर एक साथ परमेश्वर की स्तुति और आराधना के गीत गाने लग गए। मैं यह कह सकता हूँ कि हमारे घर में अब एक नया ही स्तुति संबंध स्थापित हो गया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब भजनकार परमेश्वर की स्तुति और आराधना के लिए प्रेरित हुआ तो उसके आरंभिक शब्द थे, क्योंकि परमेश्वर ने अद्भुत कार्य किए हैं इसलिए सारी पृथ्वी इस स्तुति और आराधना में सम्मिलित हो (भजन 98:1); "हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ" (पद 4); । उसने परमेश्वर की स्तुति के लिए वाद्यों के प्रयोग के लिए कहा, "वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ। तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो" (पद 5, 6)। उसने समुद्र, नदियों, पहाड़ियों, सारी मानव जाति को, अर्थात सारी सृष्टि को एक नए गीत के साथ इस स्तुति और आराधना में सम्मिलित होने को कहा (पद 7, 8)।

   आज अपने हृदयों को अन्य लोगों तथा परमेश्वर की सृष्टि के साथ जोड़ें और अपने महान सृष्टिकर्ता तथा उद्धारकर्ता परमेश्वर की स्तुति और आराधना में सम्मिलित हों। - डेनिस फिशर


परमेश्वर साधारण वस्तुओं को भी अपनी स्तुति-गान के लिए उपयोग कर सकता है।

याह की स्तुति करो, क्योंकि यहोवा भला है; उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मन भाऊ है! - भजन 135:3

बाइबल पाठ: भजन 98:1-9
Psalms 98:1 यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है! 
Psalms 98:2 यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है। 
Psalms 98:3 उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
Psalms 98:4 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ! 
Psalms 98:5 वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ। 
Psalms 98:6 तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
Psalms 98:7 समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें! 
Psalms 98:8 नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें। 
Psalms 98:9 यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 9-11
  • 1 तिमुथियुस 6


मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

प्रार्थना


   जब मेरे पति को अचानक ही आपात स्थिति में ऑपरेशन के लिए अस्पताल ले कर जाना पड़ा, तब मैं फोन के द्वारा परिवार और निकट संबंधियों को इसके बारे में बताने लगी। मेरी बहन और उसके पति तुरंत ही मेरे साथ रहने के लिए मेरे पास अस्पताल में आ गए, और वहाँ प्रतीक्षा के समय में हम प्रार्थना करने लगे। मेरे पति की बहन ने जब फोन पर मेरी चिंतित आवाज़ को सुना तो उसने तुरंत कहा, "सिंडी क्या मैं अभी तुम्हारे साथ प्रार्थना कर सकती हूँ?" जब हमारे पास्टर और उनकी पत्नि आए, तो उन्होंने भी आकर हमारे साथ प्रार्थना करी।

   प्रसिद्ध मसीही लेखक और प्रचारक ऑस्वॉल्ड चैम्बर्स ने लिखा था: "हम अकसर प्रार्थना को अपने अन्तिम प्रयास की तरह प्रयोग करते हैं, जबकि परमेश्वर चाहता है कि प्रार्थना हमारी सुरक्षा की सर्वप्रथम पंक्ति होनी चाहिए। बहुदा हम तब प्रार्थना करते हैं जब करने के लिए और कुछ नहीं बचता, लेकिन परमेश्वर चाहता है कि कुछ भी करने से पहले हम प्रार्थना करें।"

   अपने मूल स्वरूप में प्रार्थना परमेश्वर से वार्तालाप के अलावा और कुछ भी नहीं है; ऐसा वार्तालाप जो इस आशा के साथ किया जाए कि परमेश्वर ना केवल सुनता है वरन उत्तर भी देता है। प्रार्थना हमारा अन्तिम प्रयास नहीं होना चाहिए। अपने वचन बाइबल में परमेश्वर हमें प्रोत्साहित करता है कि हम हर बात के लिए उसके साथ प्रार्थना में रहें: "किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं" (फिलिप्पियों 4:6)। हमारे प्रभु परमेश्वर ने हमें अपना वायदा दिया है, "क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं" (मत्ती 18:20)।

   हम में से जिन लोगों ने परमेश्वर की सामर्थ को अनुभव किया है, उनके लिए हर बात में सर्वप्रथम परमेश्वर को पुकारना स्वाभाविक हो जाता है। उन्नीसवीं शताबदी के पास्टर एन्ड्रयू मर्रे ने कहा है, "प्रार्थना परमेश्वर के लिए मार्ग तैयार करती है कि वह हम में और हमारे लिए कार्य कर सके।" इसीलिए प्रथम मसीही मण्डली के चार आधारभूत सिद्धांतों में से एक था प्रार्थना (प्रेरितों  2:42) और प्रेरित पौलुस ने थिस्सुलुनिकीया के मसीही विश्वासियों को लिखा, "निरन्‍तर प्रार्थना में लगे रहो" (1 थिस्सुलुनीकियों 5:17)। - सिंडी कैस्पर


मसीही विश्वास के जीवन का सिद्धांत: सर्वप्रथम प्रार्थना, फिर कुछ अन्य।

और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे। - प्रेरितों 2:42

बाइबल पाठ: याकूब 5:13-16
James 5:13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्‍दित हो, तो वह स्‍तुति के भजन गाए। 
James 5:14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें। 
James 5:15 और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उसको उठा कर खड़ा करेगा; और यदि उसने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी। 
James 5:16 इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 6-8
  • 1 तिमुथियुस 5


सोमवार, 24 अक्टूबर 2016

ध्यान


   सिंगापुर एक छोटा सा द्वीप-देश है; वह आकार में इतना छोटा है कि संसार के नक्शों में उसे देख पाना कठिन होता है - यदि आप नहीं जानते हैं कि सिंगापुर कहाँ स्थित है तो संसार के नक्शे पर उसे ढूँढ़ कर देखें। क्योंकि सिंगापुर सघन आबादी वाला स्थान है, इसलिए वहाँ रहने वालों को एक दूसरे के प्रति ध्यानपूर्वक रहना होता है। एक व्यक्ति ने अपनी मंगेतर को, जो पहली बार सिंगापुर आ रही थी लिखा, "यहाँ स्थान बहुत सीमित है, इसलिए तुम्हें सदा ही अपने चारों ओर के स्थान का ध्यान रखना होगा। तुम्हें सदा ही यह ध्यान करना होगा कि कहीं तुम किसी अन्य के लिए बाधा तो नहीं बन रही हो। इस प्रकार ध्यान रखना ही यहाँ रहने की कुँजी है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने युवा पास्टर तीतुस को लिखा: "लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के आधीन रहें, और उन की आज्ञा मानें, और हर एक अच्‍छे काम के लिये तैयार रहें। किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्‍वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें" (तीतुस 3:1-2)। हम मसीही विश्वासियों के लिए यह कहा जाता है कि, "संभव है कि हमारे जीवन ही वह एकमात्र बाइबल हों जिसे लोग पढ़ते हैं।" संसार जानता है कि मसीही विश्वासी संसार के सामान्य लोगों से भिन्न होते हैं। यदि हम झगड़ालू, स्वार्थी और अशिष्ट होंगे तो फिर लोग मसीह यीशु और उस सुसमाचार के बारे में जिसका हम प्रचार करते हैं क्या सोचेंगे?

