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गुरुवार, 31 दिसंबर 2015

पकड़


   जब भी हम छोटे बच्चों के साथ सड़क पार कर रहे होते हैं, हम अपना हाथ उनकी ओर बढ़ाकर उनसे कहते हैं, "कस कर पकड़ लो" और बच्चे जितना कस कर पकड़ सकते हैं, पकड़ लेते हैं। लेकिन हम उनकी पकड़ की ताकत पर ही निर्भर नहीं रहते; उनके हाथों पर हमारी पकड़ ही उन्हें सुरक्षा देती है उन्हें संभाले रहती है। यही बात परमेश्वर और हमारे साथ, हमारी जीवन यात्रा में लागू है। प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पी के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उन्हें बताया: "यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था" (फिलिप्पियों 3:12); या फिर यूँ कहिए कि "मसीह की पकड़ मुझपर बनी हुई है"।

   लेकिन एक बात निश्चित है: परमेश्वर से हमारी सुरक्षा उस पर हमारी पकड़ के कारण नहीं वरन हम पर मसीह यीशु की पकड़ के कारण है। कोई हमें उसके हाथों से निकाल नहीं सकता - ना शैतान और ना ही स्वयं हम। एक बार जो हाथ उसके हाथ में दे दिया गया, वह अनन्तकाल के लिए सुरक्षित हो गया; उसके हाथों से वह फिर नहीं छूट सकता; यह उसका आश्वासन है: "और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। मेरा पिता, जिसने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता" (यूहन्ना 10:28-29)।

   अर्थात हर मसीही विश्वासी को सुरक्षा का दोहरा आश्वासन है; एक तरफ परमेश्वर पिता और दूसरी तरफ प्रभु यीशु, दोनों ही हमारे हाथों को थामें हमें संभाल कर रखे हुए हैं। हमें संभालने हाथ वे हैं जिन्होंने विशाल पर्वतों, अथाह सागरों और अनन्त अन्तरिक्ष को बनाया है। इसीलिए प्रेरित पौलुस बड़े आनन्द और आश्वासन के साथ कहता है: "...और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी" (रोमियों 8:39)। क्या आज आपका हाथ उन सुरक्षित हाथों में है? यदि नहीं तो अभी आपको अवसर है, अपना हाथ मसीह यीशु के हाथों में देकर अपने अनन्त को सर्वदा के लिए सुरक्षित कर लीजिए। - डेविड रोपर


जिसने हमें बनाया, जिसने हमें बचाया, वही हमें संभालता है, सुरक्षित रखता है।

इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्‍चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। - 2 तिमुथियुस 1:12

बाइबल पाठ: रोमियों 8:31-39
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? 
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा? 
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है। 
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। 
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार? 
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं। 
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं। 
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, 
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 22


बुधवार, 30 दिसंबर 2015

मिश्रित भावनाएं


   मेरे और मारलीन के लिए "मिश्रित भावनाएं" हमारे विवाह का वर्णन हैं। इस बात को गलत मत समझिए; 35 वर्ष पूर्व हुआ हमारा विवाह वह घटना है जिसका उत्सव हम आज भी मना रहे हैं। किंतु उस समय हुए विवाह का समारोह कुछ फीका रह गया था क्योंकि कुछ सप्ताह पहले ही मार्लीन की माँ का कैंसर से देहांत हो गया था। मारलीन की मौसी विवाह समारोह में ’दुल्हन की माँ’ के रूप में खड़ी हुई थीं और उन्होंने सारे दायित्व बड़े अच्छे से निर्वाह किए थे, लेकिन माँ का ना होना खटक रहा था और सब कुछ को प्रभावित कर रहा था।

   हमारा यह अनुभव पाप के दुषप्रभावों से टूटे संसार के वास्तविक जीवन को दिखाता है। इस संसार में हमारे अनुभव अच्छे, बुरे, आनन्द और दुःखों का मिश्रण हैं। यह वह तथ्य है जिसे राजा सुलेमान ने भी स्वीकार किया और लिखा, "हंसी के समय भी मन उदास होता है, और आनन्द के अन्त में शोक होता है" (नीतिवचन 14:13)। आनन्दित हृदय भी शोकित रहता है क्योंकि कभी कभी यही जीवन की मांग होती है।

   लेकिन धन्यवाद की बात यह है कि यह जीवन ही सब कुछ नहीं है; इस पार्थिव जीवन के बाद एक अनन्तकाल का आत्मिक जीवन भी है। और जो प्रभु यीशु के अनुयायी हैं वे इस अनन्त जीवन को स्वर्ग में प्रभु के साथ बिताएंगे जहाँ परमेश्वर "...उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:4)। उस महान दिन में कोई मिश्रित भावनाएं नहीं होंगी, केवल परमेश्वर के साथ संगति और अनन्त आनन्द से भरे हृदय ही वहाँ होंगे। क्या आप उस अद्भुत समय के लिए तैयार हो गए हैं? - बिल क्राउडर


मसीही विश्वासियों के लिए पृथ्वी के गहरे दुःख स्वर्ग के प्रफुल्लित गीतों में बदल जाएंगे।

वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे: ओर न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी। - प्रकाशितवाक्य 7:16

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-7
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। 
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा।

एक साल में बाइबल: 

  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21



मंगलवार, 29 दिसंबर 2015

रुचि


   अपने जीवन के अन्तिम दिनों में भी सी. एस. ल्यूईस युवा मसीही विश्वासियों की आत्मिक उन्नति में रुचि रखते थे। अपने देहांत के समय वे अस्वस्थ थे, फिर भी फिलिप नामक एक बच्चे के पत्र का उन्होंने उत्तर दिया। अपने उत्तर में उन्होंने उस बच्चे की लिखने की शैली की प्रशंसा करी, और उससे कहा कि वे यह जानकर बहुत प्रसन्न हैं कि उसने यह समझ लिया है कि नारनिया संबंधित उनकी कहानियों में असलन नाम का सिंह प्रभु यीशु मसीह को दर्शाता है। यह उत्तर लिखने के अगले दिन, ऑक्सफर्ड, इंगलैंड में स्थित उनके घर में, उनके 65वें जन्मदिन से एक सप्ताह पूर्व, ल्यूईस की मृत्यु हो गई।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना ने अपने आत्मिक बच्चों को, अपने अन्तिम वर्षों में, पत्र लिखे। उन पत्रों में हम एक परिपक्व मसीही विश्वासी के आनन्द को देखते हैं, जो अपने युवा आत्मिक बच्चों को प्रोत्साहित कर रहा है कि सत्य और मसीह यीशु के पीछे चलते रहें। यूहन्ना ने लिखा, "मुझे इस से बढ़कर और कोई आनन्द नहीं, कि मैं सुनूं, कि मेरे लड़के-बाले सत्य पर चलते हैं" (3 यूहन्ना 1:4)। चाहे यूहन्ना द्वारा लिखित यह पत्री छोटी ही है, लेकिन इसमें हम उस आनन्द को स्पष्ट देख सकते हैं जो आने वाली पीढ़ी का आत्मिक पालन-पोषण करने, उन्हें संभालने और प्रोत्साहित करने और उन्हें बढ़ता हुआ देखने से आता है।

   हर परिपक्व मसीही विश्वासी का यह ध्येय होना चाहिए कि वह मसीही विश्वासियों की अगली पीढ़ी को आत्मिक समझ-बूझ में बढ़ावा दे, समझाए, प्रोत्साहित करे। ऐसा करने के लिए वे विभिन्न तरीके अपना सकते हैं - प्रोत्साहन के कुछ शब्द लिखकर भेजना, उनके साथ प्रार्थना करना, उन्हें अच्छी और सही सलाह देना इत्यादि, जिनके द्वारा वे परमेश्वर के साथ अपनी आत्मिक यात्रा में आगे बढ़ सकते हैं। परिपक्व विश्वासियों द्वारा आत्मिक बच्चों के जीवनों में दिखाई गई रुचि उन बच्चों को परिपक्व होने में बहुत सहायक होगी। - डेनिस फिशर


मार्ग की जानकारी रखने वाले के साथ यात्रा करना यात्रा को बेहतर बना देता है।

यह मनुष्य का पुत्र कौन है? यीशु ने उन से कहा, ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हारे बीच में है, जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है तब तक चले चलो; ऐसा न हो कि अन्धकार तुम्हें आ घेरे; जो अन्धकार में चलता है वह नहीं जानता कि किधर जाता है। जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान होओ। ये बातें कहकर यीशु चला गया और उन से छिपा रहा। - यूहन्ना 12:35-36


