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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

देखभाल का वायदा

कैलिफोर्निया के एक बुज़ुर्ग पास्टर रे स्टैडमैन ने एक बार अपनी मण्डली से अपने संदेश में कहा: "नव वर्ष की पूर्व सन्ध्या पर, अपने जीवन के किसी भी अन्य समय से अधिक, हमें यह एहसास होता है कि हम बीते हुए वक्त को पलट नहीं सकते; ....हम पिछली यादों को दोहरा अवश्य सकते हैं, परन्तु बीते वर्ष के एक भी पल को दोबारा नहीं जी सकते।"

फिर स्टैडमैन ने बाइबल से इस्त्राएलियों का उदाहरण दिया जब वे एक नए स्थान में प्रवेश करके उसे अपना देश बनाने की कगार पर थे। चार दशकों तक बियाबान में भटकने, पुरानी पीढ़ी के गुज़र जाने के बाद, प्रवेश की कगार पर खड़ी इस नई पीढ़ी में असमंजस रहा होगा कि क्या उनमें वह विश्वास और धैर्य होगा जिससे वे इस वाचा की भूमि को अपना बना सकेंगे?

उनका नेतृत्व करने वाले मूसा ने उन्हें स्मरण दिलाया "परन्तु यहोवा के इन सब बड़े बड़े कामों को तुम ने अपनी आंखों से देखा है।" (व्यवस्थाविवरण ११:७); और, यह कि उनकी मंज़िल एक ऐसा देश है "वह ऐसा देश है जिसकी तेरे परमेश्वर यहोवा को सुधि रहती है; और वर्ष के आदि से लेकर अन्त तक तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि उस पर निरन्तर लगी रहती है।"(व्यवस्थाविवरण ११:१२)

इस नव वर्ष की पूर्व संध्या पर हम बीते समयों की घटनाओं के कारण भविष्य के लिये चिंतित हो सकते हैं, परन्तु हमें अतीत से बंधे रहने की आवश्यक्ता नहीं है क्योंकि हम भविष्य को जानने वाले अपने परमेश्वर पर नज़रें लगा कर आगे बढ़ सकते हैं। जैसे उसकी नज़रें इस्त्राएल और वाचा की हुई भूमि पर हैं, वैसे ही हम पर भी रहतीं हैं।

परमेश्वर की देखभाल हमारे लिये नये साल के प्रत्येक दिन पर उपलब्ध रहेगी, हम इस वायदे पर पूरा पूरा विश्वास रख सकते हैं। - डेविड मैककैसलैंड


हमारे भविष्य का "क्या" अनन्त के परमेश्वर के हाथों में है।

...वर्ष के आदि से लेकर अन्त तक तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि उस पर निरन्तर लगी रहती है। - व्यवस्थाविवरण ११:१२


बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ११:७-१२

परन्तु यहोवा के इन सब बड़े बड़े कामों को तुम ने अपनी आंखों से देखा है।
इस कारण जितनी आज्ञाएं मैं आज तुम्हें सुनाता हूं उन सभों को माना करना, इसलिये कि तुम सामर्थी होकर उस देश में जिसके अधिकारी होने के लिये तुम पार जा रहे हो प्रवेश करके उसके अधिकारी हो जाओ,
और उस देश में बहुत दिन रहने पाओ, जिसे तुम्हें और तुम्हारे वंश को देने की शपथ यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी, और उस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं।
देखो, जिस देश के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो वह मिस्र देश के समान नहीं है, जहां से निकल कर आए हो, जहां तुम बीज बोते थे और हरे साग के खेत की रीति के अनुसार अपने पांव की नलियां बना कर सींचते थे;
परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराईयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सिंचता है,
वह ऐसा देश है जिसकी तेरे परमेश्वर यहोवा को सुधि रहती है; और वर्ष के आदि से लेकर अन्त तक तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि उस पर निरन्तर लगी रहती है।

एक साल में बाइबल:
  • मलाकी १-४
  • प्रकाशितवाक्य २२

गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

सही उद्देश्य

वह खिलाड़ी अपने अभ्यास और व्यायाम को काफी समय से छोड़ चुका था। अब उसने फिर से अभ्यास आरंभ करने की ठानी, इसलिये उसने अपने लिये व्यायाम का क्रम निर्धारित किया। पहले दिन उसने कई डंड बैठकें और हलकी दौड़ लगाई। अगले दिन, कुछ और अधिक डंड बैठकें, कुछ और लम्बी दौड़। तीसरे दिन फिर कुछ अधिक व्यायाम और कुछ और लम्बी दौड़। चौथे दिन जब हमारा यह खिलाड़ी सुबह उठा तो उसका गला बैठा हुआ था और तबियत खराब थी।

अब उसने अपनी स्थिति पर विचार किया और इस निष्कर्श पर पहुंचा कि यदि व्यायाम द्वारा इतना हांफने और तेज़ सांस लेने का यही नतीजा निकला तो वह व्यायाम नहीं करेगा, वह जैसा है वैसा ही भला!

अब एक दूसरा दृश्य देखते हैं, खिलाड़ी की जगह मसीही विश्वासी को रख देते हैं। इस विश्वासी को एहसास होता है कि उसने बहुत समय से परमेश्वर के साथ अपने संबंध को नज़रंदाज़ किया हुआ है, और इसे ठीक करने के लिये वह अपने आत्मिक व्यायाम - बाइबल पढ़ने और प्रार्थना करने का नया क्रम आरंभ करता है। यह आरंभ करने के कुछ दिनों पश्चात ही उसके जीवन में कुछ समस्याएं आ जातीं हैं। अब उसे किस निष्कर्श पर पहुंचना चाहिये? क्या उस खिलाड़ी के समान उसे सोच लेना चाहिये कि उसकी आत्मिक प्रगति का व्यायाम एक व्यर्थ प्रयास है जिससे उसे कुछ लाभ नहीं हुआ? कदापि नहीं!

हमें यह बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिये कि हमारा बाइबल पढ़ना, प्रार्थना करना, परमेश्वर के लोगों की संगति करना आदि का उद्देश्य यह नहीं है कि हमें कष्ट और परेशानी से रहित जीवन मिल जाए। हम यह इसलिये करते हैं ताकि हम उस सिद्ध परमेश्वर के और निकट आ सकें, उसे और भली भांति जान सकें और उसकी इच्छाओं को पूरा कर सकें। प्रभु यीशु ने कभी अपने अनुयायीयों को यह आश्वासन नहीं दिया कि उन्हें संसार में कष्ट रहित जीवन और संसार के सब सुख मिलेंगे। प्रभु ने कहा "ये बातें मैं ने तुम से इसलिये कहीं कि तुम ठोकर न खाओ। वे तुम्हें आराधनालयों में से निकाल देंगे, वरन वह समय आता है, कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा यह समझेगा कि मैं परमेश्वर की सेवा करता हूं। और यह वे इसलिये करेंगे कि उन्‍होंने न पिता को जाना है और न मुझे जानते हैं। परन्‍तु ये बातें मैं ने इसलिये तुम से कहीं, कि जब उन का समय आए तो तुम्हें स्मरण आ जाए, कि मैं ने तुम से पहिले ही कह दिया था:" (यूहन्ना १६:१-४) "मैं ने तेरा वचन उन्‍हें पहुंचा दिया है, और संसार ने उन से बैर किया, क्‍योंकि जैसा मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं।" (यूहन्ना १७:१४) पौलुस ने लिखा "पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे" (२ तिमुथियुस ३:१२)।

मसीही विश्वासी के लिये परमेश्वर भक्ति का उद्देश्य सांसारिक उप्लब्धियां नहीं हैं "यदि हम केवल इसी जीवन में मसीह से आशा रखते हैं तो हम सब मनुष्यों से अधिक अभागे हैं" (१ कुरिन्थियों १५:१९)। परमेश्वर इस संसार में भी हमें बहुत कुछ दे सकता है और देता है, परन्तु हमारी आशा और प्रतिफल उस स्वर्ग के अनन्त जीवन के हैं जहां अन्ततः हमने जाना है। इसलिये "तो आओ, हम सच्‍चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक का दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर, और देह को शुद्ध जल से धुलवाकर परमेश्वर के समीप जाएं। और अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें; क्‍योंकि जिस ने प्रतिज्ञा किया है, वह सच्‍चा है।" (इब्रानियों १०:२२, २३) - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के वचन और प्रार्थना में विश्वासी जीवन की जड़ें धंसाने से ही जीवन में स्थिरता और शांति आती है।

तो आओ, हम सच्‍चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक का दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर, और देह को शुद्ध जल से धुलवाकर परमेश्वर के समीप जाएं। - इब्रानियों १०:२२


बाइबल पाठ: इब्रानियों १०:२२-३९

तो आओ, हम सच्‍चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक का दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर, और देह को शुद्ध जल से धुलवाकर परमेश्वर के समीप जाएं।
और अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें; क्‍योंकि जिस ने प्रतिज्ञा किया है, वह सच्‍चा है।
और प्रेम, और भले कामों में उकसाने के लिये एक दूसरे की चिन्‍ता किया करें।
और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें, और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो।
क्‍योंकि सच्‍चाई की पहिचान प्राप्‍त करने के बाद यदि हम जान बूझकर पाप करते रहें, तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं।
हां, दण्‍ड का एक भयानक बाट जोहना और आग का ज्‍वलन बाकी है जो विरोधियों को भस्म कर देगा।
जब कि मूसा की व्यवस्था का न मानने वाला दो या तीन जनों की गवाही पर, बिना दया के मार डाला जाता है।
तो सोच लो कि वह कितने और भी भारी दण्‍ड के योग्य ठहरेगा, जिस ने परमेश्वर के पुत्र को पांवों से रौंदा, और वाचा के लोहू को जिस के द्वारा वह पवित्र ठहराया गया था, अपवित्र जाना है, और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया।
क्‍योंकि हम उसे जानते हैं, जिस ने कहा, कि पलटा लेना मेरा काम है, मैं ही बदला दूंगा: और फिर यह, कि प्रभु अपने लोगों का न्याय करेगा।
जीवते परमेश्वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है।
परन्‍तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे।
कुछ तो यों, कि तुम निन्‍दा, और क्‍लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी।
क्‍योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्‍द से लुटने दी; यह जानकर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है।
सो अपना हियाव न छोड़ो क्‍योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है।
क्‍योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्‍छा को पूरी करके तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ।
क्‍योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा।
और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा।
पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं।

एक साल में बाइबल:
  • ज़क्कर्याह १३-१४
  • प्रकाशितवाक्य २१

बुधवार, 29 दिसंबर 2010

नया और पुराना

मैं सिंगापुर में एक पेट्रोलियम कंपनी में काम कर रहा था, वहां एक अन्य देश से, जो उस समय युद्ध में था, एक निरीक्षक उसके देश को भेजे जाने वाले तेल की खेप का परिक्षण करने आया। निरीक्षण के समय अचानक उपर से वायु सेना के युद्ध विमानों की आवाज़ सुनकर, आदत अनुसार वह छुपने के स्थान को ढूंढता हुआ भागा; फिर झेंपकर बोला, "क्षमा कीजिये, मुझे लगा कि मैं अपने देश में हूं"; उसने, आदत अनुसार, वही किया जो वह अपने युद्ध ग्रसित देश में होने पर करता।

मसीही विश्वासी के लिये, संसार की बातों और आकर्षणों में पड़कर, अपने पुराने पापमय चाल-चलन में तथा अपनी पुरानी आदतों के अनुसार चलने के प्रलोभन आते हैं। यद्यपि हम विश्वासी "मसीह यीशु में हैं" (रोमियों ८:१), फिर भी कभी कभी हम ऐसे जीने लगते हैं जैसे कि हम पाप में हों।

पाप के दासत्व से हमें छुड़ाने के लिये परमेश्वर ने बहुत भारी कीमत चुकाई। उसने यह "अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेजकर" किया (रोमियों ८:३)। अब हम "पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था" के आधीन नहीं, वरन "जीवन की आत्मा की व्यवस्था" के आधीन हैं (रोमियों ८:२)। इसलिये पौलुस कहता है कि अब हमें आध्यात्मिक व्यक्तियों के समान आत्मिक बातों पर मन लगाना है (रोमियों ८:५)। इसका अर्थ है कि अब हमें परमेश्वर की आत्मा के निर्देश में परमेश्वर के वचन से मार्गदर्शन लेना है।

जब भी आपके सामने अपने पुराने पापमय जीवन की बातों के अनुसार चलने के प्रलोभन आएं, परमेश्वर के आत्मा के आधीन हो जाएं, जो मसीह के प्रत्येक विश्वासी आंदर निवास करता है। वह आपको "मसीह में" चलने और बने रहने का मार्ग दिखाएगा और उसमें लेकर चलेगा। - सी. पी. हिया


जब आप नया जन्म लेते हैं तो स्वर्ग के नागरिक बन जाते हैं।

क्‍योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्‍वतंत्र कर दिया। - रोमियों ८:२