   दूसरों के प्रति सजग रहना, उनका ध्यान रखना जीवन जीने के लिए एक अच्छा आदर्श है, और यदि हम प्रभु यीशु पर आधारित और निर्भर जीवन जीते हैं तो ऐसा करना संभव भी है। साथ ही ऐसा जीवन संसार के सामने प्रत्यक्ष प्रमाण भी है कि प्रभु यीशु ना केवल पाप क्षमा करके उद्धार करता है, वरन जीवन को परिवर्तित भी करता है। - पोह फैंग चिया


आपकी गवाही आपके जीवन चरित्र जितनी ही प्रभावी होती है।

और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो। - 2 तिमुथियुस 2:24

बाइबल पाठ: तीतुस 3:1-7
Titus 3:1 लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के आधीन रहें, और उन की आज्ञा मानें, और हर एक अच्‍छे काम के लिये तैयार रहें। 
Titus 3:2 किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्‍वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें। 
Titus 3:3 क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्‍व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे। 
Titus 3:4 पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की कृपा, और मनुष्यों पर उसकी प्रीति प्रगट हुई। 
Titus 3:5 तो उसने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्‍नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। 
Titus 3:6 जिसे उसने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला। 
Titus 3:7 जिस से हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 3-5
  • 1 तिमुथियुस 4


रविवार, 23 अक्टूबर 2016

साफ-सुथरा


   मुझे आज भी अपने बचपन के समय में माँ द्वारा बहुदा कहे गए शब्द याद हैं, कि मैं जाकर अपने कमरे को साफ-सुथरा करूँ। माँ की बात सुनकर मैं निष्ठापूर्वक जाकर कमरे की सफाई करने तो लगता, लेकिन किसी कॉमिक के मिल जाने पर मैं उसे उसके स्थान पर रखने की बजाए उसे पढ़ने लग जाता, और समय ऐसे ही व्यर्थ निकलने लगता। तभी माँ की आवाज़ फिर से आती के वे पाँच मिनिट में कमरे की सफाई के हाल देखने आ रही हैं। इतने कम समय में ठीक से सफाई ना कर पाने के कारण, मैं सारा अस्त-व्यस्त सामान उठाकर अपनी आलमारी में भर कर आलमारी बन्द कर देता, और माँ के निरीक्षण करने आने की बाट जोहने लगता, इस आशा के साथ कि वे आकर मेरी आलमारी खोलकर नहीं देखेंगी।

   बचपन की यह हरकत आज मुझे वह स्मरण कराती है जो हम अकसर अपने जीवनों के साथ करते हैं। हम लोगों को दिखाने के लिए अपने जीवनों को बाहर से तो साफ कर देते हैं, लेकिन साथ ही यह भी आशा रखते हैं कि कोई भी हमारे जीवन की "आलमारी" खोलकर अन्दर की वास्तविकता को नहीं देखेगा, जहाँ हमने अपने तर्क, बहानों और दूसरों को दोषी ठहराने के द्वारा अपने पाप, बुराईयों और चरित्र की कमज़ोरियों को छुपा रखा है; क्योंकि हम भली-भांति जानते हैं कि चाहे हम बाहर से कितने भी भले प्रतीत क्यों ना हों, वास्तव में हमारे अन्दर वह सच्ची भलाई और सफाई नहीं है जो होनी चाहिए। स्वयं की यह सच्ची सफाई हम अपने आप कदापि नहीं कर सकते हैं; लेकिन परमेश्वर की सहायता और मार्ग-दर्शन से यह संभव है।

   परमेश्वर हम सभी को साफ-सुथरा करना चाहता है, यदि हम उसे करने दें तो। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार हमें प्रोत्साहित करता है कि उसके समान हम भी अपने आप को परमेश्वर के निरीक्षण में ले आएं जिससे हम साफ-सुथरा हों: "हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर" (भजन 139:23-24)। - जो स्टोवैल


क्योंकि परमेश्वर से हमारी कोई भी बात छिपी नहीं है, 
इसलिए उसके सामने अपनी सभी बातों को मान लेने में संकोच करना व्यर्थ है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: भजन 139:13-24
Psalms 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा। 
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं। 
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं। 
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे। 
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है।
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं।
Psalms 139:19 हे ईश्वर निश्चय तू दुष्ट को घात करेगा! हे हत्यारों, मुझ से दूर हो जाओ। 
Psalms 139:20 क्योंकि वे तेरी चर्चा चतुराई से करते हैं; तेरे द्रोही तेरा नाम झूठी बात पर लेते हैं। 
Psalms 139:21 हे यहोवा, क्या मैं तेरे बैरियों से बैर न रखूं, और तेरे विरोधियों से रूठ न जाऊं? 
Psalms 139:22 हां, मैं उन से पूर्ण बैर रखता हूं; मैं उन को अपना शत्रु समझता हूं। 
Psalms 139:23 हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! 
Psalms 139:24 और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर!

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 1-2
  • 1 तिमुथियुस 3


शनिवार, 22 अक्टूबर 2016

परम मित्र


   मेरी एक मित्र के पति डिमेन्शिया रोग के कारण, जिसमें यादाश्त जाती रहती है तथा मरीज़ अपनी देखभाल, भूख-प्यास का निवारण और साफ-सफाई भी नहीं कर पाता, जीवन के अन्तिम चरणों में थे। उनकी देखभाल करने के लिए एक नर्स नियुक्त करी गई, और जब उनसे उस नर्स की प्रथम मुलाकात करवाई गई तो उन्होंने हाथ बढ़ाकर उसकी बाँह थाम ली, उसे रोका और कहा कि वे उसका परिचय अपने सबसे अच्छे और परम-मित्र से करवाना चाहते हैं, जो उनसे बहुत प्रेम करता है।

   क्योंकि वहाँ और कोई नहीं था, इसलिए उस नर्स को लगा कि अपने मानसिक रोग के कारण वे यूँ ही बड़बड़ा रहे हैं; लेकिन बाद में पता चला कि वे प्रभु यीशु की बात कर रहे थे। वह नर्स उनकी बात से बहुत प्रभावित हुई किंतु एक अन्य मरीज़ की देखभाल करने जाने के कारण वह उनकी पूरी बात सुन नहीं सकी और उसे जाना पड़ा। बाद में जब वह लौट कर उनके पास आई, तब तक वे पुनः अपनी बीमारी के प्रभाव में आ चुके थे, अपने आस-पास का बोध ना होने के अन्धकार में जा चुके थे।

   यद्यपि यह व्यक्ति डिमेन्शिया के अन्धकार में उतर गया था, लेकिन फिर भी उसे यह याद था कि उसका सबसे अच्छा मित्र प्रभु यीशु है, जो उससे बहुत प्रेम करता है। परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों के मन की अथाह गहराईयों में निवास करता है। वह हमारे मन के सबसे गहरे अन्धकार को भी बींध कर अपने कोमल प्रेम और देखभाल के आश्वासन का उजियाला हमारे मनों में कर सकता है; कोई भी अन्धकार हमें उस से छुपा नहीं सकता है (भजन 139:12)।

   हम यह तो नहीं जानते कि हमारे अपने लिए या हमारे प्रीय जनों के लिए भविष्य में क्या रखा है। संभव है कि वे या हम भी किसी मानसिक अथवा शारीरिक रोग के कारण किसी अन्धकार में पड़ जाएं। लेकिन हम मसीही विश्वासियों को यह निश्चय और आश्वासन अवश्य है कि हमारे सबसे अच्छे और परम मित्र, हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु का साथ, देखभाल और मार्गदर्शन उस परिस्थिति में भी हमारे साथ बना रहेगा, हमें आश्वस्त तथा शान्त रखेगा। उस परम मित्र के प्रेम और व्यक्तिगत देखभाल से हमें कुछ भी, कोई भी, कभी भी अलग नहीं कर सकता है। - डेविड रोपर


प्रभु यीशु मुझ से प्रेम करता है, यह मैंने व्यक्तिगत अनुभव से जाना है।

क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी| - रोमियों 8:38-39

बाइबल पाठ: भजन 139:7-12
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? 
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है! 
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं, 
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा। 
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्धेरा हो जाएगा, 
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66
  • 1 तिमुथियुस 2


शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016

सहायक


   स्वतः साफ हो जाने वाले तन्दूर के आने से बहुत पहले से ही मेरा तन्दूर बहुत साफ रहता था। जब भी घर पर मेहमान खाने के लिए आते तो वे मेरे तन्दूर की सफाई को देखकर प्रशंसा करते और कहते, "तुम्हारा तन्दूर कितना साफ है; बिलकुल नए जैसा लगता है।" मैं इस प्रशंसा को ग्रहण कर लेती यद्यपि मैं जानती थी कि मैं इस प्रशंसा की भागी नहीं हूँ। मेरे तन्दूर के साफ-सुथरे रहने का कारण मेरी उसको रगड़ कर, मांझ कर रखने वाली कोई आदत नहीं थी; वह साफ-सुथरा और नए समान केवल इसलिए रहता था क्योंकि मैं शायद ही कभी उसका उपयोग करती थी!