बाइबल पाठ: 3 यूहन्ना
3 John 1:1 मुझ प्राचीन की ओर से उस प्रिय गयुस के नाम, जिस से मैं सच्चा प्रेम रखता हूं।
3 John 1:2 हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों मे उन्नति करे, और भला चंगा रहे। 
3 John 1:3 क्योंकि जब भाइयों ने आकर, तेरे उस सत्य की गवाही दी, जिस पर तू सचमुच चलता है, तो मैं बहुत ही आनन्‍दित हुआ। 
3 John 1:4 मुझे इस से बढ़कर और कोई आनन्द नहीं, कि मैं सुनूं, कि मेरे लड़के-बाले सत्य पर चलते हैं। 
3 John 1:5 हे प्रिय, जो कुछ तू उन भाइयों के साथ करता है, जो परदेशी भी हैं, उसे विश्वासी की नाईं करता है। 
3 John 1:6 उन्होंने मण्‍डली के साम्हने तेरे प्रेम की गवाही दी थी: यदि तू उन्हें उस प्रकार विदा करेगा जिस प्रकार परमेश्वर के लोगों के लिये उचित है तो अच्छा करेगा। 
3 John 1:7 क्योंकि वे उस नाम के लिये निकले हैं, और अन्यजातियों से कुछ नहीं लेते। 
3 John 1:8 इसलिये ऐसों का स्‍वागत करना चाहिए, जिस से हम भी सत्य के पक्ष में उन के सहकर्मी हों।
3 John 1:9 मैं ने मण्‍डली को कुछ लिखा था; पर दियुत्रिफेस जो उन में बड़ा बनना चाहता है, हमें ग्रहण नहीं करता। 
3 John 1:10 सो जब मैं आऊंगा, तो उसके कामों की जो वह कर रहा है सुधि दिलाऊंगा, कि वह हमारे विषय में बुरी बुरी बातें बकता है; और इस पर भी सन्‍तोष न कर के आप ही भाइयों को ग्रहण नहीं करता, और उन्हें जो ग्रहण करना चाहते हैं, मना करता है: और मण्‍डली से निकाल देता है। 
3 John 1:11 हे प्रिय, बुराई के नहीं, पर भलाई के अनुयायी हो, जो भलाई करता है, वह परमेश्वर की ओर से है; पर जो बुराई करता है, उसने परमेश्वर को नहीं देखा। 
3 John 1:12 देमेत्रियुस के विषय में सब ने वरन सत्य ने भी आप ही गवाही दी: और हम भी गवाही देते हैं, और तू जानता है, कि हमारी गवाही सच्ची है।
3 John 1:13 मुझे तुझ को बहुत कुछ लिखना तो था; पर सियाही और कलम से लिखना नहीं चाहता। 
3 John 1:14 पर मुझे आशा है कि तुझ से शीघ्र भेंट करूंगा: तब हम आम्हने साम्हने बातचीत करेंगे: तुझे शान्‍ति मिलती रहे। यहां के मित्र तुझे नमस्‍कार करते हैं: वहां के मित्रों से नाम ले ले कर नमस्‍कार कह देना।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 9-12
  • प्रकाशितवाक्य 20


सोमवार, 28 दिसंबर 2015

परिवरतन


   मेरी पत्नि मार्टी बहुत अच्छा खाना बनाती है। दिन भर के काम के बाद मैं उसके बनाए भोजन की सुगंध लेने की प्रतीक्षा में रहता हूं जो मेरे लिए अच्छा भोजन उपलब्ध होने का प्रमाण होता है। ना केवल उसे भोजन अच्छा बनाना आता है, वह उस भोजन को अच्छे से परोसना भी जानती। विभिन्न भोजन वस्तुओं को उनके रंग और स्वाद के ताल-मेल के साथ मेज़ पर सजाकर रखे हुए देखना मेरे लिए आमंत्रण होता है कि मैं अपनी कुर्सी खेंच कर बैठ जाऊँ और उस उत्तम भोजन का आनन्द लूँ। लेकिन मार्टी के हाथों में आने से पूर्व वे सब भोजन वस्तुएं इतनी आकर्षक और ऐसी स्वादिष्ट नहीं थीं; मार्टी को उन्हें धोना, काटना, छीलना, पकाना, अन्य वस्तुओं के साथ मिलाना और अन्य वस्तुओं के द्वारा सजाना पड़ा, तब ही वे ऐसी स्वादिष्ट और आकर्षक बन सकीं।

   यह मुझे उस अनुग्रहपूर्ण कार्य का स्मरण दिलाता है जो प्रभु यीशु ने मेरे साथ किया है। मैं अपनी कमज़ोरियों को और अपने पाप करने की प्रवृति को अच्छे से जानता हूँ। मैं यह भली-भांति जानता हूँ कि मैं अपने आप में परमेश्वर के सम्मुख आने के योग्य नहीं हूँ। लेकिन जब मैंने मसीह यीशु पर विश्वास द्वारा और उससे मिली पाप क्षमा द्वारा उद्धार और नया जन्म पाया, तब प्रभु यीशु ने मुझे एक नई सृष्टि भी बना दिया (2 कुरिन्थियों 5:17)। मैं अपने पापों और बुराईयों में जैसा भी था, मसीह यीशु ने मुझे स्वीकार किया और मुझे वह बना दिया जैसा मुझे होना चाहिए था - "पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष" (कुलुस्सियों 1:22)। अब प्रभु मुझे परमेश्वर के सामने एक ऐसी सुन्दर कलाकृति के समान प्रस्तुत करता है जो उसके सम्मुख आने के योग्य है।

   मसीह यीशु द्वारा अपने विश्वासियों के जीवन में किया जाने वाला यह परिवरतन ना केवल हमें उसके प्रति कृतज्ञ बनाता है वरन हमें प्रोत्साहित भी करता है कि हम उस नए जीवन और स्वरूप के अनुरूप अपना जीवन जीएं और बिताएं (2 कुरिन्थियों 5:15) जिससे अन्य भी प्रभु यीशु की ओर आकर्षित हो सकें। - जो स्टोवैल


मसीह यीशु हमें जैसे हम हैं लेकर, जैसा हमें होना चाहिए वैसा बना देता है।

और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:15, 17

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:21-23
Colossians 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। 
Colossians 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे। 
Colossians 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 19


रविवार, 27 दिसंबर 2015

चुनौति


   केन डील ने 86 वर्ष की आयु में 3 दशकों से भी अधिक की कारागारों में स्वयंसेवी सेवकाई का अन्त इतवार के चर्च सन्देश के साथ किया। अपने उस अन्तिम सन्देश में भी उन्होंने कारावास में पड़े उन लोगों को परमेश्वर के लिए कार्य करने को प्रोत्साहित किया। उस सन्देश में दिए गए उदाहरणों में से अनेक उदाहरण कैदियों के जीवनों से ही थे, कुछ ऐसे कैदियों के भी थे जो उम्र-कैद काट रहे थे। एक ऐसे स्थान पर जिस से सब बाहर निकलना चाहते हैं, केन ने सुनने वालों को प्रोत्साहित किया कि वे मसीह यीशु पर विश्वास लाएं, उसमें बढ़ें और अन्य लोगों के साथ मसीह यीशु के सुसमाचार को बाँटें।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम इस्त्राएल के इतिहास से कुछ शिक्षा पाते हैं। परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता के कारण नबूकदनेस्सर राजा के द्वारा यहूदा के लोगों को बन्दी बनाकर बाबुल ले जाया गया। उस बन्धुआई में यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा परमेश्वर ने उन इस्त्राएलियों को सन्देश भेजा: "घर बना कर उन में बस जाओ; बारियां लगा कर उनके फल खाओ। ब्याह कर के बेटे-बेटियां जन्माओ; और अपने बेटों के लिये स्त्रियां ब्याह लो और अपनी बेटियां पुरुषों को ब्याह दो, कि वे भी बेटे-बेटियां जन्माएं; और वहां घटो नहीं वरन बढ़ते जाओ" (यिर्मयाह 29:5-6)।

   संभव है कि आज हम कुछ ऐसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं जिनके कारण हम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, सीमित तथा संकुचित अनुभव कर रहे हैं। हमारे ये बन्धन चाहे हमारे अपने किसी किए के कारण हों या उनके लिए हमारा अपना कोई दोष ना भी हो, लेकिन उन्हें लेकर हमारे पास दो विकल्प हैं - हम उनमें से होकर बस निकल सकते हैं अन्यथा उनमें होते हुए भी हम बढ़ सकते हैं। हमें सीमित करने और बांधे रखने वाली हर बात से हमारे लिए चुनौति होती है कि हम उसके बावजूद बढें ना कि घटें, उन्नति करें ना कि अवनति में गिरें।

   हमारी हर परिस्थिति में परमेश्वर हमें कुशलता और आशा ही देना चाहता है (यिर्मयाह 29:11)। - डेविड मैक्कैसलैंड


एक सीमित परिस्थिति भी आत्मा को उन्नति का अवसर प्रदान कर सकती है।

पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन। - 2 पतरस 3:18

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 29:4-14
Jeremiah 29:4 उस में लिखा था कि जितने लोगों को मैं ने यरूशलेम से बंधुआ कर के बाबुल में पहुंचवा दिया है, उन सभों से इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता हे: 
Jeremiah 29:5 घर बना कर उन में बस जाओ; बारियां लगा कर उनके फल खाओ। 
Jeremiah 29:6 ब्याह कर के बेटे-बेटियां जन्माओ; और अपने बेटों के लिये स्त्रियां ब्याह लो और अपनी बेटियां पुरुषों को ब्याह दो, कि वे भी बेटे-बेटियां जन्माएं; और वहां घटो नहीं वरन बढ़ते जाओ। 
Jeremiah 29:7 परन्तु जिस नगर में मैं ने तुम को बंधुआ करा के भेज दिया है, उसके कुशल का यत्न किया करो, और उसके हित के लिये यहोवा से प्रार्थना किया करो। क्योंकि उसके कुशल से तुम भी कुशल के साथ रहोगे। 
Jeremiah 29:8 क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा तुम से यों कहता है कि तुम्हारे जो भविष्यद्वक्ता और भावी कहने वाले तुम्हारे बीच में हैं, वे तुम को बहकाने न पाएं, और जो स्वप्न वे तुम्हारे निमित्त देखते हैं उनकी ओर कान मत धरो, 
Jeremiah 29:9 क्योंकि वे मेरे नाम से तुम को झूठी भविष्यद्वाणी सुनाते हैं; मैं ने उन्हें नहीं भेजा, मुझ यहोवा की यह वाणी है। 
Jeremiah 29:10 यहोवा यों कहता है कि बाबुल के सत्तर वर्ष पूरे होने पर मैं तुम्हारी सुधि लूंगा, और अपना यह मनभवना वचन कि मैं तुम्हें इस स्थान में लौटा ले आऊंगा, पूरा करूंगा। 
Jeremiah 29:11 क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। 
Jeremiah 29:12 तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूंगा।
Jeremiah 29:13 तुम मुझे ढूंढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे। 
Jeremiah 29:14 मैं तुम्हें मिलूंगा, यहोवा की यह वाणी है, और बंधुआई से लौटा ले आऊंगा; और तुम को उन सब जातियों और स्थानों में से जिन में मैं ने तुम को बरबस निकाल दिया है, और तुम्हें इकट्ठा कर के इस स्थान में लौटा ले आऊंगा जहां से मैं ने तुम्हें बंधुआ करवा के निकाल दिया था, यहोवा की यही वाणी है।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 18