बाइबल पाठ: रोमियों ८:१-१०

सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्‍ड की आज्ञा नहीं: क्‍योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।
क्‍योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्‍वतंत्र कर दिया।
क्‍योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण र्दुबल होकर न कर सकी, उस को परमेश्वर ने किया, अर्थात अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेजकर, शरीर में पाप पर दण्‍ड की आज्ञा दी।
इसलिये कि व्यवस्था की विधि हम में जो शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं, पूरी की जाए।
क्‍योंकि शरीरिक व्यक्ति शरीर की बातों पर मन लगाते हैं, परन्‍तु आध्यात्मिक आत्मा की बातों पर मन लगाते हैं।
शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्‍तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्‍ति है।
क्‍योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है, क्‍योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के अधीन है, और न हो सकता है।
और जो शारीरिक दशा में है, वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते।
परन्‍तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्‍तु आत्मिक दशा में हो। यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं।
और यदि मसीह तुम में है, तो देह पाप के कारण मरी हुई है, परन्‍तु आत्मा धर्म के कारण जीवित है।

एक साल में बाइबल:
  • ज़क्कर्याह ९-१२
  • प्रकाशितवाक्य २०

मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

धीरज रखने की सामर्थ

व्यवासयिक गोल्फ खिलड़ी पौला क्रीमर ने सारे साल परिश्रम किया जिससे उसे २००८ की ADT प्रतियोगिता में भाग लेने का स्थान मिल सके। जब प्रतियोगिता आरंभ हुई तो पौला पेट के रोग से ग्रसित हो गई और प्रतियोगिता के चारों दिन उसे पेट में सूजन के कारण बहुत दर्द रहा, वह कुछ खा भी नहीं पा रही थी और एक रात उसे अस्पताल में भी बितानी पड़ी। फिर भी वह अन्त तक प्रतियोगिता में बनी रही, और आश्चर्य की बात रही कि उसे प्रतियोगिता में तीसरा स्थान मिला। तकलीफ के बवजूद प्रतियोगिता में बने रहने के उसके दृढ़ निश्चय के कारण उसके कई नये प्रशंसक बन गये।

इस जीवन की चुनौतियां और मुश्किलें हमें हमारी सहने की शक्ति की सीमाओं तक परख सकती हैं, और ऐसे में हार मान लेना और धीरज छोड़ देना बहुत आसान होता है। प्रभु यीशु के अनुयाइयों को याकूब ऐसे में एक और परिप्रेक्ष्य दिखाता है। उसका कहना है कि चाहे जीवन एक संघर्ष हो, परन्तु संघर्ष के साथ आशीष भी है: "देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्युब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है" (याकूब ५:११)।

अय्युब के जीवन से हम जीवन की कठिनतम घड़ियों में भी धीरज बनाए रखने के लिये प्रोत्साहन और सामर्थ पाते हैं - सामर्थ जो ऐसे परमेश्वर से है जो कि दयावन्त और करुणामय है। यद्यपि जीवन कठिन और जटिल हो सकता है, लेकिन हम धीरज सहित परिस्थितियों में दृढ़ बने रह सकते हैं क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ है। उसकी करुणा सदा बनी रहती है (भजन १३६)। - बिल क्राउडर


परमेश्वर हमें बने रहने की शक्ति प्रदान करता है।

देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्युब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है - याकूब ५:११

बाइबल पाठ: याकूब ५:१-११

हे धनवानों सुन तो लो, तुम अपने आने वाले क्‍लेशों पर चिल्लाकर रोओ।
तुम्हारा धन बिगड़ गया और तुम्हारे वस्‍त्रों को कीड़े खा गए।
तुम्हारे सोने-चान्‍दी में काई लग गई है, और वह काई तुम पर गवाही देगी, और आग की नाई तुम्हारा मांस खा जाएगी: तुम ने अन्‍तिम युग में धन बटोरा है।
देखो, जिन मजदूरों ने तुम्हारे खेत काटे, उन की वह मजदूरी जो तुम ने धोखा देकर रख ली है चिल्ला रही है, और लवने वालों की दोहाई, सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुंच गई है।
तुम पृथ्वी पर भोग-विलास में लगे रहे और बड़ा ही सुख भोगा, तुम ने इस वध के दिन के लिये अपने हृदय का पालन-पोषण करके मोटा ताजा किया।
तुम ने धर्मी को दोषी ठहराकर मार डाला, वह तुम्हारा साम्हना नहीं करता।
सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्‍तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है।
तुम भी धीरज धरो, और अपने हृदय को दृढ़ करो, क्‍योंकि प्रभु का शुभागमन निकट है।
हे भाइयों, एक दूसरे पर दोष न लगाओ ताकि तुम दोषी न ठहरो, देखो, हाकिम द्वार पर खड़ा है।
हे भाइयो, जिन भविष्यद्वक्ताओं ने प्रभु के नाम से बातें की, उन्‍हें दुख उठाने और धीरज धरने का एक आदर्श समझो।
देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्युब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है।

एक साल में बाइबल:
  • ज़क्कर्याह ५-८
  • प्रकाशितवाक्य १९

सोमवार, 27 दिसंबर 2010

अनुग्रह का स्थान

२८ दिसंबर २००८ को अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर के टाईम्स स्कुऐर में Good Riddance Day (पिंड छुड़ाने का दिन) का आयोजन किया गया। आयोजकों ने लोगों को उत्साहित किया कि वे बीते वर्ष की अपनी बुरी यादें और तकलीफें लेकर आयें और कागज़ की धज्जियां बनाने वाली विशाल मशीन (Shredder) या रखे गये बड़े से कूड़ेदान में उन्हें डाल दें।

लोगों ने जिन बातों को सांकेतिक रूप से अपने से दूर किया उनमें कुछ थीं ’स्टॉक मार्केट’, ’कैंसर’आदि। कुछ ने बैंक के कागज़ात फाड़े, एक लड़की ने अपने ’बॉयफ्रैंड’, जो उससे अलग हो गया था, की ईमेल फाड़ीं।

हम अपने दुखदायी अनुभवों, लोगों द्वारा हमारे विरोध में करी गई बातों, अपनी कठिन परिस्थितियों आदि की यादों को भुला देने की लालसा रखते हैं। प्रेरित पौलुस भी चाहता था कि उसे तकलीफ देने वाली व्याधि, जो उसे कमज़ोर कर रही थी, से वह छुटकारा पाये (२ कुरिन्थियों १२:७-१०)। परन्तु परमेश्वर ने उससे कहा, "मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है, क्‍योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है" (२ कुरिन्थियों १२:९)। परमेश्वर ने वह तकलीफ नहीं हटाई वरन उसे सहन करने की सामर्थ और उस समस्या में भी परमेश्वर की महिमा करने की सामर्थ दे दी।

जब हम अपने मनों में समस्याओं पर विचार करते रहते हैं तो वे हमें बोझिल कर देती हैं और हमारे रिश्तों और जीवन के प्रति नज़रिये पर प्रभाव डालती हैं। प्रभु यीशु के विश्वासियों के पास इन समस्याओं को ले जाने का ऐसा स्थान है जहां से वे फिर उन्हें परेशान नहीं कर सकतीं - "इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्‍योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।" (१ पतरस ५:६, ७)

क्या आपने इस अनुग्रह के स्थान को जाना है? क्या आप ने अपनी चिन्ताएं उस अनुग्रह के स्थान पर डाल दी हैं? परमेश्वर का निमंत्रण आज आपके लिये है, प्रभु यीशु में आपके लिये अनुग्रह का स्थान खुला है उसने वय्दा दिया है - "हे सब परिश्र्म करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्रम दूंगा" (मती ११:२८)। - ऐनी सेटास


परमेश्वर हमें प्रत्येक समस्या का सामना करने की सामर्थ देता है।

मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है, क्‍योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है। - २ कुरिन्थियों १२:९


बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों १२:७-१०

और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं।
इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार विनती की, कि मुझ से यह दूर हो जाए।
और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है, क्‍योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्‍द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।
इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं, क्‍योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं।

एक साल में बाइबल:
  • ज़क्कर्याह १-४
  • प्रकाशितवाक्य १८

रविवार, 26 दिसंबर 2010

प्रबल आशा

आज नास्तिक साम्यवाद का प्रभाव संसार में कम होता जा रहा है, किंतु जब साम्यवाद संसार में एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरा था तो उसके प्रतिपादकों ने घोषणा करी कि ईश्वर का कोई असतित्व नहीं है और इस जीवन के बाद किसी जीवन की आशा रखना धोखा और भ्रम है। रूस के राष्ट्रपति लियोनिड ब्रैज़नेव अपने समय में इस मार्क्सवादि सिद्धांत की प्रतिमूर्ति थे; लेकिन उनकी अंतिम क्रिया के समय कुछ ऐसा हुआ जिसने इस नास्तिक्ता के सिद्धांत का खण्डन किया। उस समय जार्ज बुश अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे और ब्रैज़नेव के अन्तिम संसकार में अमेरिका का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

जार्ज बुश ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब तक कफन का ढक्कन खुला रहा तब तक ब्रैज़नेव की पत्नि उसके पास अविचल खड़ी अपने पति के शव की ओर देखती रही। सनिकों के कफन को बंद करने के कुछ क्षण पहले उन्होंने हाथ बढ़ा कर अपनी उंगुली से ब्रैज़नेव की छाती पर क्रूस का निशान बना दिया; कैसा अर्थपूर्ण और भावनात्मक प्रयास! उस विध्वा को शायद यह आशा थी कि सारी उम्र जिस परमेश्वर को उसका पति अपनी पूरी सामर्थ से नकारता रहा और जिसका विरोध करता रहा, वही अब अपनी करुणा में उस पर दया दिखाएगा।

परमेश्वर का धन्यवाद हो कि हमारे लिये इस पृथ्वी के जीवन बाद भी एक आशा का मार्ग है। बस हमें इतना करना है कि सच्चे मन और विश्वास से क्रूस के उद्धारकारी संदेश - प्रभु यीशु हमारे पापों के लिये मारा गया और तीसरे दिन जी उठा जिससे हम उसके साथ अनन्तकाल तक जी सकें, को मानकर ग्रहण कर लेना है।

क्या आप ने यह विश्वास किया है? यदि हां तो प्रेरित पौलुस के साथ मिलकर कहिये "हमारी आशा उस जीवते परमेश्वर पर है जो सब मनुष्यों का, और निज करके विश्वासियों का उद्धारकर्ता है।" (१ तिमुथियुस ४:१०)


अनन्त जीवन का एकमात्र मार्ग यीशु मसीह के कलवरी के क्रूस से होकर ही है।

पर ऐसा न हो, कि मैं और किसी बात का घमण्‍ड करूं, केवल हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस का जिस के द्वारा संसार मेरी दृष्‍टि में और मैं संसार की दृष्‍टि में क्रूस पर चढ़ाया गया हूं। - गलतियों ६:१४


बाइबल पाठ: फिलिपियों २:५-११

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो।
जिस ने परमेश्वर के स्‍वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्‍तु न समझा।
वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्‍ठ है।
कि जो स्‍वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे हैं वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल:
  • हग्गै १, २
  • प्रकाशितवाक्य १७

शनिवार, 25 दिसंबर 2010

मरियम का क्रिसमस

बैतलहेम की वह रात, जिस रात उसने राजाओं के राजा को जन्म दिया, सहमी हुई युवती मरियम के लिये शान्त और सौम्य नहीं रही होगी। मरियम के पास अपने शिशु के जन्म की पीड़ा को सहने में सहायातार्थ सिवाय उसके बढ़ई पति यूसुफ के सख्त और खुरदुरे हाथों के और कुछ नही था। निकट के मैदानों में चरवाहों ने तो उस शिशु के जन्म की खुशी में स्वर्गदूतों से गीत सुने परन्तु मरियम और युसुफ के लिये तो गौशाला के जान्वरों की, प्रसव पीड़ा की और नवजात शिशु के रोने की आवाज़ ही थी। बाहर आकाश में एक विशेष सितारा अपनी चमक बिखेर रहा था, लेकिन इन दो परदेशी आगन्तुकों के लिये गौशाला का निरानन्द दृश्य ही था।

जब युसुफ ने मरियम के हाथों में उस शिशु को रखा तो विस्मय, पीड़ा, भय और आनन्द की मिली-जुली भावनाएं उसके हृदय से होकर गुज़री होंगी। स्वर्गदूत की प्रतिज्ञा के कारण वह जानती थी कि कपड़े में लिपटा यह नन्हा सा बालक "परमप्रधान का पुत्र" (लूका १:३२) है, और जब उस धुंधली सी रौशनी में मरियम ने उस शिशु की आंखों में झांक कर फिर युसुफ की ओर देखा होगा तो उसे असमंजस हुआ होगा कि वह कैसे सृष्टि के चलाने वाले और ऐसे अधिपति के मातृत्व की ज़िम्मेवारी संभाल पाएगी, जिसके राज्य का कोई अन्त नहीं होगा।