   मैं विचार करती हूँ कि ऐसे ही ना जाने कितनी बार मैंने अपने "साफ-सुथरे" जीवन के लिए प्रशंसा को ग्रहण तो किया है लेकिन वास्तव में मैं उस प्रशंसा की भागी नहीं रही हूँ। लोगों के सामने यह छवि प्रस्तुत करना कि हम बड़े सदाचारी तथा अच्छे चरित्र के हैं कोई कठिन कार्य नहीं है; इसके लिए केवल इतना ही करना होता है कि आप ऐसा कुछ भी जो कठिन, विवादास्पद, या लोगों को पसन्द ना आने वाला हो कदापि नहीं करें। अपने आप को लोगों से थोड़ा पृथक रखें, और आपकी छवि कभी खराब नहीं होगी।

   लेकिन हम मसीही विश्वासियों से हमारे प्रभु परमेश्वर ने कहा है कि हम उन से भी प्रेम करें जो हम से सहमत नहीं हैं, जो हमारे मानकों को नहीं मानते हैं, जो हमें पसन्द नहीं करते हैं। व्यावाहरिक एवं प्रगट प्रेम की यह माँग है कि हम लोगों के जीवन में सम्मिलित हों, उनकी परेशानियों और अस्त-व्यस्त परिस्थितियों में भी। प्रभु यीशु की अपने समय के धार्मिक अगुवों के साथ अकसर तकरार रहती थी क्योंकि वे अगुवे संसार के सामने अपने आप को स्वच्छ और न्याय-संगत दिखाने के प्रयासों में अधिक संलग्न रहते थे बजाए इसके कि वे उन लोगों की आत्मिक आवश्यकताओं का ध्यान करें जिनके लिए वे ज़िम्मेदार थे। क्योंकि प्रभु यीशु और उसके चेले ऐसे लोगों से मिलते-जुलते और उनके साथ भोजन करते थे जिन्हें ये अगुवे पापी और तुच्छ समझते थे, इसलिए वे प्रभु और उसके चेलों को भी अशुद्ध और नीच मानते थे; जबकि प्रभु और उसके चेले तो केवल विनाश के मार्ग पर चल रहे लोगों को बचाने, सुधारने के प्रयास कर रहे थे (लूका 5:30-31)।

   मसीही विश्वासी, अर्थात मसीह यीशु के सच्चे अनुयायी, वे लोग होने चाहिएं जो पाप में फंसे दूसरे लोगों की सहायता के लिए अपनी प्रतिष्ठा को दाँव पर लगाने को तैयार हों; परेशानियों और परिस्थितियों में पड़े लोगों की सहायता के लिए संसार की धारणाओं के विमुख चलने को तैयार हों। - जूली ऐकैरमैन लिंक


मसीह यीशु ने हमें भेजा है ताकि हम औरों को ले आएं।

क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है। - लूका 19:10

बाइबल पाठ: लूका 5:27-32
Luke 5:27 और इसके बाद वह बाहर गया, और लेवी नाम एक चुंगी लेने वाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
Luke 5:28 तब वह सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया। 
Luke 5:29 और लेवी ने अपने घर में उसके लिये बड़ी जेवनार की; और चुंगी लेने वालों की और औरों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी। 
Luke 5:30 और फरीसी और उन के शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि तुम चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो? 
Luke 5:31 यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है। 
Luke 5:32 मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 62-64
  • 1 तिमुथियुस 1


गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016

शब्द


   आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डिनैंड और उनकी पत्नि सोफी की हत्या के प्रत्युत्तर में, 28 जुलाई 1914 को ऑसट्रिया तथा हंग्री की सेनाओं ने सर्बिया के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया। इसके 90 दिन के अन्दर ही अन्य यूरोपीय देश अपनी युद्ध संधियों के पालन तथा अपनी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए इस युद्ध में शामिल हो गए; और हत्या की उस एक घटना ने बढ़ कर प्रथम विश्व-युद्ध का रूप ले लिया जो आधुनिक संसार के इतिहास के सबसे विनाशकारी युद्धों में से एक था; युद्ध की त्रासदी और नुकसान हिला देने वाले होते हैं।

   हमारे पारस्परिक तथा पारिवारिक संबंधों में भी कुछ ही घृणापूर्ण बातें ऐसी ही विनाशकारी दरारें उत्पन्न कर देती हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने लिखा, "वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है" (याकूब 3:5); और नीतिवचन का लेखक वाद-विवाद से उत्पन्न होने वाले झगड़ों से बचे रहने का मार्ग बताता है: "कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है, परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है" (नीतिवचन 15:1)।

   एक छोटी सी टिप्पणी बड़ा झगड़ा आरंभ कर सकती है। जब परमेश्वर के अनुग्रह और सामर्थ से हम अपने शब्दों द्वारा किसी से बदला ना लेने का निर्णय लेते हैं तो हम अपने प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह का आदर करते हैं; जिसके जीवन एवं व्यवहार के विषय में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भविष्यवाणी करी थी कि, "वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला" (यशायाह 53:7); और जीवनपर्यन्त प्रभु यीशु ने अपमान, निन्दा और गाली सुनकर भी कभी किसी को बुरा नहीं कहा, किसी का बुरा नहीं किया।

   बाइबल में नीतिवचन की पुस्तक हम से अनुरोध करती है कि हम सदा सत्य बोलें और अपने शब्दों से भी शान्ति के मार्ग पर ही चलें: "शान्ति देने वाली बात जीवन-वृक्ष है, परन्तु उलट फेर की बात से आत्मा दु:खित होती है" (नीतिवचन 15:4)। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु मुझे अपनी शान्ति का माध्यम बनाएं;
जहाँ घृणा है, मैं वहाँ प्रेम बोने पाऊँ।

पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है। - याकूब 3:17

बाइबल पाठ: नीतिवचन 15:1-23
Proverbs 15:1 कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है, परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है। 
Proverbs 15:2 बुद्धिमान ज्ञान का ठीक बखान करते हैं, परन्तु मूर्खों के मुंह से मूढ़ता उबल आती है। 
Proverbs 15:3 यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं, वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं। 
Proverbs 15:4 शान्ति देने वाली बात जीवन-वृक्ष है, परन्तु उलट फेर की बात से आत्मा दु:खित होती है। 
Proverbs 15:5 मूढ़ अपने पिता की शिक्षा का तिरस्कार करता है, परन्तु जो डांट को मानता, वह चतुर हो जाता है। 
Proverbs 15:6 धर्मी के घर में बहुत धन रहता है, परन्तु दुष्ट के उपार्जन में दु:ख रहता है। 
Proverbs 15:7 बुद्धिमान लोग बातें करने से ज्ञान को फैलाते हैं, परन्तु मूर्खों का मन ठीक नहीं रहता। 
Proverbs 15:8 दुष्ट लोगों के बलिदान से यहोवा धृणा करता है, परन्तु वह सीधे लोगों की प्रार्थना से प्रसन्न होता है। 
Proverbs 15:9 दुष्ट के चाल चलन से यहोवा को घृणा आती है, परन्तु जो धर्म का पीछा करता उस से वह प्रेम रखता है। 
Proverbs 15:10 जो मार्ग को छोड़ देता, उसको बड़ी ताड़ना मिलती है, और जो डांट से बैर रखता, वह अवश्य मर जाता है। 
Proverbs 15:11 जब कि अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के साम्हने खुले रहते हैं, तो निश्चय मनुष्यों के मन भी। 
Proverbs 15:12 ठट्ठा करने वाला डांटे जाने से प्रसन्न नहीं होता, और न वह बुद्धिमानों के पास जाता है। 
Proverbs 15:13 मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है। 
Proverbs 15:14 समझने वाले का मन ज्ञान की खोज में रहता है, परन्तु मूर्ख लोग मूढ़ता से पेट भरते हैं। 
Proverbs 15:15 दुखिया के सब दिन दु:ख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है। 
Proverbs 15:16 घबराहट के साथ बहुत रखे हुए धन से, यहोवा के भय के साथ थोड़ा ही धन उत्तम है, 
Proverbs 15:17 प्रेम वाले घर में साग पात का भोजन, बैर वाले घर में पाले हुए बैल का मांस खाने से उत्तम है। 
Proverbs 15:18 क्रोधी पुरूष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है, वह मुकद्दमों को दबा देता है। 
Proverbs 15:19 आलसी का मार्ग कांटों से रून्धा हुआ होता है, परन्तु सीधे लोगों का मार्ग राजमार्ग ठहरता है। 
Proverbs 15:20 बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है, परन्तु मूर्ख अपनी माता को तुच्छ जानता है। 
Proverbs 15:21 निर्बुद्धि को मूढ़ता से आनन्द होता है, परन्तु समझ वाला मनुष्य सीधी चाल चलता है। 
Proverbs 15:22 बिना सम्मति की कल्पनाएं निष्फल हुआ करती हैं, परन्तु बहुत से मंत्रियों की सम्मत्ति से बात ठहरती है। 
Proverbs 15:23 सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है! 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 59-61
  • 2 थिस्सलुनीकियों 3