शनिवार, 26 दिसंबर 2015

उपस्थिति


   कनेटिकट के एक स्कूल के 20 बच्चों और 6 कर्मचारियों की हत्या किए जाने से सारा देश स्तब्ध था कि ऐसी निर्मम घटना कैसे घटित हो गई। हर एक का ध्यान उस त्रासदी और उससे संबंधित प्रश्नों पर केंद्रित था: कैसा व्यक्ति यह कर सकता है? हम इसके दोबारा होने को कैसे रोक सकते हैं? जो उस घटना से होकर निकले हैं उनकी सहायता कैसे करी जा सकती है? उस घटना और उसके बाद संबंधित लोगों के अस्त-व्यस्त जीवन में एक अप्रत्याशित समूह आया और उसके द्वारा उन आहत लोगों के जीवनों में एक बड़ा सकारात्मक परिवर्तन आया।

   शिकागो से कुछ विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कुत्ते भेजे गए। गोल्डन रिट्रिवर जाति के इन कुत्तों को केवल प्रेम जताना सिखाया गया था। कुत्ते कोई सलाह नहीं देते; वे केवल साथ उपस्थित रहते हैं। वे बच्चे जो उस त्रासदी से आहत होकर अपने में सिमट गए थे, किसी से कोई बात नहीं कर रहे थे, उन कुत्तों के साथ खुलने लगे, उन से अपने वे भय और भावनाएं व्यक्त करने लगे जो उन्होंने कभी किसी वयस्क से नहीं कही थीं। लूथरन चर्च चैरिटीस के टिम हैट्ज़नर ने उन कुत्तों के बारे में कहा, "उनके प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण भाग है उन्हें बिलकुल शान्त रहना सिखाया जाना।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्युब की पुस्तक से भी हम यही सीखते हैं; शोकित और दुःखी लोगों को हमेशा ही शब्दों की आवश्यकता नहीं होती। कई बार उन्हें किसी ऐसे की आवश्यकता होती है जो उनके साथ खामोशी से बैठा रहे; जब वे बोलें तो उनकी सुन ले, और जब उनका दुःख आँसू बनकर बाहर आएँ तो उन्हें गले लगा कर रोने के लिए एक कंधा दे।

   परमेश्वर हमारे दुःखों के कारणों को चाहे हमें ना समझाए और ना ही हमारी परिस्थितियों को बदले, परन्तु अन्य मसीही विश्वासियों की उपस्थिति के द्वारा वह हमारे लिए सांत्वना उपलब्ध करवाए रखता है (2 कुरिन्थियों 1:4)। यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो आपकी उपस्थिति दूसरों के लिए सांत्वना का कारण होनी चाहिए। - जूली ऐकैरमैन लिंक


संभवतः सुनना ही वह सबसे अधिक मसीह के चरित्र के अनुरूप और प्रेम पूर्ण बात है जो आज आप कर सकते हैं।

वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:4

बाइबल पाठ: अय्युब 2:3-13
Job 2:3 यहोवा ने शैतान से पूछा, क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है कि पृथ्वी पर उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय मानने वाला और बुराई से दूर रहने वाला मनुष्य और कोई नहीं है? और यद्यापि तू ने मुझे उसको बिना कारण सत्यानाश करने को उभारा, तौभी वह अब तक अपनी खराई पर बना है। 
Job 2:4 शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, खाल के बदले खाल, परन्तु प्राण के बदले मनुष्य अपना सब कुछ दे देता है। 
Job 2:5 सो केवल अपना हाथ बढ़ाकर उसकी हड्डियां और मांस छू, तब वह तेरे मुंह पर तेरी निन्दा करेगा। 
Job 2:6 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, वह तेरे हाथ में है, केवल उसका प्राण छोड़ देना। 
Job 2:7 तब शैतान यहोवा के साम्हने से निकला, और अय्यूब को पांव के तलवे से ले सिर की चोटी तक बड़े बड़े फोड़ों से पीड़ित किया। 
Job 2:8 तब अय्यूब खुजलाने के लिये एक ठीकरा ले कर राख पर बैठ गया। 
Job 2:9 तब उसकी स्त्री उस से कहने लगी, क्या तू अब भी अपनी खराई पर बना है? परमेश्वर की निन्दा कर, और चाहे मर जाए तो मर जा। 
Job 2:10 उसने उस से कहा, तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें? इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुंह से कोई पाप नहीं किया। 
Job 2:11 जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठान कर कि हम अय्यूब के पास जा कर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले। 
Job 2:12 जब उन्होंने दूर से आंख उठा कर अय्यूब को देखा और उसे न चीन्ह सके, तब चिल्लाकर रो उठे; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूलि उड़ाकर अपने अपने सिर पर डाली। 
Job 2:13 तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही।

एक साल में बाइबल: 
  • हग्गै 1-2
  • प्रकाशितवाक्य 17


शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015

ख्रिस्टिंगल


   चेक गणराज्य तथा अन्य स्थानों पर मनाए जाने वाले क्रिसमस के उत्सव में ख्रिस्टिंगल का भी उपयोग होता है। ख्रिस्टिंगल वास्तव में एक संतरा होता है, जो संसार का प्रतीक है और उसके ऊपर एक मोमबत्ती लगी होती है, जो जगत की ज्योति मसीह यीशु को दर्शाती है। उस संतरे के चारों ओर एक लाल फीता बंधा होता है, जो मसीह यीशु के बलिदान के लहू को दिखाता है और चार तिनकों में सूखे मेवे लगा कर उस फीते में से संतरे के चारों ओर लगा दिए जाते हैं जो मसीह के लिए संसार से आए फल अर्थात मसीह यीशु को समर्पित लोगों को दर्शाते हैं।

   यह साधारण सा प्रतीक मसीह यीशु के संसार में आने के उद्देश्य को बड़ी खूबसूरती से दिखाता है - पाप के अन्धकार में पड़े संसार के लिए जीवन की ज्योति लाना और अपने बलिदान के लहू द्वारा पाप के बन्धन में पड़े लोगों को मुक्त करने का मार्ग प्रदान करना।

   प्रेरित यूहन्ना द्वारा लिखे गए प्रभु यीशु के जीवन के वृतान्त में यूहन्ना ने प्रभु यीशु को संसार की ज्योति कहा है। प्रभु यीशु के जन्म के संदर्भ में यूहन्ना ने लिखा: "सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी" (यूहन्ना 1:9)। मसीह जो संसार की ज्योति है वह ना केवल पाप के अन्धकार को दूर करने के लिए आया, वरन वह "...परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना 1:29)।

   ज़रा इस बात पर विचार कीजिए; बेतलहेम में जन्मा वह शिशु वही मसीह यीशु है जिसके जीवन बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के कारण आज समस्त संसार के प्रत्येक व्यक्ति को पाप के दण्ड से बचने का मार्ग सेंत-मेंत उपलब्ध है। इसीलिए यूहन्ना हमें कहता है, "पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है" (1 John 1:7)। प्रभु यीशु की ज्योति में चलने का निर्णय लेने वाला हर जन प्रभु की शांति एवं सुरक्षा में बने रहने की आशीष भी पा लेता है। - बिल क्राउडर


नवजात शिशु मसीह यीशु जगत की ज्योति और परमेश्वर की ओर से दिया गया उद्धार का मार्ग ठहरा।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-7
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। 
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था। 
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई। 
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। 
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया। 
John 1:6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था। 
John 1:7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 16


गुरुवार, 24 दिसंबर 2015

उस रात


   साइमन नेदेरलैण्ड्स से आकर अमेरिका में बस गया था, उसकी पत्नी अमेरिका से ही थी और तीनों बच्चे भी अमेरिका में ही पैदा हुए। बड़े होकर साइमन की बेटी जेनि ने पनामा निवासी रोबर्टो से विवाह किया, एक बेटे बिल ने पुर्तगाल की वानिया से और दूसरे बेटे ल्यूकास ने दक्षिणी कोरिया की बोरा से। क्रिसमस की संध्या को जब परिवार के सभी जन एकत्रित हुए तो उन सब ने अपनी अपनी मूल भाषा में क्रिसमस के गीत गाए। उस रात उस परिवार द्वारा परमेश्वर के पुत्र का जन्म दिन अलग अलग भाषाओं लेकिन एक ही उद्देश्य के लिए मधुर स्वरों में मनाया गया।

   दो हज़ार वर्ष पहले एक शांत रात की खामोशी स्वर्गदूतों के गीत से टूटी जब उन स्वर्गदूतों ने चरवाहों को बताया कि एक बालक उत्पन्न हुआ है: "तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है" (लूका 2:10-11) और फिर वे स्वर्गदुत परमेश्वर की महिमा के लिए स्तुतिगान करने लगे (लूका 2:13-14)।

   परमेश्वर की अनुग्रहपूर्ण भेंट, उसका पुत्र, जिसके आगमन का समाचार उस रात सुनाया गया, वह समस्त मानव-जाति के उद्धार और पाप-क्षमा के लिए आया था (तीतुस 2:11-14; प्रकाशितवाक्य 5:9-10), "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। - सिंडी हैस कैस्पर


जब स्वर्ग का राजा धरती पर तारणहार बनकर जन्मा तो स्वर्गदूत धरती पर उसकी स्तुति करने आ गए।

और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्‍तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तू ने वध हो कर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है। - प्रकाशितवाक्य 5:9

बाइबल पाठ:  लूका 2:1-14
Luke 2:1 उन दिनों में औगूस्‍तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं। 
Luke 2:2 यह पहिली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्‍विरिनियुस सूरिया का हाकिम था। 
Luke 2:3 और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए। 
Luke 2:4 सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। 
Luke 2:5 कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए। 
Luke 2:6 उन के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। 
Luke 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा: क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।

एक साल में बाइबल: 
  • हबक्कूक 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 15


बुधवार, 23 दिसंबर 2015

उपस्थिति


   उस कमरे में उसकी उपस्थिति प्रकट थी; उसके अलावा वहाँ उपस्थित सभी जन सभा की औपचारिकता के अनुकूल वस्त्र पहने हुए थे, केवल वही जीन्स, टी-शर्ट और पुरानी सी बेसबॉल टोपी पहने हुए था। उस दिन रोमानिया के ब्युकारेस्ट शहर में स्थित बाइबल कॉलेज के छात्रों को संबोधित करते हुए मेरा ध्यान अनायास ही उस पर जा रहा था। मुझे बिलकुल पता नहीं है कि उस ने सब के समान औपचारिक वेश-भूषा क्यों नहीं पहनी थी, लेकिन मुझे उसका नाम आज भी स्मरण है। सभा के अन्त में जब सब लोगों के समान वह भी मुझ से मिलने आया तो मैंने उससे उसका नाम पूछा, और उसने बताया - इम्मैनुएल! मैं उसके उत्तर से थोड़ा चकित हुआ, और उससे पूछा, "क्या तुम्हें अपने नाम का अर्थ पता है?" उसने निःसंकोच उत्तर दिया, "जी हाँ, परमेश्वर हमारे साथ!"