उस विशेष रात्रि को मरियम के लिये विचार करने को बहुत कुछ था।

अब २००० वर्ष के पश्चात, हम में से प्रत्येक को यीशु के जन्म के महत्व और बाद में उसके मारे जाने, पुनुरुत्थान और फिर लौट कर आने के वायदे के बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यक्ता है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर हमारे साथ रहने आया, जिससे हमें उसके साथ निवास करने का मार्ग मिल सके।

परन्‍तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। - लूका २:१९


बाइबल पाठ: लूका १:२६-३५

छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्‍वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया।
जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था।
और स्‍वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, आनन्‍द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है।
वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है?
स्‍वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम, भयभीत न हो, क्‍योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है।
और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्‍पन्न होगा, तू उसका नाम यीशु रखना।
वह महान होगा और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा।
और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा और उसके राज्य का अन्‍त न होगा।
मरियम ने स्‍वर्गदूत से कहा, यह क्‍योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं।
स्‍वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया कि पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्‍पन्न होने वाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • सपन्याह १-३
  • प्रकाशितवाक्य १६

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

परमेश्वर का विशेष स्थान

एक युवती, ग्रेस डिटमैनसन ऐडम्स, अपने मिशनरी माता-पिता के साथ, १९२० के दशक के अंतिम वर्षों में, चीन के अन्दरूनी इलाकों में यात्राएं किया करती थी। बाद में उसने अपनी इन यात्राओं और रात ठहरने के लिये भीड़-भाड़ वाले स्थानों के अनुभवों के बारे में लिखा। गांवों की उन सरायों में लोग भरे होते थे, कोई खांसता होता था, कोई छींकता तो कई धुम्रपान करते रहते; नन्हे शिशु रोते रहते और बच्चे खिसियाते होते थे। ऐसे स्थानों में उनका परिवार सभी लोगों के साथ किसी बड़े से कमरे में उन्हें जहां जगह मिलती वहां अपना बिस्तर लकड़ी के तखतों पर बिछाकर रात काट लेता था।

एक बरफीली रात वे एक सराय में पहुंचे तो मालुम पड़ा कि वो बिल्कुल ठसाठस भरी हुई है। सराय के मालिक ने पहले तो उन्हें जगह देने में अपनी असमर्थता बताई, फिर थोड़ा ठहरकर उसने उनसे कहा "मेरे पीछे आईये।" वह उन्हें साथ के एक कमरे में ले गया जो खेती के सामान और भूसे को रखने का गोदाम था। उस रात उनका परिवार भीड़ के शोर और परेशानी से दूर, शान्ति के साथ अपने विशेष स्थान में आराम से सोया।

इसके बाद जब भी ग्रेस प्रभु यीशु के जन्म के बारे में पढ़ती थी कि यीशु की माता मरियम "...अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेट कर चरनी में रखा: क्‍योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी" (लूका २:७), तो उसका दृष्टिकोण इस घटना के बारे में अन्य लोगों से भिन्न होता था। प्रभु के जन्म की इस घटना को लेकर बहुत से लोग सराय के स्वामी को प्रभु यीशु को तिरिस्कृत करने वाले निष्ठुर और पापी संसार के प्रतीक के रूप में देखते हैं, लेकिन अब ग्रेस ने समझा कि परमेश्वर ने उस सराय के स्वामी को प्रभु यीशु के लिये भीड़ से अलग, एकान्त में विशेष जन्म स्थान उपलब्ध कराने के लिये प्रयोग किया।

विश्वास की आंखों से हम मरियम के लिये परमेश्वर के विशेष स्थान के प्रबंध को देख सकते हैं। यदि आप अपनी कठिनाइयों और परिस्थितियों में अपने को लाचार पाते हैं, तो स्मरण रखिये कि आपको सकुशल रखने के लिये भी परमेश्वर के पास कोई विशेष स्थान है। - डेविड मैककैसलैंड


जो परमेश्वर को जीवन की आपूर्ति करने देते हैं वे संतुष्ट और सुखी रहते हैं।

और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेट कर चरनी में रखा: क्‍योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। - लूका २:७


बाइबल पाठ: लूका २:१-७

उन दिनों में औगूस्‍तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं।
यह पहली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्‍विरिनयुस सूरिया का हाकिम था।
और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए।
सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया।
कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए।
उस के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए।
और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेट कर चरनी में रखा: क्‍योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी।

एक साल में बाइबल:
  • हबकुक १-३
  • प्रकाशितवाक्य १५

गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

उदार मन

अपनी अन्तदृष्टिपूर्ण कहानियों के संकलन "The Forgotten Man" में लेखिका एमिटी शलेस ने १९३० के दशक में अमेरिका की भयानक आर्थिक मंदी के समय के जीवन के पहलुओं पर ध्यान आकर्षित किया है। इन कहानियों का केंद्र बिंदु है "भुलाया हुआ मनुष्य" - जो उस समय के अनगिनित बेरोज़गार लोगों के लिये प्रयोग होने वाली संज्ञा थी।

उस आर्थिक मंदी के दौर का एक प्रचलित गीत ऐसे लोगों की व्यथा को मार्मिक रूप में कहता है। गीत कुछ इस तरह से है:
"वे मुझसे कहते थे कि मैं आने वाली शान्ति और गौरव का सपना साकार कर रहा हूं; तो फिर मैं रोटी की भिक्षा पाने की प्रतीक्षा में पंक्ति में क्यों खड़ा हूं?
कभी मैं रेल पथ का निर्माण कर रहा था, मैंने उसे बनाया और चलाया, समय से तेज़ चलाया; कभी मैंने रेलपथ बनाया था, अब जब वह बन चुका है, तो भाई क्या मुझे कुछ दमड़ी दान दे सकते हो?"

जैसे ये गीत के बोल याद दिलाते हैं, आर्थिक मंदी मेहनतकश लोगों के हालात उथल-पुथल कर देती है। ऐसे में, मसीही होने के नाते, हमें उनकी सहायता के लिये जो बन सके वो करना चाहिये।

गलतियों कि मण्डली को लिखे अपने पत्र में पौलुस स्मरण करता है कि कैसे उसे और बरनबास को यरुशलेम में मण्डली के अगुवों ने "केवल यह कहा, कि हम कंगालों की सुधि लें, और इसी काम के करने का मैं आप भी यत्‍न कर रहा था।" (गलतियों २:१०) पौलुस के जीवन में हम देखते हैं कि कैसे वह सुसमाचार प्रचार करने और आर्थिक रूप से ज़रूरतमंदों की सहायता करने में लगा रहा (प्रेरितों ११:२९, ३०; १ कुरिन्थियों १६:१-३)।

कठिन समयों में, पौलुस के समान, हमें भी आत्मिक और शारीरिक ज़रूरतमंदों की सहायता में सन्लगन रहना चाहिये। थोड़ा सा धन चाहे ज़्यादा दूर तक साथ न दे, परन्तु उदार मन बहुत दूर तक साथ निभाता है; और उद्धारकर्ता परमेश्वर प्रभु यीशु, इस जीवन के बाद भी साथ निभाता है। - डेनिस फिशर


झुककर किसी दूसरे को उठना हृदय के लिये अच्छा व्यायाम है।

जो अपने पड़ोसी को तुच्छ जानता, वह पाप करता है, परन्तु जो दीन लोगों पर अनुग्रह करता, वह धन्य होता है। - नीतिवचन १४:२१


बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ९:६-१५

परन्‍तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा।
हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्‍योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है।
और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो।
जैसा लिखा है, उस ने बिथराया, उस ने कंगालों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा।
सो जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्‍त करेगा और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा।
कि तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ।
क्‍योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्र लोगों की घटियां पूरी होती हैं, परन्‍तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है।
क्‍योंकि इस सेवा से प्रमाण लेकर परमेश्वर की महिमा प्रगट करते हैं, कि तुम मसीह के सुसमाचार को मान कर उसके आधीन रहते हो, और उन की, और सब की सहायता करने में उदारता प्रगट करते रहते हो।
ओर वे तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं और इसलिये कि तुम पर परमेश्वर का बड़ा ही अनुग्रह है, तुम्हारी लालसा करते रहते हैं।
परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो।

एक साल में बाइबल:
  • नहूम १-३
  • प्रकाशितवाक्य १४

बुधवार, 22 दिसंबर 2010

उद्धारकर्ता या न्यायी?

किसी रात जब आप शहर की रौशनी और चकाचौंध से दूर हों तो अपनी नज़रें ऊपर उठाकर देखियेगा, वहां आकाश में आपको क्षितिज से क्षितिज तक चमकते सितारों का पुंज दिखाई देगा और दूधिया आकाशगंगा की पट्टी, जिसका हम एक हिस्सा हैं, दिखाई देगी। परमेश्वर, अपने पवित्र वचन बाइबल में पूछता है "अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा?" (यशायाह ४०:२६)

खगोल शास्त्री साईमन ड्राइवर का कहना है कि यदि आपकी दृष्टि ठीक है तो आप लगभग ५००० सितारे देख सकते हैं। लेकिन इससे भी कहीं आधिक संख्या उन नक्षत्रों की है जिन्हें बिना विशेष उपकरणों के नहीं देखा जा सकता। सन १९९५ में Hubble Deep Field Study के वैज्ञानिक अपने अंत्रिक्ष अनुसंधान द्वारा इस निषकर्ष पर पहुंचे कि आकाश में करोड़ों नक्षत्र पुंज (galaxy) हैं और हर नक्षत्र पुंज में करोड़ों नक्षत्र हैं। एक अनुमान के अनुसार, पृथ्वी के हर ज़र्रे के लिये १० से भी अधिक नक्षत्र आकाश में मौजूद हैं।

लेकिन फिर भी, हर रात परमेश्वर "...इन गणों को गिन गिन कर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है; वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।" (यशायाह ४०:२६) भजनकार कहता है "वह तारों को गिनता, और उन में से एक एक का नाम रखता है।" (भजन १४७:४) जो ऐसा सामर्थी और सर्वज्ञानी परमेश्वर है उसके लिये फिर क्यों लोग सोचते हैं कि "...मेरा मार्ग यहोवा के छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?" (यशायाह ४०:२७) जो परमेश्वर प्रत्येक नक्षत्र का स्थान निर्धारित करके उसे नाम लेकर बुला सकता और उसको संभाल सकता है, वह आप को भी अपनी उसी सामर्थ से संभाल सकता है। ऐसा अद्भुत परमेश्वर किसी कल्पना का विष्य नहीं है और न ही उसके न्याय को, जिसका प्रमाण उसने प्रभु यीशु को मुर्दों से जिलाकर दिया, हंसी में उड़ाया जा सकता है। "सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों की अनाकानी करके, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। क्‍योंकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उस ने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।" (प्रेरितों १७:२९-३१)

आज रात अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखिये और अपने आप से पूछिये, ऐसे अद्भुत और पराक्रमी परमेश्वर से आप किस रूप में मिलना चाहेंगे - अपने निज उद्धारकर्ता और रक्षक के रूप में, या न्याय सिहांसन पर बैठ कर आपके जीवन का हिसाब लेने वाले के रूप में? फैसला आपका है! - डेविड रोपर


हम आंखों से सृष्टिकर्ता परमेश्वर की सामर्थ को देखते हैं और मन से उसके प्रेम को अनुभव करते हैं।

अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? - यशायाह ४०:२६


बाइबल पाठ: यशायाह ४०:२५-२७

सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है।
अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है; वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में से कोई बिना आए नहीं रहता।
हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?