बुधवार, 19 अक्टूबर 2016

बुनियाद


   मुझे विरासत में एक पुराना घर मिला था, और मैं उसे ठीक-ठाक करके पुनः उपयोग के योग्य बनवा रहा था। घर बनाने वाले ठेकेदार ने आकर मुझ से कहा, तुम्हारे लिए एक बुरी खबर है; "जब हमने घर के पिछले भाग को आपके दफतर के लिए ठीक करना आरंभ किया तो पता चला कि पिछले भाग का अधिकांश हिस्से की बुनियाद ना के बराबर है, और हमें वह सारा भाग तोड़कर, सही बुनियाद डालकर फिर से बनाना पड़ेगा।" मैंने मन ही मन इस अनेपक्षित नए खर्च का हिसाब जोड़ते हुए उससे पूछा, "क्या यह करना ज़रुरी है? क्या आप ऐसे ही उसकी मरम्मत नहीं कर सकते?" लेकिन ठेकेदार अडिग रहा, और बोला, "यदि हम सही गहराई तक नई बुनियाद नहीं बनाते हैं तो भवन-निर्माण अधिकारी स्वीकृति नहीं देगा। सही बुनियाद होना आवश्यक है।"

   सही बुनियाद एक स्थिर और स्थाई तथा किसी अल्पकालिक निर्माण के बीच का अन्तर है। प्रभु यीशु जानते थे कि चाहे बुनियाद दिखाई नहीं देती है, लेकिन घर की सामर्थ और स्थिरता के लिए वह अति महत्वपूर्ण होती है (मत्ती 7:24-25); विशेषकर घर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए। प्रभु यीशु यह भी जानते थे कि जिन लोगों से वे यह बातें कर रहे हैं, उनके मन कैसे हैं; वे लोग सरल तथा छोटा मार्ग चुन कर उस पर चलने, और कार्यों को आधा-अधूरा करके लक्ष्य प्राप्त करने के प्रयासों में रहते हैं।

   अन्य बुनियादें सरल और शीघ्र बन जाने वाली हो सकती हैं, लेकिन मसीही विश्वास के जीवन की सही बुनियाद प्रभु यीशु और परमेश्वर का वचन बाइबल है, जिस पर निर्माण करना सतत प्रयास और मेहनत माँगता है। लेकिन ऐसे बनाए गए विश्वास के जीवन ही हर संघर्ष और तूफान का सामना बिना कोई नुकसान उठाए कर सकते हैं, हर परिस्थिति में स्थिर खड़े रह सकते हैं। - मेरियन स्ट्राउड


बुद्धिमान व्यक्ति अपना जीवन चट्टान पर ही बनाते हैं।

क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता। - 1 कुरिन्थियों 3:11

बाइबल पाठ: मत्ती 7:24-29
Matthew 7:24 इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। 
Matthew 7:25 और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी। 
Matthew 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया। 
Matthew 7:27 और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।
Matthew 7:28 जब यीशु ये बातें कह चुका, तो ऐसा हुआ कि भीड़ उसके उपदेश से चकित हुई। 
Matthew 7:29 क्योंकि वह उन के शास्‍त्रियों के समान नहीं परन्तु अधिकारी की नाईं उन्हें उपदेश देता था। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 56-58
  • 2 थिस्सलुनीकियों 2


मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016

सच्चा मित्र


   शेन नामक उपन्यास में, अमेरिका के सीमान्त इलाके के एक किसान, जो स्टैरेट और उसके घर आए एक रहस्यमय अनजान व्यक्ति शेन के बीच में मित्रता हो जाती है। इस मित्रता का आरंभ होता है जब वे दोनों मिलकर एक विशाल पेड़ के ठूँठ और जड़ को जो स्टैरेट के फार्म की धरती से निकालते हैं। फिर जब जो स्टैरेट शेन को एक झगड़े में से बचाता है, और जब शेन जो स्टैरेट को उसके फार्म की रक्षा करना तथा बेहतर बनाने के तरीके सिखाता है तो यह मित्रता और गहरी हो जाती है। दोनों व्यक्ति परस्पर आदर और वफादारी की भावना रखने लगते हैं। उनका यह व्यवहार परमेश्वर के वचन बाइबल में कही गई बात, "एक से दो अच्छे हैं, क्योंकि उनके परिश्रम का अच्छा फल मिलता है। क्योंकि यदि उन में से एक गिरे, तो दूसरा उसको उठाएगा; परन्तु हाय उस पर जो अकेला हो कर गिरे और उसका कोई उठाने वाला न हो" (सभोपदेशक 4:9-10) की पुष्टि है।

   बाइबल के दो अन्य पात्रों, दाऊद और राजा शाऊल के पुत्र योनातान ने भी इसी बात को व्यावाहरिक जीवन से दिखाया। वे दोनों मित्र थे, और परिस्थितियों ने उनकी मित्रता को जाँचा; दाऊद को शक था कि राजा शाऊल उसे मरवाना चाहता है, लेकिन योनातान इस बात को नहीं मानता था। तब उन्होंने निर्णय किया कि दाऊद जाकर छुप जाएगा और योनातान अपने पिता राजा शाऊल से इस बारे में बात करेगा और सच्चाई को जानने का प्रयास करेगा। जब योनातान ने जाना कि दाऊद का शक सही था और वास्तव में उसका पिता दाऊद को मारना चाहता था, तो उसने यह बात जाकर दाऊद को बता दी, उसे सुरक्षित निकल जाने के लिए भी कहा और उसके गले लगकर रोया भी तथा योनातान ने दाऊद को जाते-जाते आशीष भी दी।

   यदि आपने उसके पापों की क्षमा, समर्पण तथा उद्धार के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है तो प्रभु यीशु मसीह में आपके पास एक सच्चा मित्र है जो सदा आपके साथ वफादार बना रहेगा; यदि आप ठोकर खाएं तो आपको संभालेगा, सदा आपका सहायक रहेगा, आपके लिए सदा उपलब्ध रहेगा। उसने अपने प्रेम और मित्रता की वफादारी का प्रमाण आपके लिए कलवरी के क्रूस पर अपने प्राण बलिदान करने के द्वारा दिया है। प्रभु यीशु की मित्रता स्वीकार करना कभी भी किसी भी रीति से हानि का सौदा नहीं है, वरन सभी के लिए अनन्तकालीन लाभ और आनन्द का मार्ग है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु से बढ़कर सच्चा और वफादार मित्र कोई और नहीं है।

इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। - यूहन्ना 15:13-14

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 20:32-42
1 Samuel 20:32 योनातन ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उस से कहा, वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है? 
1 Samuel 20:33 तब शाऊल ने उसको मारने के लिये उस पर भाला चलाया; इससे योनातन ने जान लिया, कि मेरे पिता ने दाऊद को मार डालना ठान लिया है। 
1 Samuel 20:34 तब योनातन क्रोध से जलता हुआ मेज पर से उठ गया, और महीने के दूसरे दिन को भोजन न किया, क्योंकि वह बहुत खेदित था, इसलिये कि उसके पिता ने दाऊद का अनादर किया था।
1 Samuel 20:35 बिहान को योनातन एक छोटा लड़का संग लिये हुए मैदान में दाऊद के साथ ठहराए हुए स्थान को गया। 
1 Samuel 20:36 तब उसने अपने छोकरे से कहा, दौड़कर जो जो तीर मैं चलाऊं उन्हें ढूंढ़ ले आ। छोकरा दौड़ता ही था, कि उसने एक तीर उसके परे चलाया। 
1 Samuel 20:37 जब छोकरा योनातन के चलाए तीर के स्थान पर पहुंचा, तब योनातन ने उसके पीछे से पुकार के कहा, तीर तो तेरी परली ओर है। 
1 Samuel 20:38 फिर योनातन ने छोकरे के पीछे से पुकारकर कहा, बड़ी फुर्ती कर, ठहर मत। और योनातन ने छोकरे के पीछे से पुकार के कहा, बड़ी फुर्ती कर, ठहर मत! और योनातन का छोकरा तीरों को बटोर के अपने स्वामी के पास ल आया। 
1 Samuel 20:39 इसका भेद छोकरा तो कुछ न जानता था; केवल योनातन और दाऊद इस बात को जानते थे। 
1 Samuel 20:40 और योनातन ने अपने हथियार अपने छोकरे को देकर कहा, जा, इन्हें नगर को पहुंचा। 
1 Samuel 20:41 ज्योंही छोकरा चला गया, त्योंही दाऊद दक्खिन दिशा की अलंग से निकला, और भूमि पर औंधे मुंह गिर के तीन बार दण्डवत की; तब उन्होंने एक दूसरे को चूमा, और एक दूसरे के साथ रोए, परन्तु दाऊद को रोना अधिक था। 
1 Samuel 20:42 तब योनातन ने दाऊद से कहा, कुशल से चला जा; क्योंकि हम दोनों ने एक दूसरे से यह कहके यहोवा के नाम की शपथ खाई है, कि यहोवा मेरे और तेरे मध्य, और मेरे और तेरे वंश के मध्य में सदा रहे। तब वह उठ कर चला गया; और योनातन नगर में गया। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1


सोमवार, 17 अक्टूबर 2016

सदा विद्यमान


   जब हमारी बेटी कैथरीन बहुत छोटी थी, अभी वह चल या रेंग भी नहीं पाती थी, तब उसने लोगों से अपने आप को छिपाने, या अपने आप को अकेला कर लेने, या अपनी मर्ज़ी करने का मार्ग बना लिया था - वह बस अपनी आँखें बन्द कर लेती थी। कैथरीन को लगता था कि यदि वह किसी को देख नहीं पा रही है तो कोई और भी उसे देख नहीं पा रहा है, और वह अपने आप में एकान्त में है। जब हम उसे कार में लेकर कहीं जाते और कोई नया अनजान व्यक्ति उससे हैलो करता, तब वह यही करती; यदि खाने के समय उसे मेज़ पर से दिए जा रहे भोजन का इन्कार करना होता तब भी वह यही करती और जब हम रात में उससे कहते कि अब उसके सोने का समय हो गया है तो हमें नज़रन्दाज़ करने के लिए भी वह यही करती।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र, योना ने भी अपने आप को परमेश्वर से छुपाने का कुछ ऐसा ही तरीका निकाला था, लेकिन जैसे हमारी बेटी कैथरीन का तरीका सफल नहीं होने पाया, योना का तरीका भी सफल नहीं हुआ। परमेश्वर ने योना से कहा कि वह निनवे जाकर वहाँ के लोगों के मध्य परमेश्वर के नाम से पश्चाताप करने का प्रचार करे क्योंकि उनके पाप के कारण निनवे के लोगों का विनाश आने को था। लेकिन योना निनवे के लोगों से बैर रखता था और वह निनवे जाने की बजाए उसकी विपरीत दिशा में चला गया, अपने आप को परमेश्वर से छिपा लेने का प्रयास करने लगा। लेकिन योना ने शीघ्र ही जान लिया कि वह परमेश्वर से छिप कर कहीं नहीं जा सकता है; ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ परमेश्वर उसे देख नहीं सकता है। बाइबल ऐसी कहानियों से भरी पड़ी है जिनमें परमेश्वर ने उन लोगों को ढूँढ़ लिया जो उससे छुपना चाहते थे (निर्गमन 2:11-36; 1 राजा 19:1-7; प्रेरितों 9:1-19)।

   हो सकता है कि आपने भी परमेश्वर से छिपने का, यह समझने का प्रयास किया हो कि परमेश्वर आपको देख नहीं सकता है। लेकिन यह जान लीजिए, यदि एक बलवाई भविष्यद्वक्ता योना द्वारा एक विशाल मछली के पेट से करी गई प्रार्थना को परमेश्वर सुन सकता है, तो फिर आप चाहे जहाँ भी हों, उस स्थान से परमेश्वर आप को भी भली-भांति देख और सुन सकता है; जो भी आपने किया या कहा है, परमेश्वर को वह सब पता है।

   लेकिन यह कोई भयभीत होने की नहीं, वरन बड़ी शान्ति और सुख की बात है - वह हर समय हर स्थान पर सदा विद्यमान सर्वज्ञानी परमेश्वर है जो हमारी प्रत्येक बात, प्रत्येक भावना, प्रत्येक बुराई को जानने के बावजुद हम से प्रेम करता है, प्रभु यीशु मसीह में होकर वह हमें अपने साथ ले लेना चाहता है, हमारी देखभाल करना चाहता है और हमारे लिए भलाई ही करना चाहता है। - रैंडी किल्गोर


जब तक परमेश्वर की नज़र हम पर बनी हुई है, हमें अपने आस-पास की
 परिस्थितियों और परेशानियों से घबराने की आवश्यकता नहीं है।

मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है! यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं, तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा। - भजन 139:7-10

बाइबल पाठ: योना 1:1-2:1
Jonah 1:1 यहोवा का यह वचन अमितै के पुत्र योना के पास पहुंचा, 
Jonah 1:2 उठ कर उस बड़े नगर नीनवे को जा, और उसके विरुद्ध प्रचार कर; क्योंकि उसकी बुराई मेरी दृष्टि में बढ़ गई है। 
Jonah 1:3 परन्तु योना यहोवा के सम्मुख से तर्शीश को भाग जाने के लिये उठा, और यापो नगर को जा कर तर्शीश जाने वाला एक जहाज पाया; और भाड़ा देकर उस पर चढ़ गया कि उनके साथ हो कर यहोवा के सम्मुख से तर्शीश को चला जाए।
Jonah 1:4 तब यहोवा ने समुद्र में एक प्रचण्ड आंधी चलाई, और समुद्र में बड़ी आंधी उठी, यहां तक कि जहाज टूटने पर था। 
Jonah 1:5 तब मल्लाह लोग डर कर अपने अपने देवता की दोहाई देने लगे; और जहाज में जो व्यापार की सामग्री थी उसे समुद्र में फेंकने लगे कि जहाज हल्का हो जाए। परन्तु योना जहाज के निचले भाग में उतरकर सो गया था, और गहरी नींद में पड़ा हुआ था। 
Jonah 1:6 तब मांझी उसके निकट आकर कहने लगा, तू भारी नींद में पड़ा हुआ क्या करता है? उठ, अपने देवता की दोहाई दे! सम्भव है कि परमेश्वर हमारी चिन्ता करे, और हमारा नाश न हो।
Jonah 1:7 तब उन्होंने आपस में कहा, आओ, हम चिट्ठी डाल कर जान लें कि यह विपत्ति हम पर किस के कारण पड़ी है। तब उन्होंने चिट्ठी डाली, और चिट्ठी योना के नाम पर निकली। 
Jonah 1:8 तब उन्होंने उस से कहा, हमें बता कि किस के कारण यह विपत्ति हम पर पड़ी है? तेरा उद्यम क्या है? और तू कहां से आया है? तू किस देश और किस जाति का है? 
Jonah 1:9 उसने उन से कहा, मैं इब्री हूं; और स्वर्ग का परमेश्वर यहोवा जिसने जल स्थल दोनों को बनाया है, उसी का भय मानता हूं। 
Jonah 1:10 तब वे निपट डर गए, और उस से कहने लगे, तू ने यह क्या किया है? वे जान गए थे कि वह यहोवा के सम्मुख से भाग आया है, क्योंकि उसने आप ही उन को बता दिया था।
Jonah 1:11 तब उन्होंने उस से पूछा, हम तेरे साथ क्या करें जिस से समुद्र शान्त हो जाए? उस समय समुद्र की लहरें बढ़ती ही जाती थीं। 
Jonah 1:12 उसने उन से कहा, मुझे उठा कर समुद्र में फेंक दो; तब समुद्र शान्त पड़ जाएगा; क्योंकि मैं जानता हूं, कि यह भारी आंधी तुम्हारे ऊपर मेरे ही कारण आई है। 
Jonah 1:13 तौभी वे बड़े यत्न से खेते रहे कि उसको किनारे पर लगाएं, परन्तु पहुंच न सके, क्योंकि समुद्र की लहरें उनके विरुद्ध बढ़ती ही जाती थीं। 
Jonah 1:14 तब उन्होंने यहोवा को पुकार कर कहा, हे यहोवा हम बिनती करते हैं, कि इस पुरूष के प्राण की सन्ती हमारा नाश न हो, और न हमें निर्दोष की हत्या का दोषी ठहरा; क्योंकि हे यहोवा, जो कुछ तेरी इच्छा थी वही तू ने किया है। 
Jonah 1:15 तब उन्होंने योना को उठा कर समुद्र में फेंक दिया; और समुद्र की भयानक लहरें थम गईं। 
Jonah 1:16 तब उन मनुष्यों ने यहोवा का बहुत ही भय माना, और उसको भेंट चढ़ाई और मन्नतें मानीं।
Jonah 1:17 यहोवा ने एक बड़ा सा मच्छ ठहराया था कि योना को निगल ले; और योना उस मच्छ के पेट में तीन दिन और तीन रात पड़ा रहा।
Jonah 2:1 तब योना ने उसके पेट में से अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर के कहा 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 50-52
  • 1 थिस्सलुनीकियों 5