   मैंने कई बार उस जवान के बारे में सोचा है, और कैसे वह भीड़ में भी अन्य सब से अलग दिखाई दे रहा था, जैसे कि वह जिसके नाम पर उसका नाम रखा गया था - प्रभु यीशु मसीह। प्रभु यीशु परमेश्वर की उपस्थिति को हम मनुष्यों के बीच में निवास करवाने के लिए आए थे, जैसा कि स्वर्गदूत ने यूसुफ को याद दिलाया, "कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मैनुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है ’परमेश्वर हमारे साथ’ " (मत्ती 1:23)। उसी प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा, "यीशु ने फिर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं" (यूहन्ना 20:21), जिससे कि हम उसकी उपस्थिति का उपहार अपने आस-पास वालों को भी दे सकें।

   हम अपने जीवनों के द्वारा परमेश्वर की उपस्थिति के उपहार को दूसरों तक पहुँचा सकते हैं, यदि हमारे जीवन हमारे अन्दर और हमारे साथ रहने वाले इम्मैनुएल को प्रदर्शित करें। ऐसे में स्वतः ही हम अन्य लोगों से भिन्न दिखेंगे, लोगों का ध्यान उस प्रभु की ओर खेंचेंगे जिसने हमारे जीवनों में यह बड़ा काम किया, और प्रभु यीशु की उपस्थिति उनके जीवनों को भी बदल देगी, उसके प्रेम और अनुग्रह से परिपूर्ण करके उन्हें भी अनन्त स्वर्गीय जीवन और आनन्द का भागी बना देगी। - जो स्टोवैल


परमेश्वर की आपके जीवन में उपस्थिति का प्रदर्शन, आपके द्वारा उपहारस्वरूप इम्मैनुएल को दूसरों को उपलब्ध करवाना है।

इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:19-20

बाइबल पाठ: मत्ती 1:18-25
Matthew 1:18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 
Matthew 1:19 सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 
Matthew 1:20 जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 
Matthew 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। 
Matthew 1:22 यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो। 
Matthew 1:23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मैनुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “ परमेश्वर हमारे साथ”। 
Matthew 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। 
Matthew 1:25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

एक साल में बाइबल: 
  • नहूम 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 14


मंगलवार, 22 दिसंबर 2015

अचरज


   बाइबल कॉलेज में मेरे प्रथम सत्र की समाप्ति पर मुझे अपनी पत्नि और दोनों बच्चों सहित अपने घर जाकर क्रिसमस की छुट्टी मनाने के लिए कॉलेज की ओर से हवाई यात्रा के टिकिट भेंट किए गए। हमारी यात्रा की पूर्व संध्या को हमें पता चला कि हमारे पास उस यात्रा के खर्च के लिए 20 डॉलर से भी कम मौजूद हैं, जबकि हवाई-अड्डे तक जाने और अन्य संबंधित खर्चों के लिए इससे अधिक पैसे की आवश्यकता थी। अन्दर से दुःखी, हमने इसके लिए प्रार्थना करने का निर्णय किया और प्रार्थना करने में अपने दोनों छोटे बच्चों, जिनकी उम्र 6 और 2 वर्ष की थी को भी सम्मिलित किया।

   प्रार्थना के दौरान हमें अपने घर के बाहर के गलियारे में किसी के चलने की आवाज़ सुनाई दी और फिर दरवाज़े के नीचे से कुछ अन्दर सरकाए जाने की आवाज़ आई। हमने जाकर देखा तो किसी ने एक लिफाफा हमारे दरवाज़े के नीचे से अन्दर खिसकाया था, और उस लिफाफे में हमारे लिए 50 डॉलर का गुमनाम उपहार रखा था, जो हमारी यात्रा संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए काफी था। प्रार्थना के इस तुरंत उत्तर को पा लेने का हमारे मनों के अन्दर का अचरज हमारी 6 वर्षीय बेटी के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। हमारे महान परमेश्वर पिता ने, प्रार्थना के उस तुरंत उत्तर के द्वारा, छोटी उम्र की हमारी बेटी के मन में अपना नाम पक्का लिख दिया था और हम भजनकार दाऊद के समान "...उसके सब आश्चर्य-कर्मों का ध्यान..." (1 इतिहास 16:9) कर सकते थे।

   कुछ यही उस पहले क्रिसमस की रात्रि को भी हुआ था, जब एक सर्व-सामर्थी, सर्व-ज्ञानी, महान परमेश्वर ने, अपने बिना-शर्त प्रेम और पापों की क्षमा को सभी के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध करवा के, अपना नाम समस्त मानव जाति के हृदयों पर लिखे जाने का एकमात्र मार्ग दे दिया। मसीह यीशु का जन्म परमेश्वर के प्रेम और क्षमा को प्राप्त करने के लिए हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर है; क्या आपने इसके अचरज और महानता को अपना लिया है? - रैंडी किलगोर


जब हम क्रिसमस के कारण को अपनाते हैं तो अचरज और अनन्त आनन्द से भरा जीवन पाते हैं।

जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है। - 1 यूहन्ना 5:12

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 16:7-13
1 Chronicles 16:7 तब उसी दिन दाऊद ने यहोवा का धन्यवाद करने का काम आसाप और उसके भाइयों को सौंप दिया। 
1 Chronicles 16:8 यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो। 
1 Chronicles 16:9 उसका गीत गाओ, उसका भजन करो, उसके सब आश्चर्य-कर्मों का ध्यान करो। 
1 Chronicles 16:10 उसके पवित्र नाम पर घमंड करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो। 
1 Chronicles 16:11 यहोवा और उसकी सामर्थ की खोज करो; उसके दर्शन के लिये लगातार खोज करो। 
1 Chronicles 16:12 उसके किए हुए आश्चर्यकर्म, उसके चमत्कार और न्यायवचन स्मरण करो। 
1 Chronicles 16:13 हे उसके दास इस्राएल के वंश, हे याकूब की सन्तान तुम जो उसके चुने हुए हो!

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 6-7
  • प्रकाशितवाक्य 13


सोमवार, 21 दिसंबर 2015

उजियाला


   कला के इतिहासकार सेमोर स्लाइव ने हॉलेन्ड के महान कलाकार रेमब्रान्ट को उजियाले और परछाईयों के प्रयोग से अपनी चित्रकला के द्वारा कहानी सुनाने में ऐसा दक्ष कलाकार बताया है जो आपको अपनी रचना से मोह कर उसके साथ बाँध ले। रेम्ब्रान्ट का बनाया हुआ एक चित्र जिसका शीर्षक है ’The Adoration of the Shepherds' प्रभु यीशु के जन्म की घटनाओं पर आधारित है। इस चित्र में बेतलहेम की वह गौशाला दिखाई गई है जिसमें प्रभु यीशु का जन्म हुआ। चित्र में हम चरनी के निकट, जिसमें शिशु यीशु को रखा गया था, दो चरवाहों को घुटने टेके बैठा हुआ देखते हैं जबकि अन्य लोग दूर पीछे को खड़े हैं। एक के हाथ में लालटेन है, परन्तु सबसे अधिक रौशनी उसकी लालटेन से नहीं वरन शिशु यीशु से आ रही है और जो यीशु के निकट हैं उन्हें रौशन कर रही है।

   प्रभु यीशु के जन्म से सात शताब्दी पूर्व परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता यशायाह ने उजियाले और अन्धकार का उपयोग करके आने वाले मुक्तिदाता प्रभु यीशु के संबंध में भविष्यवाणी करी जो परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह की पुस्तक में लिखी मिलती है: "जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी।...क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा" (यशायाह 9:2, 6)।

   रेम्ब्रान्ट के उस चित्र को देखने वाला प्रत्येक व्यक्ति उसमें कोई भिन्न कहानी देख सकता है, लेकिन हम में से हर एक का प्रतिरूप उस चित्र में विद्यमान है - हम यीशु के निकट और उसके समक्ष घुटने टेके हुए हो सकते हैं या पीछे परछाईयों में संकोच के अन्धेरों में छिपे खड़े हो सकते हैं, या उसके सब कुछ रौशन कर देने वाले उजियाले के होते हुए भी अपना ही कोई फीका सा उजियाला लेकर उसके सामने खड़े रहने वाले हो सकते हैं; यह हमारे अपने देखने और जाँचने की बात है कि प्रभु यीशु और उसके उजियाले के सामने हम कैसे हैं!