एक साल में बाइबल:
  • मीका ६, ७
  • प्रकाशितवाक्य १३

मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

केवल परमेश्वर

मई २९, १९५३ के दिन, न्यूज़ीलैंड के एडमंड हिलेरी और उनके शेरपा तेनज़िंग नोरगे संसार के सबसे ऊंचे पर्वत एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने वाले सबसे पहले व्यक्ति बने। क्योंकि तेनज़िंग को कैमरा प्रयोग करना नहीं आता था इसलिये एडमंड ने प्रमाण के लिये शिखर पर तेनज़िंग की फोटो खींची।

बाद में पत्रकारों ने बार बार प्रश्न किया कि शिखर पर पहले कौन पहुंचा? अभियान के नेता जौन हन्ट ने यही उत्तर दिया के वे एक टीम कि तरह एकसाथ ही ऊपर पहुंचे। वे दोनो एक ही लक्ष्य की प्राप्ति के लिये एक साथ थे और उनमें में से किसी को भी इससे कोई मतलब नहीं था कि किसे अधिक श्रेय मिलेगा।

जब कोई भला काम किया जाता है तो इस बात की चिंता करना कि किसे अधिक श्रेय मिलेगा, काम की सफलता में अवरोध बन जाता है। कोरिंथ नगर की मण्डली दो भागों में विभाजित हो रही थी - वे जो पौलुस का अनुसरण करते थे और वे जो अपुल्लोस का अनुसरण करते थे। प्रेरित पौलुस ने उन्हें समझाया "अपुल्लोस क्‍या है और पौलुस क्‍या केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्‍तु परमेश्वर ने बढ़ाया। इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्‍तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।" - १ कुरिंथियों ३:३-७

जब हम परमेश्वर के लिये या परमेश्वर के नाम से काम करें तो अपनी प्रशंसा या अपने नाम को ऊंचा उठाने के लिये नहीं वरन इस उद्देश्य से करें कि परमेश्वर को ही सारा आदर और महिमा मिले। यदि हम अपने नाम या प्रशंसा के महत्वकांक्षी होंगे तो आपसी कलह और फूट के शिकार भी होंगे, किंतु यदि केवल प्रभु को आदर देने की इच्छा से काम करेंगे तो एकजुट भी रहेंगे और मसीह के सच्चे गवाह भी ठहरेंगे। - सी. पी. हिया


जब मेरे जीवन में ’मैं’ घटेगा तब ही मसीह बढ़ेगा।

क्‍योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं। - १ कुरिंथियों ३:९


बाइबल पाठ: १ कुरिंथियों ३:१-९

हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से, परन्‍तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं।
मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया, क्‍योंकि तुम उस को न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो।
क्‍योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्‍या तुम शारीरिक नहीं, और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते?
इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्‍या तुम मनुष्य नहीं?
अपुल्लोस क्‍या है और पौलुस क्‍या केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया।
मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्‍तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्‍तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं परन्‍तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्र्म के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
क्‍योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।

एक साल में बाइबल:
  • मीका ४, ५
  • प्रकाशितवाक्य १२

सोमवार, 20 दिसंबर 2010

आनन्द से जयजयकार करो

ड्यूक विश्वविद्यालय के बास्केटबॉल प्रेमियों को ’कैमरून क्रेज़ीस’ के उपनाम से भी जाना जाता है। जब भी ड्यूक अपने प्रतिद्वन्दी नौर्थ कैरोलाइना से खेलता है तो क्रेज़ीस को बताया जाता है: "यही वह खेल का अवसर है जिसकी प्रतीक्षा की जा रही थी। अब कोई बहाना नहीं, बस अपना पूरा ज़ोर लगा दो। आज की रात कैमरून क्रीड़ास्थल जय के नारों से गूंजना चाहिये, नारों की आवाज़ में कोई कमी न हो।" स्पष्ट है कि ड्यूक के खेल प्रेमी ड्यूक से अपनी वफादारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं।

भजन १०० के लिखने वाले ने भी परमेश्वर के प्रति अपनी वफादारी को बड़ी गंभीरता से लिया, और चाहा कि दूसरे भी ऐसा ही करें। उसने अपने उदगार प्रगट किये "हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!" (भजन १००:१)। परमेश्वर के लोगों को परमेश्वर के प्रति अपनी स्तुति और प्रशंसा के भाव बिना हिचकिचाहट के प्रगट करने चाहियें, क्योंकि वह वाचा को बांधने और निभाने वाला वह परमेश्वर है जो उन सभी से जो इश्वर कहलाते हैं अति महान है। परमेश्वर की प्रजा को उस पर और उसकी भलाई पर अपनी सारी सामर्थ केंद्रित करनी चाहिये।

परमेश्वर का अनुग्रह और भलाई हमें प्रेरित करती है कि हम मुक्त भाव से उसके प्रति अपने प्रेम और वफादारी को अभिव्यक्त करें। इसके लिये जो लोग शांत रहते हैं उन्हें अपनी खामोशी की सीमाओं को तोड़कर सीखना चाहिये कि कि उन्मुक्त भाव से स्तुति करना कैसा होता है; और जो इतने उन्मुक्त रहते हैं कि मौन आराधना की खुबसूरती को नहीं समझ पाते, उन्हें भी मौन आराधना को समझना है। अन्ततः सच्चे परमेश्वर की सच्ची आराधाना सच्चे मन से आनी चाहिये, क्योंकि वह ऐसी आराधना ही चाहता है "परन्‍तु वह समय आता है, वरन अब भी है जिस में सच्‍चे भक्त पिता का भजन आत्मा और सच्‍चाई से करेंगे, क्‍योंकि पिता अपने लिये ऐसे ही भजन करने वालों को ढूंढ़ता है।" (यूहन्ना ४:२३)

आराधना समय है अपने सृजनहार, पालनहार और तारणहार परमेश्वर पर और उसके कार्यों पर ध्यान करने का और उसकी जयजयकार करने का। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर के प्रति हमारे विचारों ऐसे हों कि हम आनन्द से उसकी जयजयकार करने को प्रेरित हों।

हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो! - भजन १००:१


बाइबल पाठ: भजन १००

हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!
आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!
निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं, हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं।
उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!
क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।

एक साल में बाइबल:
  • मीका १-३
  • प्रकाशितवाक्य ११

रविवार, 19 दिसंबर 2010

क्रोध की घंटी

एक रविवार प्रातः मैं चर्च में कुछ पहले आ गया। मेरी इच्छा थी कि लोगों के आने से पहले मैं वहां कुछ समय शान्त मनन में बिताऊं। चर्च में प्रवेश करने के लिये जैसे ही मैंने दरवाज़े के ताले में चाबी लगाकर घुमाई, खतरे की घंटी की तेज़ आवाज़ ने मुझे घबरा दिया - प्रवेश करने से पहले, मैं चोरों को रोकने वाली खतरे की घंटी को बन्द करना भूल गया था। उस तेज़ आवाज़ ने न केवल मुझे वरन सोते हुए पड़ौस के लोगों को भी जगाकर नाहक परेशान कर दिया।

क्रोध भी कुछ ऐसा ही होता है। हमारे शान्त जीवनों में अचानक किसी बात से खलबली मच जाती है जिससे हमारा क्रोध भड़क उठता है। इससे हमारी अपनी भी, और जो हमारे आसपास होते हैं उनकी भी शान्ति भंग हो जाती है।

कभी कभी क्रोध सकरात्मक होता है; हमारा ध्यान किसी अन्याय की ओर खिंचता है और उस अन्याय के प्रति हमारा क्रोध हमें कुछ सकरात्मक करने को प्रेरित करता है। परन्तु अधिकांशतः हमारा क्रोध किसी स्वार्थ से जुड़ा होता है - हमारी किसी इच्छा का पालन या पूर्ति न होना, हमारे किसी अधिकार की अवेहलना होना, हमारे किसी विशेषाधिकार या सुविधा का हनन होना, इत्यादि।

क्रोध का कारण जो भी हो, यह निशिचित है कि क्रोध को कभी अनियंत्रित तथा सतत नहीं होने देना चाहिये। प्रतिक्रिया से पहले यह जांचना आवश्यक है कि क्रोध उत्पन्न होने का कारण क्या है, फिर उसका समाधान भी परमेश्वरीय विधि के अनुसार होना चाहिये। परमेश्वर के वचन बाइबल बताती है कि हमारा परमेश्वर प्रभु "दयालु और अनुग्रहकारी ईश्वर है, तू विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है।" (भजन ८६:१५) तथा "...दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करूणामय और सत्य..." (निर्गमन ३४:६) है; एवं मनुष्यों के विष्य में कहती है कि "क्रोधी पुरूष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है, वह मुकद्दमों को दबा देता है" (नीतिवचन १५:१८)। "विलम्ब से क्रोध करना वीरता से, और अपने मन को वश में रखना, नगर के जीत लेने से उत्तम है" (नीतिवचन १६:३२)।

इसीलिये पौलुस ने भजनकार के शब्दों को स्मरण दिलाया "क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।" (इफिसियों ४:२६, भजन ४:४) - जो स्टोवैल


अनियंत्रित क्रोध खतरे की घंटी है।

क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। - इफिसियों ४:२६


बाइबल पाठ: इफिसियों ४:२५-३२

इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्‍योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।
और न शैतान को अवसर दो।
चोरी करने वाला फिर चोरी न करे, वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्र्म करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।
कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो।
और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है।
सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्‍दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।
और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।

एक साल में बाइबल:
  • योना १-४
  • प्रकाशितवाक्य १०

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

उपाय करने वाला परमेश्वर

अपने पास्टर होने के आरंभिक समय में मैंने छोटे चर्चों में सेवकाई करी, जहां आर्थिक स्थिति अकसर तंग हुआ करती थी। कभी कभी घर के खर्च के लिये पैसे कम पड़ जाते थे। एक अवसर ऐसा आया जब हमारे घर में भोजन वस्तुएं बिलकुल समाप्ति की कगार पर आ गईं और वेतन मिलने में अभी कुछ दिन बाकी थे। मैं और मेरी पत्नी चिंतित थे और आपस में बातचीत कर रहे थे कि आते दिनों में हम अपने बच्चों के भोजन का प्रबंध कैसे करेंगे? इतने में घर के दरवाज़े की घंटी बजी। जब हमने जाकर दरवाज़ा खोला तो बाहर कोई नहीं था, लेकिन दरवाज़े पर भोजन वस्तुओं से भरे दो थैले रखे थे। हमने किसी को भी अपनी स्थिति नहीं बताई थी, लेकिन फिर भी हमारे उपाय करने वाले परमेश्वर ने किसी को हमारी आवश्यक्ता की पूर्ति के लिये प्रेरित करके भेजा।

इस घटना से मुझे पुराने नियम में एब्राहम के साथ हुई घटना को याद दिलाया, जब परमेश्वर ने उसे अपने पुत्र इसहाक को बलिदान करने को कहा। एब्राहम आज्ञाकारी हुआ और अपने पुत्र को परमेश्वर द्वारा बताए स्थान पर लेजा कर बलिदान के लिये वेदी पर लेटा दिया, परन्तु उसे बलि करने से ठीक पहले परमेश्वर ने एब्राहम के हाथ को रोक दिया और इसहाक के स्थान पर बलि के लिये एक मेढ़ा उपलब्ध करा दिया। एब्राहम ने उस स्थान का नाम ’यहोवा-यीरे’ अर्थात ’परमेश्वर-उपाय-करेगा’ रखा (उतपत्ति २२:१४); परमेश्वर आज भी अपने बच्चों की अत्याधिक चिंता करता है।

प्रभु यीशु ने कहा "...तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है।" (मती ६:८) वो लगातार हमारा ध्यान रखता है और हमारे लिये जो सर्वोत्तम है करता है। पतरस ने लिखा "इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्‍योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।" (१ पतरस ५:६, ७) यह हमें याद दिलाने के लिये कि कठिनाइयों, आवश्यक्ताओं और भय के समयों में एक है जिसे सदा हमारी चिन्ता रहती है। पौलुस ने कहा "और मेरा परमश्‍ेवर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।" (फिलिप्पियों ४:१९)

यदि आप परमेश्वर की सन्तान हैं तो अपनी चिन्ताएं उसपर डाल दीजिए और बस स्मरण रखिये आप यहोवा-यीरे की सन्तान हैं। - बिल क्राउडर


परमेश्वर जो वायदा करता है उसे पूरा भी करता है।

...तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है। - मती ६:८


बाइबल पाठ: मती ६:५-१५

और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्‍योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्‍छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
परन्‍तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा और द्वार बन्‍द कर के अपने पिता से जो गुप्‍त में है प्रार्थना कर और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाई बक बक न करो क्‍योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी।
सो तुम उन की नाई न बनो, क्‍योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है।
सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो - हे हमारे पिता, तू जो स्‍वर्ग में हैं, तेरा नाम पवित्र माना जाए।
तेरा राज्य आए, तेरी इच्‍छा जैसी स्‍वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।
हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।
और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।
और हमें परीक्षा में न ला, परन्‍तु बुराई से बचा, क्‍योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही है। आमीन।
इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।
और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।

एक साल में बाइबल:
  • ओबादियाह
  • प्रकाशितवाक्य ९

शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

खरा भंडारी

उष्ण जलवायु में पाया जाने वाला फल ’डूरियन’ फलों का राजा भी कहलाता है। या तो आप उसे बहुत पसन्द करेंगे या उसे बिलकुल नापसन्द करेंगे। जो उसे पसन्द करते हैं, वे उसे पाने के लिये हर प्रयास करने को तैयार रहते हैं, जो नापसन्द करते हैं वो उसकी तीखी गंध के कारण उसके पास भी नहीं जाना चाहते। मेरी पत्नी को डूरियन बहुत पसन्द हैं। हाल ही में, उसकी एक सहेली ने मेरी पत्नी से मिली सहायता के लिये आभार प्रकट करने के लिये मेरी पत्नी को सबसे अच्छे डूरियन फलों का एक डिब्बा भेंट किया। उस सहेली ने बड़ी मेहनत से यह सुनिश्चित किया कि उस डिब्बे का हर फल सर्वोत्म ही हो।

मैंने अपने आप से प्रश्न किया, "यदि हम अपने मित्र को सर्वोत्तम देने का प्रयास कर सकते हैं, तो प्रभु के प्रति इससे कम कैसे कर सकते हैं, जिसने अपना जीवन भी हमारे लिये दे दिया?"