रविवार, 16 अक्टूबर 2016

रहस्यमय मार्ग


   मैं और मेरी पत्नि हमारी बेटी से मिलने जाने के लिए 400 मील की सड़क यात्रा पर निकले। चलते समय मैंने बेटी के घर को हमारा गन्तव्य बनाकर जी.पी.एस. को सेट कर दिया जिससे वह हमें रास्ता दिखाता रहे। यात्रा के दौरान, एक स्थान पर आकर जी.पी.एस. ने ना जाने क्यों हमें मुख्य-अन्तर्राज्यमार्ग से हटाकर एक सह-मार्ग पर डाल दिया, जिससे हमें एक शहर के बाहर से चक्कर लगाकर फिर उसी मुख्य-अन्तर्राज्यमार्ग पर लौटकर आना पड़ा। मैं जी.पी.एस. द्वारा हमें दिलाए गए इस चक्कर को लेकर असामंजस में था, कि क्यों हमें एक सही और अच्छे-खासे अन्तर्राज्यमार्ग से पहले हटाया गया और फिर वापस उसी पर लाया गया। मुझे इस बात का उत्तर कभी नहीं मिल पाया, लेकिन हम उसी जी.पी.एस. की सहायता से अपनी बेटी के घर भी पहुँच गए और फिर वापसी की यात्रा में भी उसी जी.पी.एस. के सहारे सही-सलामत अपने घर तक भी आ गए।

   इससे मुझे जीवन के मार्गों में अनेपक्षित आने वाले चक्करों के बारे में सोचने को भी मिला। हमें लगता है कि हम अपनी जीवन यात्रा में एक सुगम और सही मार्ग पर चले जा रहे हैं, और अचानक ही किसी परिस्थिति या घटना के द्वारा परमेश्वर हमें एक अन्य अनजान मार्ग पर मोड़ देता है। यह कोई बीमारी, कार्यस्थल अथवा घर में उत्पन्न होने वाली कोई विषम परिस्थिति, या कोई अनेपक्षित त्रासदी हो सकती है। हमें समझ नहीं आता कि परमेश्वर ने हमारे जीवनों में ये उथल-पुथल क्यों आने दी, या उस उथल-पुथल का उद्देश्य क्या है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख नायक अब्राहम से परमेश्वर ने कहा, "यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा" (उत्पत्ति 12:1)। उस समय अवश्य ही अब्राहाम ने सोचा तो होगा कि परमेश्वर उसके अच्छे-खासे घर-परिवार को उखाड़ कर एक रेगिस्तान और बियाबान में क्यों ले जा रहा है; परन्तु उसने परमेश्वर पर तथा परमेश्वर के उद्देश्यों तथा मार्गों पर विश्वास रखा और परमेश्वर के कहे अनुसार निकल पड़ा।

   एक जी.पी.एस. गलतियाँ कर सकता है, परन्तु परमेश्वर नहीं। परमेश्वर के लिए भजनकार ने कहा है, "हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था" (भजन 22:4)। परमेश्वर हमारे जीवन के हर मार्ग पर, हर पल हमारे साथ रहता है, हमारा मार्गदर्शन करता है और हमारी भलाई के लिए ही प्रत्येक कार्य को करता है, होने देता है; उसके मार्ग रहस्यमय हो सकते हैं परन्तु हमारे लिए सदा सही और लाभदायक भी होते हैं। - डेव ब्रैनन


यदि हम मार्ग को जानने वाले के साथ बने रहें तो फिर हमें मार्ग को जानने की आवश्यकता नहीं है।

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। - यूहन्ना 14:6

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 12:1-10; 13:1
Genesis 12:1 यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा। 
Genesis 12:2 और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। 
Genesis 12:3 और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे। 
Genesis 12:4 यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था। 
Genesis 12:5 सो अब्राम अपनी पत्नी सारै, और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किए थे, सब को ले कर कनान देश में जाने को निकल चला; और वे कनान देश में आ भी गए। 
Genesis 12:6 उस देश के बीच से जाते हुए अब्राम शकेम में, जहां मोरे का बांज वृक्ष है, पंहुचा; उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे। 
Genesis 12:7 तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूंगा: और उसने वहां यहोवा के लिये जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। 
Genesis 12:8 फिर वहां से कूच कर के, वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है; और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसकी पच्छिम की ओर तो बेतेल, और पूर्व की ओर ऐ है; और वहां भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई: और यहोवा से प्रार्थना की 
Genesis 12:9 और अब्राम कूच कर के दक्खिन देश की ओर चला गया।
Genesis 12:10 और उस देश में अकाल पड़ा: और अब्राम मिस्र देश को चला गया कि वहां परदेशी हो कर रहे -- क्योंकि देश में भयंकर अकाल पड़ा था। 
Genesis 13:1 तब अब्राम अपनी पत्नी, और अपनी सारी सम्पत्ति ले कर, लूत को भी संग लिये हुए, मिस्र को छोड़ कर कनान के दक्खिन देश में आया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 47-49
  • 1 थिस्सलुनीकियों 4


शनिवार, 15 अक्टूबर 2016

उलट दृष्टिकोण


   अपने भ्रमण के समय में, मैंने भारत में कोढ़ के रोगियों के साथ प्रभु परमेश्वर की उपासना करी है। कोढ़ की चिकित्सा से संबंधित अधिकांशतः प्रगति उन मसीही विश्वासी मिशनरी चिकित्सकों के प्रयासों के कारण हुई है जो इस रोग के रोगियों के मध्य रहने, उनका इलाज, और अपने लिए इस भयावह रोग से ग्रसित होने का जोखिम उठाने के लिए तैयार थे। इसी कारण अधिकांश कुष्ठ रोग आश्रमों में सक्रीय और जीवन्त मसीही मण्डलियाँ देखी जा सकती हैं। म्याँमार में मैं एड्स रोग से अनाथ हुए बच्चों के आश्रम में गया, जहाँ मसीही विश्वासी स्वयंसेवक उन बच्चों को वह पारिवारिक स्नेह और दुलार देने में प्रयत्नरत हैं जो उन बच्चों से इस रोग ने चुरा लिया है। जिन सबसे अधिक उत्साह से भरी चर्च अराधना सभाओं में मैं सम्मिलित हुआ हूँ वह थीं दक्षिण अमेरिका के देश चिली और पेरू में, वहाँ के राजकीय जेलों के अन्दर, कैदियों के साथ करी गई परमेश्वर की आराधना सभाएं। मैंने देखा है कि संसार के तिरिस्कृत, उपेक्षित, कुचले हुए, नीच समझे जाने वाले लोगों में परमेश्वर का राज्य जड़ पकड़ता, बढ़ता और मज़बूत होता है।