   क्रिसमस का समय हमें अवसर देता है कि हम अपने आप को जाँचें और अपने अन्धकार से निकल कर जीवन के उजियाले में खड़े हों, प्रभु यीशु के उजियाले को अपने हृदयों में चमकने दें, अपने आप को उसे समर्पित कर दें। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह यीशु में लाया गया विश्वास अन्धकार में लगाई छलाँग नहीं वरन अन्धियारे से उजियाले में कदम बढ़ाना है।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: यशायाह 9:1-7
Isaiah 9:1 तौभी संकट-भरा अन्धकार जाता रहेगा। पहिले तो उसने जबूलून और नप्ताली के देशों का अपमान किया, परन्तु अन्तिम दिनों में ताल की ओर यरदन के पार की अन्यजातियों के गलील को महिमा देगा। 
Isaiah 9:2 जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी। 
Isaiah 9:3 तू ने जाति को बढ़ाया, तू ने उसको बहुत आनन्द दिया; वे तेरे साम्हने कटनी के समय का सा आनन्द करते हैं, और ऐसे मगन हैं जैसे लोग लूट बांटने के समय मगन रहते हैं। 
Isaiah 9:4 क्योंकि तू ने उसकी गर्दन पर के भारी जूए और उसके बहंगे के बांस, उस पर अंधेर करने वाले की लाठी, इन सभों को ऐसा तोड़ दिया है जेसे मिद्यानियों के दिन में किया था। 
Isaiah 9:5 क्योंकि युद्ध में लड़ने वाले सिपाहियों के जूते और लोहू में लथड़े हुए कपड़े सब आग का कौर हो जाएंगे। 
Isaiah 9:6 क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। 
Isaiah 9:7 उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा, इसलिये वे उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से ले कर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए ओर संभाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के द्वारा यह हो जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 4-5
  • प्रकाशितवाक्य 12


रविवार, 20 दिसंबर 2015

शरण-स्थान


   संसार के इतिहास के मध्यकालीन समय में किसान मैदानों में अपने खेतों में कार्य करते, फसल की देखभाल करते थे। परन्तु यदि कोई दुश्मन आते दिखाई देते तो वे अपने परिवार सहित भागकर किसी निकट के गढ़ वाले नगर में शरण ले लेते थे जब तक कि खतरा टल ना जाए। सदियों से, फ्रांस में स्थित करकासोन, ऐसा ही एक नगर रहा है। ईसा पूर्व पांचवीं शताबदी में पत्थरों से बनाए गए इस गढ़ ने रोम के निवासियों, पश्चिमी यूरोप के निवासी गॉल, जर्मनी के बंजारे विज़िगौथ, जर्मनी के कबायली निवासी फ्रैंक्स और फ्रांस के लोगों को आक्रमणकारियों से शरण दी है। इसका विशाल आकार, ऊँचे बुर्ज, मोटी दीवारों और चहारदिवारियों ने अन्दर शरण लेने वालों को भरोसा और हौंसला दिया है, उन्होंने अपने आप को इसमें सुरक्षित अनुभव किया है।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए हमारा जीवता परमेश्वर ही हमारा दृढ़ गढ़ है। परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन नामक पुस्तक में आया है, "यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है" (नीतिवचन 18:10)। "यहोवा का नाम" द्वारा भजनकार का तात्पर्य है परमेश्वर के चरित्र से - उसकी विश्वसनीयता, सामर्थ और करुणा की भरपूरी से, तथा "बचता है" से तात्पर्य है खतरे के स्थान से निकालकर ऊँचे सुरक्षित स्थान पर रखने की क्षमता से।

   हमें जीवन में अनेक बार खतरों का सामना करना पड़ता है, और ऐसे में हमारी प्रतिक्रीया होती है कि हम बचकर, भागकर किसी सुरक्षित स्थान पर छिप जाएं, किसी का आश्रय ले लें। सामान्यतः लोग ऐसे में अपनी धन-संपदा या फिर रिश्तेदारों, मित्रों और जानकारों पर भरोसा करते हैं, उनकी ओर सहायता के लिए मुड़ते हैं। लेकिन मसीही विश्वासियों के लिए, अपने चरित्र और गुणों के कारण परमेश्वर ही सबसे सुरक्षित और विश्वासयोग्य शरण-स्थान रहता है।

   यदि आज आप किसी परेशानी में हैं, किसी भय का सामना कर रहे हैं तो निःसंकोच होकर परमेश्वर के पास आईए; वह आपका शरण-स्थान बनकर आपको आश्रय देगा, उसमें आप सुरक्षा और शान्ति पाएंगे। - डेनिस फिशर


समय अच्छा हो या बुरा, परमेश्वर सदा ही हमारा सुरक्षित विश्राम स्थान बना रहता है।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2

बाइबल पाठ: भजन 37:1-19
Psalms 37:1 कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर! 
Psalms 37:2 क्योंकि वे घास की नाईं झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाईं मुर्झा जाएंगे। 
Psalms 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह। 
Psalms 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।
Psalms 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा। 
Psalms 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति की नाईं, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाईं प्रगट करेगा।
Psalms 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है! 
Psalms 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी। 
Psalms 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे। 
Psalms 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा। 
Psalms 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे। 
Psalms 37:12 दुष्ट धर्मी के विरुद्ध बुरी युक्ति निकालता है, और उस पर दांत पीसता है; 
Psalms 37:13 परन्तु प्रभु उस पर हंसेगा, क्योंकि वह देखता है कि उसका दिन आने वाला है।
Psalms 37:14 दुष्ट लोग तलवार खींचे और धनुष बढ़ाए हुए हैं, ताकि दीन दरिद्र को गिरा दें, और सीधी चाल चलने वालों को वध करें। 
Psalms 37:15 उनकी तलवारों से उन्हीं के हृदय छिदेंगे, और उनके धनुष तोड़े जाएंगे।
Psalms 37:16 धर्मी का थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है। 
Psalms 37:17 क्योंकि दुष्टों की भुजाएं तो तोड़ी जाएंगी; परन्तु यहोवा धर्मियों को सम्भालता है।
Psalms 37:18 यहोवा खरे लोगों की आयु की सुधि रखता है, और उनका भाग सदैव बना रहेगा। 
Psalms 37:19 विपत्ति के समय, उनकी आशा न टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 11


शनिवार, 19 दिसंबर 2015

मसीहा


   हैण्डल की प्रसिद्ध संगीत रचना "मसीहा" में से मुझे उसके पहले भाग का खण्ड "क्योंकि हमारे लिए एक बालक उत्पन्न हुआ है" बहुत अच्छा लगता है; विशेषकर उसका वह भाग जब उसे गाते हुए संगीत मण्डली एक स्वर में "क्योंकि हमारे लिए एक बालक उत्पन्न हुआ" वाक्याँश पर उच्च स्वर में पहुँचती है। हैण्डल की यह भव्य रचना परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु की आराधना में संगीत की ऊँचाईयों को छूती है, उस मसीहा के लिए जो हमारे लिए मानव रूप में अवतरित हुआ; और उसके यह दोनों वाक्यांश परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में यशायाह 9:6 से लिए गए हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का नया नियम खण्ड हमारे लिए और भी स्पष्ट करता है कि यह बालक कौन है। लूका के प्रथम अध्याय में हम पाते हैं कि स्वर्गदूत ने उस आने वाले मसीहा की पहिचान में चार बातें कहीं: वह मरियम से जन्मेगा, अर्थात पूर्णत्या मनुष्य (लूका 1:31); वह परमप्रधान का पुत्र होगा, अर्थात पूर्णत्या ईश्वरीय (लूका 1:32); वह दाऊद के वंश से होगा, अर्थात राजवंशी (लूका 1:32), और वह परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा, अर्थात सब बातों में पिता परमेश्वर के तुल्य (लूका 1:35)। मसीहा होने की सारी आवश्यकताएं उस भविष्यवाणी कर गए बालक के परमेश्वर का देहधारी पुत्र होने के स्वरूप में पूरी होती हैं।

   जब हम इस क्रिसमस के त्योहार के समय में उस बालक के जन्म की खुशियाँ मनाते हैं, तो हमारे सारे समारोह और आनन्द उसकी वास्तविकता को समझने और उसकी भरपूरी को जानने से भर जाएं। हमारे स्वर्गीय पिता ने हमें एक सिद्ध भेंट दी है, एक ऐसा पुत्र जिसकी परिपूर्णता हमारी सभी आवश्यकताओं के लिए काफी है। आईए हम मसीहा प्रभु यीशु की उपासना और आराधना में अपनी आवाज़ को बुलन्द करें। - बिल क्राउडर


बेतलेहम में परमेश्वर का प्रेम देहधारी हुआ।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। - यशायाह 9:6

बाइबल पाठ: लूका 1:26-33
Luke 1:26 छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया। 
Luke 1:27 जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। 
Luke 1:28 और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा; आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है। 
Luke 1:29 वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? 
Luke 1:30 स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। 
Luke 1:31 और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। 
Luke 1:32 वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा। 
Luke 1:33 और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्‍त न होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • योना 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 10


शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

खाली


   हमारी पोती जूलिया ने अपना ग्रीष्म अवकाश यूगान्डा के बुसिया में स्थित एक अनाथालय में काम करके प्रशिक्षण लेने में व्यतीत किया। अपने कार्य के अन्तिम दिन वह हर एक बच्चे के पास उससे विदा लेने के लिए गई। एक छोटी लड़की सौम्या उसके जाने से बहुत उदास थी। सौम्या ने जूलिया कहा, "कल आप चली जाएंगी और फिर अगले सप्ताह बाकी आंटियाँ भी चली जाएंगी।" जूलिया ने सौम्या के साथ सहमति जताई कि उसे और बाकी सभी प्रशिक्षुकों को अब जाना होगा। सौम्या ने थोड़ी देर सोच कर कहा, "तब तो हम खाली हो जाएंगे; आप में से कोई भी हमारे साथ नहीं रह जाएगा।" जूलिया ने फिर उसके साथ सहमति जताई। छोटी सौम्या फिर थोड़ी देर सोचती रही, और बोली, "लेकिन परमेश्वर तो हमारे साथ ही रहेगा; हम खाली नहीं होंगे!"