प्रभु यीशु ने लूका १९ अध्याय में एक नीति-कथा दी - एक धनी पुरुष की जिसने विदेश जाने से पहले अपने १० दासों को अपने धन का भाग दिया और उनसे कहा कि इसे मेरे लौटने तक व्यापार में लगाओ। लौटने के बाद उसने प्रत्येक से हिसाब मांगा। जितनों ने उसके कहे अनुसार करके उसके धन का सदुपयोग किया था उन सब की उसने प्रशंसा करी और उन्हें ईनाम दिया, लेकिन एक दास ने उस धन को उपयोग नहीं किया और जैसा मिला था वैसा ही लौटा दिया, उसके स्वामी ने उसे ’दुष्ट’ कहा और दण्ड दिया।

इस नीति-कथा का मुख्य उद्देश्य है सिखाना कि जो सौंपा गया है उसका खरा भण्डारी भी होना है। परमेश्वर का खरा भण्डारी होने के लिये, परमेश्वर द्वारा दी गयी योग्यताओं और गुणों का, उसकी इच्छानुसार अपनी पूरी सामर्थ से सदुपयोग करना है। जैसी हमारी मेहनत होगी वैसा ही हमारा प्रतिफल भी होगा। खरा भण्डारी उत्तम प्रतिफल पाएगा और निकम्मा भण्डारी दण्ड पाएगा। हमारा नफा या नुकसान हमारे ही हाथों में है। - सी. पी. हिया


परमेश्वर द्वारा प्रदान योग्यताओं और गुणों का उचित उपयोग दूसरों की सेवा में करने से हम परमेश्वर ही की सेवा करते हैं।

इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। - रोमियों १२:१

बाइबल पाठ: लूका १९:१२-२६

सो उस ने कहा, एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर फिर आए।
और उस ने अपने दासों में से दस को बुलाकर उन्‍हें दस मुहरें दीं, और उन से कहा, मेरे लौट आने तक लेन-देन करना।
परन्‍तु उसके नगर के रहने वाले उस से बैर रखते थे, और उसके पीछे दूतों के द्वारा कहला भेजा, कि हम नहीं चाहते, कि यह हम पर राज्य करे।
जब वह राजपद पाकर लौट आया, तो ऐसा हुआ कि उस ने अपने दासों को जिन्‍हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्‍होंने लेन-देन से क्‍या क्‍या कमाया।
तब पहिले ने आकर कहा, हे स्‍वामी तेरे मोहर से दस और मोहरें कमाई हैं।
उस ने उस से कहा, धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख।
दूसरे ने आकर कहा, हे स्‍वामी तेरी मोहर से पांच और मोहरें कमाई हैं।
उस ने कहा, कि तू भी पांच नगरों पर हाकिम हो जा।
तीसरे ने आकर कहा, हे स्‍वामी देख, तेरी मोहर यह है, जिसे मैं ने अंगोछे में बान्‍ध रखी।
क्‍योंकि मैं तुझ से डरता था, इसलिये कि तू कठोर मनुष्य है: जो तू ने नहीं रखा उसे उठा लेता है, और जो तू ने नहीं बोया, उसे काटता है।
उस ने उस से कहा, हे दुष्‍ट दास, मैं तेरे ही मुंह से तुझे दोषी ठहराता हूं: तू मुझे जानता था कि कठोर मनुष्य हूं, जो मैं ने नहीं रखा उसे उठा लेता, और जो मैं ने नहीं बोया, उसे काटता हूं।
तो तू ने मेरे रुपये कोठी में (लेन देन करने वालों के पास) क्‍यों नहीं रख दिए, कि मैं आकर ब्याज समेत ले लेता?
और जो लोग निकट खड़े थे, उस ने उन से कहा, वह मोहर उस से ले लो, और जिस के पास दस मोहरें हैं उसे दे दो।
(उन्‍होंने उस से कहा, हे स्‍वामी, उसके पास दस मोहरें तो हैं)।
मैं तुम से कहता हूं, कि जिस के पास है, उसे दिया जाएगा, और जिस के पास नहीं, उस से वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • अमोस ७-९
  • प्रकाशितवाक्य ८

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

सम्पूर्ण सवस्थ होना

मेरी एक सहेली साईकिल से गिरी और उसे मस्तिष्क की गंभीर चोट आई, डॉकटरों को उसके बचने की कम ही आशा थी। कई दिन तक वह जीवन और मृत्यु के बीच झूलती रही।

आशा की पहली किरण फूटी जब उसने अपनी आंखें खोलना आरंभ किया। फिर उसने कहे गए को सुनकर उसके अनुसार करना आरंभ किया। लेकिन उसके स्वास्थ्य के प्रत्येक छोटे सुधार में भी आशंका बनी रहती थी कि "वह कहां तक ठीक हो पाएगी, कहां जाकर उसके स्वास्थ्य में सुधार की प्रक्रिया रुक जाएगी?"

उसकी चिकित्सा-अभ्यास के एक कठिन दिन के बाद उसका पति बहुत निराश था। लेकिन अगले ही दिन उसने उत्साह से हमें बताया "सैन्डी वापसी की ओर अग्रसर है!" धीरे धीरे सैन्डी शारीरिक, भावात्मक, मनोवैज्ञानिक और मानसिक तौर से पहले जैसी वह सैन्डी होती गई जिसे हम जानते और चाहते थे।

सैन्डी का गिर कर घायल होना मुझे स्मरण दिलाता है मानव जाति के पाप में गिरने को (उत्पत्ति ३), और सैन्डी का घायल आवस्था से उभरने के प्रयास स्मरण दिलाते हैं मानव के पाप की बंधुआई से निकलने के प्रयासों को "क्‍योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्‍छी वस्‍तु वास नहीं करती, इच्‍छा तो मुझ में है, परन्‍तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते। क्‍योंकि जिस अच्‍छे काम की मैं इच्‍छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्‍तु जिस बुराई की इच्‍छा नहीं करता वही किया करता हूं। परन्‍तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्‍छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्‍तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है।" (रोमियों ७:१८-२०)

यदि केवल सैन्डी का शरीर ही ठीक हो जाता और मस्तिष्क नहीं, तो उसका स्वास्थ्य लाभ अधूरा रहता। यदि उसका शरीर ठीक नहीं होता परन्तु मस्तिष्क ठीक हो जाता तो भी उसका स्वास्थ्य लाभ अधूरा रहता। सम्पूर्ण स्वास्थ्य लाभ का अर्थ है कि उसका हर भाग ठीक होकर एक साथ मिलकर एक ही उद्देश्य के लिये एकसाथ काम करे।

परमेश्वर सैन्डी को ठीक कर रहा है, लेकिन सैन्डी का प्रयास और योगदान भी उसके पूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिये आवश्यक है। यही हमारे आत्मिक जीवन पर भी लागू होता है। परमेश्वर का हमें प्रभु यीशु मसीह द्वारा पापों से बचा लिये जाने के बाद, हमें परमेश्वर के अनुग्रह से मिले इस उद्धार के योग्य कार्य करने हैं "सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो।" (इफिसियों ४:१); यह उद्धार ’कमाने’ के लिये नहीं, क्योंकि उद्धार कभी कमाया नहीं जा सकता, वरन इसलिये कि हमारी मनसा और कार्य परमेश्वर की मनसा के अनुरूप हों, जिससे संसार के समक्ष हम परमेश्वर के सच्चे गवाह बन सकें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


संपूर्ण होने के लिये हर बात में परमेश्वर के आत्मा को समर्पित रहिये।

सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष कर के अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ। क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है। - फिलिप्पियों २:१२, १३


बाइबल पाठ: रोमियों ७:१३-८:३

तो क्‍या वह जो अच्‍छी थी, मेरे लिये मृत्यु ठहरी कदापि नहीं! परन्‍तु पाप उस अच्‍छी वस्‍तु के द्वारा मेरे लिये मृत्यु का उत्‍पन्न करने वाला हुआ कि उसका पाप होना प्रगट हो, और आज्ञा के द्वारा पाप बहुत ही पापमय ठहरे।
क्‍योंकि हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है, परन्‍तु मैं शारीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ हूं।
और जो मैं करता हूं, उस को नहीं जानता, क्‍योंकि जो मैं चाहता हूं, वह नहीं किया करता, परन्‍तु जिस से मुझे घृणा आती है, वही करता हूं।
और यदि, जो मैं नहीं चाहता वही करता हूं, तो मैं मान लेता हूं, कि व्यवस्था भली है।
तो ऐसी दशा में उसका करने वाला मैं नहीं, वरन पाप है, जो मुझ में बसा हुआ है।
क्‍योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्‍छी वस्‍तु वास नहीं करती, इच्‍छा तो मुझ में है, परन्‍तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते।
क्‍योंकि जिस अच्‍छे काम की मैं इच्‍छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्‍तु जिस बुराई की इच्‍छा नहीं करता वही किया करता हूं।
परन्‍तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्‍छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्‍तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है।
सो मैं यह व्यवस्था पाता हूं, कि जब भलाई करने की इच्‍छा करता हूं, तो बुराई मेरे पास आती है।
क्‍योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्‍व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं।
परन्‍तु मुझे अपने अंगो में दूसरे प्रकार की व्यवस्था दिखाई पड़ती है, जो मेरी बुद्धि की व्यवस्था से लड़ती है, और मुझे पाप की व्यवस्था के बन्‍धन में डालती है जो मेरे अंगों में है।
मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा?
मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्‍तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं।
सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्‍ड की आज्ञा नहीं: क्‍योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।
क्‍योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्‍वतंत्र कर दिया।
क्‍योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण र्दुबल होकर न कर सकी, उस को परमेश्वर ने किया, अर्थात अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेजकर, शरीर में पाप पर दण्‍ड की आज्ञा दी।

एक साल में बाइबल:
  • अमोस ४-६
  • प्रकाशितवाक्य ७

बुधवार, 15 दिसंबर 2010

परमेश्वर का अद्भुत वचन

सन १९४७ में इस्त्राएल के लवण सागर (Dead Sea) के आस पास के इलाके में स्थित कुमरान गुफाओं में, मिट्टी के बरतनों में बन्द, चर्मपत्रों पर लिखी कई प्राचीन पुस्तकें मिलीं जिन्हें Dead Sea Scrolls के नाम से जाना जाता है। पुरातत्व विज्ञान में इन्हें बीसवीं सदी की सबसे महान खोज माना जाता है। इन पुस्तकों को खोलने पर पता चला कि वे बाइबल के पुराने नियम की कई महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं। सन २००७ में सैन डियेगो प्राकृतिक इतिहास के अजायबघर में बाइबल की पुस्तकों की इन सबसे प्राचीन प्रतियों में से २४ की प्रदर्शनी लगी। इस प्रदर्शनी में जो बात बार बार सामने आ रही थी वह थी कि लगभग २००० साल पुरानी इन पुस्तकों और वर्तमान बाइबल की उन्ही पुस्तकों के लेखों में कोई फर्क नहीं है! अर्थात, हज़ारों साल से इन प्राचीन पुस्तकों की हाथों द्वारा बार बार बनाई गई प्रतियों के लेखों में कोई त्रुटि नहीं आई। यह बात और भी विशिष्ट हो जाती है जब ध्यान किया जाए कि इन हज़ारों सालों में बाइबल को नाश करने के अनगिनित प्रयत्न किये गए। बिना छपाई की सुविधा या आधुनिक कंप्यूटर संसाधनों के, केवल हाथों द्वारा नाशमान चर्मपत्रों पर छिप छिप कर इनकी प्रतियां बनानी पड़ती थीं, और इन प्रतियों की संख्या भी बहुत सीमित रहती थी, जिन्हें फिर बहुत संभाल कर रखा जाता था, फिर भी ये सुरक्षित और त्रुटि रहित रही हैं।

मसीह यीशु के विश्वासियों के लिये, जो बाइबल को परमेश्वर का शाश्वत वचन मानते हैं, यह अद्भुत संरक्षण केवल संयोग मात्र नहीं है। भजनकार ने लिखा "हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।" (भजन ११९:८९, ९०)

प्रभु यीशु ने कहा "आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्‍तु मेरी बातें कभी न टलेंगी।" (मती २४:३५)

बाइबल केवल एक ऐतिहासिक स्मृतिचिन्ह नहीं है, यह परमेश्वर का जीवित और सामर्थी वचन है जो मनों को जांचने और सच्चाई को प्रगट करने की क्षमता रखता है - "क्‍योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव और आत्मा को, और गांठ गांठ और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।" (इब्रानियों ४:१२)

बाइबल से हम सीखते हैं कि परमेश्वर कौन है, कैसा है और क्या चाहता है; उसके साथ कैसे चलना चाहिये, कैसे उसे आदर देना चाहिये। बाइबल हमें सृष्टि और समय के आरंभ से लेकर समय के अन्त और अनन्त की बात बताती है। भजनकार इसीलिये कहता है "मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।" (भजन ११९:९३) प्रभु यीशु के चेले पतरस ने कहा "...हे प्रभु हम किस के पास जाएं अनन्‍त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है।" (यूहन्ना ६:६८, ६९)

परमेश्वर के जीवते और शाश्वत वचन से प्रतिदिन सीख पाने वालों का यह सौभाग्य कितना महान है। - डेविड मैककैसलैन्ड


लिखित वचन बाइबल को जानने से ही, जीवित वचन प्रभु यीशु मसीह से प्रेम रखा जा सकता है।

हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। - भजन ११९:८९


बाइबल पाठ: भजन ११९:८९-९६

हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है। तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।
वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं, क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।
यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।
मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।
मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।
दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।
जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।

एक साल में बाइबल:
  • अमोस १-३
  • प्रकाशितवाक्य ६

मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

चेतावनी के संकेत

जब मैंने अपनी कार चालू करने को चाबी घुमाई तो उसे चालू होने में थोड़ा सा वक्त लगा और एक छोटी पीली बत्ती संकेत देने लगी "अपना इंजन जांचिये"; मुझे नहीं लगा कि यह कोई ऐसी गम्भीर समस्या है जिस पर मुझे तुरंत ध्यान देने की आवश्यक्ता है। मैंने कार चालू करी और अपने काम पर निकल गया। लेकिन अगली सुबह जब मैंने कार चालू करने की कोशिश करी तो वह चालू नहीं हुई। इस बात पर मेरी पहली प्रतिक्रिया थी खिसियाहट की, यह सोच कर कि अब इससे मुझे समय और पैसे का नुकसान तथा असुविधा का सामना करना पड़ेगा। कुछ समय के बाद मेरी दूसरी प्रतिक्रिया विधिसंगत थी - मैंने निर्णय लिया कि अब से मैं चेतावनी के संकेतों को नज़रांदाज़ नहीं करूंगा, वे वास्तव में किसी गंभीर समस्या के सूचक हो सकते हैं।

बाइबल में परमेश्वर ने योएल नबी के द्वारा अपने लोगों को उनके आत्मिक जीवन से संबंधित उसकी चेतावनियों पर ध्यान देने के लिये उकसाया (योएल २:१२-१७)। समृद्धी के कारण वे लोग परमेश्वर के प्रति उदासीन और लापरवाह हो गए थे। उनका विश्वास खोखला तथा ऊपरी तौर से केवल रिवाज़ों को मनाने तक सीमित रह गया था, और उनके जीवन में आत्मिक दिवालियापन तथा नैतिक पतन आ गया था। उन्हें चिताने के लिये परमेश्वर ने उनकी फसल को टिड्डियों से बरबाद होने दिया, जिससे वे अपने व्यवहार को बदलें और परमेश्वर की ओर सच्चे मन से फिरें।

प्रभु यीशु मसीह ने अपने चेलों को चिताया "...चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्‍योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। उस ने उन से एक दृष्‍टान्‍त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई। तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्‍या करूं, क्‍योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं। और उस ने कहा मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह। परन्‍तु परमेश्वर ने उस से कहा हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्‍तु परमेश्वर की दृष्‍टि में धनी नहीं।" (लूका १२:१५-२१)

क्या आपके जीवन में परमेश्वर की ओर से कोई चेतावनी का संकेत आ रहा है? क्या आपके जीवन में ऐसा कुछ है जिसे परमेश्वर के सन्मुख अंगीकार और पश्चाताप द्वारा ठीक करना बाकी है? समय रहते चेत जाइये और सब कुछ परमेश्वर के साथ ठीक कर लीजिये; बात को नज़रंदाज़ करना या टालना नुकसानदेह या घातक भी हो सकता है। - मार्विन विलियम्स


मन की बेचैनी परमेश्वर की ओर से चेतावनी का संकेत भी हो सकती है।

तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ। - योएल २:१२


बाइबल पाठ: योएल २:१२-१७

तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ।
अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है।
क्या जाने वह फिर कर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
सिय्योन में नरसिंगा फूंको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो, पुरनियों को बुला लो, बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आएं।
याजक[पुरोहित] जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे, न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यों कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?

एक साल में बाइबल:
  • योएल १-३
  • प्रकाशितवाक्य ५

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

विश्राम का समय

पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में ३६५ और १/४ दिन लगते हैं। इस कारण हर चौथे साल वर्ष में ३६६ दिन गिने जाते हैं और यह अतिरिक्त दिन फरवरी महीने में जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार हमारा कैलेन्डर का नक्षत्रों से निर्धारित समय से सामन्जस्य बना रहता है।

प्राचीन इस्त्राएल के कैलेन्डर में प्रमेश्वर ने एक अद्भुत रीति से सामाजिक बातों को फिर से सही सामन्जस्य में लाने की विधि ठहराई थी। जैसे मनुष्य के लिये सप्ताह का सातवां दिन विश्राम का दिन निर्धारित किया गया (निर्गमन २०:८-१०), वैसे ही भूमि के लिये भी सातवां वर्ष विश्राम का वर्ष ठहराया गया (लैव्यवस्था २५:४) जिससे उसकी उर्वरता की परिपूर्ति हो सके। इसके साथ ही इस विश्राम के सातवें वर्ष में लोगों के कर्ज़ भी माफ होने थे (व्यवस्थाविवरण १५:१-११) और इब्रानी दास भी स्वतंत्र किये जाने थे। अर्थात, यह विश्राम का वर्ष, भूमि और समाज को एक नई शुरूआत देता था।

हमारे व्यस्त कार्यक्रमों और भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में हमें भी जीवन की कई बातों में सामन्जस्य बैठाने और व्यवसाय, परिवार, मण्डली के कामों को सुचारू रूप से चलाने के लिये उनका पुनःअवलोकन करने की आवश्यक्ता होती है। इसके लिये परमेश्वर की इस विश्राम विधि का पालन करना लाभदायक है; इसके द्वारा अपने लिये विश्राम और प्रार्थना सहित अपने कार्यों और अपनी प्रथमिकताओं पर विचार करके आगे बढ़ने के लिये सामर्थ पुनः प्राप्त करी जा सकती है। प्रभु यीशु ने अपने जीवन से इसे दिखाया - वह स्वयं प्रार्थना करने के लिये एकान्त में जाया करता था (लूका ६:१२, मरकुस १:३५) और उसने अपने चेलों को भी ऐसा करने की शिक्षा दी "प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे होकर, जो कुछ उन्‍होंने किया, और सिखाया था, सब उस को बता दिया। उस ने उन से कहा, तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्‍योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्‍हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। (मरकुस ६:३०, ३१)

ये विश्राम और प्रार्थना के समय हमारे थकित जीवनों में नई जान डालने और हमें अपने कार्य तथा ज़िम्मेदारियों के निर्वाह में और अधिक कार्यकुशल बनाने के लिये आवश्यक हैं, क्योंकि ये हमारे शरीरों की रचना में परमेश्वर द्वारा स्थापित किये गये हैं।

अपने जीवन में विश्राम के उचित समय बनाए रखिये - ये आपके, आपके परिवार के और समाज के भले के लिये परमेश्वर की व्यवस्था हैं। - डेनिस फिशर


अपने समय का सर्वोत्तम प्रयोग करने के लिये प्रार्थना में समय लगाना सीखिये।

परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे। - लैव्यवस्था २५:४


बाइबल पाठ: लैव्यवस्था २५:१-७

फिर यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से कहा,
इस्त्राएलियों से कह, कि जब तुम उस देश में प्रवेश करो जो मैं तुम्हें देता हूं, तब भूमि को यहोवा के लिये विश्राम मिला करे।
छ: वर्ष तो अपना अपना खेत बोया करना, और छहों वर्ष अपनी अपनी दाख की बारी छांट छांटकर देश की उपज इकट्ठी किया करना;
परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे। उस में न तो अपना खेत बोना और न अपनी दाख की बारी छांटना।
जो कुछ काटे हुए खेत में अपने आप से उगे उसे न काटना, और अपनी बिन छांटी हुई दाखलता की दाखों को न तोड़ना; क्योंकि वह भूमि के लिये परमविश्राम का वर्ष होगा।
और भूमि के विश्रामकाल ही की उपज से तुम को, और तुम्हारे दास-दासी को, और तुम्हारे साथ रहने वाले मजदूरों और परदेशियों को भी भोजन मिलेगा;
और तुम्हारे पशुओं का और देश में जितने जीवजन्तु हों उनका भी भोजन भूमि की सब उपज से होगा।

एक साल में बाइबल:
  • होशै १२-१४
  • प्रकाशितवाक्य ४

रविवार, 12 दिसंबर 2010

प्रार्थना का बोझ

अपने बाइबल अध्ययन में हम इफिसियों ४:१७-२४ ऊंची आवाज़ में पढ़ रहे थे, कि अलीसा रोने लगी। हम उसके रोने से विसमित थे और उसके रोने का कारण जानना चाहते। जब उसका रोना बंद हुआ तो उसने बताया कि "मैं रोई क्योंकि इस खंड को ऊंची आवाज़ में सुनने से मुझे पाप की दशा में खोए हुए लोगों की दशा समझ में आई। वे न केवल परमेश्वर से दूर हैं, वरन उसके बारे में अंधे भी हैं! इससे मेरा दिल टूट गया।

बाद में एक अन्य व्यक्ति ने लज्जित होकर कहा कि उसे ग्लानि हुई क्योंकि मसीह पर विश्वास न रखने वालों के विषय में सोच कर वह कभी उदास नहीं हुआ, अपितु हाल ही में वह उन पर परमेश्वर के आने वाले न्याय को लेकर उत्तेजित था।

प्रेरित पौलुस ने पाप और अविश्वास में खोए हुओं की दशा के बारे में लिखा: "... उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।" (इफिसियों ४:१८) एक अन्य स्थान पर पौलुस ने अपने अविश्वासी देशवासियों के लिये, क्योंकि उन्होंने मसीह के प्रेम को नहीं जाना था, लिखा: "मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। क्‍योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता।" (रोमियों ९:१-३)

मसीह के प्रति अविश्वासियों की दशा के बारे में सोचने से यदि हम दुखी हो सकते हैं, तो हमें उनके संबंध में परमेश्वर के हृदय पर भी ध्यान करना चाहिये, जिसने कहा: " सो तू ने उन से यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इस से कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे। हे इस्राएल के घराने, तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो?" (यहेजेकेल ३३:११)

लोगों को दुष्टों के प्रति परमेश्वर के न्याय में विलम्ब समझ में नहीं आता; उसका यह विलम्ब अन्याय का विलम्ब नहीं वरन उनके प्रति भी उसके प्रेम, धीरज और मनफिराव का यथासंभव अवसर देने का विलम्ब है - " प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं, पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो, वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।" (२ पतरस ३:९)

जब हम सच्चे और बोझिल मन से पाप और अविश्वास में खोए हुओं के लिये प्रार्थनाएं करेंगे, तो उनकी आंखें भी परमेश्वर के प्रेम के प्रति खुल जाएंगी। - एनी सेटास


अपना मन प्रभु के लिये खोलिये; वह आपकी आंखें खोए हुओं के लिये खोल देगा।

मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। - रोमियों ९:२


बाइबल पाठ: इफिसियों ४:१७-२४

इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अप्ने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।
क्‍योंकि उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।
और वे सुन्न हो कर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्‍दे काम लालसा से किया करें।
पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई।
वरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए।
कि तुम पिछले चाल चलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो।
और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ।
और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।

एक साल में बाइबल:
  • होशै ९-११
  • प्रकाशितवाक्य ३

शनिवार, 11 दिसंबर 2010

पश्चाताप के आंसू

मेरे पति ने, जो कंप्यूटर के इस्तेमाल से बिलकुल अन्जान थे, अपने व्यवसाय में सहायता के लिये एक कंप्यूटर खरीदा। उनको उसके उपयोग करने के बारे में कुछ सिखाने के बाद मैंने उन्हें खुद प्रयोग करने के लिये अकेला छोड़ दिया। कुछ देर बाद मुझे उनकी घबराई हुई आवाज़ सुनाई दी, "अरे इसमें वह ’अह-हो’ वाला बटन कहां है?"

जिसे वे ढूंढ रहे थे वह कंप्यूटर में कुछ गलत करने के बाद उसे वापस पलट कर ठीक करने वाली कुंजी थी। क्या आपने जीवन में ऐसी किसी कुंजी की इच्छा करी है - किसी ऐसे उपाय की जो पाप द्वारा टूटे या बिगड़े संबंधों को बहाल करने, जोड़ने या ठीक करने के काम आ सके?