   यदि हम मसीही विश्वासी अपने लिए परमेश्वर की बुलाहट को गंभीरता से लेते हैं, तो हमें संसार को संसार से उलट दृष्टिकोण से देखना होगा, जैसा हमारे प्रभु परमेश्वर ने किया है। बजाए इसके कि हम उन लोगों को खोजें जो संसाधन-संपन्न हैं, जो हमारे लिए कुछ उपकार और भलाई कर सकते हैं, हमें उन लोगों को खोजना होगा जिनके पास संसाधन या संपन्नता नहीं है; उन लोगों के पास जाना होगा जो बलवान नहीं वरन कमज़ोर हैं; जो स्वस्थ नहीं वरन रोगी हैं - शारीरिक और आत्मिक दोनों ही रोगों के द्वारा। क्या परमेश्वर ऐसे ही लोगों को चुनकर अपने निकट नहीं बुलाता है? क्या प्रभु यीशु ने दो टूक नहीं कहा है: "उसने यह सुनकर उन से कहा, वैद्य भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों को अवश्य है। सो तुम जा कर इस का अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूं; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं" (मत्ती 9:12-13)।

   परमेश्वर के दृष्टिकोण को समझने और अपनाने के लिए, प्रभु यीशु के समान, संसार को संसार के समान नहीं वरन संसार से उलट दृष्टिकोण से देखें। - फिलिप यैन्सी


क्या आप प्रभु यीशु की नज़रों से ज़रूरतमन्द संसार को देखने पाते हैं?

हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। - 1 कुरिन्थियों 1:26-27

बाइबल पाठ: मत्ती 8:1-4; 9:9-13
Matthew 8:1 जब वह उस पहाड़ से उतरा, तो एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली। 
Matthew 8:2 और देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है। 
Matthew 8:3 यीशु ने हाथ बढ़ाकर उसे छूआ, और कहा, मैं चाहता हूं, तू शुद्ध हो जा और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया। 
Matthew 8:4 यीशु ने उस से कहा; देख, किसी से न कहना परन्तु जा कर अपने आप को याजक को दिखला और जो चढ़ावा मूसा ने ठहराया है उसे चढ़ा, ताकि उन के लिये गवाही हो। 
Matthew 9:9 वहां से आगे बढ़कर यीशु ने मत्ती नाम एक मनुष्य को महसूल की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। वह उठ कर उसके पीछे हो लिया।
Matthew 9:10 और जब वह घर में भोजन करने के लिये बैठा तो बहुतेरे महसूल लेने वाले और पापी आकर यीशु और उसके चेलों के साथ खाने बैठे। 
Matthew 9:11 यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा; तुम्हारा गुरू महसूल लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाता है? 
Matthew 9:12 उसने यह सुनकर उन से कहा, वैद्य भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों को अवश्य है। 
Matthew 9:13 सो तुम जा कर इस का अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूं; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 45-46
  • 1 थिस्सलुनीकियों 3


शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016

लालसा


   मेरी सहेली कैथी अपनी बेटी और 4 माह के नाती ऑलिवर के साथ एक सप्ताह की छुट्टी बिताने गई थी; छुट्टी स्माप्त होने पर उसे उनसे विदा लेकर उसे वापस आना पड़ा, तब तक के लिए जब तक फिर मिलने जाने का अवसर बने। उस ने अपना यह अनुभव लिख कर मुझ से साझा किया; उसने लिखा, "ऐसे मधुर पुनःमिलन की यादों से मुझे स्वर्ग में होने की लालसा होती है। वहाँ हमें यादें अपने मन-मस्तिष्क में संजोनी नहीं पड़ेंगी। वहाँ हमें यह प्रार्थना नहीं करनी पड़ेगी कि समय धीमी गति से बीते और दिन लंबे हों। वहाँ हमारे ’हैलो’ कभी ’गुडबाय’ (अलविदा) नहीं बनेंगे। स्वर्ग हमारे लिए सदाकाल के ’हैलो’ का स्थान होगा, और मुझे इसकी प्रतीक्षा करना भारी हो रहा है।" कैथी पहली बार नानी बनी है, और अधिकाधिक अपने नाती के साथ होने की उसकी लालसा समझ में आती है। वह हर उस पल के लिए धन्यवादी है जो वह अपने नाती के साथ बिताने पाती है; और उस धन्य आशा के लिए भी जब वह स्वर्ग में प्रीय जनों के साथ होगी और उस आनन्दमय अद्भुत समय का फिर कभी अन्त नहीं होगा।

   हमें अपने भले दिन बहुत छोटे और बुरे दिन बहुत लंबे प्रतीत होते हैं, लेकिन दोनों ही प्रकार के दिन हम मसीही विश्वासियों के दिलों में आने वाले स्वर्ग के सर्वोत्तम दिनों की लालसा जागृत करते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कहा कि वह और उसके साथ कुरिन्थुस की मसीही मण्डली के मसीही विश्वासी भी संसार और शरीर को छोड़कर अपने स्वर्गीय घर में पहुँच जाने की लालसा रखते हैं: "इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्‍वर्गीय घर को पहिन लें" (2 कुरिन्थियों 5:२)। यद्यपि इस जीवन में प्रभु परमेश्वर हर समय हमारे साथ ही है, अभी हम उसे प्रत्यक्ष देख नहीं पाते हैं; अभी हम विश्वास के सहारे जीते हैं ना कि रूप को देखकर (पद 7)।

   परमेश्वर ने हम मनुष्यों को अपने साथ संगति में रहने के लिए बनाया है (पद 5); इसीलिए उसने प्रभु यीशु मसीह में मिलने वाली पापों की क्षमा और सेंत-मेंत उद्धार के द्वारा हमारे लिए इस संगति में आने का मार्ग भी तैयार करके दे दिया है; ताकि स्वर्ग में उसके तथा अन्य मसीही विश्वासियों के साथ हम सदाकाल के ’हैलो’ की स्थिति में रहें, किसी से भी कभी विदा होने की कोई संभावना ही ना हो। यही हमारे लिए परमेश्वर की और हम मसीही विश्वासियों की परमेश्वर तथा प्रीय जनों के लिए लालसा है। - ऐनी सेटास


अभी हम प्रभु यीशु को बाइबल में होकर देखते हैं; तब प्रत्यक्ष देखेंगे।

पर वे एक उत्तम अर्थात स्‍वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उसने उन के लिये एक नगर तैयार किया है। - इब्रानियों 11:16

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:15-5:8
2 Corinthians 4:15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।
2 Corinthians 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। 
2 Corinthians 4:17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। 
2 Corinthians 4:18 और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं। 
2 Corinthians 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। 
2 Corinthians 5:2 इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्‍वर्गीय घर को पहिन लें। 
2 Corinthians 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं। 
2 Corinthians 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कराहते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए। 
2 Corinthians 5:5 और जिसने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिसने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है। 
2 Corinthians 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं। 
2 Corinthians 5:7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं। 
2 Corinthians 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 43-44
  • 1 थिस्सलुनीकियों 2


गुरुवार, 13 अक्टूबर 2016

बोल


   आपने यह कथन सुना होगा, "समयानुसार कहना या करना ही सबसे महत्वपूर्ण है।" परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार, सही समयानुसार बोलना या चुप रहना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपने अनुभवों के आधार पर उन अवसरों के बारे में सोचें जब परमेश्वर ने अनायास ही आपको किसी को तरो-ताज़ा करने के लिए उपयुक्त बोल दिए; या ऐसे अवसरों को जब आप कुछ बोलना चाहते थे किंतु आपका अनेपक्षित रीति से शान्त ही बने रहना आपके लिए अधिक बुद्धिमतापूर्ण ठहरा।