   यदि हम अपने आप से ईमानदार हों तो हम स्वीकार करेंगे कि हम सबने इस "खाली होने" को अनुभव किया है, और भिन्न बातों से उसे भरने का प्रयत्न भी किया है। हमारे अन्दर का खालीपन मित्रता, प्रेम, वासना, धन, लोकप्रीयता, सफलता आदि बातों से कभी स्थाई रीति से या पूरी तरह से नहीं भरता। हमारे अन्दर एक भावना बनी रहती है, किसी ऐसी चीज़ के लिए जिसे परिभाषित करना चाहे संभव ना हो, परन्तु वह संसार की हर बात से अधिक मूल्यवान है और संसार की किसी बात से उसकी पूर्ति नहीं हो पाती। संसार से मिल सकने वाला सब कुछ पा लेने पर भी हमारे अन्दर उसका खालीपन बना ही रहता है। संसार से मिलने वाली हर उत्तम वस्तु के बाद भी हमारे अन्दर लालसा रहती है कि कुछ इससे भी बढ़कर, इससे भी अधिक, इससे भी अच्छा मिल सके। हमारी इस लालसा की एक परछाईं, एक धुंधला सा प्रतिरूप हमें संसार की बातों में दिखाई देता है और फिर वह ओझल हो जाता है। इस संदर्भ में प्रसिद्ध लेखक सी. एस. ल्यूईस ने कहा, "हमारी सर्वोत्तम उपलब्धि हमारी और पाने की चाहत ही रहती है।"

   हम मनुष्यों को परमेश्वर ने अपने स्वरूप में बनाया है (उत्पत्ति 1:27), और इसीलिए परमेश्वर से कम कुछ भी हमें स्थाई संतोष नहीं दे सकता। उस अविनाशी स्वर्गीय जीवते परमेश्वर के बिना, चाहे बाहर से हम नश्वर संसार की किसी भी बात से कितना भी भर जाएं, किंतु अन्दर से हम खाली ही रहेंगे। प्रभु यीशु ही उस सच्चे जीवते परमेश्वर का प्रतिरूप है (यूहन्ना 1:18), और जैसा कि उसने कहा है, वह हमें बहुतायत से जीवन देने आया है: "... मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं" (यूहन्ना 10:10)। परमेश्वर ही हमारी हर एक भूख-प्यास को मिटा सकता है, हमें संतुष्ट कर सकता है, और करता भी है (भजन 107:9)। - डेविड रोपर


परमेश्वर अपने से पृथक आनन्द तथा शान्ति हमें दे नहीं सकता, क्योंकि उसके बिना आनन्द तथा शान्ति है ही नहीं। - सी. एस. ल्यूईस

तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। - उत्पत्ति 1:27

बाइबल पाठ: भजन 107:1-9
Psalms 107:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! 
Psalms 107:2 यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है, 
Psalms 107:3 और उन्हें देश देश से पूरब- पश्चिम, उत्तर और दक्खिन से इकट्ठा किया है।
Psalms 107:4 वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; 
Psalms 107:5 भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। 
Psalms 107:6 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया; 
Psalms 107:7 और उन को ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचे। 
Psalms 107:8 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! 
Psalms 107:9 क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • औब्द्याह 1
  • प्रकाशितवाक्य 9


गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

प्रोत्साहन तथा प्रेम


   मुझे अपनी एक मित्र से, जो एक विकासशील देश में एक अनाथालय में सेवा कर रही है, पत्र मिला; उसने लिखा: "कल जब मैं अपने दपतर में बैठी काम कर रही थी, मैंने फर्श पर ढेरों चींटियों को पंक्ति में चलते देखा, उस पंक्ति के साथ साथ जब मैंने अपनी नज़र आगे बढ़ाई तो मैं यह देखकर चकित रह गई कि हमारे दपतर की दीवार पर अन्दर और बाहर हज़ारों चींटियाँ भरी हुई थीं; वे दीवर से लगी हर चीज़ पर चल रही थीं। हमारे एक कर्मचारी ने उन्हें साफ करने का काम आरंभ किया और घण्टे भर के अन्दर ही सारी चींटियाँ चली गईं।"

   चींटियों की यह घटना बयान करने के बाद मेरी मित्र ने मुझसे पूछा, "और बताओ, तुम्हारा दिन और कार्य कैसा रहा?" कभी कभी ऐसा कुछ चाहिए होता है जो हमें उन लोगों की और उनकी आवश्यकताओं की याद दिलाए जो घर के आराम और सुविधाओं को छोड़कर कहीं अन्य स्थानों पर परमेश्वर के कार्य में लगे हैं, उसकी सेवा कर रहे हैं। परमेश्वर ने हम सभी मसीही विश्वासियों को अलग अलग सेवकाई के लिए बुलाया है, और कुछ की सेवकाई कठिनाईयों से भरी होती है। अब मेरी उस मित्र को ही लीजिए, किसे पसन्द आएगा कि वह ऐसे दफ्तर में काम करे जहाँ कभी भी चींटियाँ आकर सब जगह छा जाती हैं; लेकिन वह वहाँ सुविधाओं के लिए नहीं वरन परमेश्वर की बुलाहट को पूरा करने के लिए है।

   वह और उसके समान अनेक मसीही विश्वासियों के मन प्रभु यीशु के प्रेम से भरे और प्रोत्साहित होकर उसके कार्य में लगे हैं, और उनके लिए जीवन के लिए "आवश्यक" आराम और सुविधाओं को छोड़कर प्रभु द्वारा निर्धारित कार्य को पूरा करना, प्रभु यीशु के प्रति उनके प्रेम को प्रदर्शित करना है; उस प्रभु के प्रति जिसने अपने प्रेम में होकर समस्त मानव जाति को उसके पापों से छुड़ाने के लिए अपने प्राण क्रूस पर बलिदान कर दिए।

   प्रभु यीशु के लिए सेवकाई में लगे लोगों को हमारे सहयोग और सहायता की आवश्यकता है, जैसे प्रेरित पौलुस को फिलिप्पी में अपने मित्रों से सहायता की आवश्यकता थी - सहभागिता के लिए (फिलिप्पियों 1:5), आर्थिक आवश्यकताओं के लिए (फिलिप्पियों 4:16) और देखभाल के लिए (फिलिप्पियों 4:18)। जब हम अपने मित्रों को उनकी मसीही सेवकाई में सहायता देकर प्रोत्साहित करते हैं तो हम अपने प्रभु के प्रति अपने प्रेम को प्रकट करते हैं। इस प्रोत्साहन और प्रेम प्रदर्शन को बनाए रखिए। - डेव ब्रैनन


जीवन की महिमा प्रेम पाने की बजाए प्रेम बाँटने, लोगों से लेने की बजाए उन्हें देने, और सेवा करवाने की बजाए सेवा करने में है।

मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं, तब तब अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं। इसलिये, कि तुम पहिले दिन से ले कर आज तक सुसमाचार के फैलाने में मेरे सहभागी रहे हो। - फिलिप्पियों 1:3, 5

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:10-18
Philippians 4:10 मैं प्रभु में बहुत आनन्‍दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्‍चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला। 
Philippians 4:11 यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्‍तोष करूं। 
Philippians 4:12 मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। 
Philippians 4:13 जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। 
Philippians 4:14 तौभी तुम ने भला किया, कि मेरे क्‍लेश में मेरे सहभागी हुए। 
Philippians 4:15 और हे फिलप्‍पियो, तुम आप भी जानते हो, कि सुसमाचार प्रचार के आरम्भ में जब मैं ने मकिदुनिया से कूच किया तब तुम्हें छोड़ और किसी मण्‍डली ने लेने देने के विषय में मेरी सहायता नहीं की। 
Philippians 4:16 इसी प्रकार जब मैं थिस्सलुनीके में था; तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन दो बार कुछ भेजा था। 
Philippians 4:17 यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए। 
Philippians 4:18 मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्‍त हो गया हूं, वह तो सुगन्‍ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 7-9
  • प्रकाशितवाक्य 8


बुधवार, 16 दिसंबर 2015

उल्टा जीवन


   शिकागो नदी असामान्य है क्योंकि वह उल्टी बहती है। एक शताब्दी से भी पूर्व इंजीनियर्स को उसके बहाव को पलटना पड़ा था। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि उसके किनारे के शहरों में रहने वाले लोग नदी को कूड़े-दान के समान प्रयोग कर रहे थे; प्रतिदिन घरों की गंदगी तथा कारखानों का कचरा उस नदी में बहाए जा रहे थे, जो फिर मिशिगन झील में पहुँचते थे जिसमें शिकागो नदी समाप्त होती थी। उसी झील से शिकागो शहर के लिए पीने का पानी लिया जाता था, इसलिए उस प्रदूषित पानी को पीने से हज़ारों लोग बीमार पड़ रहे थे, मर रहे थे। इसलिए अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि नदी को झील में समाप्त होने से रोका जाए और इसीलिए उसका प्रवाह पलट दिया गया।

   जब हम प्रभु यीशु के सांसारिक जीवन को देखते हैं तो जैसा होना चाहिए था, वह उससे उलट प्रतीत होता है। प्रभु महिमा का राजा और परमेश्वर था, लेकिन उसने एक गरीब असहाय शिशु बनकर संसार में प्रवेश किया, संसार के लोगों की निन्दा और तिरस्कार सहा। वह निष्पाप और निष्कलंक था, लेकिन फिर भी एक घृणित अपराधी के समान उसने क्रूस की मृत्यु स्वीकार करी। लेकिन इस सब में प्रभु यीशु ने परमेश्वर पिता की इच्छा के अनुसार जीवन व्यतीत किया, परमेश्वर की आज्ञाकारिता में रहा (यूहन्ना 6:38)।

   मसीह यीशु के अनुयायी होने के कारण हम मसीही विश्वासियों को अपने प्रभु के समान व्यवहार और कार्य रखने हैं, चाहे यह संसार की प्रथा के विपरीत ही क्यों ना लगे। हमें अपने शत्रुओं को आशीष देनी चाहिए (रोमियों 12:14), सांसारिक धन-संपदा से अधिक भक्ति को महत्व देना चाहिए (1तिमुथियुस 6:6-9), और कठिन परिस्थितियों में भी आनन्दित रहना चाहिए (याकूब 1:2) चाहे ऐसा करना सांसारिक बुद्धि के विरुद्ध क्यों ना दिखाई दे। प्रभु यीशु ने कहा, "क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा" (मत्ती 16:25)।