प्रभु यीशु के पकड़वाए जाने के बाद, उनके प्रिय शिष्यों में से एक - पतरस ने, तीन बार इस बात से इंकार किया कि वह उन्हें जानता है। उसके बाद हम पढ़ते हैं कि प्रभु यीशु ने मुड़ कर उसकी ओर देखा, और पतरस बाहर जा कर फूट फूट कर रोने लगा। (लूका २२:६१, ६२) निसन्देह ये ग्लानि और पश्चाताप के आंसू थे, और पतरस उस समय सोच रहा होगा कि कोई ज़रिया होता जिससे वह अपने किये को पलट सकता। लेकिन पतरस को प्रभु ने उसकी ग्लानि की इस दुर्दशा में नहीं छोड़ दिया। मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के बाद प्रभु यीशु ने पतरस को मौका दिया कि वह अपने प्रेम को प्रदर्शित करे, और उसे बहाल कर दिया। (यूहन्ना२१:१५-१७)

जब आप अपने जीवन में पाप के लिये दुखी होते हैं तो स्मरण रखिये कि परमेश्वर ने बहाल होने का तरीका भी दिया है "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।" (१ युहन्ना १:९) - "क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है, और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।" (भजन १०३:१४)

परमेश्वर का प्रभु यीशु में होकर पाप क्षमा का यह प्रस्ताव समस्त मानव जाति के लिये है। जैसे ही आप सच्चे पश्चाताप के साथ उसके सन्मुख आएंगे और उससे क्षमा मांगेंगे, वह आपके जीवन की आशीशों को बहाल कर देगा। - सिंडी हैस कैसपर


परमेश्वर के पास लौट आने का मार्ग टूटे और पश्चतापी हृदय से आरंभ होता है।

और पतरस बाहर निकलकर फूट फूट कर रोने लगा। - लूका २२:६२


बाइबल पाठ: लूका २२:५४-६२

फिर वे उसे पकड़ कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था।
और जब वे आंगन में आग सुलगा कर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया।
और एक लौंडी उसे आग के उजियाले में बैठे देख कर और उस की ओर ताक कर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था।
परन्तु उस ने यह कह कर इन्‍कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।
थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देख कर कहा, तू भी तो उन्‍हीं में से है: पतरस ने कहा, हे मनुष्य मैं नहीं हूं।
कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्‍चय यह भी तो उसके साथ था, क्‍योंकि यह गलीली है।
पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्‍या कहता है वह कह ही रहा था कि तुरन्‍त मुर्ग ने बांग दी।
तब प्रभु ने घूम कर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उस ने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्‍कार करेगा।
और पतरस बाहर निकल कर फूट फूट कर रोने लगा।

एक साल में बाइबल:
  • होशै ५-८
  • प्रकाशितवाक्य २

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

संयोग मात्र?

चीन से आया हुआंग, जो १९९४ में मिनिसोटा विश्वविद्यालय में अतिथी वैज्ञानिक था, प्रभु यीशु पर विश्वास नहीं करता था। वहां उसकी भेंट कुछ मसीही विश्वासियों से हुई और उसे उनकी संगति पसन्द आई। जब वह वापस अपने देश जाने लगा और उसके मसीही मित्रों को पता चला कि वह बेजिंग में रहेगा, तो उन्होंने उसे बेजिंग जाने वाले एक और मसीही विश्वासी का पता दिया, जिससे वह संपर्क कर सकता था।

बेजिंग वापसी की उड़ान में वायु यान में कुछ खराबी आई और यात्रियों को एक रात सीएटल में गुज़ारनी पड़ी। हवाई यात्रा वाली कम्पनी ने यात्रियों के लिये रात बिताने का प्रबंध एक होटल में किया, और हुआंग को मालुम हुआ कि उसे उसी व्यक्ति के संग कमरा मिला है जिसके साथ उसे बेजिंग में संपर्क करना था! बेजिंग वापस पहुंचने के बाद वे दोनो प्रति सप्ताह बाइबल अध्ययन के लिये मिलने लगे। इसके लगभग एक वर्ष पश्चात हुआंग ने प्रभु यीशु को अपना हृदय समर्पण कर दिया। यह सारी घटना महज़ संयोग नहीं थी, यह परमेश्वर का इंतज़ाम था।

बाइबल में रूत की पुस्तक में हम विध्वा होकर इस्त्राएल में आई रूत की कहानी में पढ़ते हैं " सो वह जाकर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था।" (रूत २:३) बोअज़ ने अपने मज़दूरों से पूछा कि वह कौन थी और उसके बारे में जानने के बाद फिर उसने अपने मज़दूरों को उसका विशेष ध्यान रखने को कहा। जब विध्वा रूत ने बोअज़ से इस विशेष कृपा का कारण पूछा तो "बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्म भूमि को छोड़ कर ऐसे लोगों में आई है जिनको पहिले तू न जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है। यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे।" (रूत २:११, १२) आगे चलकर बोअज़ और रूत की शादी हुई और उनका पड़पोता राजा दाऊद हुआ, जिसके वंश मे प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ।

क्या हुआंग और रूत के जीवन की घटनाएं मात्र संयोग हैं? नहीं, परमेश्वर का कोई जन ऐसा नहीं जिसके जीवन में परमेश्वर का मार्गदर्शन और प्रबन्ध नहीं होता। पौलुस रोमियों की पत्री में लिखता है "और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिल कर भलाई ही को उत्‍पन्न करती है; अर्थात उन्‍हीं के लिये जो उस की इच्‍छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। क्‍योंकि जिन्‍हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्‍हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्‍वरूप में होंता कि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। फिर जिन्‍हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्‍हें बुलाया भी, और जिन्‍हें बुलाया, उन्‍हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्‍हें धर्मी ठहराया, उन्‍हें महिमा भी दी है। सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?" (रोमियों ८:२८-३१)

क्या आपने परमेश्वर की इस बुलाहट पर ध्यान दिया? - एलबर्ट ली


जो मात्र संयोग लगता है वह परमेश्वर की योजना भी हो सकती है।

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। - नीतिवचन ३:५, ६


बाइबल पाठ: रूत २:१-१२

नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज था।
और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उस ने कहा, चली जा, बेटी।
सो वह जाकर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था।
और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे।
तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है?
जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उस ने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है।
उस ने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी।
तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना।
जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जाकर जवानों का भरा हुआ पानी पीना।
तब वह भूमि तक झुक कर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है?
बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्म भूमि को छोड़ कर ऐसे लोगों में आई है जिनको पहिले तू ने जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है।
यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे।

एक साल में बाइबल:
  • होशै १-४
  • प्रकाशितवाक्य १

गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

जटिल जीवन

जिम्मी कारटर अपनी युवावस्था में अमेरीकी नौसेना में एक कनिष्ठ अफसर था। अपने नौसेना के काल में वह अमेरीकी नौसेना के परमाणु पनडुबि बेड़े के सर्वोच्च अधिकारी एडमिरल हैमएन रिकोवर की प्रखर बुद्धिमता और क्षमता से बहुत प्रभावित हुआ।

कारटर के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के थोड़े समय बाद उन्होंने एडमिरल रिकोवर को अपने राष्ट्रपति भवन "व्हाईट हाउस" में अपने साथ भोजन के लिये आमंत्रित किया। भोजन पर आए एडमिरल ने राष्ट्रपति को एक अलंक्रण पटिया भेंट करी जिस पर प्रार्थना का एक छोटा वाक्य लिखा था "हे परमेश्वर, आपका समुद्र इतना विशाल है और मेरी नाव बहुत छोटी है।" यह प्रार्थना का वाक्य जीवन के विस्तार और जटिलताओं, और उसके समक्ष हमारी अपनी छोटी सी क्षमताओं को परिपेक्ष में रखता है।

राजा सुलेमान भी जानता था कि जीवन की जटिलताएं उसकी क्षमता से बाहर हो सकती हैं। जब अपने पिता दाऊद के उत्तराधिकारी के रूप में उसने इस्त्राएल की बागडोर संभाली, तब उसने अपनी यह असमर्थता परमेश्वर के सन्मुख स्वीकार करी "और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता।" (१ राजा ३:७)

तब सुलेमान ने परमेश्वर से मांगा कि वह उसे ऐसी बुद्धि दे जिससे वह परमेश्वर की प्रजा के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को परमेश्वर की सामर्थ से भली भांति निभा सके " तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?" (१ राजा ३:९) और परमेश्वर उसकी इस प्रार्थना से प्रसन्न हुआ और उसे न केवल बुद्धि वरन धन संपत्ति के अपार खज़ाने दिये। (१ राजा ३:१०-१४)

क्या आप जीवन की जटिलताओं से अपने को अभिभूत पाते हैं? हो सकता है कि आप की समस्याओं का कोई आसान समाधान न हो, लेकिन कोई भी समस्या परमेश्वर के सामर्थ और समाधान से बाहर नहीं है। परमेश्वर ने अपने बच्चों से वायदा किया है " पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उस को दी जाएगी। पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे..." (याकूब १:५, ६)

जीवन की परिस्थितियों और परेशानियों में प्रभु आपके साथ चलना और आपकी सहायता करना चाहता है; उसे केवल आपके निमंत्रण का इंतिज़ार है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर के सन्मुख अपनी क्षमताओं की गौणता को अंगीकार करना हमारे जीवन में परमेश्वर की महान सामर्थ को उपलब्ध करा देता है।

हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता। - १ राजा ३:७


बाइबल पाठ: १ राजा ३:३-१४

सुलैमान यहोवा से प्रेम रखता था और अपने पिता दाऊद की विधियों पर चलता तो रहा, परन्तु वह ऊंचे स्थानों पर भी बलि चढ़ाया और धूप जलाया करता था।
और राजा गिबोन को बलि चढ़ाने गया, क्योंकि मुख्य ऊंचा स्थान वही था, तब वहां की वेदी पर सुलैमान ने एक हज़ार होमबलि चढ़ाए।
गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग।
सुलैमान ने कहा, तू अपने दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जान कर तेरे साथ सच्चाई और धर्म और मन की सीधाई से चलता रहा। और तू ने यहां तक उस पर करुणा की, कि उसे उसकी गद्दी पर विराजने वाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है।
और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता।
फिर तेरा दास तेरी चुनी हुई प्रजा के बहुत से लोगों के मध्य में है, जिनकी गिनती बहुतायत के मारे नहीं हो सकती।
तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?
इस बात से प्रभु प्रसन्न हुआ, कि सुलैमान ने ऐसा वरदान मांगा है।
तब परमेश्वर ने उस से कहा, इसलिये कि तू ने यह वरदान मांगा है, और न तो दीर्घायु और न धन और न अपने शत्रुओं का नाश मांगा है, परन्तु समझने के विवेक का वरदान मांगा है इसलिये सुन,
मैं तेरे वचन के अनुसार करता हूँ, तुझे बुद्धि और विवेक से भरा मन देता हूँ, यहा तक कि तेरे समान न तो तुझ से पहिले कोई कभी हुआ, और न बाद में कोई कभी होगा।
फिर जो तू ने नहीं मांगा, अर्थात धन और महिमा, वह भी मैं तुझे यहां तक देता हूँ, कि तेरे जीवन भर कोई राजा तेरे तुल्य न होगा।
फिर यदि तू अपने पिता दाऊद की नाई मेरे मार्गों में चलता हुआ, मेरी विधियों और आज्ञाओं को मानता रहेगा तो मैं तेरी आयु को बढ़ाऊंगा।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ११-१२
  • यहूदा

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

पश्चाताप की विरासत

सब धर्म ग्रंथों के अपने अपने नायक होते हैं जिनके कार्य और शौर्य को उदाहरण के लिये याद किया जाता है। परन्तु शायद बाइबल ही एक ऐसा धर्म ग्रंथ होगा जिसमें अपने एक महान नायक के पतन पर भजन रचा और स्मरणीय बनाया गया है। बाइबल के भजन संहिता में भजन ५१ एक ऐसा भजन जो इस्त्राएल के महानतम राजा और प्रभु यीशु मसीह के पूर्वज दाऊद का, उसके पाप में पड़ने, पश्चाताप, परमेश्वर के प्रति भक्ति और फिर बहाल किये जाने को दिखाता है। यह बाइबल का एक अनूठा गुण है कि उसमें उसके पात्रों के चरित्र को उसकी वास्तविकता में दिखाया गया है। उनके जीवन के पाप या कमज़ोरियों को ना छुपाया गया, न नज़रंदाज़ किया गया और न उसे किसी अन्य रूप से उचित अथवा न्यायसंगत ठहराने का प्रयास किया गया है।

भजन ५१ में हम देखते हैं कि कैसे अपने पाप के कारण दाऊद के मन में अशांति थी, उसका दोष उसे कैसे अन्दर ही अन्दर खाए जा रहा था, फिर परमेश्वर के सन्मुख उसका पाप स्वीकार करने से मिले पाप क्षमा और बहाल होने के आनन्द को देखते हैं। यह भजन उदहारण है पाप के प्रभाव का भी और साथ ही पश्चाताप के प्रभाव का भी।

इस भजन से पाप की वास्तविकता सामने आती है - परमेश्वर से टूटा संबंध। दाऊद दुखी मन से परमेश्वर के सामने गिड़गिड़ाता है " मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है" (पद ४) और यह भी दिखाता है कि परमेश्वर पापी जन से प्रायश्चित नहीं पश्चाताप चाहता है " क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता। टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।" (पद १६, १७)

अपनी इस प्रार्थना में दाऊद ज्योति की एक किरण देखने पाता है कि उसके पाप और पश्चाताप से दूसरों को सीख मिलने का अवसर है "तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।" (पद १३) दाऊद की यह प्रार्थना सार्थक हुई और पाप अंगीकार तथा पश्चाताप का उसका यह भजन अनन्त काल के लिये परमेश्वर के वचन का भाग बन गया जिससे इसे पढ़ने वाले दाउद की गलतियों से सबक लें और स्वयं उनमें न पड़ें; और जो पाप में पड़े हैं वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध की बहाली का मार्ग सीख सकें।