   बाइबल बताती है कि अन्य बातों के समान बोलने या चुप रहने का भी सही समय होता है: "फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है" (सभोप्देशक 3:7)। राजा सुलेमान ने भली-भांति बोले गए भले बोलों की उपमा चांदी में जड़े गए सुनहरे सेबों से दी है (नीतिवचन 25:11-12); अर्थात सुन्दर, बहुमूल्य और बेशकीमती कलाकृति के समान। बोलने के सही समय की पहचान रखना, बोलने तथा सुनने वालों, दोनों ही के लिए लाभकारी होता है; चाहे वे बोल प्रेम, प्रोत्साहन, प्रशंसा के हों या ताड़ना अथवा डाँट के। इसी प्रकार शान्त रहने का भी समय और उपयोगिता होती है; जब मन किसी का अपमान करने, उसे नीचा दिखाने या इधर-उधर उसकी बुराई करने को उकसा रहा हो, तो बुद्धिमान राजा सुलेमान के कहे अनुसार, अपनी ज़ुबान पर लगाम देना और शान्त रहने के उचित समय को पहचानना बुद्धिमतापूर्ण होता है: "जो अपने पड़ोसी को तुच्छ जानता है, वह निर्बुद्धि है, परन्तु समझदार पुरूष चुपचाप रहता है। जो लुतराई करता फिरता वह भेद प्रगट करता है, परन्तु विश्वासयोग्य मनुष्य बात को छिपा रखता है" (नीतिवचन 11:12-13)। जब बड़बोला हो कर या क्रोधित हो कर पाप कर जाने की लालसा मन में उठती है, वह चाहे किसी मनुष्य के विरोध में हो या परमेश्वर के, तो बोलने में धैर्यवन्त होना ही गलती कर बैठने का प्रतिरोधक होता है: "जहां बहुत बातें होती हैं, वहां अपराध भी होता है, परन्तु जो अपने मुंह को बन्द रखता है वह बुद्धि से काम करता है" (नीतिवचन 10:19); "हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो" (याकूब 1:19)।

   कई बार यह जान पाना कि क्या कहें और कब कहें कठिन होता है। ऐसे में हम मसीही विश्वासियों की अगुवाई हमारे अन्दर बसने वाला परमेश्वर का आत्मा करता है और सही निर्णय करने में वही हमारा सहायक होता है। वही हमें सही समय पर सही रीति से सही बोल का प्रयोग करने की सद्बुद्धि देता है, जिससे हम औरों की भलाई और अपने परमेश्वर पिता की महिमा का कारण ठहरें। - मार्विन विलियम्स


सही समय पर कहे गए सही शब्द उत्तम कलाकृति के समान होते हैं।

जब तू परमेश्वर के भवन में जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के लिये समीप जाना मूर्खों के बलिदान चढ़ाने से अच्छा है; क्योंकि वे नहीं जानते कि बुरा करते हैं। बातें करने में उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमेश्वर के साम्हने निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तू पृथ्वी पर है; इसलिये तेरे वचन थोड़े ही हों। - सभोपदेशक 5:1-2

बाइबल पाठ: नीतिवचन 25:11-15
Proverbs 25:11 जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है। 
Proverbs 25:12 जैसे सोने का नथ और कुन्दन का जेवर अच्छा लगता है, वैसे ही मानने वाले के कान में बुद्धिमान की डांट भी अच्छी लगती है। 
Proverbs 25:13 जैसे कटनी के समय बर्फ की ठण्ड से, वैसे ही विश्वासयोग्य दूत से भी, भेजने वालों का जी ठण्डा होता है। 
Proverbs 25:14 जैसे बादल और पवन बिना दृष्टि निर्लाभ होते हैं, वैसे ही झूठ-मूठ दान देने वाले का बड़ाई मारना होता है।
Proverbs 25:15 धीरज धरने से न्यायी मनाया जाता है, और कोमल वचन हड्डी को भी तोड़ डालता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 41-42
  • 1 थिस्सलुनीकियों 1


बुधवार, 12 अक्टूबर 2016

शरणस्थान


   मलेशिया के क्लांग शहर के एक चर्च में प्रवेश करते समय, वहाँ बाहर लगे एक स्वागत-चिन्ह ने मेरा ध्यान खींचा; उस पर लिखा था: "बोझ से दबे लोगों के लिए शरणस्थान।"

   प्रभु यीशु मसीह के मन को प्रतिबिंबित करने वाली बातों में से शायद ही कोई और बात इससे बेहतर होगी, यदि प्रभु यीशु मसीह की विश्वासी मण्डली थके हुओं के लिए विश्राम स्थल और उनके बोझों को हलका करने वाली हो। यह प्रभु यीशु की सेवकाई में बहुत महत्वपूर्ण है; प्रभु यीशु ने स्वयं ही कहा है, "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28)।

   प्रभु यीशु ने यह वायदा किया है कि वह हमारे भारी बोझों को लेकर उनके स्थान पर अपना हलका बोझ हमें प्रदान कर देगा: "मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है" (मत्ती 11:29-30)।

   उसके इस वायदे के पीछे उसकी महान सामर्थ है; हमारे बोझ चाहे जैसे भी हों, कितने भी भारी क्यों ना हों, मसीह यीशु में हम परमेश्वर के पुत्र के मज़बूत कंधों का सहारा और सहायता पाते हैं, जो उन बोझों को स्वयं उठा लेता है और उनके स्थान पर अपने कार्य के हलके बोझ को हमें सौंप देता है।

   मसीह यीशु, जिसने हम से अनन्त काल के प्रेम से प्रेम किया है, हमारे संघर्षों को जानता है, और हम भरोसा रख सकते हैं कि वह हमें ऐसा विश्राम प्रदान करेगा जैसा हम अपने प्रयासों से कभी प्राप्त नहीं कर सकते हैं। उसकी सामर्थ हमारी कमज़ोरियों के लिए काफी है, इसी कारण वह सारे संसार के सभी "बोझ से दबे लोगों के लिए शरणस्थान" है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर बेचैन लोगों को बुलाता है 
जिससे वे उसमें स्थाई और अनन्तकालीन चैन सेंत-मेंत पाएं।

यहोवा जो तेरा छुड़ाने वाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूं, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूं। भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के नाईं होता; - यशायाह 48:17-18

बाइबल पाठ: मत्ती 11:25-30
Matthew 11:25 उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है। 
Matthew 11:26 हां, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा। 
Matthew 11:27 मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे। 
Matthew 11:28 हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। 
Matthew 11:29 मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। 
Matthew 11:30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 39-40
  • कुलुस्सियों 4


मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016

परिवर्तन


   शिक्षक तथा सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों के एक लेखक टोनी वैगनर विघटन द्वारा परिवर्तन में दृढ़ विश्वास रखते हैं, जिससे संसार के सोचने और कार्य करने की प्रणाली में परिवर्तन आ सके। अपनी पुस्तक, Creating Innovators: The Making of Young People Who Will Change the World, में वे कहते हैं कि "मनुष्य के प्रत्येक प्रयास के द्वारा परिवर्तन आता है", और, "यदि सही वातावरण और अवसर मिले तो अधिकांश लोग और अधिक रचनात्मक तथा परिवर्तनकारी हो सकते हैं।"

   प्रेरित पौलुस प्रथम शताब्दी में परिवर्तन लाने वाला एक व्यक्ति था जो प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा जीवन में आने वाले आधारभूत परिवर्तन का प्रचार करता हुआ एशिया माइनर में यात्रा करता रहा। रोम में रहने वाले मसीही विश्वासियों को पौलुस ने लिखा, कि वे अपने आप को पूर्णतः परमेश्वर को समर्पित कर दें, "और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो" (रोमियों 12:2)। पौलुस ने उन्हें सिखाया कि कैसे एक स्वार्थी, लालची और छीन कर ले लेने वाले संसार में वे मसीह यीशु पर केन्द्रित और औरों को देने वाला जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

   पौलुस के समय से आज संसार बहुत भिन्न हो गया है, लेकिन संसार के लोगों के अन्दर प्रेम, क्षमा और परिवर्तन की लालसा वैसी ही है। संसार के इतिहास का महानतम परिवर्तनकारी प्रभु यीशु यही सब देता है और उसका संसार के सभी लोगों को खुला निमंत्रण है कि वे उसके पास आएं, और उस पर लाए गए विश्वास द्वारा एक नए और भिन्न परिवर्तित जीवन का अनुभव करें। - डेविड मैक्कैसलैंड


जैसे भी हम हैं, परमेश्वर हमें वैसा ही स्वीकार तो कर लेता है, 
परन्तु फिर वैसा रहने नहीं देता वरन अपनी समानता में ले आता है।

परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18

बाइबल पाठ: रोमियों 12:1-8
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। 
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। 
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे। 
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। 
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे। 
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। 
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देने वाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 37-38
  • कुलुस्सियों 3