   चिंता की कोई बात नहीं यदि मसीही विश्वास का जीवन जीना कई बार उल्टा जीवन जीने जैसा लगे। आप परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी और विश्वासयोग्य बने रहिए और परमेश्वर आपको जीवन जीने तथा जीवन में आगे बढ़ते रहने का बल और बुद्धि देता रहेगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु के व्यवहार और कार्यों को अपने जीवनों में दिखाने से हम अपने साथ उसकी उपस्थिति होने की गवाही देते हैं।

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:44-45

बाइबल पाठ: मत्ती16:21-28
Matthew 16:21 उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्‍त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं। 
Matthew 16:22 इस पर पतरस उसे अलग ले जा कर झिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा। 
Matthew 16:23 उसने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है। 
Matthew 16:24 तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले। 
Matthew 16:25 क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा। 
Matthew 16:26 यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्या देगा? 
Matthew 16:27 मनुष्य का पुत्र अपने स्‍वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा। 
Matthew 16:28 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कितने ऐसे हैं; कि जब तक मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्‍वाद कभी न चखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 4-6
  • प्रकाशितवाक्य 7



मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

उत्सव


   हमें ऐसा लगा जैसे कि हमारा क्रिसमस रद्द कर दिया गया है। कई वर्षों से हमारी पारिवारिक परंपरा रही है कि हम क्रिसमस पर अपने परिवार जनों से मिलने जाते हैं और उन्हीं के साथ वहाँ मिसूरी में क्रिसमस मनाते हैं; लेकिन अब की बार बर्फ के कारण हमें बीच रास्ते में मिनिसोटा से ही वापस अपने घर मिशिगन लौटना पड़ा, जिससे हम बहुत निराश थे।

   किंतु यदि हम मिसूरी चले जाते तो इतवार को हमारे पादरी द्वारा क्रिसमस की आशाओं पर दिया गया प्रवचन नहीं सुन पाते। उनके प्रवचन की एक बात ने विशेष रीति से मेरा ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने कहा, "यदि क्रिसमस से हमारी अपेक्षाएँ केवल उपहारों और परिवार जनों के साथ समय बिताने की ही हैं, तो हमारी अपेक्षाएँ बहुत छोटी हैं। ये बातें आनन्द देती हैं और इनके लिए हमें धन्यवादी होना चाहिए, लेकिन क्रिसमस प्रभु यीशु के जन्म का ही नहीं वरन उनमें होकर मिलने वाले छुटकारे का भी उत्सव है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के जन्म का उत्सव मनाने वाले लोगों में हम दो लोगों, शमौन और हन्नाह को पाते हैं जिन्होंने प्रभु यीशु के जन्म के साथ उसके द्वारा मिलने वाले उद्धार का भी आनन्द मनाया, जब यूसुफ और मरियम प्रभु यीशु को मन्दिर में लेकर आए (लूका 2:25-38)। शमौन से परमेश्वर के आत्मा ने वायदा किया था कि वह मसीहा को देखे बिना नहीं मरेगा, इसलिए उसने प्रभु यीशु को देखकर कहा, "हे स्‍वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्‍ति से विदा करता है। क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है" (लूका 2:29-30)। जब हन्नाह ने, जो एक विधवा थी और मन्दिर में रहकर परमेश्वर की सेवा किया करती थी, प्रभु यीशु को देखा तो वह "...प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी" (लूका 2:38)।

   संभव है कि किसी बात या परिस्थिति के कारण हमें इस त्यौहार के समय में निराशाओं और दुखों का सामना करना पड़े, लेकिन प्रभु यीशु और उसमें सेंत-मेंत मिलने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार हमें सदा ही उत्सव मनाने का कारण देते हैं। - ऐनी सेटास


यीशु सदा ही उत्सव मनाते रहने का कारण है।

और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे। - लूका 2:33

बाइबल पाठ: लूका 2:36-38
Luke 2:36 और अशेर के गोत्र में से हन्नाह नाम फनूएल की बेटी एक भविष्यद्वक्तिन थी: वह बहुत बूढ़ी थी, और ब्याह होने के बाद सात वर्ष अपने पति के साथ रह पाई थी। 
Luke 2:37 वह चौरासी वर्ष से विधवा थी: और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी पर उपवास और प्रार्थना कर कर के रात-दिन उपासना किया करती थी। 
Luke 2:38 और वह उस घड़ी वहां आकर प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 6



सोमवार, 14 दिसंबर 2015

नया युग


   जब 16वीं शताब्दी में मैटियो रिक्की चीन गए तो उन लोगों को जिन्होंने इसके बारे में कभी नहीं सुना था, मसीह की बात बताने के लिए अपने साथ मसीही कहानियों के चित्र भी ले गए। मैटियो द्वारा दिखाए जाने वाले उन चित्रों में चीन के लोगों ने मरियम की गोद में शिशु यीशु के चित्र को तो सहर्ष स्वीकार कर लिया, लेकिन जब उन्होंने प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने के चित्र दिखाकर उन लोगों को समझाना चाहा कि परमेश्वर का पुत्र बलिदान होने के लिए आया था तो लोगों की प्रतिक्रीया भय और घृणा की थी क्योंकि उनके लिए परमेश्वर का क्रूसित होना स्वीकार करना बहुत कठिन था।

   जब मैं अपने क्रिसमस कार्ड्स को देखता हूँ, तो मुझे लगता है कि आज हम भी चीन के उन निवासियों के समान ही कर रहे हैं। हम अपने उत्सव और रिवाज़ों में यह ध्यान नहीं रखते कि जो कहानी बेतलेहम से आरंभ हुई थी वह कलवरी के क्रूस से होकर ही संसार में आगे बढ़ी और कार्यकारी हुई थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार में दी गई क्रिसमस की कहानी के वृतान्त में केवल एक व्यक्ति - बुज़ुर्ग शमौन ही ऐसा था जिसने उस नए कार्य को समझा जिसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु के जन्म द्वारा कार्यान्वित करा था। शमौन ने मरियम से कहा, "...देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं --  वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा..." (लूका 2:34-35)।

   शमौन ने पहिचाना कि चाहे प्रत्यक्ष रीति से ऐसा कोई आभास ना होता हो कि कुछ भी बदल गया है - हेरोदेस अभी भी राजा था और इस्त्राएल अभी भी रोमी सैनिकों के अधिकार में था, लेकिन अप्रत्यक्ष रीति से सब कुछ बदल गया था, परमेश्वर द्वारा जिसका वायदा दिया गया था वह मसीहा संसार को पापों से छुटकारा देने के लिए आ गया था; एक नया युग आरंभ हो गया था। - फिलिप यैन्सी


क्रूस की गाथा के बिना मसीह के जन्म की कहानी अधूरी है।

और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा। - लूका 3:6

बाइबल पाठ: लूका 2:25-35
Luke 2:25 और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्‍ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था। 
Luke 2:26 और पवित्र आत्मा से उसको चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ना लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा। 
Luke 2:27 और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें। 
Luke 2:28 तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद कर के कहा, 
Luke 2:29 हे स्‍वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्‍ति से विदा करता है। 
Luke 2:30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है। 
Luke 2:31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है। 
Luke 2:32 कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो। 
Luke 2:33 और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे। 
Luke 2:34 तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं-- 
Luke 2:35 वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा-- इस से बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • योएल 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 5



रविवार, 13 दिसंबर 2015

चिरस्थायी ईनाम


   ओलंपिक खेलों में सबसे अधिक, 18 स्वर्ण पदक पाने का कीर्तिमान युक्रेन की जिमनैस्ट, लरीसा लतिनीना के पास था; उसने उन पदकों को 1956, 1960 और 1964 के ओलंपिक खेलों में जीता था। 48 वर्ष तक बने रहने वाला उनका यह कीर्तिमान तब टूटा जब 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में माईकल फेल्प्स ने अपना 19वें पदक 4 x 200 मीटर की तैराकी प्रतियोगिता में प्राप्त किया। इसके बारे में International Gymnast नामक पत्रिका के प्रकाशक ने कहा, लतिनीना इतिहास में कहीं खो गई थी; जब सोवियत यूनियन का विभाजन हुआ, हम उनके बारे में भूल गए।

   प्रेरित पौलुस हमें याद दिलाता है कि कभी कभी मेहनत से किया गया कार्य भी भुला दिया जाता है। खिलाड़ी अपने शरीरों की कड़ी मेहनत और अनुशासन के द्वारा नाशमान ईनामों को पाने के प्रयास करते हैं (1कुरिन्थियों 9:25)। लेकिन केवल ईनाम या पदक ही नाशमान नहीं होते, समय के साथ उन उपलब्धियों की यादें भी धूमिल पड़ती जाती हैं और समाप्त हो जाती हैं। यदि खिलाड़ी इस पृथ्वी पर नाशमान और भुला दिए जाने वाले ईनाम पाने के लिए इतनी कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ प्रयासरत रह सकते हैं तो हम मसीही विश्वासियों को अपने अविनाशी मुकटों को पाने के लिए कितनी अधिक मेहनत करने और अनुशासन रखने वाला होना चाहिए (1तिमुथियुस 4:8)?

   खिलाड़ियों के दृढ़ निश्चय और बलिदान का प्रतिफल उन्हें पदकों, ट्रोफियों और पैसे के रूप में मिलता है। लेकिन हमारा परमेश्वर पिता अपने बच्चों के अनुशासन का प्रतिफल इससे भी कहीं अधिक बढ़कर देगा (लूका 19:17)।

   जिस प्रभु यीशु ने हमसे हमारी पापों की दशा में ही प्रेम किया और हमारे लिए अपने आप को बलिदान कर दिया, उसके लिए हमारे प्रेम और सेवकाई की सेवा को परमेश्वर पिता कभी नहीं भुलाएगा, वह हमें चिरस्थायी ईनाम देगा। - सी. पी. हिया


परमेश्वर के राज्य के लिए किया गया बलिदान सदा पुरस्कृत होता है।

क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आने वाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है। - 1तिमुथियुस 4:8

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 9:24-27
1 Corinthians 9:24 क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। 
1 Corinthians 9:25 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Corinthians 9:26 इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है। 
1 Corinthians 9:27 परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार कर के, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 12-14
  • प्रकाशितवाक्य 4


शनिवार, 12 दिसंबर 2015

वेशभूषा या वर्दी?