इस्त्राएल का सबसे अच्छा राजा पतन की गहराई तक गिर गया था, परन्तु न तो वो न और कोई कभी परमेश्वर के प्रेम और क्षमा की सीमा के बाहर गिर सकता है। यह भजन, राजा दाऊद की ’आप बीती’, प्रमाण है कि परमेश्वर पाप से घृणा करता है, पापी से नहीं तथा सच्चे पश्चाताप की एक प्रार्थना घोर पापी के लिये भी सब बदल देती है।

दाऊद का यह भजन संसार के हर जन के लिये पश्चाताप की विरासत है। - फिलिप यैनसी


पश्चाताप वह भूमी है जिसमें क्षमा फूलती फलती है।

टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन ५१:१७


बाइबल पाठ: भजन ५१

हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर, अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
मुझे भलीं भांति धो कर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ा कर मुझे शुद्ध कर!
मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।
मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है, और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से अलग न कर।
अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा दे कर मुझे सम्भाल।
तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।
हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता, होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।
टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
प्रसन्न हो कर सिय्योन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,
तब तू धर्म के बलिदानों से अर्थात् सर्वांग पशुओं के होमबलि से प्रसन्न होगा, तब लोग तेरी वेदी पर बैल चढ़ाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ८-१०
  • ३ युहन्ना

मंगलवार, 7 दिसंबर 2010

कलह और सच्ची शांति

दिसंबर ७, १९४१ को एक जापानी युद्धपोत ’अकागी’ से मित्सुओ फ़ुचीदा ने जंगी वायुयान में उड़ान भरी। फ़ुचीदा ने अमेरिका के पर्ल हारबर पर आकस्मात किये गये जापानी हवाई हमले का नेतृत्व किया, जिसके बाद अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हो गया।

इसके बाद के युद्ध के वर्षों में फ़ुचीदा जंगी जहाज़ों में उड़ान भरता रहा और कई दफा मौत से बाल बाल बचा। युद्ध के अन्त होने तक फ़ुचीदा निराशा और कटुता से भर गया था।

कुछ वर्षों पश्चात उसने एक सच्ची कहानी पढ़ी जिसने उसकी आत्मिक जिज्ञासा को जागृत किया। एक जवान मसीही युवती ने, जिसके माता पिता युद्ध में जापानीयों द्वारा मारे गये थे, निर्ण्य लिया कि वह जापानी युद्ध बंदीयों की सेवा करेगी। इससे प्रभावित फ़ूचिदा ने बाइबल पढ़ना आरंभ किया।

जब उसने क्रूस पर से अपने सताने वालों के लिये प्रभु यीशु मसीह द्वारा कहे गए शब्द पढ़े "हे पिता, इन्‍हें क्षमा कर, क्‍योंकि ये जानते नहीं कि क्‍या कर रहें हैं।" (लूका २३:३४), तब वह समझ सका कि वह युवती अपने दुशमनों को दया कैसे दिखा सकी। उस दिन फ़ुचिदा ने प्रभु यीशु को अपना हृदय समर्पित कर दिया।

यह भूतपूर्व सैनिक अपने सहनागरिकों के लिये सुसमाचार प्रचारक बन गया और उसका जीवन उस शांति का उदहरण बन गया जो मसीह पर विश्वास लाने वालों के जीवन में काम करती है, और उसने अपने जीवन से दिखाया कि कैसे "तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे ह्रृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी।" (फिलिप्पियों ४:१७)।

क्या आपने यह शांति पाई है? आप चाहे जैसी भी परिस्थितियों से होकर निकले हों, परमेश्वर का वायदा है कि "किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं" (फिलिप्पियों ४:१६) और वह अवश्य अपनी शांति आपको उपलब्ध करायेगा। - डेनिस फिशर


सच्ची शांति जीवन में कलह की अनुपस्थिति नहीं, वरन जीवन में सच्चे परमेश्वर की उपस्थिति है।

तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे ह्रृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी। - फिलिप्पियों ४:१७


बाइबल पाठ: लूका २३:३२-४३

वे और दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ घात करने को ले चले।
जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्‍होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी ओर और दूसरे को बाईं ओर क्रूसों पर चढ़ाया।
तब यीशु ने कहा हे पिता, इन्‍हें क्षमा कर, क्‍योंकि ये जानते नहीं कि क्‍या कर रहें हैं; और उन्‍होंने चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।
लोग खड़े खड़े देख रहे थे, और सरदार भी ठट्ठा कर करके कहते थे, कि इस ने औरों को बचाया, यदि यह परमेश्वर का मसीह है, और उसका चुना हुआ है, तो अपने आप को बचा ले।
सिपाही भी पास आकर और सिरका दे कर उसका ठट्ठा करके कहते थे।
यदि तू यहूदियों का राजा है, तो अपने आप को बचा।
और उसके ऊपर एक पत्र भी लगाया, कि यह यहूदियों का राजा है।
जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की निन्‍दा करके कहा "क्‍या तू मसीह नहीं? तो फिर अपके आप को और हमें बचा।"
इस पर दूसरे ने उसे डांट कर कहा, "क्‍या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्‍ड पा रहा है।"
"और हम तो न्यायानुसार दण्‍ड पा रहे हैं, क्‍योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया।"
तब उस ने कहा "हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।"
उस ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ५-७
  • २ युहन्ना

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

कानाफूसी

मसीही उद्योगपति और अविष्कारक ला टूर्नियो अपनी बनाई मिट्टी खोदने और ढोने वाली विशाल मशीनों के लिये जाने जाते हैं। उनकी बनाई एक मशीन का विचित्र नाम था - Model G [नमूना जी.]। एक खरीददार ने मशीन विक्रेता को चकराने के उद्देश्य से उससे पूछा "इस G का क्या तात्पर्य है?"

विक्रेता ने तुरंत उत्तर दिया "मेरे विचार से G रखा गया है Gossip, यानि कानाफूसी के लिये। क्योंकि यह मशीन कानाफूसी जैसी व्यर्थ मिट्टी बड़े कौशल से और बहुत शीघ्रता से फेंकने को ले जाती है।"

बाइबल में मूल इब्रानी भाषा में जो शब्द कानाफूसी के लिये प्रयोग हुआ है उसका अर्थ होता है नाशकारी बातों को फुसफुसाना, और नीतिवचन की पुस्तक में कानाफूसी के विष्य में बहुत कुछ लिखा है: कानाफूसी करने वाले विश्वासयोग्य नहीं होते (नीतिवचन ११:१३) और उनसे दूर रहना चाहिये (नीतिवचन २०:१९)। कानाफूसी से अच्छे मित्रों में भी फूट और मतभेद हो जाते हैं (नीतिवचन १६:२८) और इसके द्वारा रिश्तों की दरारें बनी रहती है (नीतिवचन १८:८)। इससे परस्पर विरोध के अंगारों को हवा मिलती है और गलतफहमीयां तथा ठेस की अग्नि की लपटें तेज़ होतीं हैं (नीतिवचन २६:२१-२२)।

यदि हम सोचते हैं कि कुछ मज़ेदार, रसीली, चटपटी बातों को इधर उधर फुसफुसाने से कुछ नुकसान नहीं होता, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं। कानाफूसी सदा अपने पीछे विनाश का मंज़र छोड़ती है और यह वह अपराध है जिसका शिकार का कोई न कोई अवश्य ही होता है। कानाफूसी से किसी न किसी को तो नुकसान अवश्य ही होता है। इसलिये अकलमंदों के लिये एक सलाह है: "...जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है।" (नीतिवचन २६:२०)

भला होगा कि हम कानाफूसी को अपने जीवन में कोई स्थान न दें और आपसी प्रेम तथा सदभाव से रिशतों को निभाएं और बढ़ाएं। - जो स्टोवैल


कानाफूसी को खत्म करना है तो उसे बिलकुल नज़रांदाज़ करना आरंभ कर दीजिये।

जैसे लकड़ी न होने से आग बुझती है, उसी प्रकार जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है। - नीतिवचन २६:२०


बाइबल पाठ: नीतिवचन २६:२०-२८

जैसे लकड़ी न होने से आग बुझती है, उसी प्रकार जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है।
जैसा अंगारों में कोयला और आग में लकड़ी होती है, वैसा ही झगड़े के बढ़ाने के लिये झगड़ालू होता है।
कानाफूसी करने वाले के वचन, स्वादिष्ट भोजन के समान भीतर उतर जाते हैं।
जैसा कोई चान्दी का पानी चढ़ाया हुआ मिट्टी का बर्तन हो, वैसा ही बुरे मन वाले के प्रेम भरे वचन होते हैं।
जो बैरी बात से तो अपने को भोला बनाता है, परन्तु अपने भीतर छल रखता है,
उसकी मीठी-मीठी बात प्रतीति न करना, क्योंकि उसके मन में सात घिनौनी वस्तुएं रहती हैं;
चाहे उसका बैर छल के कारण छिप भी जाए, तौभी उसकी बुराई सभा के बीच प्रगट हो जाएगी।
जो गड़हा खोदे, वही उसी में गिरेगा, और जो पत्थर लुढ़काए, वह उलट कर उसी पर लुढ़क आएगा।
जिस ने किसी को झूठी बातों से घायल किया हो वह उस से बैर रखता है, और चिकनी चुपड़ी बात बोलने वाला विनाश का कारण होता है।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल १, २
  • १ युहन्ना ५

रविवार, 5 दिसंबर 2010

उपहार या उपस्थिति

प्रसिद्ध बाइबल शिक्षक ओस्वॉलड चेमबर्स ने लिखा "हमें परमेश्वर संबंधी प्रतिज्ञाओं की नहीं, स्वयं परमेश्वर की आवश्यक्ता है।"

क्रिसमस की इस ऋतु में अकसर लोग कहते हैं " परमेश्वर की उपस्थिति उपहारों से अधिक ज़रूरी है।" लेकिन जितना समय और मेहनत वे उपहारों की खरीददारी में लगाते हैं उससे कुछ और ही दिखाई देता है।

संसार के कुछ भागों में लोग ६ दिसंबर को ही उपहारों का आदान-प्रदान कर लेते हैं जिससे आगे का महीना प्रभु यीशु के जन्म और संसार को दिये गए परमेश्वर के इस अद्भुत और सिद्ध उपहार पर ध्यान केंद्रित रख सकें।

जब हम कहते हैं कि हम लोगों से उपहारों की बजाए परमेश्वर की उपस्थिति चाहते हैं, तो हो सकता है कि हम सत्य कह रहे हों। परन्तु कितने हैं जो पूरी ईमानदारी के साथ कह सकते हैं कि हम परमेश्वर से उसके उपहारों की बजाए उसकी उपस्थिति चाहते हैं?

सच तो यह है कि अकसर हम परमेश्वर से उसकी उपस्थिति की बजाए उसके उपहार ज़्यादा पसन्द करते हैं। हमें परमेश्वर से अच्छा स्वास्थ्य, धन-संपत्ति, ज्ञान, अच्छी या बेहतर नौकरी, रहने का अच्छा या बेहतर स्थान आदि सब चाहिये। हो सकता है कि परमेश्वर यह सब हमें देना भी चाहता हो, लेकिन यह सब हमें उससे अलग नहीं मिल सकता। प्रभु यीशु ने कहा "...क्‍योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्‍तुएं चाहिए। इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएं तुम्हें मिल जाएंगी।" (मत्ती ६:३२, ३३)

दाउद ने इससे भी आगे बढ़कर सच्चे आनन्द के भेद को समझा और कहा " तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा। तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है।" (भजन १६:११) सांसारिक उपहार हमें कुछ समय के लिये संतुष्टि दे सकते हैं और खुश कर सकते हैं, पर सच्चे और अनन्त आनन्द की भरपूरी तो परमेश्वर के साथ बने रहने वाले सही संबंध द्वारा उसकी उपस्थिति में ही मिल सकती है।

कैसा रहे यदि इस क्रिसमस आप उपहारों के नहीं वरन अपने जीवन में परमेश्वर की उपस्थिति के लालायित हों? - जूली ऐकैरमैन लिंक


हमारे साथ परमेश्वर की उपस्थिति हमारे लिये उसका सबसे उत्तम उपहार है।

तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा। तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। - भजन १६:११


बाइबल पाठ: १ युहन्ना २:२४-२९

जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है वही तुम में बना रहे: जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी पुत्र में, और पिता में बने रहोगे।
और जिस की उस ने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्‍त जीवन है।
मैं ने ये बातें तुम्हें उस के विषय में लिखी हैं, जो तुम्हें भरमाते हैं।
और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उस की ओर से किया गया, तुम में बना रहता है, और तुम्हें इस का प्रयोजन नही, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन जैसे वह अभिषेक जो उस की ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्‍चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उस में बने रहते हो।
निदान, हे बालको, उस में बने रहो; कि जब वह प्रगट हो, तो हमें हियाव हो, और हम उसके आने पर उसके साम्हने लज्ज़ित न हों।
यदि तुम जानते हो, कि वह धामिर्क है, तो यह भी जानते हो, कि जो कोई धर्म का काम करता है, वह उस से जन्मा है।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल १, २
  • १ युहन्ना ४