   मसीही शिष्यता पर यूनिस मैक्गैरेहन ने प्रोत्साहित करने वाली वार्ता प्रस्तुत करी। उस वार्ता में कही गई बातों में से एक थी, "वेशभूषा वह होती है जिसे आप पहनकर कोई अन्य होने का स्वाँग भरते हैं; जबकि वर्दी वह होती है जो आपको स्मरण दिलाती है कि आप कौन हैं और आपको किस उद्देश्य तथा ज़िम्मेदारी के लिए नियुक्त किया गया है।"

   यूनिस की इस बात से मुझे सेना में बुनियादी प्रशिक्षण की अपनी भरती के पहले दिन की याद दिलाई। भरती की कार्यवाही पूरी करने के बाद शिविर में पहुंचते ही हम सब रंगरूटों को एक एक डब्बा दिया गया और हम से कहा गया कि हम अपने सारे असैनिक कपड़े उस डब्बे में डाल दें, और फिर वह डब्बा हम सबके घरों को भेज दिया गया। उसके बाद प्रति दिन जो वर्दी हम पहनते थे वह हमें स्मरण दिलाती थी कि हम एक विशिषट अनुशासनपूर्ण प्रशिक्षण के लिए आए हैं जो हमारे व्यवहार और कार्यशैली को बदल देगा।

   प्रेरित पौलुस ने रोम में रह रहे मसीही विश्वासियों को लिखा, "...हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें" (रोमियों 13:12)। फिर पौलुस ने उन्हें आगे लिखा कि वे मसीह यीशु को पहिन लें और अन्धकार कामों को तज दें। इस तज देने और पहिन लेने का उद्देश्य था एक परिवर्तित जीवन जीना। जब हम मसीह यीशु के पीछे चलने तथा उसे अपना प्रभु स्वीकार करने का निर्णय लेते हैं तो वह हमें अपनी समानता में ढालने की प्रक्रिया हमारे जीवनों में आरंभ करता है, और प्रतिदिन हमें अपनी समानता में ढालता जाता है।

   जो हम वास्तव में अन्दर से नहीं हैं उसे महज़ औपचारिकता तथा दिखावे के लिए संसार के समक्ष प्रस्तुत करना मसीही शिष्यता नहीं वरन एक प्रकार की वेशभूषा पहिन कर स्वांग भरने के समान है; जबकि मसीह यीशु में आने के कारण जो हम हो गए हैं और होते जा रहे हैं उसे अपने जीवनों से दिखाना मसीही वर्दी पहिन कर वास्तव में मसीही शिष्यता का जीवन जीना है। - डेविड मैक्कैसलैंड


उद्धार तो मुफ्त है, लेकिन मसिही शिष्यता की कीमत सम्पूर्ण जीवन का सम्पूर्ण समर्पण है। - डीट्रिश बॉनहॉफर

परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18 

बाइबल पाठ: रोमियों 13:11-14
Romans 13:11 और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है। 
Romans 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें। 
Romans 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में। 
Romans 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 9-11
  • प्रकाशितवाक्य 3


शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

आशा


   कार्य में होने तथा पास्टर होने का कार्य भी करने के कारण यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अनेक लोगों के साथ वार्तालाप में रह सकता हूँ। मेरे संपर्क में आने वाले अनेक लोग मसीही विश्वास को लेकर संशय में होते हैं। मैंने पाया है कि उनका यह संशय मुख्यतः तीन कारणों से होता है जिससे वे अपने पापों की क्षमा और उद्धार के लिए प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास नहीं कर पाते।

   सबसे पहला कारण है, और यह बड़े अचरज की बात है कि वे परमेश्वर के अस्तित्व पर विश्वास रखते हुए भी यह समझते हैं कि वे परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं, परमेश्वर उनपर ध्यान नहीं देगा। दूसरा कारण है कि लोग समझते हैं कि वे परमेश्वर की क्षमा के योग्य नहीं हैं; लोग अपने ही सबसे कठोर आलोचक होते हैं। और तीसरा कारण है कि लोग असमंजस में रहते हैं कि यदि वह विद्यमान है तो फिर क्यों परमेश्वर उनसे संपर्क या संवाद नहीं कर रहा है?

   आईए हम इन तीनों कारणों पर परमेश्वर के वचन बाइबल के आधार पर थोड़ा विचार करें, जिसके लिए हम उपरोक्त कारणों को उलटे क्रम में लेंगे। परमेश्वर सबको समान दृष्टि से देखता है; उसका वायदा है कि यदि हम उसके वचन को पढ़ेंगे तो वह निश्चित करेगा कि वचन हमारे जीवनों में कार्य करे और परमेश्वर के उद्देश्यों की पूर्ति हो (यशायाह 55:11); कहने का तात्पर्य है कि यदि हम बाइबल को पढ़ेंगे तो पाएंगे कि परमेश्वर हम से संपर्क और संवाद कर रहा है। इसीलिए बाइबल अनेक बार सबके प्रति परमेश्वर की दया और अनुग्रह की बात करती है, और हमें बताती है कि परमेश्वर की क्षमा करने की इच्छा और तत्परता हमारी अपनी क्षमता से कहीं अधिक बढ़कर है; इसलिए कोई भी उसकी क्षमा की सीमा से बाहर नहीं है और वह सबको क्षमा करने के लिए तैयार है (1 यूहन्ना 1:9)। अब जब हम यह जान चुके हैं कि परमेश्वर अपने वचन बाइबल के द्वारा हम से बातचीत करता है, और हमने उसकी दया और अनुग्रह को भी जान लिया है तो फिर हमारे लिए यह समझ पाना कठिन नहीं है कि हम जब भी उसे पुकारते हैं वह हमारी सुनता है, हम पर ध्यान करता है।

   परमेश्वर के द्वार सभी के लिए खुले हैं, उसके पास सभी के लिए आशा है, बस हमें अपनी धारणाओं से निकलकर उसके पास आने की देर है। - रैंडी किलगोर


सच्चा संशय दृढ़ विश्वास की ओर पहला कदम हो सकता है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: यशायाह 55:6-13
Isaiah 55:6 जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो; 
Isaiah 55:7 दुष्ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा। 
Isaiah 55:8 क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। 
Isaiah 55:9 क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है।
Isaiah 55:10 जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी मिलती है, 
Isaiah 55:11 उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।
Isaiah 55:12 क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुंचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाडिय़ां गला खोल कर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएंगे। 
Isaiah 55:13 तब भटकटैयों की सन्ती सनौवर उगेंगे; और बिच्छु पेड़ों की सन्ती मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 2


गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

उपहार


   क्रिसमस के समय दिखाया जाने वाला एक टेलिविज़न विज्ञापन मुझे मनोरंजक लगता है। इस विज्ञापन में दो पड़ौसियों को दिखाया गया है जो मित्र-भावना के साथ परस्पर प्रतिस्पर्धा में हैं कि कौन क्रिसमस का आनन्द सबसे अधिक बाँट सकता है। दोनों ही अपने घरों को सजाने तथा पेड़ों पर बत्तियां लगाते में एक दूसरे पर नज़र रखते हैं, फिर दोनों ही अपने स्थान को दूसरे से अधिक अच्छा दिखाने के लिए उसे और उन्नत करते हैं, फिर एक से बढ़कर दूसरा अपने अन्य पड़ौसियों में उपहार बाँटता फिरता है।

   लेकिन वास्तविकता में परमेश्वर के लोग ऐसी किसी प्रतिस्पर्धा में नहीं रहते, और ना ही सब लोगों को यह दिखाते हैं कि कौन कितना और बेहतर दे सकता है। परमेश्वर का वचन बाइबल हम मसीही विश्वसियों को सिखाती है कि हम, "भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों" (1 तिमुथियुस 6:18)। प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखा, "हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है" (2 कुरिन्थियों 9:7)।

   क्रिसमस के समय में हम एक दूसरे के साथ उपहार बाँट कर हमारे लिए परमेश्वर के उदार उपहार - अपने पुत्र को हमारे लिए बलिदान होने को दे देना स्मरण करते हैं। रे स्टेडमैन कहते हैं, "यीशु अपने वैभव और अमीरी को छोड़ कर इस संसार में ग़रीब बनकर आया जिससे कि अपने अनुग्रह के धन से हमें धनी बना सके।"

   कोई भी उपहार परमेश्वर द्वारा दिए गए इस उपहार का मुकाबला नहीं कर सकता। परमेश्वर के इस वर्णन से बाहर उपहार, प्रभु यीशु मसीह, के लिए हम परमेश्वर के कृतज्ञ और धन्यवादी रहें। - ऐनी सेटास


मसीह यीशु से बढ़कर और कोई उपहार है ही नहीं।

सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्‍न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ। - 2 कुरिन्थियों 8:7

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 9:6-15
2 Corinthians 9:6 परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा। 
2 Corinthians 9:7 हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है। 
2 Corinthians 9:8 और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। 
2 Corinthians 9:9 जैसा लिखा है, उसने बिथराया, उसने कंगालों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा। 
2 Corinthians 9:10 सो जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्‍त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा। 
2 Corinthians 9:11 कि तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ। 
2 Corinthians 9:12 क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्र लोगों की घटियां पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है। 
2 Corinthians 9:13 क्योंकि इस सेवा से प्रमाण ले कर वे परमेश्वर की महिमा प्रगट करते हैं, कि तुम मसीह के सुसमाचार को मान कर उसके आधीन रहते हो, और उन की, और सब की सहायता करने में उदारता प्रगट करते रहते हो। 
2 Corinthians 9:14 ओर वे तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं; और इसलिये कि तुम पर परमेश्वर का बड़ा ही अनुग्रह है, तुम्हारी लालसा करते रहते हैं। 
2 Corinthians 9:15 परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 1